नीट टॉपर से नोट्स
प्राणिसूं, जिनमें मानव भी शामिल हैं, समान लक्षण और वैज्ञानिक गुणधर्म साझा करने वाले एक प्रकार के स्तनधारी हैं। यहां प्राणिगत संगठन के संदर्भ में मानव जनन के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को पेश किया जाता है:
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समान जनन शरीर: पुरुषों और महिलाओं के पास विशेष जनन अंग होते हैं और मानवों सहित प्राणिसूं में एक ही जनन शरीर होती है। पुरुषों में इसमें शुक्राणु उत्पन्न करने वाली अंगूलियां शामिल होती हैं, और महिलाओं में इसमें अंडाशय होता है, जो अंडे (तन्तव) उत्पन्न करता है।
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लैंगिक विपरितता: मानव सहित कई प्राणिसूं, पुरुषों और महिलाओं में अलग शारीरिक विभेद होता है। मानवों में, यह शरीर के आकार और द्वितीयक लैंगिक विशेषताओं में अंतर समेत हो सकता है।
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मासिक धारा: मानवीय महिलाएं, कई महिला प्राणिसूं की तरह, मासिक धारा होती है। मासिक धारा के दौरान, अंडाशय से अंडे रिलीज़ होते हैं, और गर्भाशयी अंतःपर्त पोषण के लिए परिवर्तन करती है। यदि पैरोपकरण नहीं होता है, तो मासिक संवर्धन होता है।
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जोड़ी बाँधन: कुछ प्राणिबल, मानव सहित, जोड़ी बनाते हैं। यह एक पुरुष और महिला के बीच सामाजिक और भावनात्मक संबंध है, जिसे अक्सर दीर्घकालिक संयोग और मातृत्व से जोड़ा जाता है।
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पालकीभार: प्राणिसूं, विशेषतः मानव, अपनी विस्तृत पालकीभार के लिए प्रसिद्ध हैं। मानव शिशु एकदिवसीय रूप में जन्म लेते हैं और उन्हें अपने माता-पिता के द्वारा व्यापक देखभाल और पोषण की आवश्यकता होती है।
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सामाजिक संरचना: मानव सहित कई प्राणिसूं सामाजिक समूहों में रहते हैं। सामाजिक परस्परक्रियाएं आपसीनकी व्यवहारों और जीवसंगत का असर डाल सकती हैं।
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जनन रणनीति: प्राणिसूं के पास विविध जनन रणनीतियां होती हैं, जिनमें एकपत्नीता, बहुपत्नीता और संबंधितता शामिल होती है। मानव जनन रणनीतियां संस्कृति और व्यक्ति के मध्यः काफी भिन्न होती हैं।
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रजोदोष: कई अन्य प्राणिसूं की तुलना में मानवीय महिलाएं दोषगता का अनुभव करती हैं, जिसे बाद में जीवन में प्रजनन की स्थिति कहा जाता है। यह मानव जनन का एक अद्वितीय पहलू है।
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सांस्कृतिक पहलू: मानव जनन को सांस्कृतिक मान्यताओं, प्रथाओं और विश्वासों का प्रभाव पड़ता है। डेटिंग, विवाह और परिवार योजना से संबंधित प्रथाएं मानव समाजों में व्यापक रूप से अलग-थलग हो सकती हैं।