निर्देशांक ज्यामिति

7.1 भूमिका

कक्षा IX में, आप पढ़ चुके हैं कि एक तल पर किसी बिंदु की स्थिति निर्धारित करने के लिए, हमें निर्देशांक अक्षों के एक युग्म की आवश्यकता होती है। किसी बिंदु की y-अक्ष से दूरी उस बिंदु का x-निर्देशांक या भुज (abscissa) कहलाती है। किसी बिंदु की x-अक्ष से दूरी, उस बिंदु का y-निर्देशांक या कोटि (ordinate) कहलाती है। x-अक्ष पर स्थित किसी बिंदु के निर्देशांक (x,0) के रूप के होते हैं तथा y-अक्ष पर स्थित किसी बिंदु के निर्देशांक (0,y) के रूप के होते हैं।

यहाँ आपके लिए एक खेल दिया जा रहा है। एक आलेख कागज़ पर लांबिक अक्षों (perpendicular axes) का एक युग्म खींचिए। अब निम्नलिखित बिंदुओं को आलेखित कीजिए और दिए गए निर्देशों के अनुसार उन्हें मिलाइए। बिंदु A(4,8) को B(3,9) से, B को C(3,8) से, C को D(1,6) से, D को E(1,5) से, E को F(3,3) से, F को G(6,3) से, G को H(8,5) से, H को I(8,6) से, I को J(6,8) से, J को K(6,9) से, K को L(5,8) से और L को A से मिलाइए। इसके बाद, बिंदुओं P(3.5,7),Q(3,6) और R(4,6) को जोड़ कर एक त्रिभुज बनाइए। साथ ही, एक त्रिभुज बनाने के लिए बिंदुओं X(5.5,7),Y(5,6) और Z(6,6) को मिलाइए। अब एक और त्रिभुज बनाने के लिए, बिंदुओं S(4,5),T(4.5,4) और U(5,5) को मिलाइए। अंत में, बिंदु S को बिंदुओं (0,5) और (0,6) से मिलाइए तथा बिंदु U को बिंदुओं (9,5) और (9,6) से मिलाइए। आपको कौन-सा चित्र प्राप्त होता है?

साथ ही, आप यह भी देख चुके हैं कि ax+by+c=0 (जहाँ a और b एक साथ शून्य न हों) के रूप की दो चरों वाली एक समीकरण को जब आलेखीय रूप से निरूपित करते हैं, तो एक सरल रेखा प्राप्त होती है। साथ ही, अध्याय 2 में आप देख चुके हैं कि y=ax2+bx+c(a0) का आलेख एक परवलय (parabola) होता है। वस्तुतः, आकृतियों की ज्यामिति का अध्ययन करने के लिए, निर्देशांक ज्यामिति (coordinate geometry) एक बीजीय साधन (algebraic tool) के रूप में विकसित की गई है। यह बीजगणित का प्रयोग करके ज्यामिति का अध्ययन करने में सहायता करती है तथा बीजगणित को ज्यामिति द्वारा समझने में भी सहायक होती है। इसी कारण, निर्देशांक ज्यामिति के विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक अनुप्रयोग हैं, जैसे भौतिकी, इंजीनियरिंग, समुद्री-परिवहन (या नौ-गमन) (navigation), भूकंप शास्त्र संबंधी (seismology) और कला।

इस अध्याय में, आप यह सीखेंगे कि दो बिंदुओं, जिनके निर्देशांक दिए हुए हों, के बीच की दूरी किस प्रकार ज्ञात की जाती है तथा तीन दिए हुए बिंदुओं से बने त्रिभुज का क्षेत्रफल किस प्रकार ज्ञात किया जाता है। आप इसका भी अध्ययन करेंगे कि दिए हुए दो बिंदुओं को मिलाने से बने रेखाखंड को एक दिए गए अनुपात में विभाजित करने वाले बिंदु के निर्देशांक किस प्रकार ज्ञात किए जाते हैं।

7.2 दूरी सूत्र

आइए निम्नलिखित स्थिति पर विचार करें:

एक शहर B एक अन्य शहर A से 36 km पूर्व (east) और 15 km उत्तर (north) की ओर है। आप शहर B की शहर A से दूरी बिना वास्तविक मापन के किस प्रकार ज्ञात कर सकते हैं? आइए देखें। इस स्थिति को, आलेखीय रूप से, आकृति 7.1 की तरह दर्शाया जा सकता है। अब, आप वांछित दूरी ज्ञात करने के लिए, पाइथागोरस प्रमेय का प्रयोग कर सकते हैं।

अब, मान लीजिए दो बिंदु x-अक्ष पर स्थित हैं। क्या हम इनके बीच की दूरी ज्ञात कर सकते हैं? उदाहरणार्थ, आकृति 7.2 के दो बिंदुओं A(4,0) और B(6,0) पर विचार कीजिए। बिंदु A और B,x-अक्ष पर स्थित है।

आकृति से आप देख सकते हैं कि OA= 4 मात्रक (इकाई) और OB=6 मात्रक हैं।

अतः, A से B की दूरी AB=OBOA= (64) मात्रक =2 मात्रक है।

आकृति 7.2

इस प्रकार, यदि दो बिंदु x-अक्ष पर स्थित हों, तो हम उनके बीच की दूरी सरलता से ज्ञात कर सकते हैं।

अब, मान लीजिए, हम y-अक्ष पर स्थित कोई दो बिंदु लेते हैं। क्या हम इनके बीच की दूरी ज्ञात कर सकते हैं? यदि बिंदु C(0,3) और D(0,8),y-अक्ष पर स्थित हों, तो हम दूरी ऊपर की भाँति ज्ञात कर सकते हैं अर्थात् दूरी CD=(83) मात्रक =5 मात्रक है (देखिए आकृति 7.2)।

पुनः, क्या आप आकृति 7.2 में, बिंदु C से बिंदु A की दूरी ज्ञात कर सकते हैं? चूँकि OA=4 मात्रक और OC=3 मात्रक हैं, इसलिए C से A की दूरी AC=32+42=5 मात्रक है। इसी प्रकार, आप D से B की दूरी BD=10 मात्रक ज्ञात कर सकते हैं।

अब, यदि हम ऐसे दो बिंदुओं पर विचार करें, जो निर्देशांक अक्षों पर स्थित नहीं हैं, तो क्या हम इनके बीच की दूरी ज्ञात कर सकते हैं? हाँ! ऐसा करने के लिए, हम पाइथागोरस प्रमेय का प्रयोग करेंगे। आइए एक उदाहरण लेकर देखें।

आकृति 7.3 में, बिंदु P(4,6) और Q(6,8) प्रथम चतुर्थांश (first quadrant) में स्थित हैं। इनके बीच की दूरी ज्ञात करने के लिए, हम पाइथागोरस प्रमेय का प्रयोग कैसे करते हैं? आइए P और Q से x-अक्ष पर क्रमशः लंब PR और QS खीचें। साथ ही, P से QS पर एक लंब डालिए जो QS को T पर प्रतिच्छेद करे। तब R और S के निर्देशांक क्रमशः (4,0) और (6,0) हैं। अतः, RS=2 मात्रक है। साथ ही, QS=8 मात्रक और TS=PR=6 मात्रक है। स्पष्ट है कि QT=2 मात्रक और PT=RS=2 मात्रक।

अब, पाइथागोरस प्रमेय के प्रयोग से, हमें प्राप्त होता है:

PQ2=PT2+QT2=22+22=8

अत:

PQ=22 मात्रक हुआ। 

आप दो भिन्न-भिन्न चतुर्थांशों में स्थित बिंदुओं के बीच की दूरी कैसे ज्ञात करेंगे?

बिंदुओं P(6,4) और Q(5,3) पर विचार कीजिए (देखिए आकृति 7.4)। x-अक्ष पर लंब QS खींचिए। साथ ही, बिंदु P से बढ़ाई हुई QS पर PT लंब खींचिए जो y-अक्ष को बिंदु R पर प्रतिच्छेद करे।

आकृति 7.3

आकृति 7.4

तब, PT=11 मात्रक और QT=7 मात्रक है (क्यों?)

समकोण त्रिभुज PTQ में, पाइथागोरस प्रमेय के प्रयोग से, हमें प्राप्त होता है: PQ=112+72=170 मात्रक

आइए, अब किन्हीं दो बिंदुओं P(x1,y1) और Q(x2,y2) के बीच की दूरी ज्ञात करें। x-अक्ष पर लंब PR और QS खींचिए। P से QS पर एक लंब खींचिए, जो उसे T पर प्रतिच्छेद करे (देखिए आकृति 7.5)।

तब, OR=x1,OS=x2 है। अत:, RS=x2x1=PT है।

साथ ही, SQ=y2 और ST=PR=y1 है। अत:, QT=y2y1 है। अब, PTQ में, पाइथागोरस प्रमेय के प्रयोग से, हमें प्राप्त होता है:

आकृति 7.5

PQ2=PT2+QT2=(x2x1)2+(y2y1)2PQ=(x2x1)2+(y2y1)2

अत :

ध्यान दें कि चूँकि दूरी सदैव ऋणेतर होती है, हम केवल धनात्मक वर्गमूल लेते हैं।

अत: P(x1,y1) और Q(x2,y2) के बिंदुओं के बीच की दूरी है

PQ=(x2x1)2+(y2y1)2

जो दूरी सूत्र (distance formula) कहलाता है।

टिप्पणियाँ :

1. विशेष रूप से, बिंदु P(x,y) की मूल बिंदु O(0,0) से दूरी

OP=x2+y2 होती है। 

2. हम PQ=(x1x2)2+(y1y2)2 भी लिख सकते हैं (क्यों?)

टिप्पणी: ऊपर दी गई टिप्पणी का प्रयोग करने से, हम देखते हैं कि (0,9),y-अक्ष और रेखाखंड AB के लंब समद्विभाजक का प्रतिच्छेद बिंदु है।

7.3 विभाजन सूत्र

आइए अनुच्छेद 7.2 में दी हुई स्थिति को याद करें। मान लीजिए कि टेलीफोन कंपनी शहरों A और B के बीच में एक प्रसारण टॉवर (relay tower) ऐसे स्थान P पर स्थापित करना चाहती है कि टॉवर की B से दूरी उसकी A से दूरी की दुगुनी हो। यदि P रेखाखंड AB पर स्थित

आकृति 7.9

है, तो यह AB को 1:2 के अनुपात में विभाजित करे। (देखिए आकृति 7.9)। यदि हम A को मूलबिंदु O मानें तथा 1 km को दोनों अक्षों पर 1 मात्रक मानें, तो B के निर्देशांक (36,15) होंगे। P की स्थिति जानने के लिए हमें P के निर्देशांक ज्ञात करने चाहिए। ये निर्देशांक हम किस प्रकार ज्ञात करें?

मान लीजिए P के निर्देशांक (x,y) हैं। P और B से x-अक्ष पर लंब खींचिए जो इसे क्रमशः D और E पर मिलें। BE पर लंब PC खींचिए जो उससे C पर मिले। तब, अध्याय 6 में, पढ़ी गई AA समरूपता कसौटी के प्रयोग से, POD और BPC समरूप हैं।

अतः ODPC=OPPB=12 तथा PDBC=OPPB=12 है।

अत: x36x=12 तथा y15y=12 है।

इन समीकरणों से x=12 और y=5 प्राप्त होता है।

आप इसकी जाँच कर सकते हैं कि P(12,5) प्रतिबंध OP:PB=1:2 को संतुष्ट करता है।

आइए अब उपरोक्त उदाहरण से प्राप्त की गई समझ के आधार पर विभाजन का व्यापक सूत्र प्राप्त करने का प्रयत्न करें।

किन्हीं दो बिंदुओं A(x1,y1) और B(x2,y2) पर विचार कीजिए और मान लीजिए बिंदु P(x,y) रेखाखंड AB को m1:m2 के अनुपात में आंतरिक रूप से (internally) विभाजित करता है, अर्थात् PAPB=m1m2 है (देखिए आकृति 7.10)।

आकृति 7.10

x-अक्ष पर AR,PS और BT लंब खींचिए। x-अक्ष के समांतर AQ और PC खींचिए। तब AA समरूपता कसौटी से,

अत :

ΔPAQΔBPC

(1)PABP=AQPC=PQBC

अब

AQ=RS=OSOR=xx1PC=ST=OTOS=x2xPQ=PSQS=PSAR=yy1BC=BTCT=BTPS=y2y

इन मानों को (1) में प्रतिस्थापित करने पर, हमें प्राप्त होता है:

m1m2=xx1x2x=yy1y2ym1m2=xx1x2x लेने पर हमें x=m1x2+m2x1m1+m2 प्राप्त होता है। 

इसी प्रकार

m1m2=yy1y2y लेने पर हमें y=m1y2+m2y1m1+m2 प्राप्त होता है। 

अतः, दो बिंदुओं A(x1,y1) और B(x2,y2) को जोड़ने वाले रेखाखंड AB को m1:m2 के अनुपात में आंतरिक रूप से विभाजित करने वाले बिंदु P(x,y) के निर्देशांक हैं :

(2)(m1x2+m2x1m1+m2,m1y2+m2y1m1+m2)

उपरोक्त को विभाजन सूत्र (section formula) कहते हैं।

इसी सूत्र को A,P और B से y-अक्ष पर लंब डालकर और ऊपर की भाँति प्रक्रिया अपनाकर भी प्राप्त किया जा सकता है।

यदि P रेखाखंड AB को k:1 के अनुपात में विभाजित करे, तो बिंदु P के निर्देशांक

kx2+x1k+1,ky2+y1k+1 होंगे। 

विशिष्ट स्थिति : एक रेखाखंड का मध्य-बिंदु उसे 1:1 के अनुपात में विभाजित करता है। अतः, बिंदुओं A(x1,y1) और B(x2,y2) को जोड़ने वाले रेखाखंड AB के मध्य-बिंदु के निर्देशांक

(1x1+1x21+1,1y1+1y21+1)=(x1+x22,y1+y22) होंगे। 

आइए अब विभाजन सूत्र पर आधारित कुछ उदाहरण हल करें।

टिप्पणी : आप इस अनुपात को दूरियाँ PA और PB ज्ञात करके और फिर उनके अनुपात लेकर भी प्राप्त कर सकते हैं, जबकि आपको यह जानकारी हो कि बिंदु A,P और B संरेखी हैं।

टिप्पणी: हम Q के निर्देशांक उसे PB का मध्य-बिंदु मानते हुए भी ज्ञात कर सकते थे। इसमें हमें मध्य-बिंदु वाले सूत्र का प्रयोग करना पड़ता।

7.4 सारांश

इस अध्याय में, आपने निम्नलिखित तथ्यों का अध्ययन किया है:

1. P(x1,y1) और Q(x2,y2) के बीच की दूरी (x2x1)2+(y2y1)2 है।

2. बिंदु P(x,y) की मूलबिंदु से दूरी x2+y2 होती है।

3. उस बिंदु P(x,y) के निर्देशांक जो बिंदुओं A(x1,y1) और B(x2,y2) को जोड़ने वाले रेखाखंड को m1:m2 के अनुपात में आंतरिक रूप से विभाजित करता है, निम्नलिखित होते हैं: (m1x2+m2x1m1+m2,m1y2+m2y1m1+m2)

4. बिंदुओं P(x1,y1) और Q(x2,y2) को जोड़ने वाले रेखाखंड PQ के मध्यबिंदु के निर्देशांक (x1+x22,y1+y22) होते हैं।

पाठकों के लिए विशेष

अनुभाग 7.3 में किसी बिंदु P के लिए जिसके निर्देशांक (x,y) हैं तथा यदि यह बिंदु किन्हीं दो बिंदुओं A(x1,y1) और B(x2,y2) को मिलाने वाले रेखाखंड को आंतरिक रूप में m1:m2 के अनुपात में विभाजित करता है तो

x=m1x2+m2x1m1+m2,y=m1y2+m2y1m1+m2

ध्यान दीजिए कि PA:PB=m1:m2

तथापि यदि बिंदु P बिंदुओं A और B के बीच स्थित नहीं है, परंतु यह रेखाखंड के वाह्य में स्थित है जहाँ PA:PB=m1:m2 है तब हम कहते हैं कि P बिंदुओं A और B को मिलाने वाले रेखाखंड को वाह्यतः विभाजित करता है। ऐसी स्थितियों से संबंधित विभाजन सूत्र का अध्ययन आप उच्चतर कक्षाओं में करेंगे।