The Theory of probabilities is simply the science of logic quantitatively treated - C.S. PEIRCE
13.1 भूमिका (Introduction)
पहले की कक्षाओं में हमने प्रायिकता को किसी यादृच्छिक परीक्षण की घटनाओं के घटित होने की अनिश्चितता की माप के रूप में पढ़ा था। हमने रूसी गणितज्ञ ए.एन. कौल्मोग्रोब (1903-1987) द्वारा प्रतिपादित अभिगृहितीय दृष्टिकोण का उपयोग किया था और प्रायिकता को परीक्षण के परिणामों पर परिभाषित फलन के रूप में निरूपित किया था। हमने समसंभाव्य परिणामों की दशा में प्रायिकता के अभिगृहितीय दृष्टिकोण और क्लासिकल सिद्धांत (classical theory) में समकक्षता भी स्थापित की थी। इस समकक्षता के आधार पर हमने असंतत प्रतिदर्श समष्टि की घटनाओं की प्रायिकता ज्ञात की थी। हमने प्रायिकता के योग नियम का भी अध्ययन किया है। इस अध्याय में हम किसी घटना की सप्रतिबंध प्रायिकता (conditional probability)
Pierre de Fermat (1601-1665)
के बारे में विचार करेंगे, जबकि किसी अन्य घटना के घटित होने की सूचना हमारे पास हो, तथा इस महत्त्वपूर्ण अवधारणा की सहायता से बेज-प्रमेय (Bayes’ theorem), प्रायिकता का गुणन नियम तथा स्वतंत्र घटनाओं के बारे में समझेंगे। हम यादृच्छिक चर (random variable) और इसके प्रायिकता बंटन की महत्त्वपूर्ण अवधारणा को भी समझेंगे तथा किसी प्रायिकता बंटन के माध्य (mean) व प्रसरण के बारे में भी पढ़ेंगे। अध्याय के अंतिम अनुभाग में हम एक महत्त्वपूर्ण असंतत प्रायिकता बंटन (discrete probability distribution) के बारे में पढ़ेंगे जिसे द्विपद बंटन कहा जाता है। इस अध्याय में हम ऐसे परीक्षण लेंगे जिनके परिणाम समसंभाव्य होते हैं, जब तक कि अन्यथा न कहा गया हो।
13.2 सप्रतिबंध प्रायिकता (Conditional Probability)
अभी तक हमने किसी घटना की प्रायिकता ज्ञात करने पर चर्चा की है। यदि हमें किसी प्रतिदर्श समष्टि की दो घटनाएँ दी गई हों, तो क्या किसी एक घटना के घटित होने की सूचना का प्रभाव दूसरी घटना
की प्रायिकता पर पड़ता है? आइए इस प्रश्न के उत्तर के लिए एक यादृच्छिक परीक्षण पर विचार करें जिसके परिणाम समसंभाव्य हैं।
आइए अब तीन न्याय्य (fair) सिक्कों को उछालने के परीक्षण पर विचार कीजिए। इस परीक्षण का प्रतिदर्श समष्टि है:
क्योंकि सिक्के न्याय्य हैं, इसलिए हम प्रतिदर्श समष्टि के प्रत्येक प्रतिदर्श बिंदु की प्रायिकता
तब
और
इसलिए
और
साथ ही
इसलिए
अब मान लीजिए हमें दिया गया है कि पहले सिक्के पर पट प्रकट होता है अर्थात् घटना
अब
या
घटना
अर्थात्
नोट कीजिए कि
अतः हम घटना
अब अंश व हर को प्रतिदर्श समष्टि के अवयवों की कुल संख्या से विभाजित करने पर हम देखते हैं कि
नोट कीजिए कि (1) तभी मान्य है जब
परिभाषा 1 यदि
13.2.1 सप्रतिबंध प्रायिकता के गुण (Properties of conditional probability)
मान लें कि
गुण
हमें ज्ञात है कि
साथ ही
अत:
गुण 2 यदि
विशेष रूप से, यदि
हम जानते हैं कि
(समुच्चयों के सर्वनिष्ठ पर सम्मिलन के बंटन नियम द्वारा)
जब
अतः जब
गुण 3
गुण 1 से हमें ज्ञात है कि
आइए अब कुछ उदाहरण लें।
प्रश्नावली 13.1
1. यदि
2.
3. यदि
(i)
(ii)
(iii)
4.
5. यदि
(i)
(ii)
(iii)
निम्नलिखित प्रश्न 6 से 9 तक
6. एक सिक्के को तीन बार उछाला गया है:
(i)
(ii)
(iii)
7. दो सिक्कों को एक बार उछाला गया है:
(i)
(ii)
8. एक पासे को तीन बार उछाला गया है:
9. एक पारिवारिक चित्र में माता, पिता व पुत्र यादृच्छया खड़े हैं:
10. एक काले और एक लाल पासे को उछाला गया है:
(a) पासों पर प्राप्त संख्याओं का योग 9 होने की सप्रतिबंध प्रायिकता ज्ञात कीजिए यदि यह ज्ञात हो कि काले पासे पर 5 प्रकट हुआ है।
(b) पासों पर प्राप्त संख्याओं का योग 8 होने की सप्रतिबंध प्रायिकता ज्ञात कीजिए यदि यह ज्ञात हो कि लाल पासे पर प्रकट संख्या 4 से कम है।
11. एक न्याय्य पासे को उछाला गया है। घटनाओं
12. मान लें कि जन्म लेने वाले बच्चे का लड़का या लड़की होना समसंभाव्य है। यदि किसी परिवार में दो बच्चे हैं, तो दोनों बच्चों के लड़की होने की सप्रतिबंध प्रायिकता क्या है, यदि यह दिया गया है कि
13. एक प्रशिक्षक के पास 300 सत्य/असत्य प्रकार के आसान प्रश्न 200 सत्य/असत्य प्रकार के कठिन प्रश्न, 500 बहु-विकल्पीय प्रकार के आसान प्रश्न और 400 बहु-विकल्पीय प्रकार के
कठिन प्रश्नों का संग्रह है। यदि प्रश्नों के संग्रह से एक प्रश्न यादृच्छया चुना जाता है, तो एक आसान प्रश्न की बहु-विकल्पीय होने की प्रायिकता क्या होगी?
14. यह दिया गया है कि दो पासों को फेंकने पर प्राप्त संख्याएँ भिन्न-भिन्न हैं। दोनों संख्याओं का योग 4 होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
15. एक पासे को फेंकने के परीक्षण पर विचार कीजिए। यदि पासे पर प्रकट संख्या 3 का गुणज है तो पासे को पुन: फेंकें और यदि कोई अन्य संख्या प्रकट हो तो एक सिक्के को उछालें। घटना ‘न्यूनतम एक पासे पर संख्या 3 प्रकट होना’ दिया गया है तो घटना ‘सिक्के पर पट प्रकट होने’ की सप्रतिबंध प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
निम्नलिखित प्रश्नों में से प्रत्येक में सही उत्तर चुनें।
16. यदि
17. यदि
13.3 प्रायिकता का गुणन नियम (Multiplication Theorem on Probability)
मान लीजिए कि
प्रायः हमें सयुंक्त घटना
हम जानते हैं कि घटना
उपरोक्त परिणाम से हम लिख सकते हैं कि
हम यह भी जानते हैं कि
या
(क्योंकि
अत:
(1) और (2) को मिलाने से हमें प्राप्त होता है कि
उपरोक्त परिणाम को ‘प्रायिकता का गुणन नियम’ कहते हैं। आइए एक उदाहरण लें।
13.4 स्वतंत्र घटनाएँ (Independent Events)
52 पत्तों की गड्डी में से एक पत्ता निकालने के परीक्षण पर विचार कीजिए जिसमें प्रत्येक मौलिक घटना को समसंभाव्य माना गया है। यदि
साथ ही ’
अतः
क्योंकि
हमें यह भी प्राप्त है कि
पुन:
अतः
इस प्रकार की घटनाओं को ‘स्वतंत्र घटनाएँ’ कहते हैं।
परिभाषा 2 दो घटनाओं
अतः इस परिभाषा में
अब प्रायिकता के गुणन नियम से
यदि
अतः (2) के उपयोग से हम दो घटनाओं की स्वतंत्रता को निम्नलिखित तरह से भी परिभाषित कर सकते हैं।
परिभाषा 3 मान लें
टिप्पणी
1. दो घटनाओं
2. कभी-कभी स्वतंत्र घटनाओं और परस्पर अपवर्जी घटनाओं के बीच भ्रम पैदा हो जाता है। ‘स्वतंत्र घटनाओं की परिभाषा ‘घटनाओं की प्रायिकता’ के रूप में की गई है जब कि ‘परस्पर अपवर्जी घटनाओं’ की परिभाषा ‘घटनाओं’ के रूप में की गई है। इसके अतिरिक्त, परस्पर अपवर्जी घटनाओं में कोई भी परिणाम सार्व कदापि नहीं हो सकता है किंतु स्वतंत्र घटनाओं में
परिणाम सार्व भी हो सकते हैं, यदि प्रत्येक घटना अरिक्त है। स्पष्टतया ‘स्वतंत्र घटनाएँ’ और ‘परस्पर अपवर्जी घटनाएँ’ समानार्थी नहीं हैं।
दूसरे शब्दों में, यदि दो ऐसी स्वतंत्र घटनाएँ घटती हैं जिनकी प्रयिकता शून्येतर है, तो वह परस्पर अपवर्जी नहीं हो सकती हैं। विलोमतः यदि दो शून्येतर प्रायिकता वाली परस्पर अपवर्जी घटनाएँ घटती हैं, तो वह स्वतंत्र नहीं हो सकती हैं।
3. दो यादृच्छिक परीक्षण स्वतंत्र कहलाते हैं, यदि प्रत्येक घटना युग्म
4. तीन घटनाओं
यदि उपरोक्त में से कम से कम एक भी शर्त सत्य नहीं होती है तो दी गई घटनाओं को स्वतंत्र नहीं कहा जाता है।
प्रश्नावली 13.2
1. यदि
2. 52 पत्तों की एक गड्डी में से यादृच्छया बिना प्रतिस्थापित किए गए दो पत्ते निकाले गए। दोनों पत्तों के काले रंग का होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
3. संतरों के एक डिब्बे का निरीक्षण उसमें से तीन संतरों को यादृच्छया बिना प्रतिस्थापित किए हुए निकाल कर किया जाता है। यदि तीनों निकाले गए संतरे अच्छे हों तो डिब्बे को बिक्री के
लिए स्वीकृत किया जाता है अन्यथा अस्वीकृत कर देते हैं। एक डिब्बा जिसमें 15 संतरे हैं जिनमें से 12 अच्छे व 3 खराब संतरे हैं, के बिक्री के लिए स्वीकृत होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
4. एक न्याय्य सिक्का और एक अभिनत पासे को उछाला गया। मान लें
5. एक पासे पर
6. मान लें
7.
8. मान ले
9. दी गई घटनाएँ
10. मान लें
11.
12. एक पासे को तीन बार उछाला जाता है तो कम से कम एक बार विषम संख्या प्राप्त होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
13. दो गेंद एक बॉक्स से बिना प्रतिस्थापित किए निकाली जाती है। बॉक्स में 10 काली और 8 लाल गेदें हैं तो प्रायिकता ज्ञात कीजिए (i) दोनों गेंदें लाल हों (ii) प्रथम काली एवं दूसरी लाल हो (iii) एक काली तथा दूसरी लाल हो।
14. एक विशेष समस्या को
(i) समस्या हल हो जाती है
(ii) उनमें से तथ्यतः कोई एक समस्या हल कर लेता है।
15. ताश के 52 पत्तों की एक सुमिश्रित गड्डी से एक पत्ता यादृच्छया निकाला जाता है। निम्नलिखित में से किन दशाओं में घटनाएँ
(i)
(ii)
(iii)
16. एक छात्रावास में
(a) प्रायिकता ज्ञात कीजिए कि वह न तो हिंदी और न ही अंग्रेज़ी का अखबार पढ़ती है।
(b) यदि वह हिंदी का अखबार पढ़ती है तो उसके अंग्रेज़ी का अखबार भी पढ़ने वाली होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
(c) यदि वह अंग्रेज़ी का अखबार पढ़ती है तो उसके हिंदी का अखबार भी पढ़ने वाली होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
17. यदि पासों का एक जोड़ा उछाला जाता है तो प्रत्येक पासे पर सम अभाज्य संख्या प्राप्त करने की प्रायिकता निम्नलिखित में से क्या है?
(A) 0
(B)
18. दो घटनाओं
13.5 बेज़-प्रमेय (Bayes’ Theorem)
मान लीजिए कि दो थैले I और II दिए गए हैं। थेला I में 2 सफ़ेद और 3 लाल गेंदें हैं। और थैला II में 4 सफ़ेद और 5 लाल गेंदें हैं। किसी एक थैले में से एक गेंद यादृच्छया निकाली जाती है। हम
किसी एक थैले को चुनने की प्रायिकता
13.5.1 एक प्रतिदर्श समष्टि का विभाजन (Partition of a sample space)
घटनाओं
(a)
(b)
(c)
दूसरे शब्दों में, घटनाएँ
उदाहरणतः हम देखते हैं कि कोई घटना
वेन-आरेख चित्र 13.3, से हम आसानी से प्रेक्षण कर सकते हैं कि यदि
समुच्चय
13.5.2 संपूर्ण प्रायिकता की प्रमेय (Theorem of Total Probability)
मान लें
घटना है, तब,
उपपत्ति दिया गया है कि
और
हमें ज्ञात है कि किसी घटना
आकृति 13.4
साथ ही
इसलिए
अब
प्रायिकता के गुणन नियम द्वारा हम जानते हैं कि
इसलिए
या
प्रश्नावली 13.3
1. एक कलश में 5 लाल और 5 काली गेदें हैं। यादृच्छया एक गेंद निकाली जाती है, इसका रंग नोट करने के बाद पुनः कलश में रख दी जाती है। पुन: निकाले गए रंग की 2 अतिरिक्त गेंदें कलश में रख दी जाती है तथा कलश में से एक गेंद निकाली जाती है। दूसरी गेंदें की लाल होने की प्रायिकता क्या है?
2. एक थैले में 4 लाल और 4 काली गेंदें हैं और एक अन्य थैले में 2 लाल और 6 काली गेंदें हैं। दोनों थैलों में से एक को यादृच्छया चुना जाता है और उसमें एक गेंद निकाली जाती है जो कि लाल है। इस बात की क्या प्रायिकता है कि गेंद पहले थैले से निकाली गई है?
3. यह ज्ञात है कि एक महाविद्यालय के छात्रों में से
4. एक बहुविकल्पी प्रश्न का उत्तर देने में एक विद्यार्थी या तो प्रश्न का उत्तर जानता है या वह अनुमान लगाता है। मान लें कि उसके उत्तर जानने की प्रायिकता
5. किसी विशेष रोग के सही निदान के लिए रक्त की जाँच
6. तीन सिक्के दिए गए हैं। एक सिक्के के दोनों ओर चित ही है। दूसरा सिक्का अभिनत है जिसमें चित
7. एक बीमा कंपनी 2000 स्कूटर चालकों, 4000 कार चालकों और 6000 ट्रक चालकों का बीमा करती है। दुर्घटनाओं की प्रायिकताएँ क्रमशः
8. एक कारखाने में
9. दो दल एक निगम के निदेशक मंडल में स्थान पाने की प्रतिस्पर्धा में हैं। पहले तथा दूसरे दल के जीतने की प्रायिकताएँ क्रमशः 0.6 तथा 0.4 हैं। इसके अतिरिक्त यदि पहला दल जीतता है तो एक नए उत्पाद के प्रारम्भ होने की प्रायिकता 0.7 है और यदि दूसरा दल जीतता है तो इस बात की संगत प्रायिकता 0.3 है। इसकी प्रायिकता ज्ञात कीजिए कि नया उत्पादन दूसरे दल द्वारा प्रारम्भ किया गया था।
10. मान लीजिए कि कोई लड़की एक पासा उछालती है। यदि उसे 5 या 6 की संख्या प्राप्त होती है तो वह एक सिक्के को तीन बार उछालती है और ‘चितों की संख्या नोट करती है। यदि उसे
11. एक व्यावसायिक निर्माता के पास
12. 52 ताशों की गड्डी से एक पत्ता खो जाता है। शेष पत्तों से दो पत्ते निकाले जाते हैं जो ईंट के पत्ते हैं। खो गए पत्ते की ईंट होने की प्रायिकता क्या है?
13.
(A)
(B)
(C)
(D)
14. यदि
(A)
(B)
(C)
(D) इनमें से कोई नहीं
अध्याय 13 पर आधारित विविध प्रश्नावली
1.
2. एक दंपति के दो बच्चे हैं
(i) दोनों बच्चों के लड़का होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए यदि यह ज्ञात हैं कि दोनों बच्चों में से कम से कम एक बच्चा लडका है।
(ii) दोनों बच्चों के लड़की होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए यदि यह ज्ञात है कि बड़ा बच्चा लड़की है।
3. कल्पना कीजिए कि
4. मान लीजिए कि
5. यदि एक लीप वर्ष को यादृच्छया चुना गया हो तो इसकी क्या प्रायिकता है कि उस वर्ष में 53 मंगलवार होंगे?
6. मान लीजिए हमारे पास
बॉक्स | संगमरमर की टुकड़ियों का रंग | ||
---|---|---|---|
लाल | सफ़ेद | काला | |
A | 1 | 6 | 3 |
B | 6 | 2 | 2 |
C | 8 | 1 | 1 |
D | 0 | 6 | 4 |
7. मान लीजिए किसी रोगी को दिल का दौरा पड़ने का संयोग
8. यदि 2 कोटि के एक सारणिक के सभी अवयव शून्य या एक हो तो सारणिक का धनात्मक मान होने की क्या प्रायिकता हैं। (मान लीजिए की सारणिक के प्रत्येक अवयव स्वतंत्र रूप से चुने जा सकते हैं तथा प्रत्येक की चुने जाने की प्रायिकता
9. एक इलेक्ट्रॉनिक एसेंबली के दो सहायक निकाय
तो, निम्न प्रायिकताएँ ज्ञात कीजिए:
(i)
(ii)
10. थैला 1 में 3 लाल तथा 4 काली गेंदें है तथा थैला II में 4 लाल और 5 काली गेंदें हैं। एक गेंद को थैला 1 से थैला 2 में स्थानांतरित किया जाता है और तब एक गेंद थैला 2 से निकाली जाती है। निकाली गई गेंद लाल रंग की है। स्थानांतरित गेंद की काली होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
निम्नलिखित प्रश्नों में सही उत्तर का चुनाव कीजिए:
11. यदि
12. यदि
13. यदि
सारांश
इस अध्याय के मुख्य बिंदु निम्न प्रकार से हैं
- घटना
की सप्रतिबंध प्रायिकता जब कि घटना दी गई है, निम्न प्रकार से ज्ञात की जाती है
- P
या
- यदि
और स्वतंत्र घटनाएँ हैं तो
और
- संपूर्ण प्रायिकता की प्रमेय:
मान लें
- बेज़-प्रमेयः यदि
प्रतिदर्श समष्टि के विभाजन का निर्माण करती हैं अर्थात् युग्मतः असंयुक्त हैं और और एक शून्येतर प्रायिकता की घटना है तब
ऐतिहासिक नोट
एक पासे पर आधारित खेल में प्रायिकता (अवसर) के माप का पहला संदर्भ दाँते के दैवी प्रहसन पर एक व्याख्या में मिलता है। जेरनीमोंकॉरडन (1501-1576) ने जुए के खेल पर एक विस्तृत निबंध जिसका नाम ‘लिबर डे लूडो अलकाए’ लिखा था जो उनके मृत्योपरांत 1663 में प्रकाशित हुआ था। इस निबंध में उन्होंने दो पासों को उछालने पर प्रत्येक घटना के अनुकूल परिणामों की संख्या के बारे में बताया है। गैलिलियो (1564-1642) ने तीन पासों के एक खेल में संयोग के माप के संबंध में आकस्मिक टिप्पणी की है। गैलिलियो ने विश्लेषण किया था कि जब तीन पासों को उछाला जाता है तो प्रकट संख्याओं के योग का 10 होना योग 9 से अधिक संभाव्य है क्योंकि योग को दस होने के अनुकूल परिणामों की संख्या योग 9 के अनुकूल परिणामों की संख्या से अधिक है।
इस प्रारंभिक योगदान के अतिरिक्त यह सामान्यतः माना जाता है कि प्रायिकता के विज्ञान का प्रमाणिक उद्गम सत्रहवीं शताब्दी के दो महान गणितज्ञों पॉस्कल (1623-1662) और पीअरे द् फ़र्मा (1601-1665) के मध्य हुए पत्र व्यवहार से हुआ है। एक फ्रांसिसी जुआरी शेवेलियर डे मेरे ने सैंद्धातिक तर्क और जुए में एकत्रित प्रेक्षणों में अंतर्विरोध की व्याख्या के लिए पॉस्कल से पूछा। इस प्रश्न के हल के लिए 1654 के इर्द-गिर्द पॉस्कल और फ़र्मा के बीच हुए पत्र व्यवहार की श्रृंखला में प्रायिकता के विज्ञान की प्रथम नींव रखी गई। पॉस्कल ने समस्या को बीजगणितीय रूप में हल किया जबकि फ़र्मा ने संचय की विधियों का उपयोग किया।
महान हालैंड निवासी वैज्ञानिक ह्यजेन (1629-1695) को पॉस्कल और फ़र्मा के मध्य हुए पत्र व्यवहार के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने प्रायिकता की प्रथम पुस्तक ‘डे रेशियोसिनिस इन लूडो अलाय’ को प्रकाशित किया जिसमें संयोग के खेल में प्रायिकता पर बहुत सारी रोचक लेकिन कठिन समस्याओं के हल प्रस्तुत किए। प्रायिकता सिद्धांत पर अगला महान कार्य जैकब बरनौली (1654-1705) ने एक पुस्तक ‘आर्स कंजेकटेंडी’ के रूप में किया जो उनके मृत्योपरांत उनके भतीजे निकॉलस बरनौली ने 1713 में प्रकाशित की थी। उन्हें एक महत्त्वपूर्ण प्रायिकता बंटन ‘द्विपद बंटन’ की खोज का श्रेय भी जाता है। प्रायिकता पर अगला आकर्षक कार्य ‘अब्राहम डे मोवियर (1667-1754) की पुस्तक ‘द डॉक्ट्रिन ऑफ चांस’ में विद्यमान है जिसे 1718 में प्रकाशित किया गया था। थॉमस बेज़ (1702-1761) ने उनके नाम पर प्रसिद्ध प्रमेय ‘बेज़-प्रमेय’ को व्युत्पन्न करने के लिए सप्रतिबंध प्रायिकता का उपयोग किया। प्रसिद्ध खगोलशास्त्री ‘पियरे साइमन डे लॉपलास (1749-1827) ने भी प्रायिकता सिद्धांत पर कार्य किया और 1812 में एक पुस्तक ‘थियोरी एनॉलिटिक डेस प्रोबेबिलिटिज़’ प्रकाशित की। इसके बाद रूसी गणितज्ञों शेबीशेव (1821-1894), मॉरकोव (1856-1922), ए. लियापोनोव (1821-1918) और ए. एन. कॉल्मोग्रोव (1903-1987) ने प्रायिकता सिद्धांत पर सार्थक योगदान दिया। कॉल्मोग्रोव ने प्रायिकता का समुच्चय फलन के रूप में सूत्रपात किया। जिसे 1933 में प्रकाशित पुस्तक ‘प्रायिकता का आधारभूत सिद्धांत’ में प्रायिकता के अभिगृहितीय दृष्टिकोण के नाम से जाना जाता है।