He who seeks for methods without having a definite problem in mind seeks for the most part in vain - D. HILBERT
9.1 भूमिका (Introduction )
कक्षा XI एवं इस पुस्तक के अध्याय 5 में हमने चर्चा की थी, कि एक स्वतंत्र चर के सापेक्ष किसी फलन $f$ का अवकलज कैसे ज्ञात किया जाता है अर्थात् किसी फलन $f$ की परिभाषित प्रांत के प्रत्येक $x$ के लिए, $f^{\prime}(x)$ कैसे ज्ञात किया जाता है। इसके अतिरिक्त समाकल गणित के अध्याय में हमने चर्चा की थी, कि यदि किसी फलन $f$ का अवकलज फलन $g$ है तो फलन $f$ कैसे ज्ञात किया जाए। इसको निम्न रूप में सूत्रबद्ध किया जा सकता है:
किसी दिए हुए फलन $g$ के लिए फलन $f$ ज्ञात कीजिए ताकि
$$ \frac{d y}{d x}=g(x) \text { जहाँ } y=f(x) $$
Henri Poincare
(1854-1912)
समीकरण (1) के रूप वाले समीकरण को अवकल समीकरण कहते हैं। इसकी औपचारिक परिभाषा बाद में दी जाएगी।
अवकल समीकरणों का उपयोग मुख्य रूप से भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, मानव विज्ञान, भूविज्ञान, अर्थशास्त्र आदि विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। अतः सभी अत्याधुनिक वैज्ञानिक अन्वेषणों के लिए अवकल समीकरणों के गहन अध्ययन की अत्यंत आवश्यकता है। इस अध्याय में, हम अवकल समीकरण की कुछ आधारभूत संकल्पनाओं, अवकल समीकरण के व्यापक एवं विशिष्ट हल, अवकल समीकरण का निर्माण, प्रथम कोटि एवं प्रथम घात के अवकल समीकरण को हल करने की कुछ विधियाँ और विभिन्न क्षेत्रों में अवकल समीकरणों के कुछ उपयोगों के बारे में अध्ययन करेंगे।
9.2 आधारभूत संकल्पनाएँ (Basic Concepts)
हम पहले से ही निम्नलिखित प्रकार के समीकरणों से परिचित हैं
$$ \begin{align*} x^{2}-3 x+3=0 \tag{1} \\ \sin x+\cos x=0 \tag{2} \\ x+y=7 \tag{3} \end{align*} $$
आइए निम्नलिखित समीकरण पर विचार करें
$$ \begin{equation*} x \frac{d y}{d x}+y=0 \tag{4} \end{equation*} $$
हम पाते हैं कि समीकरणों (1), (2) एवं (3) में केवल स्वतंत्र और/अथवा आश्रित चर (एक या अधिक) शामिल हैं जब कि समीकरण (4) में चर के साथ-साथ स्वतंत्र चर $(x)$ के सापेक्ष आश्रित चर $(y)$ का अवकलज भी शामिल है। इस प्रकार का समीकरण अवकल समीकरण कहलाता है।
सामान्यतः एक ऐसा समीकरण, जिसमें स्वतंत्र चर (चरों) के सापेक्ष आश्रित चर के अवकलज सम्मिलित हों, अवकल समीकरण कहलाता है।
एक ऐसा अवकल समीकरण, जिसमें केवल एक स्वतंत्र चर के सापेक्ष, आश्रित चर के अवकलज सम्मिलित हों, सामान्य अवकल समीकरण कहलाता है। उदाहरणतया
$$ \begin{equation*} 2 \frac{d^{2} y}{d x^{2}}+\left(\frac{d y}{d x}\right)^{3}=0 \tag{5} \end{equation*} $$
एक सामान्य अवकल समीकरण है।
निःसन्देह ऐसे भी अवकल समीकरण होते हैं जिनमें एक से अधिक स्वतंत्र चरों के सापेक्ष अवकलज शामिल होते हैं, इस प्रकार के अवकल समीकरण आंशिक अवकल समीकरण कहलाते हैं। लेकिन इस स्तर पर हम अपने आप को केवल सामान्य अवकल समीकरणों के अध्ययन तक सीमित रखेंगे। इससे आगे हम सामान्य अवकल समीकरण के लिए अवकल समीकरण शब्द का ही उपयोग करेंगे।
ए टिप्पणी
1. हम अवकलजों के लिए निम्नलिखित संकेतों के उपयोग को वरीयता देंगे
$$ \frac{d y}{d x}=y^{\prime}, \frac{d^{2} y}{d x^{2}}=y^{\prime \prime}, \frac{d^{3} y}{d x^{3}}=y^{\prime \prime \prime} $$
2. उच्च कोटि वाले अवकलजों के लिए, इतने अधिक डैशों (dashes) को उच्च प्रत्यय के रूप में प्रयुक्त करना असुविधाजनक होगा इसलिए $n$ वें कोटि वाले अवकलज $\frac{d^{n} y}{d x^{n}}$ के लिए हम संकेत $y _{n}$ का उपयोग करेंगे।
9.2.1 अवकल समीकरण की कोटि (Order of a differential equation)
किसी अवकल समीकरण की कोटि उस अवकल समीकरण में सम्मिलित स्वतंत्र चर के सापेक्ष आश्रित चर के उच्चतम कोटि के अवकलज की कोटि द्वारा परिभाषित होती है।
निम्नलिखित अवकल समीकरणों पर विचार कीजिए:
$$ \begin{align*} & \frac{d y}{d x}=e^{x} \tag{6}\\ & \frac{d^{2} y}{d x^{2}}+y=0 \tag{7}\\ & \frac{d^{3} y}{d x^{3}}+x^{2}\left(\frac{d^{2} y}{d x^{2}}\right)^{3}=0 \tag{8} \end{align*} $$
समीकरण (6), (7) एवं (8) में क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय कोटि के उच्चतम अवकलज उपस्थित हैं इसलिए इन समीकरणों की कोटि क्रमशः 1,2 एवं 3 है।
9.2.2 अवकल समीकरण की घात (Degree of a differential equation)
किसी अवकल समीकरण की घात का अध्ययन करने के लिए मुख्य बिंदु यह है कि वह अवकल समीकरण, अवकलजों $y^{\prime}, y^{\prime \prime}, y^{\prime \prime \prime}$ इत्यादि में बहुपद समीकरण होना चाहिए। निम्नलिखित समीकरणों पर विचार कीजिए:
$$ \begin{align*} & \frac{d^{3} y}{d x^{3}}+2\left(\frac{d^{2} y}{d x^{2}}\right)^{2}-\frac{d y}{d x}+y=0 \tag{9}\\ & \left(\frac{d y}{d x}\right)^{2}+\frac{d y}{d x}-\sin ^{2} y=0 \tag{10}\\ & \frac{d y}{d x}+\sin \left(\frac{d y}{d x}\right)=0 \tag{11} \end{align*} $$
हम प्रेक्षित करते हैं कि समीकरण (9) $y^{\prime \prime \prime}, y^{\prime \prime}$ एवं $y^{\prime}$ में बहुपद समीकरण है। समीकरण (10) $y^{\prime}$ में बहुपद समीकरण है (यद्यपि यह $y$ में बहुपद नहीं है) इस प्रकार के अवकल समीकरणों की घात को परिभाषित किया जा सकता है। परंतु समीकरण (11) $y^{\prime}$ में बहुपद समीकरण नहीं है और इस प्रकार के अवकल समीकरण की घात को परिभाषित नहीं किया जा सकता है।
यदि एक अवकल समीकरण अवकलजों का बहुपद समीकरण है तो उस अवकल समीकरण की घात से हमारा तात्पर्य है उस अवकल समीकरण में उपस्थित उच्चतम कोटि के अवकलज की उच्चतम घात (धनात्मक पूर्णांक)
उपरोक्त परिभाषा के संदर्भ में हम प्रेक्षित कर सकते हैं कि समीकरणों (6), (7), (8) एवं (9) में से प्रत्येक की घात 1 है, समीकरण (10) की घात 2 है जब कि अवकल समीकरण (11) की घात परिभाषित नहीं है।
टिप्पणी किसी अवकल समीकरण की कोटि एवं घात (यदि परिभाषित हो) हमेशा धनात्मक पूर्णांक होते हैं।
प्रश्नावली 9.1
1 से 10 तक के प्रश्नों में प्रत्येक अवकल समीकरण की कोटि एवं घात (यदि परिभाषित हो) ज्ञात कीजिए।
1. $\frac{d^{4} y}{d x^{4}}+\sin \left(y^{\prime \prime \prime}\right)=0$
2. $y^{\prime}+5 y=0$
3. $\left(\frac{d s}{d t}\right)^{4}+3 s \frac{d^{2} s}{d t^{2}}=0$
4. $\left(\frac{d^{2} y}{d x^{2}}\right)^{2}+\cos \left(\frac{d y}{d x}\right)=0$
5. $\frac{d^{2} y}{d x^{2}}=\cos 3 x+\sin 3 x$
6. $\left(y^{\prime \prime \prime}\right)^{2}+\left(y^{\prime \prime}\right)^{3}+\left(y^{\prime}\right)^{4}+y^{5}=0$
7. $y^{\prime \prime \prime}+2 y^{\prime \prime}+y^{\prime}=0$
8. $y^{\prime}+y=e^{x}$
9. $y^{\prime \prime}+\left(y^{\prime}\right)^{2}+2 y=0$
10. $y^{\prime \prime}+2 y^{\prime}+\sin y=0$
11. अवकल समीकरण
$\left(\frac{d^{2} y}{d x^{2}}\right)^{3}+\left(\frac{d y}{d x}\right)^{2}+\sin \left(\frac{d y}{d x}\right)+1=0$ की घात है:
(A) 3
(B) 2
(C) 1
(D) परिभाषित नहीं है
12. अवकल समीकरण $2 x^{2} \frac{d^{2} y}{d x^{2}}-3 \frac{d y}{d x}+y=0$ की कोटि है:
(A) 2
(B) 1
(C) 0
(D) परिभाषित नहीं है
9.3. अवकल समीकरण का व्यापक एवं विशिष्ट हल (General and Particular Solutions of a Differential Equation)
पिछली कक्षाओं में हमने निम्नलिखित प्रकार के समीकरणों को हल किया है:
$$ \begin{align*} x^{2}+1=0 \tag{1} \\ \sin ^{2} x-\cos x=0 \tag{2} \end{align*} $$
समीकरणों (1) तथा (2) का हल एक ऐसी वास्तविक अथवा सम्मिश्र संख्या है जो दिए हुए समीकरण को संतुष्ट करती है अर्थात् जब इस संख्या को समीकरण में अज्ञात $x$ के स्थान पर प्रतिस्थापित कर दिया जाता है तो दायाँ पक्ष और बायाँ पक्ष आपस में बराबर हो जाते हैं।
अब अवकल समीकरण
$$\frac{d^{2} y}{d x^{2}}+y=0 \tag{3} $$
पर विचार करते हैं।
प्रथम दो समीकरणों के विपरीत इस अवकल समीकरण का हल एक ऐसा फलन $\phi$ है जो इस समीकरण को संतुष्ट करेगा अर्थात् जब इस फलन $\phi$ को अवकल समीकरण में अज्ञात $y$ (आश्रित चर) के स्थान पर प्रतिस्थापित कर दिया जाता है तो बायाँ पक्ष और दायाँ पक्ष बराबर हो जाते हैं।
वक्र $y=\phi(x)$ अवकल समीकरण का हल वक्र (समाकलन वक्र) कहलाता है। निम्नलिखित फलन पर विचार कीजिए
$$ \begin{equation*} y=\phi(x)=a \sin (x+b) \tag{4} \end{equation*} $$
जहाँ $a, b \in \mathbf{R}$. यदि इस फलन और इसके अवकलजों को समीकरण (3) में प्रतिस्थापित कर दिया जाए तो बायाँ पक्ष और दायाँ पक्ष बराबर हो जाते हैं। इसलिए यह फलन अवकल समीकरण (3) का हल है।
मान लीजिए कि $a$ और $b$ को कुछ विशिष्ट मान $a=2$ एवं $b=\frac{\pi}{4}$ दे दिए जाते हैं तो हमें निम्नलिखित फलन प्राप्त होता है:
$$ \begin{equation*} y=\phi _{1}(x)=2 \sin \left(x+\frac{\pi}{4}\right) \tag{5} \end{equation*} $$
यदि इस फलन और इसके अवकलजों को समीकरण (3) में प्रतिस्थापित कर दिया जाए तो पुन: बायाँ पक्ष और दायाँ पक्ष बराबर हो जाते हैं। इसलिए $\phi _{1}$ भी समीकरण (3) का एक हल है।
फलन $\phi$ में दो स्वेच्छ अचर (प्राचल) $a, b$ सम्मिलित हैं तथा यह फलन दिए हुए अवकल समीकरण का व्यापक हल कहलाता है। जबकि फलन $\phi _{1}$ में कोई भी स्वेच्छ अचर सम्मिलित नहीं है लेकिन प्राचलों $a$ तथा $b$ के विशिष्ट मान उपस्थित हैं और इसलिए इसको अवकल समीकरण का विशिष्ट हल कहा जाता है।
ऐसा हल, जिसमें स्वेच्छ अचर उपस्थित हो अवकल समीकरण का व्यापक हल कहलाता है। ऐसा हल, जो स्वेच्छ अचरों से मुक्त है अर्थात् व्यापक हल में स्वेच्छ अचरों को विशिष्ट मान देने पर प्राप्त हल, अवकल समीकरण का विशिष्ट हल कहलाता है।
प्रश्नावली 9.2
1 से 10 तक प्रत्येक प्रश्न में सत्यापित कीजिए कि दिया हुआ फलन (स्पष्ट अथवा अस्पष्ट) संगत अवकल समीकरण का हल है:
1. $y=e^{x}+1 \quad: \quad y^{\prime \prime}-y^{\prime}=0$
2. $y=x^{2}+2 x+\mathrm{C} \quad: \quad y^{\prime}-2 x-2=0$
3. $y=\cos x+\mathrm{C} \quad: \quad y^{\prime}+\sin x=0$
4. $y=\sqrt{1+x^{2}} \quad: \quad y^{\prime}=\frac{x y}{1+x^{2}}$
5. $y=\mathrm{A} x \quad: \quad x y^{\prime}=y(x \neq 0)$
6. $y=x \sin x \quad: \quad x y^{\prime}=y+x \sqrt{x^{2}-y^{2}}(x \neq 0$ और $x>y$ अथवा $x<-y)$
7. $x y=\log y+\mathrm{C} \quad: \quad y^{\prime}=\frac{y^{2}}{1-x y}(x y \neq 1)$
8. $y-\cos y=x \quad: \quad(y \sin y+\cos y+x) y^{\prime}=y$
9. $x+y=\tan ^{-1} y \quad: \quad y^{2} y^{\prime}+y^{2}+1=0$
10. $y=\sqrt{a^{2}-x^{2}} x \in(-a, a): x+y \frac{d y}{d x}=0(y \neq 0)$
11. चार कोटि वाले किसी अवकल समीकरण के व्यापक हल में उपस्थित स्वेच्छ अचरों की संख्या है:
(A) 0
(B) 2
(C) 3
(D) 4
12. तीन कोटि वाले किसी अवकल समीकरण के विशिष्ट हल में उपस्थित स्वेच्छ अचरों की संख्या है:
(A) 3
(B) 2
(C) 1
(D) 0
9.4. प्रथम कोटि एवं प्रथम घात के अवकल समीकरणों को हल करने की विधियाँ (Methods of Solving First order, First Degree Differential Equations)
इस परिच्छेद में हम प्रथम कोटि एवं प्रथम घात के अवकल समीकरणों को हल करने की तीन विधियों की चर्चा करेंगे।
9.4.1 पृथक्करणीय चर वाले अवकल समीकरण (Differential equations with variables separable)
प्रथम कोटि एवं प्रथम घात का अवकल समीकरण निम्नलिखित रूप का होता है:
$$ \begin{equation*} \frac{d y}{d x}=\mathrm{F}(x, y) \tag{1} \end{equation*} $$
यदि $\mathrm{F}(x, y)$ को गुणनफल $\mathrm{g}(x), h(y)$ के रूप में अभिव्यक्त किया जा सकता है जहाँ $g(x), x$ का फलन है और $h(y), y$ का एक फलन है तो समीकरण (1) पृथक्करणीय चर वाला समीकरण कहलाता है। ऐसा होने पर समीकरण (1) को निम्नलिखित रूप में लिखा जा सकता है:
$$ \begin{equation*} \frac{d y}{d x}=h(y) \cdot g(x) \tag{2} \end{equation*} $$
यदि $h(y) \neq 0$, तो चरों को पृथक् करते हुए समीकरण (2) को
$$ \begin{equation*} \frac{1}{h(y)} d y=g(x) d x \tag{3} \end{equation*} $$
के रूप में लिखा जा सकता है। समीकरण (3) के दोनों पक्षों का समाकलन करने पर हम प्राप्त करते हैं:
$$ \begin{equation*} \int \frac{1}{h(y)} d y=\int g(x) d x \tag{4} \end{equation*} $$
इस प्रकार समीकरण (4), दिए हुए अवकल समीकरण का हल निम्नलिखित रूप में प्रदान करता है:
$$ \begin{equation*} \mathrm{H}(y)=\mathrm{G}(x)+\mathrm{C} \tag{5} \end{equation*} $$
यहाँ $\mathrm{H}(y)$ एवं $\mathrm{G}(x)$ क्रमशः $\frac{1}{h(y)}$ एवं $g(x)$ के प्रतिअवकलज हैं और $\mathrm{C}$ स्वेच्छ अचर है।
प्रश्नावली 9.3
1 से 10 तक के प्रश्नों में, प्रत्येक अवकल समीकरण का व्यापक हल ज्ञात कीजिए।
1. $\frac{d y}{d x}=\frac{1-\cos x}{1+\cos x} \quad$ 2. $\frac{d y}{d x}=\sqrt{4-y^{2}}(-2<y<2)$
2. $\frac{d y}{d x}+y=1(y \neq 1)$ 4. $\sec ^{2} x \tan y d x+\sec ^{2} y \tan x d y=0$
3. $\left(e^{x}+e^{-x}\right) d y-\left(e^{x}-e^{-x}\right) d x=0$
4. $\frac{d y}{d x}=\left(1+x^{2}\right)\left(1+y^{2}\right)$
5. $y \log y d x-x d y=0$
6. $x^{5} \frac{d y}{d x}=-y^{5}$
7. $\frac{d y}{d x}=\sin ^{-1} x \quad$ 10. $e^{x} \tan y d x+\left(1-e^{x}\right) \sec ^{2} y d y=0$
11 से 14 तक के प्रश्नों में, प्रत्येक अवकल समीकरण के लिए दिए हुए प्रतिबंध को संतुष्ट करने वाला विशिष्ट हल ज्ञात कीजिए।
11. $\left(x^{3}+x^{2}+x+1\right) \frac{d y}{d x}=2 x^{2}+x ; y=1$ यदि $x=0$
12. $x\left(x^{2}-1\right) \frac{d y}{d x}=1 ; y=0$ यदि $x=2$
13. $\cos \left(\frac{d y}{d x}\right)=a(a \in \mathrm{R}) ; y=1$ यदि $x=0$
14. $\frac{d y}{d x}=y \tan x ; y=2$ यदि $x=0$
15. बिंदु $(0,0)$ से गुजरने वाले एक ऐसे वक्र का समीकरण ज्ञात कीजिए जिसका अवकल समीकरण $y^{\prime}=e^{x} \sin x$ है।
16. अवकल समीकरण $x y \frac{d y}{d x}=(x+2)(y+2)$ के लिए बिंदु $(1,-1)$ से गुजरने वाला वक्र ज्ञात कीजिए।
17. बिंदु $(0,-2)$ से गुजरने वाले एक ऐसे वक्र का समीकरण ज्ञात कीजिए जिसके किसी बिंदु $(x, y)$ पर स्पर्श रेखा की प्रवणता और उस बिंदु के $y$ निर्देशांक का गुणनफल उस बिंदु के $x$ निर्देशांक के बराबर है।
18. एक वक्र के किसी बिंदु $(x, y)$ पर स्पर्श रेखा की प्रवणता, स्पर्श बिंदु को, बिंदु $(-4,-3)$. से मिलाने वाले रेखाखंड की प्रवणता की दुगुनी है। यदि यह वक्र बिंदु $(-2,1)$ से गुज़रता हो तो इस वक्र का समीकरण ज्ञात कीजिए।
19. एक गोलाकार गुब्बारे का आयतन, जिसे हवा भरकर फुलाया जा रहा है, स्थिर गति से बदल रहा है यदि आरंभ में इस गुब्बारे की त्रिज्या 3 ईकाई है और 3 सेकेंड बाद 6 ईकाई है, तो $t$ सेकेंड बाद उस गुब्बारे की त्रिज्या ज्ञात कीजिए।
20. किसी बैंक में मूलधन की वृद्धि $r \%$ वार्षिक की दर से होती है। यदि 100 रुपये 10 वर्षों में दुगुने हो जाते हैं, तो $r$ का मान ज्ञात कीजिए। $\left(\log _{e} 2=0.6931\right)$.
21. किसी बैंक में मूलधन की वृद्धि $5 \%$ वार्षिक की दर से होती है। इस बैंक में Rs 1000 जमा कराए जाते हैं। ज्ञात कीजिए कि 10 वर्ष बाद यह राशि कितनी हो जाएगी? $\left(e^{0.5}=1.648\right)$
22. किसी जीवाणु समूह में जीवाणुओं की संख्या $1,00,000$ है। 2 घंटो में इनकी संख्या में $10 \%$ की वृद्धि होती है। कितने घंटों में जीवाणुओं की संख्या $2,00,000$ हो जाएगी, यदि जीवाणुओं के वृद्धि की दर उनके उपस्थित संख्या के समानुपाती है।
23. अवकल समीकरण $\frac{d y}{d x}=e^{x+y}$ का व्यापक हल है: (A) $e^{x}+e^{-y}=\mathrm{C}$ (B) $e^{x}+e^{y}=\mathrm{C}$ (C) $e^{-x}+e^{y}=\mathrm{C}$ (D) $e^{-x}+e^{-y}=\mathrm{C}$
9.4.2 समघातीय अवकल समीकरण (Homogenous differential equations)
$x$ एवं $y$ के निम्नलिखित फलनों पर विचार कीजिए
$$ \begin{array}{ll} \mathrm{F} _{1}(x, y)=y^{2}+2 x y, & \mathrm{~F} _{2}(x, y)=2 x-3 y, \\ \mathrm{~F} _{3}(x, y)=\cos \left(\frac{y}{x}\right), & \mathrm{F} _{4}(x, y)=\sin x+\cos y \end{array} $$
यदि उपरोक्त फलनों में $x$ और $y$ को किसी शून्येतर अचर $\lambda$ के लिए क्रमशः $\lambda x$ एवं $\lambda y$ से प्रतिस्थापित कर दिया जाए तो हम प्राप्त करते हैं:
$$ \begin{aligned} & \mathrm{F} _{1}(\lambda x, \lambda y)=\lambda^{2}\left(y^{2}+2 x y\right)=\lambda^{2} \mathrm{~F} _{1}(x, y) \\ & \mathrm{F} _{2}(\lambda x, \lambda y)=\lambda(2 x-3 y)=\lambda \mathrm{F} _{2}(x, y) \\ & \mathrm{F} _{3}(\lambda x, \lambda y)=\cos \left(\frac{\lambda y}{\lambda x}\right)=\cos \left(\frac{y}{x}\right)=\lambda^{0} \mathrm{~F} _{3}(x, y) \\ & \mathrm{F} _{4}(\lambda x, \lambda y)=\sin \lambda x+\cos \lambda y \neq \lambda^{n} \mathrm{~F} _{4}(x, y), \text { किसी भी } n \text { के लिए } \end{aligned} $$
यहाँ हम प्रेक्षित करते हैं कि फलनों $\mathrm{F} _{1}, \mathrm{~F} _{2}, \mathrm{~F} _{3}$ को $\mathrm{F}(\lambda x, \lambda y)=\lambda^{n} \mathrm{~F}(x, y)$ के रूप में लिखा जा सकता है परंतु फलन $\mathrm{F} _{4}$ को इस रूप में नहीं लिखा जा सकता है। इससे हम निम्नलिखित परिभाषा प्राप्त करते हैं।
फलन $\mathrm{F}(x, y), n$ घात वाला समघातीय फलन कहलाता है। यदि किसी शून्येतर अचर $\lambda$ के लिए $\mathrm{F}(\lambda x, \lambda y)=\lambda^{n} \mathrm{~F}(x, y)$
हम नोट करते हैं कि उपरोक्त उदाहरणों में $\mathrm{F} _{1}, \mathrm{~F} _{2}, \mathrm{~F} _{3}$ क्रमशः $2,1,0$ घात वाले समघातीय फलन हैं जबकि $\mathrm{F} _{4}$ समघातीय फलन नहीं है। हम यह भी प्रेक्षित करते हैं कि
अथवा
$$ \begin{aligned} & \mathrm{F} _{1}(x, y)=x^{2}\left(\frac{y^{2}}{x^{2}}+\frac{2 y}{x}\right)=x^{2} h _{1}\left(\frac{y}{x}\right) \\ & \mathrm{F} _{1}(x, y)=y^{2}\left(1+\frac{2 x}{y}\right)=y^{2} h _{2}\left(\frac{x}{y}\right), \\ & \mathrm{F} _{2}(x, y)=x^{1}\left(2-\frac{3 y}{x}\right)=x^{1} h _{3}\left(\frac{y}{x}\right) \\ & \mathrm{F} _{2}(x, y)=y^{1}\left(2 \frac{x}{y}-3\right)=y^{1} h _{4}\left(\frac{x}{y}\right), \\ & \mathrm{F} _{3}(x, y)=x^{\circ} \cos \left(\frac{y}{x}\right)=x^{\circ} h _{5}\left(\frac{y}{x}\right) \end{aligned} $$
अथवा
$$ \begin{aligned} & \mathrm{F} _{4}(x, y) \neq x^{n} h _{6}\left(\frac{y}{x}\right), n \in \mathbf{N} \text { के किसी भी मान के लिए } \\ & \mathrm{F} _{4}(x, y) \neq y^{n} h _{7}\left(\frac{x}{y}\right), n \in \mathbf{N} \end{aligned} $$
इसलिए एक फलन $\mathrm{F}(x, y), n$ घात वाला समघातीय फलन कहलाता है यदि
$$ \mathrm{F}(x, y)=x^{n} g\left(\frac{y}{x}\right) \quad \text { अथवा } \quad y^{n} h\left(\frac{x}{y}\right) $$
$\frac{d y}{d x}=\mathrm{F}(x, y)$ के रूप वाला अवकल समीकरण समघातीय कहलाता है यदि $\mathrm{F}(x, y)$ शून्य घात वाला समघातीय फलन है।
$$ \begin{equation*} \frac{d y}{d x}=\mathrm{F}(x, y)=g\left(\frac{y}{x}\right) \tag{1} \end{equation*} $$
के रूप वाले समघातीय अवकल समीकरण को हल करने के लिए हम $\frac{y}{x}=v$ अर्थात्
प्रतिस्थापित करते हैं
$$ \begin{equation*} y=v x \tag{2} \end{equation*} $$
समीकरण (2) का $x$ के सापेक्ष अवकलन करने पर हम प्राप्त करते हैं :
$$ \begin{equation*} \frac{d y}{d x}=v+x \frac{d v}{d x} \tag{3} \end{equation*} $$
समीकरण (3) से $\frac{d y}{d x}$ का मान समीकरण (1) में प्रतिस्थापित करने पर हम प्राप्त करते हैं :
$$ v+x \frac{d v}{d x}=g(v) $$
अर्थात्
$$ \begin{equation*} x \frac{d v}{d x}=g(v)-v \tag{4} \end{equation*} $$
समीकरण (4) में चरों को पृथक् करने पर हम प्राप्त करते हैं :
$$ \begin{equation*} \frac{d v}{g(v)-v}=\frac{d x}{x} \tag{5} \end{equation*} $$
समीकरण (5) के दोनों पक्षों का समाकलन करने पर हमें प्राप्त होता है:
$$ \begin{equation*} \int \frac{d v}{g(v)-v}=\int \frac{1}{x} d x+\mathrm{C} \tag{6} \end{equation*} $$
यदि $v$ को $\frac{y}{x}$ से प्रतिस्थापित कर दिया जाए तो समीकरण (6), अवकल समीकरण (1) का व्यापक हल प्रदान करता है।
2 टिप्पणी यदि समघातीय अवकल समीकरण $\frac{d x}{d y}=\mathrm{F}(x, y)$ के रूप में है। जहाँ $\mathrm{F}(x, y)$ शून्य घात वाला समघातीय फलन है तो हम $\frac{x}{y}=v$ अर्थात, $x=v y$ प्रतिस्थापित करते हैं और फिर उपरोक्त चर्चा के अनुसार $\frac{d x}{d y}=\mathrm{F}(x, y)=h\left(\frac{x}{y}\right)$ के रूप में लिखकर व्यापक हल ज्ञात करने के लिए आगे बढ़ते हैं।
प्रश्नावली 9.4
1 से 10 तक के प्रत्येक प्रश्न में दर्शाइए कि दिया हुआ अवकल समीकरण समघातीय है और इनमें से प्रत्येक को हल कीजिए:
1. $\left(x^{2}+x y\right) d y=\left(x^{2}+y^{2}\right) d x$
2. $y^{\prime}=\frac{x+y}{x}$
3. $(x-y) d y-(x+y) d x=0$
4. $\left(x^{2}-y^{2}\right) d x+2 x y d y=0$
5. $x^{2} \frac{d y}{d x}=x^{2}-2 y^{2}+x y$
6. $x d y-y d x=\sqrt{x^{2}+y^{2}} d x$
7. $\left\{x \cos \left(\frac{y}{x}\right)+y \sin \left(\frac{y}{x}\right)\right\} y d x=\left\{y \sin \left(\frac{y}{x}\right)-x \cos \left(\frac{y}{x}\right)\right\} x d y$
8. $x \frac{d y}{d x}-y+x \sin \left(\frac{y}{x}\right)=0$
9. $y d x+x \log \left(\frac{y}{x}\right) d y-2 x d y=0$
10. $\left(1+e^{\frac{x}{y}}\right) d x+e^{\frac{x}{y}}\left(1-\frac{x}{y}\right) d y=0$
11 से 15 तक के प्रश्नों में प्रत्येक अवकल समीकरण के लिए दिए हुए प्रतिबंध को संतुष्ट करने वाला विशिष्ट हल ज्ञात कीजिए।
11. $(x+y) d y+(x-y) d x=0 ; y=1$ यदि $x=1$
12. $x^{2} d y+\left(x y+y^{2}\right) d x=0 ; y=1$ यदि $x=1$
13. $\left[x \sin ^{2}\left(\frac{y}{x}\right)-y\right] d x+x d y=0 ; y=\frac{\pi}{4}$ यदि $x=1$
14. $\frac{d y}{d x}-\frac{y}{x}+\operatorname{cosec}\left(\frac{y}{x}\right)=0 ; y=0$ यदि $x=1$
15. $2 x y+y^{2}-2 x^{2} \frac{d y}{d x}=0 ; y=2$ यदि $x=1$
16. $\frac{d x}{d y}=h\left(\frac{x}{y}\right)$ के रूप वाले समघातीय अवकल समीकरण को हल करने के लिए निम्नलिखित में से कौन सा प्रतिस्थापन किया जाता है:
(A) $y=v x$
(B) $v=y x$
(C) $x=v y$
(D) $x=v$
17. निम्नलिखित में से कौन सा समघातीय अवकल समीकरण है?
(A) $(4 x+6 y+5) d y-(3 y+2 x+4) d x=0$
(B) $(x y) d x-\left(x^{3}+y^{3}\right) d y=0$
(C) $\left(x^{3}+2 y^{2}\right) d x+2 x y d y=0$
(D) $y^{2} d x+\left(x^{2}-x y-y^{2}\right) d y=0$
9.4.3 रैखिक अवकल समीकरण (Linear differential equations)
$$ \frac{d y}{d x}+\mathrm{P} y=\mathrm{Q} $$
के रूप वाला अवकल समीकरण, जिसमें $\mathrm{P}$ एवं $\mathrm{Q}$ अचर अथवा केवल $x$ के फलन हैं, प्रथम कोटि का रैखिक अवकल समीकरण कहलाता है। प्रथम कोटि के रैखिक अवकल समीकरण के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं:
$$ \begin{aligned} & \frac{d y}{d x}+y=\sin x \\ & \frac{d y}{d x}+\left(\frac{1}{x}\right) y=e^{x} \\ & \frac{d y}{d x}+\left(\frac{y}{x \log x}\right)=\frac{1}{x} \end{aligned} $$
प्रथम कोटि के रैखिक अवकल समीकरण का दूसरा रूप सेकेंड $\frac{d x}{d y}+\mathrm{P} _{1} x=\mathrm{Q} _{1}$ है, जिसमें $\mathrm{P} _{1}$ और $\mathrm{Q} _{1}$ अचर अथवा केवल $y$ के फलन हैं। इस प्रकार के अवकल समीकरण के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं: $\frac{d x}{d y}+x=\cos y$
$$ \frac{d x}{d y}+\frac{-2 x}{y}=y^{2} e^{-y} $$
प्रथम कोटि के रैखिक अवकल समीकरण
$$ \begin{equation*} \frac{d y}{d x}+\mathrm{P} y=\mathrm{Q} \tag{1} \end{equation*} $$
को हल करने के लिए समीकरण के दोनों पक्षों को $x$ के फलन $g(x)$ से गुणा करने पर हम प्राप्त करते हैं:
$$ \begin{equation*} g(x) \frac{d y}{d x}+\mathrm{P} \cdot g(x) y=\mathrm{Q} \cdot g(x) \tag{2} \end{equation*} $$
$g(x)$ का चयन इस प्रकार कीजिए ताकि समीकरण का बायाँ पक्ष $y \cdot g(x)$ का अवकलज बन जाए:
अर्थात्
$$ g(x) \frac{d y}{d x}+\mathrm{P} \cdot g(x) y=\frac{d}{d x}[y \cdot g(x)] $$
अथवा
$$ g(x) \frac{d y}{d x}+\mathrm{P} \cdot g(x) y=g(x) \frac{d y}{d x}+y g^{\prime}(x) $$
$\Rightarrow \quad$ P. $g(x)=g^{\prime}(x)$
अथवा
$$ \mathrm{P}=\frac{g^{\prime}(x)}{g(x)} $$
दोनों पक्षों का $x$ के सापेक्ष समाकलन करने पर हम प्राप्त करते हैं:
$$ \int \mathrm{P} d x=\int \frac{g^{\prime}(x)}{g(x)} d x $$
अथवा
$$ \int \mathrm{P} \cdot d x=\log (g(x)) $$
अथवा
$$ \mathrm{g}(x)=e^{\int \mathrm{P} d x} $$
समीकरण (1) को $g(x)=e^{\int p d x}$ से गुणा करने पर उस समीकरण का बायाँ पक्ष $x$ तथा $y$ के किसी फलन का अवकलज बन जाता है। यह फलन $g(x)=e^{\int p d x}$ दिए हुए अवकल समीकरण का समाकलन गुणक (I.F.) कहलाता है।
समीकरण (2) में $g(x)$ का मान प्रतिस्थापित करने पर हम प्राप्त करते हैं:
अथवा
$$ \begin{aligned} & e^{\int p d x} \frac{d y}{d x}+\mathrm{P} e^{\int p d x} y=\mathrm{Q} \cdot e^{\int p d x} \\ & \frac{d}{d x}\left(y e^{\int \mathrm{P} d x}\right)=\mathrm{Q} e^{\int \mathrm{P} d x} \end{aligned} $$
दोनों पक्षों का $x$, के सापेक्ष समाकलन करने पर हम प्राप्त करते हैं:
$$ \begin{aligned} & y \cdot e^{\int \mathrm{P} d x}=\int\left(\mathrm{Q} \cdot e^{\int \mathrm{P} d x}\right) d x \\ & y=e^{-\int \mathrm{P} d x} \cdot \int\left(\mathrm{Q} \cdot e^{\int \mathrm{P} d x}\right) d x+\mathrm{C} \end{aligned} $$
यह अवकल समीकरण का व्यापक हल है।
प्रथम कोटि के रैखिक अवकल समीकरण को हल करने के लिए सम्मिलित चरण:
(i) दिए हुए अवकल समीकरण को $\frac{d y}{d x}+\mathrm{P} y=\mathrm{Q}$ के रूप में लिखिए जिसमें $\mathrm{P}, \mathrm{Q}$ अचर अथवा केवल $x$ के फलन हैं।
(ii) समाकलन गुणक (I.F.) $=e^{\int \mathrm{P} d x}$ ज्ञात कीजिए।
(iii) दिए हुए अवकल समीकरण का हल निम्नलिखित रूप में लिखिए:
$$ y \cdot(\text { I.F. })=\int(\mathrm{Q} \times \mathrm{I} . \mathrm{F} .) d x+\mathrm{C} $$
यदि प्रथम कोटि का रैखिक अवकल समीकरण $\frac{d x}{d y}+\mathrm{P} _{1} x=\mathrm{Q} _{1}$ के रूप में है जिसमें $\mathrm{P} _{1}$ और $\mathrm{Q} _{1}$ अचर अथवा केवल $y$ के फलन हैं, तब I.F. $=e^{\int \mathrm{P} _{1} d y}$ और
$$ x . \text { (I.F.) }=\int\left(\mathrm{Q} _{1} \times \text { I.F. }\right) d y+\mathrm{C} \text { अवकल समीकरण का हल है। } $$
प्रश्नावली 9.5
1 से 12 तक के प्रश्नों में, प्रत्येक अवकल समीकरण का व्यापक हल ज्ञात कीजिए:
1. $\frac{d y}{d x}+2 y=\sin x$
2. $\frac{d y}{d x}+3 y=e^{-2 x} $
3. $\frac{d y}{d x}+\frac{y}{x}=x^{2}$
4. $\frac{d y}{d x}+(\sec x) y=\tan x\left(0 \leq x<\frac{\pi}{2}\right)$
5. $\cos ^{2} x \frac{d y}{d x}+y=\tan x\left(0 \leq x<\frac{\pi}{2}\right)$
6. $x \frac{d y}{d x}+2 y=x^{2} \log x \quad$
7. $x \log x \frac{d y}{d x}+y=\frac{2}{x} \log x$
8. $\left(1+x^{2}\right) d y+2 x y d x=\cot x d x(x \neq 0)$
9. $x \frac{d y}{d x}+y-x+x y \cot x=0(x \neq 0) \quad$ 10. $(x+y) \frac{d y}{d x}=1$
11. $y d x+\left(x-y^{2}\right) d y=0$
12. $\left(x+3 y^{2}\right) \frac{d y}{d x}=y(y>0)$.
13 से 15 तक के प्रश्नों में प्रत्येक अवकल समीकरण के लिए दिए हुए प्रतिबंध को संतुष्ट करने वाला विशिष्ट हल ज्ञात कीजिए:
13. $\frac{d y}{d x}+2 y \tan x=\sin x ; y=0$ यदि $x=\frac{\pi}{3}$
14. $\left(1+x^{2}\right) \frac{d y}{d x}+2 x y=\frac{1}{1+x^{2}} ; y=0$ यदि $x=1$
15. $\frac{d y}{d x}-3 y \cot x=\sin 2 x ; y=2$ यदि $x=\frac{\pi}{2}$
16. मूल बिंदु से गुज़रने वाले एक वक्र का समीकरण ज्ञात कीजिए यदि इस वक्र के किसी बिंदु $(x, y)$ पर स्पर्श रेखा की प्रवणता उस बिंदु के निर्देशांकों के योग के बराबर है।
17. बिंदु $(0,2)$ से गुजरने वाले वक्र का समीकरण ज्ञात कीजिए यदि इस वक्र के किसी बिंदु के निर्देशांकों का योग उस बिंदु पर खींची गई स्पर्श रेखा की प्रवणता के परिमाण से 5 अधिक है।
18. अवकल समीकरण $x \frac{d y}{d x}-y=2 x^{2}$ का समाकलन गुणक है:
(A) $e^{-x}$
(B) $e^{-y}$
(C) $\frac{1}{x}$
(D) $x$
19. अवकल समीकरण $\left(1-y^{2}\right) \frac{d x}{d y}+y x=a y(-1<y<1)$ का समाकलन गुणक है:
(A) $\frac{1}{y^{2}-1}$
(B) $\frac{1}{\sqrt{y^{2}-1}}$
(C) $\frac{1}{1-y^{2}}$
(D) $\frac{1}{\sqrt{1-y^{2}}}$
अध्याय 9 पर विविध प्रश्नावली
1. निम्नलिखित अवकल समीकरणों में से प्रत्येक की कोटि एवं घात (यदि परिभाषित हो) ज्ञात कीजिए। (i) $\frac{d^{2} y}{d x^{2}}+5 x\left(\frac{d y}{d x}\right)^{2}-6 y=\log x$ (ii) $\left(\frac{d y}{d x}\right)^{3}-4\left(\frac{d y}{d x}\right)^{2}+7 y=\sin x$ (iii) $\frac{d^{4} y}{d x^{4}}-\sin \left(\frac{d^{3} y}{d x^{3}}\right)=0$
2. निम्नलिखित प्रश्नों में प्रत्येक के लिए सत्यापित कीजिए कि दिया हुआ फलन (अस्पष्ट अथवा स्पष्ट) संगत अवकल समीकरण का हल है।
(i) $x y=a e^{x}+b e^{-x}+x^{2} \quad\quad: x \frac{d^{2} y}{d x^{2}}+2 \frac{d y}{d x}-x y+x^{2}-2=0$
(ii) $y=e^{x}(a \cos x+b \sin x) \quad\quad: \frac{d^{2} y}{d x^{2}}-2 \frac{d y}{d x}+2 y=0$
(iii) $y=x \sin 3 x \quad\quad$ : $ \frac{d^{2} y}{d x^{2}}+9 y-6 \cos 3 x=0 $
(iv) $x^{2}=2 y^{2} \log y \quad\quad$ $ :\left(x^{2}+y^{2}\right) \frac{d y}{d x}-x y=0 $
3. सिद्ध कीजिए कि $x^{2}-y^{2}=c\left(x^{2}+y^{2}\right)^{2}$ जहाँ $c$ एक प्राचल है, अवकल समीकरण $\left(x^{3}-3 x y^{2}\right) d x=\left(y^{3}-3 x^{2} y\right) d y$ का व्यापक हल है।
4. अवकल समीकरण $\frac{d y}{d x}+\sqrt{\frac{1-y^{2}}{1-x^{2}}}=0$, जबकि $\mathrm{x} \neq 1$ का व्यापक हल ज्ञात कीजिए।
5. दर्शाइए कि अवकल समीकरण $\frac{d y}{d x}+\frac{y^{2}+y+1}{x^{2}+x+1}=0$ का व्यापक हल $(x+y+1)=\mathrm{A}(1-x-y-2 x y)$ है, जिसमें $\mathrm{A}$ एक प्राचल है।
6. बिंदु $\left(0, \frac{\pi}{4}\right)$ से गुजरने वाले एक ऐसे वक्र का समीकरण ज्ञात कीजिए जिसका अवकल समीकरण $\sin x \cos y d x+\cos x \sin y d y=0$ है।
7. अवकल समीकरण $\left(1+e^{2 x}\right) d y+\left(1+y^{2}\right) e^{x} d x=0$ का एक विशिष्ट हल ज्ञात कीजिए, दिया हुआ है कि $y=1$ यदि $x=0$.
8. अवकल समीकरण $y e^{\frac{x}{y}} d x=\left(x e^{\frac{x}{y}}+y^{2}\right) d y(y \neq 0)$ का हल ज्ञात कीजिए।
9. अवकल समीकरण $(x-y)(d x+d y)=d x-d y$ का एक विशिष्ट हल ज्ञात कीजिए, दिया हुआ है कि $y=-1$, यदि $x=0$ (संकेत: $x-y=t$ रखें)।
10. अवकल समीकरण $\left[\frac{e^{-2 \sqrt{x}}}{\sqrt{x}}-\frac{y}{\sqrt{x}}\right] \frac{d x}{d y}=1(x \neq 0)$ का हल ज्ञात कीजिए।
11. अवकल समीकरण $\frac{d y}{d x}+y \cot x=4 x \operatorname{cosec} x(x \neq 0)$ का एक विशिष्ट हल ज्ञात कीजिए, दिया हुआ है कि $y=0$ यदि $x=\frac{\pi}{2}$.
12. अवकल समीकरण $(x+1) \frac{d y}{d x}=2 e^{-y}-1$ का एक विशिष्ट हल ज्ञात कीजिए, दिया हुआ है कि $y=0$ यदि $x=0$.
13. अवकल समीकरण $\frac{y d x-x d y}{y}=0$ का व्यापक हल है: (A) $x y=\mathrm{C}$ (B) $x=\mathrm{C} y^{2}$ (C) $y=\mathrm{C} x$ (D) $y=\mathrm{C} x^{2}$
14. $\frac{d x}{d y}+\mathrm{P} _{1} x=\mathrm{Q} _{1}$ के रूप वाले अवकल समीकरण का व्यापक हल है:
(A) $y e^{\int \mathrm{P} _{1} d y}=\int\left(\mathrm{Q} _{1} e^{\int \mathrm{P} _{1} d y}\right) d y+\mathrm{C}$
(B) $y \cdot e^{\int \mathrm{P} _{1} d x}=\int\left(\mathrm{Q} _{1} e^{\int \mathrm{P} _{1} d x}\right) d x+\mathrm{C}$
(C) $x e^{\int \mathrm{P} _{1} d y}=\int\left(\mathrm{Q} _{1} e^{\int \mathrm{P} _{1} d y}\right) d y+\mathrm{C}$
(D) $x e^{\int \mathrm{P} _{1} d x}=\int\left(\mathrm{Q} _{1} e^{\int \mathrm{P} _{1} d x}\right) d x+\mathrm{C}$
15. अवकल समीकरण $e^{x} d y+\left(y e^{x}+2 x\right) d x=0$ का व्यापक हल है:
(A) $x e^{y}+x^{2}=\mathrm{C}$
(B) $x e^{y}+y^{2}=\mathrm{C}$
(C) $y e^{x}+x^{2}=\mathrm{C}$
(D) $y e^{y}+x^{2}=\mathrm{C}$
सारांश
-
एक ऐसा समीकरण जिसमें स्वतंत्र चर (चरों) के सापेक्ष आश्रित चर के अवकलज (अवकलजों) सम्मिलित हों, अवकल समीकरण कहलाता है।
-
किसी अवकल समीकरण में सम्मिलित उच्चतम अवकलज की कोटि, उस अवकल समीकरण की कोटि कहलाती है।
यदि कोई अवकल समीकरण अवकलजों में बहुपद समीकरण हैं तो उस अवकल समीकरण की घात परिभाषित होती है।
किसी अवकल समीकरण की घात (यदि परिभाषित हो) उस अवकल समीकरण में सम्मिलित उच्चतम कोटि अवकलज की उच्चतम घात (केवल धनात्मक पूर्णांक) होती है।
एक दिए हुए अवकल समीकरण को संतुष्ट करने वाला फलन उस अवकल समीकरण का हल कहलाता है। एक ऐसा हल जिसमें उतने ही स्वेच्छ अचर हों, जितनी उस अवकल समीकरण की कोटि है, व्यापक हल कहलाता है और स्वेच्छ अचरों से मुक्त हल विशिष्ट हल कहलाता है।
एक ऐसा अवकल समीकरण, जिसको $\frac{d y}{d x}=f(x, y)$ अथवा $\frac{d x}{d y}=g(x, y)$ के रूप में अभिव्यक्त किया जा सकता है, जहाँ $f(x, y)$ एवं $g(x, y)$ शून्य घात वाले समघातीय फलन हैं, समघातीय अवकल समीकरण कहलाता है।
$\frac{d y}{d x}+\mathrm{P} y=\mathrm{Q}$, के रूप वाला अवकल समीकरण, जिसमें $\mathrm{P}$ तथा $\mathrm{Q}$ अचर अथवा केवल $x$ के फलन हैं, प्रथम कोटि रैखिक अवकल समीकरण कहलाता है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
अवकल समीकरण विज्ञान की प्रमुख भाषाओं में से एक है। रोचक तथ्य यह है कि अवकल समीकरणों का अस्तित्व नवंबर 11, 1675 Gottfried Wilthelm Freiherr Leibnitz (1646-1716) ने सर्वप्रथम सर्वसमिका, $\int y d y=\frac{1}{2} y^{2}$, को लिखित रूप में प्रस्तुत किया तथा
उनसे दोनों प्रतीकों $\int$ और $d y$ से परिचित कराया। वस्तुतः Leibnitz ऐसी वक्र को ज्ञात करने की समस्या में मग्न थे जिसकी स्पर्श रेखा निर्दिष्ट हों, इस समस्या ने सन् 1691 में उन्हें ‘चरों के पृथक्करणीय विधि’ के अन्वेषण का मार्गदर्शन कराया। एक वर्ष पश्चात् उन्होंने ‘प्रथम कोटि के समघातीय समीकरणों के हल करने की विधि’ का सूत्रीकरण किया। वे आगे बढ़े और अल्प समय में उन्होंने ‘प्रथम कोटि के रैखिक अवकल समीकरणों को हल करने की विधि’ का अन्वेषण किया। कितना आश्चर्यजनक है कि उपर्युक्त सभी विधियों की खोज अकेले एक व्यक्ति द्वारा अवकल समीकरणों के जन्म के पच्चीस वर्षों के अल्पावधि के अंतर्गत संपन्न हुई।
प्रारंभ में केवल समीकरणों के ‘हल’ करने की प्रविधि को अवकल समीकरणों के ‘समाकलन’ के रूप में निर्दिश्ट किया गया था। यह शब्द सन् 1690 में प्रथमतः James Bernoulli, (1654-1705) द्वारा प्रचलन में लाया गया। शब्द ‘हल’ का सर्वप्रथम प्रयोग Joseph Louis Lagrange (1736-1813), द्वारा सन् 1774 में किया गया। यह घटना अवकल समीकरणों के जन्म से लगभग 100 वर्षों बाद घटित हुई। ये Jules Henri Poincare (1854-1912), थे, जिन्होंने शब्द ‘हल’ के प्रयोग के लिए अकाट्य तर्क प्रस्तुत किया, फलतः आधुनिक शब्दावली में शब्द हल को अपना उचित स्थान प्राप्त हुआ। ‘चरों के पृथ्क्करणीय विधि का नामकरण John Bernoulli (1667-1748), James Bernoulli के अनुज द्वारा किया गया। मई 20,1715 को Leibnitz को लिखे अपने पत्र में, उन्होने निम्नलिखित अवकल समीकरण के हल की खोज किए
$$ x^{2} y^{\prime \prime}=2 y $$
के हल तीन प्रकार की वक्रों नामतः परवलय, अतिपरवलय और घनीय वक्रों के एक समूह का मार्गदर्शन कराते हैं। यह दर्शाता है कि ऐसे सरल दिखाई पड़ने वाले अवकल समीकरणों के हल कैसे नाना रूप धारण करते हैं। 20 वीं शताब्दी के उतरार्ध में ‘अवकल समीकरणों के गुणात्मक विश्लेषण’ शीर्षक के अंतर्गत अवकल समीकरणों के हलों की जटिल प्रकृति के आविष्कार हेतु ध्यान आकर्षित किया गया। आजकल इसने लगभग सभी अविष्कारों हेतु अत्यंत प्रविधि के रूप में प्रमुख स्थान प्राप्त कर लिया है।