पर्यावरणिक व्यायाम 14
प्रश्न:
आपके कृषि क्षेत्र या बागीचे के लिए आपने एक कॉम्पोस्ट उत्पादन का खाद्या गड्ढा विकसित किया है। बुरी गंध, मक्खी और मल का पुनर्चक्रण की प्रक्रिया के प्रकाश में चर्चा करें।
उत्तर:
- कॉम्पोस्ट उत्पादन गड्ढे कृषि या बाग उपयोग के लिए जीवाणु संबंधी अपशिष्टों को पुनर्चक्रण करने का एक महान तरीका है।
- बुरी गंध को कम करने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि कॉम्पोस्टिंग मिश्रण को अच्छी तरह से हवा दिया जाना चाहिए और नियमित रूप से पलटा जाना चाहिए। यह मदद करेगा गंध को कम करने और कॉम्पोस्टिंग प्रक्रिया को तेजी से उबारने में।
- मक्खियों को कम करने के लिए, कॉम्पोस्टिंग मिश्रण को एक तारप या अन्य सामग्री से ढ़कना चाहिए, ताकि मक्खियाँ सामग्री को पहुंचने से रोक सकें।
- कॉम्पोस्टिंग मिश्रण में हरे और भूरे सामग्री का संतुलित संयोजन होना चाहिए। हरी सामग्री में तत्विक नाइट्रोजन अधिक होता है और कॉम्पोस्टिंग प्रक्रिया के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करती है, जबकि भूरी सामग्री में कार्बन अधिक होता है और कॉम्पोस्ट के लिए आवश्यक संरचना प्रदान करती है।
- कॉम्पोस्ट को नियमित रूप से पलटा जाना चाहिए ताकि सभी सामग्री को सही ढंग से कॉम्पोस्ट होने की सुनिश्चित हो।
- कॉम्पोस्ट को कुछ हफ्तों तक पकने दिया जाना चाहिए, इससे सुनिश्चित होगा कि सभी पोषक तत्व मुक्त हो जाएँ और कॉम्पोस्ट तैयार हो सके।
प्रश्न:
भारत में मूर्ति और स्मारकों पर अम्ल वर्षा का क्या प्रभाव होता है?
उत्तर:
- अम्ल वर्षा तब होती है जब जहरीले पदार्थ जैसे सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड वायुमंडल में जारी किए जाते हैं। ये पदार्थ पानी, ऑक्सीजन और अन्य रासायनिक पदार्थों के साथ प्रतिक्रिया करके अम्ल बनाते हैं।
- जब अम्ल वर्षा भारत में मूर्तियों और स्मारकों पर गिरती है, तो अम्ल सतहों को खद्दर कर सकती हैं और समय के साथ उन्हें क्षय कर सकती हैं।
- वर्षा की आमलता रंगों पर भी प्रभाव डाल सकती है, क्योंकि आमलता रंग को टूटने के लिए कारण बना सकती है।
- इसके अलावा, अम्ल वर्षा मूर्तियों और स्मारकों पर दाग और काले धब्बे डाल सकती है, जिससे वे नीरस और धुंधले लग सकते हैं।
प्रश्न:
जल प्रदूषण के मुख्य कारण क्या हैं? समझाएँ।
उत्तर:
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जल प्रदूषण के मुख्य कारण हैं बिंदु-स्रोत प्रदूषण, गैर-बिंदु स्रोत प्रदूषण और वायुमंडलीय उत्पादन।
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बिंदु-स्रोत प्रदूषण वह प्रदूषण है जो एक ही स्रोत से उत्पन्न होता है, जैसे कि एक कारख़ाने, सीवेज संशोधन संयंत्र, या तेल संकट। यह जलीय जीवन और जल गुणवत्ता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।
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गैर-बिंदु स्रोत प्रदूषण ऐसा प्रदूषण है जो कई स्रोतों से आता है, जैसे कि खेतों, लॉन और निर्माण स्थलों से बहने वाला पानी। यह प्रकार का प्रदूषण पहचानना और पटना आदि की बहुत सी गतिविधियों के कारण हो सकता है।
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वायुमंडलीय उत्पादन एक प्रकार की प्रदूषण है जो वायुमंडल में छोड़ा जाता है और फिर जल शरीरों में जमा हो जाता है। इस प्रकार का प्रदूषण औद्योगिक निर्माण, वाहन निगलने, और प्राकृतिक स्रोतों जैसे कि धूल और राख से हो सकता है।
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सभी इन जल प्रदूषण स्रोतों के कारण जल गुणवत्ता में कमी हो सकती है, और जलीय जीवन, पेय जल, और मनोरंजनिक गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
प्रश्न:
जीवरासायनिक ऑक्सीजन मांग (बीओडी) से आप क्या मतलब करते हैं?
उत्तर:
उत्तर:
- बीओडी एक निश्चित जल निकाय में सजीवों द्वारा जीवाणुओं को विघटित करने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन की मात्रा का माप है।
- इसका उपयोग जल गुणवत्ता प्रबंधन में आर्थिक प्रदूषण की मात्रा का माप करने के लिए किया जाता है।
- बीओडी को एक बंद डिब्बे में जल का नमूना रखकर और सजीवों को जीवाणुओं को विघटित करने की अनुमति देकर मापा जाता है।
- सजीवों द्वारा उपयोग की गई ऑक्सीजन की मात्रा फिर पांच दिनों के अवधि में मापी जाती है, और बीओडी का मापन उस दिन के अंत में ऑक्सीजन की मात्रा से शुरुआत की गई ऑक्सीजन की मात्रा की घटावणी से किया जाता है।
प्रश्न:
कीटनाशक और हर्बिसाइड क्या हैं? उदाहरणों के साथ समझाएं।
उत्तर:
कीटनाशक और हर्बिसाइड केमिकल होते हैं जिनका उपयोग विशेष प्रकार के पौधों और जीवों को मारने या नियंत्रित करने के लिए किया जाता हैं जो कीट माना जाता है। कीटनाशकों के उदाहरण में कीटविज्ञान, जो कीटों को मारने के लिए प्रयोग किया जाता है, और त्वचा बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए प्रयोग किया जाने वाला फंगाइसाइड, शामिल हैं। हर्बिसाइड के उदाहरण में शामिल हैं खरपतवार मारने के लिए प्रयोग किया जाने वाला खरपतवार नाशक, और निश्चित प्रकार के पौधों के विकास को नियंत्रित करने के लिए प्रयोग किया जाने वाला पौधों का विकास नियंत्रक।
प्रश्न:
हरित रसायन आप क्या मतलब करते हैं? यह कैसे पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा?
उत्तर:
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हरित रसायन एक सेट के सिद्धांत और अभ्यास हैं जो रसायनिक उत्पादों के निर्माण, उत्पादन, और उपयोग में खतरनाक पदार्थों का उपयोग कम करने या निस्संदेह नष्ट करने का प्रयास करते हैं।
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हरित रसायन पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए उस समय निर्मित करता है जब अवहेलनात्मक पदार्थों का उपयोग करता है। यह नवीनीकरणीय संसाधनों का उपयोग करके, ऊर्जा का कम उपयोग करके, और कचरे को कम करके पर्यावरण के लिए कम हानिकारक प्रक्रियाओं और उत्पादों को संचालित करने का प्रयास करता है। इसके अलावा, हरित रसायन मेराकार पैदा करने वाली अधिक प्रभावी प्रक्रियाओं को बनाने की कोशिश करता है जो कम खतरनाक उपयोग पैदा करती हैं।
प्रश्न:
यदि पृथ्वी के वायुमंडल में नहीं होतीं हरित घर गैसें क्या हो जाता? चर्चा करें।
उत्तर:
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हरित घर गैसें पृथ्वी के वायुमंडल के महत्वपूर्ण घटक हैं, क्योंकि वे ऊष्मा को बंद करके गर्म रखने में मदद करती हैं। इन गैसों के बिना, पृथ्वी का तापमान काफी ठंडा हो जाता और जीवन के लिए कम आरामदायक हो जाती।
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हरित घर गैस के बिना, पृथ्वी का औसत तापमान बहुत हद तक कम हो जाएगा, जिससे जीवन को समर्थित करने के लिए योग्य ऊर्जा की मात्रा कम हो जाएगी। इससे जीवविविधता में कमी होगी और पृथ्वी की निवास करने वाली प्रजातियों की विविधता में कमी होगी।
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हरित घर गैस की कमी भू-जलीय चक्र पर नकारात्मक प्रभाव भी डालेगी। ऊष्मा को बंद करने के बिना, इसे अधिक सूखा और कम वर्षा होगी, जिससे कई क्षेत्रों में सूखे और पानी की कमी होगी।
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साथ ही, ग्रीनहाउस गैसों की कमी के कारण पृथ्वी का वायुमंडल पतला और कम घना हो जाएगा। इससे सूर्य की ओर से हानिकारक विकिरण से कम संरक्षण होगा, जो पर्यावरण को और भी क्षति पहुंचा सकता है।
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आखिरकार, वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों की कमी से पौधों के लिए कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में कमी भी होगी। इससे जैव विविधता कम होगी और खाद्य श्रृंखला पर प्रभाव पड़ेगा, जिससे धरती पर निवास करने वाले प्रजातियों की संख्या में कमी होगी।
##सवाल: घरेलू कचरे को खाद के रूप में कैसे उपयोग किया जा सकता है?
##जवाब: चरण 1: गैर-जैविक कचरे को अलग करें बाहर कार्य करें।
चरण 2: जैविक कचरे को कम्पोस्ट बनाएं।
चरण 3: कम्पोस्ट बनाए जाने वाले जैविक कचरे को मिट्टी के साथ मिश्रण बनाएं ताकि पोषक उर्वरक बनें।
चरण 4: उर्वरक का उपयोग पौधों और फसलों को पोषित करने के लिए करें।
##सवाल: पर्यावरणीय रसायन विज्ञान को परिभाषित करें।
##जवाब: चरण 1: पर्यावरणीय रसायन विज्ञान प्राकृतिक पर्यावरण में होने वाले रासायनिक और जैवरसायनिक प्रक्रियाओं का अध्ययन है।
चरण 2: इसमें वायु, पानी और मिट्टी में रासायनिक प्रजनन, प्रतिक्रिया, परिवहन, प्रभाव और पदार्थों की किस्में के अध्ययन को शामिल किया जाता है; और इन प्रणालियों पर मानवीय गतिविधि का प्रभाव।
##सवाल: 100 शब्दों या उससे कम शब्दों में ‘त्रोपोस्फेरिक प्रदूषण’ का वर्णन करें।
##जवाब: त्रोपोस्फेरिक प्रदूषण मानव-निर्मित प्रदूषकों द्वारा पृथ्वी के वायुमंडल या त्रोपोस्फेर की प्रदूषण है। यह कोयला और तेल जैसे जीवाश्म दहन से होता है, साथ ही, कारखानों, गाड़ियों और अन्य जलने वाले स्रोतों से उत्पन्न उत्सर्जन। ये प्रदूषक स्मॉग, अम्लीय वर्षा और ओजोन कमी का कारण बनाते हैं, जो मानव स्वास्थ्य, पारिस्थितिकी और जलवायु पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं। त्रोपोस्फेरिक प्रदूषण वैश्विक रूप से हवा प्रदूषण के प्रमुख कारण है, और वैश्विक तापमान बढ़ने का मुख्य योगदानकर्ता है। इन स्रोतों से उत्सर्जन को कम करना, त्रोपोस्फेरिक प्रदूषण के प्रभावों को कम करने के लिए आवश्यक है।
##सवाल: अपने क्षेत्र में क्या आपने कभी भी जल प्रदूषण देखा है? इसे नियंत्रित करने के लिए आप क्या सुझाव देंगे?
##जवाब: चरण 1: प्रश्न का विश्लेषण करें। यह सवाल पूछ रहा है कि प्रतिक्रियात्मक क्षेत्र में आपने क्या देखा है और आप इसे नियंत्रित करने के लिए क्या सुझाव देंगे।
चरण 2: अपना उत्तर सोचें। अपने क्षेत्र में जल प्रदूषण देखा है या नहीं, और आप क्या सुझाव देंगे इसे नियंत्रित करने के लिए सोचें।
सवाल: कार्बन मोनोक्साइड गैस कार्बन डाइऑक्साइड गैस से अधिक खतरनाक क्यों है?
उत्तर:
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कार्बन मोनोक्साइड गैस कार्बन डाइऑक्साइड गैस से अधिक खतरनाक है क्योंकि यह एक रंगहीन, गंधहीन और स्वादहीन गैस है जो छोटी मात्रा में भी हानिकारक हो सकती है।
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कार्बन मोनोक्साइड मानवों और जानवरों के लिए हानिकारक होता है। यह सिरदर्द, चक्कर, मतली और अगर पर्याप्त मात्रा में सांस लेने पर मौत का कारण बन सकता है।
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विपरीत में, कार्बन डाइऑक्साइड गैस मानवों और जानवरों के लिए हानिकारक नहीं होता है। यह श्वसन का प्राकृतिक उत्पाद है और पौधों के विकास के लिए आवश्यक है।
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कार्बन मोनोक्साइड कार्बन डाइऑक्साइड से अधिक खतरनाक है क्योंकि यह ओक्सीजन की तुलना में खून में हीमोग्लोबिन से आसानी से मिल जाती है, जिससे शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, मौत समेत।
सवाल: स्मॉग क्या है? क्लासिकल स्मॉग फोटोकेमिकल स्मॉग से कैसे अलग होता है?
उत्तर: चरण 1: स्मॉग एक विनाशक प्रदूषण के प्रकार है। यह धुंध और धुंध मिश्रण होता है जो श्वसन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
चरण 2: क्लासिकल स्मॉग एक प्रकार का स्मॉग है जो कोयला और अन्य जीवाश्म ईंधन के जलने से होता है। यह धुंध, सल्फर डाइऑक्साइड और अन्य प्रदूषकों का संयोजन होता है।
चरण 3: फोटोकेमिकल स्मॉग एक प्रकार का स्मॉग है जो कार, कारखानों और अन्य स्रोतों से निकलने वाले प्रदूषकों के साथ सूर्य के रौशनी के रासायनिक प्रतिक्रिया के कारण होता है। इसमें ओजोन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और अन्य रासायनिक पदार्थ होते हैं।
सवाल: फोटोकेमिकल स्मॉग के क्षतिकरक प्रभाव क्या हैं और इन्हें कैसे नियंत्रित किया जा सकता है?
उत्तर: चरण 1: फोटोकेमिकल स्मॉग क्या होता है इसे समझें।
फोटोकेमिकल स्मॉग एक प्रकार का वायु प्रदूषण है जो आकाशमंडल में नाइट्रोजन ऑक्साइड और वॉलेटाइल जैविक यौगिकों (VOCs) के सूर्य के साथ उत्पन्न होने वाले रासायनिक प्रतिक्रियाओं से होता है।
चरण 2: फोटोकेमिकल स्मॉग के हानिकारक प्रभावों को पहचानें।
फोटोकेमिकल स्मॉग के हानिकारक प्रभाव में श्वसन रोगों का आधिक जोखिम, कम दृश्यता, एसिड वर्षा और फसलों और वनस्पतियों को क्षति शामिल है।
चरण 3: फोटोकेमिकल स्मॉग को नियंत्रित करने के तरीके पहचानें।
फोटोकेमिकल स्मॉग को नियंत्रित करने के तरीके में वाहन शून्यता को कम करना, साफ चमकने वाले ईंधन का उपयोग करना, उर्जा स्रोतों में नवीनीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करना, ऊर्जा क्षमता को बढ़ाना और अधिक पेड़ लगाना शामिल हैं।
सवाल: स्ट्रेटोस्फियर में ओजोन परत की घटना के लिए कौन-कौन सी प्रतिक्रियाएं होती हैं?
उत्तर:
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स्ट्रेटोस्फियर में ओजोन परत की घटना में मुख्य प्रतिक्रिया ओजोन (O3) और क्लोरोफ्लुओरोकार्बन (CFCs) के बीच केटलिटिक प्रतिक्रिया होती है।
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जब CFCs आकाशमंडल में जारी किए जाते हैं, तो उन्हें आल्ट्रावायलेट विकिरण के कारण क्लोरीन परमाणुओं में टूट जाते हैं।
ओजोन होल क्या है? इसके परिणाम क्या हैं?
Answer:
ओजोन होल स्ट्रेटोस्फेरिक ओजोन परत में कमी क्षेत्र को संदर्भित करता है। इसका कारण कुछ मानव निर्मित रासायनिक पदार्थ, जैसे कि क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs), होते हैं, जो वायुमंडल में ओजोन मोलेक्यूलों को टूटने के लिए ब्रेक करते हैं।
ओजोन होल के परिणाम में धरती की सतह तक बढ़ती हुई अल्ट्रावायलेट (UV) किरणों की वृद्धि शामिल है, जिससे त्वचा कैंसर, कैटरेक्ट और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं मनुष्यों और पशुओं में हो सकती हैं। यह मिट्टी और अन्य पौधों को भी नुकसान पहुंचा सकता है, साथ ही समुद्री खाद्य जाल में भी बाधा डाल सकता है। इसके अलावा, ओजोन होल को वैश्विक जलवायु पैटर्न में परिवर्तन, जैसे तापमान में बढ़ोतरी और बदलते हवाई प्रवाहों के साथ जोड़ा गया है।
प्रश्न: अपनी पड़ोस में क्या आप किसी जलभूमि प्रदूषण का अनुभव करते हो? जलभूमि प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए आप कौन से प्रयास करोगे?
Answer:
चरण 1: अपनी पड़ोस में मौजूद जलभूमि प्रदूषण के मौजूदा स्तर का विश्लेषण करें। इसमें मिट्टी की स्थिति, किसी भी पदार्थ की मौजूदगी और प्रदूषण के किसी अन्य संकेतों को देखना शामिल हो सकता है।
चरण 2: अपनी पड़ोस में जलभूमि प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करें। इसमें औद्योगिक गतिविधियाँ, कृषि गतिविधियाँ और प्रदूषण के अन्य स्रोतों की मौजूदगी शामिल हो सकती है।
चरण 3: अपनी पड़ोस में जलभूमि प्रदूषण के स्रोतों को कम करने या समाप्त करने की योजना तैयार करें। इसके लिए विधियों और कानूनों को लागू करना, सततात्मक प्रथाओं को प्रोत्साहित करना और प्रदूषण नियंत्रण प्रौद्योगिकियों को लागू करना शामिल हो सकता है।
चरण 4: अपनी पड़ोस में जलभूमि प्रदूषण के स्रोतों को कम करने या समाप्त करने की योजना को कार्यान्वित करें। इसमें स्थानीय व्यापार, किसानों और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर काम करना शामिल हो सकता है ताकि जलभूमि प्रदूषण के स्रोतों को कम या समाप्त किया जा सके।
चरण 5: अपनी पड़ोस में जलभूमि प्रदूषण के स्रोतों के साथ योजना की प्रगति का निगरानी करें। इसमें नियमित अवधि में पदार्थों की प्रदूषण और प्रदूषण के किसी अन्य संकेतों के लिए मिट्टी का टेस्ट करना शामिल हो सकता है।
चरण 6: जलभूमि प्रदूषण के स्रोतों को कम करने या समाप्त करने की योजना के प्रभावकारिता का मूल्यांकन करें। इसमें पर्यावरण, जनस्वास्थ्य और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव का मापन शामिल हो सकता है।
चरण 7: जलभूमि प्रदूषण के स्रोतों को कम करने या समाप्त करने की योजना में आवश्यक संशोधन करें ताकि सुनिश्चित हो सके कि जलभूमि प्रदूषण के स्रोतों को कम या समाप्त किया जा रहा है। इसमें अतिरिक्त विधियों को लागू करना, सततात्मक प्रथाओं को प्रोत्साहित करना और प्रदूषण नियंत्रण प्रौद्योगिकियों को लागू करना शामिल हो सकता है।
झील पर एक बड़ी संख्या में मछलियों की मौत होने की अचानक खोजी जाती है। विषाक्त डंपिंग के कोई सबूत नहीं है, लेकिन आपको फाइटोप्लैंकटन की प्रचुरता मिलती है। मछली मरने के लिए एक कारण सुझाएं।
उत्तर:
- फाइटोप्लैंकटन माइक्रोस्कोपिक जीवों को क्षैतिज पोषण श्रृंखला का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- जब फाइटोप्लैंकटन की प्रचुरता होती है, तो इससे पानी में घुले हुए ऑक्सीजन की वृद्धि हो सकती है।
- इससे पानी की तापमान में वृद्धि हो सकती है, जो मछलियों के लिए तनावपूर्ण हो सकती है।
- यदि तापमान की वृद्धि अत्यधिक हो जाए, तो मछलियों को ऑक्सीजन की तत्परता में तेजी से कमी हो सकती है, जिससे मछली मर सकती है।
प्रश्न:
फोटो केमिकल स्मॉग के गठन के दौरान संलग्न रिएक्शन लिखें।
उत्तर:
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सूरजमंडल में मंज़रदिंद डीहाईड्रोकार्बन (अल्कैन, अल्काइन) और नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओx) के ऑक्सीकरण: डीहाईड्रोकार्बन + ऑक्सीजन + सूरजकिरण → कार्बनडाइऑक्साइड + पानी + अन्य ऑक्सीकरण उत्पाद एनओ + ऑक्सीजन + सूरजकिरण → एनओ2
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नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ2) के हाइड्रोकार्बनों (एचसी) के संबंध: एनओ2 + एचसी → एचएनओ3 + अन्य ऑक्सीकरण उत्पाद
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ओजोन (ओ3) के हाइड्रोकार्बनों (एचसी) के संबंध: ओ3 + एचसी → ओ2 + अन्य ऑक्सीकरण उत्पाद
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नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ2) के ओजोन (ओ3) के संबंध: एनओ2 + ओ3 → एनओ + ओ2
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नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ2) के अन्य नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओx) के संबंध: एनओ2 + एनओ → एनओ3 + ओ2