विद्युत रसायन अभ्यास 03
सवाल:
कितनी विद्युत फैराडे की आवश्यकता होती है तापीय CaCl2 से ठंडे Ca उत्पन्न करने के लिए: (i) 20 ग्राम Ca (ii) 40 ग्राम Al [दिए गए हैं: कैल्शियम और एल्युमीनियम का मूल भार 40 ग्राम मोल-1 और 27 ग्राम मोल-1 हैं]
उत्तर:
(i) 20 ग्राम Ca
चरण 1: Ca की मोल गिनें:
Ca की मोल = 20 ग्राम / 40 ग्राम मोल-1
Ca की मोल = 0.5 मोल
चरण 2: आवश्यक फैराडे की गणना करें:
आवश्यक फैराडे = 0.5 मोल × 96,485 C मोल-1
आवश्यक फैराडे = 48,243 C
(ii) 40 ग्राम Al
चरण 1: Al की मोल गिनें:
Al की मोल = 40 ग्राम / 27 ग्राम मोल-1
Al की मोल = 1.48 मोल
चरण 2: आवश्यक फैराडे की गणना करें:
आवश्यक फैराडे = 1.48 मोल × 96,485 C मोल-1
आवश्यक फैराडे = 143,854 C
सवाल:
298 K पर एक निदान कांड में 0.001M KCl विलयन् से युक्तता कूलीय क्या होती है जबकि 0.001M KCl विलयन् की विद्युती कतार 0.146×10-3 S सेमी-1 है?
उत्तर:
चरण 1: 298 K पर 0.001M KCl विलयन् की विशिष्ट कोडडन्स की गणना करें। विशिष्ट कोडडन्स = विद्युती/विलयन् = 0.146×10-3 एस सेमी-1/0.001M = 146 एस सेमी2/मीटर
चरण 2: कोडडन्स केोकांडित्र की गणना करें। कोडडन्स केोल: कोडिस्टिंगस्ति/विशिष्ट कोडडन्स = 1500 ओम/146 एस सेमी2/मीटर = 10.27 ओम-1सेमी2/मीटर
सवाल:
तीन वेदकीय कांड A, B, C जो ZnSO4, AgNO3 और CuSO3 के विलयनो से युक्त हैं, को श्रंखला में जोड़ा गया है। एक स्थिर विद्युती प्रवाह 1.5 एम्पीयर का पर उनसे उस समय तक प्रतिस्थित रखा गया, जब तक की 1.45 ग्राम सोना B वेंडक की ऊष्मिल पदार्थन पर जमकर जमा हो गया। विद्युती कितनी देर बहायी गई? कॉपर और जस्ता की कितनी भारित हुई?
उत्तर:
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मामूली के निधानB वेंडक की ऊष्मीय पदार्थन पर जमकर जमा होने वाले सोने के मोल गिनें: 1.45 ग्राम AgNO3 = 1.45 ग्राम/169.87 ग्राम/मोल = 0.0085 मोल
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वेदकों में से गुजरी गई कुल चार्ज गणें: 1.5 एम्पीयर x 1 घंटा = 1.5 कोलंब
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विद्युती कितनी देर बहायी गई की गणें: 1.5 कोलंब/0.0085 मोल = 176.47 घंटे
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जस्ता की भार हुई: 0.0085 मोल ZnSO4 x 65.38 ग्राम/मोल = 0.55 ग्राम
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कॉपर की भार हुई: 0.0085 मोल CuSO3 x 159.61 ग्राम/मोल = 1.35 ग्राम
सवाल:
वह गैल्वेनिक कांड का निरूपण करें जिसमें प्रतिक्रिया Zn(s)+2Ag+(aq)→Zn2+(aq)+2Ag(s) होती है। दूरस्थतापित: (i) किस वेदक का ऋणकविता चुंबक होता है? (ii) केंद्रीय कांतिं वाले वेदकों के आवाहक? (iii) प्रत्येक वेदक पर व्यक्ति-क्रिया।
उत्तर:
उत्तर:
गैल्वेनिक कांड का निरूपण:
(i) उस वेदक पर प्रतिक्रिया Zn(s)→Zn2+(aq) होती है जिस पर आवरण Ag(s)→Ag+(aq) होती है।
(ii) वेदकों में प्रवाहित यांत्रिकी के पादक इलेक्ट्रॉन होते हैं।
(iii) व्यक्ति-क्रियाएं प्रत्येक वेदक पर होती हैं:
आण्विक (ऋणकविता) पर (ऋणकविता होता है): Zn(s)→Zn2+(aq) + 2e-
धातुओं से गठित किसी गैल्वेनिक सेल में मानक कक्ष प्रवाह और संरक्षिक के माध्यम से प्रतिक्रिया के मानक समानांतर धातु धातु कोशिकाओं की मानक उत्सर्जन पोटेशियल और संतति सम गुणांक की गणना करें।
(i) 2Cr(s)+3Cd^2+(aq)→2Cr^3+(aq)+3Cd मानक क्षरण ऊर्जा: -1.31 V ΔrG° = -nFE° = -2 × (96500 C/mol) × (-1.31 V) = 254830 J/mol संतति सम: K = e^(ΔrG°/RT) = e^(254830 J/mol / (8.314 J/mol K × 298 K)) = 4.61 × 10^26
(ii) Fe^2+(aq)+Ag+(aq)→Fe^3+(aq)+Ag(s) मानक क्षरण ऊर्जा: 0.77 V ΔrG° = -nFE° = -1 × (96500 C/mol) × (0.77 V) = -74305 J/mol संतति सम: K = e^(ΔrG°/RT) = e^(-74305 J/mol / (8.314 J/mol K × 298 K)) = 2.83 × 10^-14
उत्तर: सवार्य चालकता: सवार्य चालकता, किसी पदार्थ की विद्युत चालकता की क्षमता का माप है। इसे आमतौर पर वैद्युतीय प्रतिरोध के अद्वितीय के रूप में व्यक्त किया जाता है। सवार्य चालकता सिमेंस प्रति मीटर (S/m) में मापी जाती है।
मोलर सवार्य चालकता: मोलर सवार्य चालकता एक गोलक के ब्याज से विभाजित किए गए समाधान की चालकता है। इसे सिमेंस प्रति मोलर (S/M) में व्यक्त किया जाता है।
उल्लेखित सामग्री के साथ विभिन्नता: एक इलेक्ट्रोलाइट विलयन समाधान के प्रतिचय और मॉलर विलयन दोनों संघटन के साथ बढ़ते हैं। यह इसलिए है क्योंकि समाधान में आयनों की अधिक मात्रा के कारण मौजूद आयनों की संख्या प्रबलता को ले जाने के लिए उपलव्ध होने वाली बिजली की मात्रा उच्च होती है, जिससे प्रतिष्ठता बढ़ती है। मॉलर विलयन विलयन की तेजी से बढ़ता है क्योंकि आयनों की संख्या मात्रा मात्रा वृद्धि से अधिक होती हैं।
प्रश्न:
निम्नलिखित धातुओं को एक दूसरे के सुलझाने के लिए उनके नमक समाधान से क्रमबद्ध करें। Al,Cu,Fe,Mg और Zn
उत्तर:
उत्तर:
- Mg
- Fe
- Al
- Zn
- Cu
प्रश्न:
ऑक्सीकरण के लिए कूलॉंब में कितनी बिजली की आवश्यकता होती है: (i) 1 मोल H2O से O2 तक? (ii) 1 मोल FeO से Fe2O3 तक?
उत्तर:
(i) 1 मोल H2O से O2 तक
चरण 1: प्रतिक्रिया में शामिल होने वाले इलेक्ट्रॉन की संख्या का निर्धारण करें।
प्रतिक्रिया 2H2O (l) → 2H2 (g) + O2 (g) है। इस प्रतिक्रिया में 4 मोल इलेक्ट्रॉन्स होते हैं।
चरण 2: आवश्यक बिजली की कुलम की संख्या निर्धारित करें।
1 मोल इलेक्ट्रॉन्स 96,500 कुलम बिजली के बराबर होते हैं। इसलिए, 4 मोल इलेक्ट्रॉन्स 386,000 कुलम बिजली के बराबर होते हैं।
इसलिए, 1 मोल H2O से O2 तक ऑक्सीकरण के लिए आवश्यक बिजली की मात्रा 386,000 कुलम है।
(ii) 1 मोल FeO से Fe2O3 तक
चरण 1: प्रतिक्रिया में शामिल होने वाले इलेक्ट्रॉन की संख्या का निर्धारण करें।
प्रतिक्रिया FeO (s) → Fe2O3 (s) है। इस प्रतिक्रिया में 8 मोल इलेक्ट्रॉन्स होते हैं।
चरण 2: आवश्यक बिजली की कुलम की संख्या निर्धारित करें।
1 मोल इलेक्ट्रॉन्स 96,500 कुलम बिजली के बराबर होते हैं। इसलिए, 8 मोल इलेक्ट्रॉन्स 772,000 कुलम बिजली के बराबर होते हैं।
इसलिए, 1 मोल FeO से Fe2O3 तक ऑक्सीकरण के लिए आवश्यक बिजली की मात्रा 772,000 कुलम है।
प्रश्न:
तालिका 3.1 में दिए गए मानक परमाणु संकेतों का उपयोग करके पूर्वाभिमुखी इलेक्ट्रोड क्षमताओं का अनुमान करें, यदि निम्नलिखित के बीच की प्रतिक्रिया संभव है: (i) Fe3+(aq) और I-(aq) (ii) Ag+(aq) और Cu(s) (iii) Fe3+(aq) और Br-(aq) (iv) Ag(s) और Fe3+(aq) (v) Br2(aq) और Fe2+(aq)
उत्तर:
(i) Fe3+(aq) + I-(aq) → Fe2+(aq) + I2(aq) Fe3+/Fe2+ E° = -0.77V I−/I2 E° = +0.54V प्रतिक्रिया संभव है क्योंकि प्रतिक्रिया के लिए मानक पूर्वाभिमुखी क्षमता धनात्मक है (+0.77V)।
(ii) Ag+(aq) + Cu(s) → Ag(s) + Cu2+(aq) Ag+/Ag E° = +0.80V Cu2+/Cu E° = +0.34V प्रतिक्रिया संभव है क्योंकि प्रतिक्रिया के लिए मानक पूर्वाभिमुखी क्षमता धनात्मक है (+1.14V)।
(iii) Fe3+(aq) + Br-(aq) → Fe2+(aq) + Br2(aq)
इन धातुओं को अपनी कम होती गुणता के क्रम में व्यवस्थित करें: K+/K = -2.93 V, Mg2+/Mg = -2.37 V, Cr3+/Cr = -0.74 V, Ag+/Ag = 0.80 V, Hg2+/Hg = 0.79 V
२. घटाने योग्यता के आधार पर धातुओं को बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करें: म्ग, क्रोम, चांदी, पारा, पोटेशियम