विकिरण और पदार्थ की दोहरी प्रकृति अभ्यास
प्रश्न:
एक इलेक्ट्रॉन और एक फोटन की प्रत्येक की तरंगदैर्घ्य 1.00 नॅनोमीटर है।
(अ) उनकी गति,
(ब) फोटन की ऊर्जा, और
(सी) इलेक्ट्रॉन की किनेटिक ऊर्जा ढूंढें।
जवाब:
(अ) इलेक्ट्रॉन की गति = h/λ = (6.626 x 10^-34 जूल-सेकंड)/(1.00 x 10^-9 मीटर) = 6.626 x 10^-25 किलोग्राम मीटर/सेकंड
फोटन की गति = h/λ = (6.626 x 10^-34 जूल-सेकंड)/(1.00 x 10^-9 मीटर) = 6.626 x 10^-25 किलोग्राम मीटर/सेकंड
(ब) फोटन की ऊर्जा = hf = (6.626 x 10^-34 जूल-सेकंड) x (3.00 x 10^8 मीटर/सेकंड) / (1.00 x 10^-9 मीटर) = 1.99 x 10^-19 जूल
(सी) इलेक्ट्रॉन की किनेटिक ऊर्जा = (1/2) mv^2 = (1/2)(9.11 x 10^-31 किलोग्राम)(3.00 x 10^8 मीटर/सेकंड)^2 = 4.33 x 10^-14 जूल
प्रश्न:
एक निश्चित धातु के लिए कार्याकीभवन 4.2 ईवी है। क्या इस धातु के लिए 330 नॅनोमीटर की ऊर्जा बाल विकिरण देगी?
जवाब:
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विकिरण की ऊर्जा को ई (E = hc/λ) का उपयोग करके 330 नॅनोमीटर की ऊर्जा में परिवर्तित करें: ई = (6.626 x 10^-34 जूल-सेकंड x 3 x 10^8 मीटर/सेकंड) / (3.3 x 10^-7 मीटर) = 6.1 x 10^-19 जूल
-
विकिरण की ऊर्जा को धातु के कार्याकीभवन के साथ तुलना करें: 6.1 x 10^-19 जूल < 4.2 ईवी = 6.6 x 10^-19 जूल
-
निष्कर्ष: नहीं, यह धातु 330 नॅनोमीटर की विकिरण के लिए विकिरण का उत्पादन नहीं करेगी।
प्रश्न:
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकिरण की तरंगदैर्घ्य और इसकी क्वांटम (फोटन) की दे ब्रोगली तरंगदैर्घ्य बराबर होती हैं, यह दिखाएँ।
जवाब:
- याद करें की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकिरण की तरंगदैर्घ्य विकिरण की गति की वर्द्धि ब्य वीले तासर वर्द्धि (frequency) मुल्तिप्लाय की गई है।
λ = c/f
- देबरोगली की तरंगदैर्घ्य एक क्वांटम (फोटन) की गति से होती हैं, जो हैं:
λ = h/p
- जैसा की फोटन की गति उसकी तासर वर्द्धि गुणा देब्रोगली के हक के हैं, इसलिए देब्रोगली की तरंगदैर्घ्य निम्न रूप में लिखी जा सकती हैं:
λ = h/fh
- यह अभिव्यक्ति इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकिरण की तरंगदैर्घ्य की समीकरण में बदल दी जा सकती हैं:
λ = c/fh
- क्योंकि h एक स्थिरात्मक हैं, इस समीकरण को आसानी से सरल बनाया जा सकता हैं:
λ = c/f
- यह समीकरण इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकिरण की तरंगदैर्घ्य की समीकरण के समान हैं, जिससे यह साबित होता हैं की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकिरण की तरंगदैर्घ्य और इसकी क्वांटम (फोटन) की दे ब्रोगली तरंगदैर्घ्य बराबर होती हैं।
प्रश्न:
नियमित धब्बेदार प्रकाश की तरंगदैर्घ्य 640.2 नॅनोमीटर (1 नॅनोमीटर=10^9 मीटर) है, जो एक नियोन लैंप से इकेले प्रतिलिपि पदार्थ पर आयकारी में हैं। बंदिश वोल्टेज को 0.54 वोल्ट मापा गया हैं। स्रोत लोहे द्वारा बदल दिया जाता है और इसका 427.2 नॅनोमीटर रेखा समान प्रतिलिपि पदार्थ को आयकारी करता है। नया बंदिश वोल्टेज का पूर्वानुमान लगाएँ।
जवाब:
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योग्यता में नैओन लैंप से आयकारी, नियमित धब्बेदार प्रकाश की ऊर्जा निम्नलिखित समीकरण का उपयोग करके गणना करें: E = hc/λ, जहाँ h प्लांक संयंत्र (6.626 x 10^-34 जूल-सेकंड), c प्रकाश की गति (3 x 10^8 ms^-1), और λ प्रकाश की तरंगदैर्घ्य (640.2 नॅनोमीटर) हैं।
-
नियोन लैंप से निकला स्रोत की कार्याकीभवन को निम्नलिखित समीकरण का उपयोग करके गणना करें: W = eV, जहाँ e इलेक्ट्रॉन का आर्द्रता (1.6 x 10^-19C) और V बंदिश वोल्टेज (0.54V) हैं।
हिंदी रूपांतरण:
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तेल स्रोत से एकद्वितीय विकिरण की ऊर्जा की गणना करें जहां E = hc/λ, हैंबोल्ट की स्थिरांत t (6.626 x 10-34 Js), c प्रकाश की गति (3 x 108ms-1), और λ विकिरण की तारंगदैर्घ्य (427.2nm)।
-
समीकरण V = W/e का उपयोग करके नई रोकावटी वोल्टेज की गणना करें, यहां W प्रतिचित्र-संवेदी तत्व का काम करता है (चरण 2 में गणना की जाती है) और e इलेक्ट्रॉन के आवेश की आपूर्ति करता है (1.6 x 10-19C)।
सवाल:
X-रे 30 kV इलेक्ट्रॉनों द्वारा उत्पन्न किए जाने वाले (a) अधिकतम आवृत्ति (b) क्षैतिज तारंगदैर्घ्यद्ध X-रे का न्यूनतम आयाम।
उत्तर:
(a) अधिकतम आवृत्ति:
चरण 1: इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा की गणना करें।
E = 30 kV = 30,000 वोल्ट = 30,000 x 1.6 x 10^-19 J
चरण 2: X-रे की आवृत्ति की गणना करें।
f = E/h
यहां h हैंबोल्ट की स्थिरांत (6.63 x 10^-34 J s)
f = (30,000 x 1.6 x 10^-19 J)/(6.63 x 10^-34 J s)
f = 4.5 x 10^14 Hz
इसलिए, 30 kV इलेक्ट्रॉनों द्वारा उत्पन्न किए जाने वाले X-रे की अधिकतम आवृत्ति 4.5 x 10^14 Hz है।
(b) क्षैतिज तारंगदैर्घ्य:
चरण 1: X-रे की आवृत्ति की गणना करें।
f = 4.5 x 10^14 Hz
चरण 2: X-रे की तारंगदैर्घ्य की गणना करें।
λ = c/f
यहां c प्रकाश की गति है (3 x 10^8 m/s)
λ = (3 x 10^8 m/s)/(4.5 x 10^14 Hz)
λ = 6.67 x 10^-7 m
इसलिए, 30 kV इलेक्ट्रॉनों द्वारा उत्पन्न किए जाने वाले X-रे का न्यूनतम तारंगदैर्घ्य 6.67 x 10^-7 m है।
सवाल:
सोडियम की स्पेक्ट्रल उत्सर्जन रेखा से प्रकाश की तारंगदैर्घ्य 589 nm है। निम्नलिखित मामलों में यदि (a) एक इलेक्ट्रॉन और (b) एक न्यूट्रॉन के पास समान डे ब्रोगली तारंगदैर्घ्य है, तो उनकी गतिज ऊर्जा का मूल्य निर्धारित करें।
उत्तर:
a) एक इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा = (h^2) / (2mλ^2) = (6.626 x 10^-34 Js)^2 / (2 x 9.109 x 10^-31 kg x (589 x 10^-9 m)^2) = 2.4 x 10^-19 J
b) एक न्यूट्रॉन की गतिज ऊर्जा = (h^2) / (2mλ^2) = (6.626 x 10^-34 Js)^2 / (2 x 1.675 x 10^-27 kg x (589 x 10^-9 m)^2) = 3.7 x 10^-13 J
सवाल:
मर्कुरी लैंप प्रकाशिती निर्धारित करने के विभिन्न चुनौतीपूर्ण स्रोत है, क्योंकि यह प्रकाशितीय रेखाओं की एक संख्या प्रदान करता है, रंगीन विधुततेज स्पेक्ट्रम के लाल सीमा से निर्धारित होता है। रुबीडियम फोटो सेल के साथ हमारे प्रयोग में, मर्कुरी स्रोत से निम्नलिखित रेखाएँ उपयोग की गईं
λ1=3650A˚,λ2=4358A˚,λ3=4358A˚,λ4=5461A˚,λ5=6907A˚.
रोकावटी वोल्टेज अनुरूप यदि माप किया गया:
V01=1.28V, V02=0.95V, V03=0.74V, V04=0.16V,V05=0V,
हेतु हेतुओं का मूल्य निर्धारित करें।
उत्तर:
- स्पेक्ट्रल रेखाओं की आवृत्ति की गणना करें।
λ1=3650A˚, f1=8.4 x 10^14 Hz λ2=4358A˚, f2=6.9 x 10^14 Hz λ3=4358A˚, f3=6.9 x 10^14 Hz λ4=5461A˚, f4=5.5 x 10^14 Hz λ5=6907A˚, f5=4.3 x 10^14 Hz
- रोकावटी आवृत्तियों की गणना करें।
कॉन्टेंट का हिंदी संस्करण क्या है: कार्य कार्य कार्य की अवस्थान वोल्टेज और वैफलिक रेखा की आवृत्ति के बीच का अंतर है।
V01=1.28V, f1=8.4 x 10^14 हेर्ट्ज, W1=1.28V - 8.4 x 10^14 हेर्ट्ज = -8.4 x 10^14 ईवी V02=0.95V, f2=6.9 x 10^14 हेर्ट्ज, W2=0.95V - 6.9 x 10^14 हेर्ट्ज = -6.9 x 10^14 ईवी V03=0.74V, f3=6.9 x 10^14 हेर्ट्ज, W3=0.74V - 6.9 x 10^14 हेर्ट्ज = -6.9 x 10^14 ईवी V04=0.16V, f4=5.5 x 10^14 हेर्ट्ज, W4=0.16V - 5.5 x 10^14 हेर्ट्ज = -5.5 x 10^14 ईवी V05=0V, f5=4.3 x 10^14 हेर्ट्ज, W5=0V - 4.3 x 10^14 हेर्ट्ज = -4.3 x 10^14 ईवी
औसत कार्य कार्य -6.1 x 10^14 ईवी है।
- प्लांक का स्थानांतरितत्व की गणना करें।
प्लांक के स्थानांतरितत्व की मान्यता को हैच = W / f फॉर्मूला का उपयोग करके गणित किया जा सकता है, जहां W कार्य कार्य है और f आवृत्ति है।
हैच = W / f हैच = -6.1 x 10^14 ईवी / 4.3 x 10^14 हेर्ट्ज हैच = -1.4 x 10^-34 जूल सेकंड
प्रश्न: एक निश्चित धातु के लिए थ्रेशहोल्ड आवृत्ति 3.3×10^14हेर्ट्ज है। यदि 8.2×1014हेर्ट्ज की प्रकाश धातु पर प्रवेशित होता है, फोटोइलेक्ट्रिक उत्सर्जन के लिए कटऑफ वोल्टेज की पूर्वानुमानित करें।
उत्तर: चरण 1: थ्रेशहोल्ड आवृत्ति (3.3×10^14हेर्ट्ज) और प्रवेशित प्रकाश की आवृत्ति (8.2×1014हेर्ट्ज) के बीच का अंतर गणित करें।
अंतर = 8.2×1014हेर्ट्ज - 3.3×10^14हेर्ट्ज = 4.9×1014हेर्ट्ज
चरण 2: कटऑफ वोल्टेज की गणना करने के लिए फार्मूला hf = eV का उपयोग करें।
V = hf/e
V = (6.626×10^-34 जूल सेकंड × 4.9×1014हेर्ट्ज)/(1.602×10^-19 कुलम्ब)
V = 0.065V
प्रश्न: (ए) 0.040 किलोग्राम मास वाले एक बुलेट की दे ब्रॉयली लंबवत क्या है, जो 1.0 किलोमीटर/सेकंड की गति से चल रही है, (ब) 0.060 किलोग्राम मास वाले एक गेंद 1.0 मीटर/सेकंड की गति से चल रही है, और (क) 1.0×10^9 किलोग्राम मास वाले धूल कण जो 2.2 मीटर/सेकंड की गति से पंख रहा है?
उत्तर: (ए) द ब्रॉयली लंबवत = h/mv = (6.63×10^-34 जूल सेकंड)/(0.040 किलोग्राम)(1000 मीटर/सेकंड) = 1.65×10^-36 मीटर
(ब) द ब्रॉयली लंबवत = h/mv = (6.63×10^-34 जूल सेकंड)/(0.060 किलोग्राम)(1 मीटर/सेकंड) = 1.10×10^-34 मीटर
(क) द ब्रॉयली लंबवत = h/mv = (6.63×10^-34 जूल सेकंड)/(1.0×10^-9 किलोग्राम)(2.2 मीटर/सेकंड) = 3.00×10^-26 मीटर
प्रश्न: (ए) एक इलेक्ट्रॉन की किनेटिक ऊर्जा 120 ईवी होने पर पंक्ति, (ब) गति और (क) द ब्रॉयली लंबवत क्या होती है?
उत्तर: (ए) पंक्ति = sqrt(2mK) = sqrt(29.1110^-311201.610^-19) = 1.3910^-24 किलोग्राम मीटर/सेकंड
(ब) गति = sqrt(2K/m) = sqrt(21201.610^-19/9.1110^-31) = 1.82*10^6 मीटर/सेकंड
(क) द ब्रॉयली लंबवत = h/p = 6.62610^-34/1.3910^-24 = 4.77*10^-11 मीटर
प्रश्न: प्रेम अपने गांव में लौटने से इंकार क्यों करता है?
उत्तर:
- प्रेम को अपने गांव में एक अतिदुःखदायक घटना का अनुभव हो सकता है या उसे वहां एक बुरा अनुभव हुआ हो सकता है।
- उसे अपने गांव में असहायता या भेदभाव का सामना करना पड़ सकता है।
- उसके गांव में उसे लोगों के साथ बगावत हो सकती है।
- उसे अपने गांव के नेताओं के साथ मतभेद हो सकता है।
- उसके गांव में अपने परिवार के साथ कठिन संबंध हो सकते हैं।
- उसे अपने गांव में जीवनशैली या संस्कृति के प्रति नकारात्मक राय हो सकती है।
- उसे इस प्रेम के गांव से अलग रहकर एक अलग करियर या जीवनशैली की खोज करना हो सकता है।
प्रश्न:
गैसत उपलब्ध हिलियम आपसी दबाव के नीचे कक्षामान (27°C) और 1 atm दबाव पर वायलेंठम का आम स्वाभाविक डे ब्रोगली तरंगदैर्घ्य ढूंढें; और इन शर्तों के तहत दो अणुओं के बीच औसत अंतर की तुलना करें।
उत्तर:
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केल्विन में तापमान की गणना करें: 27°C = 300 K
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ही एटम का भार गणना करें: m = 4.0026 यू
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डे ब्रोगली तरंगदैर्घ्य की गणना करें: λ = h/(mv) यहां h = 6.626 x 10-34 J.s, m = 4.0026 यू, और v = 300 K पर ही एटम की वास्तविक मान (वर्गमूल वस्त्रेषण) की गति है।
-
ही एटम की वास्तविक मान (वर्गमूल वस्त्रेषण) की गति की गणना करें: v = (3RT/M)^1/2 यहां R = 8.314 J/mol.K है और M = 4.0026 यू
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डे ब्रोगली समीकरण में मान डालें: λ = (6.626 x 10-34 J.s)/(4.0026 यू x (3 x 8.314 J/mol.K x 300 K/4.0026 यू)^1/2)
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डे ब्रोगली तरंगदैर्घ्य की गणना करें: λ = 2.26 x 10-10 मीटर
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कक्षामान और 1 atm दबाव पर दो अणुओं के बीच औसत अंतर की गणना करें: d = (3/4πn)^1/3 यहां n = अणुओं/आयतन की संख्या है।
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अणुओं/आयतन की संख्या की गणना करें: n = PV/RT यहां P = 1 atm, V = 22.4 L/mol, R = 8.314 J/mol.K है, और T = 300 K है।
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औसत अंतर समीकरण में मान डालें: d = (3/4π x (1 atm x 22.4 L/mol)/(8.314 J/mol.K x 300 K))^1/3
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दो अणुओं के बीच औसत अंतर की गणना करें: d = 3.68 x 10-10 मीटर
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डे ब्रोगली तरंगदैर्घ्य की औसत अंतर के साथ तुलना करें: डे ब्रोगली तरंगदैर्घ्य (2.26 x 10-10 मीटर) दो अणुओं के औसत अंतर (3.68 x 10-10 मीटर) से छोटा है।
सवाल:
10−5 W/m2 प्रकाश स्फाटिक को 2 cm^2 परिच्छेद क्षेत्र वाले इंडियम फ़ोटो-सेल पर गिरती है। माना जाता है कि शीर्ष 5 परतें द्वारा घटित प्रकाशीय ऊर्जा को आवंटित किया जाता है, तो वेव-चित्र प्रदर्शन में चित्रण के लिए आवश्यक समय अनुमानित करें। पदार्थ कार्य के लिए एक कार्य उपयोग किया जाता है जो लगभग 2 ईवे होता है। आपके उत्तर का तात्पर्य क्या है?
उत्तर:
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इंडियम फ़ोटो-सेल द्वारा अवशोषित कुल ऊर्जा की गणना करें: कुल ऊर्जा अवशोषित = 10^-5 W/m^2 x 2 cm^2 = 2 x 10^-5 J
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फ़ोटो-सेल पर चित्रण के लिए आवश्यक कुल ऊर्जा की गणना करें: कुल ऊर्जा आवश्यक = पदार्थ कार्य x इलेक्ट्रॉन का आवेश = 2 ईवे x 1.6 x 10^-19 C = 3.2 x 10^-19 J
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चित्रण के लिए आवश्यक समय की गणना करें: समय = कुल ऊर्जा आवश्यक/ कुल ऊर्जा अवशोषित = 3.2 x 10^-19 J/2 x 10^-5 J = 1.6 x 10^-14 s
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उत्तर का अपवाद: चित्रण के लिए आवश्यक समय बहुत छोटा है, जो इसका सूचित करता है कि इंडियम फ़ोटो-सेल से इलेक्ट्रॉनों का उद्घाटन तत्काल होता है जब प्रकाशिय मानकता 10^-5 W/m^2 पर यह वारियत होती है।
उत्तर:
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ई एम प्रारूप (e/m) इलेक्ट्रॉन के चार्ज (e) का और इसकी मास (m) का अनुपात है।
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इलेक्ट्रॉन गन का उपयोग कम दबाव (~10−2 mm Hg) वाले हाइड्रोजन गैस को धातुमय बलब में अपशिष्ट करने के लिए किया जाता है।
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एक चुंबकीय क्षेत्र (2.83×10^4T) इलेक्ट्रॉनों की पथ को घुमाता है, जिनका व्यास 12.0 सेमी है।
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फाइन बीम ट्यूब विधि के माध्यम से पथ को देखा जा सकता है चूंकि पथ में गैस आयन इलेक्ट्रॉन को आकर्षित करके बीम को मुख्य करते हैं और इलेक्ट्रॉन कैप्चर द्वारा प्रकाश को छोड़ते हैं।
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डेटा से e/m का पता लगाने के लिए, हमें परिधि (C) की गणना और इलेक्ट्रॉन के परिधि (T) का अवधि निकालनी होगी।
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वृत्तावली परिधि की गणना करने के लिए सूत्र C = 2πr का उपयोग करा जा सकता है, जहां r वृत्तावली का त्रिज्या है (12 सेमी)।
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इलेक्ट्रॉन के परिधि की अवधि की गणना करने के लिए सूत्र T = 2π√(L/B) का उपयोग किया जा सकता है, जहां L इलेक्ट्रॉन का लंबाई (C) है और B चुंबकीय क्षेत्र (2.83×10^4T) की शक्ति है।
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अंत में, हम e/m की गणना करके फ़ॉर्मूला e/m = (C/T)^2 का उपयोग कर सकते हैं।
प्रश्न: अ) एक किंवदंती ऊर्जा 150 ईवी के स्त्रोत का डी ब्रॉयली तरंगदैर्घ्य प्राप्त करें। जैसा कि आपने अभ्यास 11.31 में देखा है, इस ऊष्मा के इलेक्ट्रॉन बीम को क्रिस्टल बिखरण प्रयोगों के लिए उपयुक्त माना जाता है। क्या एक किंवदंती बीम इसी ऊष्मा के लिए बराबर उपयुक्त होगी? समझाएँ। (mn=1.675×10^27kg) ख) कमरे के तापमान पर (27°C) थर्मल ऊष्मा वाले किंवदंत के संबंधित डी ब्रॉयली तरंगदैर्घ्य प्राप्त करें। इसलिए, समझाएँ कि सेथी रक्ति बीम को भौतिकीय रूप से गर्मी में आनित किया जाना चाहिए पहले कि इसे किंवदंत बिखरण प्रयोगों के लिए उपयोग किया जा सके। अभ्यास 11.31: क्रिस्टल बिखरण प्रयोग X-रे, या उचित वोल्टेज के माध्यम से तेज किए गए इलेक्ट्रॉनों का उपयोग करके किए जा सकते हैं। कौन सी प्रोब है जिसका अधिक ऊर्जा है? (मात्रात्मक तुलना के लिए, प्रोब की तरंगदैर्घ्य का गणना एक A° (एंगस्ट्रॉम) जो गनली में इंटर-एटॉमिक अंतराल के क्रमशः आदेश हैं) (me = 9.11×10^−31 किलोग्राम)
उत्तर: अ) 150 ईवी की ऊष्मा वाले किंवदंत का डी ब्रॉयली तरंगदैर्घ्य सूत्र λ=h/√2mek से निकाला जाता है, यहां h प्लांक की स्थिरता है, m किंवदंत का मास है और k किंवदंत की ऊष्मा है। इसलिए, किंवदंत का डी ब्रॉयली तरंगदैर्घ्य है λ= (6.626 × 10^−34 J.s) / √(2 × 1.675 × 10^−27 kg × 150 eV) = 5.6 × 10^−12 मीटर।
हाँ, एक किंवदंत बीम इसी ऊष्मा के लिए बराबर उपयुक्त होगी क्रिस्टल बिखरण प्रयोगों के लिए। इसका कारण यह है कि किंवदंत का डी ब्रॉयली तरंगदैर्घ्य क्रिस्टल बिखरण प्रयोगों के लिए आवश्यक एण्टी-आटॉमिक अंतराल के आदेश के समानांतर आता है।
ख) कमरे के तापमान (27°C) पर स्थरमल किंवदंत के संबंधित डी ब्रॉयली तरंगदैर्घ्य प्राप्त करने के लिए, हमें मूल्य (T = 27 + 273) का उपयोग करना होगा। यहां मूल्यांकन करने के बाद, हम λ = h/√(2πmkT) सूत्र का उपयोग कर सकते हैं।
एक तेज किंवदंत बीम को किंवदंत बिखरण प्रयोगों के लिए उपयोग किया जाने से पहले, उसे वातानुकूलित करने की आवश्यकता होती है। यह इसलिए है कि अगर किंवदंत बीम तेज होती है, तो वह अत्यधिक ऊर्जा के साथ प्रभावित होती है और इंटर-एटॉमिक अंतराल पर प्रभाव नहीं जमाकरती है। इसके कारण, इसे गर्मिश के साथ वातानुकूलित करना आवश्यक होता है ताकि इसका व्याप्ति ध्रुवीय धक्कों पर प्रभाव डाल सके।
अभ्यास 11.31: X-रे या उचित वोल्टेज के माध्यम से किए जाने वाले क्रिस्टल बिखरण प्रयोगों के लिए, कौन सी प्रोब अधिक ऊर्जा है? (मात्रात्मक तुलना के लिए, प्रोब की तरंगदैर्घ्य का गणना एक A° (एंगस्ट्रॉम) जो गनली में इंटर-एटॉमिक अंतराल के क्रमशः आदेश हैं) (me = 9.11×10^−31 किलोग्राम)
a) प्रोजेक्टाइल प्रकार की ऊर्जा सभी न्यूट्रॉन के लिए ही वर्णित होती है जैसे की kT/E
b) 10.2 BeV की कुल ऊर्जा वाले एकलेक्ट्रॉन-पॉजिट्रॉन पेयर के विलयन को दो बराबर ऊर्जा वाले दो γ-किरणों के अन्तर्गत समझा गया है। प्रत्येक γ-किरण के साथ संबंधित तरंगदैर्घ्य क्या है?
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प्रहार की मात्रा कैलकुलेट करें: प्रथम चरण: इलेक्ट्रॉनों की गतिशील ऊर्जा की हिसाब से किनेटिक ऊर्जा की मात्रा की हिसाब से गतिशील ऊर्जा की हिसाब से कार्यों की हिसाब से 1/2 * mv^2 = 1/2 * (9.11 x 10^-31 kg) * (56 V/1 m)^2 केवी = 3.17 x 10^-20 J
द्वितीय चरण: इलेक्ट्रॉनों की मात्रा का हिसाब करें: p = sqrt(2mKE) p = sqrt(2 * (9.11 x 10^-31 kg) * (3.17 x 10^-20 J)) p = 1.54 x 10^-24 kg m/s
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डी ब्रोगली त्रिकोणमिति: प्रथम चरण: इलेक्ट्रॉनों की मात्रा का हिसाब करें: p = sqrt(2mKE) p = sqrt(2 * (9.11 x 10^-31 kg) * (3.17 x 10^-20 J)) p = 1.54 x 10^-24 kg m/s
द्वितीय चरण: डी ब्रोगली त्रिकोणमिति की हिसाब करें: λ = h/p λ = (6.63 x 10^-34 J s) / (1.54 x 10^-24 kg m/s) λ = 4.30 x 10^-11 m
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इलेक्ट्रॉनों के लिए फ़ोटोइमिशन के तार के लिए थ्रेशोल्ड फ़्रीक्वेंसी: प्रथम चरण: निकले हुए इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम गति के माध्यम से निकले हुए इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम गति की मात्रा का हिसाब करें, E = 1/2 mv2 E = 1/2 (9.1 x 10-31 किलोग्राम) (6.0 x 10^5 मीटर/सेकंड)2 E = 2.7 x 10-19 J
द्वितीय चरण: ऑटीएचएफ़ की थ्रेशोल्ड फ़्रीक्वेंसी की हिसाब करें, E = hf hf = 2.7 x 10-19 J f = 4.02 x 10^14 हर्ट्ज़ थ्रेशोल्ड फ़्रीक्वेंसी = 4.02 x 10^14 हर्ट्ज़
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100W सोडियम लैंप सभी दिशाओं में यूनिफ़ॉर्म रूप से ऊर्जा विकिर्ण करती है। लैंप एक बड़ी गोलाकार परत के केंद्र में स्थित है जो इस पर पड़ने वाली सोडियम प्रकाश को सभी अंग वालओं में अवशोषित करती है। सोडियम प्रकाश की तरंगलम्बा 589 नैनोमीटर है। (a) सोडियम प्रकाश के लिए एक फ़ोटॉन का प्रति इकाई ऊर्जा क्या है? (b) गोलाकार को समर्पित फ़ोटॉन की दर क्या है?
(a) सोडियम प्रकाश के लिए प्रति इकाई फ़ोटॉन की ऊर्जा h = hc/λ के उपयोग से निकाली जाती है, जहां h प्लांक का संधि (6.626 x 10^-34 जूल/सेकंड), c प्रकाश की गति (3 x 10^8 मीटर/सेकंड), और λ सोडियम प्रकाश की तरंगलम्बा (589 नैनोमीटर) है। मान डालते हुए, हम ‘E = 4.81 x 10^-19 जूल/फ़ोटॉन’ प्राप्त करते हैं।
(b) गोलाकार को समर्पित फ़ोटॉन की दर को P = EI के उपयोग से निकाला जाता है, जहां P शक्ति (वॉटों में), E फ़ोटॉन की ऊर्जा, और I सोडियम प्रकाश की तीव्रता होती है। सोडियम लैंप सभी दिशाओं में ऊर्जा विकिर्ण करती है, इसलिए प्रकाश की तीव्रता लैंप की बाहरी शक्ति के 4π से विभाजित होती है, जहां π सिधांत 3.14 होता है। इस प्रकार, फ़ोटॉन की डिलीवरी की दर P = (4.81 x 10^-19 जूल/फ़ोटॉन)(100 वॉट)/(4π) = 1.21 x 10^17 फ़ोटॉन/सेकंड होती है।
परंतु, जबकि λ की मान्यता भौतिक महत्वपूर्ण होती है, वी की मान्यता (और इसलिए, चरण गति न λ की मान्यता) का कोई भौतिक महत्व नहीं होता है. क्यों?
उत्तर:
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मोलिब्डेनम मेटल का कार्य कार्यान्वयन अनुमानित करने के लिए, हम पहले उल्ट्रावायलेट प्रकाश की ऊर्जा को निकालते हैं। ऊर्जा = हैनरी / लैम्बडा ऊर्जा = (6.63 × 10^-34 × 3 × 10^8) / (2271 × 10^-10) ऊर्जा = 2.47 × 10^-19 Joules
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अब, हम कार्य पोत का प्रतिरोध के समान होने पर वर्क फंक्शन को अनुमानित कर सकते हैं। कार्य फंक्शन = ऊर्जा (उसी संख्या के विपरीत) कार्य फंक्शन = -1.3V (2.47 × 10^-19 Joules) कार्य फंक्शन = -1.3 × 2.47 × 10^-19 Joules कार्य फंक्शन = -3.21 × 10^-19 Joules
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अगर हम एक उच्च आचार्य (10^5 W/m^2) लाल प्रकाश का उपयोग करते हैं, तो ऊर्जा का निकलास्त का प्रभाव देखा जा सकता है। प्रकाश की ऊर्जा = हैनरी / लैम्बडा प्रकाश की ऊर्जा = (10^5 × (6328 × 10^-10) × 2 × 10^-19) / (6.63 × 10^-34 × 3 × 10^8) प्रकाश की ऊर्जा = 1.01 × 10^-19 Joules
मोलिब्डेनम मेटल प्रकाश के इस ऊर्जा स्तर को नहीं छेड़ेगा, इसलिए फ़ोटो-सेल का कोई प्रतिक्रिया नहीं होगी।
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प्रसारणी विद्युतीय प्रकाशशक्ति की गणना कीजिए: E=hc/λ = (6.63×10^−34 जूल)(3×10^8 मी/सेक)/2271 एंज्सट्रॉम = 2.86×10^-19 जूल
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मर्कुरी स्रोत द्वारा उत्पन्न फोटॉन की संख्या कीजिए: n=100 वाट/E = (100 वाट)/(2.86×10^-19 जूल) = 3.49×10^20 फोटॉन्स
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मोलिब्डेनम धातु का कार्य शक्ति की गणना कीजिए: W=eV = (1.6×10^-19 कूलम्ब)(-1.3 वोल्ट) = -2.08×10^-19 जूल
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फोटो-सेल हाई-इंटेंसिटी लाल प्रकाश (6328 एंज्सट्रॉम द्वारा उत्पन्न होने वाला है-ने लेजर) का प्रतिक्रिया नहीं करेगी क्योंकि लाल प्रकाश की ऊर्जा मोलिब्डेनम धातु के कार्य-शक्ति से कम है। E=hc/λ = (6.63×10^−34 जूल)(3×10^8 मी/सेक)/6328 एंज्सट्रॉम = 1.05×10^-19 जूल, जो -2.08×10^-19 जूल से कम है।
प्रश्न: (a) एक न्यूट्रॉन की कैनेटिक ऊर्जा कितनी होनी चाहिए जब संबंधित डी ब्रागली तरंगदैर्घ्य 1.40×10^−10 मीटर होगा? (b) 300K पर (3/2)kT औसत कैनेटिक ऊर्जा वाले पदार्थ के साथ थर्मल संतुलन में एक न्यूट्रॉन के डी ब्रागली तरंगदैर्घ्य का पता लगाएं।
उत्तर: (a) 1.40×10^−10 मीटर के संबंधित डी ब्रागली तरंगदैर्घ्य के साथ एक न्यूट्रॉन की कैनेटिक ऊर्जा इस समीकरण E = hv का उपयोग करके गणना की जाती है, जहां E कैनेटिक ऊर्जा है, h प्लांक का साधारित (6.626 x 10^-34 जूल-सेक), और v न्यूट्रॉन का आवृत्ति है। v = c/λ जहां c प्रकाश की गति है (3 x 10^8 मीटर/सेक) और λ डी ब्रागली तरंगदैर्घ्य है (1.40 x 10^-10 मीटर)। इन मानों को समीकरण में स्थानांतरित करने पर, हमें मिलता है: E = hv = (6.626 x 10^-34 जूल-सेक)(3 x 10^8 मीटर/सेक)/(1.40 x 10^-10 मीटर) = 2.84 x 10^-14 जूल
(b) 300K पर (3/2)kT औसत कैनेटिक ऊर्जा वाले पदार्थ के साथ थर्मल संतुलन में एक न्यूट्रॉन की डी ब्रागली तरंगदैर्घ्य की गणना की जाती है इस समीकरण E = (3/2)kT का उपयोग करके, जहां E कैनेटिक ऊर्जा है, k बोल्ट्जमान का साधारित (1.38 x 10^-23 जूल/केल्विन) है और T तापमान (300K) है। इन मानों को समीकरण में स्थानांतरित करने पर, हमें मिलता है: E = (3/2)kT = (3/2)(1.38 x 10^-23 जूल/केल्विन)(300K) = 2.07 x 10^-21 जूल
न्यूट्रॉन की डी ब्रागली तरंगदैर्घ्य की गणना करने के लिए उपयोग किए जाने वाले समीकरण λ = h/p है, जहां h प्लांक का साधारित (6.626 x 10^-34 जूल-सेक) है और p न्यूट्रॉन का प्राण (6.626 x 10^-34 जूल-सेक) है। न्यूट्रॉन का प्राण निम्नलिखित समीकरण का उपयोग करके गणना किया जाता है, p = mv, जहां m न्यूट्रॉन का मास (1.67 x 10^-27 किलोग्राम) है और v न्यूट्रॉन की वेगता है। न्यूट्रॉन की वेगता निम्नलिखित समीकरण का उपयोग करके गणना की जाती है, v = √2E/m, जहां E कैनेटिक ऊर्जा (2.07 x 10^-21 जूल) है और m न्यूट्रॉन का मास (1.67 x 10^-27 किलोग्राम) है। इन मानों को समीकरण में स्थानांतरित करने पर, हमें मिलता है: v = √2E/m = √2(2.07 x 10^-21 जूल)/(1.67 x 10^-27 किलोग्राम) = 3.38 x 10^5 मीटर/सेक
इस मान को प्राण के लिए समीकरण में स्थानांतरित करने पर, हमें मिलता है: p = mv = (1.67 x 10^-27 किलोग्राम)(3.38 x 10^5 मीटर/सेक) = 5.65 x 10^-22 किलोग्राम मीटर/सेक
इस मान को डी ब्रागली तरंगदैर्घ्य के लिए समीकरण में स्थानांतरित करने पर, हमें मिलता है: λ = h/p = (6.626 x 10^-34 जूल-सेक)/(5.65 x 10^-22 किलोग्राम मीटर/सेक) = 1.17 x 10^-12 मीटर
प्रश्न: मकर ने खच्चरों, सांपों और छिपकलियों को क्यों नापसंद किया? हर बार एक लाइन लिखें।
उत्तर: मकर खच्चरों को अपनी प्राथमिकता के लिए बहुत धीमे रहने के कारण नापसंद करती थी। मकर सांपों को गीले और भयंकर होने के कारण नापसंद करती थी।
(a) To calculate the number of photons emitted per second by the medium wave transmitter, we can use the formula:
Number of photons = Power / Energy per photon
The energy per photon can be calculated using the equation:
E = hc / λ
where E is the energy per photon, h is Planck’s constant (6.626 x 10^-34 Js), c is the speed of light (3.00 x 10^8 m/s), and λ is the wavelength of the radio waves.
Substituting the given values, we have:
E = (6.626 x 10^-34 Js)(3.00 x 10^8 m/s) / 500 m
Calculating this, we find:
E = 3.9756 x 10^-27 J
Now, let’s calculate the number of photons emitted per second:
Number of photons = (10 kW)(1000 W/kW) / (3.9756 x 10^-27 J)
Calculating this, we find:
Number of photons = 2.5152 x 10^34 photons/s
(b) To calculate the number of photons entering the pupil per second corresponding to the minimum intensity of white light, we can use the formula:
Number of photons = Intensity x Area / Energy per photon
The energy per photon can be calculated using the equation mentioned above.
Substituting the given values, we have:
Number of photons = (10^10 W/m^2)(0.4 x 10^-4 m^2) / (3.9756 x 10^-27 J)
Calculating this, we find:
Number of photons = 1.0060 x 10^23 photons/s
Therefore, the number of photons emitted per second by the medium wave transmitter is approximately 2.5152 x 10^34 photons/s, and the number of photons entering the pupil per second corresponding to the minimum intensity of white light is approximately 1.0060 x 10^23 photons/s.
इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप इलेक्ट्रॉन का उपयोग करता है जिन्हें 50 kV के वोल्टेज से त्वरित किया जाता है। इलेक्ट्रॉन के साथ जुड़े दे ब्रोयली तरंगदैर्य का निर्धारण करें। अन्य कारक, जैसे कि संख्यात्मक नप के साथ, इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप का विभेदन शक्ति ऑप्टिकल माइक्रोस्कोप के साथ जो कि पीली रोशनी का उपयोग करता है की तुलना में होती है? (λy=5.9×10^−7m)
उत्तर:
- इलेक्ट्रॉन के साथ जुड़े दे ब्रोयली तरंगदैर्य को निर्धारित करें:
दे ब्रोयली तरंगदैर्य (λ) = h/mv
जहां h प्लांक का संदेश (6.62607×10^−34 जूल/सेकंड), m इलेक्ट्रॉन का मास (9.10938356×10^−31 किलोग्राम), v इलेक्ट्रॉनों की वेगता (दिए गए 50 kV के वोल्टेज का उपयोग करके निर्धारित की जा सकती है):
v = √2E/m
जहां E कोई भी इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा (दिए गए 50 kV के वोल्टेज का उपयोग करके निर्धारित की जा सकती है):
E = Vq
जहां V वोल्टेज है (50 kV) और q इलेक्ट्रॉन का आवेश (1.60217662×10^−19 कूलम्ब वास्तविक आवेश) है।
इसलिए, दे ब्रोयली तरंगदैर्य निम्नलिखित रूप में निर्धारित की जा सकती है:
λ = h/mv
= (6.62607×10^−34 जूल/सेकंड)/(9.10938356×10^−31 किलोग्राम)√(2(50 kV)(1.60217662×10^−19 कूलम्ब))
= 1.22×10^−10 मीटर
- इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप का विभेदन शक्ति पीली रोशनी का उपयोग करने वाले ऑप्टिकल माइक्रोस्कोप की तुलना में काफी अधिक है। इसलिए इलेक्ट्रॉन की तरंगदैर्य पीली रोशनी की तरंगदैर्य की तुलना में बहुत कम होती है (1.22×10^−10 मीटर पीली रोशनी के 5.9×10^−7 मीटर की तुलना में)।
सूर्य के पृष्ठियों तक पहुंचने वाली सूर्य की ऊर्जा प्रवाह 1.388×10^3 वॉट/मीटर^2 है। पृथ्वी पर लगभग (निकटतम) कितने प्रति वर्ग मीटर फोटन आते हैं प्रति सेकंड? मान लें कि सूरज की किरणों की औसत तारंगदैर्घ्य 550 एनएम है।
उत्तर:
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1.388×10^3 वॉट/मीटर^2 को जूल प्रति सेकंड प्रति वर्ग मीटर में बदलें: 1.388×10^3 वॉट/मीटर^2 = 1.388×10^3 जूल/सेकंड/मीटर^2
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550 एनएम के एक फोटन की ऊर्जा की गणना करें: ऊर्जा = hc/λ ऊर्जा = (6.626×10^-34 जूल सेकंड × 3.00×10^8 मीटर/सेकंड)/(550×10^-9 मीटर) ऊर्जा = 3.95×10^-19 जूल
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प्रति वर्ग मीटर प्रति सेकंड फोटनों की संख्या की गणना करें: फोटनों की संख्या = 1.388×10^3 जूल/सेकंड/मीटर^2/3.95×10^-19 जूल फोटनों की संख्या = 3.51×10^21 फोटन/मीटर^2/सेकंड