नीट टॉपर से नोट्स
हार्मोन प्रबंधन
प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन: ये हार्मोन गर्भावस्था को बनाए रखने और प्रसव के लिए शरीर की तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
रिलेक्सिन: इसका उपयोग प्रसव के लिए गर्भाशय की मांसपेशियों के संकुचन और गर्भाशय मुख के विस्तार में मदद करने के लिए किया जाता है।
गर्भवती मातृ के बदलाव और देखभाल
शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तन: गर्भावस्था में मां में कई शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तन होते हैं।
पोषण और जीवनशैली: सही पोषण, हानिकारक पदार्थों से बचना, और नियमित प्रेनेटल देखभाल माता और भ्रूण के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।
मेडिकल मॉनिटरिंग: मां और विकसित हो रहे भ्रूण के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए नियमित जाँच करवानी आवश्यक है।
प्रसव
लेबर की प्रारंभिका: सामान्यतः 40 सप्ताह के आसपास स्वभाविक रूप से होती है। इसमें हार्मोनों के उत्सर्जन और गर्भाशय की संकुचनाओं का समय होता है।
डिलीवरी: शिशु का जन्म होता है, जिसके बाद प्लेसेंटा का बाहर निकलना होता है।
पोस्टपार्टम अवधि
प्रसव के बाद, मां अपनी स्वास्थ्य सुधार, हार्मोनी को समायोजन, और स्तनपान की प्रारंभिका के बीच पोस्टपार्टम अवधि में प्रवेश करती है।