गुरुत्वाकर्षण व्यायाम
Answer: No, the escape speed of a body from the earth does not depend on (a) The mass of the body, (b) The location from where it is projected, (c) The direction of projection, or (d) The height of the location from where the body is launched. The escape speed only depends on the mass and radius of the earth.
एक) हाँ, पृथ्वी से शरीर की पलायन गति शरीर के मास के आधार पर निर्भर करती है। शरीर की मास जितनी अधिक होगी, उत्पन्न गति भी उतनी ही अधिक होगी।
बी) हाँ, पृथ्वी से शरीर की पलायन गति पर होने की निर्भरता शरीर को कहां से प्रोजेक्ट किया जाता है। पृथ्वी से दूर जितना अधिक शरीर प्रोजेक्ट होता है, उत्पन्न गति भी उतनी ही अधिक होती है।
सी) हाँ, पृथ्वी से शरीर की पलायन गति पर होने की निर्भरता प्रोजेक्शन की दिशा पर निर्भर करती है। प्रोजेक्शन की दिशा शरीर को लॉन्च किए जाने की गति और कोण पर प्रभाव डालती है, और इस प्रकार पलायन गति पर प्रभाव डालती है।
डी) नहीं, पृथ्वी से शरीर की पलायन गति उन स्थान की ऊंचाई पर निर्भर नहीं होती है जहां से शरीर लॉन्च किया जाता है। स्थान की ऊंचाई का पलायन गति पर कोई प्रभाव नहीं होता है।
प्रश्न: मंगल ग्रह की सतह से ‘उभरते’ हुए एक रॉकेट को 2 kms^−1 की गति से चलाया जाता है। अगर मंगलीय वायुमंडलीय प्रतिरोध के कारण इसके प्रारंभिक ऊर्जा का 20% हानि होता है, तो यह मंगल की सतह से कितनी दूर (किलोमीटर में) जाएगा औऱ फिर उसी पर लौटेगा? मंगल की मास = 6.4×10^23 किलोग्राम, मंगल का त्रिज्या = 3395 किलोमीटर, G=6.67×10^−11 न्यूटन मीटर^2 किलोग्राम^−2।
उत्तर: चरण 1: मंगल की सतह पर रॉकेट की गुरुत्वाकर्षणी ऊर्जा की गणना करें:
गुरुत्वाकर्षणी ऊर्जा = (मंगल की मास x गुरुत्वाकर्षणी संकेतांक) / मंगल का त्रिज्या
गुरुत्वाकर्षणी ऊर्जा = (6.4 x 10^23 किलोग्राम x 6.67 x 10^-11 न्यूटन मीटर^2 किलोग्राम^-2) / 3395 किलोमीटर
गुरुत्वाकर्षणी ऊर्जा = 8.08 x 10^10 जूल
चरण 2: मंगल की सतह पर रॉकेट की कणेशी ऊर्जा की गणना करें:
कणेशी ऊर्जा = (रॉकेट की मास x रॉकेट की गति^2) / 2
कणेशी ऊर्जा = (1 किलोग्राम x (2 किलोमीटर/सेकंड)^2) / 2
कणेशी ऊर्जा = 2 x 10^3 जूल
चरण 3: मंगल की सतह पर रॉकेट की कुल ऊर्जा की गणना करें:
कुल ऊर्जा = गुरुत्वाकर्षणी ऊर्जा + कणेशी ऊर्जा
कुल ऊर्जा = 8.08 x 10^10 जूल + 2 x 10^3 जूल
कुल ऊर्जा = 8.08 x 10^10 जूल
चरण 4: मंगलीय वायुमंडलीय प्रतिरोध के कारण हानि होने की ऊर्जा की गणना करें:
हानि होने वाली ऊर्जा = प्रारंभिक ऊर्जा का 20%
हानि होने वाली ऊर्जा = 20% of 8.08 x 10^10 जूल
हानि होने वाली ऊर्जा = 1.616 x 10^10 जूल
चरण 5: रॉकेट की अंतिम ऊर्जा की गणना करें:
अंतिम ऊर्जा = कुल ऊर्जा - हानि होने वाली ऊर्जा
अंतिम ऊर्जा = 8.08 x 10^10 जूल - 1.616 x 10^10 जूल
अंतिम ऊर्जा = 6.464 x 10^10 जूल
चरण 6: रॉकेट की अंतिम गति की गणना करें:
अंतिम गति = (2 x अंतिम ऊर्जा)^1/2
अंतिम गति = (2 x 6.464 x 10^10 जूल)^1/2
अंतिम गति = 1.96 किलोमीटर/सेकंड
चरण 7: मंगल की सतह से जाए गए रॉकेट की दूरी की गणना करें:
दूरी = अंतिम गति x समय
समय = (2 x दूरी) / अंतिम गति
समय = (2 x दूरी) / 1.96 किलोमीटर/सेकंड
दूरी = (1.96 किलोमीटर/सेकंड x समय) / 2
समय = (2 x दूरी) / 1.96 किलोमीटर/सेकंड
दूरी = (1.96 किलोमीटर/सेकंड x समय) / 2
समय = (2 x दूरी) / 1.96 किलोमीटर/सेकंड
दूरी = (1.96 किलोमीटर/सेकंड x समय) / 2
समय = (2 x 3395 किलोमीटर) / 1.96 किलोमीटर/सेकंड
समय = 3447.959 सेकंड
दूरी = (1.96 किलोमीटर/सेकंड x 3447.959 सेकंड) / 2
दूरी = 3315.5 किलोमीटर
Therefore, the weight of the body halfway down to the center of the earth can be calculated using the formula:
Weight = (Mass of the body) * (Gravitational acceleration)
Weight = 250 N * (9.8 m/s^2) = 2450 N.
Therefore, the body would weigh 2450 N halfway down to the center of the earth.
उत्तर:
चरण 1: उपग्रह के स्थल पर गुरुत्वाकर्षण गति की गणना करें।
गुरुत्वाकर्षण गति = (G * M) / (R + h)^2
G = वैश्विक गुरुत्वाकर्षणीय स्थिरता मान (6.67 * 10^-11 Nm^2 / kg^2) M = पृथ्वी का भार (6.0 * 10^24 kg) R = पृथ्वी का त्रिज्या (6400 किमी) h = उपग्रह की ऊचाई (36,000 किमी)
गुरुत्वाकर्षण गति = (6.67 * 10^-11 * 6.0 * 10^24) / (6400 + 36,000)^2
गुरुत्वाकर्षण गति = 0.0008 m/s^2
चरण 2: उपग्रह के स्थल पर संभावनात्मक ऊर्जा की गणना करें।
संभावनात्मक ऊर्जा = (G * M * m) / R
G = वैश्विक गुरुत्वाकर्षणीय स्थिरता मान (6.67 * 10^-11 Nm^2 / kg^2) M = पृथ्वी का भार (6.0 * 10^24 kg) m = परमाणु का भार R = पृथ्वी का त्रिज्या (6400 किमी)
Note: पृथ्वी के सतह से अनंतता तक की संभावनात्मक ऊर्जा को शून्य माना जाता है, इसलिए परमाणु का भार में गिनती नहीं की जाती है।
उम्मीद है कि यह आपकी सहायता करेगा!
आधार्य संख्या = १ र = पृथ्वी का त्रिज्या (६४०० किमी)
गुरुत्वाकर्षणीय ऊर्जा = (६.६७१०^-११६.०१०^२४१)/६४००
गुरुत्वाकर्षणीय ऊर्जा = -९.४८*१०^१४ जूल
प्रश्न:
मंगल पर एक अंतरिक्ष यान स्थैतिक है। सौरमंडल से बाहर निकालने के लिए इस पर कितनी ऊर्जा खर्च की जानी चाहिए? अंतरिक्ष यान का भार = १००० किलोग्राम; सूर्य का भार = २×१०^३० किलोग्राम; मंगल का भार = ६.४×१०^२३ किलोग्राम; मंगल का त्रिज्या = ३३९५ किमी; मंगल की मार्गकर्म की त्रिज्या = २.२८×१०^८ किमी; G=६.६७×१०^−११ एनमी^२किग्राम^−२।
उत्तर:
१. अंतरिक्ष यान और सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षणी बल की गणना करें: एफ = जी* (सूर्य का भार * अंतरिक्ष यान का भार)/(मंगल की मार्गकर्म की त्रिज्या)^२ एफ = ६.६७×१०^−११ एनमी^२किग्राम^−२ * (२×१०^३० किलोग्राम * १००० किलोग्राम)/(२.२८×१०^८ किमी)^२ एफ = २.९२×१०^१३ एन
२. अंतरिक्ष यान और मंगल के बीच गुरुत्वाकर्षणी बल की गणना करें: एफ = जी* (मंगल का भार * अंतरिक्ष यान का भार)/(मंगल का त्रिज्या)^२ एफ = ६.६७×१०^−११ एनमी^२किग्राम^−२ * (६.४×१०^२३ किलोग्राम * १००० किलोग्राम)/(३३९५ किमी)^२ एफ = १.९३×१०^७ एन
३. सौरमंडल से बाहर निकालने के लिए यूरोपियियों की आवश्यक ऊर्जा की गणना करें: ई = एफ * (मंगल की मार्गकर्म की त्रिज्या) ई = (२.९२×१०^१३ एन + १.९३×१०^७ एन) * (२.२८×१०^८ किमी) ई = १.३७×१०^२१ जूल
प्रश्न:
पृथ्वी की सतह से वर्टिकल रूप से एक रॉकेट 5 किमी/घंटे की गति से फायर किया जाता है। रॉकेट पृथ्वी से कितनी दूर जाता है जब तक वह पृथ्वी पर वापस नहीं आता है? पृथ्वी का भार = ६.०×१०^२४ किलोग्राम; पृथ्वी का औसत त्रिज्या = ६.४×१०^६ मीटर; जी = ६.६७×१०^−११ एनमी^२किग्राम^−२।
उत्तर:
१. रॉकेट और पृथ्वी के बीच आकर्षणीय बल की गणना करें: एफ = जी * (m1 * m2) / r^२ एफ = ६.६७ * १०^-११ * (६.० * १०^२४ * १) / (६.४ * १०^६)^२ एफ = ०.००९८ एन
२. गुरुत्वाकर्षण के कारण त्वरण की गणना करें: ए = एफ/म ए = ०.००९८ / १ ए = ०.००९८ मीटर/सेकंड^२
३. रॉकेट को अपनी अधिकतम ऊचाई तक पहुंचाने में लगभग कितना समय लगेगा: टी = व/ए टी = ५ / ०.००९८ टी = ५०७.१४ सेकंड
४. रॉकेट द्वारा प्राप्त की गई अधिकतम ऊचाई: ह = वट - (1/२) * ए * टी^२ ह = ५ * ५०७.१४ - (१/२) * ०.००९८ * ५०७.१४^२ ह = २.५३५५ * १०^६ मीटर
५. रॉकेट पृथ्वी पर वापस आने पर पृथ्वी से कितनी दूर होती है: डी = २ * ह डी = २ * २.५३५५ * १०^६ डी = ५.०७१ * १०^६ मीटर
प्रश्न:
पृथ्वी से सूर्य की ओर एक रॉकेट फायर किया जाता है। रॉकेट पर कितनी दूरी पर पृथ्वी के केंद्र से गुरुत्वाकर्षणीय बल शून्य होता है? सूर्य का भार = २×१०^३०किलोग्राम, पृथ्वी का भार = ६×१०^२४किलोग्राम। अन्य ग्रहों इत्यादि के प्रभाव को नज़रअंदाज़ करें। (कक्षीय त्रिज्या = १.५×१०^११मीटर)।
उत्तर:
१. सूर्य और पृथ्वी के बीच गुरुत्वाकर्षणीय बल की गणना करें:
एफ = जी * ((भार_सूर्य * भार_पृथ्वी) / r^२)
एफ = (६.६७१०^-११)((२१०^३०६१०^२४)/(१.५१०^११)^२)
एफ = ३.८*१०^२२ एन
२. रॉकेट पर उस दूरी की गणना करें जहां पृथ्वी के केंद्र पर गुरुत्वाकर्षणीय बल शून्य होता है:
एफ = जी*((भार_सूर्य*भार_रॉकेट)/r^२)
० = (६.६७१०^-११)((२१०^३०म_रॉकेट)/(दूरी_रॉकेट)^२)
दूरी_रॉकेट = (२१०^३०म_रॉकेट)/(६.६७१०^-११०)
दूरी_र
जवाब: (a) सटेलाइट का कुल ऊर्जा उसकी किनेटिक / क्षेत्रीय ऊर्जा के उल्ट होता है।
स्टेप १: तारे का भार निर्धारित करें। तारे का भार = २.५ x २ x १०^३० किलोग्राम = ५ x १०^३० किलोग्राम
स्टेप २: तारे का त्रिज्या निर्धारित करें। तारे का त्रिज्या = १२ किलोमीटर = 12 x १०^३ मीटर
स्टेप ३: तारे की सतह पर गुरुत्वाकर्षण त्वरण निर्धारित करें।
गुरुत्वाकर्षणीय गतिशक्ति = (जी x तारे का मास)/(तारे का त्रिज्या)^2 गुरुत्वाकर्षणीय गतिशक्ति = (6.67 x 10^-11 x 5 x 10^30)/(12 x 10^3)^2 गुरुत्वाकर्षणीय गतिशक्ति = 2.22 x 10^4 m/s^2
चरमबिन्दुवाचक गतिशक्ति कोई वस्तु उसकी सतह पर जुड़े रहने के लिए आवश्यक होती है। चरमबिन्दुवाचक गतिशक्ति = (तारे का वेग)^2/तारे का त्रिज्या चरमबिन्दुवाचक गतिशक्ति = (1.2 x 2 x पाई)^2/(12 x 10^3) चरमबिन्दुवाचक गतिशक्ति = 9.55 x 10^3 m/s^2
गुरुत्वाकर्षणीय गतिशक्ति > चरमबिन्दुवाचक गतिशक्ति
निष्कर्ष: तारे की भूमिका पर रखी गई वस्तु गुरुत्वाकर्षण के कारण उसकी सतह से जुड़े रहेगी।