Where a mathematical reasoning can be had, it is as great a folly to make use of any other, as to grope for a thing in the dark, when you have a candle in your hand.- JOHN ARBUTHNOT

14.1 घटना (Event)

हमने यादृच्छिक परीक्षण और उसके प्रतिदर्श समष्टि के बारे में पढ़ा है। किसी परीक्षण का प्रतिदर्श समष्टि उस परीक्षण से संबंधित सभी प्रश्नों के लिए सार्वत्रिक समुच्चय (Universal set) होता है।

एक सिक्के को दो बार उछालने के परीक्षण पर विचार कीजिए। संबंधित प्रतिदर्श समष्टि

$$ \mathrm{S}=\{\mathrm{HH}, \mathrm{HT}, \mathrm{TH}, \mathrm{TT}\} \text { है। } $$

अब, मान लीजिए कि हमारी रुचि उन परिणामों में है जो तथ्यतः एक चित्त प्रकट होने के अनुकूल होते हैं। हम पाते हैं कि इस घटना के होने के अनुकूल $\mathrm{S}$ के अवयव केवल $\mathrm{HT}$ और $\mathrm{TH}$ हैं। यह दो अवयव एक समुच्चय $\mathrm{E}=\{\mathrm{HT}, \mathrm{TH}\}$ बनाते हैं।

हम जानते हैं कि समुच्चय $\mathrm{E}$ प्रतिदर्श समष्टि $\mathrm{S}$ का उपसमुच्चय है। इसी प्रकार हम पाते हैं कि विभिन्न घटनाओं और $\mathrm{S}$ के उपसमुच्चयों में निम्नलिखित संगतता है:

घटना का वर्णन ’ $\mathrm{S}$ ’ का संगत उपसमुच्चय
पटों की संख्या तथ्यतः दो है $\mathrm{A}=\{\mathrm{TT}\}$
पटों की संख्या कम से कम 1 है $\mathrm{B}=\{\mathrm{HT}, \mathrm{TH}, \mathrm{TT}\}$
चित्तों की संख्या अधिकतम 1 है $\mathrm{C}=\{\mathrm{HT}, \mathrm{TH}, \mathrm{TT}\}$
द्वितीय उछाल में चित्त नहीं है $\mathrm{D}=\{\mathrm{HT}, \mathrm{TT}\}$
चित्तों की संख्या अधिकतम दो है $\mathrm{S}=\{\mathrm{HH}, \mathrm{HT}, \mathrm{TH}, \mathrm{TT}\}$
चित्तों की संख्या दो से अधिक है $\phi$

उपर्युक्त चर्चा से यह स्पष्ट है कि प्रतिदर्श समष्टि के किसी उपसमुच्चय के संगत एक घटना होती है और किसी घटना के संगत प्रतिदर्श समष्टि का एक उपसमुच्चय होता है। इसके संदर्भ में एक घटना को निम्नलिखित प्रकार से परिभाषित किया जाता है:

परिभाषा प्रतिदर्श समष्टि $\mathrm{S}$ का कोई उपसमुच्चय एक घटना कही जाती है।

14.1.1 एक घटना का घटित होना (Occurrence of an event)

एक पासा को फेंकने के परीक्षण पर विचार कीजिए। मान लीजिए कि घटना ‘पासा पर 4 से छोटी संख्या प्रकट होना’ को $\mathrm{E}$ से निरूपित किया जाता है। यदि पासा पर वास्तव में ’ 1 ’ प्रकट होता है तो हम कह सकते हैं कि घटना $\mathrm{E}$ घटित हुई है। वस्तुतः यदि परिणाम 2 या 3 हैं तो हम कहते हैं कि घटना $\mathrm{E}$ घटित हुई है।

अतः किसी परीक्षण के प्रतिदर्श समष्टि $\mathrm{S}$ की घटना $\mathrm{E}$ घटित हुई कही जाती है यदि परीक्षण का परिणाम $\omega$ इस प्रकार है कि $\omega \in \mathrm{E}$. यदि परिणाम $\omega$ ऐसा है कि $\omega \notin \mathrm{E}$, तो हम कहते हैं कि घटना $\mathrm{E}$ घटित नहीं हुई है।

14.1.2 घटनाओं के प्रकार (Types of events)

घटनाओं को उनके अवयवों के आधार पर विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है।

1. असंभव व निश्चित घटनाएँ (Impossible and Sure Events) रिक्त समुच्चय $\phi$ और प्रतिदर्श समष्टि $\mathrm{S}$ भी घटनाओं को व्यक्त करते हैं। वास्तव में $\phi$ को असंभव घटना और $\mathrm{S}$ अर्थात् पूर्ण प्रतिदर्श समष्टि को निश्चित घटना कहते हैं।

इन्हें समझने के लिए आइए पासा फेंकने के परीक्षण पर विचार करें। इस परीक्षण का प्रतिदर्श समष्टि $\mathrm{S}=\{1,2,3,4,5,6\}$ है।

मान लीजिए $\mathrm{E}$ घटना ‘पासे पर प्रकट संख्या 7 का गुणज है’ को निरूपित करता है। क्या आप घटना $\mathrm{E}$ के संगत उपसमुच्चय लिख सकते हैं?

स्पष्टतया परीक्षण का कोई भी परिणाम घटना $\mathrm{E}$ के प्रतिबंध को संतुष्ट नहीं करता है अर्थात् प्रतिदर्श समष्टि का कोई भी अवयव घटना $\mathrm{E}$ का घटित होने को निश्चित नहीं करता हैं। अतः हम कह सकते हैं कि केवल रिक्त समुच्चय ही घटना $\mathrm{E}$ के संगत समुच्चय है। दूसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि पासे के ऊपरी फलक पर 7 का गुणज प्रकट होना असंभव है।

इस प्रकार घटना $\mathrm{E}=\phi$ एक असंभव घटना है।

आइए अब हम एक अन्य घटना $\mathrm{F}$ ‘पासा पर प्राप्त संख्या या तो सम है या विषम’ पर विचार करें। स्पष्टतया $\mathrm{F}=\{1,2,3,4,5,6\}=,\mathrm{S}$.

अर्थात् सभी परिणाम घटना $\mathrm{F}$ के घटित होने को निश्चित करते हैं। अतः $\mathrm{F}=\mathrm{S}$ एक निश्चित घटना है।

2. सरल घटना (Simple Event) यदि किसी घटना $\mathrm{E}$ में केवल एक ही प्रतिदर्श बिंदु हो, तो घटना $\mathrm{E}$ को सरल या प्रारम्भिक घटना कहते हैं। ऐसा परीक्षण जिसके प्रतिदर्श समष्टि जिसमें $n$ पृथक अवयव हों, में $n$ सरल घटनाएँ विद्यमान होती हैं।

उदाहरण के लिए, एक सिक्का के दो उछालों वाले परीक्षण का प्रतिदर्श समष्टि

$$ \mathrm{S}=\{\mathrm{HH}, \mathrm{HT}, \mathrm{TH}, \mathrm{TT}\} \text { है। } $$

यहाँ इस प्रतिदर्श समष्टि की चार सरल घटनाएँ हैं, जो निम्नलिखित हैं:

$$ \mathrm{E} _{1}=\{\mathrm{HH}\}, \mathrm{E} _{2}=\{\mathrm{HT}\}, \mathrm{E} _{3}=\{\mathrm{TH}\} \text { और } \mathrm{E} _{4}=\{\mathrm{TT}\} . $$

3. मिश्र घटना (Compound Events) यदि किसी घटना में एक से अधिक प्रतिदर्श बिंदु होते हैं, तो उसे मिश्र घटना कहते हैं। उदाहरण के लिए एक सिक्के की तीन उछालों के परीक्षण में निम्नलिखित घटनाएँ मिश्र घटनाएँ हैं:

$\mathrm{E}$ : तथ्यतः एक चित्त प्रकट होना

$\mathrm{F}$ : न्यूनतम एक चित्त प्रकट होना

$\mathrm{G}$ : अधिकतम एक चित्त प्रकट होना, इत्यादि।

इन घटनाओं के संगत $\mathrm{S}$ के उपसमुच्चय निम्नलिखित हैं:

$\mathrm{E}=\{\mathrm{HTT}, \mathrm{THT}, \mathrm{TTH}\}$

$\mathrm{F}=\{$ HTT,THT, TTH, HHT, HTH, THH, HHH $\}$

$\mathrm{G}=\{$ TTT, THT, HTT, TTH $\}$

उपर्युक्त प्रत्येक उपसमुच्चय में एक से अधिक प्रतिदर्श बिंदु हैं इसलिए यह सब मिश्र घटनाएँ हैं।

14.1.3 घटनाओं का बीजगणित (Algebra of Events)

समुच्चयों के अध्याय में हमने दो या अधिक समुच्चयों के संयोजन के विभिन्न तरीकों के बारे में पढ़ा था अर्थात् सम्मिलन (union), सर्वनिष्ठ (intersection), अंतर (difference), समुच्चय का पूरक (Complement of a set), इत्यादि के बारे में समझा था। इसी प्रकार हम घटनाओं का संयोजन समुच्चय संकेतनों के सदृश उपयोग द्वारा कर सकते हैं।

मान लीजिए $\mathrm{A}, \mathrm{B}, \mathrm{C}$ ऐसे प्रयोग से संबद्ध घटनाएँ हैं जिसकी प्रतिदर्श समष्टि $\mathrm{S}$ है।

1. पूरक घटना (Complementary Event) प्रत्येक घटना $\mathrm{A}$ के सापेक्ष एक अन्य घटना $\mathrm{A}^{\prime}$ होती है जिसे घटना $\mathrm{A}$ की पूरक घटना कहते हैं। $\mathrm{A}^{\text {’ }}$ को घटना ’ $\mathrm{A}$-नहीं’ भी कहा जाता है।

उदाहरण के लिए ‘एक सिक्के की तीन उछालों’ के परीक्षण को लें। इसका प्रतिदर्श समष्टि $\mathrm{S}=\{\mathrm{HHH}$, HHT, HTH, THH, HTT, THT, TTH, TTT $\}$ है।

मान लीजिए $\mathrm{A}=\{\mathrm{HTH}, \mathrm{HHT}, \mathrm{THH}\}$ घटना ‘केवल एक पट का प्रकट होना’ को दर्शाता है। परिणाम HTT के होने पर घटना $\mathrm{A}$ घटित नहीं हुई है। किंतु हम कह सकते हैं कि घटना ‘A-नहीं’ घटित हुई है। इस प्रकार, प्रत्येक परिणाम के लिए जो $\mathrm{A}$ में नहीं हैं हम कहते हैं कि ’ $\mathrm{A}$-नहीं’ घटित हुई है। इस प्रकार घटना $\mathrm{A}$ के लिए पूरक घटना ’ $\mathrm{A}$-नहीं’ अर्थात्

$\mathrm{A}^{\prime}=\{$ HHH, HTT, THT, TTH, TTT $\}$

या

$\mathrm{A}^{\prime}=\{\omega: \omega \in \mathrm{S}$ और $\omega \notin \mathrm{A}\}=\mathrm{S}-\mathrm{A}$ है।

2. घटना ’ $A$ या $B^{\prime}$ (Event $A$ or B) स्मरण कीजिए कि दो समुच्चयों $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ का सम्मिलन $A \cup B$ द्वारा निरूपित किया जाता है जिसमें वह सब अवयव सम्मिलित होते हैं जो या तो $A$ में हैं या $\mathrm{B}$ में है या दोनों में हैं।

जब समुच्चय $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ किसी प्रतिदर्श समष्टि से संबंधित दो घटनाएँ हों तो ’ $\mathrm{A} \cup \mathrm{B}$ ’ घटना $A$ या $B$ या दोनों को निरूपित करता है। घटना ’ $A \cup B$ ’ को ’ $A$ या $B$ ’ भी कहा जाता है। इसलिए घटना ’ $\mathrm{A}$ या $\mathrm{B}$ ’ $=\mathrm{A} \cup \mathrm{B}=\{\omega: \omega \in \mathrm{A}$ या $\omega \in \mathrm{B}\}$

3. घटना ’ $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}^{\prime}$ (Event $\mathrm{A}$ and $\mathbb{B}$ ) हम जानते हैं कि दो समुच्चयों का सर्वनिष्ठ $\mathrm{A} \cap \mathrm{B}$ वह समुच्चय होता है जिसमें वे अवयव होते हैं जो $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ दोनों में उभयनिष्ठ होते हैं अर्थात् जो $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ दोनों में होते हैं।

यदि ’ $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ ’ दो घटनाएँ हों तो समुच्चय $\mathrm{A} \cap \mathrm{B}$ घटना ’ $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ ’ को दर्शाता है।

इस प्रकार, $\mathrm{A} \cap \mathrm{B}=\{\omega: \omega \in \mathrm{A}$ और $\omega \in \mathrm{B}\}$

उदाहरण के लिए एक पासा को दो बार फेंकने के परीक्षण में मान लीजिए घटना $A^{\text {’ }}$ पहली फेंक में संख्या 6 प्रकट होती है’ और घटना $\mathrm{B}$ ‘दो फेंकों पर प्रकट संख्याओं का योग न्यूनतम 11 होता है’ को व्यक्त करती हैं। तब

$$ \mathrm{A}=\{(6,1),(6,2\},(6,3),(6,4),(6,5),(6,6)\} \text { और } \mathrm{B}=\{(5,6),(6,5),(6,6)\} $$

इसलिए $\quad \mathrm{A} \cap \mathrm{B}=\{(6,5),(6,6)\}$

नोट कीजिए कि समुच्चय $\mathrm{A} \cap \mathrm{B}=\{(6,5),(6,6)\}$, घटना ‘पहली फेंक पर 6 प्रकट होता है और दोनों फेंकों पर प्रकट संख्याओं का योग न्यूनतम 11 होता है’ को व्यक्त करता है।

4. घटना ’ $A$ किंतु $B$ नहीं’ (Event $A$ but not $B$ ) हम जानते हैं कि $A-B$ उन सभी अवयवों का समुच्चय होता है जो $\mathrm{A}$ में तो हैं लेकिन $\mathrm{B}$ में नहीं हैं। इसलिए, समुच्चय ’ $\mathrm{A}-\mathrm{B}$ ’ घटना ’ $\mathrm{A}$ किंतु $\mathbf{B}$ नहीं को व्यक्त कर सकता है। हम जानते हैं कि $\mathrm{A}-\mathrm{B}=\mathrm{A} \cap \mathrm{B}^{\prime}$

14.1.4 परस्पर अपवर्जी घटनाएँ (Mutually exclusive events)

पासा फेंकने के परीक्षण का प्रतिदर्श समष्टि $\mathrm{S}=\{1,2,3,4,5,6\}$ है। मान लीजिए घटना $\mathrm{A}$ ‘एक विषम संख्या का प्रकट होना’ और घटना $\mathrm{B}$ ‘एक सम संख्या का प्रकट होना’ को व्यक्त करते हैं।

स्पष्टतया घटना $\mathrm{A}$, घटना $\mathrm{B}$ को अपवर्जित कर रही है तथा इसका विलोम भी सत्य है। दूसरे शब्दों में, ऐसा कोई परिणाम नहीं है जो घटना $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ के एक साथ घटित होने को निश्चित करता है यहाँ

$$ \mathrm{A}=\{1,3,5\} \text { और } \mathrm{B}=\{2,4,6\} $$

स्पष्टतया $\mathrm{A} \cap \mathrm{B}=\phi$ अर्थात् $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ असंयुक्त समुच्चय हैं।

व्यापकतः दो घटनाएँ $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ परस्पर अपवर्जी घटनाएँ कही जाती हैं, यदि इनमें से किसी एक का घटित होना दूसरी के घटित होने को अपवर्जित करता है अर्थात् वे एक साथ घटित नहीं हो सकती हैं। इस दशा में समुच्चय $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ असंयुक्त होते हैं।

पुनः एक पासे को फेंकने के परीक्षण में घटना $\mathrm{A}$ ’ एक विषम संख्या प्रकट होना’ और घटना B ’ 4 से छोटी संख्या प्रकट होना’ पर विचार कीजिए।

प्रत्यक्षत: $\mathrm{A}=\{1,3,5\}$ और $\mathrm{B}=\{1,2,3\}$

अब

$$ 3 \in \mathrm{A} \text { तथा साथ ही } 3 \in \mathrm{B} $$

इसलिए $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ असंयुक्त नहीं है। अतः $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ परस्पर अपवर्जी घटनाएँ नहीं हैं।

टिपण्णी एक प्रतिदर्श समष्टि की सरल घटनाएँ सदैव परस्पर अपवर्जी होती हैं।

14.1.5 निःशेष घटनाएँ (Exhaustive events)

एक पासे को फेंकने के परीक्षण पर विचार कीजिए। हम पाते हैं $\mathrm{S}=\{1,2,3,4,5,6\}$.

आइए निम्नलिखित घटनाओं को परिभाषित करें:

A: ‘4 से छोटी संख्या प्रकट होना’,

B: ’ 2 से बड़ी किंतु 5 से छोटी संख्या प्रकट होना’

और $\mathrm{C}:$ ’ 4 से बड़ी संख्या प्रकट होना’.

तब $\mathrm{A}=\{1,2,3\}, \mathrm{B}=\{3,4\}$ और $\mathrm{C}=\{5,6\}$. हम देखते हैं कि

$$ A \cup B \cup C=\{1,2,3\} \cup\{3,4\} \cup\{5,6\}=S $$

ऐसी घटनाओं $\mathrm{A}, \mathrm{B}$ और $\mathrm{C}$ को नि:शेष घटनाएँ कहते हैं। व्यापक रूप से यदि $\mathrm{E} _{1}, \mathrm{E} _{2}, \ldots, \mathrm{E} _{n}$ किसी प्रतिदर्श समष्टि $\mathrm{S}$ की $n$ घटनाएँ हैं और यदि

$$ \mathrm{E} _{1} \cup \mathrm{E} _{2} \cup \mathrm{E} _{3} \ldots \cup \mathrm{E} _{n}=\cup _{i=1}^{n} \mathrm{E} _{i}=\mathrm{S} $$

तब $\mathrm{E} _{1}, \mathrm{E} _{2}, \ldots, \mathrm{E} _{n}$ को नि:शेष घटनाएँ कहते हैं। दूसरे शब्दों में, घटनाएँ $\mathrm{E} _{1}, \mathrm{E} _{2}, \ldots, \mathrm{E} _{n}$ नि:शेष कहलाती हैं यदि परीक्षण के करने पर इनमें से कम से कम एक घटना अवश्य ही घटित हो।

इसके अतिरिक्त यदि सभी $i \neq j$ के लिए $\mathrm{E} _{i} \cap \mathrm{E} _{j}=\phi$ अग्रतः यदि $\mathrm{E} _{i} \cap \mathrm{E} _{j}=\phi, i \neq j$ अर्थात् $\mathrm{E} _{i}$ और $\mathrm{E} _{j}$ परस्पर अपवर्जी हैं, और $\bigcup _{i=1}^{n} \mathrm{E} _{i}=\mathrm{S}$ हो, तो घटनाएँ $\mathrm{E} _{1}, \mathrm{E} _{2}, \ldots, \mathrm{E} _{n}$ परस्पर अपवर्जी नि:शेष घटनाएँ कहलाती हैं।

आइए अब कुछ उदाहरणों पर विचार करें।

प्रश्नावली 14.1

1. एक पासा फेंका जाता है। मान लीजिए घटना $\mathrm{E}$ ‘पासे पर संख्या 4 दर्शाता’ है और घटना $\mathrm{F}$ ‘पासे पर सम संख्या दर्शाता’ है। क्या $\mathrm{E}$ और $\mathrm{F}$ परस्पर अपवर्जी हैं?

2. एक पासा फेंका जाता है। निम्नलिखित घटनाओं का वर्णन कीजिए:

(i) $\mathrm{A}$ : संख्या 7 से कम है।

(ii) B: संख्या 7 से बड़ी है।

(iii) $\mathrm{C}$ : संख्या 3 का गुणज है।

(iv) $\mathrm{D}$ : संख्या 4 से कम है।

(v) $\mathrm{E}: 4$ से बड़ी सम संख्या है।

(vi) F: संख्या 3 से कम नहीं है।

$\mathrm{A} \cup \mathrm{B}, \mathrm{A} \cap \mathrm{B}, \mathrm{B} \cup \mathrm{C}, \mathrm{E} \cap \mathrm{F}, \mathrm{D} \cap \mathrm{E}, \mathrm{A}-\mathrm{C}, \mathrm{D}-\mathrm{E}, \mathrm{E} \cap \mathrm{F}^{\prime}, \mathrm{F}^{\prime}$ भी ज्ञात कीजिए।

3. एक परीक्षण में पासें के एक जोड़े को फेंकते हैं और उन पर प्रकट संख्याओं को लिखते हैं। निम्नलिखित घटनाओं का वर्णन कीजिए:

$\mathrm{A}$ : प्राप्त संख्याओं का योग 8 से अधिक है।

B: दोनों पासों पर संख्या 2 प्रकट होती है।

$\mathrm{C}$ : प्रकट संख्याओं का योग कम से कम 7 है और 3 का गुणज है।

इन घटनाओं के कौन-कौन से युग्म परस्पर अपवर्जी हैं?

4. तीन सिक्कों को एक बार उछाला जाता है। मान लीजिए कि घटना ‘तीन चित्त दिखना’ को $\mathrm{A}$ से, घटना ‘दो चित्त और एक पट् दिखना’ को $\mathrm{B}$ से, घटना ‘तीन पट् दिखना’ को $\mathrm{C}$ और घटना ‘पहले सिक्के पर चित्त दिखना’ को $\mathrm{D}$ से निरूपित किया गया है। बताइए कि इनमें से कौन सी घटनाएँ

(i) परस्पर अपवर्जी हैं?

(ii) सरल हैं ?

(iii) मिश्र हैं ?

5. तीन सिक्के एक बार उछाले जाते हैं। वर्णन कीजिए।

(i) दो घटनाएँ जो परस्पर अपवर्जी हैं।

(ii) तीन घटनाएँ जो परस्पर अपवर्जी और नि:शेष हैं।

(iii) दो घटनाएँ जो परस्पर अपवर्जी नहीं हैं।

(iv) दो घटनाएँ जो परस्पर अपवर्जी हैं कितु निःशेष नहीं हैं।

(v) तीन घटनाएँ जो परस्पर अपवर्जी हैं किंतु निःशेष नहीं हैं।

6. दो पासे फेंके जाते हैं। घटनाएँ $\mathrm{A}, \mathrm{B}$ और $\mathrm{C}$ निम्नलिखित प्रकार से हैं:

$\mathrm{A}$ : पहले पासे पर सम संख्या प्राप्त होना

B: पहले पासे पर विषम संख्या प्राप्त होना

$\mathrm{C}$ : पासों पर प्राप्त संख्याओं का योग $\leq 5$ होना

निम्नलिखित घटनाओं का वर्णन कीजिए:

(i) $\mathrm{A}^{\prime}$

(ii) $\mathrm{B}$-नहीं

(iii) $\mathrm{A}$ या $\mathrm{B}$

(iv) $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$

(v) $\mathrm{A}$ किंतु $\mathrm{C}$ नहीं

(vi) $\mathrm{B}$ या $\mathrm{C}$

(vii) $\mathrm{B}$ और $\mathrm{C}$

(viii) $\mathrm{A} \cap \mathrm{B}^{\prime} \cap \mathrm{C}^{\prime}$

7. उपर्युक्त प्रश्न 6 को देखिए और निम्नलिखित में सत्य या असत्य बताइए (अपने उत्तर का कारण दीजिए):

(i) $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ परस्पर अपवर्जी हैं।

(ii) $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ परस्पर अपवर्जी और नि:शेष हैं।

(iii) $\mathrm{A}=\mathrm{B}^{\prime}$

(iv) $\mathrm{A}$ और $\mathrm{C}$ परस्पर अपवर्जी हैं।

(v) $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}^{\prime}$ परस्पर अपवर्जी हैं।

(vi) $\mathrm{A}^{\prime}, \mathrm{B}^{\prime}, \mathrm{C}$ परस्पर अपवर्जी और नि:शेष घटनाएँ हैं।

14.2 प्रायिकता की अभिगृहीतीय दृष्टिकोण (Axiomatic Approach to Probability)

इस अध्याय के पहले अनुच्छेदों में हमने यादृच्छिक परीक्षण, प्रतिदर्श समष्टि तथा इन परीक्षणों से संबंधित घटनाओं पर विचार किया है। हम अपने दैनिक जीवन में किसी घटना के घटित होने की संभावना के लिए अनेक शब्दों का उपयोग करते हैं। प्रायिकता सिद्धांत किसी घटना के घटित होने या न होने की संभावना को एक माप देने का प्रयास है।

पिछली कक्षाओं में हमने किसी परीक्षण में कुल संभावित परिणामों की संख्या ज्ञात होने पर, किसी घटना की प्रायिकता ज्ञात करने की कुछ विधियों के बारे में पढ़ा है।

किसी घटना की प्रायिकता ज्ञात करने की एक और विधि अभिगृहीतीय दृष्टिकोण है। इस तरीका में प्रायिकताएँ निर्धारित करने के लिए अभिगृहीतियों या नियमों को बर्णित (depict) किया गया है।

मान लें कि किसी यादृच्छिक परीक्षण का प्रतिदर्श समष्टि $\mathrm{S}$ है। प्रायिकता $\mathrm{P}$ एक वास्तविक मानीय फलन है जिसका प्रांत $\mathrm{S}$ का घात समुच्चय है, और परिसर अंतराल $[0,1]$ है जो निम्नलिखित अभिगृहीतियों को संतुष्ट करता है:

(i) किसी घटना $\mathrm{E}$, के लिए, $\mathrm{P}(\mathrm{E}) \geq 0$

(ii) $\mathrm{P}(\mathrm{S})=1$

(iii) यदि $\mathrm{E}$ और $\mathrm{F}$ परस्पर अपवर्जी घटनाएँ हैं तो $\mathrm{P}(\mathrm{E} \cup \mathrm{F})=\mathrm{P}(\mathrm{E})+\mathrm{P}(\mathrm{F})$.

अभिगृहित (iii) से यह अनुसरित होता है कि $\mathrm{P}(\varphi)=0$. इसे सिद्ध करने के लिए हम $\mathrm{F}=\varphi$ लेते हैं और देखते हैं कि $\mathrm{E}$ और $\varphi$ परस्पर अपवर्जी घटनाएँ है, इसलिए अभिगृहीत (iii) से हम पाते हैं कि $\mathrm{P}(\mathrm{E} \cup \phi)=\mathrm{P}(\mathrm{E})+\mathrm{P}(\phi)$ या $\mathrm{P}(\mathrm{E})=\mathrm{P}(\mathrm{E})+\mathrm{P}(\phi)$ अर्थात् $\mathrm{P}(\phi)=0$

मान लीजिए कि $\omega _{1}, \omega _{2}, \ldots, \omega _{n}$ प्रतिदर्श समष्टि $\mathrm{S}$ के परिणाम हैं अर्थात्

$$ \mathrm{S}=\left\{\omega _{1}, \omega _{2}, \ldots, \omega _{n}\right\} \text { है। } $$

प्रायिकता की अभिगृहीतीय परिभाषा से यह निष्कर्ष निकलता है कि

(i) प्रत्येक $\omega _{i} \in \mathrm{S}$ के लिए $0 \leq \mathrm{P}\left(\omega _{i}\right) \leq 1$

(ii) $\mathrm{P}\left(\omega _{1}\right)+\mathrm{P}\left(\omega _{2}\right)+\ldots+\mathrm{P}\left(\omega _{n}\right)=1$

(iii) किसी घटना $\omega _{i}$ के लिए $\mathrm{P}(\mathrm{A})=\Sigma \mathrm{P}\left(\omega _{i}\right), \omega _{i} \in \mathrm{A}$

टिप्पणी ध्यान दीजिए कि एकल समुच्चय $\left\{\omega _{i}\right\}$ को सरल घटना कहते हैं और संकेतन की सुविधा के लिए हम $\mathrm{P}\left(\left\{\omega _{i}\right\}\right)$ को $\mathrm{P}\left(\omega _{i}\right)$ लिखते हैं।

उदाहरण के लिए एक सिक्के को उछालने के परीक्षण में हम प्रत्येक परिणाम $\mathrm{H}$ और $\mathrm{T}$ के साथ संख्या $\frac{1}{2}$ निर्धारित कर सकते हैं

अर्थात्

$$ \begin{equation*} \mathrm{P}(\mathrm{H})=\frac{1}{2} \text { और } \mathrm{P}(\mathrm{T})=\frac{1}{2} \tag{1} \end{equation*} $$

स्पष्टतया यह निर्धारण दोनों प्रतिबंधों को संतुष्ट करता है अर्थात् प्रत्येक संख्या न तो शून्य से छोटी है और न ही एक से बड़ी है

और

$$ \mathrm{P}(\mathrm{H})+\mathrm{P}(\mathrm{T})=\frac{1}{2}+\frac{1}{2}=1 $$

इसलिए इस दशा में हम कह सकते हैं कि

$$ \mathrm{H} \text { की प्रायिकता }=\frac{1}{2} \text { और } \mathrm{T} \text { की प्रायिकता }=\frac{1}{2} \text {. } $$

आइए हम $\mathrm{P}(\mathrm{H})=\frac{1}{4}$ और $\mathrm{P}(\mathrm{T})=\frac{3}{4}$ लेते हैं।

क्या यह निर्धारण अभिगृहीतीय तरीका के प्रतिबंधों को संतुष्ट करता है?

हाँ, इस दशा में $\mathrm{H}$ की प्रायिकता $=\frac{1}{4}$ और $\mathrm{T}$ की प्रायिकता $=\frac{3}{4}$ है।

हम पाते हैं कि दोनों प्रायिकता निर्धारण (1) और (2), $\mathrm{H}$ और $\mathrm{T}$ की प्रायिकताओं के लिए वैध हैं।

वास्तव में दोनों परिणामों $\mathrm{H}$ तथा $\mathrm{T}$ की प्रायिकताओं के लिए संख्याएँ क्रमशः $p$ तथा $(1-p)$ निर्धारित कर सकते हैं, जबकि $0 \leq p \leq 1$ और $\mathrm{P}(\mathrm{H})+\mathrm{P}(\mathrm{T})=p+(1-p)=1$

यह प्रायिकता निर्धरण भी अभिगृहीतीय दृष्टिकोण के प्रतिबंधों को संतुष्ट करते हैं। अतः हम कह सकते हैं कि किसी परीक्षण के परिणामों के साथ प्रायिकता वितरण अनेक (या यह कहना अधिक उचित्त होगा कि अनंत) प्रकार से किया जा सकता है।

आइए अब कुछ उदाहरणों पर विचार करें।

14.2.1 घटना की प्रायिकता (Probability of an event)

एक मशीन द्वारा निर्मित कलमों में से तीन का परीक्षण उन्हें अच्छा (त्रुटिरहित) और खराब (त्रुटियुक्त) में वर्गीकृत करने के लिए किया गया। मान लीजिए कि इस परीक्षण का प्रतिदर्श समष्टि $\mathrm{S}$ है। इस परीक्षण के फ़लस्वरूप हमें $0,1,2$ या 3 खराब कलमें मिल सकती हैं।

इस प्रयोग के संगत प्रतिदर्श समष्टि

$$ \mathrm{S}=\{\mathrm{BBB}, \mathrm{BBG}, \mathrm{BGB}, \mathrm{GBB}, \mathrm{BGG}, \mathrm{GBG}, \mathrm{GGB}, \mathrm{GGG}\} \text { है। } $$

जहाँ $\mathrm{B}$ एक त्रुटियुक्त या खराब कलम को और $\mathrm{G}$ एक अच्छे या त्रुटिरहित कलम को प्रकट करता है।

मान लीजिए, कि परिणामों के लिए निम्नलिखित प्रायिकताएँ निर्धारित की गई हैं:

$\quad$ &

$$ \begin{array}{lccccccccc} \text{प्रतिदर्श बिंदु: }& \text{BBB} & \text{BBG} & \text{BGB} & \text{GBB} & \text{BGG} & \text{GBG} & \text{GGB} & \text{GGG} \\ \text{प्रायिकता:} &\frac{1}{8} & \frac{1}{8} & \frac{1}{8} & \frac{1}{8} & \frac{1}{8} & \frac{1}{8} & \frac{1}{8} & \frac{1}{8} \end{array} $$

मान लीजिए घटना ‘तथ्यतः एक त्रुटियुक्त कलम का निकलना’ को $\mathrm{A}$ से व घटना ‘न्यूनतम दो त्रुटियुक्त कलमों का निकलना’ को $\mathrm{B}$ से प्रकट करते हैं।

स्पष्टतः $\mathrm{A}=\{\mathrm{BGG}, \mathrm{GBG}, \mathrm{GGB}\}$ और $\mathrm{B}=\{\mathrm{BBG}, \mathrm{BGB}, \mathrm{GBB}, \mathrm{BBB}\}$

अब

$\mathrm{P}(\mathrm{A})=\sum \mathrm{P}\left(\omega _{i}\right), \forall \omega _{i} \in \mathrm{A}$

$$ =\mathrm{P}(\mathrm{BGG})+\mathrm{P}(\mathrm{GBG})+\mathrm{P}(\mathrm{GGB})=\frac{1}{8}+\frac{1}{8}+\frac{1}{8}=\frac{3}{8} $$

और

$\mathrm{P}(\mathrm{B})=\sum \mathrm{P}\left(\omega _{i}\right), \forall \omega _{i} \in \mathrm{B}$

$$ =\mathrm{P}(\mathrm{BBG})+\mathrm{P}(\mathrm{BGB})+\mathrm{P}(\mathrm{GBB})+\mathrm{P}(\mathrm{BBB})=\frac{1}{8}+\frac{1}{8}+\frac{1}{8}+\frac{1}{8}=\frac{4}{8}=\frac{1}{2} $$

आइए एक अन्य परीक्षण ‘एक सिक्के को दो बार उछालना’ पर विचार करें।

इस परीक्षण का प्रतिदर्श समष्टि $\mathrm{S}=\{\mathrm{HH}, \mathrm{HT}, \mathrm{TH}, \mathrm{TT}\}$ है।

मान लीजिए कि विभिन्न परिणामों के लिए निम्नलिखित प्रायिकताएँ निर्धारित की गई हैं:

$$ \mathrm{P}(\mathrm{HH})=\frac{1}{4}, \mathrm{P}(\mathrm{HT})=\frac{1}{7}, \mathrm{P}(\mathrm{TH})=\frac{2}{7}, \mathrm{P}(\mathrm{TT})=\frac{9}{28} $$

स्पष्टतया यह प्रायिकता निर्धारण अभिगृहीतीय अभिगम के प्रतिबंधों को संतुष्ट करता है। आइए अब हम घटना $\mathrm{E}$ ‘दोनों उछालों में एक सा ही परिणाम है’ की प्रायिकता ज्ञात करें।

यहाँ

$$ \mathrm{E}=\{\mathrm{HH}, \mathrm{TT}\} $$

अब सभी $\omega _{i} \in \mathrm{E}$ के लिए $\mathrm{P}(\mathrm{E})=\sum \mathrm{P}\left(\omega _{i}\right),=\mathrm{P}(\mathrm{HH})+\mathrm{P}(\mathrm{TT})=\frac{1}{4}+\frac{9}{28}=\frac{4}{7}$

घटना $\mathrm{F}$ : ‘तथ्यतः दो चित्त’ के लिए, हम पाते हैं $\mathrm{F}=\{\mathrm{HH}\}$

और

$$ \mathrm{P}(\mathrm{F})=\mathrm{P}(\mathrm{HH})=\frac{1}{4} $$

14.2.2 सम सम्भाव्य परिणामों की प्रायिकता (Probability of equally likely outcomes)

मान लीजिए कि एक परीक्षण का प्रतिदर्श समष्टि

$$ \mathrm{S}=\left\{\omega _{1}, \omega _{2}, \ldots, \omega _{n}\right\} \text { है } $$

मान लें कि सभी परिणाम सम संभाव्य हैं, अर्थात् प्रत्येक सरल घटना के घटित होने की संभावना समान है।

अर्थात्

सभी $\omega _{i} \in \mathrm{S}$ के लिए, $\mathrm{P}\left(\omega _{i}\right)=p$, जहाँ $0 \leq p \leq 1$

क्योंकि

$$ \sum _{i=1}^{n} \mathrm{P}\left(\omega _{i}\right)=1 \text { इसलिए } p+p+\ldots+p(n \text { बार })=1 $$

या

$$ n p=1 \text { या } p=\frac{1}{n} $$

मान लीजिए कि प्रतिदर्श समष्टि $\mathrm{S}$ की कोई एक घटना $\mathrm{E}$, इस प्रकार है कि $n(\mathrm{~S})=n$ और $n(\mathrm{E})=m$. यदि प्रत्येक परिणाम सम संभाव्य है तो यह अनुसरित होता है कि

$$ \mathrm{P}(\mathrm{E})=\frac{m}{n}=\frac{\mathrm{E} \text { के अनुकूल परिणामों की संख्या }}{\text { कुल संभावित परिणामों की संख्या }} $$

14.2.3 घटना ’ $A$ या $B$ ’ की प्रायिकता (Probability of the event ’ $A$ or $B$ ‘)

आइए अब हम घटना ’ $\mathrm{A}$ या $\mathrm{B}$ ‘, की प्रायिकता अर्थात् $\mathrm{P}(\mathrm{A} \cup \mathrm{B})$ ज्ञात करें।

मान लीजिए, $\mathrm{A}=\{\mathrm{HHT}, \mathrm{HTH}, \mathrm{THH}\}$ और $\mathrm{B}=\{\mathrm{HTH}, \mathrm{THH}, \mathrm{HHH}\}$, एक सिक्के की तीन उछालों के परीक्षण की दो घटनाएँ हैं।

स्पष्टतया

$\mathrm{A} \cup \mathrm{B}=\{\mathrm{HHT}, \mathrm{HTH}, \mathrm{THH}, \mathrm{HHH}\}$

अब

$$ \mathrm{P}(\mathrm{A} \cup \mathrm{B})=\mathrm{P}(\mathrm{HHT})+\mathrm{P}(\mathrm{HTH})+\mathrm{P}(\mathrm{THH})+\mathrm{P}(\mathrm{HHH}) $$

यदि सभी परिणाम सम संभाव्य हों तो

$$ P(A \cup B)=\frac{1}{8}+\frac{1}{8}+\frac{1}{8}+\frac{1}{8}=\frac{4}{8}=\frac{1}{2} $$

साथ ही $\mathrm{P}(\mathrm{A})=\mathrm{P}(\mathrm{HHT})+\mathrm{P}(\mathrm{HTH})+\mathrm{P}(\mathrm{THH})=\frac{3}{8}$

और

$$ \mathrm{P}(\mathrm{B})=\mathrm{P}(\mathrm{HTH})+\mathrm{P}(\mathrm{THH})+\mathrm{P}(\mathrm{HHH})=\frac{3}{8} $$

इसलिए

$$ \mathrm{P}(\mathrm{A})+\mathrm{P}(\mathrm{B})=\frac{3}{8}+\frac{3}{8}=\frac{6}{8} $$

यह स्पष्ट है कि $\mathrm{P}(\mathrm{A} \cup \mathrm{B}) \neq \mathrm{P}(\mathrm{A})+\mathrm{P}(\mathrm{B})$

बिंदुओं $\mathrm{HTH}$ और THH, A तथा B में उभयनिष्ठ अवयव हैं। $\mathrm{P}(\mathrm{A})+\mathrm{P}(\mathrm{B})$ के परिकलन में HTH और THH, (अर्थात् $\mathrm{A} \cap \mathrm{B}$ के अवयव) की प्रायिकता को दो बार सम्मिलित किया गया है। अत: $\mathrm{P}(\mathrm{A} \cup \mathrm{B})$ को ज्ञात करने के लिए हमें $\mathrm{A} \cap \mathrm{B}$ के प्रतिदर्श बिंदुओं की प्रायिकताओं को $\mathrm{P}(\mathrm{A})+\mathrm{P}(\mathrm{B})$ में से घटाना होगा।

अर्थात् $\mathrm{P}(\mathrm{A} \cup \mathrm{B})=\mathrm{P}(\mathrm{A})+\mathrm{P}(\mathrm{B})-\sum \mathrm{P}\left(\omega _{i}\right), \forall \omega _{i} \in \mathrm{A} \cap \mathrm{B}$

$$ =\mathrm{P}(\mathrm{A})+\mathrm{P}(\mathrm{B})-\mathrm{P}(\mathrm{A} \cup \mathrm{B}) $$

अत: $\mathrm{P}(\mathrm{A} \cup \mathrm{B})=\mathrm{P}(\mathrm{A})+\mathrm{P}(\mathrm{B})-\mathrm{P}(\mathrm{A} \cap \mathrm{B})$

व्यापकतः यदि $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ किसी परीक्षण की कोई दो घटनाएँ हैं तब किसी घटना की प्रायिकता की परिभाषा के अनुसार हमें प्राप्त होता है कि

$$ \mathrm{P}(\mathrm{A} \cup \mathrm{B})=\sum p\left(\omega _{i}\right), \forall \omega _{i} \in \mathrm{A} \cup \mathrm{B} . $$

क्योंकि

$$ \mathrm{A} \cup \mathrm{B}=(\mathrm{A}-\mathrm{B}) \cup(\mathrm{A} \cap \mathrm{B}) \cup(\mathrm{B}-\mathrm{A}) \text {, इसलिए } $$

$\mathrm{P}(\mathrm{A} \cup \mathrm{B})=\left[\sum \mathrm{P}\left(\omega _{i}\right) \forall \omega _{i} \in(\mathrm{A}-\mathrm{B})\right]+\left[\sum \mathrm{P}\left(\omega _{i}\right) \forall \omega _{i} \in \mathrm{A} \cap \mathrm{B}\right]+\left[\sum \mathrm{P}\left(\omega _{i}\right) \forall \omega _{i} \in \mathrm{B}-\mathrm{A}\right]$ (क्योंकि $\mathrm{A}-\mathrm{B}, \mathrm{A} \cap \mathrm{B}$ और $\mathrm{B}-\mathrm{A}$ परस्पर अपवर्जी हैं।

साथ ही $\mathrm{P}(\mathrm{A})+\mathrm{P}(\mathrm{B})=\left[\sum p\left(\omega _{i}\right) \forall \omega _{i} \in \mathrm{A}\right]+\left[\sum p\left(\omega _{i}\right) \forall \omega _{i} \in \mathrm{B}\right]$

$$ \begin{aligned} & =\left[\sum \mathrm{P}\left(\omega _{i}\right) \forall \omega _{i} \in(\mathrm{A}-\mathrm{B}) \cup(\mathrm{A} \cap \mathrm{B})\right]+\left[\sum \mathrm{P}\left(\omega _{i}\right) \forall \omega _{i} \in(\mathrm{B}-\mathrm{A}) \cup(\mathrm{A} \cap \mathrm{B})\right] \\ & =\left[\sum \mathrm{P}\left(\omega _{i}\right) \forall \omega _{i} \in(\mathrm{A}-\mathrm{B})\right]+\left[\sum \mathrm{P}\left(\omega _{i}\right) \forall \omega _{i} \in(\mathrm{A} \cap \mathrm{B})\right]+\left[\sum \mathrm{P}\left(\omega _{i}\right) \forall \omega _{i} \in(\mathrm{B}-\mathrm{A})\right] \\ & +\left[\sum \mathrm{P}\left(\omega _{i}\right) \forall \omega _{i} \in(\mathrm{A} \cap \mathrm{B})\right] \end{aligned} $$

अत: $\mathrm{P}(\mathrm{A} \cup \mathrm{B})=\mathrm{P}(\mathrm{A})+\mathrm{P}(\mathrm{B})-\mathrm{P}(\mathrm{A} \cap \mathrm{B})$.

इस सूत्र का वैकल्पिक प्रमाण निम्नलिखित प्रकार से भी दिया जा सकता है।

$\mathrm{A} \cup \mathrm{B}=\mathrm{A} \cup(\mathrm{B}-\mathrm{A})$ जहाँ $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}-\mathrm{A}$ परस्पर अपवर्जी हैं।

और $\mathrm{B}=(\mathrm{A} \cap \mathrm{B}) \cup(\mathrm{B}-\mathrm{A})$ जहाँ $\mathrm{A} \cap \mathrm{B}$ और $\mathrm{B}-\mathrm{A}$ परस्पर अपवर्जी हैं।

प्रायिकता की अभिगृहीत (iii) द्वारा, हमें प्राप्त होता है कि

$\mathrm{P}(\mathrm{A} \cup \mathrm{B})=\mathrm{P}(\mathrm{A})+\mathrm{P}(\mathrm{B}-\mathrm{A})$

और

$P(B)=P(A \cap B)+P(B-A)$

(2) में से (3) घटाने पर,

$$ P(A \cup B)-P(B)=P(A)-P(A \cap B) $$

$$ \text { या } \quad \mathrm{P}(\mathrm{A} \cup \mathrm{B})=\mathrm{P}(\mathrm{A})+\mathrm{P}(\mathrm{B})-\mathrm{P}(\mathrm{A} \cap \mathrm{B}) $$

उपर्युक्त परिणाम को वेन्-आरेख (आकृति 14.1) का अवलोकन करके भी पुनः सत्यापित किया जा सकता है।

आकृति 14.1

यदि $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ असंयुक्त समुच्चय हों अर्थात् ये दोनों परस्पर अपवर्जी घटनाएँ हों तो $(\mathrm{A} \cap \mathrm{B})=\phi$ इसलिए, $\mathrm{P}(\mathrm{A} \cap \mathrm{B})=\mathrm{P}(\phi)=0$

अतः परस्पर अपवर्जी घटनाओं $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$, के लिए, हम पाते हैं

$$ \mathrm{P}(\mathrm{A} \cup \mathrm{B})=\mathrm{P}(\mathrm{A})+\mathrm{P}(\mathrm{B}) \text {, जो कि प्रायिकता की अभिगृहीत (iii) ही है। } $$

14.2.4 घटना ’ $A$-नहीं’ की प्रायिकता (Probability of event ’not $A^{\prime}$ ‘)

1 से 10 तक अंकित पूर्णांकों वाले दस पत्तों के डेक में से एक पत्ता निकालने के परीक्षण की घटना $\mathrm{A}=\{2,4,6,8\}$ पर विचार कीजिए। स्पष्टतया प्रतिदर्श समष्टि $\mathrm{S}=\{1,2,3, \ldots, 10\}$ है।

यदि सभी परिणामों $1,2,3, \ldots, 10$ को सम संभाव्य मान लें तो प्रत्येक परिणाम की प्रायिकता $\frac{1}{10}$ होगी।

अब

$$ \begin{aligned} \mathrm{P}(\mathrm{A}) & =\mathrm{P}(2)+\mathrm{P}(4)+\mathrm{P}(6)+\mathrm{P}(8) \\ & =\frac{1}{10}+\frac{1}{10}+\frac{1}{10}+\frac{1}{10}=\frac{4}{10}=\frac{2}{5} \end{aligned} $$

साथ ही घटना ’ $\mathrm{A}$-नहीं ’ $=\mathrm{A}^{\prime}=\{1,3,5,7,9,10\}$

अब

$$ \begin{aligned} \mathrm{P}\left(\mathrm{A}^{\prime}\right) & =\mathrm{P}(1)+\mathrm{P}(3)+\mathrm{P}(5)+\mathrm{P}(7)+\mathrm{P}(9)+\mathrm{P}(10) \\ & =\frac{6}{10}=\frac{3}{5} \end{aligned} $$

इस प्रकार $\mathrm{P}\left(\mathrm{A}^{\prime}\right)=\frac{3}{5}=1-\frac{2}{5}=1-\mathrm{P}(\mathrm{A})$

साथ ही हमें यह भी पता है कि $\mathrm{A}^{\prime}$ तथा $\mathrm{A}$ परस्पर अपवर्जी और निःशेष घटनाएँ हैं। अत:

$$ \mathrm{A} \cap \mathrm{A}^{\prime}=\phi \text { और } \mathrm{A} \cup \mathrm{A}^{\prime}=\mathrm{S} $$

या

$\mathrm{P}\left(\mathrm{A} \cup \mathrm{A}^{\prime}\right)=\mathrm{P}(\mathrm{S})$

अब

$$ \mathrm{P}(\mathrm{A})+\mathrm{P}\left(\mathrm{A}^{\prime}\right)=1, \quad \text { अभिगृहीतों (ii) और (iii) के प्रयोग द्वारा } $$

या

$$ \mathrm{P}\left(\mathrm{A}^{\prime}\right)=\mathrm{P}(\mathrm{A} \text { नहीं })=1-\mathrm{P}(\mathrm{A}) $$

आइए सम संभावित परिणामों वाले परीक्षणों के लिए कुछ उदाहरणों व प्रश्नों पर विचार करें, जब तक कि अन्यथा न कहा गया हो।

प्रश्नावली 14.2

1. प्रतिदर्श समष्टि $\mathrm{S}=\left\{\omega _{1}, \omega _{2}, \omega _{3}, \omega _{4}, \omega _{5}, \omega _{6}, \omega _{7}\right\}$ के परिणामों के लिए निम्नलिखित में से कौन से प्रायिकता निर्धारण वैध नहीं है:

परिणाम $\omega _{1}$ $\omega _{2}$ $\omega _{3}$ $\omega _{4}$ $\omega _{5}$ $\omega _{6}$ $\omega _{7}$
(a) 0.1 0.01 0.05 0.03 0.01 0.2 0.6
(b) $\frac{1}{7}$ $\frac{1}{7}$ $\frac{1}{7}$ $\frac{1}{7}$ $\frac{1}{7}$ $\frac{1}{7}$ $\frac{1}{7}$
(c) 0.1 0.2 0.3 0.4 0.5 0.6 0.7
(d) 0.1 0.2 0.3 0.4 -0.2 0.1 0.3
(e) $\frac{1}{14}$ $\frac{2}{14}$ $\frac{3}{14}$ $\frac{4}{14}$ $\frac{5}{14}$ $\frac{6}{14}$ $\frac{15}{14}$

2. एक सिक्का दो बार उछाला जाता है। कम से कम एक पट् प्राप्त होने की क्या प्रायिकता है?

3. एक पासा फेंका जाता है। निम्नलिखित घटनाओं की प्रायिकता ज्ञात कीजिए:

(i) एक अभाज्य संख्या प्रकट होना

(ii) 3 या 3 से बड़ी संख्या प्रकट होना

(iii) 1 या 1 से छोटी संख्या प्रकट होना

(iv) छः से बड़ी संख्या प्रकट होना

(v) छः से छोटी संख्या प्रकट होना

4. ताश की गड्डी के 52 पत्तों में से एक पत्ता यादृच्छया निकाला गया है।

(a) प्रतिदर्श समष्टि में कितने बिंदु हैं?

(b) पत्ते का हुकुम का इक्का होने की प्रायिकता क्या है?

(c) प्रायिकता ज्ञात कीजिए कि पत्ता (i) इक्का है (ii) काले रंग का है।

5. एक अनभिनत (unbiased) सिक्का जिसके एक तल पर 1 और दूसरे तल पर 6 अंकित है तथा एक अनभिनत पासा दोनों को उछाला जाता है। प्रायिकता ज्ञात कीजिए कि प्रकट संख्याओं का योग (i) 3 है। (ii) 12 है।

6. नगर परिषद् में चार पुरुष व छः स्त्रियाँ हैं। यदि एक समिति के लिए यादृच्छया एक परिषद् सदस्य चुना गया है तो एक स्त्री के चुने जाने की कितनी संभावना है?

7. एक अनभिनत सिक्के को चार बार उछाला जाता है और एक व्यक्ति प्रत्येक चित्त पर एक रू जीतता है और प्रत्येक पट् पर 1.50 रू हारता है। इस परीक्षण के प्रतिदर्श समष्टि से ज्ञात कीजिए कि आप चार उछालों में कितनी विभिन्न राशियाँ प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही इन राशियों में से प्रत्येक की प्रायिकता भी ज्ञात कीजिए?

8. तीन सिक्के एक बार उछाले जाते हैं। निम्नलिखित की प्रायिकता ज्ञात कीजिए:

(i) तीन चित्त प्रकट होना

(ii) 2 चित्त प्रकट होना

(iii) न्यूनतम 2 चित्त प्रकट होना

(iv) अधिकतम 2 चित्त प्रकट होना

(v) एक भी चित्त प्रकट न होना

(vi) 3 पट् प्रकट होना

(vii) तथ्यत: 2 पट् प्रकट होना

(viii) कोई भी पट् न प्रकट होना

(ix) अधिकतम 2 पट् प्रकट होना

9. यदि किसी घटना $\mathrm{A}$ की प्रायिकता $\frac{2}{11}$ है तो घटना ’ $\mathrm{A}$-नहीं’ की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।

10. शब्द ‘ASSASSINATION’ से एक अक्षर यादृच्छया चुना जाता है। प्रायिकता ज्ञात कीजिए कि चुना गया अक्षर (i) एक स्वर (vowel) है (ii) एक व्यंजन (consonant) है।

11. एक लाटरी में एक व्यक्ति 1 से 20 तक की संख्याओं में से छः भिन्न-भिन्न संख्याएँ यादृच्छया चुनता है और यदि ये चुनी गई छः संख्याएँ उन छः संख्याओं से मेल खाती हैं, जिन्हें लाटरी समिति ने पूर्वनिर्धारित कर रखा है, तो वह व्यक्ति इनाम जीत जाता है। लाटरी के खेल में इनाम जीतने की प्रायिकता क्या है? [संकेतः संख्याओं के प्राप्त होने का क्रम महत्वपूर्ण नहीं है]

12. जाँच कीजिए कि निम्न प्रायिकताएँ $\mathrm{P}(\mathrm{A})$ और $\mathrm{P}(\mathrm{B})$ युक्ति संगत (consistently) परिभाषित की गई हैं:

(i) $\mathrm{P}(\mathrm{A})=0.5, \mathrm{P}(\mathrm{B})=0.7, \mathrm{P}(\mathrm{A} \cap \mathrm{B})=0.6$

(ii) $\mathrm{P}(\mathrm{A})=0.5, \mathrm{P}(\mathrm{B})=0.4, \mathrm{P}(\mathrm{A} \cup \mathrm{B})=0.8$

13. निम्नलिखित सारणी में खाली स्थान भरिए:

$\mathbf{P}(\mathbf{A})$ $\mathbf{P}(\mathbf{B})$ $\mathbf{P}(\mathbf{A} \cap \mathbf{B})$ $\mathbf{P}(\mathbf{A} \cup \mathbf{B})$
$\frac{1}{3}$ $\frac{1}{5}$ $\frac{1}{15}$ $\ldots$
0.35 $\ldots .35$ 0.25 0.6
0.5 0.35 $\ldots$ 0.7

14. $\mathrm{P}(\mathrm{A})=\frac{3}{5}$ और $\mathrm{P}(\mathrm{B})=\frac{1}{5}$, दिया गया है। यदि $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ परस्पर अपवर्जी घटनाएँ हैं, तो $\mathrm{P}(\mathrm{A}$ या $\mathrm{B})$, ज्ञात कीजिए।

15. यदि $\mathrm{E}$ और $\mathrm{F}$ घटनाएँ इस प्रकार हैं कि $\mathrm{P}(\mathrm{E})=\frac{1}{4}, \mathrm{P}(\mathrm{F})=\frac{1}{2}$ और $\mathrm{P}(\mathrm{E}$ और $\mathrm{F})=\frac{1}{8}$, तो ज्ञात कीजिए (i) $\mathrm{P}(\mathrm{E}$ या $\mathrm{F}$ ) (ii) $\mathrm{P}(\mathrm{E}$-नहीं और $\mathrm{F}$-नहीं)।

16. घटनाएँ $\mathrm{E}$ और $\mathrm{F}$ इस प्रकार हैं कि $\mathrm{P}(\mathrm{E}$-नहीं और $\mathrm{F}-$ नहीं $)=0.25$, बताइए कि $\mathrm{E}$ और $\mathrm{F}$ परस्पर अपवर्जी हैं या नहीं?

17. घटनाएँ $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ इस प्रकार हैं कि $\mathrm{P}(\mathrm{A})=0.42, \mathrm{P}(\mathrm{B})=0.48$ और $\mathrm{P}(\mathrm{A}$ और $\mathrm{B})=0.16$. ज्ञात कीजिए: (i) $\mathrm{P}(\mathrm{A}-$ नहीं) (ii) $\mathrm{P}$ ( $\mathrm{B}$-नहीं) (iii) $\mathrm{P}(\mathrm{A}$ या $\mathrm{B})$

18. एक पाठशाला की कक्षा $\mathrm{XI}$ के $40 %$ विद्यार्थी गणित पढ़ते हैं और $30 %$ जीव विज्ञान पढ़ते हैं। कक्षा के $10 %$ विद्यार्थी गणित और जीव विज्ञान दोनों पढ़ते हैं। यदि कक्षा का एक विद्यार्थी यादृच्छया चुना जाता है, तो प्रायिकता ज्ञात कीजिए कि वह गणित या जीव विज्ञान पढ़ता होगा।

19. एक प्रवेश परीक्षा को दो परीक्षणों (Tests)के आधार पर श्रेणीबद्ध किया जाता है। किसी यादृच्छया चुने गए विद्यार्थी की पहले परीक्षण में उत्तीर्ण होने की प्रायकिता 0.8 है और दूसरे परीक्षण में उत्तीर्ण होने की प्रायिकता 0.7 है। दोनों में से कम से कम एक परीक्षण उत्तीर्ण करने की प्रायिकता 0.95 है। दोनों परीक्षणों को उत्तीर्ण करने की प्रायिकता क्या है?

20. एक विद्यार्थी के अंतिम परीक्षा के अंग्रेजी और हिंदी दोनों विषयों को उत्तीर्ण करने की प्रायिकता 0.5 है और दोनों में से कोई भी विषय उत्तीर्ण न करने की प्रायिकता 0.1 है। यदि अंग्रेज़ी की परीक्षा उत्तीर्ण करने की प्रायिकता 0.75 हो तो हिंदी की परीक्षा उत्तीर्ण करने की प्रायिकता क्या है?

21. एक कक्षा के 60 विद्यार्थियों में से 30 ने एन. सी. सी. (NCC), 32 ने एन. एस. एस. (NSS) और 24 ने दोनों को चुना है। यदि इनमें से एक विद्यार्थी यादृच्छया चुना गया है तो प्रायिकता ज्ञात कीजिए कि

(i) विद्यार्थी ने एन.सी.सी. या एन.एस.एस. को चुना है।

(ii) विद्यार्थी ने न तो एन.सी.सी. और न ही एन.एस.एस. को चुना है।

(iii) विद्यार्थी ने एन.एस.एस. को चुना है किंतु एन.सी.सी. को नहीं चुना है।

अध्याय 14 पर विविध प्रश्नावली

1. एक डिब्बे में 10 लाल, 20 नीली व 30 हरी गोलियाँ रखी हैं। डिब्बे से 5 गोलियाँ यादृच्छया निकाली जाती हैं। प्रायिकता क्या है कि (i) सभी गोलियाँ नीली हैं? (ii) कम से कम एक गोली हरी है?

2. ताश के 52 पत्तों की एक अच्छी तरह फेंटी गई गड्डी से 4 पत्ते निकाले जाते हैं। इस बात की क्या प्रायिकता है कि निकाले गए पत्तों में 3 ईंट और एक हुकुम का पत्ता है?

3. एक पासे के दो फलकों में से प्रत्येक पर संख्या ’ 1 ’ अंकित है, तीन फलकों में प्रत्येक पर संख्या ’ 2 ’ अंकित है और एक फलक पर संख्या ’ 3 ’ अंकित है। यदि पासा एक बार फेंका जाता है, तो निम्नलिखित ज्ञात कीजिए:

(i) $\mathrm{P}(2)$

(ii) $\mathrm{P}(1$ या 3$)$

(iii) $\mathrm{P}$ (3-नहीं)

4. एक लाटरी में 10000 टिकट बेचे गए जिनमें दस समान इनाम दिए जाने हैं। कोई भी ईनाम न मिलने की प्रायिकता क्या है यदि आप (a) एक टिकट खरीदते हैं (b) दो टिकट खरीदते हैं (c) 10 टिकट खरीदते हैं?

5. 100 विद्यार्थियों में से 40 और 60 विद्यार्थियों के दो वर्ग बनाए गए हैं। यदि आप और आपका एक मित्र 100 विद्यार्थियों में हैं तो प्रायिकता क्या है कि

(a) आप दोनों एक ही वर्ग में हों?

(b) आप दोनों अलग-अलग वर्गों में हों?

6. तीन व्यक्तियों के लिए तीन पत्र लिखवाए गए हैं और प्रत्येक के लिए पता लिखा एक लिफाफा है। पत्रों को लिफाफों में यादृच्छया इस प्रकार डाला गया कि प्रत्येक लिफाफे में एक ही पत्र है। प्रायिकता ज्ञात कीजिए कि कम से कम एक पत्र अपने सही लिफाफे में डाला गया है।

7. $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ दो घटनाएँ इस प्रकार हैं कि $\mathrm{P}(\mathrm{A})=0.54, \mathrm{P}(\mathrm{B})=0.69$ और $\mathrm{P}(\mathrm{A} \cap \mathrm{B})=0.35$. ज्ञात कीजिए: (i) $\mathrm{P}(\mathrm{A} \cup \mathrm{B})$ (ii) $\mathrm{P}\left(\mathrm{A}^{\prime} \cap \mathrm{B}^{\prime}\right)$ (iii) $\mathrm{P}\left(\mathrm{A} \cap \mathrm{B}^{\prime}\right)$ (iv) $\mathrm{P}\left(\mathrm{B} \cap \mathrm{A}^{\prime}\right)$

8. एक संस्था के कर्मचारियों में से 5 कर्मचारियों का चयन प्रबंध समिति के लिए किया गया है। पाँच कर्मचारियों का ब्योरा निम्नलिखित है:

क्रम नाम लिंग आयु ( वर्षो में )
1. हरीश $\mathrm{M}$ 30
2. रोहन $\mathrm{M}$ 33
3. शीतल $\mathrm{F}$ 46
4. ऐलिस $\mathrm{F}$ 28
5. सलीम $\mathrm{M}$ 41

इस समूह से प्रवक्ता पद के लिए यादृच्छया एक व्यक्ति का चयन किया गया। प्रवक्ता के पुरुष या 35 वर्ष से अधिक आयु का होने की क्या प्रायिकता है?

9. यदि $0,1,3,5$ और 7 अंकों द्वारा 5000 से बड़ी चार अंकों की संख्या का यादृच्छया निर्माण किया गया हो तो पाँच से भाज्य संख्या के निर्माण की क्या प्रायिकता है जब, (i) अंकों की पुनरावृत्ति नहीं की जाए? (ii) अंकों की पुनरावृत्ति की जाए?

10. किसी अटैची के ताले में चार चक्र लगे हैं जिनमें प्रत्येक पर 0 से 9 तक 10 अंक अंकित हैं। ताला चार अंकों के एक विशेष क्रम (अंकों की पुनरावृत्ति नहीं) द्वारा ही खुलता है। इस बात की क्या प्रायिकता है कि कोई व्यक्ति अटैची खोलने के लिए सही क्रम का पता लगा ले?

सारांश

इस अध्याय में हमने प्रायिकता की अभिगृहीतीय तरीका के विषय में पढ़ा है। इस अध्याय की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

  • घटना: प्रतिदर्श समष्टि का एक उपसमुच्चय

  • असंभव घटना: रिक्त समुच्चय

  • निश्चित घटनाः पूर्ण प्रतिदर्श समष्टि

  • पूरक घटना या नहीं-घटना : समुच्चय $\mathrm{A}^{\prime}$ या $\mathrm{S}-\mathrm{A}$

  • घटना $\mathbf{A}$ या $\mathbf{B}:$ समुच्चय $\mathrm{A} \cup \mathrm{B}$

  • घटना $\mathbf{A}$ और $\mathbf{B}$ : समुच्चय $\mathrm{A} \cap \mathrm{B}$

  • घटना $\mathbf{A}$ किंतु $\mathbf{B}$ नहीं: समुच्चय $\mathrm{A}-\mathrm{B}$

  • परस्पर अपवर्जी घटनाएँ: $\mathbf{A}$ और $\mathbf{B}$ परस्पर अपवर्जी होती हैं यदि $\mathrm{A} \cap \mathrm{B}=\phi$

  • नि:शेष व परस्पर अपवर्जी घटनाएँ : घटनाएँ $\mathrm{E} _{1}, \mathrm{E} _{2}, \ldots, \mathrm{E} _{n}$ परस्पर अपवर्जी व नि:शेष हैं यदि $\mathrm{E} _{1} \cup \mathrm{E} _{2} \cup \ldots \cup \mathrm{E} _{n}=\mathrm{S}$ और $\mathrm{E} _{i} \cap \mathrm{E} _{j}=\phi \forall i \neq j$

  • प्रायिकता : प्रत्येक प्रतिदर्श बिंदु $\omega _{i}$ के संगत एक संख्या $\mathrm{P}\left(\omega _{i}\right)$ ऐसी है कि

    (i) $0 \leq \mathrm{P}\left(\omega _{i}\right) \leq 1$

    (ii) $\sum \mathrm{P}\left(\omega _{i}\right)$ सभी $\omega _{i} \in \mathrm{S}=1$

    (iii) $\mathrm{P}(\mathrm{A})=\sum \mathrm{P}\left(\omega _{i}\right)$ सभी $\omega _{i} \in \mathrm{A}$

    संख्या $\mathrm{P}\left(\omega _{i}\right)$ परिणाम $\omega _{i}$ की प्रायिकता कहा जाता है।

  • सम संभावित परिणाम : समान प्रायिकता वाले सभी परिणाम

  • घटना की प्रायिकता : एक सम संभावित परिणामों वाले परिमित प्रतिदर्श समष्टि के लिए घटना $\mathrm{A}$ की प्रायिकता $\mathrm{P}(\mathrm{A})=\frac{n(\mathrm{~A})}{n(\mathrm{~S})}$, जहाँ $n(\mathrm{~A})=$ समुच्चय $\mathrm{A}$ में अवयवों की संख्या और $n(\mathrm{~S})=$ समुच्चय $\mathrm{S}$ में अवयवों की संख्या

  • यदि $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ कोई दो घटनाएँ हैं, तो

$\mathrm{P}(\mathrm{A}$ या $\mathrm{B})=\mathrm{P}(\mathrm{A})+\mathrm{P}(\mathrm{B})-\mathrm{P}(\mathrm{A}$ और $\mathrm{B})$

समतुल्यत: $\mathrm{P}(\mathrm{A} \cup \mathrm{B})=\mathrm{P}(\mathrm{A})+\mathrm{P}(\mathrm{B})-\mathrm{P}(\mathrm{A} \cap \mathrm{B})$

  • यदि $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ परस्पर अपवर्जी हैं, तो $\mathrm{P}(\mathrm{A}$ या $\mathrm{B})=\mathrm{P}(\mathrm{A})+\mathrm{P}(\mathrm{B})$

  • किसी घटना $\mathrm{A}$ के लिए

    $\mathrm{P}(\mathrm{A}-$ नहीं $)=1-\mathrm{P}(\mathrm{A})$

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

प्रायिकता सिद्धांत का विकास, गणित की अन्य शाखाओं की भाँति, व्यावहारिक कारणों से हुआ है। इसकी उत्पत्ति 16 वीं शताब्दी में हुई थी जब इटली ने एक चिकित्सक तथा गणितज्ञ Jerome Cardan (1501-1576) ने इस विषय पर पहली पुस्तक ‘संयोग के खेलों पर, (Biber de Ludo Aleae) लिखी। यह पुस्तक उनके मरणोपरांत सन् 1633 में प्रकाशित हुई।

सन् 1654 में, Chevaliar de Mere नामक जुआरी ने, पासे से संबधित कुछ समस्याओं को लेकर सुप्रसिद्ध फ्रांसीसी दार्शनिक एवं गणितज्ञ Blaise Pascal (1623-1662) से संपर्क किया। Pascal इस प्रकार की समस्याओं में रुचि लेने लगे और उन्होंने इसकी चर्चा विख्यात फ्रांसीसी गणितज्ञ Pierre de Fermat (1601-1665) से की। Pascal और Fermat दोनों ने स्वतंत्र रूप से समस्याओं को हल किया।

Pascal और Fermat के अतिरिक्त एक डच निवासी Christian Huygenes (1929-1695), एक स्विस निवासी J.Bernoulli (1651-1705), एक फ्रांसीसी A.De Moivre (1667-1754), एक अन्य फ्रांस निवासी Pierre Laplace (1749-1827) तथा रूसी P.L.Chebyechav (1821-1894), A.A.Morkov (1856-1922) और A.N.Kolmogorove ने भी प्रायिकता सिद्धांत में विशिष्ट योगदान दिया। प्रायिकता सिद्धांत के अभिगृहीतिकरण का श्रेय Kolmogorove को मिला है। सन 1933 में प्रकाशित उनकी पुस्तक ‘प्रायिकता के आधार’ (Foundation of Probability) में प्रायिकता को समुच्चय फलन के रूप में प्रस्तुत किया गया है और यह पुस्तक एक क्लासिक (Classic) मानी जाती है।



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