The Theory of probabilities is simply the science of logic quantitatively treated - C.S. PEIRCE

13.1 भूमिका (Introduction)

पहले की कक्षाओं में हमने प्रायिकता को किसी यादृच्छिक परीक्षण की घटनाओं के घटित होने की अनिश्चितता की माप के रूप में पढ़ा था। हमने रूसी गणितज्ञ ए.एन. कौल्मोग्रोब (1903-1987) द्वारा प्रतिपादित अभिगृहितीय दृष्टिकोण का उपयोग किया था और प्रायिकता को परीक्षण के परिणामों पर परिभाषित फलन के रूप में निरूपित किया था। हमने समसंभाव्य परिणामों की दशा में प्रायिकता के अभिगृहितीय दृष्टिकोण और क्लासिकल सिद्धांत (classical theory) में समकक्षता भी स्थापित की थी। इस समकक्षता के आधार पर हमने असंतत प्रतिदर्श समष्टि की घटनाओं की प्रायिकता ज्ञात की थी। हमने प्रायिकता के योग नियम का भी अध्ययन किया है। इस अध्याय में हम किसी घटना की सप्रतिबंध प्रायिकता (conditional probability)

Pierre de Fermat (1601-1665)

के बारे में विचार करेंगे, जबकि किसी अन्य घटना के घटित होने की सूचना हमारे पास हो, तथा इस महत्त्वपूर्ण अवधारणा की सहायता से बेज-प्रमेय (Bayes’ theorem), प्रायिकता का गुणन नियम तथा स्वतंत्र घटनाओं के बारे में समझेंगे। हम यादृच्छिक चर (random variable) और इसके प्रायिकता बंटन की महत्त्वपूर्ण अवधारणा को भी समझेंगे तथा किसी प्रायिकता बंटन के माध्य (mean) व प्रसरण के बारे में भी पढ़ेंगे। अध्याय के अंतिम अनुभाग में हम एक महत्त्वपूर्ण असंतत प्रायिकता बंटन (discrete probability distribution) के बारे में पढ़ेंगे जिसे द्विपद बंटन कहा जाता है। इस अध्याय में हम ऐसे परीक्षण लेंगे जिनके परिणाम समसंभाव्य होते हैं, जब तक कि अन्यथा न कहा गया हो।

13.2 सप्रतिबंध प्रायिकता (Conditional Probability)

अभी तक हमने किसी घटना की प्रायिकता ज्ञात करने पर चर्चा की है। यदि हमें किसी प्रतिदर्श समष्टि की दो घटनाएँ दी गई हों, तो क्या किसी एक घटना के घटित होने की सूचना का प्रभाव दूसरी घटना

की प्रायिकता पर पड़ता है? आइए इस प्रश्न के उत्तर के लिए एक यादृच्छिक परीक्षण पर विचार करें जिसके परिणाम समसंभाव्य हैं।

आइए अब तीन न्याय्य (fair) सिक्कों को उछालने के परीक्षण पर विचार कीजिए। इस परीक्षण का प्रतिदर्श समष्टि है:

S={HHH,HHT,HTH,THH,HTT,THT,TTH,TTT}

क्योंकि सिक्के न्याय्य हैं, इसलिए हम प्रतिदर्श समष्टि के प्रत्येक प्रतिदर्श बिंदु की प्रायिकता 18 निर्दिष्ट कर सकते हैं। मान लीजिए E घटना “न्यूनतम दो चित प्रकट होना” और F घटना “पहले सिक्के पर पट प्रदर्शित होना” को निरूपित करते हैं।

तब

E={HHH,HHT,HTH,THH}

और

F={THH,THT,TTH,TTT}

इसलिए

P(E)=P({HHH})+P({HHT})+P({HTH})+P({THH})

=18+18+18+18=12 (क्यों ?) 

और

P(F)=P({THH})+P({THT})+P({TTH})+P({TTT})

=18+18+18+18=12

साथ ही EF={THH}

इसलिए P(EF)=P({THH})=18

अब मान लीजिए हमें दिया गया है कि पहले सिक्के पर पट प्रकट होता है अर्थात् घटना F घटित हुई है, तब घटना E की प्रायिकता क्या है? F के घटित होने की सूचना पर यह निश्चित है कि E की प्रायिकता ज्ञात करने के लिए उन प्रतिदर्श बिंदुओं पर विचार नहीं किया जाएगा जिनमें पहले सिक्के पर पट नहीं है। घटना E के लिए इस सूचना से प्रतिदर्श समष्टि S से घटकर इसका उपसमुच्चय F बन गया है। अन्य शब्दों में, इस अतिरिक्त सूचना ने हमें वास्तव में यह बताया है कि हालात को एक ऐसे नए यादृच्छिक परीक्षण के रूप में समझना चाहिए जिसका प्रतिदर्श समष्टि केवल उन परिणामों का समुच्चय है जो कि घटना F के अनुकूल है।

अब

F का वह प्रतिदर्श बिंदु जो E के भी अनुकूल है; THH है। अतः

F को प्रतिदर्श समष्टि मानते हुए घटना E की प्रायिकता =14

या

F का घटित होना दिया गया होने पर E की प्रायिकता =14

घटना E की इस प्रायिकता को सप्रतिबंध प्रायिकता कहते हैं, जबकि ज्ञात है कि घटना F घटित हो चुकी है, और इसे P(ElF) द्वारा दर्शाते हैं।

अर्थात् P(EF)=14

नोट कीजिए कि F के वो अवयव जो घटना E के भी अनुकूल हैं, E तथा F के साझे अवयव होते हैं, अर्थात् EF के प्रतिदर्श बिंदु हैं।

अतः हम घटना E की सप्रतिबंध प्रायिकता, जबकि ज्ञात है कि घटा F घटित हो चुकी है को निम्न प्रकार से ज्ञात कर सकते हैं।

P(EIF)=(EF) के अनुकूल प्रतिदर्श बिंदुओं की संख्या F के अनुकूल प्रतिदर्श बिंदुओं की संख्या =n(EF)n( F)

अब अंश व हर को प्रतिदर्श समष्टि के अवयवों की कुल संख्या से विभाजित करने पर हम देखते हैं कि P(ElF) को निम्न प्रकार से लिखा जा सकता है:

(1)P(EF)=n(EF)n( S)n( F)n( S)=P(EF)P(F)

नोट कीजिए कि (1) तभी मान्य है जब P(F)0 अर्थात् Fϕ (क्यों?) अतः हम सप्रतिबंध प्रायिकता को निम्न प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं:

परिभाषा 1 यदि E तथा F किसी यादृच्छिक परीक्षण के प्रतिदर्श समष्टि से सबंधित दो घटनाएँ हैं, तो F के घटित होने की सूचना पर, E की प्रायिकता निम्नलिखित सूत्र से प्राप्त होती है:

P(EF)=P(EF)P(F), जबकि P(F)0

13.2.1 सप्रतिबंध प्रायिकता के गुण (Properties of conditional probability)

मान लें कि E तथा F किसी प्रतिदर्श समष्टि S की दो घटनाएँ हैं

गुण 1P(SF)=P(FF)=1

हमें ज्ञात है कि

P(SF)=P(SF)P(F)=P(F)P(F)=1

साथ ही

P(FF)=P(FF)P(F)=P(F)P(F)=1

अत:

P(SF)=P(FF)=1

गुण 2 यदि A और B प्रतिदर्श समष्टि S की कोई दो घटनाएँ हैं और F एक अन्य घटना इस प्रकार है कि P(F)0, तब

P[(AB)F)]=P(AF)+P(BF)P[(AB)F]

विशेष रूप से, यदि A और B परस्पर अपवर्जी घटनाएँ हों, तो

P[(AB)F)]=P(AF)+P(BF)

हम जानते हैं कि

P[(AB)F)]=P[(AB)F]P(F)=P[(AF)(BF)]P(F)

(समुच्चयों के सर्वनिष्ठ पर सम्मिलन के बंटन नियम द्वारा)

=P(AF)+P(BF)P(ABF)P(F)=P(AF)P(F)+P(BF)P(F)P[(AB)F]P(F)=P(AF)+P(BF)P(ABF)

जब A तथा B परस्पर अपवर्जी हों तो

P[(AB)F)]=0P[(AB)F)]=P(AF)+P(BF)

अतः जब A तथा B परस्पर अपवर्जी घटनाएँ हों तो P(AB)=P(AF)+P(BF)

गुण 3 P(EF)=1P(EF)

गुण 1 से हमें ज्ञात है कि P(SF)=1

P[(EE)F)]=1P(EF)+P(EF)=1 क्योंकि S=EE अत: P(EF)=1P(EF)

आइए अब कुछ उदाहरण लें।

प्रश्नावली 13.1

1. यदि E और F इस प्रकार की घटनाएँ हैं कि P(E)=0.6,P(F)=0.3 और P(EF)=0.2, तो P(EF) और P(FE) ज्ञात कीजिए।

2. P(AB) ज्ञात कीजिए, यदि P(B)=0.5 और P(AB)=0.32

3. यदि P(A)=0.8,P(B)=0.5 और P(BA)=0.4 ज्ञात कीजिए

(i) P(AB)

(ii) P(AB)

(iii) P(AB)

4. P(AB) ज्ञात कीजिए यदि 2P(A)=P(B)=513 और P(AB)=25

5. यदि P(A)=611,P(B)=511 और P(AB)=711 तो ज्ञात कीजिए

(i) P(AB)

(ii) P(AB)

(iii) P(BA)

निम्नलिखित प्रश्न 6 से 9 तक P(ElF) ज्ञात कीजिए।

6. एक सिक्के को तीन बार उछाला गया है:

(i) E : तीसरी उछाल पर चित F : पहली दोनों उछालों पर चित

(ii) E : न्यूनतम दो चित F : अधिकतम एक चित

(iii) E : अधिकतम दो पट F : न्यूनतम दो पट

7. दो सिक्कों को एक बार उछाला गया है:

(i) E : एक सिक्के पर पट प्रकट होता है F : एक सिक्के पर चित प्रकट होता है

(ii) E : कोई पट प्रकट नहीं होता है F कोई चित प्रकट नहीं होता है

8. एक पासे को तीन बार उछाला गया है:

E : तीसरी उछाल पर संख्या 4 प्रकट होना

F : पहली दो उछालों पर क्रमशः 6 तथा 5 प्रकट होना

9. एक पारिवारिक चित्र में माता, पिता व पुत्र यादृच्छया खड़े हैं:

E : पुत्र एक सिरे पर खड़ा है F : पिता मध्य में खड़े हैं

10. एक काले और एक लाल पासे को उछाला गया है:

(a) पासों पर प्राप्त संख्याओं का योग 9 होने की सप्रतिबंध प्रायिकता ज्ञात कीजिए यदि यह ज्ञात हो कि काले पासे पर 5 प्रकट हुआ है।

(b) पासों पर प्राप्त संख्याओं का योग 8 होने की सप्रतिबंध प्रायिकता ज्ञात कीजिए यदि यह ज्ञात हो कि लाल पासे पर प्रकट संख्या 4 से कम है।

11. एक न्याय्य पासे को उछाला गया है। घटनाओं E={1,3,5},F={2,3}, और G={2,3,4,5} के लिए निम्नलिखित ज्ञात कीजिए: (i) P(EF) और P(FE) (ii) P(EG) और P(GE) (iii) P(EFG) और P(EFG)

12. मान लें कि जन्म लेने वाले बच्चे का लड़का या लड़की होना समसंभाव्य है। यदि किसी परिवार में दो बच्चे हैं, तो दोनों बच्चों के लड़की होने की सप्रतिबंध प्रायिकता क्या है, यदि यह दिया गया है कि (i) सबसे छोटा बच्चा लड़की है (ii) न्यूनतम एक बच्चा लड़की है।

13. एक प्रशिक्षक के पास 300 सत्य/असत्य प्रकार के आसान प्रश्न 200 सत्य/असत्य प्रकार के कठिन प्रश्न, 500 बहु-विकल्पीय प्रकार के आसान प्रश्न और 400 बहु-विकल्पीय प्रकार के

कठिन प्रश्नों का संग्रह है। यदि प्रश्नों के संग्रह से एक प्रश्न यादृच्छया चुना जाता है, तो एक आसान प्रश्न की बहु-विकल्पीय होने की प्रायिकता क्या होगी?

14. यह दिया गया है कि दो पासों को फेंकने पर प्राप्त संख्याएँ भिन्न-भिन्न हैं। दोनों संख्याओं का योग 4 होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।

15. एक पासे को फेंकने के परीक्षण पर विचार कीजिए। यदि पासे पर प्रकट संख्या 3 का गुणज है तो पासे को पुन: फेंकें और यदि कोई अन्य संख्या प्रकट हो तो एक सिक्के को उछालें। घटना ‘न्यूनतम एक पासे पर संख्या 3 प्रकट होना’ दिया गया है तो घटना ‘सिक्के पर पट प्रकट होने’ की सप्रतिबंध प्रायिकता ज्ञात कीजिए।

निम्नलिखित प्रश्नों में से प्रत्येक में सही उत्तर चुनें।

16. यदि P(A)=12,P(B)=0 तब P(AB) है: (A) 0 (B) 12 (C) परिभाषित नहीं (D) 1

17. यदि A और B दो घटनाएँ इस प्रकार हैं कि P(AB)=P(BA)0 तब (A) AB (B) A=B (C) AB=ϕ (D) P(A)=P(B)

13.3 प्रायिकता का गुणन नियम (Multiplication Theorem on Probability)

मान लीजिए कि E तथा F एक प्रतिदर्श समष्टि S की दो घटनाएँ हैं। स्पष्टतया समुच्चय EF दोनों घटनाओं E तथा F के घटित होने को दर्शाता है। अन्य शब्दों में EF घटनाओं E तथा F के युगपत् घटित होने को दर्शाता है। घटना EF को EF भी लिखा जाता है।

प्रायः हमें सयुंक्त घटना EF की प्रायिकता ज्ञात करने की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, एक के बाद दूसरा पत्ता निकालने के परीक्षण में हम मिश्र घटना ‘एक बादशाह और एक रानी’ की प्रायिकता ज्ञात करने में इच्छुक हो सकते हैं। घटना EF की प्रायिकता ज्ञात करने के लिए हम सप्रतिबंध प्रायिकता का उपयोग करते हैं जैसा कि नीचे दिखाया गया है।

हम जानते हैं कि घटना F के दिए जाने पर घटना E की सप्रतिबंध प्रायिकता को P(EIF) द्वारा दर्शाते हैं और इसे निम्नलिखित प्रकार से ज्ञात करते हैं।

P(EF)=P(EF)P(F),P(F)0

उपरोक्त परिणाम से हम लिख सकते हैं कि

(1)P(EF)=P(F).P(EF)

हम यह भी जानते हैं कि

P(FE)=P(FE)P(E),P(E)0

या

P(FE)=P(EF)P(E)

(क्योंकि EF=FE )

अत:

(2)P(EF)=P(E)P(FE)

(1) और (2) को मिलाने से हमें प्राप्त होता है कि

P(EF)=P(E)P(FE)=P(F)P(EF) जब कि P(E)0 और P(F)0

उपरोक्त परिणाम को ‘प्रायिकता का गुणन नियम’ कहते हैं। आइए एक उदाहरण लें।

13.4 स्वतंत्र घटनाएँ (Independent Events)

52 पत्तों की गड्डी में से एक पत्ता निकालने के परीक्षण पर विचार कीजिए जिसमें प्रत्येक मौलिक घटना को समसंभाव्य माना गया है। यदि E तथा F क्रमशः घटनाओं ‘निकाला गया पत्ता चिड़ी का है’ और ‘निकाला गया पत्ता एक इक्का है’ को व्यक्त करते हैं, तो

P(E)=1352=14 तथा P(F)=452=113

साथ ही ’ E और F ’ घटना ‘निकाला गया पत्ता चिड़ी का इक्का है’ को व्यक्त करती है, इसलिए

P(EF)=152P(EF)=P(EF)P(F)=152113=14

अतः

क्योंकि P(E)=14=P(EF), हम कह सकते हैं कि घटना F के घटित होने की सूचना ने घटना E की प्रायिकता पर कोई प्रभाव नहीं डाला है।

हमें यह भी प्राप्त है कि

P(FE)=P(EF)P(E)=15214=113=P(F)

पुन: P(F)=113=P(FE) दर्शाता है कि घटना E के घटित होने की सूचना ने घटना F की प्रायिकता पर कोई प्रभाव नहीं डाला है।

अतः E तथा F इस प्रकार की घटनाएँ है कि किसी एक घटना के घटित होने की सूचना दूसरी घटना की प्रायिकता पर कोई प्रभाव नहीं डालती है।

इस प्रकार की घटनाओं को ‘स्वतंत्र घटनाएँ’ कहते हैं।

परिभाषा 2 दो घटनाओं E तथा F को स्वतंत्र घटनाएँ कहते हैं यदि

P(FE)=P(F) जबकी P(E)0P(EF)=P(E) जबकी P(F)0

अतः इस परिभाषा में P(E) और P(F) का शून्येत्तर होना आवश्यक है।

अब प्रायिकता के गुणन नियम से

(1)P(EF)=P(E)P(FE)

यदि E और F स्वतंत्र घटनाएँ हों तो (1) से हमें प्राप्त होता है कि

(2)P(EF)=P(E).P(F)

अतः (2) के उपयोग से हम दो घटनाओं की स्वतंत्रता को निम्नलिखित तरह से भी परिभाषित कर सकते हैं।

परिभाषा 3 मान लें E और F किसी यादृच्छिक परीक्षण के प्रतिदर्श समष्टि की दो घटनाएँ हैं, तो E और F स्वतंत्र घटनाएँ होती हैं यदि

P(EF)=P(E)P(F)

टिप्पणी

1. दो घटनाओं E तथा F को पराश्रित (dependent) कहते हैं, यदि वे स्वतंत्र न हों अर्थात् यदि P(EF)P(E). P(F)

2. कभी-कभी स्वतंत्र घटनाओं और परस्पर अपवर्जी घटनाओं के बीच भ्रम पैदा हो जाता है। ‘स्वतंत्र घटनाओं की परिभाषा ‘घटनाओं की प्रायिकता’ के रूप में की गई है जब कि ‘परस्पर अपवर्जी घटनाओं’ की परिभाषा ‘घटनाओं’ के रूप में की गई है। इसके अतिरिक्त, परस्पर अपवर्जी घटनाओं में कोई भी परिणाम सार्व कदापि नहीं हो सकता है किंतु स्वतंत्र घटनाओं में

परिणाम सार्व भी हो सकते हैं, यदि प्रत्येक घटना अरिक्त है। स्पष्टतया ‘स्वतंत्र घटनाएँ’ और ‘परस्पर अपवर्जी घटनाएँ’ समानार्थी नहीं हैं।

दूसरे शब्दों में, यदि दो ऐसी स्वतंत्र घटनाएँ घटती हैं जिनकी प्रयिकता शून्येतर है, तो वह परस्पर अपवर्जी नहीं हो सकती हैं। विलोमतः यदि दो शून्येतर प्रायिकता वाली परस्पर अपवर्जी घटनाएँ घटती हैं, तो वह स्वतंत्र नहीं हो सकती हैं।

3. दो यादृच्छिक परीक्षण स्वतंत्र कहलाते हैं, यदि प्रत्येक घटना युग्म E और F के लिए, जहाँ E पहले परीक्षण से तथा F दूसरे परीक्षण से संबंधित हैं, घटनाओं E तथा F के एक साथ घटित होने की प्रायिकता, जब दोनों परीक्षण संपन्न किए जाएँ, प्रायिकता P(E) और P(F) के गुणनफल के बराबर होती हैं, जिनका परिकलन दोनों परीक्षणों के आधार पर अलग-अलग किया जाता है। अर्थात् P(EF)=P(E)P(F)

4. तीन घटनाओं A,B और C को स्वतंत्र कहा जाता है यदि और केवल यदि

P(AB)=P(A)P(B)P(AC)=P(A)P(C)P(BC)=P(B)P(C)

 और P(ABC)=P(A)P(B)P(C)

यदि उपरोक्त में से कम से कम एक भी शर्त सत्य नहीं होती है तो दी गई घटनाओं को स्वतंत्र नहीं कहा जाता है।

प्रश्नावली 13.2

1. यदि P(A)=35,P(B)=15 और A तथा B स्वतंत्र घटनाएँ हैं तो P(AB) ज्ञात कीजिए।

2. 52 पत्तों की एक गड्डी में से यादृच्छया बिना प्रतिस्थापित किए गए दो पत्ते निकाले गए। दोनों पत्तों के काले रंग का होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।

3. संतरों के एक डिब्बे का निरीक्षण उसमें से तीन संतरों को यादृच्छया बिना प्रतिस्थापित किए हुए निकाल कर किया जाता है। यदि तीनों निकाले गए संतरे अच्छे हों तो डिब्बे को बिक्री के

लिए स्वीकृत किया जाता है अन्यथा अस्वीकृत कर देते हैं। एक डिब्बा जिसमें 15 संतरे हैं जिनमें से 12 अच्छे व 3 खराब संतरे हैं, के बिक्री के लिए स्वीकृत होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।

4. एक न्याय्य सिक्का और एक अभिनत पासे को उछाला गया। मान लें A घटना ‘सिक्के पर चित प्रकट होता है’ और B घटना ‘पासे पर संख्या 3 प्रकट होती है’ को निरूपित करते हैं। निरीक्षण कीजिए कि घटनाएँ A और B स्वतंत्र हैं या नहीं?

5. एक पासे पर 1,2,3 लाल रंग से और 4,5,6 हरे रंग से लिखे गए हैं। इस पासे को उछाला गया। मान लें A घटना ‘संख्या सम है’ और B घटना ‘संख्या लाल रंग से लिखी गई है’, को निरूपित करते हैं। क्या A और B स्वतंत्र हैं?

6. मान लें E तथा F दो घटनाएँ इस प्रकार हैं कि P(E)=35,P(F)=310 और P(EF)=15 तब क्या E तथा F स्वतंत्र हैं ?

7. A और B ऐसी घटनाएँ दी गई हैं जहाँ P(A)=12,P(AB)=35 तथा P(B)=p. p का मान ज्ञात कीजिए यदि (i) घटनाएँ परस्पर अपवर्जी हैं। (ii) घटनाएँ स्वतंत्र हैं।

8. मान ले A और B स्वतंत्र घटनाएँ हैं तथा P(A)=0.3 और P(B)=0.4. तब (i) P(AB) (ii) P(AB) (iii) P(AB) (iv) P(BA) ज्ञात कीजिए।

9. दी गई घटनाएँ A और B ऐसी हैं, जहाँ P(A)=14,P(B)=12 और P(AB)=18 तब P(A-नहीं और B-नहीं ) ज्ञात कीजिए।

10. मान लें A तथा B स्वतंत्र घटनाएँ हैं और P(A)=12 तथा P(B)=712 और P(A-नहीं और B नहीं )=14. क्या A और B स्वतंत्र घटनाएँ हैं?

11. A और B स्वतंत्र घटनाएँ दी गई हैं जहाँ P(A)=0.3,P(B)=0.6 तो (i) P(A और B) (ii) P(A और B-नहीं) (iii) P(A या B) (iv) P(A और B में कोई भी नहीं ) का मान ज्ञात कीजिए।

12. एक पासे को तीन बार उछाला जाता है तो कम से कम एक बार विषम संख्या प्राप्त होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।

13. दो गेंद एक बॉक्स से बिना प्रतिस्थापित किए निकाली जाती है। बॉक्स में 10 काली और 8 लाल गेदें हैं तो प्रायिकता ज्ञात कीजिए (i) दोनों गेंदें लाल हों (ii) प्रथम काली एवं दूसरी लाल हो (iii) एक काली तथा दूसरी लाल हो।

14. एक विशेष समस्या को A और B द्वारा स्वतंत्र रूप से हल करने की प्रायिकताएँ क्रमशः 12 और 13 हैं। यदि दोनों, स्वतंत्र रूप से, समस्या हल करने का प्रयास करते हैं, तो प्रायिकता ज्ञात कीजिए कि

(i) समस्या हल हो जाती है

(ii) उनमें से तथ्यतः कोई एक समस्या हल कर लेता है।

15. ताश के 52 पत्तों की एक सुमिश्रित गड्डी से एक पत्ता यादृच्छया निकाला जाता है। निम्नलिखित में से किन दशाओं में घटनाएँ E और F स्वतंत्र हैं?

(i) E : ‘निकाला गया पत्ता हुकुम का है’

F : ‘निकाला गया पत्ता इक्का है’

(ii) E : ‘निकाला गया पत्ता काले रंग का है’

F : ‘निकाला गया पत्ता एक बादशाह है’

(iii) E : ‘निकाला गया पत्ता एक बादशाह या एक बेगम है’

F : ‘निकाला गया पत्ता एक बेगम या एक गुलाम है’

16. एक छात्रावास में 60% विद्यार्थी हिंदी का, 40% अंग्रेज़ी का और 20% दोनों अखबार पढ़ते हैं। एक छात्रा को यादृच्छया चुना जाता है।

(a) प्रायिकता ज्ञात कीजिए कि वह न तो हिंदी और न ही अंग्रेज़ी का अखबार पढ़ती है।

(b) यदि वह हिंदी का अखबार पढ़ती है तो उसके अंग्रेज़ी का अखबार भी पढ़ने वाली होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।

(c) यदि वह अंग्रेज़ी का अखबार पढ़ती है तो उसके हिंदी का अखबार भी पढ़ने वाली होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।

17. यदि पासों का एक जोड़ा उछाला जाता है तो प्रत्येक पासे पर सम अभाज्य संख्या प्राप्त करने की प्रायिकता निम्नलिखित में से क्या है? (A) 0 (B) 13 (C) 112 (D) 136

18. दो घटनाओं A और B को परस्पर स्वतंत्र कहते हैं, यदि (A) A और B परस्पर अपवर्जी हैं (B) P(AB)=[1P(A)][1P(B)] (C) P(A)=P(B) (D) P(A)+P(B)=1

13.5 बेज़-प्रमेय (Bayes’ Theorem)

मान लीजिए कि दो थैले I और II दिए गए हैं। थेला I में 2 सफ़ेद और 3 लाल गेंदें हैं। और थैला II में 4 सफ़ेद और 5 लाल गेंदें हैं। किसी एक थैले में से एक गेंद यादृच्छया निकाली जाती है। हम

किसी एक थैले को चुनने की प्रायिकता 12 ज्ञात कर सकते हैं या किसी विशेष थैले (मान लें थैला I) में से एक विशेष रंग (मान लें सफ़ेद) गेंद को निकालने की प्रायिकता भी ज्ञात कर सकते हैं। अन्य शब्दों में हम किसी विशेष रंग की गेंद निकालने की प्रायिकता ज्ञात कर सकते हैं, यदि हमें यह दिया गया हो कि गेंद कौन-से थैले से निकाली गई है। लेकिन क्या हम इस बात की प्रायिकता ज्ञात कर सकते हैं कि गेंद किसी विशेष थैले (मान लें थैला-II) से निकाली गई है यदि हमें निकाली गई गेंद का रंग पता है? यहाँ हमें थैला-II के चुनने की प्रतिलोम (reverse)प्रायिकता ज्ञात करनी है जबकि इसके बाद होने वाली घटना का हमें ज्ञान है। प्रसिद्ध गणितज्ञ जॉन बेज़ ने प्रतिलोम प्रायिकता ज्ञात करने की समस्या का समाधान सप्रतिबंध प्रायिकता के उपयोग द्वारा किया है। उनके द्वारा बनाया गया सूत्र ‘बेज़-प्रमेय’ के नाम से जाना जाता है जो उनकी मृत्योपरांत 1763 में प्रकाशित हुआ था। बेज़-प्रमेय के कथन व प्रमाण से पूर्व आइए एक परिभाषा और कुछ प्रारंभिक परिणामों पर विचार कीजिए।

13.5.1 एक प्रतिदर्श समष्टि का विभाजन (Partition of a sample space)

घटनाओं E1,E2En के समुच्चय को प्रतिदर्श समष्टि S के विभाजन को निरूपित करता है यदि

(a) EiEj=ϕ,ij,i,j=1,2,3,n

(b) E1E2En=S तथा

(c) P(Ei)>0, प्रत्येक i=1,2,,n के लिए

दूसरे शब्दों में, घटनाएँ E1,E2,En प्रतिदर्श समष्टि S के विभाजन को निरूपित करती हैं यदि वे युग्मतः असंयुक्त हैं, समग्र है तथा उनकी प्रायिकता शून्येतर है।

उदाहरणतः हम देखते हैं कि कोई घटना E और उसकी पूरक घटना E प्रतिदर्श समष्टि S का विभाजन है क्योंकि EE=ϕ और EE=S.

वेन-आरेख चित्र 13.3, से हम आसानी से प्रेक्षण कर सकते हैं कि यदि E और F किसी प्रतिदर्श समष्टि S, के संगत कोई दो घटनाएँ हैं, तो {EF,EF} समुच्चय E का एक विभाजन है।

समुच्चय {EF,EF,EF} समुच्चय EF का एक विभाजन है और समुच्चय {EF,EF,EF,EF} संपूर्ण प्रतिदर्श S का एक विभाजन है। अब हम संपूर्ण प्रायिकता की प्रमेय को सिद्ध करेंगे।

13.5.2 संपूर्ण प्रायिकता की प्रमेय (Theorem of Total Probability)

मान लें {E1,E2,,En} प्रतिदर्श समष्टि S, का एक विभाजन है और मान लें कि प्रत्येक घटना E1,E2,,En की प्रायिकता शून्येत्तर है। मान लीजिए A प्रतिदर्श समष्टि के संगत एक

घटना है, तब,

P(A)=P(E1)P(A1E1)+P(E2)P(A2)++P(En)P(A2En)=j=1nP(Ej)P(AEj)

उपपत्ति दिया गया है कि E1,E2,,En प्रतिदर्श समष्टि S का एक विभाजन है (चित्र 13.4) इसलिए,

S=E1E2En (1) 

और

EiEj=ϕij,i,j=1,2,.,n

हमें ज्ञात है कि किसी घटना A, के लिए

A=AS=A(E1E2En)=(AE1)(AE2)(AEn)

आकृति 13.4

साथ ही AEi, और AEj, क्रमशः समुच्चयो Ei और Ej के उपसमुच्चय हैं जो ij, के लिए असंयुक्त है इसलिए ij,i,j=1,2,n के लिए AEi और AEj भी असंयुक्त हैं।

इसलिए

P(A)=P[(AE1)(AE2)..(AEn)]=P(AE1)+P(AE2)++P(AEn)

अब P(AEi)=P(Ei)P(AEi) क्योंकि P(Ei)0i=1,2,,n

प्रायिकता के गुणन नियम द्वारा हम जानते हैं कि

इसलिए

P(A)=P(E1)P(AlE1)+P(E2)P(AlEE2)++P(En)P(AEn)

या

P(A)=j=1nP(Ej)P(AEj)

प्रश्नावली 13.3

1. एक कलश में 5 लाल और 5 काली गेदें हैं। यादृच्छया एक गेंद निकाली जाती है, इसका रंग नोट करने के बाद पुनः कलश में रख दी जाती है। पुन: निकाले गए रंग की 2 अतिरिक्त गेंदें कलश में रख दी जाती है तथा कलश में से एक गेंद निकाली जाती है। दूसरी गेंदें की लाल होने की प्रायिकता क्या है?

2. एक थैले में 4 लाल और 4 काली गेंदें हैं और एक अन्य थैले में 2 लाल और 6 काली गेंदें हैं। दोनों थैलों में से एक को यादृच्छया चुना जाता है और उसमें एक गेंद निकाली जाती है जो कि लाल है। इस बात की क्या प्रायिकता है कि गेंद पहले थैले से निकाली गई है?

3. यह ज्ञात है कि एक महाविद्यालय के छात्रों में से 60% छात्रावास में रहते हैं और 40% छात्रावास में नहीं रहते हैं। पूर्ववर्ती वर्ष के परिणाम सूचित करते हैं कि छात्रावास में रहने वाले छात्रों में से 30% और छात्रावास में न रहने वाले छात्रों में से 20% छात्रों ने A-ग्रेड लिया। वर्ष के अंत में महाविद्यालय के एक छात्र को यादृच्छया चुना गया और यह पाया गया कि उसे A-ग्रेड मिला है। इस बात की क्या प्रायिकता है कि वह छात्र छात्रावास मे रहने वाला है?

4. एक बहुविकल्पी प्रश्न का उत्तर देने में एक विद्यार्थी या तो प्रश्न का उत्तर जानता है या वह अनुमान लगाता है। मान लें कि उसके उत्तर जानने की प्रायिकता 34 है और अनुमान लगाने की प्रायिकता 14 है। मान लें कि छात्र के प्रश्न के उत्तर का अनुमान लगाने पर सही उत्तर देने की प्रायिकता 14 है तो इस बात की क्या प्रायिकता है कि कोई छात्र प्रश्न का उत्तर जानता है यदि यह ज्ञात है कि उसने सही उत्तर दिया है?

5. किसी विशेष रोग के सही निदान के लिए रक्त की जाँच 99% असरदार है, जब वास्तव में रोगी उस रोग से ग्रस्त होता है। किंतु 0.5% बार किसी स्वस्थ व्यक्ति की रक्त जाँच करने पर निदान गलत रिपोर्ट देता है यानी व्यक्ति को रोग से ग्रस्त बतलाता है। यदि किसी जनसमुदाय में 0.1% लोग उस रोग से ग्रस्त है तो क्या प्रायिकता है कि कोई यादृच्छया चुना गया व्यक्ति उस रोग से ग्रस्त होगा यदि उसके रक्त की जाँच में यह बताया जाता है कि उसे यह रोग है?

6. तीन सिक्के दिए गए हैं। एक सिक्के के दोनों ओर चित ही है। दूसरा सिक्का अभिनत है जिसमें चित 75% बार प्रकट होता है और तीसरा अनभितन सिक्का है। तीनों में से एक सिक्के को यादृच्छया चुना गया और उसे उछाला गया है। यदि सिक्के पर चित प्रकट हो, तो क्या प्रायिकता है कि वह दोनों चित वाला सिक्का है?

7. एक बीमा कंपनी 2000 स्कूटर चालकों, 4000 कार चालकों और 6000 ट्रक चालकों का बीमा करती है। दुर्घटनाओं की प्रायिकताएँ क्रमशः 0.01,0.03 और 0.15 है। बीमाकृत व्यक्तियों (चालकों) में से एक दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है। उस व्यक्ति के स्कूटर चालक होने की प्रायिकता क्या है?

8. एक कारखाने में A और B दो मशीने लगी हैं। पूर्व विवरण से पता चलता है कि कुल उत्पादन का 60% मशीन A और 40% मशीन B द्वारा किया जाता है। इसके अतिरिक्त मशीन A का 2% और मशीन B का 1% उत्पादन खराब है। यदि कुल उत्पादन का एक ढेर बना लिया जाता है और उस ढेर से यादृच्छया निकाली गई वस्तु खराब हो, तो इस वस्तु के ‘मशीन A ’ द्वारा बने होने की प्रायिकता क्या होगी?

9. दो दल एक निगम के निदेशक मंडल में स्थान पाने की प्रतिस्पर्धा में हैं। पहले तथा दूसरे दल के जीतने की प्रायिकताएँ क्रमशः 0.6 तथा 0.4 हैं। इसके अतिरिक्त यदि पहला दल जीतता है तो एक नए उत्पाद के प्रारम्भ होने की प्रायिकता 0.7 है और यदि दूसरा दल जीतता है तो इस बात की संगत प्रायिकता 0.3 है। इसकी प्रायिकता ज्ञात कीजिए कि नया उत्पादन दूसरे दल द्वारा प्रारम्भ किया गया था।

10. मान लीजिए कि कोई लड़की एक पासा उछालती है। यदि उसे 5 या 6 की संख्या प्राप्त होती है तो वह एक सिक्के को तीन बार उछालती है और ‘चितों की संख्या नोट करती है। यदि उसे 1,2,3 या 4 की संख्या प्राप्त होती है तो वह एक सिक्के को एक बार उछालती है और यह नोट करती है कि उस पर ‘चित’ या ‘पट’ प्राप्त हुआ। यदि उसे ठीक एक चित प्राप्त होता है, तो उसके द्वारा उछाले गए पासे पर 1,2,3 या 4 प्राप्त होने की प्रायिकता क्या है?

11. एक व्यावसायिक निर्माता के पास A,B तथा C मशीन ऑपरेटर हैं। प्रथम ऑपरेटर A1% खराब सामग्री उत्पादित करता हैं तथा ऑपरेटर B और C क्रमशः 5% और 7% खराब सामग्री उत्पादित करता है। कार्य पर A कुल समय का 50% लगाता है, B कुल समय का 30% तथा C कुल समय का 20% लगाता है। यदि एक खराब सामग्री उत्पादित है तो इसे A द्वारा उत्पादित किए जाने की प्रायिकता क्या है?

12. 52 ताशों की गड्डी से एक पत्ता खो जाता है। शेष पत्तों से दो पत्ते निकाले जाते हैं जो ईंट के पत्ते हैं। खो गए पत्ते की ईंट होने की प्रायिकता क्या है?

13. A द्वारा सत्य बोलने की प्रायिकता 45 है। एक सिक्का उछाला जाता है तथा A बताता है कि चित प्रदर्शित हुआ। वास्तविक रूप में चित प्रकट होने की प्रायिकता है:

(A) 45

(B) 12

(C) 15

(D) 25

14. यदि A और B ऐसी घटनाएँ हैं कि AB तथा P(B)0 तो निम्न में से कौन ठीक है:

(A) P(AB)=P(B)P(A)

(B) P(AB)<P(A)

(C) P(AB)P(A)

(D) इनमें से कोई नहीं

अध्याय 13 पर आधारित विविध प्रश्नावली

1. A और B इस प्रकार घटनाएँ हैं कि P(A)0.P(BA) ज्ञात कीजिए यदि (i) A, समुच्चय B का उपसमुच्चय है (ii) AB=ϕ

2. एक दंपति के दो बच्चे हैं

(i) दोनों बच्चों के लड़का होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए यदि यह ज्ञात हैं कि दोनों बच्चों में से कम से कम एक बच्चा लडका है।

(ii) दोनों बच्चों के लड़की होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए यदि यह ज्ञात है कि बड़ा बच्चा लड़की है।

3. कल्पना कीजिए कि 5% पुरुषों और 0.25% महिलाओं के बाल सफ़ेद हैं। एक सफ़ेद बालों वाले व्यक्ति को यादृच्छिक चुना गया है। इस व्यक्ति के पुरुष होने की प्रायिकता क्या है? यह मान लें कि पुरुषों और महिलाओं की संख्या समान है।

4. मान लीजिए कि 90% लोग दाहिने हाथ से काम करने वाले हैं। इसकी प्रायिकता क्या है कि 10 लोगों में से यादृच्छया चुने गए अधिक से अधिक 6 लोग दाहिने हाथ से काम करने वाले हों?

5. यदि एक लीप वर्ष को यादृच्छया चुना गया हो तो इसकी क्या प्रायिकता है कि उस वर्ष में 53 मंगलवार होंगे?

6. मान लीजिए हमारे पास A,B,C और D बक्से हैं जिसमें रखी संगमरमर की लाल, सफेद और काली टुकड़ियों का विवरण निम्न तरीके से है यादृच्छया एक बॉक्स चुना जाता है तथा इससे एक टुकड़ा निकाला जाता है। यदि टुकड़ा लाल हो तो इसे बॉक्स A; बॉक्स B, बॉक्स C से निकाले जाने की क्या प्रायिकता है?

बॉक्स संगमरमर की टुकड़ियों का रंग
लाल सफ़ेद काला
A 1 6 3
B 6 2 2
C 8 1 1
D 0 6 4

7. मान लीजिए किसी रोगी को दिल का दौरा पड़ने का संयोग 40% है। यह मान लिया जाता है कि ध्यान ओर योग विधि दिल का दौरा पड़ने के खतरे को 30% कम कर देता है और दवा द्वारा खतरे को 25% कम किया जा सकता है। किसी भी समय रोगी इन दोनों में से किसी एक विकल्प का चयन करता है। यह दिया गया है कि उपरोक्त विकल्पों से किसी एक का चुनाव करने वाले रोगियों से यादृच्छया चुना गया रोगी दिल के दौरे से ग्रसित हो जाता है। रोगी द्वारा ध्यान और योग विधि का उपयोग किए जाने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।

8. यदि 2 कोटि के एक सारणिक के सभी अवयव शून्य या एक हो तो सारणिक का धनात्मक मान होने की क्या प्रायिकता हैं। (मान लीजिए की सारणिक के प्रत्येक अवयव स्वतंत्र रूप से चुने जा सकते हैं तथा प्रत्येक की चुने जाने की प्रायिकता 12 है।)

9. एक इलेक्ट्रॉनिक एसेंबली के दो सहायक निकाय A और B हैं। पूर्ववर्ती निरीक्षण द्वारा निम्न प्रायिकताएँ ज्ञात है:

P(A के असफल होने की )=0.2

P(B के अकेले असफल होने की )=0.15

P(A और B के असफल होने की )=0.15

तो, निम्न प्रायिकताएँ ज्ञात कीजिए:

(i) P(A असफल/B असफल हो चुकी हो)

(ii) P(A के अकेले असफल होने की )

10. थैला 1 में 3 लाल तथा 4 काली गेंदें है तथा थैला II में 4 लाल और 5 काली गेंदें हैं। एक गेंद को थैला 1 से थैला 2 में स्थानांतरित किया जाता है और तब एक गेंद थैला 2 से निकाली जाती है। निकाली गई गेंद लाल रंग की है। स्थानांतरित गेंद की काली होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।

निम्नलिखित प्रश्नों में सही उत्तर का चुनाव कीजिए:

11. यदि A और B दो ऐसी घटनाएँ है कि P(A)0 और P(B/A)=1, तब (A) AB (B) BA (C) B=ϕ (D) A=ϕ

12. यदि P(A/B)>P(A), तब निम्न में से कौन सही है। (A) P(BA)<P(B) (B) P(AB)<P(A)P(B) (C) P(BA)>P(B) (D) P(BA)=P(B)

13. यदि A और B ऐसी दो घटनाएँ हैं कि

P(A)+P(B)P(A और B)=P(A), तब (A) P(BA)=1 (B) P(AB)=1 (C) P(BA)=0 (D) P(AB)=0

सारांश

इस अध्याय के मुख्य बिंदु निम्न प्रकार से हैं

  • घटना E की सप्रतिबंध प्रायिकता जब कि घटना F दी गई है, निम्न प्रकार से ज्ञात की जाती है

P(EF)=P(EF)P(F),P(F)0

  • 0P(EF)1,P(EF)=1P(EF)

P(EFG)=P(EG)+P(FG)P(EFG)

  • P P(EF)=P(E)P(FE),P(E)0

या P(EF)=P(F)(EF),P(F)0

  • यदि E और F स्वतंत्र घटनाएँ हैं तो

P(EF)=P(E)P(F)

और P(EF)=P(E),P(F)0

P(FE)=P(F),P(E)0

  • संपूर्ण प्रायिकता की प्रमेय:

मान लें {E1,E2,En} प्रतिदर्श समष्टि S का एक विभाजन है और E1,E2,En, में प्रत्येक की प्रायिकता शून्येत्तर है। साथ ही A प्रतिदर्श समष्टि से संबधित एक घटना है, तब P(A)=P(E1)P(AlE1)+P(E2)P(AlE2)++P(En)P(AlEEn)

  • बेज़-प्रमेयः यदि E1,E2,.En प्रतिदर्श समष्टि S के विभाजन का निर्माण करती हैं अर्थात् E1,E2,,En युग्मतः असंयुक्त हैं और E1E2En=S और A एक शून्येतर प्रायिकता की घटना है तब

P(EiA)=P(Ei)P(AEi)nnj=1(Ej)P(AlEj)

ऐतिहासिक नोट

एक पासे पर आधारित खेल में प्रायिकता (अवसर) के माप का पहला संदर्भ दाँते के दैवी प्रहसन पर एक व्याख्या में मिलता है। जेरनीमोंकॉरडन (1501-1576) ने जुए के खेल पर एक विस्तृत निबंध जिसका नाम ‘लिबर डे लूडो अलकाए’ लिखा था जो उनके मृत्योपरांत 1663 में प्रकाशित हुआ था। इस निबंध में उन्होंने दो पासों को उछालने पर प्रत्येक घटना के अनुकूल परिणामों की संख्या के बारे में बताया है। गैलिलियो (1564-1642) ने तीन पासों के एक खेल में संयोग के माप के संबंध में आकस्मिक टिप्पणी की है। गैलिलियो ने विश्लेषण किया था कि जब तीन पासों को उछाला जाता है तो प्रकट संख्याओं के योग का 10 होना योग 9 से अधिक संभाव्य है क्योंकि योग को दस होने के अनुकूल परिणामों की संख्या योग 9 के अनुकूल परिणामों की संख्या से अधिक है।

इस प्रारंभिक योगदान के अतिरिक्त यह सामान्यतः माना जाता है कि प्रायिकता के विज्ञान का प्रमाणिक उद्गम सत्रहवीं शताब्दी के दो महान गणितज्ञों पॉस्कल (1623-1662) और पीअरे द् फ़र्मा (1601-1665) के मध्य हुए पत्र व्यवहार से हुआ है। एक फ्रांसिसी जुआरी शेवेलियर डे मेरे ने सैंद्धातिक तर्क और जुए में एकत्रित प्रेक्षणों में अंतर्विरोध की व्याख्या के लिए पॉस्कल से पूछा। इस प्रश्न के हल के लिए 1654 के इर्द-गिर्द पॉस्कल और फ़र्मा के बीच हुए पत्र व्यवहार की श्रृंखला में प्रायिकता के विज्ञान की प्रथम नींव रखी गई। पॉस्कल ने समस्या को बीजगणितीय रूप में हल किया जबकि फ़र्मा ने संचय की विधियों का उपयोग किया।

महान हालैंड निवासी वैज्ञानिक ह्यजेन (1629-1695) को पॉस्कल और फ़र्मा के मध्य हुए पत्र व्यवहार के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने प्रायिकता की प्रथम पुस्तक ‘डे रेशियोसिनिस इन लूडो अलाय’ को प्रकाशित किया जिसमें संयोग के खेल में प्रायिकता पर बहुत सारी रोचक लेकिन कठिन समस्याओं के हल प्रस्तुत किए। प्रायिकता सिद्धांत पर अगला महान कार्य जैकब बरनौली (1654-1705) ने एक पुस्तक ‘आर्स कंजेकटेंडी’ के रूप में किया जो उनके मृत्योपरांत उनके भतीजे निकॉलस बरनौली ने 1713 में प्रकाशित की थी। उन्हें एक महत्त्वपूर्ण प्रायिकता बंटन ‘द्विपद बंटन’ की खोज का श्रेय भी जाता है। प्रायिकता पर अगला आकर्षक कार्य ‘अब्राहम डे मोवियर (1667-1754) की पुस्तक ‘द डॉक्ट्रिन ऑफ चांस’ में विद्यमान है जिसे 1718 में प्रकाशित किया गया था। थॉमस बेज़ (1702-1761) ने उनके नाम पर प्रसिद्ध प्रमेय ‘बेज़-प्रमेय’ को व्युत्पन्न करने के लिए सप्रतिबंध प्रायिकता का उपयोग किया। प्रसिद्ध खगोलशास्त्री ‘पियरे साइमन डे लॉपलास (1749-1827) ने भी प्रायिकता सिद्धांत पर कार्य किया और 1812 में एक पुस्तक ‘थियोरी एनॉलिटिक डेस प्रोबेबिलिटिज़’ प्रकाशित की। इसके बाद रूसी गणितज्ञों शेबीशेव (1821-1894), मॉरकोव (1856-1922), ए. लियापोनोव (1821-1918) और ए. एन. कॉल्मोग्रोव (1903-1987) ने प्रायिकता सिद्धांत पर सार्थक योगदान दिया। कॉल्मोग्रोव ने प्रायिकता का समुच्चय फलन के रूप में सूत्रपात किया। जिसे 1933 में प्रकाशित पुस्तक ‘प्रायिकता का आधारभूत सिद्धांत’ में प्रायिकता के अभिगृहितीय दृष्टिकोण के नाम से जाना जाता है।