Every body of discovery is mathematical in form because there is no other guidance we can have - DARWIN

6.1 भूमिक (Introduction)

मान लीजिए कि आपके पास नंबर वाले ताले का एक सूटकेस है। माना उस ताले में 4 चक्र लगे हैं और प्रत्येक चक्र 0 से 9 तक के 10 अंकों द्वारा चिह्नित है। ताले को खोला जा सकता है यदि 4 विशिष्ट अंको को, बिना दोहराए, एक निश्चित क्रम में व्यवस्थित किया जाए। माना किसी कारण आप अंकों के इस निश्चित क्रम को भूल गए हैं। आपकों केवल पहला अंक याद है जो कि 7 है। ताले को खोलने के लिए, आपको 3 अंकों के कितने अनुक्रमों की जाँच करनी पड़ेगी? इस प्रश्न के उत्तर के लिए, आप संभवतः शेष 9 अंकों में से एक समय में 3 अंकों को लेकर, सभी संभव क्रमों को अविलंब सूचीबद्ध करना प्रारंभ कर दें। परंतु यह विधि थकाने वाली और नीरस होगी, क्योंकि संभव

Jacob Bernoulli (1654-1705 A.D.) क्रमों की संख्या बड़ी हो सकती है। इस अध्याय में, हम कुछ ऐसी मौलिक गणन तकनीक सीखेंगे जिनसे हम, 3 अंकों के क्रमों को सूचीबद्ध किए बिना ही, इस प्रश्न का उत्तर दे सकेंगे। वस्तुतः ये तकनीक, वस्तुओं के चयन तथा उनको क्रमबद्ध करने के भिन्न-भिन्न तरीकों की संख्या निर्धारित करने में उपयोगी होती हैं। प्रथम चरण में, हम उस सिद्धांत पर विचार करेंगे, जो कि इन तकनीकों को सीखनें के लिए अत्यधिक मौलिक है।

6.2 गणना का आधारभूत सिद्धांत (Fundamental Principle of Counting)

आइए हम निम्नलिखित समस्या पर विचार करें: मोहन के पास $\mathrm{P} _{1}, \mathrm{P} _{2}, \mathrm{P} _{3}$ तीन पैंट तथा $\mathrm{S} _{1}, \mathrm{~S} _{2}$ दो कमीज़ें है।

उसके पास पहनने के लिए पैंट तथा कमीज़ के कितने भिन्न-भिन्न जोड़े (युग्म) हैं? एक पैंट

चुनने के लिए 3 तरीके हैं, क्योंकि चयन के लिए 3 पैंट उपलब्ध हैं। इसी प्रकार एक कमीज़ का चयन 2 तरह से किया जा सकता है। पैंट के प्रत्येक चयन के लिए कमीज़ के चयन के 2 विकल्प संभव हैं। अतः पैंट तथा कमीज़ के जोड़ों के चयन की संख्या $3 \times 2=6$ है। इस तथ्य को आकृति 6.1 में स्पष्ट किया गया है।

आइए हम इसी प्रकार की एक दूसरी समस्या पर विचार करें:

शबनम के पास 2 बस्ते, 3 खाने के डिब्बे तथा 2 पानी की बोतलें हैं। वह इन वस्तुओं को किस प्रकार से ले जा सकती है (प्रत्येक में से एक

आकृति 6.1 चुन कर)।

एक बस्ते को 2 भिन्न तरीकों से चुना जा सकता है। एक बस्ते के चुने जाने के बाद, एक खाने के डिब्बे को चुनने के 3 भिन्न तरीके हैं। इस प्रकार बस्ते और खाने के डिब्बे के जोड़ों की संख्या $2 \times 3=6$ है। इनमें से प्रत्येक जोड़े के लिए, एक पानी की बोतल को चुनने के 2 भिन्न तरीके हैं। अतः शबनम द्वारा इन वस्तुओं को स्कूल ले जाने के कुल $6 \times 2=12$ भिन्न तरीके हैं। यदि हम दो बस्तों को $\mathrm{B} _{1}, \mathrm{~B} _{2}$, तीन खाने के डिब्बों को $\mathrm{T} _{1}, \mathrm{~T} _{2}, \mathrm{~T} _{3}$ तथा दो पानी की बोतलों को $\mathrm{W} _{1}, \mathrm{~W} _{2}$, नाम दें, तो इन संभावनाओं को नीचे बनी आकृति द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है (आकृति 6.2.)।

12 संभावनाएँ

वस्तुतः उपर्युक्त प्रकार की समस्याओं को निम्नलिखित सिद्धांत के प्रयोग द्वारा सरल किया जाता है, जिसे गणना का आधारभूत सिद्धांत अथवा केवल गणन सिद्धांत कहते हैं और जिसका कथन इस प्रकार है,

“यदि एक घटना $m$ भिन्न तरीकों से घटित हो सकती है, तदोपरांत एक अन्य घटना $n$ भिन्न तरीकों से घटित हो सकती है, तो दिए हुए क्रम में दोनों घटनाओं के भिन्न तरीकों के घटित होने की कुल भिन्न संख्या $m \times n$ है।"

ऊपर वर्णित सिद्धांत का घटनाओं की सीमित संख्या के लिए व्यापकीकरण किया जा सकता है। उदाहरणार्थ, 3 घटनाओं के लिए, यह सिद्धांत निम्नलिखित प्रकार से होगा:

‘यदि एक घटना $m$ भिन्न तरीकों से घटित हो सकती है, इसके उपरांत एक दूसरी घटना $n$ भिन्न तरीकों से घटित हो सकती है, तदोपरांत एक तीसरी घटना $p$ भिन्न तरीकों से घटित हो सकती है, तो तीनों घटनाओं के घटित होने के भिन्न तरीकों की कुल संख्या, दिए हुए क्रम में, $m \times n \times p$ है।"

प्रथम प्रश्न में, पैंट तथा कमीज़ के जोड़ों को पहनने की अभीष्ट संख्या, निम्नलिखित घटनाओं के उत्तरोत्तर घटित होने के विभिन्न विन्यासों की संख्या के तुल्य है:

(i) एक पैंट के चयन की घटना

(ii) एक कमीज़ के चयन की घटना

दूसरे प्रश्न में विन्यासों की अभीष्ट संख्या, निम्नलिखित घटनाओं के उत्तरोत्तर घटित होने के विभिन्न विन्यासों की संख्या के बराबर है:

(i) एक बस्ते के चयन की घटना,

(ii) एक खाने के डिब्बे के चयन की घटना,

(iii) एक पानी की बोतल के चयन की घटना।

यहाँ दोनों में से प्रत्येक प्रश्न में घटनाएँ अनेक संभव क्रमों में घटित हो सकती हैं परंतु हम इन संभव क्रमों में से किसी एक का चयन करते हैं और इस चयनित क्रम में घटनाओं के घटित होने के विभिन्न विन्यासों की गणना करते हैं।

टिप्पणी यदि अक्षरों की पुनरावृत्ति की अनुमति होती, तो कितने शब्द बन सकते हैं? यह बात सरलता से समझी जा सकती है कि 4 रिक्त स्थानों में से प्रत्येक उत्तरोत्तर 4 विभिन्न तरीकों से भरा जा सकता है। अत: शब्दों की अभीष्ट संख्या $=4 \times 4 \times 4 \times 4=256$.

प्रश्नावली 6.1

1. अंक $1,2,3,4$ और 5 से कितनी 3 अंकीय संख्याएँ बनाई जा सकती हैं, यदि

(i) अंकों की पुनरावृत्ति की अनुमति हो ?

(ii) अंकों की पुनरावृत्ति की अनुमति नहीं हो ?

2. अंक $1,2,3,4,5,6$ से कितनी 3 अंकीय सम संख्याएँ बनाई जा सकती हैं, यदि अंकों की पुनरावृत्ति की जा सकती है ?

3. अंग्रेज़ी वर्णमाला के प्रथम 10 अक्षरों से कितने 4 अक्षर के कोड बनाए जा सकते हैं, यदि किसी भी अक्षर की पुनरावृत्ति नहीं की जा सकती है?

4. 0 से 9 तक के अंकों का प्रयोग करके कितने 5 अंकीय टेलीफोन नंबर बनाए जा सकते हैं, यदि प्रत्येक नंबर 67 से प्रारंभ होता है और कोई अंक एक बार से अधिक नहीं आता है?

5. एक सिक्का तीन बार उछाला जाता है और परिणाम अंकित कर लिए जाते हैं। परिणामों की संभव संख्या क्या है?

6. भिन्न-भिन्न रंगों के 5 झंडे दिए हुए हैं। इनसे कितने विभिन्न संकेत बनाए जा सकते हैं, यदि प्रत्येक संकेत में 2 झंडों, एक के नीचे दूसरे, के प्रयोग की आवश्यकता पड़ती है?

6.3 क्रमचय (Permutations)

पिछले अनुच्छेद के उदाहरण 1 में, हम वास्तव में अक्षरों के विभिन्न विन्यासों, जैसे ROSE, REOS, …, इत्यादि, की संभव संख्या की गणना करते हैं। इस सूची में प्रत्येक विन्यास दूसरे से भिन्न हैं। दूसरे शब्दों में अक्षरों के लिखने का क्रम महत्वपूर्ण है इनमें से प्रत्येक विन्यास, 4 विभिन्न अक्षरों में से एक समय में सभी को साथ लेकर बनाया गया, क्रमचय कहलाता है अब यदि हमें शब्द NUMBER, के अक्षरों में से 3 अक्षरीय, अर्थपूर्ण या अर्थहीन रचित शब्दों की संख्या निर्धारित करनी है, जबकि

अक्षरों की पुनरावृत्ति की अनुमति नहीं हो, तो हमें NUM, NMU,MUN,NUB, …इत्यादि विन्यासों की गणना की आवश्यकता है। यहाँ पर हम 6 विभिन्न अक्षरों में से एक समय में 3 अक्षरों को लेकर बनने वाले क्रमचयों की गणना कर रहे हैं। इस प्रकार के शब्दों की अभीष्ट संख्या $=6 \times 5 \times 4=$ 120 (गुणन सिद्धांत के प्रयोग द्वारा) हैं।

यदि अक्षरों की पुनरावृत्ति की अनुमति होती, तो शब्दों की अभीष्ट संख्या $6 \times 6 \times 6=216$ होगी।

परिभाषा 1 क्रमचय एक निश्चित क्रम में बना विन्यास है, जिसको दी हुई वस्तुओं में से एक समय में कुछ या सभी को लेकर बनाया गया है।

नीचे दिए उप-अनुच्छेद में हम उस सूत्र को निर्धारित करेंगे जिसकी आवश्यकता इस प्रकार के प्रश्नों के उत्तर देने के लिए पड़ती है।

6.3.1 क्रमचय, जब सभी वस्तुएँ भिन्न-भिन्न हैं (Permutations when all the objects are distinct)

प्रमेय $1 n$ विभिन्न वस्तुओं में से एक समय में $r$ वस्तुओं को लेकर बनाए गए क्रमचयों की संख्या को प्रतीक ${ }^{n} \mathrm{P} _{r}$ से निरूपित करते हैं, जहाँ $0<r \leq n$ तथा किसी भी क्रमचय में वस्तुओं की पुनरावृत्ति की अनुमति नहीं है, ${ }^{n} \mathrm{P} _{r}=n(n-1)(n-2) \ldots(n-r+1)$

उपपत्ति क्रमचयों की संख्या, $r$ रिक्त स्थानों को $\square \square \square \ldots \square$ उत्तरोत्तर

$$ \leftarrow r \text { रिक्त स्थान } \rightarrow $$

$n$ वस्तुओं से भरने के तरीकों की संख्या के बराबर है। पहला स्थान $n$ तरीकों से भरा जा सकता है। इसके बाद दूसरा स्थान $(n-1)$ तरीकों से भरा जा सकता है। इसके उपरांत तीसरा स्थान $[n-2)$ तरीकों से भरा जा सकता है …….. और $r$ वाँ स्थान $(n-(r-1)]$ तरीकों से भरा जा सकता

है। अतः $r$ रिक्त स्थानों को उत्तरोत्तर भरने के तरीकों की संख्या $=n(n-1)(n-2) \ldots$ $(n-(r-1))$ या $n(n-1)(n-2) \ldots(n-r+1)$

${ }^{n} \mathrm{P}_{r}$ के लिए यह एक बोझिल व्यंजक है और हमें एक ऐसे संकेतन की आवश्यकता है, जिसकी सहायता से इस व्यंजक के विस्तार को घटाया जा सके। प्रतीक $n$ ! (जिसे $n$ क्रमगुणित पढ़ते हैं) इसमें हमारी सहायता करता है। निम्नलिखित विवरण में हम सीखेंगे कि वास्तव में $n$ ! का क्या अर्थ है?

6.3.2 क्रमगुणित संकेतन (Factorial notation)

संकेतन $n$ ! प्रथम $n$ प्राकृत संख्याओं के गुणनफल को व्यक्त करता है अर्थात् $1 \times 2 \times 3 \times \ldots \times(n-1) \times n$ को $n$ ! द्वारा निरूपित किया जाता है। हम इस प्रतीक को ’ $n$ क्रमगुणित पढ़ते हैं। इस प्रकार $1 \times 2 \times 3 \times 4 \ldots \times(n-1) \times n$ $=n$ ! तदनुसार

$$ 1=1 ! $$

$$ \begin{aligned} & 1 \times 2=2 ! \\ & 1 \times 2 \times 3=3 ! \\ & 1 \times 2 \times 3 \times 4=4 \text { ! इत्यादि } \end{aligned} $$

हम परिभाषित करते हैं, कि $0 !=1$

इस प्रकार हम लिख सकते हैं, कि $5 !=5 \times 4 !=5 \times 4 \times 3 !=5 \times 4 \times 3 \times 2$ !

$$ =5 \times 4 \times 3 \times 2 \times 1 \text { ! } $$

स्पष्टतया सभी प्राकृत संख्या $n$ के लिए

$$ \begin{array}{rlrl} n ! & =n(n-1) ! & \\ & =n(n-1)(n-2) ! & & \text { [ यदि } n \geq 2] \\ & =n(n-1)(n-2)(n-3) ! & & \text { [ यदि } n \geq 3] \end{array} $$

इत्यादि

प्रश्नावाली 6.2

1. मान निकालिए: (i) 8 ! (ii) $4 !-3$ !

2. क्या $3 !+4 !=7 !$ ?

3. $\frac{8 !}{6 ! \times 2 !}$ का परिकलन कीजिए

4 यदि $\frac{1}{6 !}+\frac{1}{7 !}=\frac{x}{8 !}$, तो $x$ का मान ज्ञात कीजिए।

5. $\frac{n !}{(n-r) !}$, का मान निकालिए जब (i) $n=6, r=2$ (ii) $n=9, r=5$.

6.3.3 ${ }^{n} P_{r}$ के लिए सूत्र की व्युत्पत्ति (Derivation of the formula for ${ }^{n} P_{r}$ )

$$ { }^{n} \mathrm{P}_{r}=\frac{n !}{(n-r) !}, 0 \leq r \leq n $$

आइए हम उस अवस्था पर वापस चलें जहाँ हमने निम्नलिखित ज्ञात किया था:

$$ { }^{n} \mathrm{P}_{r}=n(n-1)(n-2) \ldots(n-r+1) $$

इसके अंश और हर को $(n-r)(n-r-1) \ldots 3 \times 2 \times 1$, से गुणा करने पर, हमें प्राप्त होता है कि

$$ { }^{n} P_{r}=\frac{n(n-1)(n-2) \ldots(n-r+1)(n-r)(n-r-1) \ldots 3 \times 2 \times 1}{(n-r)(n-r-1) \ldots 3 \times 2 \times 1}=\frac{n !}{(n-r) !}, $$

इस प्रकार ${ }^{n} \mathrm{P}_{r}=\frac{n !}{(n-r) !}$, जहाँ $0<r \leq n$

यह ${ }^{n} \mathrm{P}_{r}$ पहले से अधिक सुविधाजनक व्यंजक है।

विशेष रूप से जब $r=n$, तो ${ }^{n} \mathrm{P}_{n}=\frac{n !}{0 !}=n$ !

क्रमचयों की गणना, केवल उन तरीकों की गणना है, जिनमें एक समय में कुछ या सभी वस्तुओं का विन्यास किया गया हो। एक भी वस्तु के बिना विन्यास की संख्या बराबर है उस संख्या के जिसमें सभी वस्तुओं को छोड़कर विन्यास किया गया हो और हमें ज्ञात है कि ऐसा करने का केवल एक तरीका है। इसी कारण से हमने ${ }^{n} \mathrm{P}_{0}=1$ परिभाषित किया है।

$$ \begin{equation*} { }^{n} \mathrm{P}_{0}=1=\frac{n !}{n !}=\frac{n !}{(n-0) !} \tag{1} \end{equation*} $$

अतः सूत्र (1), $r=0$ के लिए भी लागू है।

अत: $\quad{ }^{n} \mathrm{P}_{r}=\frac{n !}{(n-r) !}, 0 \leq r \leq n$.

प्रमेय $2 n$ विभिन्न वस्तुओं में से एक समय में $r$ वस्तुओं को लेकर बने क्रमचयों की संख्या, जबकि वस्तुओं के पुनरावृत्ति की अनुमति हो, $n^{r}$ होती है।

इसकी उपपत्ति पिछले प्रमेय की उपपत्ति के समान है, अतः इसको पाठक के लिए छोड़ दिया गया है।

अब हम ${ }^{n} \mathrm{P}$ के सूत्र की उपयोगिता को स्पष्ट करने के लिए पिछले अनुच्छेद के कुछ प्रश्नों को इस सूत्र के प्रयोग द्वारा सरल कर रहे हैं।

उदाहरण 1 में शब्दों की अभीष्ट संख्या $={ }^{4} \mathrm{P}_{4}=4$ ! = 24 जब पुनरावृत्ति की अनुमति नहीं हैं। यदि पुनरावृत्ति की अनुमति हो, तो शब्दों की अभीष्ट संख्या $4^{4}=256$ होगी।

NUMBER शब्द के अक्षरों में से 3 अक्षरों वाले चयनित शब्दों की संख्या $={ }^{6} \mathrm{P}_{3}=\frac{6 !}{3 !}=$ $4 \times 5 \times 6=120$, यहाँ इस प्रश्न में भी पुनरावृत्ति की अनुमति नहीं है। यदि पुनरावृत्ति की अनुमति हो, तो शब्दों की अभीष्ट संख्या $6^{3}=216$ होगी।

12 व्यक्तियों के एक समुदाय से एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष के चयन के तरीकों की संख्या, यह मानकर कि एक व्यक्ति एक से अधिक पद पर नहीं रह सकता है, स्पष्टतया

$$ { }^{12} \mathrm{P}_{2}=\frac{12 !}{10 !}=11 \times 12=132 $$

6.3.4 क्रमचय, जब सभी वस्तुएँ भिन्न-भिन्न नहीं हैं (Permutations when all the objects are not distinct objects)

मान लीजिए कि हमें शब्द ROOT के अक्षरों के पुनर्विन्यास के तरीकों की संख्या ज्ञात करनी है। इस दशा में, सभी अक्षर भिन्न-भिन्न नहीं है। यहाँ $2 \mathrm{O}$ हैं जो समान प्रकार के अक्षर हैं। हम इन दोनों $\mathrm{O}$ को अस्थाई रूप से भिन्न-भिन्न मान लेते हैं जैसे $\mathrm{O} _{1}$ और $\mathrm{O} _{2}$. अब इस दशा में 4 विभिन्न अक्षरों में से एक समय में सभी को लेकर बनने वाले क्रमचयों की संख्या 4 ! है। इन क्रमचयों में से एक क्रमचय $\mathrm{RO} _{1} \mathrm{O} _{2} \mathrm{~T}$ पर विचार कीजिए। इसके संगत, यहाँ पर 2 ! क्रमचय $\mathrm{RO} _{1} \mathrm{O} _{2} \mathrm{~T}$ तथा $\mathrm{RO} _{2} \mathrm{O} _{1} \mathrm{~T}$ ऐसे हैं जो कि समान क्रमचय होते यदि $\mathrm{O} _{1}$ तथा $\mathrm{O} _{2}$ को भिन्न-भिन्न नहीं माना गया होता अर्थात् यदि $\mathrm{O} _{1}$ तथा $\mathrm{O} _{2}$ दोनों क्रमचय में $\mathrm{O}$ होते। अतएव, क्रमचयों की अभीष्ट संख्या$=\frac{4 !}{2 !}=3 \times 4=12$

इस बात को नीचे स्पष्ट किया गया है: क्रमचय जब $\mathrm{O} _{1}, \mathrm{O} _{2}$ भिन्न-भिन्न हैं। क्रमचय जब $\mathrm{O} _{1}, \mathrm{O} _{2}$ दोनों $\mathrm{O}$ के समान हैं

$\left.\begin{array}{l}\mathrm{RO} _{1} \mathrm{TO} _{2} \\ \mathrm{RO} _{2} \mathrm{TO} _{1}\end{array}\right] \longrightarrow \mathrm{ROTO}$

$\left.\begin{array}{c}\mathrm{TO} _{1} \mathrm{RO} _{2} \\ \mathrm{TO} _{2} \mathrm{RO} _{1}\end{array}\right] \longrightarrow \mathrm{TORO}$

$\left.\begin{array}{l}\mathrm{RTO} _{1} \mathrm{O} _{2} \\ \mathrm{RTO} _{2} \mathrm{O} _{1}\end{array}\right] \longrightarrow \mathrm{RTOO}$

$\left.\begin{array}{c}\mathrm{TRO} _{1} \mathrm{O} _{2} \\ \mathrm{TRO} _{2} \mathrm{O} _{1}\end{array}\right] \longrightarrow \mathrm{TROO}$

$\left.\begin{array}{llll}\mathrm{O} _{1} & \mathrm{O} _{2} & \mathrm{R} & \mathrm{T} \\ \mathrm{O} _{2} & \mathrm{O} _{1} & \text { T R }\end{array}\right]$

$\left.\begin{array}{l}\mathrm{O}{1} \mathrm{RO}{2} \mathrm{~T} \\ \mathrm{O}{2} \mathrm{R} \mathrm{O}{1} \mathrm{~T}\end{array}\right]$

$\mathrm{O} _{1} \mathrm{~T} \mathrm{O} _{2} \mathrm{R}$

$\left.\mathrm{O} _{2} \mathrm{~T} \mathrm{O} _{1} \mathrm{R}\right]$

$\mathrm{O} _{1} \mathrm{R} \mathrm{T} \mathrm{O} _{2}$

$\left.\mathrm{O} _{2} \mathrm{R} \mathrm{T} \mathrm{O} _{1}\right]$

$\mathrm{O} _{1} \mathrm{TR} \mathrm{O} _{2}$

$\left.\mathrm{O}{2} \mathrm{TR} \mathrm{O}{1}\right]$

$\left.\begin{array}{lll}\mathrm{O}{1} & \mathrm{O}{2} \mathrm{TR} \ \mathrm{O}{2} & \mathrm{O}{1} & \mathrm{TR}\end{array}\right]$

आइए अब हम शब्द INSTITUTE के अक्षरों के पुनर्विन्यास के तरीकों की संख्या ज्ञात करें। इस दशा में 9 अक्षर हैं, जिनमें $\mathrm{I}$ दो बार तथा $\mathrm{T}$ तीन बार आता है।

अस्थाई रूप से, हम इन समान अक्षरों को भिन्न-भिन्न मान लेते हैं जैसे $\mathrm{I} _{1}, \mathrm{I} _{2}, \mathrm{~T} _{1}, \mathrm{~T} _{2}, \mathrm{~T} _{3}$. 9 विभिन्न अक्षरों में से एक समय में सभी को लेने से बने क्रमचयों की संख्या 9 ! है। इनमें से एक क्रमचय माना कि $\mathrm{I} _{1} \mathrm{NT} _{1} \mathrm{SI} _{2} \mathrm{~T} _{2} \mathrm{UET} _{3}$ पर विचार कीजिए। यदि $\mathrm{I} _{1}, \mathrm{I} _{2}$ समान नहीं हों और $\mathrm{T} _{1}$, $\mathrm{T} _{2}, \mathrm{~T} _{3}$ एक जैसे न हों तो $\mathrm{I} _{1}, \mathrm{I} _{2}$ का 2 ! तरीकों से तथा $\mathrm{T} _{1}, \mathrm{~T} _{2}, \mathrm{~T} _{3}$ का 3 ! तरीकों से विन्यास किया जा सकता है। यदि $\mathrm{I} _{1}, \mathrm{I} _{2}$ समान हों तथा $\mathrm{T} _{1}, \mathrm{~T} _{2}, \mathrm{~T} _{3}$ समान हो, तो $2 ! \times 3$ ! क्रमचय समान होगें। इस प्रकार पूछे गए विभिन्न क्रमचयों की कुल संख्या $\frac{9 !}{2 ! 3 !}$ है। हम निम्नलिखित प्रमेय का कथन (बिना उपपत्ति) व्यक्त कर सकते हैं।

प्रमेय $3 n$ वस्तुओं के क्रमचयों की संख्या, जहाँ $p$ वस्तुएँ समान प्रकार की और शेष भिन्न प्रकार की हैं $=\frac{n !}{p !}$.

वस्तुतः इस संबंध में एक अधिक व्यापक प्रमेय है जो नीचे वर्णित है:

प्रमेय $4 n$ वस्तुओं के क्रमचयों की संख्या $\frac{n !}{p_{1} ! p_{2} ! \ldots p_{k} !}$ है।, जहाँ $p_{1}$ वस्तुएँ एक प्रकार की, $p_{2}$ वस्तुएँ दूसरे प्रकार की $, \ldots, p_{k}$ वस्तुएँ $k$ वाँ प्रकार की और शेष (यदि कोई है) विभिन्न प्रकार की हैं।

प्रश्नावली 6.3

1. 1 से 9 तक के अंकों को प्रयोग करके कितने 3 अंकीय संख्याएँ बन सकती हैं, यदि किसी भी अंक को दोहराया नहीं गया है?

2. किसी भी अंक को दोहराए बिना कितनी 4 अंकीय संख्याएँ होती हैं?

3. अंक $1,2,3,4,6,7$ को प्रयुक्त करने से कितनी 3 अंकीय सम संख्याएँ बनाई जा सकती हैं, यदि कोई भी अंक दोहराया नहीं गया है?

4. अंक $1,2,3,4,5$ के उपयोग द्वारा कितनी 4 अंकीय संख्याएँ बनाई जा सकती है, यदि कोई भी अंक दोहराया नहीं गया है? इनमें से कितनी सम संख्याएँ होंगीं?

5. 8 व्यक्तियों की समिति में, हम कितने प्रकार से एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष चुन सकते हैं, यह मानते हुए कि एक व्यक्ति एक से अधिक पद पर नहीं रह सकता है?

6. यदि ${ }^{n-1} \mathrm{P} _{3}:{ }^{n} \mathrm{P} _{4}=1: 9$ तो $n$ ज्ञात कीजिए।

7. $r$ ज्ञात कीजिए, यदि (i) ${ }^{5} \mathrm{P} _{r}=2{ }^{6} \mathrm{P} _{r-1}$

(ii) ${ }^{5} \mathrm{P} _{r}={ }^{6} \mathrm{P} _{r-1}$.

8. EQUATION शब्द के अक्षरों में से प्रत्येक को तथ्यतः केवल एक बार उपयोग करके कितने अर्थपूर्ण या अर्थहीन, शब्द बन सकते हैं?

9. MONDAY शब्द के अक्षरों से कितने, अर्थपूर्ण या अर्थहीन, शब्द बन सकते हैं, यह मानते हुए कि किसी भी अक्षर की पुनरावृत्ति नहीं की जाती है, यदि (i) एक समय में 4 अक्षर लिए जाते हैं? (ii) एक समय में सभी अक्षर लिए जाते हैं?

(iii) सभी अक्षरों का प्रयोग किया जाता है, किंतु प्रथम अक्षर एक स्वर है?

10. MISSISSIPPI शब्द के अक्षरों से बने भिन्न-भिन्न क्रमचयों में से कितनों में चारों I एक साथ नहीं आते हैं ?

11. PERMUTATIONS शब्द के अक्षरों को कितने तरीकों से व्यवस्थित किया जा सकता है, यदि

(i) चयनित शब्द का प्रारंभ $\mathrm{P}$ से तथा अंत $\mathrm{S}$ से होता है।

(ii) चयनित शब्द में सभी स्वर एक साथ हैं?

(iii) चयनित शब्द में $\mathrm{P}$ तथा $\mathrm{S}$ के मध्य सदैव 4 अक्षर हों ?

6.4 संचय (Combinations)

मान लीजिए कि 3 लॉन टेनिस खिलाड़ियों $\mathrm{X}, \mathrm{Y}, \mathrm{Z}$ का एक समूह है। 2 खिलाड़ियों की एक टीम बनानी है। इसको हम कितने प्रकार से कर सकते हैं? क्या $\mathrm{X}$ और $\mathrm{Y}$ की टीम, $\mathrm{Y}$ तथा $\mathrm{X}$ की टीम से भिन्न है ? यहाँ पर खिलाड़ियों का क्रम महत्त्वपूर्ण नहीं है। वास्तव में टीम बनाने के केवल तीन ही संभव तरीके हैं। यह $\mathrm{XY}, \mathrm{YZ}$ तथा $\mathrm{ZX}$ हैं (आकृति 6.3)।

आकृति 6.3

यहाँ पर, प्रत्येक चयन, 3 विभिन्न वस्तुओं में से एक समय में 2 को लेकर बना हुआ, संचय कहलाता है।

किसी संचय में चयनित वस्तुओं का क्रम महत्वपूर्ण नहीं है। अब कुछ और उदाहरणों पर विचार करते हैं।

बारह व्यक्ति एक कमरे में मिलते हैं और प्रत्येक व्यक्ति अन्य सभी व्यक्तियों से हाथ मिलाता है। ‘हाथ मिलाने’ की कुल संख्या का निर्धरण हम किस प्रकार करते हैं। $\mathrm{X}$ का $\mathrm{Y}$ से हाथ मिलाना तथा $Y$ का $X$ से हाथ मिलाना दो भिन्न हाथ मिलाना नहीं हैं। यहाँ क्रम महत्वपूर्ण नहीं है। ‘हाथ मिलाने’ की कुल संख्या उतनी ही है, जितनी 12 विभिन्न वस्तुओं में से एक समय में 2 वस्तुओं को लेकर बनने वाले संचयों की संख्या है।

सात बिंदु एक वृत्त पर स्थित हैं। इन बिंदुओं में से किन्हीं भी दो को मिलाकर कितनी जीवाएँ खींची जा सकती हैं। यहाँ जीवाओं की कुल संख्या उतनी ही है, जितनी 7 विभिन्न वस्तुओं में से एक समय में 2 वस्तुओं को लेकर बनने वाले संचयों की संख्या है।

अब हम $n$ विभिन्न वस्तुओं में से एक समय में $r$ वस्तुओं को लेकर बनने वाले संचयों की संख्या, जिसे प्रतीक ${ }^{n} \mathrm{C}_{r}$ से प्रकट करते हैं, ज्ञात करने के लिए सूत्र प्राप्त करते हैं।

मान लीजिए कि हमारे पास 4 भिन्न-भिन्न वस्तुएँ $\mathrm{A}, \mathrm{B}, \mathrm{C}$ और $\mathrm{D}$ हैं। इनमें से एक समय में 2 वस्तुओं को लेकर यदि इसे संचय बनाना चाहें, तो ये संचय $\mathrm{AB}, \mathrm{AC}, \mathrm{AD}, \mathrm{BC}, \mathrm{BD}, \mathrm{CD}$ हैं। यहाँ पर $\mathrm{AB}$ तथा $\mathrm{BA}$ एक ही संचय है, क्योंकि वस्तुओं का क्रम संचय को परिवर्तित नहीं करता है। इसी कारण से हमने BA, CA, DA, CB, DB तथा DC को इस सूची में सम्मिलित नहीं किया है। इस प्रकार 4 विभिन्न वस्तुओं में से एक समय में 2 वस्तुओं को लेकर बनने वाले संचयों की संख्या 6 है, अर्थात् ${ }^{4} \mathrm{C} _{2}=6$.

इस सूची के प्रत्येक संचय के संगत, हमें 2 ! क्रमचय मिल सकते हैं, क्योंकि प्रत्येक संचय की 2 वस्तुओं को 2 ! तरीकों से पुनर्व्यवस्थित किया जा सकता है। इसलिए, क्रमचयों की संख्या $={ }^{4} \mathrm{C} _{2} \times 2$ !, दूसरी तरफ 4 विभिन्न वस्तुओं में से एक समय में 2 वस्तुओं को लेकर बनने वाले क्रमचयों की संख्या $={ }^{4} \mathrm{P} _{2}$.

$$ \text { अतएव }{ }^{4} \mathbf{P} _{2}={ }^{4} \mathbf{C} _{2} \times 2 ! \text { या } \frac{4 !}{(4-2) ! 2 !}={ }^{4} \mathrm{C} _{2} $$

अब, मान लीजिए कि हमारे पास 5 विभिन्न वस्तुएँ $\mathrm{A}, \mathrm{B}, \mathrm{C}, \mathrm{D}, \mathrm{E}$ हैं। इनमें से एक समय में 3 वस्तुओं को लेकर, यदि हम संचय बनाते हैं, तो ये $\mathrm{ABC}, \mathrm{ABD}, \mathrm{ABE}, \mathrm{BCD}, \mathrm{BCE}, \mathrm{CDE}$, $\mathrm{ACE}, \mathrm{ACD}, \mathrm{ADE}, \mathrm{BDE}$ इन ${ }^{5} \mathrm{C} _{3}$ संचयों में से प्रत्येक के संगत 3 ! क्रमचय हैं, क्योंकि प्रत्येक संचय की तीन वस्तुओं को 3 ! तरीकों से पुनर्व्यवस्थित किया जा सकता है। इसलिए क्रमचयों की कुल संख्या $={ }^{5} \mathrm{C} _{3} \times 3$ !

अत: $\quad{ }^{5} \mathbf{P} _{3}={ }^{5} \mathbf{C} _{3} \times 3$ ! या $\frac{5 !}{(5-3) ! 3 !}={ }^{5} \mathrm{C} _{3}$

ये उदाहरण, क्रमचय तथा संचय के बीच संबंध दर्शाने वाली, निम्नलिखित प्रमेय की ओर संकेत करते हैं:

प्रमेय $5{ }^{n} \mathrm{P} _{r}={ }^{n} \mathrm{C} _{r} \quad r !, 0<r \leq n$.

उपपत्ति ${ }^{n} \mathrm{C} _{r}$ संचयों में से प्रत्येक के संगत $r$ ! क्रमचय हैं, क्योंकि प्रत्येक संचय के $r$ वस्तुओं को $r$ ! तरीकों से पुनर्व्यवस्थित किया जा सकता है।

अतः $n$ विभिन्न वस्तुओं में से, एक समय में $r$ वस्तुओं को लेकर बनने वाले क्रमचयों की कुल संख्या ${ }^{n} \mathrm{C} _{r} \times r$ !. है। दूसरी ओर यह संख्या ${ }^{n} \mathrm{P} _{r}$ है।

इस प्रकार

$$ { }^{n} \mathrm{P} _{r}={ }^{n} \mathrm{C} _{r} \times r !, 0<r \leq n . $$

टिप्पणी

1. उपर्युक्त परिणाम से $\frac{n !}{(n-r) !}={ }^{n} \mathrm{C}_{r} \times r$ !,अर्थात्

$$ { }^{n} \mathrm{C}_{r}=\frac{n !}{r !(n-r) !} . $$

विशेष रूप से, यदि $r=n$, तो ${ }^{n} \mathrm{C}_{n}=\frac{n !}{n ! 0 !}=1$.

2. हम परिभाषित करते हैं कि ${ }^{n} \mathrm{C} _{0}=1$, अर्थात् $n$ विभिन्न वस्तुओं में से केवल उन तरीकों की संख्या की गणना करना है जहाँ कुछ भी वस्तु लिए बिना बनाए गए संचयों की संख्या 1 मानी जाती है। संचयों की गणना करना, जिनमें एक समय में कुछ या सभी वस्तुओं का चयन किया जाता है। कुछ भी वस्तु लिए बिना चयन करना, इस बात के समान है कि सभी वस्तुओं को छोड़ दिया गया है और हमें ज्ञात है कि ऐसा करने का केवल मात्र एक तरीका है। इसी प्रकार, हम परिभाषित करते हैं कि ${ }^{n} \mathrm{C} _{0}=1$.

3. क्योंकि $\frac{n !}{0 !(n-0) !}=1={ }^{n} \mathrm{C} _{0}$, इसलिए, सूत्र ${ }^{n} \mathrm{C} _{r}=\frac{n !}{r !(n-r) !}, r=0$ के लिए भी उपयुक्त है। अत:

$$ { }^{n} \mathrm{C} _{r}=\frac{n !}{r !(n-r) !}, 0 \leq r \leq n . $$

4. $\quad{ }^{n} \mathrm{C} _{n-r}=\frac{n !}{(n-r) !(n-(n-r)) !}=\frac{n !}{(n-r) ! r !}={ }^{n} \mathrm{C} _{r}$,

अर्थात्, $n$ वस्तुओं में से $r$ वस्तुओं का चयन करना, $(n-r)$ वस्तुओं को अस्वीकार करने के समान है।

5. ${ }^{n} \mathrm{C} _{a}={ }^{n} \mathrm{C} _{b} \Rightarrow a=b$ या $a=n-b$, अर्थात् $n=a+b$

प्रमेय $6{ }^{n} \mathrm{C} _{r}+{ }^{n} \mathrm{C} _{r-1}={ }^{n+1} \mathrm{C} _{r}$

उपपत्ति हम जानते हैं ${ }^{n} \mathrm{C} _{r}+{ }^{n} \mathrm{C} _{r-1}=\frac{n !}{r !(n-r) !}+\frac{n !}{(r-1) !(n-r+1) !}$

$$ \begin{aligned} & =\frac{n !}{r \times(r-1) !(n-r) !}+\frac{n !}{(r-1) !(n-r+1)(n-r) !} \\ & =\frac{n !}{(r-1) !(n-r) !} \frac{1}{r}+\frac{1}{n-r+1} \\ & =\frac{n !}{(r-1) !(n-r) !} \times \frac{n-r+1+r}{r(n-r+1)}=\frac{(n+1) !}{r !(n+1-r) !}={ }^{n+1} C_{r} \end{aligned} $$

प्रश्नावली 6.4

1. यदि ${ }^{n} \mathrm{C} _{8}={ }^{n} \mathrm{C} _{2}$, तो ${ }^{n} \mathrm{C} _{2}$ ज्ञात कीजिए।

2. $n$ का मान निकालिए, यदि (i) ${ }^{2 n} \mathrm{C} _{2}:{ }^{n} \mathrm{C} _{2}=12: 1$ (ii) ${ }^{2 n} \mathrm{C} _{3}:{ }^{n} \mathrm{C} _{3}=11: 1$

3. किसी वृत्त पर स्थित 21 बिंदुओं से होकर जाने वाली कितनी जीवाएँ खींची जा सकती हैं?

4. 5 लड़के और 4 लड़कियों में से 3 लड़के और 3 लड़कियों की टीमें बनाने के कितने तरीके हैं?

5. 6 लाल रंग की, 5 सफेद रंग की और 5 नीले रंग की गेंदों में से 9 गेंदों के चुनने के तरीकों की संख्या ज्ञात कीजिए, यदि प्रत्येक संग्रह में प्रत्येक रंग की 3 गेंदें हैं।

6. 52 पत्तों की एक गड्डी में से 5 पत्तों को लेकर बनने वाले संचयों की संख्या निर्धारित कीजिए, यदि प्रत्येक संचय में तथ्यतः एक इक्का है।

7. 17 खिलाड़ियों में से, जिनमें केवल 5 खिलाड़ी गेंदबाज़ी कर सकते हैं, एक क्रिकेट टीम के 11 खिलाड़ियों का चयन कितने प्रकार से किया जा सकता है, यदि प्रत्येक टीम में तथ्यतः 4 गेंदबाज़ हैं?

8. एक थैली में 5 काली तथा 6 लाल गेंद हैं। 2 काली तथा 3 लाल गेदों के चयन के तरीकों की संख्या निर्धारित कीजिए।

9. 9 उपलब्ध पाठ्यक्रमों में से, एक विद्यार्थी 5 पाठ्यक्रमों का चयन कितने प्रकार से कर सकता है, यदि प्रत्येक विद्यार्थी के लिए 2 विशिष्ट पाठ्यक्रम अनिवार्य हैं?

अध्याय 6 पर विविध प्रश्नावली

1. DAUGHTER शब्द के अक्षरों से, कितने अर्थपूर्ण या अर्थहीन शब्दों की रचना की जा सकती है, जबकि प्रत्येक शब्द में 2 स्वर तथा 3 व्यंजन हों ?

2. EQUATION शब्द के अक्षरों से कितने, अर्थपूर्ण या अर्थहीन, शब्दों की रचना की जा सकती है, जबकि स्वर तथा व्यंजक एक साथ रहते हैं?

3. 9 लड़के और 4 लड़कियों से 7 सदस्यों की एक समिति बनानी हैं यह कितने प्रकार से किया जा सकता है, जबकि समिति में,

(i) तथ्यत: 3 लड़कियाँ हैं ?

(ii) न्यूनतम 3 लड़कियाँ हैं?

(iii) अधिकतम 3 लड़कियाँ हैं?

4. यदि शब्द EXAMINATION के सभी अक्षरों से बने विभिन्न क्रमचयों को शब्दकोष की तरह सूचीबद्ध किया जाता है, तो $\mathrm{E}$ से प्रारंभ होने वाले प्रथम शब्द से पूर्व कितने शब्द हैं?

5. $0,1,3,5,7$ तथा 9 अंकों से, 10 से विभाजित होने वाली और बिना पुनरावृत्ति किए कितनी 6 अंकीय संख्याएँ बनाई जा सकती हैं ?

6. अंग्रेज़ी वर्णमाला में 5 स्वर तथा 21 व्यंजन हैं। इस वर्णमाला से 2 भिन्न स्वरों और 2 भिन्न व्यंजनो वाले कितने शब्दों की रचना की जा सकती है?

7. किसी परीक्षा के एक प्रश्नपत्र में 12 प्रश्न हैं जो क्रमशः 5 तथा 7 प्रश्नों वाले दो खंडों में विभक्त हैं अर्थात् खंड I और खंड II. एक विद्यार्थी को प्रत्येक खंड से न्यूनतम 3 प्रश्नों का चयन करते हुए कुल 8 प्रश्नों को हल करना है। एक विद्यार्थी कितने प्रकार से प्रश्नों का चयन कर सकता है?

8. 52 पत्तों की एक गड्डी में से 5 पत्तों के संचय की संख्या निर्धारित कीजिए, यदि 5 पत्तों के प्रत्येक चयन (संचय) में तथ्यतः एक बादशाह है।

9. 5 पुरुषों और 4 महिलाओं को एक पंक्ति में इस प्रकार बैठाया जाता है कि महिलाएँ सम स्थानों पर बैठती हैं। इस प्रकार के कितने विन्यास संभव हैं?

10. 25 विद्यार्थियों की एक कक्षा से, 10 का चयन एक भ्रमण-दल के लिए किया जाता है। 3 विद्यार्थी ऐसे हैं, जिन्होंने यह निर्णय लिया है कि या तो वे तीनों दल में शमिल होंगे या उनमें से कोई भी दल में शामिल नहीं होगा। भ्रमण-दल का चयन कितने प्रकार से किया जा सकता है?

11. ASSASSINATION शब्द के अक्षरों के कितने विन्यास बनाए जा सकते हैं, जबकि सभी ’ $S$ ’ एक साथ रहें?

सारांश

  • गणना का आधारभूत सिद्धांतः यदि एक घटना $m$ विभिन्न तरीकों से घटित हो सकती है, तद्योपरांत एक दूसरी घटना $n$ विभिन्न तरीकों से घटित हो सकती है, तो प्रदत्त क्रम में घटनाओं के घटित होने की संख्या $m \times n$ है।

  • $n$ विभिन्न वस्तुओं में से एक समय में $r$ को लेकर बनने वाले क्रमचयों की संख्या, जबकि पुनरावृत्ति की अनुमति नहीं है, ${ }^{n} \mathrm{P} _{r}$ द्वारा प्रकट की जाती है और ${ }^{n} \mathrm{P} _{r}=\frac{n !}{(n-r) !}$, जहाँ $0 \leq r \leq n$.

  • $n !=1 \times 2 \times 3 \times \ldots \times n$

$n !=n \times(n-1)$ !

  • $n$ विभिन्न वस्तुओं में से एक समय में $r$ को लेकर बनने वाले क्रमचयों की संख्या, जबकि पुनरावृत्ति की अनुमति है, $n^{r}$ है।

  • $n$ वस्तुओं में से एक समय में सभी को लेकर बनने वाले क्रमचयों की संख्या $\frac{n !}{p _{1} ! p _{2} ! \ldots p _{k} !}$ है जहाँ $p _{1}$ वस्तुएँ एक प्रकार की, $p _{2}$ वस्तुएँ दूसरे प्रकार की, $\ldots, p _{k}$ वस्तुएँ $k$ वें प्रकार की और शेष सभी वस्तुए, यदि कोई हैं तो विभिन्न प्रकार की हैं:

  • $n$ विभिन्न वस्तुओं में से एक समय में $r$ को लेकर बनने वाले संचयों की संख्या को ${ }^{n} \mathrm{C} _{r}$ से प्रकट करते हैं और ${ }^{n} \mathrm{C} _{r}=\frac{n !}{r !(n-r) !}, 0 \leq r \leq n$.

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

भारत में क्रमचय और संचय की संकल्पना की अवधारणा जैन धर्म के अभ्युदय और संभवतः और पहले हुई है। तथापि इसका श्रेय जैनियों को ही प्राप्त है, जिन्होंने ‘विकल्प’ शीर्षक के अंतर्गत इस विषय को गणित के स्वसंपन्न प्रकरण के रूप में विकसित किया।

जैनियों में महावीर (सन् 850 ई. के लगभग) संभवतः विश्व के प्रथम गणितज्ञ हैं, जिन्होंने क्रमचय और संचय के सूत्रों को देकर श्रेयस्कर कार्य किया।

ईसा के पूर्व छठी शताव्दी में सुश्रुत ने अपने औषधि विज्ञान की सुप्रसिद्ध पुस्तक सुश्रुत-संहिता में उद्घोषित किया कि 6 विभिन्न रसों से एक साथ एक, दो, …, आदि लेकर 63 संचय बनाए जा सकते हैं। ईसा से तीसरी शताब्दी पूर्व संस्कृतविद् पिंगल ने दिए गए अक्षरों के समूह से एक, दो, …, इत्यादि लेकर बनाए गए संचयों की संख्या ज्ञात करने की विधि का वर्णन अपने सुप्रसिद्ध ग्रंथ छंद सूत्र में किया है। भास्कराचार्य (जन्म 1114 ई.) ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक लीलावती में अंकपाश शीर्षक के अंतर्गत क्रमचय और संचय प्रकरण पर उत्कृष्ट कार्य किया है। महावीर द्वारा प्रदत्त ${ }^{n} \mathrm{C} _{r}$ और ${ }^{n} \mathrm{P} _{r}$ के सूत्रों के अतिरिक्त भास्कराचार्य ने विषय संबंधी अनेक प्रमेयों और परिणामों का उल्लेख किया है।

भारत के बाहर क्रमचय और संचय संबंधी प्रकरणों पर कार्य का शुभारंभ चीनी गणितज्ञों द्वारा उनकी सुप्रसिद्ध पुस्तक आई किंग (I-King) में वर्णित है। इस कार्य के सन्निकट काल को बता पाना कठिन है, क्योंकि 213 ई. पूर्व में तत्कालीन सम्राट ने आदेश दिया था कि सभी पुस्तकें तथा हस्तलिखित पाण्डुलिपियाँ जला दी जाएं। सौभाग्यवश इसका पूर्ण रूप से पालन नहीं हुआ। यूनानी और बाद में लैटिन गणितज्ञों ने भी क्रमचय और संचय के सिद्धांत पर कुछ छिटपुट कार्य किये हैं।

कुछ अरबी और हेत्रो लेखकों ने भी क्रमचय और संचय की संकल्पनाओं का प्रयोग ज्योतिष के अध्ययन के लिए किया। उदाहरणतः Rabbi ben Ezra ने ज्ञात ग्रहों की संख्या से एक बार में एक, दो, …, आदि लेकर बनाए संचयों की संख्या ज्ञात की। यह कार्य 1140 ई. पूर्व में हुआ ऐसा प्रतीत होता है कि Rabbi ben Ezra को ${ }^{n} \mathrm{C} _{r}$ का सूत्र ज्ञात नहीं था, तथापि वे इससे परचित थे कि $n$ और $r$ के कुछ विशेष मानों के लिए ${ }^{n} \mathrm{C} _{r}={ }^{n} \mathrm{C} _{n-r}$ होता है। सन 1321 ई. में हीब्रु लेखक, Levi Ben Gerson ने ${ }^{n} \mathrm{P} _{r},{ }^{n} \mathrm{P}$ के सूत्रों के साथ ${ }^{n} \mathrm{C} _{r}$ के व्यापक सूत्रों को बतलाया।

प्रथम ग्रंथ जिसमें क्रमचय और संचय विषय पर पूर्ण और क्रमबद्ध कार्य Ars Conjectandi है जिसका लेखन स्विस गणितज्ञ Jacob Bernoulli (1654-1705 ई.) ने किया। इसका प्रकाशन उनके मरणोपरांत 1713 ई. में हुआ। इस पुस्तक में मुख्यतः क्रमचय और संचय के सिद्धांतों का ठीक उसी प्रकार वर्णन है जैसा कि हम आजकल करते हैं।



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