अध्याय 10 बीजीय व्यंजक
10.1 भूमिका
हम
बीजगणित में व्यंजकों (expressions) को एक केंद्रीय अवधारणा माना जाता है। यह अध्याय बीजीय व्यंजकों से संबद्ध होगा। जब आप इस अध्याय को पढ़ लेंगे, तो आपको ज्ञात हो जाएगा कि बीजीय व्यंजक किस प्रकार बनते हैं, इन्हें किस प्रकार संयोजित किया (मिलाया) जाता है, इनके मान हम कैसे ज्ञात कर सकते हैं तथा इनका किस प्रकार उपयोग किया जा सकता है।
10.1 व्यंजक किस प्रकार बनते हैं ?
अब हम भली भाँति जानते हैं कि एक चर (variable) क्या होता है। हम चरों को व्यक्त करने के लिए, अक्षरों
हम चरों और अचरों को संयोजित करके बीजीय व्यंजकों को बनाते हैं। इसके लिए हम योग, व्यवकलन, गुणन और विभाजन की संक्रियाओं का प्रयोग करते हैं। हम,
उपरोक्त व्यंजक चरों और अचरों को संयोजित करके प्राप्त किए गए थे। हम व्यंजकों को, चरों को स्वयं उन चरों से अथवा अन्य चरों से संयोजित करके भी प्राप्त कर सकते हैं।
देखिए कि निम्नलिखित व्यंजक किस प्रकार प्राप्त किए जाते हैं ?
(i) व्यंजक
अर्थात्
जिस प्रकार
[बाद में, जब आप ‘घातांक और घात’ वाले अध्याय का अध्ययन करेंगे, तब आप अनुभव करेंगे कि
इसी प्रकार, हम लिख सकते हैं :
सामान्यतः,
(ii) व्यंजक
(iii)
(iv)
बताइए कि निम्नलिखित
(v)
प्रयास कीजिए
बताइए कि निम्नलिखित व्यंजक किस प्रकार प्राप्त किए जाते हैं :
10.3 एक व्यंजक के पद
अभी तक ऊपर हमने पढ़ा है कि व्यंजक किस प्रकार बनाए जाते हैं, अब हम उसे एक सुव्यवस्थित रूप में रखेंगे । इस कार्य के लिए, हमें यह जानने की आवश्यकता है कि एक व्यंजक के पद (terms) और उनके गुणनखंड (factors) क्या होते हैं, अर्थात् उनके अर्थ क्या हैं।
व्यंजक
आप पाएँगे कि हम जितने भी व्यंजकों पर कार्य करते हैं वे सभी इसी रूप में देखे जा सकते हैं। इनके भाग होते हैं जो अलग से बनाए जाते हैं और फिर जोड़ दिए जाते हैं। व्यंजकों के इस प्रकार के भाग, जो पहले अलग से बनाए जाते हैं और फिर जोड़ दिए जाते हैं, इस व्यंजक के पद कहलाते हैं। व्यंजक
व्यंजकों को बनाने के लिए पदों को जोड़ा जाता है । जिस प्रकार व्यंजक
ध्यान दीजिए कि पद में ॠण (minus) चिह्न सम्मिलित होता है। व्यंजक
में, हमने पद को न लेकर लिया था। इसलिए, हमें यह कहने कि आवश्यकता नहीं है कि एक व्यंजक को बनाने के लिए, पदों को जोड़ा या घटाया जाता है। इसके लिए केवल यह कहना ही पर्याप्त है कि पदों को जोड़ा जाता है।
एक पद के गुणनखंड
हमने ऊपर देखा था कि व्यंजक
हम एक व्यंजक के पदों तथा पदों के गुणनखंडों को एक सुविधाजनक और आकर्षक प्रकार से एक व्यंजक पेड़ आरेख (tree diagram) द्वारा निरूपित कर सकते हैं। व्यंजक
ध्यान दीजिए कि पेड़ आरेख में, हमने गुणनखंड के लिए बिंदुकित रेखाओं का प्रयोग किया तथा पदों के लिए सतत रेखाओं का प्रयोग किया है। यह इनके मिश्रित न होने के लिए किया गया है।

आइए व्यंजक
प्रयास कीजिए
1. निम्नलिखित व्यंजकों में कौन-कौन से पद हैं ? दर्शाइए कि ये व्यंजक कैसे बनाए जाते हैं। प्रत्येक व्यंजक के लिए एक पेड़ आरेख भी खींचिए।
2. ऐसे तीन व्यंजक लिखिए, जिनमें से प्रत्येक में चार पद हों।
गुणांक
हम एक पद को उसके गुणनखंडों के एक गुणनफल के रूप में लिखना सीख चुके हैं। इनमें से एक गुणनखंड संख्यात्मक (numerical) हो सकता है तथा अन्य बीजीय (algebraic) हो सकते हैं (अर्थात् इनमें चर होते हैं)। इस संख्यात्मक गुणनखंड को पद का संख्यात्मक गुणांक (numerical coefficient) या केवल गुणांक कहते हैं। इसे शेष पद (जो स्पष्टतः बीजीय गुणनखंडों का गुणनफल है) का गुणांक भी कहते हैं। इस प्रकार, पद
जब किसी पद का गुणांक +1 होता है, प्राय: उसे लिखते समय छोड़ दिया जाता है। उदाहरणार्थ,
कभी-कभी शब्द गुणांक का प्रयोग एक अधिक व्यापक रूप में प्रयोग किया जाता है। इस रूप में, हम कहते हैं कि पद
प्रयास कीजिए
निम्नलिखित व्यंजकों के पदों के गुणांकों की पहचान कीजिए :
,
उदाहरण 1 निम्नलिखित व्यंजकों में, वे पद छाँटिए जो अचर नहीं हैं। उनके संख्यात्मक गुणांक भी लिखिए :
हल
क्रम संख्या | व्यंजक | पद ( जो अचर नहीं है ) | संख्यात्मक गुणांक |
---|---|---|---|
(i) | 1 | ||
(ii) | -1 | ||
(iii) | -1 | ||
5 | |||
(iv) | 4 | ||
-3 |
उदाहरण 2
(a) निम्नलिखित व्यंजकों में
(b) निम्नलिखित व्यंजकों में
हल
(a) प्रत्येक व्यंजक में, हम गुणनखंड
क्रम संख्या | व्यंजक | गुणनखंड |
|
---|---|---|---|
(i) | 4 | ||
(ii) | -1 | ||
(iii) | |||
(iv) |
(b) इसकी विधि उपरोक्त (a) की विधि जैसी ही है।
क्रम संख्या | व्यंजक | गुणनखंड |
|
---|---|---|---|
(i) | -3 | ||
(ii) | |||
(iii) | |||
(iv) |
10.4 समान और असमान पद
जब पदों के बीजीय गुणनखंड एक जैसे ही हों, तो वे पद समान पद (like terms) कहलाते हैं। जब पदों के बीजीय गुणनखंड भिन्न-भिन्न हों, तो वे असमान पद (unlike terms) कहलाते हैं। उदाहरणार्थ व्यंजक
प्रयास कीजिए
निम्नलिखित में, समान पदों के समूह बनाइए :
,
10.5 एकपदी, द्विपद, त्रिपद और बहुपद
वह बीजीय व्यंजक जिसमें केवल एक पद हो, एकपदी (monomial) कहलाता है, जैसे
प्रयास कीजिए
निम्नलिखित व्यंजकों को एकपदी, द्विपद और त्रिपद के रूप में वर्गीकृत कीजिए :
, , , .
एक व्यंजक जिसमें केवल दो पद हों और वे असमान पद हों वह द्विपद (binomial) कहलाता है, उदाहरणार्थ
व्यापक रूप में, एक या, अधिक पदों वाला व्यंजक एक बहुपद (Polynomial) कहलाता है। इस प्रकार, एकपदी, द्विपदी और त्रिपदी भी बहुपद हैं।
उदाहरण 3 कारण सहित बताइए कि पदों के निम्नलिखित युग्मों में कौन-कौन से युग्म समान पदों के हैं तथा कौन-कौन से युग्म असमान पदों के हैं :
(i)
(ii)
(iii)
(iv)
(v)
(vi)
(vii)
हल
क्रम संख्या | युग्म | गुणनखंड | बीजीय गुणनखंड एक ही हैं या भिन्न-भिन्न हैं | समान/ असमान पद | टिप्पणी |
---|---|---|---|---|---|
(i) | भिन्न-भिन्न | असमान | पदों में चर भिन्न-भिन्न हैं | ||
(ii) | एक ही हैं | समान | |||
(iii) | एक ही हैं | समान | याद रखिए |
||
(iv) | भिन्न-भिन्न | असमान | चर |
||
(v) | भिन्न-भिन्न | असमान | दोनों पदों में चर तो एक जैसे हैं; परंतु इनकी घातें अलग अलग हैं | ||
(vi) | एक ही हैं | समान | ध्यान दीजिए संख्यात्मक गुणांक 1 दिखाया नहीं जाता है |
निम्नलिखित सरल चरण आपको यह निर्णय लेने में सहायक होंगे कि दिए हुए पद समान पद हैं या असमान पद हैं :
(i) संख्यात्मक गुणांकों पर ध्यान न दीजिए। पदों के बीजीय भाग पर अपना ध्यान केंद्रित कीजिए।
(ii) पदों में चरों की जाँच कीजिए। ये एक ही होने चाहिए।
(iii) अब, पदों में प्रत्येक चर की घातों की जाँच कीजिए। ये एक ही होनी चाहिए।
ध्यान दीजिए कि समान पदों के बारे मे निर्णय लेते समय, इन दो बातों से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है :
(1) पदों के संख्यात्मक गुणांक तथा
प्रश्नावली 10.1
1. निम्नलिखित स्थितियों में, चरों, अचरों और अंक गणितीय संक्रियाओं का प्रयोग करते हुए, बीजीय व्यंजक प्राप्त कीजिए :
(i) संख्या
(ii) संख्याओं
(iii) संख्या
(iv) संख्याओं
(v) दोनों संख्याओं
(vi) संख्याओं
(vii) 10 में से संख्याओं
(viii) संख्याओं
2. (i) निम्नलिखित व्यंजकों में पदों ओर उनके गुणनखंडों को छाँटिए। पदों और उनके गुणनखंडों को पेड़ आरेखों द्वारा भी दर्शाइए।
(a)
(b)
(c)
(d)
(e)
(ii) नीचे दिए व्यंजकों में, पदों और उनके गुणनखंडों को छाँटिए।
(a)
(b)
(c)
(d)
(e)
(f)
(g)
(h)
3. निम्नलिखित व्यंजको में पदों के संख्यात्मक गुणांकों, जो अचर न हों, की पहचान कीजिए।
(i)
(ii)
(iii)
(iv)
(v)
(vi)
(vii)
(viii)
(ix)
4. (a) वे पद पहचानिए जिनमें
(i)
(ii)
(iii)
(iv)
(v)
(vi)
(vii)
(b) वे पद पहचानिए जिनमें
(i)
(ii)
(iii)
5. निम्नलिखित व्यंजकों को एकपदी, द्विपद और त्रिपद के रूप में वर्गीकृत कीजिए :
(i)
(ii)
(iii)
(iv) 100
(v)
(vi)
(vii)
(viii)
(ix)
(x)
(xi)
(xii)
6. बताइए कि दिए हुए पदों के युग्म समान पदों के हैं या असमान पदों के हैं :
(i)
(ii)
(iii)
(iv)
(v)
(vi)
7. निम्नलिखित में समान पदों को छाँटिए :
(a)
(b)
10.7 किसी व्यंजक का मान ज्ञात करना
हम जानते हैं कि एक बीजीय व्यंजक का मान उस व्यंजक को बनाने वाले चरों के मानों पर निर्भर करता है। ऐसी अनेक स्थितियाँ हैं, जहाँ हमें व्यंजकों के मान ज्ञात करने होते हैं, जैसे कि हम यह जाँच करना चाहते हैं कि चर का एक विशेष मान एक दिए हुए समीकरण को संतुष्ट करता है या नहीं।
जब हम ज्यामिति और प्रतिदिन की गणित के सूत्रों का प्रयोग करते हैं, तो भी हम व्यंजकों के मान ज्ञात करते हैं। उदाहरणार्थ, भुजा
उदाहरण 7 निम्नलिखित व्यंजकों के मान
(i)
(ii)
(iii)
(iv)
हल (i)
(ii)
(iii)
(v)
उदाहरण 8 निम्नलिखित व्यंजकों के मान ज्ञात कीजिए, जब
(i)
(ii)
(iii)
हल
(i)
(ii)
और,
दोनों को मिलाने पर, हमें प्राप्त होता है :
(iii) अब,
दोनों के मिलाने पर,
अब हम दो चरों के व्यंजकों, जैसे
उदाहरणार्थ,
उदाहरण 6
(i)
(ii)
(iii)
(iv)
हल दिए हुए व्यंजकों में,
(i)
(ii)
(iii)
(iv)
प्रश्नावली 10.2
1. यदि
(i)
(ii)
(iii)
(iv)
(v)
2. यदि
(i)
(ii)
(iii)
3. निम्नलिखित व्यंजकों के मान ज्ञात कीजिए, जब
(i)
(ii)
(iii)
(iv)
4. यदि
(i)
(ii)
(iii)
5. जब
(i)
(ii)
(iii)
(iv)
6. इन व्यंजकों को सरल कीजिए तथा इनके मान ज्ञात कीजिए, जब
(i)
(ii)
(iii)
(iv)
7. इन व्यंजकों को सरल कीजिए तथा इनके मान ज्ञात कीजिए, जब
(i)
(ii)
(iii)
(iv)
(v)
8. (i) यदि
(ii) यदि
9. यदि
10. व्यंजक
हमने क्या चर्चा की ?
1. चरों और अचरों से बीजीय व्यंजक बनते हैं। व्यंजकों को बनाने के लिए, हम चरों और अचरों पर योग, व्यवकलन, गुणन और विभाजन की संक्रियाएँ करते हैं। उदाहरणार्थ, व्यंजक
2. व्यंजक पदों से मिलकर बनते हैं। पदों को जोड़ कर व्यंजक बनाया जाता है। उदाहरणार्थ, पदों
3. एक पद, गुणनखंडों का एक गुणनफल होता है। व्यंजक
4. पद का गुणांक उसका संख्यात्मक गुणनखंड होता है। कभी-कभी पद का कोई भी एक गुणनखंड पद के शेष भाग का गुणांक कहलाता है ।
5. एक या अधिक पदों से बना व्यंजक एक बहुपद कहलाता है। विशिष्ट रूप से, एक पद वाला व्यंजक एकपदी, दो पदों वाला व्यंजक द्विपद तथा तीन पदों वाला व्यंजक त्रिपद कहलाता है।
6. वे पद जिनमें बीजीय गुणनखंड एक जैसे हों, समान पद कहलाते हैं तथा भिन्न-भिन्न बीजीय गुणनखंडों वाले पद असमान पद कहलाते हैं। इस प्रकार
7. एक समीकरण को हल करने और किसी सूत्र का प्रयोग करने जैसी स्थितियों में, हमें एक व्यंजक का मान ज्ञात करने की आवश्यकता होती है। बीजीय व्यजक का मान उन चरों के मानों पर निर्भर करता है, जिनसे वह बनाया गया है। इस प्रकार,