त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग

9.1 ऊँचाइयाँ और दूरियाँ

आइए हम अध्याय 8 में दी गई आकृति 8.1 पर विचार करें, जिसे नीचे आकृति 9.1 में पुनः खींचा गया है।

आकृति 9.1

इस आकृति में, छात्र की आँख से मीनार के शिखर तक खींची गई रेखा AC को दृष्टि-रेखा (line of sight) कहा जाता है। छात्र मीनार के शिखर की ओर देख रहा है। दृष्टि-रेखा और क्षैतिज रेखा से बने कोण BAC को छात्र की आँख से मीनार के शिखर का उन्नयन कोण (angle of elevation) कहा जाता है।

इस प्रकार, दृष्टि-रेखा प्रेक्षक की आँख के उस वस्तु के बिंदु को मिलाने वाली रेखा होती है जिसे प्रेक्षक देखता है। देखे गए बिंदु का उन्नयन कोण उस स्थिति में, दृष्टि-रेखा और क्षैतिज रेखा से बना कोण होता है, जबकि देखा जा रहा बिंदु क्षैतिज स्तर से ऊपर होता है अर्थात् वह स्थिति जबकि वस्तु को देखने के लिए हमें अपना सिर उठाना होता है। (देखिए आकृति 9.2)।

आकृति 9.2

आइए अब हम आकृति 8.2 में दी गई स्थिति पर विचार करें। बालकनी में बैठी लड़की मंदिर की सीढ़ी पर रखे गमले को नीचे की ओर देख रही है। इस स्थिति में, दृष्टि-रेखा क्षैतिज स्तर से नीचे है। दृष्टि-रेखा और क्षैतिज रेखा से इस प्रकार बने कोण को अवनमन कोण (angle of depression) कहा जाता है।

अतः देखी जा रही वस्तु पर स्थित बिंदु का अवनमन कोण उस स्थिति में दृष्टि-रेखा और क्षैतिज रेखा से बना कोण होता है जबकि बिंदु क्षैतिज रेखा से नीचे होता है अर्थात् वह स्थिति जबकि देखे जाने वाले बिंदु को देखने के लिए हमें अपना सिर नीचे झुकाना होता है (देखिए आकृति 9.3)।

आकृति 9.3

अब आप आकृति 8.3 में बनी दृष्टि-रेखाएँ और इस तरह बने कोणों को पहचान सकते हैं। ये कोण उन्नयन कोण हैं या अवनमन कोण?

आइए हम आकृति 9.1 को पुनः देखें। यदि आप सही मायने में बिना मापे ही मीनार की ऊँचाई CD ज्ञात करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको किस जानकारी की आवश्यकता होती है? इसके लिए निम्नलिखित तथ्यों का ज्ञान होना आवश्यक होता है: (i) दूरी DE जहाँ छात्र मीनार के पाद-बिंदु से इस दूरी पर खड़ा है।

(ii) मीनार के शिखर का उन्नयन कोण BAC

(iii) छात्र की ऊँचाई AE

यह मानकर कि ऊपर बतायी गयीं तीनों जानकारियाँ हमें ज्ञात हैं तो हम किस प्रकार मीनार की ऊँचाई ज्ञात कर सकते हैं?

आकृति में CD=CB+BD यहाँ BD=AE है जो कि छात्र की ऊँचाई है।

BC ज्ञात करने के लिए हम BAC या A के त्रिकोणमिति अनुपातों का प्रयोग करेंगे।

ABC में, भुजा BC ज्ञात कोण A के संबंध में सम्मुख भुजा है। यहाँ हम किन-किन त्रिकोणमिति अनुपातों का प्रयोग कर सकते हैं? इनमें से किसके दो मान हमें ज्ञात है और हमें किसका मान ज्ञात करने की आवश्यकता होती है? tanA या cotA का प्रयोग करने से हमारी खोज का क्षेत्र कम हो जाता है, क्योंकि इन अनुपातों में AB और BC का प्रयोग होता है।

अतः tanA=BCAB या cotA=ABBC, जिसे हल करने पर हमें BC प्राप्त हो जाएगा।

BC और AE जोड़ने पर मीनार की ऊँचाई प्राप्त हो जाएगी।

आइए अब हम कुछ उदाहरण हल करके अभी-अभी चर्चित किए गए प्रक्रम की व्याख्या करें।

उदाहरण 1 : धरती पर एक मीनार ऊर्ध्वाधर खड़ी है। धरती के एक बिंदु से, जो मीनार के पाद-बिंदु से 15 m दूर है, मीनार के शिखर का उन्नयन कोण 60 है। मीनार की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।

हल : आइए पहले हम प्रश्न को निरूपित करने के लिए एक सरल आरेख बनाएँ (देखिए आकृति 9.4)। यहाँ AB मीनार को निरूपित करता है, CB मीनार से बिंदु की दूरी है और ACB उन्नयन कोण है। हम मीनार की ऊँचाई अर्थात् AB ज्ञात करना चाहते हैं और, यहाँ ACB एक त्रिभुज है जो B पर समकोण है।

आकृति 9.4

प्रश्न को हल करने के लिए हम त्रिकोणमितीय अनुपात tan60(cot60) लेते हैं, क्योंकि इस अनुपात में AB और BC दोनों होते हैं

अब

tan60=ABBC

अर्थात्

3=AB15

अर्थात्

AB=153

अतः मीनार की ऊँचाई 153 m है।

उदाहरण 2 : एक बिजली मिस्त्री को एक 5 m ऊँचे खंभे पर आ गई खराबी की मरम्मत करनी है। मरम्मत का काम करने के लिए उसे खंभे के शिखर से 1.3 m नीचे एक बिंदु तक वह पहुँचना चाहती है (देखिए आकृति 9.5)। यहाँ तक पहुँचने के लिए प्रयुक्त सीढ़ी की लंबाई कितनी होनी चाहिए जिससे कि क्षैतिज से 60 के कोण से झुकाने पर वह अपेक्षित स्थिति तक पहुँच जाए? और यह भी बताइए कि खंभे का पाद-बिंदु कितनी दूरी पर सीढ़ी के पाद-बिंदु से होना चाहिए? (यहाँ आप 3=1.73 ले सकते हैं।)

हल : आकृति 9.5 में, बिजली मिस्त्री को खंभे AD पर बिंदु B तक पहुँचना है।

 अत: BD=ADAB=(51.3)m=3.7 m

यहाँ BC सीढ़ी को प्रकट करता है। हमें इसकी लंबाई अर्थात् समकोण त्रिभुज BDC का कर्ण ज्ञात करना है।

अब, क्या आप यह बता सकते हैं कि हमें किस त्रिकोणमिति अनुपात का प्रयोग करना चाहिए? यह त्रिकोणमिति अनुपात sin60 होना चाहिए।

अत: BDBC=sin60 या 3.7BC=32

इसलिए

BC=3.7×23=4.28 m (लगभग )

अर्थात् सीढ़ी की लंबाई 4.28 m होनी चाहिए।

अब

DCBD=cot60=13

अर्थात्

DC=3.73=2.14 m ( लगभग )

अतः उसे सीढ़ी के पाद को खंभे से 2.14 m की दूरी पर रखना चाहिए।

उदाहरण 3: 1.5 m लंबा एक प्रेक्षक एक चिमनी से 28.5 m की दूरी पर है। उसकी आँखों से चिमनी के शिखर का उन्नयन कोण 45 है। चिमनी की ऊँचाई बताइए। हल : यहाँ AB चिमनी है, CD प्रेक्षक है और ADE उन्नयन कोण है (देखिए आकृति 9.6)। यहाँ ADE एक त्रिभुज है जिसमें कोण E समकोण है और हमें चिमनी की ऊँचाई ज्ञात करनी है।

यहाँ

AB=AE+BE=(AE+1.5)m

और

DE=CB=28.5 m

आकृति 9.6

AE ज्ञात करने के लिए हमें एक ऐसा त्रिकोणमिति अनुपात लेना चाहिए जिसमें AE और DE दोनों हो। इसके लिए आइए हम उन्नयन कोण का tangent लें।

अब

tan45=AEDE

अर्थात्

1=AE28.5

इसलिए

AE=28.5

अतः चिमनी की ऊँचाई (AB)=(28.5+1.5)m=30 m

उदाहरण 4 : भूमि के एक बिंदु P से एक 10 m ऊँचे भवन के शिखर का उन्नयन कोण 30 है। भवन के शिखर पर एक ध्वज को लहराया गया है और P से ध्वज के शिखर का उन्नयन कोण 45 है। ध्वजदंड की लंबाई और बिंदु P से भवन की दूरी ज्ञात कीजिए। (यहाँ आप 3=1.732 ले सकते हैं।)

हल : आकृति 9.7 में, AB भवन की ऊँचाई प्रकट करता है, BD ध्वजदंड प्रकट करता है और P दिया हुआ बिंदु प्रकट करता है। ध्यान दीजिए कि यहाँ दो समकोण त्रिभुज PAB और PAD हैं। हमें ध्वजदंड की लंबाई अर्थात् DB और बिंदु P से भवन की दूरी अर्थात् PA ज्ञात करना है।

क्योंकि हमें भवन की ऊँचाई AB ज्ञात है इसलिए

आकृति 9.7

पहले हम समकोण PAB लेंगे।

यहाँ

tan30=ABAP

अर्थात्

13=10AP

इसलिए

AP=103

अर्थात् P से भवन की दूरी 103 m=17.32 m

आइए अब हम यह मान लें कि DB=x m है तब AD=(10+x)m

अब समकोण PAD में

tan45=ADAP=10+x103

इसलिए

1=10+x103

अर्थात्

x=10(31)=7.32

अतः ध्वजदंड की लंबाई 7.32 m है।

उदाहरण 5 : एक समतल जमीन पर खड़ी मीनार की छाया उस स्थिति में 40 m अधिक लंबी हो जाती है जबकि सूर्य का उन्नतांश (altitude) 60 से घटकर 30 हो जाता है अर्थात् छाया के एक सिरे से मीनार के शिखर का उन्नयन कोण 60 है और DB छाया की लंबाई है

जबकि उन्नयन कोण 30 है। मीनार की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।

हल : मान लीजिए कि AB की लंबाई h मीटर है और BC,x मीटर है। प्रश्न के अनुसार DB,BC से 40 m अधिक लंबा है।

 अत: DB=(40+x)m

अब, यहाँ दो समकोण त्रिभुज ABC और

ABD है। आकृति 9.8

ΔABC में tan60=ABBC  या 3=hx ΔABD में tan30=ABBD  अर्थात् 13=hx+40

(1) से हमें यह प्राप्त होता है

h=x3

इस मान को (2) में प्रतिस्थापित करने पर हमें यह प्राप्त होता है (x3)3=x+40, अर्थात् 3x=x+40

अर्थात्

x=20(1)h=203

इसलिए

अतः मीनार की ऊँचाई 203 m है।

उदाहरण 6 : एक बहुमंजिल भवन के शिखर से देखने पर एक 8 m ऊँचे भवन के शिखर और तल के अवनमन-कोण क्रमशः 30 और 45 हैं। बहुमंजिल भवन की ऊँचाई और दो भवनों के बीच की दूरी ज्ञात कीजिए।

हल : आकृति 9.9 में PC बहुमंजिल भवन को और AB,8 m ऊँचे भवन को प्रकट करता है। हम बहुमंजिल भवन की ऊँचाई, अर्थात् PC और दो भवनों के बीच की दूरी अर्थात् AC ज्ञात करना चाहते हैं।

आकृति को अच्छी तरह देखिए। आप यहाँ देखेंगे कि PB समांतर रेखाओं PQ और BD की एक तिर्यक-छेदी रेखा है। अतः QPB और PBD एकांतर कोण हैं और इसलिए बराबर हैं।

अतः PBD=30, इसी प्रकार, PAC=45 समकोण PBD में

PDBD=tan30=13 या BD=PD3

समकोण PAC में हम पाते हैं

PCAC=tan45=1

अर्थात्

PC=AC

आकृति 9.9

और PC=PD+DC

इसलिए PD+DC=AC

क्योंकि AC=BD और DC=AB=8 m, इसलिए PD+8=BD=PD3 (क्यों?)

इससे यह प्राप्त होता है: PD=831=8(3+1)(3+1)(31)=4(3+1)m

अतः बहुमंजिल भवन की ऊँचाई 4(3+1)+8m=4(3+3)m है और दो भवनों के बीच की दूरी भी 4(3+3)m है।

उदाहरण 7 : एक नदी के पुल के एक बिंदु से नदी के सम्मुख किनारों के अवनमन कोण क्रमशः 30 और 45 हैं। यदि पुल किनारों से 3 m की ऊँचाई पर हो तो नदी की चौड़ाई ज्ञात कीजिए।

आकृति 9.10

हल : आकृति 9.10 में, A और B नदी के सम्मुख किनारों के बिंदुओं को प्रकट करते हैं, जिससे कि AB नदी की चौड़ाई है। 3 m की ऊँचाई पर बने पुल पर एक बिंदु P है अर्थात् DP=3 m है। हम नदी की चौड़ाई ज्ञात करना चाहते हैं जो कि APB की भुजा AB की लंबाई है।

अब

AB=AD+DB

समकोण APD में A=30

अत :

tan30=PDAD

अर्थात्

13=3AD या AD=33 m

अतः समकोण PBD में, B=45 है। इसलिए BD=PD=3 m

अब

AB=BD+AD=3+33=3(1+3)m

इसलिए नदी की चौड़ाई 3(3+1)m है।

प्रश्नावली 9.1

1. सर्कस का एक कलाकार एक 20 m लंबी डोर पर चढ़ रहा है जो अच्छी तरह से तनी हुई है और भूमि पर सीधे लगे खंभे के शिखर से बंधा हुआ है। यदि भूमि स्तर के साथ डोर द्वारा बनाया गया कोण 30 का हो तो खंभे की ऊँचाई ज्ञात कीजिए (देखिए आकृति 9.11)।

आकृति 9.11

2. आँधी आने से एक पेड़ टूट जाता है और टूटा हुआ भाग इस तरह मुड़ जाता है कि पेड़ का शिखर जमीन को छूने लगता है और इसके साथ 30 का कोण बनाता है। पेड़ के पाद-बिंदु की दूरी, जहाँ पेड़ का शिखर जमीन को छूता है, 8 m है। पेड़ की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।

3. एक ठेकेदार बच्चों को खेलने के लिए एक पार्क में दो फिसलनपट्टी लगाना चाहती है। 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए वह एक ऐसी फिसलनपट्टी लगाना चाहती है जिसका शिखर 1.5 m की ऊँचाई पर हो और भूमि के साथ 30 के कोण पर झुका हुआ हो, जबकि इससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए वह 3 m की ऊँचाई पर एक अधिक ढाल की फिसलनपट्टी लगाना चाहती है, जो भूमि के साथ 60 का कोण बनाती हो। प्रत्येक स्थिति में फिसलनपट्टी की लंबाई क्या होनी चाहिए?

4. भूमि के एक बिंदु से, जो मीनार के पाद-बिंदु से 30 m की दूरी पर है, मीनार के शिखर का उन्नयन कोण 30 है। मीनार की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।

5. भूमि से 60 m की ऊँचाई पर एक पतंग उड़ रही है। पतंग में लगी डोरी को अस्थायी रूप से भूमि के एक बिंदु से बांध दिया गया है। भूमि के साथ डोरी का झुकाव 60 है। यह मानकर कि डोरी में कोई ढील नहीं है, डोरी की लंबाई ज्ञात कीजिए।

6. 1.5 m लंबा एक लड़का 30 m ऊँचे एक भवन से कुछ दूरी पर खड़ा है। जब वह ऊँचे भवन की ओर जाता है तब उसकी आँख से भवन के शिखर का उन्नयन कोण 30 से 60 हो जाता है। बताइए कि वह भवन की ओर कितनी दूरी तक चलकर गया है।

7. भूमि के एक बिंदु से एक 20 m ऊँचे भवन के शिखर पर लगी एक संचार मीनार के तल और शिखर के उन्नयन कोण क्रमशः 45 और 60 है। मीनार की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।

8. एक पेडस्टल के शिखर पर एक 1.6 m ऊँची मूर्ति लगी है। भूमि के एक बिंदु से मूर्ति के शिखर का उन्नयन कोण 60 है और उसी बिंदु से पेडस्टल के शिखर का उन्नयन कोण 45 है। पेडस्टल की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।

9. एक मीनार के पाद-बिंदु से एक भवन के शिखर का उन्नयन कोण 30 है और भवन के पाद-बिंदु से मीनार के शिखर का उन्नयन कोण 60 है। यदि मीनार 50 m ऊँची हो, तो भवन की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।

10. एक 80 m चौड़ी सड़क के दोनों ओर आमने-सामने समान लंबाई वाले दो खंभे लगे हुए हैं। इन दोनों खंभों के बीच सड़क के एक बिंदु से खंभों के शिखर के उन्नयन कोण क्रमशः 60 और 30 है। खंभों की ऊँचाई और खंभों से बिंदु की दूरी ज्ञात कीजिए।

11. एक नहर के एक तट पर एक टीवी टॉवर ऊर्ध्वाधरतः खड़ा है। टॉवर के ठीक सामने दूसरे तट के एक अन्य बिंदु से टॉवर के शिखर का उन्नयन कोण 60 है। इसी तट पर इस बिंदु से 20 m दूर और इस बिंदु को मीनार के पाद से मिलाने वाली रेखा पर स्थित एक अन्य बिंदु से टॉवर के शिखर का उन्नयन कोण 30 है। (देखिए आकृति 9.12)। टॉवर की ऊँचाई और नहर की चौड़ाई ज्ञात कीजिए।

आकृति 9.12

12. 7 m ऊँचे भवन के शिखर से एक केबल टॉवर के शिखर का उन्नयन कोण 60 है और इसके पाद का अवनमन कोण 45 है। टॉवर की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।

13. समुद्र-तल से 75 m ऊँची लाइट हाउस के शिखर से देखने पर दो समुद्री जहाजों के अवनमन कोण 30 और 45 हैं। यदि लाइट हाउस के एक ही ओर एक जहाज दूसरे जहाज के ठीक पीछे हो तो दो जहाजों के बीच की दूरी ज्ञात कीजिए।

14. 1.2 m लंबी एक लड़की भूमि से 88.2 m की ऊँचाई पर एक क्षैतिज रेखा में हवा में उड़ रहे गुब्बारे को देखती है। किसी भी क्षण लड़की की आँख से गुब्बारे का उन्नयन कोण 60 है। कुछ समय बाद उन्नयन कोण घटकर 30 हो जाता है (देखिए आकृति 9.13)। इस अंतराल के दौरान गुब्बारे द्वारा तय की गई दूरी ज्ञात कीजिए।

आकृति 9.13

15. एक सीधा राजमार्ग एक मीनार के पाद तक जाता है। मीनार के शिखर पर खड़ा एक आदमी एक कार को 30 के अवनमन कोण पर देखता है जो कि मीनार के पाद की ओर एक समान चाल से जाता है। छः सेकेंड बाद कार का अवनमन कोण 60 हो गया। इस बिंदु से मीनार के पाद तक पहुँचने में कार द्वारा लिया गया समय ज्ञात कीजिए।

9.2 सारांश

इस अध्याय में, आपने निम्नलिखित तथ्यों का अध्ययन किया है :

1. (i) दृष्टि-रेखा प्रेक्षक की आँख से प्रेक्षक द्वारा देखी गई वस्तु के बिंदु को मिलाने वाली रेखा होती है।

(ii) देखी गई वस्तु का उन्नयन कोण दृष्टि-रेखा और क्षैतिज रेखा से बना कोण होता है जबकि यह क्षैतिज स्तर से ऊपर होता है अर्थात् वह स्थिति जबकि वस्तु को देखने के लिए हमें अपने सिर को ऊपर उठाना होता है।

(iii) देखी गई वस्तु का अवनमन कोण दृष्टि-रेखा और क्षैतिज रेखा से बना कोण होता है जबकि क्षैतिज रेखा क्षैतिज स्तर से नीचे होती है अर्थात् वह स्थिति जबकि वस्तु को देखने के लिए हमें अपने सिर को झुकाना पड़ता है।

2. त्रिकोणमितीय अनुपातों की सहायता से किसी वस्तु की ऊँचाई या लंबाई या दो सुदूर वस्तुओं के बीच की दूरी ज्ञात की जा सकती है।



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