अध्याय 10 बीजीय व्यंजक

10.1 भूमिका

हम x+3,y5,4x+5,10y5, इत्यादि जैसे सरल बीजीय व्यंजकों से परिचित हो चुके हैं। कक्षा VI में, हमने देखा था कि ये व्यंजक किस प्रकार पहेलियों और समस्याओं को एक सुव्यवस्थित प्रकार से प्रस्तुत करने में सहायक होते हैं। हम सरल समीकरणों वाले अध्याय में भी व्यंजकों के अनेक उदाहरणों को देख चुके हैं।

बीजगणित में व्यंजकों (expressions) को एक केंद्रीय अवधारणा माना जाता है। यह अध्याय बीजीय व्यंजकों से संबद्ध होगा। जब आप इस अध्याय को पढ़ लेंगे, तो आपको ज्ञात हो जाएगा कि बीजीय व्यंजक किस प्रकार बनते हैं, इन्हें किस प्रकार संयोजित किया (मिलाया) जाता है, इनके मान हम कैसे ज्ञात कर सकते हैं तथा इनका किस प्रकार उपयोग किया जा सकता है।

10.1 व्यंजक किस प्रकार बनते हैं ?

अब हम भली भाँति जानते हैं कि एक चर (variable) क्या होता है। हम चरों को व्यक्त करने के लिए, अक्षरों x,y,l,m, इत्यादि का प्रयोग करते हैं। एक चर के विभिन्न मान हो सकते हैं। इसका मान निश्चित नहीं होता है। इसके दूसरी ओर अचर (constant) का एक निश्चित मान होता है। अचरों के उदाहरण 4,100,17, इत्यादि हैं।

हम चरों और अचरों को संयोजित करके बीजीय व्यंजकों को बनाते हैं। इसके लिए हम योग, व्यवकलन, गुणन और विभाजन की संक्रियाओं का प्रयोग करते हैं। हम, 4x+5,10y20 जैसे व्यंजकों को पहले ही देख चुके हैं। व्यंजक 4x+5, ’ x ’ चर के प्रयोग से बना है, जिसमें पहले चर x को अचर 4 से गुणा करके और फिर इस गुणनफल में अचर 5 जोड़ कर प्राप्त किया जाता है । इसी प्रकार, 10y20 पहले चर y को अचर 10 से गुणा करके और फिर इस गुणनफल में से 20 घटा कर प्राप्त किया जाता है।

उपरोक्त व्यंजक चरों और अचरों को संयोजित करके प्राप्त किए गए थे। हम व्यंजकों को, चरों को स्वयं उन चरों से अथवा अन्य चरों से संयोजित करके भी प्राप्त कर सकते हैं।

देखिए कि निम्नलिखित व्यंजक किस प्रकार प्राप्त किए जाते हैं ?

x2,2y2,3x25,xy,4xy+7

(i) व्यंजक x2 चर x को स्वयं x से गुणा करके प्राप्त किया जाता है ।

अर्थात् x×x=x2 है । 

जिस प्रकार 4×4=42 लिखा जाता है, उसी प्रकार हम x×x=x2. लिखते हैं। इसे सामान्यतः x का वर्ग ( x squared) पढ़ा जाता है ।

[बाद में, जब आप ‘घातांक और घात’ वाले अध्याय का अध्ययन करेंगे, तब आप अनुभव करेंगे कि x2 को x के ऊपर घात 2 भी पढ़ा जा सकता है]।

इसी प्रकार, हम लिख सकते हैं : x×x×x=x3

सामान्यतः, x3 को x का घन ( x cubed) पढ़ा जाता है। बाद में, आप यह अनुभव करेंगे कि x3 को x के ऊपर घात 3 भी पढ़ा जा सकता है ।

x,x2,x3, में से प्रत्येक x से प्राप्त एक बीजीय व्यंजक है ।

(ii) व्यंजक 2y2 को y से इस प्रकार प्राप्त किया जाता है: 2y2=2×y×y यहाँ, हम y को y से गुणा करके y2 प्राप्त करते हैं और फिर इस गुणनफल y2 को 2 से गुणा करते हैं।

(iii) (3x25) में, हम पहले x2 प्राप्त करते हैं और फिर उसे 3 से गुणा करके 3x2 प्राप्त करते हैं। अंत में, 3x25 पर पहुँचने के लिए, हम 3x2 में से 5 को घटाते हैं।

(iv) xy में, हम चर x को एक अन्य चर y से गुणा करते हैं। इस प्रकार,

बताइए कि निम्नलिखित x×y=xy1 व्यंजक किस प्रकार प्राप्त

(v) 4xy+7 में, हम पहले xy प्राप्त करते हैं; उसे 4 से गुणा करके 4xy प्राप्त करते हैं और फिर दिया हुआ व्यंजक प्राप्त करने के लिए, 4xy में 7 जोड़ते हैं।

प्रयास कीजिए

बताइए कि निम्नलिखित व्यंजक किस प्रकार प्राप्त किए जाते हैं :

7xy+5,x2y,4x25x

10.3 एक व्यंजक के पद

अभी तक ऊपर हमने पढ़ा है कि व्यंजक किस प्रकार बनाए जाते हैं, अब हम उसे एक सुव्यवस्थित रूप में रखेंगे । इस कार्य के लिए, हमें यह जानने की आवश्यकता है कि एक व्यंजक के पद (terms) और उनके गुणनखंड (factors) क्या होते हैं, अर्थात् उनके अर्थ क्या हैं।

व्यंजक (4x+5) पर विचार कीजिए। इस व्यंजक को बनाने के लिए, पहले हमने अलग से 4 और x का गुणा करके 4x बनाया था और फिर इसमें 5 जोड़ दिया था। इसी प्रकार, व्यंजक (3x2+7y) पर विचार कीजिए । यहाँ, हमने पहले अलग से 3,x और x का गुणा करके 3x2 बनाया था। फिर हमने अलग से 7 और y का गुणा करके 7y बनाया था। 3x2 और 7y बनाने के बाद, हमने दिया हुआ व्यंजक प्राप्त करने के लिए, इनको जोड़ दिया था।

आप पाएँगे कि हम जितने भी व्यंजकों पर कार्य करते हैं वे सभी इसी रूप में देखे जा सकते हैं। इनके भाग होते हैं जो अलग से बनाए जाते हैं और फिर जोड़ दिए जाते हैं। व्यंजकों के इस प्रकार के भाग, जो पहले अलग से बनाए जाते हैं और फिर जोड़ दिए जाते हैं, इस व्यंजक के पद कहलाते हैं। व्यंजक 4x23xy को देखिए । हम कहते हैं कि इसके दो पद 4x2 और 3xy हैं। पद 4x2;4,x और x का गुणनफल है तथा पद 3xy;3,x और y का गुणनफल है ।

व्यंजकों को बनाने के लिए पदों को जोड़ा जाता है । जिस प्रकार व्यंजक (4x+5) को बनाने के लिए 4x और 5 को जोड़ा जाता है, उसी प्रकार व्यंजक (4x23xy) को बनाने के लिए 4x2 और (3xy) को जोड़ा जाता है। इसका कारण 4x2+(3xy)=4x23xy होता है ।

ध्यान दीजिए कि पद में ॠण (minus) चिह्न सम्मिलित होता है। व्यंजक 4x23xy में, हमने पद को 3xy न लेकर (3xy) लिया था। इसलिए, हमें यह कहने कि आवश्यकता नहीं है कि एक व्यंजक को बनाने के लिए, पदों को जोड़ा या घटाया जाता है। इसके लिए केवल यह कहना ही पर्याप्त है कि पदों को जोड़ा जाता है।

एक पद के गुणनखंड

हमने ऊपर देखा था कि व्यंजक (4x23xy) के दो पद 4x2 और 3xy हैं। पद 4x2;4,x और x का गुणनफल है। हम कहते हैं कि 4,x और x पद 4x2 के गुणनखंड (factors) हैं। एक पद अपने गुणनखंडों का एक गुणनफल होता है। पद 3xy, गुणनखंडों 3,x और y का एक गुणनफल है।

हम एक व्यंजक के पदों तथा पदों के गुणनखंडों को एक सुविधाजनक और आकर्षक प्रकार से एक व्यंजक पेड़ आरेख (tree diagram) द्वारा निरूपित कर सकते हैं। व्यंजक (4x23xy) का पेड़ संलग्न आकृति में दर्शाया गया है।

ध्यान दीजिए कि पेड़ आरेख में, हमने गुणनखंड के लिए बिंदुकित रेखाओं का प्रयोग किया तथा पदों के लिए सतत रेखाओं का प्रयोग किया है। यह इनके मिश्रित न होने के लिए किया गया है।


आइए व्यंजक 5xy+10 का पेड़ आरेख खींचें। गुणनखंड ऐसे लिखे जाएँ कि जिनके आगे गुणनखंड न हो सके । इस प्रकार, हम 5xy को 5×xy के रूप में नहीं लिखते हैं, क्योंकि xy के आगे और भी गुणनखंड हो सकते हैं। इसी प्रकार, यदि x3 एक पद होता, तो इसे x×x2 न लिख कर x×x×x लिखा जाए। साथ ही, याद रखिए 1 को अलग से गुणनखंड नहीं लिया जाता है ।

प्रयास कीजिए

1. निम्नलिखित व्यंजकों में कौन-कौन से पद हैं ? दर्शाइए कि ये व्यंजक कैसे बनाए जाते हैं। प्रत्येक व्यंजक के लिए एक पेड़ आरेख भी खींचिए।

8y+3x2,7mn4,2x2y

2. ऐसे तीन व्यंजक लिखिए, जिनमें से प्रत्येक में चार पद हों।

गुणांक

हम एक पद को उसके गुणनखंडों के एक गुणनफल के रूप में लिखना सीख चुके हैं। इनमें से एक गुणनखंड संख्यात्मक (numerical) हो सकता है तथा अन्य बीजीय (algebraic) हो सकते हैं (अर्थात् इनमें चर होते हैं)। इस संख्यात्मक गुणनखंड को पद का संख्यात्मक गुणांक (numerical coefficient) या केवल गुणांक कहते हैं। इसे शेष पद (जो स्पष्टतः बीजीय गुणनखंडों का गुणनफल है) का गुणांक भी कहते हैं। इस प्रकार, पद 5xy में, xy का गुणांक 5 है। इसी प्रकार, पद 10xyz, में xyz का गुणांक 10 है तथा पद 7x2y2 में x2y2 का गुणांक -7 है ।

जब किसी पद का गुणांक +1 होता है, प्राय: उसे लिखते समय छोड़ दिया जाता है। उदाहरणार्थ, 1x को x लिखा जाता है, 1x2y2 को x2y2 लिखा जाता है, इत्यादि। साथ ही, गुणांक (-1) को केवल ॠण चिह्न (-) से दर्शाया जाता है । इस प्रकार, (-1) x को x लिखा जाता है, (-1) x2y2 को x2y2 लिखा जाता है, इत्यादि ।

कभी-कभी शब्द गुणांक का प्रयोग एक अधिक व्यापक रूप में प्रयोग किया जाता है। इस रूप में, हम कहते हैं कि पद 5xy में, xy का गुणांक 5 है, 5y का गुणांक x है तथा 5x का गुणांक y है । 10xy2 में, xy2 का गुणांक 10 है, 10y2 का गुणांक x है तथा 10x का गुणांक y2 है । इस प्रकार, इसे अधिक व्यापक रूप में, गुणांक एक संख्यात्मक गुणनखंड हो सकता है या एक बीजीय गुणनखंड हो सकता है या दो या अधिक गुणनखंडों का गुणनफल भी हो सकता है। इसे शेष गुणनखंडों के गुणनफल का गुणांक कहा जाता है ।

प्रयास कीजिए

निम्नलिखित व्यंजकों के पदों के गुणांकों की पहचान कीजिए :

4x3y,a+b+5,

2y+5,2xy


उदाहरण 1 निम्नलिखित व्यंजकों में, वे पद छाँटिए जो अचर नहीं हैं। उनके संख्यात्मक गुणांक भी लिखिए :

xy+4,13y2,13y+5y2,4p2q3pq2+5

हल

क्रम संख्या व्यंजक पद ( जो अचर नहीं है ) संख्यात्मक गुणांक
(i) xy+4 xy 1
(ii) 13y2 y2 -1
(iii) 13y+5y2 y -1
5y2 5
(iv) 4p2q3pq2+5 4p2q 4
3pq2 -3

उदाहरण 2

(a) निम्नलिखित व्यंजकों में x के क्या गुणांक हैं ?

4x3y,8x+y,y2xy,2z5xz

(b) निम्नलिखित व्यंजकों में y के क्या गुणांक हैं ?

4x3y,8+yz,yz2+5,my+m

हल

(a) प्रत्येक व्यंजक में, हम गुणनखंड x वाले पद को देखते हैं। उस पद का शेष भाग x का वांछित गुणांक होगा।

क्रम संख्या व्यंजक गुणनखंड x वाला पद x का गुणांक
(i) 4x3y 4x 4
(ii) 8x+y x -1
(iii) y2xy y2x y2
(iv) 2z5xz 5xz 5z

(b) इसकी विधि उपरोक्त (a) की विधि जैसी ही है।

क्रम संख्या व्यंजक गुणनखंड y वाला पद y का गुणांक
(i) 4x3y 3y -3
(ii) 8+yz yz z
(iii) yz2+5 yz2 z2
(iv) my+m my m

10.4 समान और असमान पद

जब पदों के बीजीय गुणनखंड एक जैसे ही हों, तो वे पद समान पद (like terms) कहलाते हैं। जब पदों के बीजीय गुणनखंड भिन्न-भिन्न हों, तो वे असमान पद (unlike terms) कहलाते हैं। उदाहरणार्थ व्यंजक 2xy3x+5xy4, में पदों 2xy और 5xy को देखिए। 2xy के गुणनखंड 2,x और y है । 5xy के गुणनखंड 5,x और y हैं। इस प्रकार, इनके बीजीय (अर्थात् वे जिनमें चर हैं) गुणनखंड एक ही हैं और इसीलिए ये समान पद हैं । इसके विपरीत, पदों 2xy और 3x में भिन्न-भिन्न बीजीय गुणनखंड हैं। ये असमान पद हैं। इसी प्रकार, पद 2xy और 4 असमान पद हैं। साथ ही, 3x और 4 भी असमान पद हैं।

प्रयास कीजिए

निम्नलिखित में, समान पदों के समूह बनाइए :

12x,12,25x,25,25y, 1,x,12y,y


10.5 एकपदी, द्विपद, त्रिपद और बहुपद

वह बीजीय व्यंजक जिसमें केवल एक पद हो, एकपदी (monomial) कहलाता है, जैसे 7xy,5m,3z2,4 इत्यादि ।

प्रयास कीजिए

निम्नलिखित व्यंजकों को एकपदी, द्विपद और त्रिपद के रूप में वर्गीकृत कीजिए : a, a+b,ab+a+b,ab+ a+b5,xy,xy+5, 5x2x+2,4pq3q+5p, 7,4m7n+10,4mn+7.

एक व्यंजक जिसमें केवल दो पद हों और वे असमान पद हों वह द्विपद (binomial) कहलाता है, उदाहरणार्थ x+y,m5,mn+4m, a2b2 द्विपद हैं। व्यंजक 10pq एक द्विपद नहीं है यह एक एकपदी है। व्यंजक (a+b+5) एक द्विपद नहीं है। इसमें तीन पद हैं। एक व्यंजक जिसमें तीन पद हों, एक त्रिपद (trinomial) कहलाता है, उदाहरणार्थ x+y+7,ab+a+b,3x25x+2,m+n+10 त्रिपद हैं। परंतु व्यंजक ab+a+b+5 एक त्रिपद नहीं है इसमें तीन पद न होकर चार पद हैं। व्यंजक x+y+5x एक त्रिपद नहीं है क्योंकि पद x और 5x समान पद हैं।

व्यापक रूप में, एक या, अधिक पदों वाला व्यंजक एक बहुपद (Polynomial) कहलाता है। इस प्रकार, एकपदी, द्विपदी और त्रिपदी भी बहुपद हैं।

उदाहरण 3 कारण सहित बताइए कि पदों के निम्नलिखित युग्मों में कौन-कौन से युग्म समान पदों के हैं तथा कौन-कौन से युग्म असमान पदों के हैं :

(i) 7x,12y

(ii) 15x,21x

(iii) 4ab,7ba

(iv) 3xy,3x

(v) 6xy2,9x2y

(vi) pq2,4pq2

(vii) mn2,10mn

हल

क्रम संख्या युग्म गुणनखंड बीजीय गुणनखंड एक ही हैं या भिन्न-भिन्न हैं समान/ असमान पद टिप्पणी
(i) 7x
12y
7,x12,y} भिन्न-भिन्न असमान पदों में चर भिन्न-भिन्न हैं
(ii) 15x
21x
15,x21,x} एक ही हैं समान
(iii) 4ab
7ba
4,a,b7,b,a} एक ही हैं समान याद रखिए
ab=ba
(iv) 3xy
3x
3,x,y3,x} भिन्न-भिन्न असमान चर y केवल पहले पद में है
(v) 6xy2
9x2y
6,x,y,y9,x,x,y} भिन्न-भिन्न असमान दोनों पदों में चर तो एक जैसे हैं; परंतु इनकी घातें अलग अलग हैं
(vi) pq2
4pq2
1,p,q,q4,p,q,q} एक ही हैं समान ध्यान दीजिए संख्यात्मक
गुणांक 1 दिखाया नहीं जाता है

निम्नलिखित सरल चरण आपको यह निर्णय लेने में सहायक होंगे कि दिए हुए पद समान पद हैं या असमान पद हैं :

(i) संख्यात्मक गुणांकों पर ध्यान न दीजिए। पदों के बीजीय भाग पर अपना ध्यान केंद्रित कीजिए।

(ii) पदों में चरों की जाँच कीजिए। ये एक ही होने चाहिए।

(iii) अब, पदों में प्रत्येक चर की घातों की जाँच कीजिए। ये एक ही होनी चाहिए।

ध्यान दीजिए कि समान पदों के बारे मे निर्णय लेते समय, इन दो बातों से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है :

(1) पदों के संख्यात्मक गुणांक तथा (2) पदों में चरों के गुणा करने का क्रम ।

प्रश्नावली 10.1

1. निम्नलिखित स्थितियों में, चरों, अचरों और अंक गणितीय संक्रियाओं का प्रयोग करते हुए, बीजीय व्यंजक प्राप्त कीजिए :

(i) संख्या y में से z को घटाना।

(ii) संख्याओं x और y के योग का आधा।

(iii) संख्या z को स्वयं उससे गुणा किया जाता है ।

(iv) संख्याओं p और q के गुणनफल का एक-चौथाई।

(v) दोनों संख्याओं x और y के वर्गों को जोड़ा जाता है ।

(vi) संख्याओं m और n के गुणनफल के तीन गुने में संख्या 5 जोड़ना।

(vii) 10 में से संख्याओं y और z गुणनफल को घटाना।

(viii) संख्याओं a और b के गुणनफल में से उनके योग को घटाना।

2. (i) निम्नलिखित व्यंजकों में पदों ओर उनके गुणनखंडों को छाँटिए। पदों और उनके गुणनखंडों को पेड़ आरेखों द्वारा भी दर्शाइए।

(a) x3

(b) 1+x+x2

(c) yy3

(d) 5xy2+7x2y

(e) ab+2b23a2

(ii) नीचे दिए व्यंजकों में, पदों और उनके गुणनखंडों को छाँटिए।

(a) 4x+5

(b) 4x+5y

(c) 5y+3y2

(d) x3y+2x12y2

(e) pq+q

(f) 1.2ab2.4b+3.6a

(g) 34x+14

(h) 0.1p2+0.2q2

3. निम्नलिखित व्यंजको में पदों के संख्यात्मक गुणांकों, जो अचर न हों, की पहचान कीजिए।

(i) 53t2

(ii) 1+t+t2+t3

(iii) x+2xy+3y

(iv) 100m+1000n

(v) p2q2+7pq

(vi) 1.2a+0.8b

(vii) 3.14r2

(viii) 2(l+b)

(ix) 0.1y+0.01y2

4. (a) वे पद पहचानिए जिनमें x है और फिर इनमें x का गुणांक लिखिए।

(i) y2x+y

(ii) 13y28yx

(iii) x+y+2

(iv) 5+z+zx

(v) 1+x+xy

(vi) 12xy2+25

(vii) 7+xy2

(b) वे पद पहचानिए जिनमें y2 है और फिर इनमें y2 का गुणांक लिखिए।

(i) 8xy2

(ii) 5y2+7x

(iii) 2x2y15xy2+7y2

5. निम्नलिखित व्यंजकों को एकपदी, द्विपद और त्रिपद के रूप में वर्गीकृत कीजिए :

(i) 4y7z

(ii) y2

(iii) x+yxy

(iv) 100

(v) abab

(vi) 53t

(vii) 4p2q4pq2

(viii) 7mn

(ix) z23z+8

(x) a2+b2

(xi) z2+z

(xii) 1+x+x2

6. बताइए कि दिए हुए पदों के युग्म समान पदों के हैं या असमान पदों के हैं :

(i) 1,100

(ii) 7x,52x

(iii) 29x,29y

(iv) 14xy,42yx

(v) 4m2p,4mp2

(vi) 12xz,12x2z2

7. निम्नलिखित में समान पदों को छाँटिए :

(a) xy2,4yx2,8x2,2xy2,7y,11x2,100x,11yx,20x2y, 6x2,y,2xy,3x

(b) 10pq,7p,8q,p2q2,7qp,100q,23,12q2p2,5p2,41,2405p,78qp, 13p2q,qp2,701p2

10.7 किसी व्यंजक का मान ज्ञात करना

हम जानते हैं कि एक बीजीय व्यंजक का मान उस व्यंजक को बनाने वाले चरों के मानों पर निर्भर करता है। ऐसी अनेक स्थितियाँ हैं, जहाँ हमें व्यंजकों के मान ज्ञात करने होते हैं, जैसे कि हम यह जाँच करना चाहते हैं कि चर का एक विशेष मान एक दिए हुए समीकरण को संतुष्ट करता है या नहीं।

जब हम ज्यामिति और प्रतिदिन की गणित के सूत्रों का प्रयोग करते हैं, तो भी हम व्यंजकों के मान ज्ञात करते हैं। उदाहरणार्थ, भुजा l वाले वर्ग का क्षेत्रफल l2 होता है। यदि l=5 cm है, तो क्षेत्रफल 52 cm2=25 cm2 है। यदि भुजा =10 cm है, तो क्षेत्रफल 102 cm2 या 100 cm2 है, इत्यादि । ऐसे कुछ और उदाहरणों को हम अगले अनुच्छेद में देखेंगे ।

उदाहरण 7 निम्नलिखित व्यंजकों के मान x=2 के लिए ज्ञात कीजिए :

(i) x+4

(ii) 4x3

(iii) 195x2

(iv) 10010x3

हल (i) x+4 में, x=2 रखने पर, हमें x+4 का निम्नलिखित मान प्राप्त होता है: x+4=2+4=6

(ii) 4x3 में, x=2 रखने पर, हमें प्राप्त होता है:

4x3=(4×2)3=83=5

(iii) 195x2 में, x=2 रखने पर, हमें प्राप्त होता है:

195x2=19(5×22)=19(5×4)=1920=1

(v) 10010x3 में, x=2 रखने पर, हमें प्राप्त होता है :

10010x3=100(10×23)=100(10×8) [ध्यान दीजिए कि 23=8 है] =10080=20

उदाहरण 8 निम्नलिखित व्यंजकों के मान ज्ञात कीजिए, जब n=2

(i) 5n2

(ii) 5n2+5n2

(iii) n3+5n2+5n2 है :

हल

(i) 5n2 में, n=2 रखने पर, हमें प्राप्त होता है:

5(2)2=102=12

(ii) 5n2+5n2 में n=2 के लिए, 5n2=12 है,

और, 5n2=5×(2)2=5×4=20 [चूँकि (2)2=4]

दोनों को मिलाने पर, हमें प्राप्त होता है :

5n2+5n2=2012=8

(iii) अब, n=2 के लिए

5n2+5n2=8 है तथा

n3=(2)3=(2)×(2)×(2)=8 है।

दोनों के मिलाने पर,

n3+5n2+5n2=8+8=0

अब हम दो चरों के व्यंजकों, जैसे x+y,xy इत्यादि पर विचार करेंगे । दो चरों वाले एक व्यंजक का संख्यात्मक मान ज्ञात करने के लिए, हमें इसमें दोनों चरों के मान रखने की आवश्यकता होती है ।

उदाहरणार्थ, x=3 और y=5 के लिए (x+y) का मान 3+5=8 है ।

उदाहरण 6 a=3 और b=2 के लिए, निम्नलिखित व्यंजकों के मान ज्ञात कीजिए:

(i) a+b

(ii) 7a4b

(iii) a2+2ab+b2

(iv) a3b3

हल दिए हुए व्यंजकों में, a=3 और b=2 रखने पर, हमें प्राप्त होता है :

(i) a+b=3+2=5

(ii) 7a4b=7×34×2=218=13.

(iii) a2+2ab+b2=32+2×3×2+22=9+12+4=25

(iv) a3b3=3323=3×3×32×2×2=9×34×2=278=19


प्रश्नावली 10.2

1. यदि m=2 है, तो निम्नलिखित के मान ज्ञात कीजिए :

(i) m2

(ii) 3m5

(iii) 95m

(iv) 3m22m7

(v) 5m24

2. यदि p=2 है, तो निम्नलिखित के मान ज्ञात कीजिए :

(i) 4p+7

(ii) 3p2+4p+7

(iii) 2p33p2+4p+7

3. निम्नलिखित व्यंजकों के मान ज्ञात कीजिए, जब x=1 है :

(i) 2x7

(ii) x+2

(iii) x2+2x+1

(iv) 2x2x2

4. यदि a=2 और b=2 है, तो निम्नलिखित के मान ज्ञात कीजिए :

(i) a2+b2

(ii) a2+ab+b2

(iii) a2b2

5. जब a=0 और b=1 है, तो दिए हुए व्यंजकों के मान ज्ञात कीजिए :

(i) 2a+2b

(ii) 2a2+b2+1

(iii) 2a2b+2ab2+ab

(iv) a2+ab+2

6. इन व्यंजकों को सरल कीजिए तथा इनके मान ज्ञात कीजिए, जब x का मान 2 है :

(i) x+7+4(x5)

(ii) 3(x+2)+5x7

(iii) 6x+5(x2)

(iv) 4(2x1)+3x+11

7. इन व्यंजकों को सरल कीजिए तथा इनके मान ज्ञात कीजिए, जब x=3,a=1 और b=2 है:

(i) 3x5x+9

(ii) 28x+4x+4

(iii) 3a+58a+1

(iv) 103b45b

(v) 2a2b45+a

8. (i) यदि z=10 है, तो z33(z10) का मान ज्ञात कीजिए :

(ii) यदि p=10 है, तो p22p100 का मान ज्ञात कीजिए।

9. यदि x=0 पर 2x2+xa का मान 5 के बराबर है, तो a का मान क्या होना चाहिए ?

10. व्यंजक 2(a2+ab)+3ab को सरल कीजिए और इसका मान ज्ञात कीजिए, जब a=5 और b=3 है ।

हमने क्या चर्चा की ?

1. चरों और अचरों से बीजीय व्यंजक बनते हैं। व्यंजकों को बनाने के लिए, हम चरों और अचरों पर योग, व्यवकलन, गुणन और विभाजन की संक्रियाएँ करते हैं। उदाहरणार्थ, व्यंजक 4xy+7 चरों x और y तथा अचरों 4 और 7 से बनाया गया है। अचर 4 तथा चरों x और y को गुणा करके 4xy बनाकर उसमें 7 जोड़ कर 4xy+7 बनाया जाता है।

2. व्यंजक पदों से मिलकर बनते हैं। पदों को जोड़ कर व्यंजक बनाया जाता है। उदाहरणार्थ, पदों 4xy और 7 को जोड़ने से व्यंजक 4xy+7 बन जाता है ।

3. एक पद, गुणनखंडों का एक गुणनफल होता है। व्यंजक 4xy+7 में पद 4xy गुणनखंडों x,y और 4 का एक गुणनफल है। चरों वाले गुणनखंड बीजीय गुणनखंड कहलाते हैं।

4. पद का गुणांक उसका संख्यात्मक गुणनखंड होता है। कभी-कभी पद का कोई भी एक गुणनखंड पद के शेष भाग का गुणांक कहलाता है ।

5. एक या अधिक पदों से बना व्यंजक एक बहुपद कहलाता है। विशिष्ट रूप से, एक पद वाला व्यंजक एकपदी, दो पदों वाला व्यंजक द्विपद तथा तीन पदों वाला व्यंजक त्रिपद कहलाता है।

6. वे पद जिनमें बीजीय गुणनखंड एक जैसे हों, समान पद कहलाते हैं तथा भिन्न-भिन्न बीजीय गुणनखंडों वाले पद असमान पद कहलाते हैं। इस प्रकार 4xy और 3xy समान पद हैं, परंतु 4xy और 3x समान पद नहीं हैं ।

7. एक समीकरण को हल करने और किसी सूत्र का प्रयोग करने जैसी स्थितियों में, हमें एक व्यंजक का मान ज्ञात करने की आवश्यकता होती है। बीजीय व्यजक का मान उन चरों के मानों पर निर्भर करता है, जिनसे वह बनाया गया है। इस प्रकार, x=5 के लिए 7x3 का मान 32 , है क्योंकि 7×53=32 है ।