घातर छिड़ान और बोर मॉडल के परिचय विषय (Ghaatar Chhidan aur Bohr Model ke Parichay Vishay)

रदरफोर्ड स्कैटरिंग

याद रखें: “सोने के पतले तार परिणाम ने परमाणु के ह्रदय का परदा उजागर किया”

  • रदरफोर्ड ने सोने का तार चुना क्योंकि इसकी पतलाई और इलेक्ट्रॉनों की प्रचुरता होती है।
  • तांत्रिक शरीर के मौजूदगी के कारण एल्फा कणों ने बड़े कोणों में छितराए।
  • छितराव के कोणों ने प्रभाव परिधि और नाभिकीय त्रिज्या के रिश्ते के बारे में परिदृश्य प्रदान किए।
  • परमाणु का त्रिज्या परमाणु के त्रिज्या से 1,00,000 गुना छोटा पाया गया, जिससे प्राथमिकतापूर्वक परमाणु के आयाम में खाली स्थान की अधिकांशता पता चली।

बोहर मॉडल का परिचय

याद रखें: “बोहर के ऊर्जा स्तर: परमाणु समझ में यात्रा का एकांतरज्ञान”

  • बोहर ने रदरफोर्ड के मॉडल को सुधारा और ऊर्जा स्तर और क्वंटिकरित ऊर्जा अवस्थाएं पेश की।
  • इलेक्ट्रॉन केवल निश्चित विलक्षण परिधियों में निश्चित त्रिकोणीय उर्ध्वाधर ले सकते हैं, जो उनके ऊर्जा स्तरों द्वारा निर्धारित होती हैं।
  • जब इलेक्ट्रॉन ऊर्जा स्तरों के बीच छलांग लेते हैं, तो फोटनों का उत्सर्जन या शोषण होता है, जिससे प्रकाशीय रेखाएं उत्पन्न होती हैं।
  • बोहर का मॉडल सफलतापूर्वक राइडबर्ग सूत्र का व्याख्यान किया।

अतिरिक्त बिंदु

याद रखें: “परमाणु छद्मागार और ऊर्जा मापन इकाइयाँ”

  • परमाणु संख्या (Z): प्रोटॉनों की संख्या, एक तत्व की पहचान निर्धारित करती है।
  • मास संख्या (A): परमाणु के नाभिक में प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों के योग।
  • आइसोटोप्स: विभिन्न प्रोटॉनों की संख्या के साथ समान तत्व (भिन्न A लेकिन समान Z)।
  • आइसोबार्स: मास संख्या में भिन्न तत्व (समान A लेकिन भिन्न Z)।
  • आइसोटोंज़: न्यूट्रॉनों की संख्या में भिन्न तत्व (समान N लेकिन भिन्न Z)।
  • इलेक्ट्रॉन वोल्ट (eV): परमाणु भौतिकी में प्रयोग होने वाली ऊर्जा मापन इकाई, 1 वोल्ट के विकसित की अवधि में प्राप्त की जाने वाली ऊर्जा के समान।
  • परमाणु इकाइयाँ (a.u.): मूलभूत स्थिरांकों से निर्धारित सुविधाजनक प्रणाली, जहां:
    • ई (इलेक्ट्रॉन धारा) = 1
    • m (इलेक्ट्रॉन का मास) = 1
    • 4πε0 = 1