सांख्यिकी
12.1 आंकड़ों का आलेखीय निरुपण
सारणियों से आंकड़ों का निरूपण करने के बारे में हम चर्चा कर चुके हैं। आइए अब हम आंकड़ों के अन्य निरूपण, अर्थात् आलेखीय निरूपण (graphical representation) की ओर अपना ध्यान केंद्रित करें। इस संबंध में एक कहावत यह रही है कि एक चित्र हजार शब्द से भी उत्तम होता है। प्राय: अलग-अलग मदों की तुलनाओं को आलेखों (graphs) की सहायता से अच्छी तरह से दर्शाया जाता है। तब वास्तविक आंकड़ों की तुलना में इस निरूपण को समझना अधिक सरल हो जाता है। इस अनुच्छेद में, हम निम्नलिखित आलेखीय निरूपणों का अध्ययन करेंगे।
(A) दंड आलेख (Bar Graph)
(B) एकसमान चौड़ाई और परिवर्ती चौड़ाइयों वाले आयतचित्र (Histograms)
(C) बारंबारता बहुभुज (Frequency Polygons)
(A) दंड आलेख
पिछली कक्षाओं में, आप दंड आलेख का अध्ययन कर चुके हैं और उन्हें बना भी चुके हैं। यहाँ हम कुछ अधिक औपचारिक दृष्टिकोण से इन पर चर्चा करेंगे। आपको याद होगा कि दंड आलेख आंकड़ों का एक चित्रीय निरूपण होता है जिसमें प्रायः एक अक्ष (मान लीजिए
1. कोई भी पैमाना (scale) लेकर हम क्षैतिज अक्ष पर मदों (चर) को निरूपित करते हैं, क्योंकि यहाँ दंड की चौड़ाई का कोई महत्व नहीं होता। परन्तु स्पष्टता के लिए हम सभी दंड समान चौड़ाई के लेते हैं और उनके बीच समान दूरी बनाए रखते हैं। मान लीजिए एक मद को एक सेंटीमीटर से निरूपित किया गया है।
2. हम खर्च (मूल्य) को ऊर्ध्वाधर अक्ष पर निरूपित करते हैं। क्योंकि अधिकतम खर्च
3. अपने पहले मद अर्थात् ग्रॉसरी को निरूपित करने के लिए, हम 1 मात्रक की चौड़ाई 4 मात्रक की ऊँचाई वाला एक आयताकार दंड बनाते हैं।
4. इसी प्रकार, दो क्रमागत दंडों के बीच 1 मात्रक का खाली स्थान छोड़कर अन्य मदों को निरूपित किया जाता है (देखिये आकृति 12.2)।
आकृति 12.2
यहाँ आप एक दृष्टि में ही आंकड़ों के सापेक्ष अभिलक्षणों को सरलता से देख सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप यह सरलता से देख सकते हैं कि ग्रॉसरी पर किया गया खर्च दवाइयों पर किए गए खर्च का दो गुना है। अतः, कुछ अर्थों में सारणी रूप की अपेक्षा यह आंकड़ों का एक उत्तम निरूपण है।
क्रियाकलाप 1 : अपनी कक्षा के विद्यार्थियों को चार समूहों में बाँट दीजिए। प्रत्येक समूह को निम्न प्रकार के आंकड़ों में से एक प्रकार के आंकड़ों को संग्रह करने का काम दे दीजिए।
(i) अपनी कक्षा के 20 विद्यार्थियों की लंबाई।
(ii) अपनी कक्षा में किसी एक महीने के प्रत्येक दिन अनुपस्थित रहे विद्यार्थियों की संख्या।
(iii) आपके कक्षा मित्रों के परिवारों के सदस्यों की संख्या।
(iv) आपके विद्यालय में या उसके आस-पास के 15 पौधों की लंबाइयाँ।
इन चार समूहों द्वारा प्राप्त आंकड़ों को उपयुक्त दंड आलेखों से निरूपित कीजिए। आइए अब हम देखें कि किस प्रकार संतत वर्ग अंतरालों की बारंबारता बंटन सारणी को आलेखीय रूप में निरूपित किया जाता है।
(B) आयतचित्र
यह संतत वर्ग अंतरालों के लिए प्रयुक्त दंड आलेख की भाँति निरूपण का एक रूप है। उदाहरण के लिए, बारंबारता बंटन सारणी 12.2 लीजिए, जिसमें एक कक्षा के 36 विद्यार्थियों के भार दिए गए हैं:
सारणी 12.2
भार ( kg में) | विद्यार्थियों की संख्या |
---|---|
9 | |
6 | |
15 | |
3 | |
1 | |
2 | |
कुल योग | 36 |
आइए हम ऊपर दिए गए आंकड़ों को आलेखीय रूप में इस प्रकार निरूपित करें:
(i) हम एक उपयुक्त पैमाना लेकर भार को क्षैतिज अक्ष पर निरूपित करें। हम पैमाना 1 सेंटीमीटर
(ii) हम एक उपयुक्त पैमाने के अनुसार विद्यार्थियों की संख्या (बारंबारता) को ऊर्ध्वाधर अक्ष पर निरूपित करते हैं। साथ ही, क्योंकि अधिकतम बारंबारता 15 है, इसलिए हमें एक ऐसे पैमाने का चयन करना होता है जिससे कि उसमें यह अधिकतम बारंबारता आ सके। (iii) अब हम वर्ग अंतराल के अनुसार समान चौड़ाई और संगत वर्ग अंतरालों की बारंबारताओं को लंबाइयाँ मानकर आयत (या आयताकार दंड) बनाते हैं। उदाहरण के लिए, वर्ग अंतराल 30.5-35.5 का आयत 1 सेंटीमीटर की चौड़ाई और 4.5 सेंटीमीटर की लंबाई वाला आयत होगा।
(iv) इस प्रकार हमें जो आलेख प्राप्त होता है, उसे आकृति 12.3 में दिखाया गया है।
ध्यान दीजिए कि क्योंकि क्रमागत आयतों के बीच कोई रिक्त स्थान नहीं है, इसलिए परिणामी आलेख एक ठोस आकृति के समान दिखाई पड़ेगा। इस आलेख को आयतचित्र (histogram) कहा जाता है, जो कि संतत वर्गों वाले वर्गीकृत बारंबारता बंटन का एक आलेखीय निरूपण होता है। साथ ही, दंड आलेख के विपरीत, इसकी रचना में दंड की चौड़ाई की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
वास्तव में, यहाँ खड़े किए गए आयतों के क्षेत्रफल संगत बारंबारताओं के समानुपाती होते हैं। फिर भी, क्योंकि सभी आयतों की चौड़ाईयाँ समान हैं, इसलिए आयतों की लंबाइयाँ बारंबारताओं के समानुपाती होती हैं। यही कारण है कि हम लंबाइयाँ ऊपर (iii) के अनुसार ही लेते हैं। अब, हम पीछे दिखाई गई स्थिति से अलग एक स्थिति लेते हैं।
(C) बारंबारता बहुभुज
मात्रात्मक आंकड़ों (quantitative data) और उनकी बारंबारताओं को निरूपित करने की एक अन्य विधि भी है। वह है एक बहुभुज (polygon)। बहुभुज का अर्थ समझने के लिए, आइए हम आकृति 12.3 में निरूपित आयतचित्र लें। आइए हम इस आयतचित्र के संगत आयतों की ऊपरी भुजाओं के मध्य-बिंदुओं को रेखाखंडों से जोड़ दें। आइए हम इन मध्य-बिंदुओं को
हैं, तो हमें आकृति BCDEFG (देखिए आकृति 12.6) प्राप्त होती है। बहुभुज को पूरा करने के लिए यहाँ हम यह मान लेते हैं कि 30.5-35.5 के पहले और 55.5-60.5 के बाद शून्य बारंबारता वाले एक एक वर्ग अंतराल हैं और इनके मध्य-बिंदु क्रमशः
आकृति 12.6
यद्यपि न्यूनतम वर्ग के पहले और उच्चतम वर्ग के बाद कोई वर्ग नहीं है, फिर भी शून्य बारंबारता वाले दो वर्ग अंतरालों को बढ़ा देने से बारंबारता बहुभुज का क्षेत्रफल वही रहता है, जो आयतचित्र का क्षेत्रफल है। क्या आप बता सकते हैं कि क्यों बांरबारता बहुभुज का क्षेत्रफल वही रहता है जो कि आयतचित्र का क्षेत्रफल है? (संकेत : सर्वांगसम त्रिभुजों वाले गुणों का प्रयोग कीजिए।)
अब प्रश्न यह उठता है कि जब प्रथम वर्ग अंतराल के पहले कोई वर्ग अंतराल नहीं होता, तब बहुभुज को हम कैसे पूरा करेंगे? आइए हम ऐसी ही एक स्थिति लें और देखें कि किस प्रकार हम बारंबारता बहुभुज बनाते हैं।
12.2 सारांश
इस अध्याय में, आपने निम्नलिखित बिंदु का अध्ययन किया है:
1. किस प्रकार आंकड़ों को आलेखों, आयतचित्रों तथा बारंबारता बहुभुजों द्वारा आलेखीय रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है।