पी-ब्लॉक तत्व अभ्यास ०७
सवाल:
इनमें फॉस्फोरस के किस oxidation state में होते हैं: (i) H3PO3 (ii) PCl3 (iii) Ca3P2 (iv) Na3PO4 (v) POF3?
उत्तर:
(i) H3PO3: फॉस्फोरस का oxidation state +3 हैं।
(ii) PCl3: फॉस्फोरस का oxidation state +3 हैं।
(iii) Ca3P2: फॉस्फोरस का oxidation state +5 हैं।
(iv) Na3PO4: फॉस्फोरस का oxidation state +5 हैं।
(v) POF3: फॉस्फोरस का oxidation state +3 हैं।
सवाल:
बताइए कि नाइट्रोजन और क्लोरीन के बीच प्राकृतिक आधिक्य के बावजूद, नाइट्रोजन हाइड्रोजन बन्ड बनाता है जबकि क्लोरिन नहीं।
उत्तर:
चरण 1: समझें कि प्राकृतिक आधिक्य क्या होता है। प्राकृतिक आधिक्य वह प्रतिचंद्रिता है जिसके द्वारा केमिकल बांध में सम्पर्क में रहते हुए अपने आपको इलेक्ट्रॉन्स की ओर खींचता है जब यह किसी अन्य अणु का हिस्सा होता है।
चरण 2: समझें कि नाइट्रोजन हाइड्रोजन बन्ड कैसे बनाता है। नाइट्रोजन हाइड्रोजन बन्ड बनाता है क्योंकि इसमें एक अकेली इलेक्ट्रॉन की पैर होती है जो एक हाइड्रोजन अणु के साथ साझा की जा सकती है। इससे दो अणुओं के बीच एक इलेक्ट्रोस्टैटिक आकर्षण उत्पन्न होती है, जिसे हाइड्रोजन बांध के रूप में जाना जाता है।
चरण 3: समझें कि क्लोरीन हाइड्रोजन बन्ध नहीं बनाता है। क्लोरीन हाइड्रोजन बांध नहीं बनाता है क्योंकि इसमें कोई एकल इलेक्ट्रॉन पैर नहीं होती है जो एक हाइड्रोजन अणु के साथ साझा की जा सके। क्लोरीन की प्राकृतिक आधिक्य नाइट्रोजन की प्राकृतिक आधिक्य से थोड़ी अधिक होती है, इसलिए क्लोरीन अणु हाइड्रोजन अणु से इलेक्ट्रॉन्स खींचने में सक्षम नहीं होगा।
सवाल:
F2 और Cl2 का पानी के साथ अवरोधन-प्रतिक्रिया क्या होता है?
उत्तर:
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F2 + H2O –> HF + O2
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Cl2 + H2O –> HCl + HOCl
सवाल:
क्या PCl5 एक ऑक्सीकरणी और एक छोड़ने वाली एजेंट के रूप में कार्य कर सकता है? इसकी पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
उत्तर: हाँ, PCl5 एक ऑक्सीकरणी और एक छोड़ने वाली एजेंट के रूप में कार्य कर सकता है। इसका कारण यह है कि PCl5 एक ल्यूइस अम्ल है, अर्थात यह एक अन्य अणु से एक इलेक्ट्रॉन पैर स्वीकार कर सकता है, जिससे यह ऑक्सीकरणी एजेंट के रूप में कार्य करता है। यह एक अन्य अणु को एक इलेक्ट्रॉन पैर दे सकता है, जिससे यह छोड़ने वाली एजेंट के रूप में कार्य करता है।
सवाल:
N. बार्टलेट को Xe और PtF6 के बीच प्रतिक्रिया कराने के लिए क्या प्रेरित किया?
उत्तर:
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N. बार्टलेट के पृष्ठभूमि और उनके शोध आदि के बारे में जांच करें।
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Xe और PtF6 के बीच प्रतिक्रिया के बारे में N. बार्टलेट द्वारा लिखित किसी रिपोर्ट या पेपर की जांच करें।
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अन्य वैज्ञानिकों द्वारा N. बार्टलेट के Xe और PtF6 के बीच प्रतिक्रिया पर लिखित समीक्षा या टिप्पणियाँ पढ़ें।
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Xe और PtF6 के बीच प्रतिक्रिया को कराने के बारे में N. बार्टलेट से साक्षात्कार करें।
सवाल:
NH3 हाइड्रोजन बोंड बनाता है, लेकिन PH3 नहीं क्यों?
उत्तर:
चरण 1: हाइड्रोजन बांध की परिभाषा को समझें। हाइड्रोजन बांध वह इलेक्ट्रास्टेटिक आकर्षण है जो दो अणुओं के बीच होती है जो हाइड्रोजन अणु के साथ प्रति-चंद्रित एक हाइली आधिक्यात्मक अणु, जैसे कि नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, या फ्लोरीन से बंधित होती है।
धारणा 1: Catenation is the ability of an element to form bonds with itself.
धारणा 2: नाइट्रोजन का एक छोटा परमाणु त्रांस और कम इलेक्ट्रोपोजिटिविटी होता है, जिसे यह अपने आप के साथ मजबूत बंधन बनाना कठिन बनाता है.
धारणा 3: दूसरी ओर, फास्फोरस का एक बड़ा परमाणु त्रांस और उच्च इलेक्ट्रोपोजिटिविटी होता है, जिसके चलते यह अपने आप के साथ मजबूत बंधन बना सकता है.
धारणा 4: इसलिए, नाइट्रोजन फॉस्फोरस से कम catenation गुणधर्म दिखाता है.
शैली: 4. विभिन्न क्षेत्रों में सभी xenon fluorides के विभिन्न उबलने के बिंदुओं पर भाप को समर्थित करने पर वाष्पोपन प्रक्रिया आश्रित है, XeF2 सबसे कम तापमान पर उबलते हैं और XeF6 सबसे अधिक तापमान पर उबलते हैं।
प्रश्न:
महान गैसों के तुलनात्मक बड़े परमाणु आकार क्यों होते हैं?
उत्तर:
- महान गैस आवर्त सारणी के समूह 18 में तत्व हैं।
- इन तत्वों में इलेक्ट्रॉनों की पूर्ण बाहरी परिश्चय के कारण, उन्हें अपेक्षाकृत स्थिर कहा जा सकता है।
- इस परिणामस्वरूप, महान गैसों के परमाणु आकार को बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रॉनों की अतिरिक्त ताना की आवश्यकता होती है।
- इससे महान गैसों के परमाणु आकार अन्य तत्वों से बड़े होते हैं।
प्रश्न:
कौन से एरोसॉल्स ओजोन के नष्ट होने का करण होते हैं?
उत्तर:
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एरोसोल्स के ओजोन पर प्रभाव की खोज करें।
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तय करें कि कौन से प्रकार के एरोसॉल्स ओजोन की क्षयकारी धारा होने के लिए जाने जाते हैं।
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विशेष रूप से संकुचन में प्रस्तुत एरोसोल्स मौजूद होने पर ओजोन की क्षय का कारण बनाने वाले विशेष रासायनिक अभिक्रियाओं के बारे में अधिक जानें।
प्रश्न:
O→O- और O→O2- के लिए इलेक्ट्रॉन ग्रहण उष्मा मानों को जानते हुए, आप कैसे संख्या से बहुत सारे oxides के गठन के लिए खाकाास्य पैदा कर सकते हैं जिनमें O2- प्रजाति और O- नहीं है?
उत्तर:
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O→O- का इलेक्ट्रॉन ग्रहण उष्मा -141 kJ mol-1 है, जो O→O2- की तुलना में कम है, जो 702 kJ mol-1 है। इसका इंतजार कराता है कि ऑक्सीजन परमाणु O2- प्रजाति के रूप में बनाने के लिए ऊर्जावानीय रूप से अधिक परचित होता है, बल्कि O-।
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इससे स्पष्ट हो जाता है कि एक बड़ी संख्या में oxides में O2- प्रजाति शामिल होती है और O- नहीं, क्योंकि O2- प्रजाति बनाने के लिए ऊर्जावानीय रूप में अधिक पसंद की जाती है।
प्रश्न:
कैसे औद्योगिक रूप से अमोनिया उत्पन्न होता है?
उत्तर:
चरण 1: अमोनिया को प्रयोगशाला में हेबर-बॉश प्रक्रिया द्वारा निर्मित किया जाता है।
चरण 2: इस प्रक्रिया में, उच्च तापमान और दबाव में नाइट्रोजन गैस (N) और हाइड्रोजन गैस (H2) के प्रतिक्रिया होते हैं।, एक कैटलिस्ट, आमतौर पर लोहा।
चरण 3: प्रतिक्रिया अमोनिया (NH3) का उत्पादन करती है, जो फिर शुद्ध किया जाता है और इकट्ठा किया जाता है।
प्रश्न:
आप HCl से Cl2 तैयार कैसे कर सकते हैं और Cl2 से HCl से HCl? केवल प्रतिक्रिया लिखें।
उत्तर:
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HCl + Cl2 –> 2HCl
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HCl –> Cl2 + H2
प्रश्न:
NH3 क्योंकर और BiH3 मजबूती से केवल कम्बल है बेसिक होता है, इसे समझाएं।
उत्तर:
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NH3 एक परथमिक बेस है, जिसका अर्थ है कि इसे अन्य अणुओं से प्रोटोन्स स्वीकार कर सकता है। इसलिए, इसमें गैर जोड़ ई-प्रभारी की एक जोड़ी होती है जो एक प्रोटोन स्वीकार कर सकती है।
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BiH3 एक इलेक्ट्रॉन के अभावी यौगिक है, इसका अर्थ है कि इसमें एक ऐसी जोड़ी ई-प्रभारी नहीं होती है जो किसी प्रोटोन को स्वीकार कर सके। इसलिए, यह केवल एक कमजोर बेस के रूप में कार्य कर सकता है।
प्रश्न:
विचार करें और खाकााक्रियाओं के साथ उस शैली को दें जो isostructural होता है। (i) ICl4- (ii) IBr2- (iii) BrO3-
उत्तर:
(i) ICl4-: [ICl4]-
(ii) IBr2-: [IBr2]-
(iii) BrO3-: [BrO3]-
उत्तर:
(i) ICl4- के साथ आईसोस्ट्रक्चरल नोबल गैस प्रजाति: XeF42- XeF42- का संरचना वर्गीय तथा एक वर्ग के कोनों पर व्यवस्थित चार एफ़ अणुओं द्वारा घेरे हुए सेंट्रल Xe परमाणु के साथ होता है।
(ii) IBr2- के साथ आईसोस्ट्रक्चरल नोबल गैस प्रजाति: XeBr22- XeBr22- की संरचना रेखीय होती है और इसमें एक सेंट्रल Xe परमाणु होता है जिसके आसपास दोनों दिशाओं में व्यवस्थित दो Br परमाणु होते हैं।
(iii) BrO3- के साथ आईसोस्ट्रक्चरल नोबल गैस प्रजाति: XeO32- XeO32- की संरचना त्रिकोणीय तथा एक त्रिकोण के कोनों पर व्यवस्थित तीन O परमाणुओं द्वारा घेरे हुए सेंट्रल Xe परमाणु के साथ होती है।
प्रश्न:
नाइट्रोजन द्विपरमाणुक अणुके रूप में मौजूद होता है और फॉस्फोरस P4 के रूप में मौजूद होता है। इसका कारण समझाइए।
उत्तर:
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नाइट्रोजन एक तत्व है जो एक द्विपरमाणुक अणु के रूप में मौजूद होता है क्योंकि इसके बाहरी कक्ष में पांच अवलेयन इलेक्ट्रॉन होते हैं, जिसके कारण यह एक स्थिर N अणु बनाने के लिए एक कोवेलेंट बांध बनाने में सक्षम होता है।
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फॉस्फोरस, वहीं, इसके बाहरी कक्ष में पांच अवलेयन इलेक्ट्रॉन होते हैं, लेकिन यह एक खाली 3d ऑर्बिटल भी होता है जो इसे एक अधिक स्थिर P4 अणु बनाने के लिए सक्षम बनाता है, जिसमें चार फॉस्फोरस परमाणुओं कोवेलेंट बाँधित होते हैं।
प्रश्न:
HNH कोण मान HPH, HAsH और HSbH कोणों से अधिक होता है। इसका कारण समझाइए।
उत्तर:
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HNH कोण एक हाइड्रोजन (H) के दो परमाणुओं और नाइट्रोजन (N) के एक परमाणु के बीच एक कोण है।
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HPH कोण एक हाइड्रोजन (H) के दो परमाणुओं और फॉस्फोरस (P) के एक परमाणु के बीच एक कोण है।
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HAsH कोण एक हाइड्रोजन (H) के दो परमाणुओं और आर्सेनिक (As) के एक परमाणु के बीच एक कोण है।
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HSbH कोण एक हाइड्रोजन (H) के दो परमाणुओं और ऍंटीमनी (Sb) के एक परमाणु के बीच एक कोण है।
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HNH कोण HPH, HAsH और HSbH कोणों से अधिक होता है क्योंकि नाइट्रोजन फॉस्फोरस, आर्सेनिक और ऍंटीमनी से बड़ा अणु है। इस बड़े अणु का आकार उनके कोण से अधिक होने के कारण HNH कोण अन्य कोणों से बड़ा होता है।
प्रश्न:
व्याख्या कीजिए कि फ्लोरीन केवल एक ऑक्सोऍसिड, HOF, बनाता है।
उत्तर:
चरण 1: एक्सोऍसिड क्या होता है, इसे व्याख्या करना शुरू करें। एक्सोऍसिड एक यौगिक है जो ऑक्सीजन और हाइड्रोजन अणुओं सहित एक और अणु, जैसे कि सल्फर, नाइट्रोजन या फ्लोरीन के साथ बना होता है।
चरण 2: व्याख्या कीजिए कि फ्लोरीन केवल एक ऑक्सोऍसिड बनाता है। फ्लोरीन की ऊर्जामान कर्षशक्ति अधिक होती है, इसका मतलब है कि यह ऑक्सीजन और अन्य अणुओं के साथ मजबूत बांध बनाता है और फ्लोरीन को अन्य ऑक्सोऍसिड बनाना कठिन होता है। इसलिए, फ्लोरीन केवल एक ऑक्सोऍसिड, HOF (हाइड्रोजन फ्लोराइड), बनाता है।
प्रश्न:
निम्नलिखित के लिए संतुलित समीकरण लिखिए: (i) NaCl को MnO2 की मौजूदगी में सल्फ़्यूरिक एसिड के साथ गर्म किया जाता है। (ii) क्लोरीन गैस को पानी में NaI के समाधान में दिया जाता है
उत्तर:
(i) 2NaCl + H2SO4 + MnO2 –> Na2SO4 + 2HCl + MnSO4
(ii) Cl2 + 2NaI + 2H2O –> 2NaCl + 2HI + H2O
सवाल:
HNO3 के साथ अधिकतम कठोरता में ऊर्जा की एक संधारिताई होने पर साथ म बिन्दु में विभिन्न उत्पाद देने के बारे में विशेषण करें।
उत्तर:
- कॉपर धातु HNO3 के साथ प्रतिक्रिया करके कॉपर नाइट्रेट, Cu(NO3)2, और नाइट्रिक ऑक्साइड, NO, निर्मित करता है।
- कॉपर धातु को संकुचित HNO3 के साथ गर्म करने पर वह कॉपर ऑक्साइड, CuO, और नाइट्रिक ऍसिड, HNO3, बनाता है।
- कॉपर धातु को आँधीनी HNO3 के साथ गर्म करने पर वह कॉपर नाइट्रेट, Cu(NO3)2, और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, NO2, बनाता है।
- HNO3 और H2SO4 के मिश्रण के साथ कॉपर धातु को गर्म करने पर वह कॉपर सल्फेट, CuSO4, और नाइट्रिक ऑक्साइड, HNO3, बनाता है।
सवाल:
अपने इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फ़िगरेशन, ऑक्साइडेशन स्थिति, परमाणु आकार, आयनीकरण संऊस्ाख्य और इलेक्ट्रॉनशक्ति के संदर्भ में समूह 15 के तत्वों की सामान्य विशेषताओं पर चर्चा करें
उत्तर:
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इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फ़िगरेशन: समूह 15 के तत्वों में आउटर सत्र में 5 परमाणु इलेक्ट्रॉन होते हैं। इसका मतलब है कि वे अन्य तत्वों के साथ तीन कोवैलेंट बांध बना सकते हैं।
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ऑक्साइडेशन स्थिति: समूह 15 के तत्वों की मानक ऑक्साइडेशन स्थिति -3 होती है, जो इन तत्वों के लिए सबसे साधारण ऑक्साइडेशन स्थिति है।
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परमाणु आकार: समूह 15 के तत्वों का आमतौर पर समय के साथ बढ़ता हुआ परमाणु अपवाद वे तत्वों की तुलनात्मक अवधि में अधिकतम पार्दीक घाती होता है। इसका कारण उनकी बाहरी सत्र में अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन होने का होता है।
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आयनीकरण संऊस्ाख्य: समूह 15 के तत्वों का आसानी से इलेक्ट्रॉन हटाना मुश्किल होता है, इसलिए उनका आयनीकरण संऊस्ाख्य मान्य क्षेत्र में अधिक होता है।
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इलेक्ट्रॉनशक्ति: समूह 15 के तत्वों की साधारणतः अन्य तत्वों की तुलना में तुलनात्मक कम इलेक्ट्रॉनशक्ति मूल्य होता है। इसका कारण इन तत्वों के बाहरी सत्र में अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन होने के कारण इलेक्ट्रॉनों को कम आकर्षित करने की संभावना कम होती है।
सवाल:
SO2 कैसे वायु प्रदूषक है?
उत्तर:
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SO2 एक वायु प्रदूषक है क्योंकि यह एक गैस है जो जंगली ईंधन, जैसे कोयला और पेट्रोलियम, जलाने और अन्य औद्योगिक प्रक्रियाओं से वातावरण में छोड़ा जाता है।
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SO2 अन्य यौगिकों के साथ संविस्तृत होकर सल्फ़ीक अम्ल बनाने के लिए वातावरण में प्रतिक्रिया करता है, जो अम्लीय बारिश के प्रमुख घटक है।
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अम्लीय बारिश पौधों और जलीय पर्यावरण को क्षय कर सकती है, इमारतों और स्मारकों को करोड़ सकती है, और मानवों में श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती हैं।
सवाल:
ClO- के साथ समत्रोपी मसी पदार्थ कौन सा है? क्या वह एक ल्यूइस बेस है?
उत्तर:
उत्तर: ClO- क्लोरीन मोनोक्साइड (ClO) मसी पदार्थ के साथ समत्रोपी है। नहीं, ClO एक ल्यूइस बेस नहीं है क्योंकि इसमें एकाकी परी के विस्तार की कोई उपस्थिति नहीं है।
सवाल:
निम्नलिखित घटकों के लिए संपत्ति के क्रम में व्यवस्थित करें: a. F2, Cl2, Br2, I2 - बॉन्ड विघटनो की वृद्धि। b. HF, HCl, HBr, HI - तत्व शक्ति की वृद्धि। c. NH3, PH3, AsH3, SbH3, BiH3 - बेस शक्ति की वृद्धि।
उत्तर:
a. I2, Br2, Cl2, F2
b. HI, HBr, HCl, HF c. NH3, PH3, AsH3, SbH3, BiH3
प्रश्न:
ClO2 के दो उपयोग दें।
उत्तर:
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ClO2 जीवाणु, वायरस और अन्य सूक्ष्मजीवों को मरने के लिए पानी उपचार संयंत्र में एक संक्रमक के रूप में उपयोग किया जाता है।
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ClO2 उद्योगिक स्थानों में भी सतहों और उपकरण की सफाई के लिए और हवा से गंधों को हटाने के लिए उपयोग किया जाता है।
प्रश्न:
निम्नलिखित के लिए कारण बताएं: R3P=O मौजूद होता है लेकिन R3N=O मौजूद नहीं होता है। R एक alkyl समूह है?
उत्तर:
उत्तर:
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R3P=O मौजूद होता है क्योंकि फॉस्फोरस आकर्षक सहयोगी संकरी रेखा बना सकता है जिससे फॉस्फेट समूह बनता है।
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R3N=O मौजूद नहीं होता है क्योंकि जल नाइट्रोजन आकर्षक सहयोगी संकरी रेखा नहीं बना सकता है, इसलिए नाइट्रोजन-ऑक्सीजन बंध बहुत कमजोर होती है और स्थिर संरचना नहीं बना सकती है।
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R एक alkyl समूह है क्योंकि यह कार्बन और हाइड्रोजन अणुओं से मिलकर बना है। अल्कल समूह आमतौर पर आम यौगिकों में पाए जाते हैं और उनकी पहचान कार्बन-हाइड्रोजन बंधों से होती है।
प्रश्न:
H3PO3 का असंगता प्रतिक्रिया दें।
उत्तर:
H3PO3 → H2PO2- + H3PO4
H3PO3 का असंगता प्रतिक्रिया है:
2H3PO3 → H2PO2- + H3PO4
प्रश्न:
XeO3 और XeOF4 कैसे तैयार किए जाते हैं?
उत्तर:
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XeO3 को ऑक्सीजन-धनी वातावरण में जेलियम के साथ जरसन के साथ प्रतिक्रियायोग्य जरसन से तैयार किया जाता है।
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XeOF4 को ऑक्सीजन-धनी वातावरण में जिंक से जरसन के साथ प्रतिक्रियायोग्य जरसन से तैयार किया जाता है।
प्रश्न:
समूह 15 तत्वों के रासायनिक प्रतिक्रिया में कीटों की योजना पर चर्चा करें।
उत्तर:
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समूह 15 तत्वों के रासायनिक प्रतिक्रिया की शोध करें।
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डेटा का विश्लेषण करें ताकि रासायनिक प्रतिक्रिया में कीटों की योजना नजर आ सके।
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किसी भी कारक की पहचान करें जो रासायनिक प्रतिक्रिया के योजनाओं पर प्रभाव डाल सकता है।
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समूह 15 तत्वों के रासायनिक प्रतिक्रिया में कीटों की योजनाओं पर चर्चा करें, इसमें रासायनिक प्रतिक्रिया के योजनाओं पर प्रभाव डाल सकने वाले कारकों की पहचान भी शामिल हो।
प्रश्न:
प्रयोगशाला में नाइट्रोजन कैसे तैयार किया जाता है? प्रतिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण लिखें।
उत्तर:
- प्रयोगशाला में नाइट्रोजन को हैबर प्रक्रिया द्वारा तैयार किया जा सकता है, जिसमें नाइट्रोजन गैस (N) को हाइड्रोजन गैस (H2) के साथ जरसन करके अमोनिया (NH3) तैयार किया जाता है।
रासायनिक समीकरण: N + 3H2 → 2NH3
- हाइड्रोनगन प्रक्रिया आमतौर पर उच्च तापमान और दबाव में आयोजित की जाती है, और यहां तक कि इसे लोहे (Fe) जैसे एक कैटलिस्ट की मौजूदगी में भी किया जाता है।
रासायनिक समीकरण: N + 3H2 → 2NH3 + Fe
प्रश्न:
हालोजनों क्यों रंगीन होते हैं?
उत्तर:
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हालोजन रंगीन होते हैं क्योंकि वे प्रत्यक्ष स्पेक्ट्रम में प्रकाश को अवशोषित करते हैं।
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प्रकाश के अवशोषण के लिए खाली पदार्थ में विद्युतीय परावर्तन होता है जो हालोजन अणुओं में होता है।
३. इन इलेक्ट्रॉनिक परावर्तनों के कारण इलेक्ट्रॉन एक ऊर्जा स्तर से दूसरे पर स्थानांतरित होने लगते हैं, प्रकाश की रूप में ऊर्जा मुक्त करते हुए।
४. निकट्तम प्रभावित इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा पर निर्भर करके उत्पन्न होने वाली प्रकाश की रंगत।
प्रश्न: डायऑक्सीजन एक गैस होता है, लेकिन सल्फर एक ठोस क्यों होता है?
उत्तर: चरण 1: ऑक्सीजन दो ऑक्सीजन धातुओं से मिलकर बना होता है, जिन्हें एक मजबूत सहसंपर्कीय बांध द्वारा एक साथ जोड़ा जाता है।
चरण 2: सल्फर आठ सल्फर धातुओं से मिलकर बना होता है, जो संगरोधी वान देर वाल्स के प्रभावों द्वारा एक साथ जोड़े जाते हैं।
चरण 3: ऑक्सीजन मोलेक्यूलों में मजबूत सहसंपर्कीय बांध साधारित होने के कारण उन्हें अलग हो जाना और गैस अवस्था में बनी रहना मुश्किल होता है।
चरण 4: सल्फर मोलेक्यूलों में कमजोर वान देर वाल्स के प्रभावों के कारण वे आसानी से अलग हो जाते हैं और ठोस अवस्था में बने रहते हैं।
प्रश्न: सफेद फॉस्फोरस और लाल फॉस्फोरस के गुणों के प्रमुख अंतर लिखें।
उत्तर: चरण 1: “सफेद फॉस्फोरस” और “लाल फॉस्फोरस” शब्दों को समझें।
चरण 2: सफेद फॉस्फोरस और लाल फॉस्फोरस के गुणों का अध्ययन करें।
चरण 3: सफेद फॉस्फोरस और लाल फॉस्फोरस के गुणों की तुलना करें।
चरण 4: सफेद फॉस्फोरस और लाल फॉस्फोरस के गुणों के मुख्य अंतर की पहचान करें।
चरण 5: सफेद फॉस्फोरस और लाल फॉस्फोरस के गुणों के प्रमुख अंतर लिखें।
प्रश्न: हैलोजेन क्यों मजबूत ऑक्सीकरण एजेंट होते हैं?
उत्तर:
- हैलोजेन मजबूत ऑक्सीकरण एजेंट होते हैं क्योंकि उनका ऊर्जा वंशगतताप उच्च होता है, जिसका अर्थ है कि वे अत्यंत इलेक्ट्रोनेगेटिव होते हैं और इलेक्ट्रॉन प्राप्त करने की मजबूत प्रवृत्ति होती है।
२. यह उन्हें तीव्रता से प्रतिक्रियाशील बनाता है, और वे अन्य तत्वों के साथ आसानी से यौगिक बना लेते हैं।
३. इस परिणामस्वरूप, हैलोजेन अन्य तत्वों को ऑक्सीकरण कर सकते हैं, उनसे इलेक्ट्रॉन चुराकर और यही कारण है कि उन्हें मजबूत ऑक्सीकरण एजेंट के रूप में माना जाता है।
प्रश्न: नाइट्रोजन की प्रतिक्रिया फॉस्फोरस से भिन्न क्यों होती है?
उत्तर: चरण 1: “प्रतिक्रिया” और “नाइट्रोजन” और “फॉस्फोरस” शब्दों को समझें।
प्रतिक्रिया एक तत्व या यौगिक के अन्य तत्वों या यौगिकों के साथ कितनी आसानी से परस्पर कार्यवाही करता है का माप होता है। नाइट्रोजन पृथ्वी की वायुमंडल में पाए जाने वाला एक गैरधातु तत्व है, जबकि फॉस्फोरस खनिजों में पाया जाने वाला एक गैरधातु तत्व है।
चरण 2: नाइट्रोजन और फॉस्फोरस के बीच के अंतर का अध्ययन करें।
नाइट्रोजन एक स्थिर तिगुना बांध के कारण एक मात्रात्मकता है, जबकि फॉस्फोरस अन्य तत्वों के साथ मल्टीपल बांध बनाने की क्षमता के कारण और प्रत्येक तत्व में पांच वालेंस इलेक्ट्रॉन्स होने के कारण अधिक प्रतिक्रियाशील होता है।
चरण 3: नाइट्रोजन और फॉस्फोरस के बीच के अंतर का विश्लेषण करें।
नाइट्रोजन और फॉस्फोरस के प्रतिक्रियाशीलता के अंतर को उनके इलेक्ट्रॉन विन्यास के अंतर के कारण किया जा सकता है। नाइट्रोजन के तिगुना बांध और पांच बाहरी कोशिकाओं के कारण यह साधारित होता है, जबकि फॉस्फोरस की अनेक बांधों बनाने और पांच वालेंस इलेक्ट्रॉन्स के कारण यह अधिक प्रतिक्रियाशील होता है।
प्रश्न:
इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फ़िगरेशन, ऑक्सीकरण स्थिति और हाइड्राइड निर्माण के माध्यम से, परियोडिक तालिका में O, S, Se, Te और Po की समान समूह में स्थानांतरण को ज्यायांत करें।
उत्तर:
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O, S, Se, Te और Po को परियोडिक तालिका के एक ही समूह में रखा जाता है क्योंकि उनकी सभी का बाहरीतम इलेक्ट्रॉन कॉन्फ़िगरेशन (ns2np4) समान होती है।
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यह सामान्य इलेक्ट्रॉन कॉन्फ़िगरेशन उन्हें समान ऑक्सीकरण स्थितियाँ और हाइड्राइड निर्माण करने की संभावना देती है। उदाहरण के लिए, वे सभी +2 और +6 ऑक्सीकरण स्थितियों को प्रदर्शित करते हैं और H2O, H2S, H2Se, H2Te और H2Po जैसे हाइड्राइड निर्माण कर सकते हैं।
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इस समूह में मौजूद तत्व अन्य तत्वों के साथ सहयोगी इलेक्ट्रॉनों को साझा करके उद्घाटन बंध बना सकते हैं, जो उनकी समान बाहरीतम इलेक्ट्रॉन कॉन्फ़िगरेशन के कारण होता है।
प्रश्न:
निम्नलिखित में से कौन सा मौजूद नहीं होता है? (i) XeOF4 (ii) NeF2 (iii) XeF2 (iv) XeF
उत्तर:
उत्तर: (i) XeOF4
प्रश्न:
संपर्क प्रक्रिया द्वारा H2SO4 का उत्पादन का वर्णन करें?
उत्तर:
चरण 1: संपर्क प्रक्रिया में SO2 को कैटलिस्ट की मौजूदगी में ऑक्सीकरण किया जाता है।
चरण 2: कैटलिस्ट की मौजूदगी में ऑक्सीजन का उपयोग करके SO2 को SO3 में ऑक्सीकरण किया जाता है।
चरण 3: फिर SO3 को पानी के साथ प्रतिक्रिया करके H2SO4 बनाया जाता है।
चरण 4: प्रतिक्रिया गर्मता है और उच्च तापमान (लगभग 400-450°C) और दबाव (लगभग 6-10 वायुमंडलियों) पर किया जाता है।
चरण 5: उत्पन्न H2SO4 को फिर ठंडा करके और शुद्ध किया जाता है, फिर सभी विभिन्न उपयोगों में इस्तेमाल किया जाता है।