विकिरण और पदार्थ के युग्मी प्रकृति अभ्यास
प्रश्न:
एक इलेक्ट्रॉन और एक फोटॉन की प्रत्येक की तरंगदैर्य 1.00 नैनोमीटर है। इसे ढूंढे (अ) उनका पलना, (ब) फोटॉन की ऊर्जा, और (स) इलेक्ट्रॉन की किनेटिक ऊर्जा।
उत्तर:
(अ) इलेक्ट्रॉन का पलन = h/λ = (6.626 x 10^-34 जैोलिसिक) / (1.00 x 10^-9 मीटर) = 6.626 x 10^-25 किलोग्राम मीटर/सेकंद
फोटॉन का पलन = h/λ = (6.626 x 10^-34 जैोलिसिक) / (1.00 x 10^-9 मीटर) = 6.626 x 10^-25 किलोग्राम मीटर/सेकंद
(ब) फोटॉन की ऊर्जा = हf = (6.626 x 10^-34 जैोलिसिक) x (3.00 x 10^8 मीटर/सेकंद) / (1.00 x 10^-9 मीटर) = 1.99 x 10^-19 जूल
(स) इलेक्ट्रॉन की किनेटिक ऊर्जा = (1/2) mv^2 = (1/2)(9.11 x 10^-31 किलोग्राम)(3.00 x 10^8 मीटर/सेकंद)^2 = 4.33 x 10^-14 जूल
प्रश्न:
एक निश्चित धातु के लिए कार्य सूत्र 4.2 इलेक्ट्रॉन-वोल्ट है। क्या इस धातु को 330 नैनोमीटर की ऊर्जा वाले घुसने वाले विकिरण के लिए फोटोइलेक्ट्रिक उत्सर्जन देगा?
उत्तर:
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ऊर्जा 330 नैनोमीटर को ऊर्जा में बदलें: E = hc/λ = (6.626 x 10^-34 जैोलिसिक x 3 x 10^8 मीटर/सेकंद) / (3.3 x 10^-7 मीटर) = 6.1 x 10^-19 जूल
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उत्सर्जित विकिरण की ऊर्जा को धातु के काम सूत्र के साथ तुलना करें: 6.1 x 10^-19 जूल < 4.2 इलेक्ट्रॉन-वोल्ट = 6.6 x 10^-19 जूल
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निष्कर्ष: नहीं, इस धातु को 330 नैनोमीटर की ऊर्जा वाले घुसने वाले विकिरण के लिए फोटोइलेक्ट्रिक उत्सर्जन नहीं देगा।
प्रश्न:
दिखाएं कि इलेक्ट्रॉमैग्नेटिक विकिरण की तरंगदैर्य, उसके कौंटम (फोटॉन) की दे ब्रोगली तरंगदैर्य के बराबर है।
उत्तर:
- याद रखें कि इलेक्ट्रॉमैग्नेटिक विकिरण की तरंगदैर्य ऊर्जा और ऊज्ज की तरंगदैर्य के बिभाजन की तरह होती है।
λ = c/f
- इतना भी ध्यान रखें कि कौंटम (फोटॉन) की दे ब्रोगली तरंगदैर्य, प्लैंक के ऐसे सूत्र से होती है जिसमें इसकी पलना के अनुपात में प्लैंक का स्थाई क्रमांक होता है।
λ = h/p
- क्योंकि एक फोटॉन की पलना उसकी ऊज्ज में इसकी तरंगदैर्य के गुणा है, इसलिए दे ब्रोगली तरंगदैर्य को इस तरह लिखा जा सकता है:
λ = h/fh
- इस व्यंजक को इलेक्ट्रॉमैग्नेटिक विकिरण की तरंगदैर्य के लिए समीकरण में प्रतिस्थापित करते हुए:
λ = c/fh
- h एक स्थाई व्यंजक होने के कारण, यह समीकरण सरलैता करने के लिए हो सकता है:
λ = c/f
- यह इलेक्ट्रॉमैग्नेटिक विकिरण की तरंगदैर्य के लिए समान समीकरण है, जिससे इसका प्रमाणित होता है कि इलेक्ट्रॉमैग्नेटिक विकिरण की तरंगदैर्य उसके कौंटम (फोटॉन) की दे ब्रोगली तरंगदैर्य के बराबर है।
प्रश्न:
एक नियमित सूखी धातु की रोशनी 640.2नैनोमीटर की ऊर्जा (1नैनोमीटर=109मीटर) किसी न्यूनत K का सामरिकी सामग्री पर बिजलीविद्युत आपक्षेत्र छोडती। निलम्बदून वोल्ट परीक्षण करके 0.54V मापा जाता है। स्रोत को लोहे के स्रोत से मापा जाता है, और उसका 427.2 नैनोमीटर रेखा उसी फोटो सेल पर प्रक्षेपित करता है। नया निलम्बदून वोल्ट की भविष्यवाणी करें।
उत्तर:
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नियमित सूखी धातु की रोशनी से मोनोक्रोमैटिक रेडिएशन की ऊर्जा की गणना करें उस समीकरण का उपयोग करके जहां E = hc/λ, यहां h से है प्लैंक का स्थाई और टीका अक्ष सीमा (6.626 x 10-34 जूल-नियो, c है अक्षमान्यसमत्य (3 x 108 मीटर/सेकंड) हैं, और λ है (640.2नैनोमीटर)।
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प्रक्षेपित करता है। कैशियम पर टन्गस्टन सूक्ष्म उत्पाद में काम का सूत्र की गणना करें उस समीकरण का उपयोग करके जहां W = eV, यहां e है इलेक्ट्रॉन के आरोह, गति है एकोन्य चार्जें (1.6 x 10-19क्यूलंब), और V है निलम्बदून वोल्ट (0.54V)।
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आयतम स्रोत से एकविंशी विकिरण की ऊर्जा की गणना कीजिए इस समीकरण का प्रयोग करके E = हेतु सांख्यिकीय (6.626 x 10-34 जीएस), सी चाल (3 x 10-8मी/सेकंड) और लंबवती विकिरण की लंबवेली (427.2 नैनोमीटर) के बारे में, जहां h होता है प्लांक का नियम (6.626 x 10-34 जीएस), c प्रकाश की गति (3 x 10-8मी/सेकंड) होती है, और लंबवती विकिरण की लंबवेली (427.2 नैनोमीटर) है।
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इलेक्ट्रॉन के चालु वोल्टेज की नई गणना कीजिए, जबकि W फ़ोटो संवेदी सामग्री के कार्य को (चरण 2 में गणना की गई) और e इलेक्ट्रॉन के आपदा को (1.6 x 10-19 कुलम्ब) प्रयोग करके, V = W/e समीकरण से।
प्रश्न: 30 केवी इलेक्ट्रॉन्स द्वारा उत्पन्न किए गए एक्स-रे की (अ) अधिकतम आकृति (ब) कमतरता लंबवेली की प्राप्ति के निम्न सीमा क्या होगी?
उत्तर: (अ) अधिकतम आकृति:
चरण 1: इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा की गणना कीजिए।
E = 30 केवी = 30,000 वोल्ट = 30,000 x 1.6 x 10^-19 जी
चरण 2: एक्स-रे की आकृति की गणना कीजिए।
f = E/h
जहां h प्लांक का नियम (6.63 x 10^-34 जीएस) है।
f = (30,000 x 1.6 x 10^-19 जी)/(6.63 x 10^-34 जीएस)
f = 4.5 x 10^14 हर्ट्ज़
इसलिए, 30 केवी इलेक्ट्रॉन्स द्वारा उत्पन्न किए गए एक्स-रे की अधिकतम आकृति 4.5 x 10^14 हर्ट्ज़ होती है।
(ब) कमतरता लंबवेली:
चरण 1: एक्स-रे की आकृति की गणना कीजिए।
f = 4.5 x 10^14 हर्ट्ज़
चरण 2: एक्स-रे की लंबवेली की गणना कीजिए।
λ = c/f
जहां c प्रकाश की गति (3 x 10^8 मी/सेकंड) है।
λ = (3 x 10^8 मी/सेकंड)/(4.5 x 10^14 हर्ट्ज़)
λ = 6.67 x 10^-7 मी
इसलिए, 30 केवी इलेक्ट्रॉन्स द्वारा उत्पन्न किए गए एक्स-रे की कमतरता लंबवेली 6.67 x 10^-7 मी होती है।
प्रश्न: सोडियम के स्पेक्ट्रल उत्सर्जन रेखा से प्रकाश की लंबवेली 589 नैनोमीटर होती है। किनेटिक ऊर्जात्मक प्रश्न प्राप्त कीजिए जिस पर (ए) एक इलेक्ट्रॉन, और (ब) एक न्यूट्रॉन की समान दी ब्रोगली लंबवेली होगी।
उत्तर: अ) इलेक्ट्रॉन की किनेटिक ऊर्जा = (h^2) / (2mλ^2) = (6.626 x 10^-34 जीएस)^2 / (2 x 9.109 x 10^-31 किलोग्राम x (589 x 10^-9 मीटर)^2) = 2.4 x 10^-19 जी
ब) न्यूट्रॉन की किनेटिक ऊर्जा = (h^2) / (2mλ^2) = (6.626 x 10^-34 जीएस)^2 / (2 x 1.675 x 10^-27 किलोग्राम x (589 x 10^-9 मीटर)^2) = 3.7 x 10^-13 जी
प्रश्न:
रबीडियम फ़ोटो-सेल के साथ हमारे प्रयोग में, ह्यूमरी स्रोत से निम्न रेखाओं का प्रयोग किया गया था
λ1=3650A˚,λ2=4358A˚,λ3=4358A˚,λ4=5461A˚,λ5=6907A˚.
प्रतिरोध वोल्टेजों, क्रमशः, निम्न गणना के हिसाब से मापे गए थे
V01=1.28V, V02=0.95V, V03=0.74V, V04=0.16V,V05=0V,
हेतु की मान, अवरोधक घटक और कार्य की मूल्य निर्धारित कीजिए।
उत्तर:
- स्पेक्ट्रल रेखाओं की आकृति की गणना कीजिए।
λ1=3650A˚, f1=8.4 x 10^14 हर्ट्ज़ λ2=4358A˚, f2=6.9 x 10^14 हर्ट्ज़ λ3=4358A˚, f3=6.9 x 10^14 हर्ट्ज़ λ4=5461A˚, f4=5.5 x 10^14 हर्ट्ज़ λ5=6907A˚, f5=4.3 x 10^14 हर्ट्ज़
- अवरोधक घटक की गणना कीजिए.
स्थिर वोल्टेज वह प्रतिरोध आकृति है जिस पर स्थिर वोल्टेज शून्य होती है। इस मामले में, प्रतिरोध आकृति f5=4.3 x 10^14 हर्ट्ज़ है।
- कार्य की मूल्य की गणना कीजिए।
कंटेंट का हिन्दी संस्करण क्या होगा: कार्य संक्रमण कार्य स्पेक्ट्रल रेखा के स्थानांतर प्रतिध्वनि और आवर्ती आवृत्ति के बीच का अंतर है।
V01=1.28V, f1=8.4 x 10^14 Hz, W1=1.28V - 8.4 x 10^14 Hz = -8.4 x 10^14 eV V02=0.95V, f2=6.9 x 10^14 Hz, W2=0.95V - 6.9 x 10^14 Hz = -6.9 x 10^14 eV V03=0.74V, f3=6.9 x 10^14 Hz, W3=0.74V - 6.9 x 10^14 Hz = -6.9 x 10^14 eV V04=0.16V, f4=5.5 x 10^14 Hz, W4=0.16V - 5.5 x 10^14 Hz = -5.5 x 10^14 eV V05=0V, f5=4.3 x 10^14 Hz, W5=0V - 4.3 x 10^14 Hz = -4.3 x 10^14 eV
औसत कार्य संक्रमण -6.1 x 10^14 eV है।
- प्लांक का निर्णय करें।
प्लांक का मान है W/f का उपयोग करके निर्णय किया जा सकता है, जहां W कार्य संक्रमण है और f आवर्ती आवृत्ति है।
h=W/f h=-6.1 x 10^14 eV / 4.3 x 10^14 Hz h=-1.4 x 10^-34 Js
प्रश्न:
एक निश्चित धातु के लिए थ्रेशोल्ड आवृत्ति 3.3×10^14Hz है। यदि ऋक्त आवृत्ति 8.2×1014Hz हैं, तो फोटोइलेक्ट्रिक उत्कीर्णन के लिए कटऑफ वोल्टेज की पूर्वानुमान करें।
उत्तर:
चरण 1: थ्रेशोल्ड आवृत्ति (3.3×10^14Hz) और ऋक्त आवृत्ति (8.2×1014Hz) के बीच का अंतर की गणना करें।
अंतर = 8.2×1014Hz - 3.3×10^14Hz = 4.9×1014Hz
चरण 2: कटऑफ वोल्टेज की गणना करने के लिए hf = eV के सूत्र का उपयोग करें।
V = hf/e
V = (6.626×10^-34 जूल × 4.9×1014Hz)/(1.602×10^-19 कूलम्ब)
V = 0.065V
प्रश्न:
(a) 0.040 किलोग्राम के गोली की देब्रॉगली तारंगदैर्घ्य क्या होगी जो 1.0 किमी/घंटे की गति से चल रही है, (b) 0.060 किलोग्राम के गेंद जो 1.0 मीटर/सेकंड की गति से चलती है, (c) 1.0×10^9 किलोग्राम के धूलभागी जिसकी 2.2 मीटर/सेकंड की गति से परिधान हो रही है?
उत्तर:
(a) देब्रॉगली तारंगदैर्घ्य = h/mv = (6.63×10^-34 जूल-सेकंड)/(0.040 किलोग्राम)(1000 मीटर/सेकंड) = 1.65×10^-36 मीटर
(b) देब्रॉगली तारंगदैर्घ्य = h/mv = (6.63×10^-34 जूल-सेकंड)/(0.060 किलोग्राम)(1 मीटर/सेकंड) = 1.10×10^-34 मीटर
(c) देब्रॉगली तारंगदैर्घ्य = h/mv = (6.63×10^-34 जूल-सेकंड)/(1.0×10^-9 किलोग्राम)(2.2 मीटर/सेकंड) = 3.00×10^-26 मीटर
प्रश्न:
किनेटिक ऊर्जा 120 eV वाले इलेक्ट्रॉन की (a) गति, (b) वेग, और (c) देब्रॉगली तारंगदैर्घ्य क्या होगी?
उत्तर:
(a) गति = sqrt(2mK) = sqrt(29.1110^-311201.610^-19) = 1.3910^-24 किलोग्राम मीटर/सेकंड
(b) वेग = sqrt(2K/m) = sqrt(21201.610^-19/9.1110^-31) = 1.82*10^6 मीटर/सेकंड
(c) देब्रॉगली तारंगदैर्घ्य = h/p = 6.62610^-34/1.3910^-24 = 4.77*10^-11 मीटर
प्रश्न:
प्रेम को अपने गांव में वापस नहीं लौटने का कारण क्या है?
उत्तर:
- प्रेम को अपने गांव में एक दुखद घटना या खराब अनुभव का सामना हो सकता है।
- उसके गांव में उसके साथ बदसलूकी या भेदभाव हो सकता है।
- उसके गांव में उसके साथ मतभेद हो सकता है।
- उसके गांव में अपने घरीलू लोगों के साथ संबंधों में कठिनाइयाँ हो सकती हैं।
- उसके गांव में जीवनशैली या संस्कृति पर उसका अनुकरण नकारात्मक राय हो सकती है।
- उसे गांव के लाइफस्टाइल या संस्कृति की मार्गदर्शन नहीं मिलती हो सकती है।
- वह अपने गांव से अलग रोजगार या जीवनशैली की खोज में हो सकता है।
दृश्य प्रकाशन के घटक 10−5 डब्ल्यू/वर्ग मी परछन्न पर गिरता है एक सोडियम फोटो-सेल पर जिसका पृष्ठीय क्षेत्र 2 सेंटीमीटर^2 है। मानना की सोडियम की ऊर्जा कारेमबस्था की ऊर्जा का निष्कर्षण करने के बाद के 5 परतें घटित करती हैं, तवक करणीय समय लगाने की संभावना क्या है? मेटल में काम कारेमबस्था का मान लगभग 2 इलेक्ट्रॉन-वोल्ट है। आपके उत्तर का क्या अर्थ है?
Answer:
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सोडियम फोटो-सेल द्वारा अवशिष्ट कुल ऊर्जा की गणना करें: कुल अवशिष्ट ऊर्जा = 10^-5 डब्ल्यू/वर्ग मी x 2 सेंटीमीटर^2 = 2 x 10^-5 जूल
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फोटोइलेक्ट्रिक कारेमबस्था के लिए कुल ऊर्जा की गणना करें: कुल ऊर्जा की आवश्यकता = कारेमबस्था x इलेक्ट्रॉन के चार्ज = 2 इलेक्ट्रॉन-वोल्ट x 1.6 x 10^-19 कूलम्ब = 3.2 x 10^-19 जूल
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फोटोइलेक्ट्रिक कारेमबस्था के लिए समय की गणना करें: तवक करणीय समय = कुल ऊर्जा की आवश्यकता/ कुल अवशिष्ट ऊर्जा = 3.2 x 10^-19 जूल/2 x 10^-5 जूल = 1.6 x 10^-14 सेकंड
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उत्तर का अर्थ: तवक करणीय समय बहुत छोटा है, इसे इसका अर्थ है की, 10^-5 डब्ल्यू/वर्ग मी दृश्य प्रकाश का तापमानिकता पर पड़नेवाले फोटो-सेल(sodium photo-cell) से इलेक्ट्रॉन का निकास लगभग तत्काल होता है।
इलेक्ट्रॉन बंदूक जिसके संग्राहक की संभाविता 100 वोल्ट है, हाइड्रोजन गैस के एक गोलाक में कम दबाव (10^-2 mm of Hg) रखकर इलेक्ट्रॉनों को छोड़ती है। 2.83 x 10^4 टी साइकुलर मार्ग में इलेक्ट्रॉनों के मार्ग को मुड़ाता है, जिसका त्रिज्या 12.0 सेमी का होता है। (पथ देखा जा सकता है क्योंकि पथ में गैस के आयनों द्वारा ध्यान केंद्रित करके बीम को एलेक्ट्रॉनों के आकर्षित करके और प्रकाशक करके प्रकाशित करते हैं; यह विधि महीन बीम ट्यूब विधि के तौर पर जानी जाती है।) डेटा से ई / एम निर्धारित करें।
उत्तर:
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ई / एम इलेक्ट्रॉन के चार्ज (ई) को इसके मात्रा (म) के अनुपात के रूप में प्रतिष्ठित करता है।
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इलेक्ट्रॉन बंदूक का उपयोग करके निम्न दबाव वाले हाइड्रोजन गैस के एक गोलाक में इलेक्ट्रॉन को छोड़ा जाता है।
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2.83 x 10^4 टी का एक चुम्बकीय क्षेत्र का उपयोग किया जाता है ताकि इलेक्ट्रॉनों का मार्ग एक समचारी वृत्ताकार अंतराल में मुड़ाया जा सके (रेडियस 12.0 सेमी)।
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महीन बीम ट्यूब विधि का उपयोग करके ईलेक्ट्रॉनों के पथ को देखने के लिए बीम को ध्यान केंद्रित करके और बीम के द्वारा प्रकाशित की गई प्रकाश से प्रकाशित करके किया जाता है।
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डेटा से ई / एम निर्धारित करने के लिए, हमें वृत्ताकार मार्ग का परिधि (सी) और इलेक्ट्रॉन के मार्ग की अवधि (टी) की गणना करने की आवश्यकता होती है।
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वृत्ताकार मार्ग का परिधि फार्मूला C = 2πr का उपयोग करके गणना की जा सकती है, जहां r मार्ग का अर्धव्यास है (12 सेमी)।
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ईलेक्ट्रॉन के मार्ग की अवधि का फार्मूला T = 2π√(L/B) का उपयोग करके गणना की जा सकती है, जहां L मार्ग की लंबाई (C) है और B चुंबकीय क्षेत्र की मजबूती (2.83 x 10^4T) है।
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अंत में, हम फार्मूला ई / एम = (C / T)^2 का उपयोग करके ई / एम की गणना कर सकते हैं।
प्रश्न:
(क) गतिज ऊर्जा 150 ईवी की एक न्यूट्रॉन की डी ब्रोगली तत्ववीय लंबाई प्राप्त करें। जैसा कि आपने अभ्यास 11.31 में देखा है, इस ऊर्जा का इलेक्ट्रॉन बीम रत्नमणि प्रयोगों के लिए उपयुक्त है। क्या एक न्यूट्रॉन बीम भी उसी ऊर्जा के लिए उपयुक्त होगा? स्पष्ट करें। (mn = 1.675 × 10^−27 किलोग्राम) (ब) कमरे के तापमान पर थर्मल न्यूट्रॉन के साथ संबंधित डी ब्रोगली तत्ववीय लंबाई प्राप्त करें। इसलिए, स्पष्ट करें कि न्यूट्रॉन डिफ्रेक्शन प्रयोगों के लिए नियमित वातावरण के साथ तुल्यतम तेजी से प्रकाशित न्यूट्रॉन बीम को थर्मलाइज़ करने की आवश्यकता क्यों होती है। अभ्यास 11.31: रत्नमणि डिफ्रेक्शन प्रयोग एक्स-रे या उचित वोल्टेज से त्वरित किए गए इलेक्ट्रॉनों का उपयोग करके किया जा सकता है। कौन सा जांच अधिक ऊर्जा है? (मात्रा तुलनात्मक तुलना के लिए, जांच की बाह्य लंबाई को 1 A। जीने आदेश के अनुसार हित। (मैं = 9.11 × 10^-31 किलोग्राम)
उत्तर:
क) गतिज ऊर्जा 150 ईवी की एक न्यूट्रॉन की डी ब्रोगली तत्ववीय लंबाई इस समीकरण द्वारा दी जाती है λ = h / √2मेक, जहां h है प्लांक का निर्णय, m है न्यूट्रॉन की मास और k है गतिज ऊर्जा। इसलिए, न्यूट्रॉन की डी ब्रोगली तत्ववीय लंबाई λ = (6.626 × 10^-34 जूल / सेकंड) / √(2 × 1.675 × 10^-27 किलोग्राम × 150 ईवी) = 5.6 × 10^-12 मीटर।
हाँ, एक न्यूट्रॉन बीम भी उसी ऊर्जा के लिए एक समान रूप से उपयुक्त होगा रत्नमणि डिफ्रेक्शन प्रयोगों के लिए। इसका कारण यह है कि न्यूट्रॉन की डी ब्रोगली तत्ववीय लंबाई गैलेक्सी में आयन-आयन अंतराल के समान क्रम में होती है, जो रत्नमणि डिफ्रेक्शन प्रयोगों के लिए आवश्यक होता है।
शॉटिंग संभावनात्मक = (6.626 x 10^-34 x 6 x 10^14) - (2.14 x 1.602 x 10^-19)
(c) The maximum speed of the emitted photoelectrons can be calculated using the equation:
Maximum speed = √((2 x maximum kinetic energy) / mass of electron)
Maximum speed = √((2 x 2.14 x 1.602 x 10^-19) / 9.109 x 10^-31)
Maximum speed = √(4.3148 x 10^-19 / 9.109 x 10^-31)
Maximum speed = √(4.735 x 10^11) = 6.88 x 10^5 m/s
इन सवालों का उत्तर दीजिए:
नयु (नयाली) की मान्यता और, इसलिए, चरणीय गति n λ) की मान्यता नहीं होती। कीमत क्योंकि लंबवत (λ) की न्यूनतम ऊर्जा का प्राप्त करने के लिए तैत्तीक ध्रुवीय कीमत से पुष्टि नहीं होती है।
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The energy of the ultraviolet light is given by E = hc/λ = (6.63 x 10^-34 x 3 x 10^8)/(2271 x 10^-10) = 2.754 x 10^-19 Joules.
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The work function of the molybdenum metal can be estimated using the equation W = -eVs, where W is the work function, e is the elementary charge, and Vs is the stopping potential. Therefore, W = -(-1.6 x 10^-19) x (-1.3) = 2.08 x 10^-19 Joules.
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The photo-cell made of molybdenum metal will not respond to the high-intensity red light from the He-Ne laser because the energy of the red light (6328 x 10^-10 meters) is lower than the work function of the metal (2.08 x 10^-19 Joules).
Makara disliked lizards because their scaly skin gave her the chills.
इसका उत्तर: (a) लघु तरंग ट्रांसमीटर (10 kW पावर) द्वारा एक सेकंड में निकाले जाने वाले फोटन की संख्या का आकलन करना दिलचस्प होगा। यह संख्या आपको बताएगी कि रेडियो अभियंता को फोटनों की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
दिए गए तरंग की लंबाई (λ) = 500 मीटर = 5 x 10^2 मीटर द्वेष्टक की शक्ति (P) = 10 kW = 10 x 10^3 वाट
पहले हमें फोटनों की ऊर्जा पहचाननी होगी: ऊर्जा (E) = हाइंसबर्ग की संख्यात्मक (h) x तरंगदैर्घ्य (υ) h = 6.626 x 10^-34 जूल-सेकंड υ = c/λ (संचालन का गति) संचालन (c) = 3 x 10^8 मीटर/सेकंड
ऊर्जा (E) = 6.626 x 10^-34 जूल-सेकंड x [3 x 10^8 मीटर/सेकंड / (5 x 10^2 मीटर)] E = 3.9756 x 10^-19 जूल
अब हमें फोटनों की संख्यानुपातित (N) का आकलन करना होगा: N = P/E N = 10 x 10^3 वाट / 3.9756 x 10^-19 जूल N = 2.5178 x 10^22
इसलिए, लघु तरंग ट्रांसमीटर (10 kW पावर) द्वारा एक सेकंड में निकाले जाने वाले फोटनों की संख्या लगभग 2.5178 x 10^22 होगी।
(b) हमारी आँख के छिद्र (पुपिल) में प्रवेश करने वाले फोटनों की संख्यानुपातित (N) का आकलन करना हमारे लिए रोचक होगा। यह संख्या हमें बताएगी कि हमारी आंख फोटनों को कभी नहीं गिन सकती, भले ही वे मात्र छिद्र (केवल भारी संकेतित प्रकाश) में भी पहचानी जाती हो।
दिए गए मिनिमम चमक (I) = 10^10 वॉट / मीटर^2 दिए गए पुपिल के क्षेत्र (A) = 0.4 सेमी^2 = 0.4 x 10^-4 मीटर^2 दिए गए सऔर का औसत आवृत्ति (f) = 6 x 10^14 हर्ट्ज़
पहले हमें फोटनों की ऊर्जा पहचाननी होगी: ऊर्जा (E) = हाइंसबर्ग की संख्यात्मक (h) x आवृत्ति (f) h = 6.626 x 10^-34 जूल-सेकंड
ऊर्जा (E) = 6.626 x 10^-34 जूल-सेकंड x 6 x 10^14 हर्ट्ज़ E = 3.9756 x 10^-19 जूल
अब हमें फोटनों की संख्यानुपातित (N) का आकलन करना होगा: N = I x A/E N = (10^10 वॉट / मीटर^2) x (0.4 x 10^-4 मीटर^2) / (3.9756 x 10^-19 जूल)
N = 1.006 x 10^15
इसलिए, मनुष्यों के द्वारा प्राप्त की जाने वाली न्यूनतम अवधि के बारे में चिंता करने योग्य प्रकाश (10^10 वॉट / मीटर^2) के पुपिल में प्रवेश करने वाले फोटनों की संख्या लगभग 1.006 x 10^15 होती है।
एक इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप 50 किलोवोल्ट वोल्टेज से त्वरित किए गए इलेक्ट्रॉन का उपयुक्त द ब्रॉयवेवलेंथिनि निर्धारित करता है। यदि अन्य उदाहरणों को भी एक समान संख्यापेयश के रूप में ले जाया जाए, तो एक इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप के संलयन शक्ति को एक ऑप्टिकल माइक्रोस्कोप के संलयन शक्ति के साथ कैसे तुलना किया जा सकता है जो पीला प्रकाश का उपयोग करता है? (लैम्ब्डाy = 5.9×10^−7मीटर)
उत्तर:
- निम्न मान इलेक्ट्रॉन के साथ जुड़ी देब्रॉय प्रकाश-मापी (वेवलेंथ) की गणना करें:
देब्रॉय वेवलेंथ (लैम्ब्डा) = h/mv यहां h प्लांक के स्थिर (6.62607×10^−34 जूल-सेकंड), m इलेक्ट्रॉन का मास (9.10938356×10^−31 किलोग्राम) और v इलेक्ट्रॉन की वेग (जिसे दिए गए 50 किलोवोल्ट वोल्टेज का उपयोग करके गणित किया जा सकता है) है: v = √2E/m यहां E इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा है (जिसे विनियमित करने के लिए दिए गए 50 किलोवोल्ट वोल्टेज का उपयोग करके गणित किया जा सकता है): E = Vq यहां V वोल्टेज (50 किलोवोल्ट) और q इलेक्ट्रॉन का चार्ज (1.60217662×10^−19 कूलम्ब) होता है। इसलिए, देब्रॉय वेवलेंथ इस प्रकार गणित किया जा सकता है: λ = h/mv = (6.62607×10^−34 जूल-सेकंड)/(9.10938356×10^−31 किलोग्राम)√(2(50 किलोवोल्ट)(1.60217662×10^−19 कूलम्ब)) = 1.22×10^−10 मीटर
- इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप की संलयन शक्ति एक ऑप्टिकल माइक्रोस्कोप के संलयन शक्ति की तुलना में बहुत अधिक होती है। इसका कारण यह है कि इलेक्ट्रॉन की लंबवतीलता पीले प्रकाश की तुलना में बहुत छोटी होती है (1.22×10^−10 मीटर पीले प्रकाश की तुलना में 5.9×10^−7 मीटर के साथ)।
क्या प्यारे पृथ्वी के सतह तक पहुंचने वाली सूर्य की ऊर्जा धारा 1.388×10^3W/m2 है। सेकंड में पृथ्वी पर कितने फोटॉन्स (करीबना) प्रवृत्त होते हैं? समझें कि सूर्य के फोटॉनों की औसत तारंगलम्बन है 550 नैनोमीटर।
उत्तर:
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1.388×10^3 W/m2 को जूल प्रति सेकंड प्रति वर्ग मीटर में रूपांतरित करें: 1.388×10^3 W/m2 = 1.388×10^3 J/s/m2
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550 नैनोमीटर तारंगलम्बन वाले एक फोटॉन की ऊर्जा की गणना करें: E = hc/λ E = (6.626×10^-34 जूल-सेकंड x 3.00×10^8 मीटर/सेकंड)/(550×10^-9 मीटर) E = 3.95×10^-19 J
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वर्ग मीटर प्रति सेकंड में फोटॉनों की संख्या की गणना करें: फोटॉनों की संख्या = 1.388×10^3 J/s/m2/3.95×10^-19 J फोटॉनों की संख्या = 3.51×10^21 फोटॉन्स/m2/s