नीट टॉपर से नोट्स

सुनना:

सुनना ध्वनि को अनुभव करने का एक अनुभव है। इसमें बाह्य कान (पिना और श्रवण नाली), मध्य कान (त्वच्छ कला और अवयव), और आंतरिक कान (कोचला) शामिल हैं। ध्वनि किरणें कान नाली में प्रवेश करती हैं और कर्कशतम पेशाबंदी को मुड़ाती हैं। यह कर्कशता अवयवों के माध्यम से कोचला में पहुंचती हैं, जहां बाल कोशिकाएं यांत्रिक छिद्रण को विद्युतीय संकेत में बदलती हैं। ये संकेत श्रवण नर माध्यम से मस्तिष्क को पहुंचाए जाते हैं और श्रवण परिधि में प्रसंस्कृत किए जाते हैं।



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