परमाणु की संरचना - अभ्यास ०२
चरमदूर तारों से देखी जाने वाली संकेतों में से सामान्यतः छिद्रदार होती हैं। यदि फोटान डिटेक्टर 600 नैनोमीटर की किरणों से कुल 3.15×10−18 जूल को प्राप्त करता है, तो डिटेक्टर द्वारा प्राप्त किए गए फोटानों की संख्या की गणना करें।
- किरण की शक्ति (3.15×10-18J) को समानमान तरंगदैर्घ्य में बदलें:
ई = ह्स/लामड़ा
3.15×10-18J = (6.626 x 10-34J.s)(3.00 x 108मी/स)/लामड़ा
लामड़ा = 4.33 x 10-7मी
- डिटेक्टर द्वारा प्राप्त होने वाले फोटनों की संख्या की गणना करें:
फोटनों की संख्या = ऊर्जा/एक फोटन की ऊर्जा
फोटनों की संख्या = 3.15×10-18J / (6.626 x 10-34J.s)(3.00 x 108मी/स)/(4.33 x 10-7मी)
फोटनों की संख्या = 1.98 x 1012 फोटन
प्रश्न:
He+(g)→He2+(g)+e- प्रक्रिया के लिए आवश्यक ऊर्जा की गणना करें। मुख्य अवस्था में H परमाणु के आयनीकरण ऊर्जा 2.18×10-18J परमाणु-1 होती है।
उत्तर:
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मुख्य अवस्था में He परमाणु के आयनीकरण ऊर्जा की गणना करें। इसका मान 4.52 × 10-18 J परमाणु-1 होता है।
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He+(g)→He2+(g)+e− प्रक्रिया के लिए आवश्यक ऊर्जा की गणना करें। यह He परमाणु की आयनीकरण ऊर्जा के बराबर होती है, जो 4.52 × 10-18 J परमाणु-1 होती है।
प्रश्न:
रदरफ़ॉर्ड के प्रयोग के दौरान, सामान्य रूप से, सोने जैसे भारी अणुओं की पतली तागा का उपयोग किया जाता था और इसे आनुवंशिकरण पदार्थों के द्वारा घुर्णित किया गया था। यदि एल्युमीनियम आदि जैसे हल्के अणुओं का पतला तागा का प्रयोग किया जाता, तो क्या अंतर देखा जाता?
उत्तर:
-
यदि रदरफ़ॉर्ड ने सोने की जगह हल्के अणुओं जैसे एल्युमीनियम का पतला तागा उपयोग किया होता, तो एल्फा-कणों को तागे में संपेदन करना बहुत आसान होता।
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इससे तागे के माध्यम से एक से अधिक एल्फा-कण पारित होते, साथ ही परमाणुओं का एक अधिक संख्या कणों के परिवर्तन होता।
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प्रयोग में अलग परिणाम होते, क्योंकि घुमाव की मात्रा हेवी अणुओं के तागे का तुलनात्मक होता।
-
यह रदरफ़ॉर्ड को परमाणु की संरचना और एल्फा-कणों की प्रकृति को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता।
प्रश्न:
सबसे लंबी तरंगदैर्घ्य युग्म पथांतरण 589 और 589.6 नैनोमीटर पर देखा जाता है। हर युग्मवाली पथांतरण की आवृत्ति और दो उत्तेजित स्थितियों के बीच की ऊर्जा अंतर की गणना करें।
उत्तर:
- प्रत्येक युग्मवाली की तरंगदैर्घ्य को मीटर में बदलें:
तरंगदैर्घ्य 1 = 589 नैनोमीटर = 5.89 x 10-7 मीटर
तरंगदैर्घ्य 2 = 589.6 नैनोमीटर = 5.896 x 10-7 मीटर
- समीकरण का उपयोग करके प्रत्येक युग्मवाली की आवृत्ति की गणना करें:
आवृत्ति = गति/तरंगदैर्घ्य
आवृत्ति 1 = 3 x 108 मी/स / 5.89 x 10-7 मी = 5.09 x 1014 हर्ट्ज
आवृत्ति 2 = 3 x 108 मी/स / 5.896 x 10-7 मी = 5.08 x 1014 हर्ट्ज
- दो उत्तेजित स्थितियों के बीच की ऊर्जा अंतर की गणना करें:
ऊर्जा अंतर = ह (आवृत्ति 2 - आवृत्ति 1)
ऊर्जा अंतर = 6.626 x 10-34 जूल x (5.08 x 1014 हर्ट्ज - 5.09 x 1014 हर्ट्ज)
ऊर्जा अंतर = -1.31 x 10-19 जूल
प्रश्न:
एक आलोकिक तरंग की आवृत्ति, आवृत्ति और तरंग नंबर की गणना करें, जिसकी अवधि 2.0×10-10 सेकंड है।
उत्तर:
तरंगदैर्घ्य (लामड़ा) = प्रकाश की गति (सी) × अवधि (टी)
(a )न=0, l=0, m1=0, ms=+1/2 का कोई भी संभव नहीं है। चक्रीय क्वांटम संख्या (ms) तारणीय क्वांटम संख्या (l) से अधिक नहीं हो सकती।
(b) न=1, l=0, m1=0, ms=-1/2 का कोई भी संभव नहीं है। चक्रीय क्वांटम संख्या (ms) तब ही नकारात्मक हो सकती है जब तारणीय क्वांटम संख्या (l) 0 हो।
(c) संभव है
(d) संभव है
(प) संभव नहीं है: चुंबकीय क्वंटम संख्या (m1) ओर्बिटल क्वंटम संख्या (l) से अधिक नहीं हो सकती है।
(फ) संभव
प्रश्न:
जी ओर्बिटल के अस्तित्व के लिए ’n’ की सबसे कम मान क्या होगा?
उत्तर:
चरण 1: ‘जी ओर्बिटल’ की परिभाषा का निर्धारण करें।
चरण 2: ‘जी ओर्बिटल’ की गुणधर्मों का शोध करके ’n’ का सबसे कम मान निर्धारित करें।
प्रश्न:
मास संख्या 37 वाले एक आयन के पास एक यूनिट नकारात्मक आवेश होता है। यदि आयन में इलेक्ट्रॉनों से 11.1% अधिक न्यूट्रॉन होते हैं, तो आयन की प्रतीक का पता लगाएं।
उत्तर:
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आयन में एक यूनिट नकारात्मक आवेश होता है, इसलिए इसमें एक इलेक्ट्रॉन होना चाहिए।
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आयन में इलेक्ट्रॉनों से 11.1% अधिक न्यूट्रॉन होने के कारण, न्यूट्रॉनों की संख्या इलेक्ट्रॉनों की संख्या के 1.111 गुणा होनी चाहिए।
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इसलिए, न्यूट्रॉनों की संख्या 1.111 x 1 = 1.111 होनी चाहिए।
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मास संख्या प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों की संख्या का योग है। इसलिए प्रोटॉनों की संख्या 37 - 1.111 = 35.889 होनी चाहिए।
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आयन का प्रतीक 35Cl- है (Cl क्लोरीन के लिए प्रतीक है)।
प्रश्न:
मास संख्या 56 वाले एक आयन में 3 यूनिट सकारात्मक आवेश होता है और इलेक्ट्रॉनों से 30.4% अधिक न्यूट्रॉन होते हैं। इस आयन को प्रतीकित करें।
उत्तर:
चरण 1: प्रोटॉनों की संख्या निर्धारित करें। प्रोटॉनों = 3 सकारात्मक आवेश के यूनिट = 3
चरण 2: न्यूट्रॉनों की संख्या निर्धारित करें। न्यूट्रॉनों = (इलेक्ट्रॉनों से 30.4% अधिक) x (इलेक्ट्रॉनों की संख्या) = (इलेक्ट्रॉनों से 30.4% अधिक) x (प्रोटॉनों की संख्या) = (30.4%) x (3) = 0.912 = 1 (निकटतम पूर्णांक में गोलाकार कर दिया)
चरण 3: इस आयन को प्रतीकित करें। प्रतीक = 56 3+ (56 प्रोटॉन और 3 सकारात्मक आवेश)
प्रश्न:
(i) मेथेन के एक मोल में मौजूद इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या कीजिए।
उत्तर:
उत्तर: (i) मेथेन के एक मोल में 6.022 x 1023 मेथेन के अणु होते हैं। हर मेथेन के अणु में एक कार्बन परमाणु और चार हाइड्रोजन परमाणु होते हैं। कार्बन परमाणु में 6 इलेक्ट्रॉन्स होते हैं और हाइड्रोजन परमाणु में 1 इलेक्ट्रॉन होता है। इसलिए, मेथेन के एक मोल में मौजूद इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या 6.022 x 1023 x (6 + 4 x 1) = 6.022 x 1023 x 10 = 6.022 x 1024 होती है।
प्रश्न:
(ii) (a) 7 mg के 14C में मौजूद (b) न्यूट्रॉनों की कुल संख्या और (बी) न्यूट्रॉनों का कुल मास कीजिए।
उत्तर:
(ii) दिया हुआ है: 14C का मास = 7 मि॰ ग्राम
(ii) समाधान: (a) 7 mg के 14C में न्यूट्रॉनों की कुल संख्या = 6
(b) 7 mg के 14C में न्यूट्रॉनों का कुल मास = 6 x 1.67 x 10-27 किलोग्राम = 1.002 x 10-26 किलोग्राम
प्रश्न:
(एक न्यूट्रॉन का मास = 1.675×10-27 किलोग्राम मान लें)।
उत्तर:
- 1 मोल न्यूट्रॉनों का मास कीजिए:
1 मोल न्यूट्रॉनों का मास = 1.675 x 10-27 किलोग्राम x 6.02 x 1023 = 1.019 x 10-3 किलोग्राम
- 1 मोल न्यूट्रॉनों में न्यूट्रॉनों की संख्या कीजिए:
1 मोल न्यूट्रॉनों में न्यूट्रॉनों की संख्या = 6.02 x 1023
- 1 मोल न्यूट्रॉनों में परमाणुओं की संख्या कीजिए:
1 मोल न्यूट्रॉनों में परमाणुओं की संख्या = 6.02 x 1023 x 2 = 1.204 x 1024 परमाणु
The question is unclear. Could you please provide more information or clarify the question?
जवाब: कार्बन अणु की संख्या = 2×10^8 अणु व्यास = लंबाई / कार्बन अणु की संख्या अणु व्यास = 2.4 cm / (2×10^8) अणु व्यास = 1.2 x 10^(-8) cm
उत्तर:
माध्यम (c) द्वारा दिए गए त्रिज्या का उपयोग करके नेउट्रॉन के संबंधित विशेषता वेग की गणना करें। जहां c = प्रकाश की गति = 3 × 10^8 मी/सानि λ = त्रिज्या = 800 पिकोमीटर = 800 × 10^(-12) मीटर
इसलिए, f = (3 × 10^8 मी/सानि) / (800 × 10^(-12) मीटर) f = 3.75 × 10^19 हर्ट्ज़
स्टेप 2: नेउट्रॉन के साथ संबंधित चरित्रशील वेग की गणना करें। विशेषता वेग (v) = f × λ जहां f = आवृत्ति = 3.75 × 10^19 हर्ट्ज़ λ = त्रिज्या = 800 पिकोमीटर = 800 × 10^(-12) मीटर
इसलिए, v = (3.75 × 10^19 हर्ट्ज़) × (800 × 10^(-12) मीटर) v = 3 × 10^7 मी/सानि
सवाल:
हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम में कौन सा परावर्तन बैल्मर परावर्तन, एन = 4 से एन = 2 हीलीय प्रकाश स्पेक्ट्रम के समान त्रिज्या होगा?
उत्तर:
स्टेप 1: हीलीय प्रकाश स्पेक्ट्रम के बैल्मर परावर्तन को निश्चित करें, एन = 4 से एन = 2.
प्रश्न:
(i) हाइड्रोजन परमाणु में पहले वक्र के साथ जुड़े ऊर्जा 2.18×10−18 J atom−1 से पांचवी वक्र से संबंधित क्या होती है? (ii) हाइड्रोजन परमाणु के लिए बोर के पांचवी वक्र की त्रिज्या का गणना करें।
उत्तर:
(i) हाइड्रोजन परमाणु में पांचवी वक्र के साथ जुड़े ऊर्जा 2.18 x 10-18 J atom-1 x 52 = 5.90 x 10-17 J atom-1 होती है।
(ii) हाइड्रोजन परमाणु के लिए बोह्र के पांचवी वक्र की त्रिज्या फ़ॉर्मूला E = -2.18 x 10-18 J atom-1 / (4πε₀r) का उपयोग करके गणना की जा सकती है, यहां ε₀ फ्री रिक्त स्थान की अनुभूतिशीलता है और r वक्र की त्रिज्या है। r के लिए हल करते हैं, हम पाते हैं r = -2.18 x 10-18 J atom-1 / (4πε₀E), जहां E पांचवी वक्र की ऊर्जा है। मान घुसाने से हमें r = -2.18 x 10-18 J atom^-1 / (4πε₀ x 5.90 x 10-17 J atom-1) = 0.529 x 10-10 m मिलता है।
प्रश्न:
सीजियम परमाणु के लिए कार्य संख्या 1.9 eV है। (a) थ्रेसहोल्ड तत्वावधि और (b) विकीर्णता की गणना करें। अगर सीजियम तत्व को 500 nm की तत्वावधि से प्रभारित किया जाता है, तो फ़ोटोइलेक्ट्रॉन की किनेटिक ऊर्जा और वेग की गणना करें।
उत्तर:
a) थ्रेसहोल्ड तत्वावधि को संबंध बनाने के लिए निम्नलिखित समीकरण का उपयोग किया जा सकता है: तत्वावधि (λ) = hc/कार्य संख्या (W)
यहां h प्लांक का संघ (6.626 x 10-34 Js), c प्रकाश की गति (3 x 108 ms-1) और W कार्य संख्या (1.9 eV) है।
इसलिए, थ्रेसहोल्ड तत्वावधि है: λ = (6.626 x 10-34 Js) x (3 x 108 ms-1) / (1.9 eV) λ = 8.76 x 10^-7 m
b) विकीर्णता को गणना करने के लिए निम्नलिखित समीकरण का उपयोग किया जा सकता है: फ़्रीक्वेंसी (f) = c/तत्वावधि (λ)
यहां c प्रकाश की गति (3 x 108 ms-1) और λ थ्रेसहोल्ड तत्वावधि (8.76 x 10-7 m) है।
इसलिए, थ्रेसहोल्ड फ़्रीक्वेंसी है: f = (3 x 108 ms-1) / (8.76 x 10-7 m) f = 3.43 x 1014 Hz
अगर सीजियम तत्व को 500 nm की तत्वावधि से प्रभारित किया जाता है, तो फ़ोटोइलेक्ट्रॉन की किनेटिक ऊर्जा निम्नलिखित समीकरण का उपयोग करके गणना की जा सकती है: किनेटिक ऊर्जा (के) = hf - कार्य संख्या (W)
यहां h प्लांक का संघ (6.626 x 10-34 Js), f विकीर्णता (6.00 x 1014 Hz) और W कार्य संख्या (1.9 eV) हैं।
इसलिए, फ़ोटोइलेक्ट्रॉन की किनेटिक ऊर्जा है: के = (6.626 x 10-34 Js) x (6.00 x 1014 Hz) - (1.9 eV) के = 1.18 eV
फिर, फ़ोटोइलेक्ट्रॉन की वेग निम्नलिखित समीकरण का उपयोग करके गणना की जा सकती है: वेग (v) = √(2के/m)
यहां के फ़ोटोइलेक्ट्रॉन की किनेटिक ऊर्जा (1.18 eV) है और m इलेक्ट्रॉन का भार (9.11 x 10-31 kg) है।
इसलिए, फोटोइलेक्ट्रॉन की वेग है: v = √((2 x 1.18 eV) / (9.11 x 10-31 kg)) v = 2.64 x 106 ms-1
सवाल:
जस्ता परमाणु का व्यास 2.6 एंग्स्ट्रॉम है। (a) जस्ता परमाणु क्षेत्रीय त्रिज्या की मात्रा पी.एम. में निर्धारित करें और (b) अगर जस्ते परमाणु एक-दूसरे के साइड फेंके गए हैं तो 1.6 सेमी की मात्रा में मौजूद अणुओं की संख्या क्या होगी।
उत्तर:
(a) जस्ते परमाणु क्षेत्रीय त्रिज्या पी.एम. में = 2.6 एंग्स्ट्रॉम/2 = 1.3 एंग्स्ट्रॉम = 1.3 x 10-10मीटर = 1.3 x 10-10 x 10-12 मीटर/पी.एम. = 1.3 x 10-22 पी.एम.
(b) 1.6 सेमी की मात्रा में मौजूद अणुओं की संख्या = 1.6 सेमी/जस्ते परमाणु क्षेत्रीय त्रिज्या = 1.6 x 10-2 मीटर/2.6 x 10-10 मीटर = 6.15 x 1017 अणु
सवाल:
एक चुंबकीय लैंप से निकलने वाले हलके से 4×10-7 मीटर की तारंगदैर्घ्य वाला फोटॉन किसी धातु सतह पर प्रभावित होता है, धातु का कार्य कार्य (कार्य कार्य) 2.13 eV है। गणना करें: (i) फोटॉन की ऊर्जा (ईवी) (ii) प्रक्षेपण की गतिशक्ति (iii) फोटोइलेक्ट्रॉन की वेग। [1 ईव = 1.6020×10(-19)J].
उत्तर:
(i) फोटॉन की ऊर्जा (ईव) = hc/λ = (6.62610-34 J.s)(3108 m/s)/(410-7 m) = 4.90510-19 J = 4.90510-19 J / (1.602010-19 J/ईव) = 3.06 ईव
(ii) प्रक्षेपण की गतिशक्ति = फोटॉन की ऊर्जा - धातु का कार्य कार्य = 3.06 ईव - 2.13 ईव = 0.93 ईव
(iii) फोटोइलेक्ट्रॉन की वेग = √(2प्रक्षेपण की गतिशक्ति/परमाणु की भार) = √(20.93 ईव/9.1110-31 किलोग्राम) = 1.86106 m/s
सवाल:
दिए गए परमाणु संख्या (Z) और परमाणु का परमाणु संख्या (A) के लिए परमाणु के पूरे प्रतीक को लिखें।
(i) Z = 17 , A = 35
(ii) Z = 92 , A = 233
(iii) Z = 4 , A = 9
उत्तर:
(i) Cl-17 (ii) U-233 (iii) Be-9
सवाल:
सोडियम लैंप से निकलने वाली पीती रोशनी में एक तारंगदैर्घ्य (λ) 580 नानोमीटर है। पीती रोशनी की आवृत्ति (v) और तारंगदैर्घ्य (vˉ) की गणना करें।
उत्तर:
चरण 1: पीती रोशनी की आवृत्ति (v) की गणना करें।
पीती रोशनी की आवृत्ति (v) = प्रकाश का गति (c) / तारंगदैर्घ्य (λ)
पीती रोशनी की आवृत्ति (v) = 3 x 108 मीटर/सेकंड / 580 नानोमीटर
पीती रोशनी की आवृत्ति (v) = 5.17 x 1014 हर्ट्ज़
चरण 2: इस पीती रोशनी की तारंगदैर्घ्य (vˉ) की गणना करें।
तारंगदैर्घ्य (vˉ) = 1 / तारंगदैर्घ्य (λ)
तारंगदैर्घ्य (vˉ) = 1 / 580 नानोमीटर
तारंगदैर्घ्य (vˉ) = 1.72 x 107 मीटरˉ१
सवाल:
यदि कार्बन परमाणु का व्यास 0.15 नानोमीटर है, तो एक सीधी रेखा के रूप में स्थानांतरित किये जाने वाले कार्बन परमाणुओं की संख्या क्या होगी जो 20 सेमी लंबी मापन के पैमाने के लंबे के अच्छे पर एक-दूसरे के साइड फेंके गए होंगे।
उत्तर:
चरण 1: 20 सेमी को नैनोमीटर में रूपांतरित करें। 20 सेमी = 20 x 10-2 मीटर = 2 x 106 नैनोमीटर
चरण 2: 2 x 106 नैनोमीटर में समायोजित होने वाले कार्बन परमाणुओं की संख्या की गणना करें।
एक निश्चित कण 2.5×10(-16) कुलम्ब स्थैतिक विद्युत आवेश रखता है। इसमें मौजूद इलेक्ट्रॉनों की संख्या की गणना करें।
उत्तर:
चरण 1: तलमल तार का उच्चतम ऊर्जा (वावणा) की गणना करें। ऊर्जा = (प्लांक का स्थायी × प्रकाश की गति) / तार की अवस्था
ऊर्जा = (6.626 × 10^(-34) जै × 3.00 × 10^8 मीतर/सेकंड) / 6800 × 10^(-10) मीतर
ऊर्जा = 9.74 × 10^(-20) जूल
चरण 2: प्रारंभिक गति (v0) की गणना करें। v0 = (ऊर्जा) / (प्लांक का स्थायी)
v0 = (9.74 × 10^(-20) जूल) / (6.626 × 10^(-34) जै)
v0 = 1.47 × 10^14 हर्ट्ज़
चरण 3: काम की रासायनिक निकासी (w0) की गणना करें। w0 = (प्लांक का स्थायी × वावणा) / वाल्य
w0 = (6.626 × 10^(-34) जै × 3.00 × 10^8 मीतर/सेकंड) / 6800 × 10^(-10) मीतर
w0 = 4.87 इलेक्ट्रॉन-वोल्ट (eV)
स्टेप 1: समीकरण λ0 = h/mv0 का उपयोग करके थ्रेशोल्ड तत्ववाही लैंबड़ा λ0 की गणना करें, जहां h प्लांक का निश्चित है, m इलेक्ट्रॉन की भार, और v0 थ्रेशोल्ड आवृत्ति है।
स्टेप 2: समीकरण v0 = c/λ0 का उपयोग करके थ्रेशोल्ड आवृत्ति v0 की गणना करें, जहां c प्रकाश की गति है।
स्टेप 3: समीकरण w0 = hv0 - KE का उपयोग करके कार्य कार्यान्वयन w0 की गणना करें, जहां h प्लांक का निश्चित है, v0 थ्रेशोल्ड आवृत्ति है, और KE इलेक्ट्रॉन की गतिशक्ति है।
प्रश्न:
हाइड्रोजन ऐटम में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा En=(−2.18×10-(18))n2 जूल.ho जूल. की पूर्णता से हटाने के लिए आवश्यक ऊर्जा की गणना करें। इस परिवर्तन को कारण बनाने के लिए सबसे लंबी आवृत्ति वाला प्रकाश (A में) क्या हैं सकती है?
उत्तर:
उत्तर:
- इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा En=(−2.18×10-(18))n2 जूल की पूर्णता से हटाने के लिए आवश्यक ऊर्जा है।
इसलिए, इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा En=(−2.18×10-(18))n2 जूल = -8.72×10-(18) जूल।
- इस परिवर्तन को कारण बनाने के लिए सबसे लंबी आवृत्ति वाला प्रकाश का गणना करने के लिए समीकरण E=hc/λ का उपयोग करें, जहां E इलेक्ट्रॉन की पूर्णता से हटाने के लिए आवश्यक ऊर्जा है, h प्लांक का निश्चित है, c प्रकाश की गति है और λ प्रकाश की आवृत्ति है।
इसलिए, सबसे लंबी आवृत्ति (A में) वाला प्रकाश है λ = hc/E = (6.626×10(-34) Js) (3.0×108 m/s)/(-8.72×10-(18) J) = 7.45×10(-7) m = 745 A.
प्रश्न:
(i) एक परमाणु ऑर्बिटल के n = 3 हैं। l और m1 के संभावित मान क्या हैं? (ii) 3d ऑर्बिटल के लिए इलेक्ट्रॉनों के क्वांटम संख्याओं (m1 और l) की सूची बनाएँ। (iii) निम्नलिखित ऑर्बिटल में से कौन संभव हैं? 1p, 2s, 2p और 3f
उत्तर:
(i) n = 3 वाले एक परमाणु ऑर्बिटल के संभावित मान l = 0, 1, 2 हैं और m1 = -2, -1, 0, 1, 2 हैं।
(ii) 3d ऑर्बिटल के लिए इलेक्ट्रॉनों के क्वांटम संख्याओं (m1 और l) की सूची हैं m1 = -2, -1, 0, 1, 2 और l = 2 है।
(iii) संभव ऑर्बिटल हैं 1p, 2s, 2p और 3f।
प्रश्न:
s, p, d नोटेशन का उपयोग करके निम्नलिखित क्वांटम संख्याओं वाले ऑर्बिटल का वर्णन करें। (a) n=1, l=0; (b) n = 3; l=1; (c) n = 4; l =2; (d) n=4; l=3.
उत्तर:
(a) 1s
(b) 3p
(c) 4d
(d) 4f
प्रश्न:
(i) एक ग्राम के साथ संगठन वहन करने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या की गणना करें। (ii) एक मोल इलेक्ट्रॉनों का भार और चार्ज की गणना करें।
उत्तर:
(i) एक ग्राम के साथ संगठन वहन करने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या 6.02 x 1023 इलेक्ट्रॉन है।
(ii) एक मोल इलेक्ट्रॉनों का भार 9.11 x 10^-31 kg है और एक मोल इलेक्ट्रॉनों का चार्ज -1.602 x 10-19 C है।
प्रश्न:
हर एक फोटन की ऊर्जा ढूंढें जो (i) ऊर्जा 3×10^15Hz की प्रकाश से मेल खाती है। (ii) 0.50A∘ की आवृत्ति वाला है।
उत्तर:
(i) 3×10^15Hz तक की प्रकाश से मेल खाने वाले प्रत्येक फोटन की ऊर्जा
E = hf
यहाँ दिए गए सभी प्रश्नों को हिंदी में अनुवादित किया जाएगा:
प्रश्न: आयोडीन आयन का ईश्चण सामरिकता बहुत अधिकभूत विकिरण के वेवगति 242 नैनोमीटर है। आयोणीकरण ऊर्जा को नायकीयता में केजेमोल<sup>(-1)</sup> में निर्णयित करें।
उत्तर: चरण 1: जौलों में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकिरण की ऊर्जा की गणना करें।
ऊर्जा = (प्लांक संख्या x प्रकाश की गति) / वेवगति
ऊर्जा = (6.626 x 10<sup>(-34)</sup> x 3 x 10<sup>8</sup>) / (242 x 10<sup>(-9)</sup>)
ऊर्जा = 3.86 x 10<sup>(-19)</sup> जौल
चरण 2: सोडियम की आयोणीकरण ऊर्जा की गणना करें।
आयोणीकरण ऊर्जा = इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकिरण की ऊर्जा / अवोगैड्रो की संख्या
आयोणीकरण ऊर्जा = 3.86 x 10<sup>(-19)</sup> / (6.02 x 10<sup>23</sup>)
आयोणीकरण ऊर्जा = 6.42 x 10<sup>(-43)</sup> जौल
चरण 3: सोडियम की आयोणीकरण ऊर्जा को जौल से केजेमोल<sup>(-1)</sup> में परिवर्तित करें।
आयोणीकरण ऊर्जा (केजेमोल<sup>(-1)</sup>) = आयोणीकरण ऊर्जा (जौल) x (1000/अवोगाड्रो की संख्या)
आयोणीकरण ऊर्जा (केजेमोल<sup>(-1)</sup>) = 6.42 x 10<sup>(-43)</sup> x (1000/6.02 x 10<sup>23</sup>)
आयोणीकरण ऊर्जा (केजेमोल<sup>(-1)</sup>) = 4.07 x 10<sup>(-19)</sup> केजेमोल<sup>(-1)</sup>
प्रश्न: हाइड्रोजन एटम में इलेक्ट्रॉन को प्रथम बोर आवर्त से पांचवें बोर आवर्त में स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा और जब इलेक्ट्रॉन वापस आकर मूल अवस्था में आता है तो उत्पन्न होने वाली प्रकाश की वेवगति क्या होगी? मूल अवस्था इलेक्ट्रॉन ऊर्जा - 2.18×10<sup>(-11)</sup> इर्ग है।
उत्तर:
-
प्रथम बोर आवर्त से पांचवें बोर आवर्त में इलेक्ट्रॉन स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा की गणना करें: ऊर्जा = -2.18 x 10<sup>(-11)</sup> इर्ग x (1 जूल / 10<sup>7</sup> इर्ग) x (1/4) = -5.45 x 10<sup>(-19)</sup> जूल
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इलेक्ट्रॉन मूल अवस्था में वापस आने पर उत्पन्न होने वाली प्रकाश की वेवगति की गणना करें: वेवगति = (प्लांक संख्या x प्रकाश की गति) / ऊर्जा = (6.626 x 10<sup>(-34)</sup> जूल-सेकंड x 3 x 10<sup>8</sup> मीटर/सेकंड) / (-5.45 x 10<sup>(-19)</sup> जूल) = 6.5 x 10<sup>(-7)</sup> मीटर = 650 नैनोमीटर
प्रश्न: हाइड्रोजन एटम में इलेक्ट्रॉन को पहले बोर आवर्त से पांचवें बोर आवर्त में स्थानांतरित करने के लिए कितनी ऊर्जा चाहिए और जब इलेक्ट्रॉन मूल अवस्था में वापस लौटता है तो उत्पन्न होने वाली प्रकाश की वेवगति क्या होगी? मूल अवस्था इलेक्ट्रॉन ऊर्जा - 2.18×10<sup>(-11)</sup> इर्ग है।
उत्तर:
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पहले बोर आवर्त से पांचवें बोर आवर्त में इलेक्ट्रॉन स्थानांतरित करने के लिए ऊर्जा की गणना करें: ऊर्जा = -2.18 x 10<sup>(-11)</sup> इर्ग x (1 जूल / 10<sup>7</sup> इर्ग) x (1/5) = -4.37 x 10<sup>(-19)</sup> जूल
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इलेक्ट्रॉन मूल अवस्था में वापस आने पर उत्पन्न होने वाली प्रकाश की वेवगति की गणना करें: वेवगति = (प्लांक संख्या x प्रकाश की गति) / ऊर्जा = (6.626 x 10<sup>(-34)</sup> जूल-सेकंड x 3 x 10<sup>8</sup> मीटर/सेकंड) / (-4.37 x 10<sup>(-19)</sup> जूल) = 6.85 x 10<sup>(-7)</sup> मीटर = 685 नैनोमीटर
इनमें से कौन से तत्व समाकृत्र प्रजातियाँ हैं, अर्थात समान संक्षेप में इलेक्ट्रॉनों की संख्या होती है? Na+, K+, Mg2+, Ca2+, S2−, Ar
उत्तर:
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प्रत्येक प्रजाति में इलेक्ट्रॉनों की संख्या गणना करें: Na+ = 10 इलेक्ट्रॉन, K+ = 10 इलेक्ट्रॉन, Mg2+ = 12 इलेक्ट्रॉन, Ca2+ = 20 इलेक्ट्रॉन, S2− = 16 इलेक्ट्रॉन, Ar = 18 इलेक्ट्रॉन
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प्रत्येक प्रजाति में इलेक्ट्रॉनों की संख्या की तुलना करें: Na+ और K+ में समान इलेक्ट्रॉनों की संख्या है, इसलिए वे समाकृत्र प्रजातियाँ हैं। Mg2+, Ca2+, S2− और Ar में बाकी प्रजातियों की अलग-अलग इलेक्ट्रॉन संख्या है, इसलिए वे समाकृत्र नहीं हैं।
इसके लिए तरंगदुरी निर्धारित करें: तरंगदुरी = h/p तरंगदुरी = 6.626 x 10^-34 वाट-सेकंड / 5.3 x 10^-25 किलोग्राम मीटर/सेकंड तरंगदुरी = 1.249 x 10^-9 मीटर
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हॉकी गेंद की गति ढूंढें: गति = भार x वेग = 0.1 किलोग्राम x (4.37 x 105 मीटर/सेकंड) = 4.37 x 104 किलोग्राम मीटर/सेकंड
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इस गति से संबंधित तरंगदैर्घ्य ढूंढें: तरंगदैर्घ्य = ह्यू/गति = (6.626 x 10-34 जूल-सेकंड) / (4.37 x 104 किलोग्राम मीटर/सेकंड) = 1.51 x 10-38 मीटर
प्रश्न:
(अ) n = 4 के साथ संबंधित कितने उपशेरियाँ होंगी? (ब) n = 4 के लिए ms मान -1/2 वाले उपशेरियों में कितने इलेक्ट्रॉन्स मौजूद होंगे?
उत्तर:
अ) n = 4 के लिए, चार उपशेरियाँ होंगी: s, p, d और f।
ब) n = 4 और ms = -1/2 के लिए, उपशेरियों में दो इलेक्ट्रॉन्स मौजूद होंगे। एक इलेक्ट्रॉन s उपशेरियाँ में होगा जिसका ms = -1/2 होगा, और एक इलेक्ट्रॉन p उपशेरियों में होगा जिसका ms = -1/2 होगा।