NEET टॉपर से नोट्स

निदान के लिए उपकरण: ईलीजा (एंजाइम-लिंकड़ इम्युनोसोर्बेंट एसे):

एंजाइम-लिंकड़ इम्युनोसोर्बेंट एसे (ELISA), जिसे आमतौर पर ईलीजा के नाम से जाना जाता है, विभिन्न बीमारियों के निदान में उपयोग होने वाला एक मुख्य निदान उपकरण है, जिसमें एचआईवी समेत विभिन्न बीमारियों के पता लगाए जाने में मदद मिलती है। ईलीजा अत्यंत संवेदनशील और विशेषित होता है और एचआईवी निदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब किसी व्यक्ति को एचआईवी से संपर्क होता है, तो उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली वायरस के खिलाफ प्रतिबोधकों की शिक्षा करती है। ईलीजा परीक्षा मरीज के रक्त नमूने में इन प्रतिबोधकों की मौजूदगी की जांच करती है। परीक्षा में, एचआईवी प्रतिलिपि पर एंटीजन पर माइक्रोप्लेट कोट किया जाता है और मरीज के सीरम को जोड़ा जाता है। यदि एचआईवी के लिए प्रतिबोधक प्रतिलिपि मौजूद होती हैं, तो वे प्लेट पर मौजूद एंटीजनों से जुड़ जाएंगी। यह जुड़ाव एंजाइम से लेबल लगे प्रतिबोधकों और रंग-ईंसार उत्पन्न करती रिएक्शन का उपयोग करके देखा जाता है। ईलीजा के परिणाम आमतौर पर प्राथमिक माने जाते हैं, और पॉजिटिव परिणामों की पुष्टि पश्चिमी ब्लॉटिंग अथवा पीसीआर जैसे अधिक विशिष्ट परीक्षणों के साथ की जाती है। ईलीजा केवल एचआईवी निदान के लिए ही नहीं, बल्कि विभिन्न अन्य संक्रामक और ऑटोइम्यून संक्रामक रोगों में प्रतिबोधकों या एंटीजनों की मौजूदगी की जांच के लिए भी प्रयुक्त होता है, इसलिए यह उपयोग में विशालक्षम होने वाला एक निदान औजार है।



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