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ड्रोसोफिला मेलेनोगास्टर
ड्रोसोफिला मेलेनोगास्टर, जिसे सामान्यतया फ्रूट फ्लाई के नाम से जाना जाता है, आनुवंशिकी में इन्हेरिटेंस और वेरिएशन के सिद्धांतों के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह छोटा कीट आनुवंशिकी अनुसंधान के लिए एक मॉडल प्रजाति रहा है क्योंकि:
1. छोटा पीढ़ी समय: फ्रूट फ्लाई का जीवन चक्र त्वरित होता है, हर कुछ हफ्तों में पीढ़ियाँ उत्पन्न होती हैं। यह छोटी पीढ़ी का समय जेनेटिक प्रदर्शनों की तेजी से अवलोकन करने की क्षमता प्रदान करता है।
2. प्रजनन की सुविधा: इन्हें प्रजनन करना और प्रयोगशाला में रखना आसान होता है, जिसके लिए यह आनुवंशिक प्रयोगों और अध्ययनों के लिए सुविधाजनक होता है।
3. वंसपति का औचित्य: एक जोड़े फ्रूट फ्लाई बड़ी संख्या में वंसपति उत्पन्न कर सकते हैं, जिससे आनुवंशिक विश्लेषण के लिए पर्याप्त नमूना आपूर्ति प्रदान की जा सकती है।
4. दृश्यमान क्रामिक गुणधर्म: फ्रूट फ्लाई में बिंदुप्रायी विशेष गुणधर्मों की विविधता होती है, जैसे आंख का रंग, पंखों की आकार और शरीर का रंग, जो विशेष जीनों द्वारा नियंत्रित होते हैं।
5. जीव-लिंगी बहुतंत्र: ड्रोसोफिला मेलेनोगास्टर में स्पष्ट जीव-लिंगी बहुतंत्र होती है, जिसमें पुरुषों और महिलाओं के बीच विशेषताएँ में अंतर होता है, जिसमें बाह्य जननांग और शरीर का आकार शामिल होता है।
6. पॉलीटीन क्रोमोसोम: फ्रूट फ्लाई में उठलहानों की लार के पॉलीटीन क्रोमोसोम होते हैं, जिन्हें विस्तृत क्रोमोसोम विश्लेषण और जीनों की मानचित्रण करने की अनुमति होती है।
7. परिवर्तन: फ्रूट फ्लाई में विभिन्न स्वाभाविक रूप से परिवर्तन के पहचाने गए हैं, जो गुणों पर आनुवंशिक परिवर्तन के प्रभाव का अध्ययन करने के अवसर प्रदान करते हैं।
ड्रोसोफिला मेलेनोगास्टर ने आनुवंशिकी के सिद्धांतों के समझने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिनमें शामिल हैं:
मेंडेलियन इन्हेरिटेंस: फ्रूट फ्लाई का उपयोग ग्रेगर मेंडल की अनुवंशिकी के सिद्धांतों, संम्प्रेषण के सिद्धांतों और स्वतंत्र वर्गीकरण के सिद्धांतों के सत्यानुभव के लिए किया गया था।
जीन मानचित्रण: फ्रूट फ्लाई के उपयोग ने जीन मानचित्रण की तकनीकों, जैसे संबंध मानचित्रण और पुन: संबंध मानचित्रण के विकास को लाया।
लिंग-संबंधित इन्हेरिटेंस: ड्रोसोफिला में लिंग-संबंधित विशेषताओं की खोज जीनों के स्थिति पर आधारित वंशागति को समझने में महत्वपूर्ण रही।
जीन क्रिया: फ्रूट फ्लाई का उपयोग जीन क्रियाओं, जैसे कभी बढ़ाने और पूरक जीन क्रिया, के अध्ययन के लिए किया गया था, जो प्रभावित करते हैं विकल्पास्वी नतीजों पर।
परिवर्तन अध्ययन: फ्रूट फ्लाई में स्वतंत्र और प्रेरित परिवर्तनों के अध्ययन ने आनुवंशिक विविधता और विकास में परिवर्तनों की भूमिका का स्पष्ट किया।