अध्याय 28 गधा और सियार
1. गधा और सियार में अच्छी मित्रता थी। वे दोनों एक साथ रहते, एक साथ भोजन की खोज में निकलते।
2. चाँदनी रात थी, दोनों भोजन की खोज में निकले।
3. वे ककड़ी के खेत के पास पहुँचे।
4. ककड़ी देखकर उनकी भूख और तेज हो गई। वे दोनों खेत के भीतर पहुँचे।
5. पेट भर ककड़ी खाने के बाद दोनों खुश हुए। सियार साधारण खुशी को महत्त्व नहीं देता था, वह चुप रहा; लेकिन गधा चुप नहीं रह सका।
6. सियार ने गधे को समझाने की कोशिश की।
7.
गधे ने सियार की बात नहीं मानी। वह ज़ोर से गाने लगा।
8. किसान गधे की हेंचू-हेंचू आवाज सुनकर जाग गया।
9. किसान लाठी लेकर दौड़ा आया।
10. सियार किसान को देखकर भाग खड़ा हुआ, लेकिन गधा पकड़ा गया।
11. किसान ने गधे की खूब पिटाई की।
12. बेचारा गधा मार खाता रहा। दूर खड़ा सियार दुखी मन से मित्र गधे की दुर्दशा देखता रहा।
13. किसान ने गधे को मार-मारकर खेत से बाहर भगा दिया।
14. गधा नीचे पड़ा-पड़ा कराह रहा था। सियार गधे के पास धीरे-धीरे आया।
15. सियार ने गधे के आँसू पोंछे, ढांढस बँधाया। लेकिन गधा धैर्य छोड़कर चीख-चिल्ला रहा था।
16.
जब गधे ने तर्क दिया तो मित्रता की मूर्खता पर सियार को हँसी आ गई।
17.
सियार की बातें गधे की समझ में आ गई।
18.
धैर्य से रहने और उचित समय को पहचानकर कार्य करने की बुद्धिमानी गधे ने कष्ट में पड़कर सीख ली।
अभ्यास
1. नीचे दिए गए कथन किसके हैं?
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अब गाना गाने का मन हो रहा है।
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जो लोग खाने के बाद गाते नहीं, वे लोग अच्छे नहीं होते।
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धैर्य के साथ रहकर उचित समय को पहचानने की बुद्धि तुझमें नहीं है।
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खुशी को भोजन की तरह पचाना आवश्यक है।
2. चित्रकथा के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो
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सियार ने गधे को गाना गाने से मना क्यों किया?
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ककड़ी खाने के बाद गाना गाने की गलती गधे ने क्यों की?
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गधे ने कष्ट में पड़कर सियार से कौन-सी बुद्धिमानी सीखी?