द्विघात समीकरण
4.1 भूमिका
अध्याय 2 में, आपने विभिन्न प्रकार के बहुपदों का अध्ययन किया है।
आकृति 4.1 आकृति 4.1 जैसा दिखा सकते हैं।
अब कक्ष का क्षेत्रफल
इसलिए
अत :
इसलिए, कक्ष की चौड़ाई, समीकरण
अधिकांश लोग विश्वास करते हैं कि बेबीलोनवासियों ने ही सर्वप्रथम द्विघात समीकरणों को हल किया था। उदाहरण के लिए, वे जानते थे कि कैसे दो संख्याओं को ज्ञात किया जा सकता है, जिनका योग तथा गुणनफल दिया हो। ध्यान दीजिए कि यह समस्या
इस अध्याय में, आप द्विघात समीकरणों और उनके हल ज्ञात करने की विभिन्न विधियों का अध्ययन करेंगे। दैनिक जीवन की कई स्थितियों में भी आप द्विघात समीकरणों के कुछ उपयोग देखेंगे।
4.2 द्विघात समीकरण
चर
वास्तव में, कोई भी समीकरण
द्विघात समीकरण हमारे आसपास के परिवेश की अनेक स्थितियों एवं गणित के विभिन्न क्षेत्रों में प्रयुक्त होते हैं। आइए हम कुछ उदाहरण लें।
उदाहरण 1 : निम्न स्थितियों को गणितीय रूप में व्यक्त कीजिए :
(i) जॉन और जीवंती दोनों के पास कुल मिलाकर 45 कंचे हैं। दोनों पाँच-पाँच कंचे खो देते हैं और अब उनके पास कंचों की संख्या का गुणनफल 124 है। हम जानना चाहेंगे कि आरंभ में उनके पास कितने-कितने कंचे थे।
(ii) एक कुटीर उद्योग एक दिन में कुछ खिलौने निर्मित करता है। प्रत्येक खिलौने का मूल्य (₹ में) 55 में से एक दिन में निर्माण किए गए खिलौने की संख्या को घटाने से
प्राप्त संख्या के बराबर है। किसी एक दिन, कुल निर्माण लागत ₹ 750 थी। हम उस दिन निर्माण किए गए खिलौनों की संख्या ज्ञात करना चाहेंगे।
हल :
(i) माना कि जॉन के कंचों की संख्या
तब जीवंती के कंचों की संख्या
जॉन के पास, 5 कंचे खो देने के बाद, बचे कंचों की संख्या
जीवंती के पास, 5 कंचे खोने के बाद, बचे कंचों की संख्या
अत: उनका गुणनफल
अब
अर्थात्
अर्थात्
अतः जॉन के पास जितने कंचे थे, जो समीकरण
को संतुष्ट करते हैं।
(ii) माना उस दिन निर्मित खिलौनों की संख्या
इसलिए, उस दिन प्रत्येक खिलौने की निर्माण लागत (रुपयों में)
अतः, उस दिन कुल निर्माण लागत (रुपयों में)
इसलिए
अर्थात्
अर्थात्
अर्थात्
अतः उस दिन निर्माण किए गए खिलौनों की संख्या द्विघात समीकरण
को संतुष्ट करती है।
उदाहरण 2 : जाँच कीजिए कि निम्न द्विघात समीकरण हैं या नहीं:
(i)
(ii)
(iii)
(iv)
हल :
(i) बायाँ पक्ष
इसलिए
अर्थात्
यह
अतः दिया गया समीकरण एक द्विघात समीकरण है।
(ii) चूँकि
इसलिए
अर्थात्
यह
(iii) यहाँ
अत:
इसलिए
यह
अतः, दिया गया समीकरण एक द्विघात समीकरण है।
(iv) यहाँ
अत:
अर्थात्
यह
अतः दिया गया समीकरण एक द्विघात समीकरण है।
टिप्पणी: ध्यान दीजिए कि उपर्युक्त (ii) में, दिया गया समीकरण देखने में द्विघात समीकरण लगता है, परंतु यह द्विघात समीकरण नहीं है।
उपर्युक्त (iv) में, समीकरण देखने में त्रिघात (घात 3 का समीकरण) लगता है और द्विघात नहीं लगता है। परंतु वह द्विघात समीकरण निकलता है। जैसा आप देखते हैं समीकरण को यह तय करने कि वह द्विघात है अथवा नहीं, हमें उसका सरलीकरण करना आवश्यक है।
प्रश्नावली 4.1
1. जाँच कीजिए कि क्या निम्न द्विघात समीकरण हैं :
(i)
(ii)
(iii)
(iv)
(v)
(vi)
(vii)
(viii)
2. निम्न स्थितियों को द्विघात समीकरणों के रूप में निरूपित कीजिए :
(i) एक आयताकार भूखंड का क्षेत्रफल
(ii) दो क्रमागत धनात्मक पूर्णांकों का गुणनफल 306 है। हमें पूर्णांकों को ज्ञात करना है।
(iii) रोहन की माँ उससे 26 वर्ष बड़ी है। उनकी आयु (वर्षों में) का गुणनफल अब से तीन वर्ष पश्चात् 360 हो जाएगी। हमें रोहन की वर्तमान आयु ज्ञात करनी है।
(iv) एक रेलगाड़ी
4.3 गुणनखंडों द्वारा द्विघात समीकरण का हल
द्विघात समीकरण
व्यापक रूप में, एक वास्तविक संख्या
एक मूल कहलाती है, यदि
आपने अध्याय 2 में, देखा है कि एक द्विघात बहुपद के अधिक से अधिक दो शून्यक हो सकते हैं। अतः, किसी द्विघात समीकरण के अधिक से अधिक दो मूल हो सकते हैं।
आपने कक्षा IX में सीखा है कि कैसे मध्य पद को विभक्त करके एक द्विघात बहुपद के गुणनखंड किए जा सकते हैं। हम इस ज्ञान का प्रयोग द्विघात समीकरण के मूल ज्ञात करने में करेंगे। आइए देखें कैसे।
उदाहरण 3 : गुणनखंडन द्वारा समीकरण
हल : सर्वप्रथम, हम मध्य पद
अतः,
इसलिए,
अब,
अतः,
दूसरे शब्दों में, 1 और
जाँच कीजिए कि ये ही दिए गए समीकरण के मूल हैं।
ध्यान दीजिए कि हमने समीकरण
उदाहरण 4 : द्विघात समीकरण
हल : हमें प्राप्त है:
इसलिए
अर्थात्
अतः
हम मूलों के सत्यापन के लिए यह जाँच करते हैं कि
उदाहरण 5 : द्विघात समीकरण
हल :
अतः समीकरण के मूल
अब
अत: यह मूल, गुणनखंड
इसलिए
उदाहरण 6 : अनुच्छेद 4.1 में दिए गए प्रार्थना कक्ष की विमाएँ ज्ञात कीजिए।
हल : अनुच्छेद 4.1 में हमने ज्ञात किया था कि यदि कक्ष की चौड़ाई
या
अर्थात्
अतः, दिए गए समीकरण के मूल
इसलिए, कक्ष की चौड़ाई
प्रश्नावली 4.2
1. गुणनखंड विधि से निम्न द्विघात समीकरणों के मूल ज्ञात कीजिए:
(i)
(ii)
(iii)
(iv)
(v)
2. उदाहरण 1 में दी गई समस्याओं को हल कीजिए।
3. ऐसी दो संख्याएँ ज्ञात कीजिए, जिनका योग 27 हो और गुणनफल 182 हो।
4. दो क्रमागत धनात्मक पूर्णांक ज्ञात कीजिए जिनके वर्गों का योग 365 हो।
5. एक समकोण त्रिभुज की ऊँचाई इसके आधार से
6. एक कुटीर उद्योग एक दिन में कुछ बर्तनों का निर्माण करता है। एक विशेष दिन यह देखा गया कि प्रत्येक नग की निर्माण लागत (₹ में) उस दिन के निर्माण किए बर्तनों की संख्या के दुगुने से 3 अधिक थी। यदि उस दिन की कुल निर्माण लागत ₹ 90 थी, तो निर्मित बर्तनों की संख्या और प्रत्येक नग की लागत ज्ञात कीजिए।
4.4 मूलों की प्रकृति
समीकरण
द्वारा देय होते हैं। यदि
यदि
अतः, समीकरण
इसलिए, हम कहते हैं कि इस स्थिति में द्विघात समीकरण
यदि
क्योंकि
अतः, द्विघात समीकरण
(i) दो भिन्न वास्तविक मूल होते हैं, यदि
(ii) दो बराबर वास्तविक मूल होते हैं, यदि
(iii) कोई वास्तविक मूल नहीं होता, यदि
आइए कुछ उदाहरणों पर विचार करें।
उदाहरण 7 : द्विघात समीकरण
हल : दिया गया समीकरण
अतः, दिए गए समीकरण के कोई वास्तविक मूल नहीं हैं।
उदाहरण 8:13 मीटर व्यास वाले एक वृत्ताकार पार्क की परिसीमा के एक बिंदु पर एक खंभा इस प्रकार गाड़ना है कि इस पार्क के एक व्यास के दोनों अंत बिंदुओं पर बने फाटकों
हल : आइए सर्वप्रथम एक चित्र बनाएँ ( देखिए आकृति माना खंभे की अभीष्ट स्थिति
साथ ही,
इसलिए
अर्थात्
अर्थात्
अर्थात्
अतः खंभे की फाटक
यह देखने के लिए कि ऐसा संभव है अथवा नहीं, आइए इसके विविक्तकर पर विचार करें। विविक्तकर है:
अतः, दिए गए द्विघात समीकरण के दो वास्तविक मूल हैं और इसीलिए खंभे को पार्क की परिसीमा पर गाड़ा जा सकना संभव है।
द्विघात समीकरण
इसलिए,
चूँकि
इस प्रकार, खंभे को पार्क की परिसीमा पर फाटक
उदाहरण 9: समीकरण
हल : यहाँ
इसलिए विविक्तकर
अतः द्विघात समीकरण के दो बराबर वास्तविक मूल हैं।
ये मूल
प्रश्नावली 4.3
1. निम्न द्विघात समीकरणों के मूलों की प्रकृति ज्ञात कीजिए। यदि मूलों का अस्तित्व हो तो उन्हें ज्ञात कीजिए :
(i)
(ii)
(iii)
2. निम्न प्रत्येक द्विघात समीकरण में
(i)
(ii)
3. क्या एक ऐसी आम की बगिया बनाना संभव है जिसकी लंबाई, चौड़ाई से दुगुनी हो और उसका क्षेत्रफल
4. क्या निम्न स्थिति संभव है? यदि है तो उनकी वर्तमान आयु ज्ञात कीजिए। दो मित्रों की आयु का योग 20 वर्ष है। चार वर्ष पूर्व उनकी आयु (वर्षों में) का गुणनफल 48 था।
5. क्या परिमाप
4.5 सारांश
इस अध्याय में, आपने निम्न तथ्यों का अध्ययन किया है:
1. चर
2. एक वास्तविक संख्या
3. यदि हम
4. द्विघाती सूत्र: द्विघात समीकरण
5. एक द्विघात समीकरण
(i) दो भिन्न वास्तविक मूल होते हैं, यदि
(ii) दो बराबर मूल (अर्थात् संपाती वास्तविक मूल) होते हैं, यदि
(iii) कोई वास्तविक मूल नहीं होते हैं, यदि