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कूलॉंब का नियम:
1. दर्शन
कूलॉंब का नियम दो बिंदु धाराएँ ((q_1) और (q_2)) द्वारा अलगाव की गई एक दूरी ((r)) के बीच उत्पन्न होने वाली विद्युत क्षेत्रिय बल ((F)) का वर्णन करता है।
2. गणितीय रूप
$$[F = \frac{k |q_1 q_2|}{r^2}]$$ यहां:
- (F) विद्युत क्षेत्रिय बल है।
- (k) कूलॉंब की स्थायी मान है $$((8.99 \times 10^9 , \text{न्यूटन मीटर}^2/\text{कूलम्ब}^2)).$$
- q1 और q2 धाराओं के मान हैं।
- (r) धाराओं के बीच की दूरी है।
3. बल की दिशा
विपरीत धाराओं के लिए (एक सकारात्मक और एक ऋणात्मक) बल आकर्षक होता है और समान धाराओं के लिए (दोनों सकारात्मक या दोनों ऋणात्मक) बल प्रतिसंघी होता है।
4. समेकन सिद्धांत
कई धाराओं के कारण एक धारा पर कुल बल व्यक्तिगत धारा से होने वाले बलों के वेक्टर संयोजन का योग होता है।