फूलों के रूपशास्त्र वनस्पतियों का अभ्यास 05
प्रश्न:
बाह्य विशेषताओं के आधार पर निम्नलिखित कथनों की ज्यादातरीक साबित करें: (i) पौधे के भूमिगत भाग हमेशा जड़ें नहीं होतीं हैं। (ii) फूल एक संशोधित शूट होता है।
उत्तर:
(i) पौधे के भूमिगत भाग हमेशा जड़ें नहीं होतीं हैं।
स्पष्टीकरण: पौधे के भूमिगत भाग स्टीम, राइजोम, और ट्यूबर्स भी हो सकते हैं। ये संरचनाएं अलग-अलग कार्यों के साथ आते हैं, लेकिन वे जड़े नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए, एक स्टीम खाद्य संचय किए जा सकते हैं और पौधे को समर्थन भी प्रदान कर सकते हैं, जबकि एक राइजोम सिद्धांत सीधे बढ़ सकता है और पौधे को फैलाने की क्षमता प्रदान करता है। ट्यूबर्स पौधे के लिए खाद्य को संचय कर सकते हैं और पौधे को ऊर्जा प्रदान कर सकते हैं।
(ii) फूल एक संशोधित शूट होता है।
स्पष्टीकरण: फूल एक संशोधित शूट होता है क्योंकि इसमें सेपल्स, पेटल्स, और प्रजनकांग जैसी विशेषित भाग होते हैं। ये भाग सामान्य शूट में नहीं पाए जाते हैं, और इन्हें ब्रधित करने के लिए अनुकूलित किया गया है। इसके अलावा, फूल आमतौर पर चमकदार रंगों वाला होता है, जो फूलों को और आकर्षक बनाने में मदद करता है।
प्रश्न:
निम्नलिखित शब्दों की परिभाषा दीजिए:
(अ) आकर्षण
(ब) गर्भनिर्माण
(क) सक्रिय प्रांगण
(ड) यूगमोर्फिक
(इ) ऊचे हुए ओवरी
(एफ) परिघनता वाला फूल
(जी) परेपेटालस स्टैमन
उत्तर:
(अ) आकर्षण: एक फूल के गुच्छे, पुष्प, और अन्य फूलीय भागों की व्यवस्था।
(ब) गर्भनिर्माण: एक फूल के गर्भ में ओव्यूल्स की व्यवस्था।
(क) सक्रिय प्रांगण: एक फूल जो क्रमशः संरचित रूप से होने वाला है।
(ड) यूगमोर्फिक: एक फूल जो द्वितात्कारी रूप से होने वाला है।
(इ) ऊचे हुए ओवरी: वह ओवरी जो अन्य फूलीय भागों के संलग्नता बिंदु से ऊपर स्थित हो।
(एफ) परिघनता वाला फूल: एक फूल जिसमें पेटल, सेपल, और प्रजनकांग सभी ओवरी के शीर्ष पर जुड़े होते हैं।
(जी) परेपेटालस स्टैमन: एक स्टैमन जो फूल के पेटल से संलग्न होता है।
प्रश्न:
निम्नलिखित के लेबल युक्त आरेख बनाइए: i) ग्राम बीज ii) मकई बीज का V.S.
उत्तर:
i) ग्राम बीज
लेबल बनाएं:
[ग्राम बीज के लेबल युक्त आरेख में टेस्टा, हाइलम, एंब्रियो, और एंडोस्पर्म]
ii) मकई बीज का V.S.
लेबल बनाएं:
[मकई बीज के लेबल युक्त आरेख में टेस्टा, हाइलम, एंब्रियो, एंडोस्पर्म, और पेरिकार्प]
प्रश्न:
उपयुक्त उदाहरणों के साथ स्टेम के संशोधन का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चरण 1: स्टेम संशोधन की अवधारणा को समझें। स्टेम संशोधन एक प्रक्रिया है जिसमें स्टेम या शब्द का मुख्य भाग, एक नया शब्द बनाने के लिए अपने आकार को बदलते हैं। यह अंग्रेजी भाषा में कई शब्दों के गठन में उपयोग की जाने वाली एक सामान्य प्रक्रिया है।
चरण 2: स्टेम संशोधन के उदाहरणों की पहचान करें। स्टेम संशोधन के उदाहरणों में शब्दों में उपसर्ग और प्रत्यय जोड़ने का समावेश होता है, जैसे “खुश” को “खुशी” बनाने के लिए “नेस” का प्रत्यय जोड़ना या “खुश” को “अखुश” बनाने के लिए “अन-” का उपसर्ग जोड़ना। एक और उदाहरण है “तेज” को “तेजी” बनाने के लिए “ली” का प्रत्यय जोड़ना।
चरण 3: स्टेम संशोधन की प्रक्रिया का व्याख्या करें।
एक पिनेटली कम्पाउंड पत्ता किसी तथा होता है पैमेटली कम्पाउंड पत्ते से अलग होता है। पिनेटली कम्पाउंड पत्ता में पत्ते के छोटे-छोटे टुकड़ों या जटील गुच्छे के रूप में अपार्श्वीय मध्य समय या पेटिओल के साथ करारा संघटन या जोड़बंदी होती है। विपरीत रूप में, पलमेटली कम्पाउंड पत्ते में पेटीओल के समीप अलग-अलग पत्तीयों के बहुविधतापूर्णात्मक पुरात्मसमय या पाठ की संरचना होती है।
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एक पिननेटली कांपौंड पत्ता में पत्तीय किनारे माध्यमिक तन के साथ ऐसे पत्ती होती है जो एक पंखों की तरह क्रमबद्ध होती हैं।
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एक पामत्री कांपौंड पत्ता में, पत्ती एक एकल स्थान पर स्थगित होती है जो तन के अंत में होती है।
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पिननेटली कांपौंड पत्ता में पत्तीयों की संख्या बदल सकती है, जबकि पामत्री कांपौंड पत्ता में पत्तीयों की संख्या सामान्यतः तीस से सात तक होती है।
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पिननेटली कांपौंड पत्ता की पत्तियाँ आमतौर पर पामत्री कांपौंड पत्ती की पत्तियों से लंबी और पतली होती हैं।
प्रश्न:
फलवृक्षों में पायी जाने वाली विभिन्न प्रकार की प्रसंग को समझाइए।
उत्तर:
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प्रसंगन एक शब्द है जिसका उपयोग एक फलवृक्ष के ओवैरी के अंदर बीजों के व्यवस्था को वर्णन करने के लिए किया जाता है।
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फलवृक्षों में चार प्रमुख प्रसंग प्रकार होते हैं: धुर, पादसाधारण, मुक्त madhya और पारदर्शी जैसे।
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धुर प्रसंगन होता है जब बीजों को ओवैरी के केंद्रीय धुर पर क्रमबद्ध किया जाता है। यह फलवृक्षों में सबसे सामान्य प्रसंग प्रकार है।
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पादसाधारण प्रसंगन होता है जब बीजों को ओवैरी की आधार पर जोड़ा जाता है। व्यवस्था सब्जी खाने वाले फलवृक्षों में पायी जाती है।
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मुक्त मध्य प्रसंगन होता है जब बीजों को ओवैरी की दिओरे पर जोड़ा जाता है और धुरी के विचार से नहीं जुड़ा होता है। पापी खाने वाले फलवृक्षों में यह प्रसंग प्रकार पाया जाता है।
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पारदर्शी प्रसंगन होता है जब बीज ओवैरी की दीवारों से जुड़ते हैं। तोरी खाने वाले फलवृक्षों में यह प्रसंग प्रकार पाया जाता है।
प्रश्न:
उपयुक्त उदाहरणों के साथ विभिन्न प्रकार की फिलोटैक्सी को समझाइए।
उत्तर:
फिलोटैक्सी पौधे की डंठल पर पत्तियों का व्यवस्थापन है। फिलोटैक्सी के तीन प्रमुख प्रकार होते हैं: एल्टर्नेट, ऑपोजिट, और वर्ल्ड।
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एल्टर्नेट फिलोटैक्सी: इस प्रकार के व्यवस्थापन में, पत्तियाँ स्तंभ के अनुपात में एक दूसरे के विपरीत होती हैं, हर पत्ती उसके ऊपर या नीचे वाली के सामक माध्यम से होती है। इसका उदाहरण एक एकेला पेड़ हो सकता है।
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ऑपोजिट फिलोटैक्सी: इस प्रकार के व्यवस्थापन में, पत्तियाँ डंठल के दोनों ओर जोड़ी-दार संबंध में होती हैं। इसका उदाहरण एक डोगवुड पेड़ हो सकता है।
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वर्ल्ड फिलोटैक्सी: इस प्रकार के व्यवस्थापन में, पत्तियाँ स्तंभ के चारों ओर एक घेरे पर स्पाइरल के पैटर्न में होती हैं। इसका उदाहरण एक पाइन पेड़ हो सकता है।
प्रश्न:
फैबेसी और सोलनेसी किस परिवार के एक पुष्प को लेकर उसके अर्ध-तकनीकी विवरण लिखें। इसके बाद उसका फूल आरेख बनाएं, उसे अध्ययन करें।
उत्तर:
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फैबेसी और सोलनेसी परिवारों में से प्रत्येक से एक पुष्प एकत्र करें।
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पुष्पों को पहचानने के लिए उनके अंगों और विशेषताओं की पहचान करें।
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फैबेसी के फूल के लिए, लाल, मध्यम, आकार, आकृति, पेटलों की संख्या, और किसी अन्य पहचान की विशेषताओं सहित एक अर्ध-तकनीकी विवरण लिखें।
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सोलनेसी के फूल के लिए, पीले, मध्यम, आकार, आकृति, पेटलों की संख्या, और किसी अन्य पहचान की विशेषताओं सहित एक अर्ध-तकनीकी विवरण लिखें।
५. प्रत्येक फूल के लिए फूलों के एक फूल आरेख बनाएं, जिसमें स्टेप 3 और 4 में पहचाने गए अंग और विशेषताएं शामिल हों।
सवाल:
(a) रेसेमोस और साइमोस फूल के बीच अंतर किए जाएं (b) तंबा जड़ और आकस्मिक जड़ के बीच अंतर किए जाएं (c) एपोकारपस और सिंकारपस गर्भाशय के बीच अंतर किया जाए
उत्तर:
(a) रेसेमोस फूल संरचना एक अविनिर्दिष्ट प्रकार की फूल संरचना है जिसमें फूल मुख्य धुरीय अक्ष पर उत्पन्न होते हैं। मुख्य अक्ष बढ़ते रहते हैं और फूल उच्चतमतः उत्पन्न होते हैं। साइमोस फूल संरचना एक निर्धारित प्रकार की फूल संरचना है जिसमें फूल एक शाखा बढ़ते अक्ष पर उत्पन्न होते हैं। मुख्य अक्ष बढ़ते रहते हैं और फूल निम्नतमतः उत्पन्न होते हैं।
(b) तंबा जड़ मूल वे जड़ हैं जो डंठल की बुनियादी होते हैं और संरचना में पतले और धागेदार होते हैं। आमतौर पर मोनोकोटाइलेडोनस पौधों में पाए जाते हैं। आकस्मिक जड़ें वे जड़ें हैं जो डंठल या पत्तों के किसी भी भाग से बढ़ती हैं और संरचना में मोटी और मसालेदार होती हैं। आमतौर पर डाइकोटाइलेडोनस पौधों में पाए जाते हैं।
(c) एपोकारपस गर्भाशय वह गर्भाशय है जिसमें अलग-अलग कैर प्रदर्शित होते हैं। प्रत्येक कैर के पास अपनी अलग स्टाइल और स्टिग्मा होती है। सिंकारपस गर्भाशय वह गर्भाशय है जिसमें मिले हुए कैर होते हैं। स्टाइल और स्टिग्मा मिलकर एक ही संरचना बनाते हैं।
सवाल:
जड़ के संशोधन का अर्थ क्या है? तत्परता के किस प्रकार के जड़ के संशोधन पाये जाते हैं: (a) बरगद के पेड़ में (b) शलजम (c) सुंदरवन के पेड़
उत्तर:
उत्तर: जड़ का संशोधन वह प्रक्रिया है जिसमें पौधे की जड़ में बदलाव होते हैं जो किसी विशेष कार्य के लिए विशेषीकृत हो जाते हैं।
(a) बरगद के पेड़: बरगद के पेड़ की जड़ें संशोधित होती हैं और हवाई जड़ें बनाती हैं जो डालों से निकलकर मिट्टी में प्रवेश करती हैं और पेड़ को समर्थन प्रदान करती हैं।
(b) शलजम: शलजम की जड़ मोटी, खाद्यकारी डालसाल होने के लिए संशोधित होती है।
(c) सुंदरवन के पेड़: सुंदरवन के पेड़ की जड़ें संशोधित होती हैं और वायुमंडलिय ठोस संरचनाओं को बढ़ावा देने वाले निशेचक संरचनाएं बनाती हैं जो पेड़ को अवायविक परिस्थितियों में सांस लेने में मदद करती हैं।