इलेक्ट्रोस्टेटिक पोटेंशियल और कैपेसिटेंस अभ्यास
Question:
एक हाइड्रोजन परमाणु में, इलेक्ट्रान और प्रोटॉन 0.53 ˚A की दूरी पर बाँधे होते हैं: (a) इस प्रणाली का संभावित ऊर्जा परिभाषित करें ईवी में, जहां प्रोटॉन से इलेक्ट्रान के बहुत दूसरी दूरी पर पोटेंशियल ऊर्जा का शून्य ले रही होती है। (b) एलेक्ट्रॉन को छुड़ाने के लिए कम से कम काम क्या होगा, जबकि इसकी ओर्बिट में किनेटिक ऊर्जा पोटेंशियल ऊर्जा के मान के चौथाई होती है? (c) यदि पोटेंशियल ऊर्जा की शून्य मान 1.06 A˚ की दूरी पर ले रही होती है, तो (a) और (b) के उत्तर क्या होंगे?
Answer:
(a) एक हाइड्रोजन परमाणु की संभावित ऊर्जा को कुलोम्ब के कानून का उपयोग करके आंशिक तौर पर आंका जा सकता है:
PE = kq1q2/r
यहां क ब्याज का उपयोग किया जाता है, q1 और q2 इलेक्ट्रान और प्रोटॉन के आवेश होते हैं, और r उनके बीच की दूरी होती है।
इस मामले में, q1 = -1.6 x 10^-19 C, q2 = 1.6 x 10^-19 C, और r = 0.53 x 10^-10 m होता है।
इसलिए, PE = 8.99 x 10^9 Nm^2/C^2 x (-1.6 x 10^-19 C) x (1.6 x 10^-19 C) / (0.53 x 10^-10 m)
PE = -2.21 x 10^-18 जूल
इसे eV में परिवर्तित करने के लिए, हमें इलेक्ट्रॉन के चार्ज से विभाजित करना होगा:
PE = -2.21 x 10^-18 जूल / (1.6 x 10^-19 C)
PE = -13.8 ईवी
(b) एलेक्ट्रॉन को छुड़ाने के लिए कम से कम काम एक्सरकिनेटिक ऊर्जा के बराबर होता है। क्योंकि एलेक्ट्रॉन की किनेटिक ऊर्जा पोटेंशियल ऊर्जा के मान के आधा होती है, इलेक्ट्रॉन को छुड़ाने के लिए कम से कम काम पोटेंशियल ऊर्जा के मान के आधे होता है, यानी -6.9 ईवी।
(c) एक्सरकिनेटिक ऊर्जा के बराबर होता है। क्योंकि एलेक्ट्रॉन की किनेटिक ऊर्जा पोटेंशियल ऊर्जा के मान के आधा होती है, इलेक्ट्रॉन को छुड़ाने के लिए कम से कम काम पोटेंशियल ऊर्जा के मान के आधे होता है, यानी -3.35 ईवी।
Assume that initially, the sphere and the shell are not connected by a wire.
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The electric field due to the charge q2 on the shell at any point outside the shell is given by the formula E = k * q2 / r^2, where r is the distance from the center of the shell.
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Inside the sphere, the electric field due to the charge q1 is given by the formula E = k * q1 / r^2, where r is the distance from the center of the sphere.
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Since the electric field inside the sphere is greater than the electric field outside the sphere (for any value of r), the charges inside the sphere will experience a force in the outward direction.
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Now, when the sphere and the shell are connected by a wire, the charges will redistribute themselves in such a way that the potential inside and outside the sphere becomes equal.
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As a result, some positive charge will flow from the sphere to the shell, reducing the charge q1 on the sphere.
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This process will continue until the potential inside and outside the sphere is equal, causing charge to flow from the sphere to the shell.
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Therefore, it can be concluded that if q1 is positive, charge will necessarily flow from the sphere to the shell (when the two are connected by a wire) no matter what the charge q2 on the shell is.
Note: This process is known as charge redistribution and is governed by the principle of electrostatic equilibrium.
जवाब: जब परिपथ प्लेट कंडेंसर की दूरी आधे हो जाती है और इनके बीच माध्यजी का द्युतिमान संख्यातंत्र 6 से भरा जाता है, तो क्यापेसिटन्स की क्या होगी?
दिया गया है: संगणक इकाई: 1पिफ़ = 10^(-12) एफ
जवाब: कैपेसिटन्स (C) का फाराडे (F) में माप होता है।
दो प्लेटों के बीच दूरी को आधे किए जाने से, कैपेसिटन्स का मान दुगुना हो जाता है। यानी, नया कैपेसिटन्स (C_new) = 2C = 2 * 8 पिफ़ = 16 पिफ़
अब, जब इन दोनों प्लेटों के बीच माध्यजी भरती है और उसकी द्युतिमान संख्यातंत्र(K) होती है, तो कैपेसिटन्स (C) बदल जाती है।
यानी, नया कैपेसिटन्स (C_new) = C * K = 8 पिफ़ * 6 = 48 पिफ़
इसलिए, परिपथ प्लेट कंडेंसर की कैपेसिटन्स 16 पिफ़ और 48 पिफ़ होगी, जब प्लेटों के बीच की दूरी आधे हो जाती है और इनके बीच माध्यजी का द्युतिमान संख्यातंत्र 6 से भरा जाता है।
यदि आप एक बच्चा मगरमच्छ होते, तो क्या आप मकर को बताएंगे कि वह गलत थे? आप उसे कैसे मनाएंगे?
उत्तर:
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पहले, मैं मकरा के कहने के लिए ध्यान से सुनूँगा ताकि मुझे समझ में आए कि वह क्यों विश्वास करता है कि वह सही हैं।
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फिर, मैं मकरा को एक सभ्य तरीके से समझाऊंगा कि मुझे लगता है कि वह गलत हैं।
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मैं अपने युक्तियों को समर्थन करने के लिए साक्ष्य पेश करूँगा, जैसे कि तथ्य या उदाहरण।
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अंत में, मैं मकर की कोशिश कर रहा हूँ कि जो समस्या वह सुलझाने की कोशिश कर रहा है, उसका समाधान प्रस्तावित करूँ या एक वैकल्पिक दृष्टिकोण सुझाएँ।
उत्तर:
पर कापी प्लेट कैपेसिटर के हर प्लेट पर बल कैपेसिटर के बीच के विद्युत शक्ति के कारण विद्युत बल होता है। प्लेट के बीच के विद्युत शक्ति की मात्रा E के बराबर होती है, और कैपेसिटर पर आवर्तनी विद्युति Q के बराबर होती है।
कूलंब का नियम के अनुसार, दो विद्युत शक्तियों के बीच विद्युत बल की मात्रा (1/4piε)Q1Q2/r^2 के बराबर होती है, यहां Q1 और Q2 प्लेटों पर आवर्तनी करने वाले की शक्ति है, और r प्लेटों के बीच की दूरी है।
प्लेटों के बीच की दूरी स्थिर होने के कारण, विद्युत बल की मात्रा (1/4piε)Q1Q2/r^2 के बराबर होती है।
प्लेट पर आवर्तनी करने वाली हर एक शक्तियों के बार्गी बराबर होने के कारण, विद्युत बल की मात्रा (1/4piε)Q^2/r^2 के बराबर होती है।
प्लेटों के बीच की दूरी स्थिर होने के कारण, विद्युत शक्ति की मात्रा E के बराबर होती है, विद्युत बल की मात्रा (1/4piε)Q^2/r^2 = (1/2)QE के बराबर होती है।
इस तरह से, परालल प्लेट कैपैसिटर की प्रत्येक प्लेट पर बल का आकार (1/2)QE के बराबर होता है, जहां Q कैपैसिटर पर चार्ज है, और E प्लेटों के बीच के विद्युत क्षेत्र का आकार है। केरसल के बीच के आपसीक विद्युत बल का कुल बल निर्णय द्वारा 1/2 करण होने का कारण है।
प्रश्न: 2 F परालल प्लेट कैपैसिटर के प्लेटों का क्षेत्र क्या होगा, जहां प्लेटों के बीच का अंतर 0.5 सेमी मीटर है? [आप अपने उत्तर से यह समझेंगे कि सामान्य कैपैसिटर यूएफ या उससे कम की श्रेणी में हैं। हालांकि, इलेक्ट्रोलिटिक कैपैसिटर का कैपैसिटेंस बहुत अधिक होता है (0.1 एफ) क्योंकि चालकों के बीच बहुत छोटे अंतर होते हैं।]
उत्तर: चरण 1: कैपैसिटर के प्लेटों का क्षेत्र निर्णय करें।
क्षेत्र = (प्लेटों के बीच का अंतर) x (प्लेटों की चौड़ाई)
चरण 2: समीकरण में दिए गए मानों की जगह डालें।
क्षेत्र = (0.5 सेमी मीटर) x (प्लेटों की चौड़ाई)
चरण 3: प्लेटों का क्षेत्र निर्णय करें।
क्षेत्र = 0.5 सेमी मीटर x (प्लेटों की चौड़ाई)
इसलिए, 2 F परालल प्लेट कैपैसिटर के प्लेटों का क्षेत्र 0.5 सेमी मीटर x (प्लेटों की चौड़ाई) होगा।
चरण 4: समझें कि सामान्य कैपैसिटर यूएफ या उससे कम की श्रेणी में हैं।
2 F परालल प्लेट कैपैसिटर के प्लेटों का क्षेत्र बहुत छोटा होता है (0.5 सेमी मीटर x (प्लेटों की चौड़ाई))। इसलिए, सामान्य कैपैसिटर आमतौर पर यूएफ या उससे कम की श्रेणी में होते हैं।
चरण 5: समझें कि इलेक्ट्रोलिटिक कैपैसिटर का कैपैसिटेंस बहुत अधिक क्यों होता है।
इलेक्ट्रोलिटिक कैपैसिटर का कैपैसिटेंस बहुत अधिक होता है (0.1 एफ) क्योंकि चालकों के बीच बहुत छोटे अंतर होते हैं।
प्रश्न: एक गोल चालकी छलक जिसकी आंतरिक त्रिज्या r1 और बाहरी त्रिज्या r2 हो, परिमाण Q वाली चार्ज से लया हुआ है। (क) चालकी के आंतरिक और बाहरी सतहों पर पृष्ठीय चार्ज घनत्व क्या होगा? (ख) क्या चालकी की गड़बड़ आकृति होने के बावजूद खाली एक छिद्र में विद्युत क्षेत्र (कोई चार्ज न होने पर भी) शून्य होता है? स्पष्ट करें।
उत्तर: क) चालकी की आंतरिक सतह पर पृष्ठीय चार्ज घनत्व q/4πr1^2 होती है और बाहरी सतह पर पृष्ठीय चार्ज घनत्व (Q + q)/4πr2^2 होती है।
ख) नहीं, खाली एक छिद्र के भीतर विद्युत क्षेत्र आवश्यक रूप से शून्य नहीं होता है, हालांकि चालकी खाली एक छिद्र की आकृति क्षेत्र पर प्रभावित कर सकती है। यदि चालकी की गड़बड़ आकृति है, तो चालकी के भीतरी छिद्र में विद्युत क्षेत्र को शून्य नहीं कर सकती है, चाहे वह छिद्र के भीतर कोई चार्ज न हो।
प्रश्न: 12 सेमी मीटर की त्रिज्या वाली एक गोल चालक की सतह पर 1.6×10^−7C चार्ज पैमाने से हैं। विद्युत क्षेत्र क्या है (क) गोल के भीतर (ख) इसके थोड़े बाहर (ग) यदि गोल के केंद्र से 18 सेमी मीटर की दूरी पर एक बिना चार्ज के बिंदु पर?
उत्तर: (क) गोल के भीतर विद्युत क्षेत्र शून्य है।
Explain what would happen if in the capacitor given in Exercise a 3mm thick mica sheet (of dielectric constant = 6) were inserted between the plates,
(a) While the voltage supply remained connected.
- The capacitance of the capacitor would increase, since the dielectric constant of mica is greater than that of air. This would result in a larger charge on each plate and an increase in the stored energy in the capacitor.
(b) After the supply was disconnected.
- When the supply is disconnected, the mica sheet would act as an insulator, preventing the flow of charge between the plates. The charge on each plate would remain constant, as there is no way for the charge to escape. However, the electric field between the plates would decrease, resulting in a decrease in the stored energy in the capacitor.
(a) यदि बिजली वोल्टेज सप्लाई कनेक्टेड रहती हुई, तो प्लेट्स के बीच एक 3 मिमी मोटी माइका शीट (डाइइलेक्ट्रिक कंस्टेंट = 6) को प्रविष्ट किया जाता है, केपेसिटर की क्षमता बढ़ जाएगी। कोंडेंसर की क्षमता निम्नानुसार प्राप्त की जा सकती है:
केपेसिटर की क्षमता = εr * ε0 * A/d = 6 * 8.85 * 10^-12 * 6 * 10^-3 / 0.003 = 211.4 * 10^-9 F
केपेसिटर की प्रत्येक प्लेट पर चार्ज भी बढ़ जाएगी:
केपेसिटर की प्रत्येक प्लेट पर चार्ज = केपेसिटर * वोल्टेज = 211.4 * 10^-9 * 100 = 2.114 * 10^-6 C
(b) यदि माइका शीट प्रविष्ट होने के बाद सप्लाई को डिस्कनेक्ट कर दिया गया होगा, तो केपेसिटर की क्षमता समान रहेगी (211.4 * 10^-9 F)। हालांकि, केपेसिटर की प्रत्येक प्लेट पर चार्ज शून्य हो जाएगी क्योंकि वोल्टेज सप्लाई डिस्कनेक्ट होती है।
सवाल:
एक विद्युत तकनीशियन को एक सर्किट में 1 kV के पोटेंशियल अंतर से 2μF की क्षमता की आवश्यकता होती है। उसके पास 1μF के बहुत सारे कैपेसिटर्स हैं, जिनमें हर एक 400 V से अधिक पोटेंशियल अंतर बर्दाश्त कर सकता है। कम से कम संख्या के कैपेसिटर्स की सूचना दें, जो आवश्यक है।
उत्तर:
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उपलब्ध कैपेसिटर्स के माध्यम से आवश्यक कैपेसिटन्स की गणना करें: 2μF = 2 x 1μF
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आवश्यक कैपेसिटर्स की कम से कम संख्या का निर्धारण करें: 2 x 1μF = 2 कैपेसिटर्स
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कैपेसिटर्स को बर्दाश्त करने के लिए कुल पोटेंशियल अंतर निर्धारित करें: 1 kV = 1000 V
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प्रत्येक कैपेसिटर द्वारा बर्दाश्त किया जा सकने वाला अधिकतम पोटेंशियल अंतर निर्धारित करें: 400 V
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एक संभावित व्यवस्था सुझाएं: दो 1μF कैपेसिटर्स को श्रृंखलाबद्ध रूप से कनेक्ट किया जाना चाहिए, ताकि कुल कैपेसिटन्स 2μF हो और कुल पोटेंशियल अंतर 800 V हो, जो प्रत्येक कैपेसिटर के अधिकतम पोटेंशियल अंतर के भीतर होता है।
सवाल:
एक लंबी चार्जयुक्त सिलेंडर जिसका रैलियंस्टिक्स लाइनियर विभाज्यता λ है, उसे एक खगोलीय सी-अक्षीय निर्देश वाले साधन के द्वारा घेरे जाता है। इन दो सिलेंडरों के बीच क्षेत्र में विद्युतीय विभाव क्या है?
उत्तर:
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आवश्यकता के भौतिक मापकों की पहचान करें, जिसमें लाइनियर चार्ज घनत्व λ, दो सिलेंडरों के आंतरिक और बाहरी त्रस्त करने वाले व्यासों, और उनके बीच की दूरी शामिल है।
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आंतरिक सिलेंडर पर कुल चार्ज की गणना करें, में सीधी रेखा घनत्व का सृजन करने के लिए ब्रह्मगुप्ता सूत्र का उपयोग करें, जहां r आंतरिक सिलेंडर का त्रिज्या है।
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गौस का कानून का उपयोग करके दो सिलेंडरों के बीच क्षेत्र में विद्युत विभाव की गणना करें। विद्युत विभाव हमें प्राप्त करेंगे द्वारा दिए गए समीकरण E = λ/2πεo, जहां εo मुक्त अंतरिक्ष की अवतीयता है।
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दो सिलेंडरों के बीच क्षेत्र में विद्युत विभाव की गणना करें, उपयोग करेंद्वारा दिए गए समीकरण E = Q/Aεo, जहां Q आंतरिक सिलेंडर पर कुल चार्ज है और A दो सिलेंडरों के बीच क्षेत्र का क्षेत्र है।
सवाल:
दो छोटे गोले, जिनमें 1.5μC और 2.5μC के चार्ज होते हैं, 30 सेमी अलग होते हैं। पोटेंशियल और विद्युतीय विभाव की गणना करें:
उत्तर:
उत्तर:
- विद्युतीय विभाव की गणना करें: E = kq1q2/r^2 E = 8.9910^9 Nm^2/C^2 * 1.510^-6 C * 2.5*10^-6 C / (0.3 m)^2
बहुत सावधानी से जवाब दें:
एक दोहरी तलब मापक को 100 Hz तक के आवृत्ति के लिए तैयार किया जाना है। यदि एक काम का लागती मोटर वायर का गिला स्पंदन हो तो एक 2 हैंडकर्चीफ के पर्याप्त संपर्क को किस प्रकार ध्यान में रखा जा सकता है ताकि दोहरी धुंधला पैमाने लीडर की तलब बना सकता है?
उत्तर: अधिक कामी वायर के पर्याप्त संपर्क के लिए, गिला स्पंदन होने चाहिए। इसके लिए, वायर को दोहरी तलब मापक के लेडर में गाढ़े ढंग से खिसकाया जा सकता है। वायर को दोहरी तलब मापक की तलब के बीच में घुसाया जाना चाहिए ताकि संपर्क का कोई घिलाव न हो और सही माप की तलब प्राप्त की जा सके। मापक को सुरक्षित और स्थिर रखने के लिए, दोहरी तलब मापक को एक सलाना अथवा पकड़ना योग्य स्थान पर रखा जा सकता है, जैसे कि एक मेज पर या एक ठोस सतह पर।
Comment tu t’appelles?
The plates of a parallel plate capacitor have an area of 90 cm2 each and are separated by 2.5 mm. The capacitor is charged by connecting it to a 400 V supply. (a) How much electrostatic energy is stored by the capacitor? (b) View this energy as stored in the electrostatic field between the plates, and obtain the energy per unit volume u. Hence arrive at a relation between u and the magnitude of electric field E between the plates
Answer:
(a) धार्मिक कंडेंसर द्वारा संग्रहित धार्मिक ऊर्जा = १/२ × कंडेंसर क्षमता × वोल्टेज²
कंडेंसर क्षमता = ईएप्साइलॉन × क्षेत्र/अलगाव
= ८.८५४ × १०⁻¹² × ९०/२.५ × १०⁻³
= ३.५४३ × १०⁻⁸ फार्ड
अतः, धार्मिक कंडेंसर द्वारा संग्रहित धार्मिक ऊर्जा = १/२ × ३.५४३ × १०⁻⁸ × ४००²
= ०.०१४ जूल
(b) घन क्षेत्र के हरितेय बांधन के रूप में संग्रहित ऊर्जा प्रति घनमात्र u = धार्मिक ऊर्जा/कंडेंसर की आयतन
कंडेंसर की आयतन = क्षेत्र × अलगाव
= ९० × २.५ × १०⁻³
= ०.२२५ सेमी³
अतः, घन क्षेत्र के हरितेय बांधन प्रति घनमात्र u = ०.०१४/०.२२५
= ०.०६२ जूल/सेमी³
घन क्षेत्र E के मान के बीच एक संबंध में घन क्षेत्र u और इलेक्ट्रिक फ़ील्ड E = u = १/२ ईएप्साइलॉन E²
Question:
Two charges -q and +q are located at points (0, 0, -a) and (0, 0, a), respectively. (a) What is the electrostatic potential at the points (0, 0, z) and (x, y, 0) ? (b) Obtain the dependence of potential on the distance r of a point from the origin when r/a » 1 (c) How much work is done in moving a small test charge from the point (5,0,0) to (-7,0,0) along the x-axis? Does the answer change if the path of the test charge between the same points is not along the x-axis?
Answer:
(a) बिन्दुओं (0, 0, z) और (x, y, 0) पर आधार्मिक क्षमता एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक दूरी का उपयोग करके समझी जा सकती है कि V = k * (q1/r1 + q2/r2). यहां, k कूलंब का स्थिर, q1 और q2 (0, 0, -a) और (0, 0, a) में दो आदानुयासों के छारों के होते हैं, और r1 और r2 (0, 0, z) और (x, y, 0) तक आदानुयासों से दूरी होती हैं।
(b) मूलभूत से दूरी r से मांग को प्राप्त करने के लिए V = k * (q1/r1 + q2/r2) समीकरण में r1 और r2 के लिए r को बदलकर प्रायोग करके प्राप्त की जा सकती है। जब r/a » 1 होता है, तो पोटेंशियल को उपयुक्त आपूर्ति V = 2kq/r के रूप में अनुमानित किया जा सकता है।
(c) (5,0,0) से (-7,0,0) तक x-अक्ष के माध्यम से एक छोटे टेस्ट चार्ज को स्थानांतरित करने में कितना काम किया गया है, इसकी गणना W = ∫Fdx का उपयोग करके की जा सकती है। यहां, F दो आदानुयासों के बीच आधार्मिक बल है और x दो बिंदुओं के बीच दूरी है। अगर टेस्ट चार्ज के बीच यही बिंदु होते हैं, तो जवाब बदल जाएगा क्योंकि दो बिंदुओं के बीच दूरी अलग होगी।