The moving power of mathematical invention is not reasoning but imagination. - A.DEMORGAN
11.1 भूमिका (Introduction)
कक्षा XI में, वैश्लेषिक ज्यामिति का अध्ययन करते समय द्वि-विमीय और त्रि-विमीय विषयों के परिचय में हमने स्वयं को केवल कार्तीय विधि तक सीमित रखा है। इस पुस्तक के पिछले अध्याय में हमने सदिशों की मूल संकल्पनाओं का अध्ययन किया है। अब हम सदिशों के बीजगणित का त्रि-विमीय ज्यामिति में उपयोग करेंगे। त्रि-विमीय ज्यामिति में इस उपागम का उद्देश्य है कि यह इसके अध्ययन को अत्यंत सरल एवं सुरुचिपूर्ण (सुग्राहय) बना देता है।*
इस अध्याय में हम दो बिंदुओं को मिलाने वाली रेखा के दिक्-कोज्या व दिक्-अनुपात का अध्ययन करेंगे और विभिन्न स्थितियों में अंतरिक्ष में रेखाओं और तलों के समीकरणों, दो रेखाओं, दो तलों व एक रेखा और एक तल के बीच का कोण, दो विषमतलीय रेखाओं के बीच न्यूनतम दूरी व एक तल की एक बिंदु से दूरी के विषय में भी विचार विमर्श करेंगे। उपरोक्त परिणामों में से अधिकांश परिणामों को सदिशों के रूप में प्राप्त करते हैं। तथापि हम
Leonhard Euler (1707-1783) इनका कार्तीय रूप में भी अनुवाद करेंगे जो कालांतर में स्थिति का स्पष्ट ज्यामितीय और विश्लेषणात्मक चित्रण प्रस्तुत कर सकेगा।
11.2 रेखा के दिक्-कोसाइन और दिक्-अनुपात (Direction Cosines and Direction Ratios of a Line)
अध्याय 10 में, स्मरण कीजिए, कि मूल बिंदु से गुजरने वाली सदिश रेखा
यदि हम
आकृति 11.1
ध्यान दीजिए, अंतरिक्ष में दी गई रेखा को दो विपरीत दिशाओं में बढ़ा सकते हैं और इसलिए इसके दिक्-कोसाइन के दो समूह हैं। इसलिए अंतरिक्ष में ज्ञात रेखा के लिए दिक्-कोसाइन के अद्वितीय समूह के लिए, हमें ज्ञात रेखा को एक सदिश रेखा लेना चाहिए। इन अद्वितीय दिक्-कोसाइन को
टिप्पणी अंतरिक्ष में दी गई रेखा यदि मूल बिंदु से नहीं गुजरती है तो इसकी दिक्-कोसाइन को ज्ञात करने के लिए, हम मूल बिंदु से दी गई रेखा के समांतर एक रेखा खींचते हैं। अब मूल बिंदु से इनमें से एक सदिश रेखा के दिक्-अनुपात ज्ञात करते हैं क्योंकि दो समांतर रेखाओं के दिक्-अनुपातों के समूह समान (वही) होते हैं।
एक रेखा के दिक्-कोसाइन के समानुपाती संख्याओं को रेखा के दिक्-अनुपात (direction ratios or
टिप्पणी कुछ लेखक दिक्-अनुपातों को दिक्-संख्याएँ भी कहते हैं।
मान लीजिए एक रेखा के दिक्-अनुपात
इसलिए
परंतु
इसलिए
या
अतः (1) से, रेखा की दिक्-कोसाइन (d.c.’s)
किसी रेखा के लिए यदि रेखा के दिक्-अनुपात क्रमश:
11.2.1 दो बिंदुओं को मिलाने वाली रेखा की दिक्-कोसाइन (Direction cosines of a line passing through two points)
क्योंकि दो दिए बिंदुओं से होकर जाने वाली रेखा अद्वितीय होती है। इसलिए दो दिए गए बिंदुओं
मान लीजिए कि रेखा
मान लीजिए
आकृति 11.2
इसी प्रकार
अतः बिंदुओं
जहाँ
टिप्पणी बिंदुओं
प्रश्नावली 11.1
1. यदि एक रेखा
2. एक रेखा की दिक्-कोसाइन ज्ञात कीजिए जो निर्देशांक्षों के साथ समान कोण बनाती है।
3. यदि एक रेखा के दिक्-अनुपात
4. दर्शाइए कि बिंदु
5. एक त्रिभुज की भुजाओं की दिक्-कोसाइन ज्ञात कीजिए यदि त्रिभुज के शीर्ष बिंदु
11.3 अंतरिक्ष में रेखा का समीकरण (Equation of a Line in Space)
कक्षा XI में द्वि-विमीय तल में रेखाओं का अध्ययन करने के पश्चात् अब हम अंतरिक्ष में एक रेखा के सदिश तथा कार्तीय समीकरणों को ज्ञात करेंगे।
एक रेखा अद्वितीयतः निर्धारित होती है, यदि
(i) यह दिए बिंदु से दी गई दिशा से होकर जाती है, या
(ii) यह दो दिए गए बिंदुओं से होकर जाती है।
11.3.1 दिए गए बिंदु से जाने वाली तथा दिए गए सदिश के समांतर रेखा का समीकरण (Equation of a line through a given point and parallel to a given vector )
समकोणिक निर्देशांक्ष निकाय के मूल बिंदु
तब
परंतु
अर्थात्
आकृति 11.3
विलोमतः प्राचल
टिप्पणी यदि
मान लीजिए कि दिए बिंदु
और
इन मानों को (1) में प्रतिस्थापित करके
ये रेखा के प्राचल समीकरण हैं। (2) से प्राचल
यह रेखा का कार्तीय समीकरण है।
टिप्पणी यदि रेखा की दिक्-कोसाइन
11.4 दो रेखाओं के मध्य कोण (Angle between two lines)
मान लीजिए कि
पुनः
आकृति 11.4
टिप्पणी उस स्थिति में जब रेखाएँ
और
दिक्-अनुपात
(i) लंबवत् है, यदि
(ii) समांतर है, यदि
अब हम दो रेखाओं के बीच का कोण ज्ञात करेंगे जिनके समीकरण दिए गए हैं। यदि उन रेखाओं
तब
कार्तीय रूप में यदि रेखाओं:
और
के बीच का कोण
11.5 दो रेखाओं के मध्य न्यूनतम दूरी (Shortest Distance between two lines)
अंतरिक्ष में यदि दो रेखाएँ परस्पर प्रतिच्छेद करती है तो उनके बीच की न्यूनतम दूरी शून्य है। और अंतरिक्ष में यदि दो रेखाएँ समांतर है तो उनके बीच की न्यूनतम दूरी, उनके बीच लंबवत् दूरी होगी अर्थात् एक रेखा के एक बिंदु से दूसरी रेखा पर खींचा गया लंब।
इसके अतिरिक्त अंतरिक्ष में, ऐसी भी रेखाएँ होती है जो न तो प्रतिच्छेदी और न ही समांतर होती है। वास्तव में ऐसी रेखाओं के युग्म
आकृति 11.5 (skew lines) कहते हैं। उदाहरणतया हम आकृति 11.5 में
रेखा GE छत के विकर्ण के अनुदिश है और रेखा
दो रेखाओं के बीच न्यूनतम दूरी से हमारा अभिप्राय एक ऐसे रेखाखंड से है जो एक रेखा पर स्थित एक बिंदु को दूसरी रेखा पर स्थित अन्य बिंदु को मिलाने से प्राप्त हों ताकि इसकी लंबाई न्यूनतम हो। न्यूनतम दूरी रेखाखंड दोनों विषमतलीय रेखाओं पर लंब होगा।
11.5.1 दो विषमतलीय रेखाओं के बीच की दूरी (Distance between two skew lines)
अब हम रेखाओं के बीच की न्यूनतम दूरी निम्नलिखित विधि से ज्ञात करते हैं। मान लीजिए
आकृति 11.6
रेखा
यदि
तब
जहाँ
परंतु
इसलिए अभीष्ट न्यूनतम दूरी
या
कार्तीय रूप (Cartesian Form)
रेखाओं:
और
के बीच की न्यूनतम दूरी है:
11.5.2 समांतर रेखाओं के बीच की दूरी (Distance between parallel lines)
यदि दो रेखाएँ
हैं, जहाँ
का स्थिति सदिश
क्योंकि
मान लीजिए कि सदिशों
जहाँ रेखाओं
परंतु
इसलिए (3) से हम पाते हैं कि
अर्थात्
इसलिए ज्ञात रेखाओं के बीच न्यूनतम दूरी
प्रश्नावली 11.2
1. दर्शाइए कि दिक्-कोसाइन
2. दर्शाइए कि बिंदुओं
3. दर्शाइए कि बिंदुओं
4. बिंदु
5. बिंदु जिसकी स्थिति सदिश
6. उस रेखा का कार्तीय समीकरण ज्ञात कीजिए जो बिंदु
7. एक रेखा का कार्तीय समीकरण
8. निम्नलिखित रेखा-युग्मों के बीच का कोण ज्ञात कीजिए:
(i)
(ii)
9. निम्नलिखित रेखा-युग्मों के बीच का कोण ज्ञात कीजिए:
(i)
(ii)
10.
11. दिखाइए कि रेखाएँ
12. रेखाओं
13. रेखाओं
14. रेखाएँ, जिनके सदिश समीकरण निम्नलिखित है, के बीच की न्यूनतम दूरी ज्ञात कीजिए:
15. रेखाएँ, जिनकी सदिश समीकरण निम्नलिखित हैं, के बीच की न्यूनतम ज्ञात कीजिए:
अध्याय 11 पर विविध प्रश्नावली
1. उन रेखाओं के मध्य कोण ज्ञात कीजिए, जिनके दिक्-अनुपात
2.
3. यदि रेखाएँ
4. रेखाओं
5. बिंदु
सारांश
-
एक रेखा की दिक्-कोसाइन रेखा द्वारा निर्देशांक्षों की धन दिशा के साथ बनाए कोणों की कोसाइन होती है।
-
यदि एक रेखा की दिक्-कोसाइन
हैं तो -
दो बिंदुओं
और को मिलाने वाली रेखा की दिक्-कोसाइन हैं
जहाँ
-
एक रेखा का दिक्-अनुपात वे संख्याएँ हैं जो रेखा की दिक्-कोसाइन के समानुपाती होती हैं।
-
यदि एक रेखा की दिक्-कोसाइन
और दिक्-अनुपात हैं तो
-
विषमतलीय रेखाएँ अंतरिक्ष की वे रेखाएँ जो न तो समांतर हैं और न ही प्रतिच्छेदी हैं। यह रेखाएँ विभिन्न तलों में होती हैं।
-
विषमतलीय रेखाओं के बीच का कोण वह कोण है जो एक किसी बिंदु (वरीयता मूल बिंदु की) से विषमतलीय रेखाओं में से प्रत्येक के समांतर खींची गई दो प्रतिच्छेदी रेखाओं के बीच में है।
-
यदि
और दिक्-कोसाइन वाली दो रेखाओं के बीच न्यूनकोण है तब
- यदि
और दिक्-अनुपातों वाली दो रेखाओं के बीच का न्यून कोण है तब
-
एक ज्ञात बिंदु जिसकी स्थिति सदिश
है से गुज़रने वाली और सदिश के समांतर रेखा का सदिश समीकरण है। -
बिंदु
से जाने वाली रेखा जिसकी दिक्-कोसाइन हैं, का समीकरण है। -
दो बिंदुओं जिनके स्थिति सदिश
और है से जाने वाली रेखा के समीकरण का सदिश समीकरण है। -
यदि दो रेखाओं
और , के बीच का न्यूनकोण है तो -
यदि दो रेखाओं
और के बीच का कोण है तब . -
दो विषमतलीय रेखाओं के बीच की न्यूनतम दूरी वह रेखाखंड है जो दोनों रेखाओं पर लंब हैं।
दो रेखाओं
- दो रेखाओं
और के बीच न्यूनतम दूरी
- दो समांतर रेखाओं
और के बीच की दूरी