अध्याय 02 जैसा सवाल वैसा जवाब
बादशाह अकबर अपने मंत्री बीरबल को बहुत पसंद करता था। बीरबल की बुद्धि के आगे बड़े-बड़ों की भी कुछ नहीं चल पाती थी। इसी कारण कुछ दरबारी बीरबल से जलते थे। वे बीरबल को मुसीबत में फँसाने के तरीके सोचते रहते थे।
अकबर के एक खास दरबारी ख्वाजा सरा को अपनी विद्या और बुद्धि पर बहुत अभिमान था। बीरबल को तो वे अपने सामने निरा बालक और मूर्ख समझते थे। लेकिन अपने ही मानने से तो कुछ होता नहीं! दरबार में बीरबल की ही तूती बोलती और ख्वाजा साहब की बात ऐसी लगती थी जैसे नक्कारखाने में तूती की आवाज़। ख्वाजा साहब की चलती तो वे बीरबल को हिंदुस्तान से निकलवा देते लेकिन निकलवाते कैसे!
एक दिन ख्वाजा ने बीरबल को मूर्ख साबित करने के लिए बहुत सोच-विचार कर कुछ मुश्किल प्रश्न सोच लिए। उन्हें विश्वास था कि बादशाह के उन प्रश्नों को सुनकर बीरबल के छक्के छूट जाएँगे और वह लाख कोशिश करके भी संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाएगा। फिर बादशाह मान लेगा कि ख्वाजा सरा के आगे बीरबल कुछ नहीं है।
ख्वाजा साहब अचकन-पगड़ी पहनकर दाढ़ी सहलाते हुए अकबर के पास पहुँचे और सिर झुकाकर बोले, “बीरबल बड़ा बुद्धिमान बनता है। आप भी उसकी लंबी-चौड़ी बातों के धोखे में आ जाते हैं। मैं चाहता हूँ कि आप मेरे तीन सवालों के जवाब पूछकर उसके दिमाग की गहराई नाप लें। उस नकली अक्ल-बहादुर की कलई खुल जाएगी।”
ख्वाजा के अनुरोध करने पर अकबर ने बीरबल को बुलाया और उनसे कहा, “बीरबल! परम ज्ञानी ख्वाजा साहब तुमसे तीन प्रश्न पूछना चाहते हैं। क्या तुम उनके उत्तर दे सकोगे?”
बीरबल बोले, “जहाँपनाह! ज़रूर दूँगा। खुशी से पूछें।”
ख्वाजा साहब ने अपने तीनों सवाल लिखकर बादशाह को दे दिए।
अकबर ने बीरबल से ख्वाजा का पहला प्रश्न पूछा, “संसार का केंद्र कहाँ है?”
बीरबल ने तुरंत ज़मीन पर अपनी छड़ी गाड़कर उत्तर दिया, “यही स्थान चारों ओर से दुनिया के बीचों-बीच पड़ता है। यदि ख्वाजा साहब को विश्वास न हो तो वे फ़ीते से सारी दुनिया को नापकर दिखा दें कि मेरी बात गलत है।” अकबर ने दूसरा प्रश्न किया, “आकाश में कितने तारे हैं?”
बीरबल ने एक भेड़ मँगवाकर कहा, “इस भेड़ के शरीर में जितने बाल हैं, उतने ही तारे आसमान में हैं। ख्वाजा साहब को इसमें संदेह हो तो वे बालों को गिनकर तारों की संख्या से तुलना कर लें।”
अब अकबर ने तीसरा सवाल किया, “संसार की आबादी कितनी है?”
बीरबल ने कहा, “जहाँपनाह! संसार की आबादी पल-पल पर घटती-बढ़ती रहती है क्योंकि हर पल लोगों का मरना-जीना लगा ही रहता है। इसलिए यदि सभी लोगों को एक जगह इकट्ठा किया जाए तभी उनको गिनकर ठीक-ठीक संख्या बताई जा सकती है।”
बादशाह तो बीरबल के उत्तरों से संतुष्ट हो गया लेकिन ख्वाजा साहब नाक-भौंह सिकोड़कर बोले, “ऐसे गोलमोल जवाबों से काम नहीं चलेगा जनाब!”
बीरबल बोले, “ऐसे सवालों के ऐसे ही जवाब होते हैं। पहले मेरे जवाबों को गलत साबित कीजिए, तब आगे बढ़िए।”
ख्वाजा साहब से फिर कुछ बोलते नहीं बना।
तुम्हारी बात
(क) ख्वाजा सरा के तीनों सवालों का क्या कोई और जवाब हो सकता है? अपने मन से सोचकर लिखो।
(ख) अगर तुम ख्वाजा सरा की जगह पर होते तो बीरबल को हराने के लिए कौन-से सवाल पूछते?
(ग) ख्वाजा सरा का बस चलता तो वे बीरबल को हिंदुस्तान से निकाल देते। अगर तुम्हारा बस चले तो तुम कौन-कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहोगे?
बस
नीचे लिखे वाक्य पढ़ो-
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मैं बस में बैठकर स्कूल जाती हूँ।
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ख्वाजा सरा का बस चलता तो वे बीरबल को निकाल देते।
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बस! अब रुक जाओ।
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बस दो दिन की तो बात है। मैं आ जाऊँगी।
ऊपर लिखे वाक्यों में बस शब्द के अर्थ अलग-अलग हैं।
अब इसी तरह चल शब्द से वाक्य बनाओ।
(संकेत चल, चल-चल, चला, चलें, चलना, चलती, चलो)
बढ़े कहानी
एक दिन अकबर ने बीरबल से पूछा, “बीरबल, दुनिया में सबसे अधिक शक्तिशाली कौन है?”
बीरबल ने क्या कहा होगा? कहानी आगे बढ़ाओ।
खोजो कहानियाँ
बीरबल की चतुराई के किस्से बहुत मशहूर हैं।
(क) तुम भी बीरबल का एक ऐसा ही किस्सा ढूँढ़ो जिसमें वह अपने जवाबों से सबका मुँह बंद कर देता है।
(ख) बीरबल की तरह बहुत से अन्य व्यक्तियों की हाज़िरजवाबी के किस्से प्रसिद्ध हैं। उनके नाम पता करो।
एक और शब्द
नीचे लिखे शब्दों की जगह और कौन-सा शब्द इस्तेमाल हो सकता है? खाली जगह में लिखो।
बुद्धिमान ………………………. $\quad$ मूर्ख ……………………….
अभिमान ………………………. $\quad$ विश्वास ……………………….
संसार ………………………. $\quad$ कोशिश ………………………….
मुहावरे
नीचे लिखे मुहावरों का इस्तेमाल तुम कब-कब कर सकते हो? आपस में चर्चा करो। अब इनका वाक्यों में इस्तेमाल करो।
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नाक-भौंह सिकोड़ना
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कलई खुलना