भागों की प्रणाली और घूर्णनीय गति अभ्यास 01

प्रश्न:

दिखाएं कि a.(b×c) तीन वेक्टर, a, b और c पर जो एक पैरालेलोपीपिड पर बना है, उसके आकार में समान है।

उत्तर:

चरण 1: बिना प्रोडक्ट के परिभाषा का याद करें: a.b = |a||b|cosθ, जहां θ a और b के बीच का कोण है।

चरण 2: क्रॉस प्रोडक्ट के परिभाषा का याद करें: b×c = |b||c|sinθ, जहां θ b और c के बीच का कोण है।

चरण 3: a.(b×c) के समीकरण में डॉट प्रोडक्ट और क्रॉस प्रोडक्ट की परिभाषाओं को प्रतिस्थापित करें ताकि मिलेगा: a.(b×c) = |a||b||c|cosθsinθ।

चरण 4: पैरालेलोपीपिड के आकार के लिए सूत्र को याद करें: V = |a||b||c|sinθ, जहां θ a और b के बीच का कोण है।

चरण 5: पैरालेलोपीपिड के आकार के लिए सूत्र को समीकरण a.(b×c) = |a||b||c|cosθsinθ में प्रतिस्थापित करें ताकि मिलेगा: a.(b×c) = V।

इसलिए, a.(b×c) तीन वेक्टर, a, b और c पर बने पैरालेलोपीपिड के आकार में समान है।

प्रश्न:

एक कार की वजन 1800 kg है। उसके सामने और वापसी धुरियों के बीच की दूरी 1.8 m है। इसका केंद्रीय गुरुत्वाकर्षण समभाग 1.05 m से सामने धुरी के बारीकी पीछे है। प्रत्येक सामने की धुरी और प्रत्येक पीछे की धुरी पर स्तर जमीन के द्वारा लगी बल निर्धारित करें।

उत्तर:

  1. कार का वजन (1800 kg) की गणना करें।

  2. सामने और वापसी धुरियों के बीच की दूरी (1.8 m) की गणना करें।

  3. केंद्रीय गुरुत्वाकर्षण समभाग (1.05 m सामने धुरी के पीछे) की गणना करें।

  4. प्रत्येक सामने की धुरी पर जमीन के द्वारा लगी बल की गणना करें: F = (1800 kg x 9.8 m/s2) x (1.05 m / 1.8 m) = 1023.33 N

  5. प्रत्येक पीछे की धुरी पर जमीन के द्वारा लगी बल की गणना करें: F = (1800 kg x 9.8 m/s2) x (0.75 m / 1.8 m) = 759 N

प्रश्न:

एक रोटर को विन्यासी गति 200 रैडियन प्रति सेकंड पर निर्दिष्ट करने के लिए, एक इंजन को 180 एन एम टार्क प्रसारित करने की आवश्यकता होती है। यंत्र द्वारा आवश्यक शक्ति क्या है? (नोट: विन्यासी कोणिक वेग को घटाव वाले तरकीब से तैयार किया है। व्यापकता में, घर्षणरहित उच्च सामंजस्यावत्ता शांति के समान है। अभ्यास में, लगभग घर्षणरहित उच्चतमता का उपयोग करना चाहिए।).

उत्तर:

चरण 1: रोटर की विन्यासी गति (ऊंचाई) की गणना करें: ऊंचाई = 200 रैडियन प्रति सेकंड

चरण 2: इंजन द्वारा लागू टार्क (T) की गणना करें: T = 180 एन एम

चरण 3: इंजन द्वारा आवश्यक शक्ति (P) की गणना करें: P = T x ω P = (180 एन एम) x (200 रैडियन प्रति सेकंड) P = 36,000 वॉट

चरण 4: 100% कुशलता के साथ इंजन द्वारा आवश्यक शक्ति (P) की गणना करें: P = 36,000 वॉट P (100% कुशलता) = 36,000 वॉट

प्रश्न:

एक व्यास 2 मीटर की हूप का वजन 100 किलोग्राम है। यह एक लचीले मंजी धरती के समतल में घुमता है ताकि इसके संकेंद्र में केंद्र का गति 20 सेमी/सेकंड होती है। इसे रोकने के लिए कितना काम किया जाना चाहिए?

उत्तर:

  1. हूप की संभावित प्रबलता की गणना करें: I = mr2 = 100 x (2)2 = 400 किलोग्राम मीटर2

  2. हूप की गतिशक्ति की गणना करें: KE = ½Iω2 = ½ x 400 x (20/100)2 = 0.8 जूल

  3. हूप को रोकने के लिए किया जाने वाला काम की गणना करें: W = KE = 0.8 जूल

प्रश्न:

उत्तर: कदम 1: स्मरण करें कि एक त्रिभुज का क्षेत्र आधार गुणा कर ऊचाई होती है।

कदम 2: a और b वेक्टरों के बीच में होने वाले त्रिभुज का क्षेत्र को a×b की मात्रा के आधार लिया जाए।

कदम 3: दो वेक्टरों के अंतःक्रिया की मात्रा की गणना के लिए अंतःक्रिया की सूत्र का उपयोग करें।

कदम 4: a×b की मात्रा की ऊचाई गणना करें जो a और b वेक्टरों के बीच में होने वाले त्रिभुज की ऊचाई होती है।

कदम 5: आधार को ऊचाई से गुणा करें और परिणाम को दो से भाग करके क्षेत्र प्राप्त करें।

स्टेप ६: दिखाएं कि त्रिभुज का क्षेत्र, a×b के मात्राशीलता के आधे के बराबर होता है।

प्रश्न:

(a) एक गोला का निर्दीश पर वित्तीय अवरोम पता करें,जैसा की गोला के तुल्यकोणीय कारक की वित्तीय अवरोम 2MR2^/5 होती है, यहां M गोला की मास है और R गोला की त्रिज्या है।(b) यदि गोला की कम्पन अवरोम MR^2/4 है, तो गोला के प्रति वाम कारक क्षेत्र क्या होगी और इसका वाम कारक क्षेत्र क्या होगा?

उत्तर:

(a) एक गोला का निर्दीश पर वित्तीय अवरोम = 2MR^2/5

(b) गोला का प्रति वाम कारक क्षेत्र = MR^2/2

प्रश्न:

एक मसौड़े का घनन 20 kg है और यह अपने धुरी के तीव्रता 100 rad s−1 के साथ अपने धुरी के परिधि के चक्रान्ति के साथ घूमता है। मसौड़े के परिधि का त्रिज्या 0.25 मीटर है। मसौड़े की चक्रान्ति के साथ संबंधित किनेटिक ऊर्जा क्या है? मसौड़े के धुरी के चक्रान्ति के बारे में कोणीय प्रभुत्व की आवद्यता की आपूर्ति का माग्निटूड क्या है?

उत्तर:

किनेटिक ऊर्जा = 1/2 × घनत्व × कोणीय वेग² × परिधि²

किनेटिक ऊर्जा = 1/2 × 20 kg × (100 rad s−1)² × (0.25 m)²

किनेटिक ऊर्जा = 25,000 J

कोणीय प्रभुत्व = घनत्व × कोणीय वेग × परिधि

कोणीय प्रभुत्व = 20 kg × 100 rad s−1 × 0.25 m

कोणीय प्रभुत्व = 5,000 kg m² s−1

प्रश्न:

एक ठोस गोला दो भिन्न झुकाव मुक्त तरंगों पर नीचे रोल करता है जो ऊंचाई में समान होती है, लेकिन झुकाव के कोण भिन्न होते हैं। (a) क्या यह हर मामले में एक ही गति के साथ नीचे जाएगा? (b) क्या यह एक झुकाव से दूसरे से अधिक समय लेगा? (c) अगर हाँ, तो कौन सा और क्यों?

उत्तर:

a) नहीं, यह हर मामले में एक ही गति के साथ नीचे नहीं जाएगा।

b) हाँ, यह झुकाव से दूसरे से अधिक समय लेगा।

c) झुकाव के अधिक कोन वाली झुकाव वाले तरंगितता को नीचे जाने में अधिक समय लगेगा, क्योंकि उस पर अधिक गुरुत्वाकर्षण बल होगा, जिसके कारण गोला को नीचे जाना मुश्किल होगा।

यदि एक एकल अकारणीय भार प्रणाली के गति को भार केंद्र की गति और भार के चारों ओर गति में विभाजित किया जाए, तो इसका हिसाब कैसे लगाएंगे? (क) प्रमाणित करें कि p=pi′​+mi​V होता है, यहां pi​ आईथ अणु (mi​ का) की प्रथमी की गतिर्नायन है और pi′​=mi​vi′​ है। नोट करें vi′​, नींव के रूप में आईथ अणु की सापेक्षिक गति है। इसके अलावा, केंद्र धन की परिभाषा का उपयोग करके ∑pi′​=0 प्रमाणित करें। (ब) प्रमाणित करें कि K=K′+1/2MV^2 होता है, यहां K प्रणाली के भार की कुल गतिशील ऊर्जा है, K′ प्रणाली की कुल गतिशील ऊर्जा है जब अणु वेग भार के संबंध में ली जाती है और MV^2/2 प्रणाली के अणु की प्रत्यावर्तन की गति की ऊर्जा है (अर्थात प्रणाली के भार केंद्र गति की ऊर्जा)। परिणाम को अनुभाग 7.14 में उपयोग किया गया है। (क) प्रमाणित करें कि L=L′+R×MV होता है, यहां L′=ri′​×pi′​ अणु है जो भार केंद्र के प्रति अथवा अणु प्रणाली के प्रति कुल

तरंगगति के अध्ययन के द्वारा सिद्ध करें कि एक चालू शरीर (जैसे कि घंटी, डिस्क, सिलेंडर या गोला) की अधोनमिश्रितता वेग v एक उच्चतम तल के माथाबिन्द h पर धार्मिक एक सीढ़ी पर वेग द्वारा दिया गया है जो v^2 = 2gh/1+k^2/R^2 जैसा है। ध्यान दें कि k शरीर के सममिति धुरी के प्रति संचार त्रिज्या है, और R शरीर का ऊंचाई धुरी है। शरीर ऊपर से शान्ति स्थिति से प्रारंभ होता है।

  1. Ek cylinder ek sidhaasarit manch ke saath upar roll karta hai jiska isthkon ke prati kon 30o hai. Sidhaasarit manch ke nichle hisse mein cylinder ka kendriya sankuchan ki speed 5m/s hai. (a) Cylinder manch par kitne door tak jayega? (b) Cylinder manch ke niche lautne mein kitna samay lagega?

Answer:

(a) चापविन्यास बचाने का सत्यापन करें। (संकेत: एक निकटतम ओर एक धुरी से समुद्रयोनी में एक बिंदु (x, y) की दूरी का वर्ग x^2+y^2 होता है)। (बी) एकरेखीय धुरी के सत्यापन करें। (संकेत: यदि भार मध्य कोण के रूप में चुना जाता है तो ∑mi​ri​=0 होता है)।

उत्तर: (ए) चापविन्यास के सत्यापन का सबूत:

P(x,y) एक ऐसा बिंदु होता है जो xy समतल में मौजूद है और मूल से एक धुरी के माध्यम से दूरी d होती है।

आरंभिक वेग है 5 मीटर/सेकंड।

  1. पुन: नीचे आने के लिए यह कितना समय लगेगा, यह जानने के लिए समय = (2 x उच्चतम बिंदु तक का समय) लागू कीजिए। जब कपास बेंडर के ऊपर होती है, तब यह सबसे ऊचा बिंदु है। कपास की गति पूर्ण प्रतिवेदन तथा यानुयान गति के समान होगी, इसलिए यहां कपास की ऊचाई को समय की वृद्धि में परिवर्तित करके समय = (2 x यात्रा का समय) को लागू करें। यात्रा का समय निचले बिंदु तक पहुंचने में उपयोग किया जा सकता है।

यदि कपास प्लेन के ऊपर यात्रा करने के दौरान किसी भी प्रकार की गति को उठाती नहीं है, तो इसे समय = (2 x U / g) में परिवर्तित कर सकते हैं, यहां U आरंभिक वेग है और g ग्रेविटेशनल त्वरण है।

इस प्रश्न में ऑपरेशनल अनिश्चितता है क्योंकि इसमें प्लेन घोरता है, इसलिए हम एक कनेक्शनियों आवश्यकता होगी, जैसे कि कपास के व्यास, गति के संकेतक, और घोरता के जोर का प्रकियात्मक। इन्पुट जानकारी में ऐसे विवरण नहीं मिलते हैं, इसलिए इस प्रश्न का समाधान नहीं मिलेगा। जोरदार स्थलों के बारे में अधिक जानकारी के बिना, हम इस कपास की ऊचाई और समय के बारे में कोई निश्चित उत्तर नहीं दे सकते हैं।

The center of gravity of the resulting flat body is located at a distance of R/4 from the center of the original disc.

  1. मूल डिस्क का केंद्र अवधारणा के रूप में ले।

  2. डिस्क के दो क्षेत्रों को मानें, वृत्ताकार छेद और डिस्क के शेष भाग।

  3. वृत्ताकार छेद का क्षेत्र की गणना करें। वृत्त का क्षेत्र A = πr2 द्वारा दिया जाता है, जहां r वृत्त का त्रिज्या है। इस प्रकार, वृत्ताकार छेद का क्षेत्र A = π(आर/2)2 = πआर2/4 होगा।

  4. डिस्क के शेष भाग का क्षेत्र की गणना करें। वृत्त का क्षेत्र A = πr2 द्वारा दिया जाता है, जहां r वृत्त का त्रिज्या है। इस प्रकार, डिस्क के शेष भाग का क्षेत्र A = πआर2 होगा।

  5. वृत्ताकार छेद के केंद्र से आरंभिक स्थान की दूरी की गणना करें। एक वृत्त का केंद्र समय्यित होता है, जो मूल से R/2 दूरी पर स्थित होता है।

  6. डिस्क के शेष भाग के केंद्र से आरंभिक स्थान की दूरी की गणना करें। एक वृत्त का केंद्र समय्यित होता है, जो मूल से R दूरी पर स्थित होता है।

  7. डिस्क का कुल क्षेत्र की गणना करें। डिस्क का कुल क्षेत्र वृत्ताकार छेद के क्षेत्र और डिस्क के शेष भाग के क्षेत्र का योग होता है। इस प्रकार, डिस्क का कुल क्षेत्र A = πआर2 + πआर2/4 = 5πआर2/4 होगा।

  8. डिस्क के केंद्र भार की दूरी की गणना करें। किसी शरीर का केंद्र भार x = (A1x1 + A2x2 + … + Anxn)/(A1 + A2 + … + An) द्वारा दिया जाता है, जहां A1, A2, …, An शरीर के विभिन्न भागों के क्षेत्र हैं, और x1, x2, …, xn शरीर के विभिन्न भागों के केंद्र भार की दूरी हैं। इस प्रकार, डिस्क के केंद्र भार की दूरी x = (πआर2/4 x R/2 + πआर2 x R)/(5πआर2/4) = 4R/5 होगी।

  9. परिणामस्वरूप फ्लैट शरीर का केंद्र भार मूळ से 4R/5 की दूरी पर स्थित होता है।

प्रश्न:

एक मीटर स्टिक का केंद्र पर एक चाकू पत्ती पर संतुलित होता है। जब दो सिक्के, प्रत्येक का मास 5 ग्राम होता है, एक-दूसरे के ऊपर 12.0 सेंटीमीटर निशान पर रखे जाते हैं, तब स्टिक को 45.0 सेंटीमीटर पर संतुलित पाया जाता है। मीटर स्टिक का मास क्या है?

उत्तर:

चरण 1: सिक्कों और स्टिक के केंद्र के बीच की दूरी की गणना करें।

दूरी = 12.0 सेंटीमीटर - 45.0 सेंटीमीटर = 33.0 सेंटीमीटर

चरण 2: सिक्कों का कुल मास की गणना करें।

सिक्कों का मास = 5 ग्राम x 2 = 10 ग्राम

चरण 3: मीटर स्टिक का मास की गणना करें।

मीटर स्टिक का मास = 10 ग्राम x (33.0 सेंटीमीटर/45.0 सेंटीमीटर) = 7.3 ग्राम

प्रश्न:

HCl अणु में दो परमाणुओं के नीचल स्थान की अलगाव 1.27 एंग्सट्रॉम (1 एंग्सट्रॉम = 10−10 मीटर) है। अणुरेखा का प्रायोगिक स्थान ढूंढें, जबकि एक क्लोरीन परमाणु लगभग हाइड्रोजन परमाणु के 35.5 गुना भारी होता है और लगभग सभी परमाणु का भार उनके नीचे बहुत संचित होता है।

उत्तर:

चरण 1: हाइड्रोजन परमाणु (mH) और क्लोरीन परमाणु (mCl) का भंडारण करें।

mH = 1.0079 ग्राम/मोल mCl = 35.5 x mH = 35.45 ग्राम/मोल

चरण 2: हाइड्रोजन नाभिककेन्द्र से क्लोरीन नाभिककेन्द्र तक की दूरी (d) की गणना करें।

d = 1.27 एंग्सट्रॉम = 1.27 x 10-10 मीटर

स्थूलक नाभिक की क्षमता (mHN) और स्थूलक नाभिक का भार (mClN) की गणना करें।

mHN = 1.0078 ग्राम/मोल mClN = 35.45 ग्राम/मोल

स्थानांतरण 4: HCl अणु के कुल भार (mT) की गणना करें।

mT = mHN + mClN = 36.46 ग्राम/मोल

स्थानांतरण 5: अणु के CM का स्थान निर्धारित करें (rCM)।

rCM = (mHN x d) / mT rCM = (1.0078 x 1.27 x 10-10) / 36.46 rCM = 3.48 x 10-12 मीटर

प्रश्न:

मास 10 ग्राम और गति 500 मीटर/सेकंड की एक गोली एक दरवाजे में छोड़ी जाती है और उसके केंद्र में निहित हो जाती है। दरवाजा 1.0 मीटर चौड़ा है और 12 किलोग्राम का वजन है। यह एक तरफ से बंधा हुआ है और बिना घर्षण के एक ऊँचाइशीय धुरी के चारों ओर से घुमता है। दरवाजे में गोली निहित होने के बाद धुनाई की कोणीय गति का पता लगाएं।

उत्तर:

  1. दरवाजे की संधि-क्षमता निर्धारित करें: I = (1/3)m x L2 = (1/3) (12 किलोग्राम) (1.0 मीटर)2 = 4 किलोग्राम-मीटर2

  2. गोली की कोणीय पलंब का निर्धारण करें: L = m x v x r = (10 ग्राम) (500 मीटर/सेकंड) (0.5 मीटर) = 2500 किलोग्राम-मीटर/सेकंड

  3. दरवाजे की कोणीय गति का निर्धारण करें: ω = L/I = (2500 किलोग्राम-मीटर/सेकंड) / (4 किलोग्राम-मीटर2) = 625 रेडियन/सेकंड

प्रश्न:

10 किलोग्राम की दोरी और 15 सेंटीमीटर त्रिज्या वाली एक घुमती रैसी एक 30 डिग्री के तल में पूरी तरह से घुम रही है। स्थिर घर्षण का संकेतांक μs = 0.25 है। (a) दोरी पर लगने वाला घर्षण कितना होता है? (b) घूँघट के विरुद्ध की जाने वाली कार्यवाही के दौरान कितना काम होता है? (c) यदि तल का टिल्ट गति बढ़ जाता है, तो टिल्ट के कितने के बाद दोरी बिलकुल सही ढंग से नहीं घूमने लगती है?

उत्तर:

(a) दोरी पर लगने वाला घर्षण μsmg समीकरण द्वारा दिया जाता है, जहां μs स्थिर घर्षण का संकेतांक है, m दोरी का मास है और g गुरुत्वाकर्षण के कारण एक्सेलरेशन है। इसलिए, दोरी पर लगने वाला घर्षण F = 0.2510*9.81 = 24.525 न्यूटन होता है।

(b) घुमती हुई रैसी के विरुद्ध कार्यवाही के दौरान की जाने वाली कार्यवाही W = Fd समीकरण द्वारा दिया जाता है, जहां F घर्षण का बल है और d यात्रित दूरी है। यदि दोरी पूरी तरह से घुम रही होती है, तो यात्रित दूरी घुमती हुई रैसी के परिधि के बराबर होती है, जो 2πr होता है, जहां r रैसी का त्रिज्या है। इसलिए, घुमती हुई रैसी के विरुद्ध की जाने वाली कार्यवाही W = 24.5252π*0.15 = 37.7 जूल होती है।

(c) स्थिर घर्षण संकेतांक संकेतांक है जो जब एक वस्तु पर लगाए जाने वाले अधिकतम घर्षण की मात्रा है जब वह सही ढंग से घूमना बंद कर देती है, और नहीं सही ढंग से घूमती है। इसलिए, दोरी बिलकुल सही ढंग से घूमना बंद कर देती है जब टिल्ट का कोण θ स्थिर घर्षण के मान से अधिक होता है, जो इस मामले में 0.25 है। इसलिए, दोरी बिलकुल सही ढंग से घूमना बंद कर देती है जब टिल्ट का कोण θ का मान 0.25 से अधिक हो जाता है।



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