अवरोधन अभ्यास (Avarodhan Abhyas)

ही संस्करण:

प्रश्न:

एक कण रेखागामी सरल संयोजन में है जो दो बिंदुओं, A और B, के बीच 10 सेमी की दूरी पर है। A से B तक दिशा को सकारात्मक दिशा मानें और जब कण उस बिंदु पर होता है (a) एंड A पर, (b) एंड B पर, (c) AB के बीच के आधे मार्ग पर A की ओर जा रहे होता है, (d) B से 2 सेमी दूर जाते हुए A की ओर, (e) A से 3 सेमी दूर जाते हुए B की ओर, और (f) B से 4 सेमी दूर जाते हुए A की ओर, कण पर वेग, त्वरण और बल के चिन्ह दें।

उत्तर:

(a) वेग = -, त्वरण = +, बल = - (b) वेग = +, त्वरण = -, बल = + (c) वेग = -, त्वरण = +, बल = - (d) वेग = -, त्वरण = +, बल = - (e) वेग = +, त्वरण = -, बल = + (f) वेग = -, त्वरण = +, बल = -

प्रश्न:

एक रेलगाड़ी के सिलेंडर हेड में बाईस ईंधनोर्धक में एक स्ट्रोक (द्रुतिक पदम) 1.0 मीटर है। यदि पिस्टन 200 rad/min के एकल संयोजन गति के साथ चलता है, तो इसकी अधिकतम गति क्या है?

उत्तर:

  1. कोणीय गति को आवृत्ति में पृथक करें: 200 rad/min = 200/2π rad/s आवृत्ति = 200/2π Hz

  2. गति की अवधि का गणना करें: T = 1/f = 1/(200/2π) = π/100 s

  3. अधिकतम गति की गणना करें: Vmax = 2πfA = 2π(200/2π)(1.0) = 200 m/s

प्रश्न:

चंद्रमा की सतह पर गुरुत्वाकर्षण का त्वरण 1.7 m s^−2 है। चंद्रमा की सतह पर एक सरल पेंडुलम की कालावधि क्या है यदि इसकी पृथ्वी की सतह पर कालावधि 3.5 s है? (पृथ्वी की सतह पर g = 9.8 m s^−2 है)

उत्तर:

चरण 1: दिए गए मानों की पहचान करें। दिया गया: चंद्रमा की सतह पर g = 1.7 m s^−2 और पृथ्वी की सतह पर g = 9.8 m s^−2, पृथ्वी की सतह पर कालावधि = 3.5 s

चरण 2: कालावधि की गणना करने के लिए सूत्र T = 2π√(l/g) का उपयोग करें।

चरण 3: सूत्र में दिए गए मानों को स्थानांतरित करें। T = 2π√(l/g) T = 2π√(l/1.7)

चरण 4: चंद्रमा की सतह पर कालावधि की गणना करें। T = 2π√(l/1.7) T = 2π√(3.5/1.7) T = 4.72 s

प्रश्न:

आप एक 3000 किलोग्राम की गाड़ी में सवारी कर रहे हैं। मान लेते हुए कि आप इसके सस्पेंशन प्रणाली की दोलन विशेषताओं की जांच कर रहे हैं। जब पूरी गाड़ी उस पर रखी जाती है तो सस्पेंशन वाले दोलन में 15 सेमी धँसता है। इसके अलावा, एक पूर्ण दोलन के दौरान विभ्रमण की अधिकतमता 50% घटती है। एक पहिया के स्प्रिंग और शॉक अवशोषक प्रणाली के (a) वाल कोणस्टेंट k और (b) निपटान संख्या बी की मान्यता का अनुमान लगाएँ, यहां यह मान लें कि प्रत्येक पहिया 750 किलोग्राम का समर्थन करता है।

उत्तर:

कोणस्थायी की गणना करने के लिए सूत्र का उपयोग करें: k = (4π2m)/x2

m = गाड़ी का भार = 3000 किलोग्राम x = दोलन की अधिकता = 15 सेमी = 0.15 मीटर

k = (4π2m)/x2 k = (4π2*3000)/(0.152) k = 1,072,000 एन/मीटर

b) निपटान संख्या b की गणना करने के लिए सूत्र का उपयोग करें: b = (4πm)/(ln(A2/A1))

m = गाड़ी का भार = 3000 किलोग्राम A1 = दोलन की प्रारंभिक अधिकता = 15 सेमी = 0.15 मीटर A2 = एक पूर्ण दोलन के बाद की अधिकता = A1 का 50% = 0.075 मीटर

b = (4πm)/(ln(A2/A1)) b = (4π*3000)/(ln(0.075/0.15)) b = 5,843 एनs/मीटर

प्रश्न:

एक वृत्ताकार डिस्क का भार 10 किलोग्राम है जो अपने केंद्र में लगी हुई तार से सस्ता है। डिस्क को घुमाकर तार को घुमाया और उसे छोड़ दिया जाता है। टॉर्शनल ओसिलेशन की अवधि 1.5 सेकंड होती है। डिस्क का त्रिज्या 15 सेंटीमीटर है। तार की टोर्शनल स्प्रिंग संख्या का निर्धारण करें। (टोर्शनल स्प्रिंग संख्या α संख्या J= − αθ के साथ परिभाषित है, जहां J पुनर्स्थापन कपल है और θ घुमाव का कोण है)।

उत्तर:

  1. डिस्क का घुमावन कार्यक्षेत्र (moment of inertia) की गणना करें: I = mr2 = (10 किलोग्राम)(0.15 मीटर)2 = 0.225 किलोग्राम मीटर2

  2. ओसिलेशन के कोणीय आवृत्ति की गणना करें: ω = 2π/T = 2π/1.5 सेकंड = 4.19 रेडियन/सेकंड

  3. टॉर्शनल स्प्रिंग संख्या की गणना करें: α = J/θ = Iω2/θ = (0.225 किलोग्राम मीटर2)(4.19 रेडियन/सेकंड)2/θ = 17.2 न्यूटन मीटर/रेडियन

प्रश्न:

लंबाई l वाला एक सरल पंडुलियम मार्गी की घोरता R वाले एक बराबर गति v के साथ एक परिपत्र में सस्पेंड होता है। यदि पेंडुलम अपनी स्थिरावस्था से रेडियल किंवदंति में छोटे ओसिलेशन करता है, तो इसकी अवधि क्या होगी?

उत्तर:

चरण 1: गाड़ी की त्वरण निर्धारित करें।

गाड़ी की त्वरण = v2/R

चरण 2: पंडुलियम की प्रभावी त्वरण निर्धारित करें।

पंडुलियम की प्रभावी त्वरण = (v2/R) + g

चरण 3: पंडुलियम की अवधि निर्धारित करें।

पंडुलियम की अवधि = 2π√(l/g + (v2/Rg))

प्रश्न:

निम्नलिखित में से कौन कौन से समयिक गतिशीलता के उदाहरण हैं? (a) अपने केंद्र भार को घुमाते हुए हाइड्रोजन मोलेक्यूल। (b) अपने N-S दिशा से विचलित होने वाला एक स्वतंत्र लट्ठा ब्यास की ओर लटकाया गया। (c) एक तैराक जो एक नदी के एक तट से दूसरे तट और वापस एक यात्रा पूरी करता है। (d) तीर एक धनुष से छोड़ना।

उत्तर:

उत्तर: (a) अपने केंद्र भार को घुमाते हुए हाइड्रोजन मोलेक्यूल। (b) अपने N-S दिशा से विचलित होने वाला एक स्वतंत्र लट्ठा।

प्रश्न:

सरल हारमोनिक गति का पालन करने वाले एक कण के गतिशीलता को x(t) = Acos(ωt+ϕ) विवरणित किया जाता है। यदि कण की प्रारंभिक (t=0) स्थिति 1 सेमी है और उसकी प्रारंभिक वेग ω सेमी/सेकंड है, तो उसकी आंपलिट्यूड और आरंभिक चरण कोण क्या होंगे? कण की त्रिज्या खंभ राशि पाएगी: πs^−1। यदि इसके बजाय कोशन फ़ंक्शन को चयन करें तो आंपलिट्यूड और आरंभिक चरण कोण क्या होंगे?

उत्तर:

उत्तर:

ए) विस्थापन फ़ंक्शन x(t)=Acos(ωt+ϕ) के लिए:

आंपलिट्यूड A = 1 सेमी आरंभिक चरण कोण ϕ = 0

ब) विस्थापन फ़ंक्शन x(t)=Bsin(ωt+α) के लिए:

आंपलिट्यूड B = 1 सेमी आरंभिक चरण कोण α = π/2

प्रश्न:

निम्न समय के सभी कार्यकारी वर्णन में से (A) सरल हरमोनिक, (B) सामयिक लेकिन सरल हरमोनिक नहीं, और (C) असामयिक गति का प्रतिष्ठान करते हैं? प्रतिष्ठान मान के लिए प्रत्येक मामले की अवधि बताएं (यहां ω कोई सकारात्मक संख्या है) : (a) sinωt−cosωt (b) sin^3ωt (c) 3cos(π/4−2ωt) (d) cosωt+cos3ωt+cos5ωt (e) exp(−ω^2t^2) (f) 1+ωt+ω^2t^2

उत्तर:

उत्तर: (a) A: सरल हरमोनिक, अवधि: 2π/ω (b) B: सामयिक लेकिन सरल हरमोनिक नहीं, अवधि: 2π/ω

पेडूलम एक यांत्रिकीय ऐंद्रजालिक उपकरण है, जिसका समय अवधि hum क्षैतिज दूरी L, बलगतिन्त्र m, और गुरुत्वाकर्षण acceleration g विशेषों पर निर्भर करता है: T=2π√m​/k . एक साधारण पेडूलम आंदोलनमान्य तरीके से कार्यान्वित करता है। इसलिए पेंडुलम के समय अवधि में स्र्पेंध निर्माता k और मानव m पर निर्भर करती है? (b) साधारण पेडूलम का आंदोलनमान्य चिढ़चिढ़ा आंगल के लिए होता है। अधिक चिढ़चिढ़ा आंगल के लिए, एक और संघन विश्लेषण दिखाता है कि T 2π√l​/g से अधिक है। इस परिणाम को मानसिक ढंग से हटाने के लिए एक गुणात्मक तर्क का अनुभव करें। (c) एक आदमी जिसके हाथ पर एक घड़ी होती है, एक टावर के शीर्ष से गिरता है। क्या यह ठीक समय देता है गिरावट के समय? (d) गुरुत्वाकर्षण के अधीन निःशुल्क गिरने वाले एक सरल पेडूलम का आंतरध्वनि की आवृत्ति क्या है?

उत्तर: दिए गए सूत्र के अनुसार, शिथिल गति में स्थित घन के एम्प्लीट्यूड के बराबर बाल के विस्तार के बराबर होते हैं।

x = a cos(ωt + θ)

विभिन्नांक (बचाने वाले) की क्रमिक अवकेंद्रीय वेग व0 को प्रारंभिक वेग के रूप में लिखें, जो नकारात्मक होता है।

v0 = -ωa sin θ

उस समय जब x = x0 और v = v0, कोण θ का तालिकात्मक आकलन करें।

x0 = a cos θ

v0 = -ωa sin θ

ऊर्ध्वगामी वेग को कथित पुनर्स्थापन गति आधारित बिंदुप्रमाण में व्यक्त करें।

v0 = -ω√(x0² - x²) sin θ

√(x0² - x²) = -(v0/ω) sin θ

x0² - x² = (v0/ω)² sin² θ

x² = x0² - (v0/ω)² sin² θ

जब x = 0 हो, तो θ की मानदंडित करें।

0 = x0² - (v0/ω)² sin² θ

sin² θ = x0²/(v0/ω)²

θ = sin⁻¹(√(x0²/(v0/ω)²))

अंतिम रूप में, आरंभिक मामूली ढंग की ऊंचाई x के रूप में एम्प्लीट्यूड का निर्णय करें।

a = x0/cos θ

a = x0/cos(sin⁻¹(√(x0²/(v0/ω)²)))

a = x0/√(1 - x0²/(v0/ω)²)

अंतिम उत्तर: a = x0/√(1 - x0²/(v0/ω)²)

  1. प्रारम्भ करें थोक की गति के लिए मास के साथ इसके खींचे धुर पर लेखन से: x = एकॉस(डब्ल्यूt + ठीटा), जहां एक एम्लीट्यूड है, डब्ल्यू एक्सोस एंगुलर गति है, टी समय है और ठीटा चर ज्यामिति है।

  2. समय t = 0 पर, आकर्षित वेग v0 के साथ धुर को एक दूरी x0 तक खींचा जाता है और केंद्र की ओर धकेला जाता है। इसलिए, x0 = एकॉस(ठीटा) है और v0 = -एक एक्सोस(ठीटा है।

  3. एक में मिलाकर A के लिए हल करें आवेशन A = एक्स0/cos(ठीटा) और Aओएमेगा = v0/sin(ठीटा) और दो में मिलाने के लिए दो समीकरणों।

  4. जो पैरामीटर्स डब्ल्यू, एक्स0 और व० के हैं, उनके संबंध में परिणामस्वरूप आरम्भिक द्योति का मापन किया जा सकता है, जैसे कि ए = √(x0^2 + (v0/ओएमेंगा)^2)।

प्रश्न:

एक बॉडी के विवाहरत संज्ञानबद्ध नामक गति है जिसकी एक द्योति 5 सेंटीमीटर और एक आवधि 0.2 सेकंड है। जब विस्थापन होने पर लापता है तो बॉडी का त्वरण और वेग पता करें (क) 5 सेंटीमीटर (ख) 3 सेंटीमीटर (ग) 0 सेंटीमीटर।

उत्तर:

(क) त्वरण = -50 सेंटीमीटर/सेकंड^2, वेग = 0 सेंटीमीटर/सेकंड

(ख) त्वरण = -30 सेंटीमीटर/सेकंड^2, वेग = 10 सेंटीमीटर/सेकंड

(ग) त्वरण = 0 सेंटीमीटर/सेकंड^2, वेग = 0 सेंटीमीटर/सेकंड

प्रश्न:

एक तरल पदार्थ का एक गोलाकार टुकड़ा एक तरलीकृत क्षेत्र A और ऊचाई h का घोलता है, एक तरलता ρ1 में डूबता है। धीरे-धीरे यह दबा है और फिर छोड़ देता है। इसका साबित करें कि घोल एक द्योतित हरीक्रांतिक आंतरिक आंतरिक होता है टी=2π√hρ​/ρ1​g जहां घोल की घाटणा ρ है। (जल की दक्षता के लिए सीमित होने के कारण, छोड़ दें।)

उत्तर:

  1. घोल पर ऊपरी बल की गणना करके प्रारंभ करें। यह तरल के द्वारा उत्सृजित जल के वजन के बराबर है, जो घोल द्वारा डिस्प्लेस होने वाले तरलीकृत क्षेत्र के आयतन के बराबर है। घोल के आयतन के बराबर होता है Aρ1h।

  2. अगले, घोल पर पुनर्स्थापन बल की गणना करें। यह घोल के वजन माइनस ऊपरी बल होता है, जो समान होता है Aρh - Aρ1h।

  3. घोल उपर-नीचे हरीक्रांतिक आंतरिक आंतरिक के साथ ऊपर-नीचे हिलेगी, जिसकी अवधि समय T=2π√hρ/ρ1g के समीकरण द्वारा दी गई है। यह समीकरण उन्नति-आंतरिक बल के आधार पर होता है जो घोल की धकेल के प्रतिस्पर्धी होता है, और एक सरल हरीक्रांति गति की अवधि 2π√m/k द्वारा दी गई होती है, जहां m घोल का मास होता है और k पुनर्स्थापन बल होता है। मास को (ρh) और पुनर्स्थापन बल को (Aρh - Aρ1h) सेम समीकरण में स्थान देने पर आवश्यक परिणाम मिलता है।

प्रश्न:

निम्नलिखित में से किसी भी नामक एकक ग्रहण और पदार्थ की त्वरण a और विस्थापन x के बीच सरल हरीक्रांतिक आंतरिक में शामिल होती है? (क) a = 0.7 x (ख) a = -200x^2 (ग) a = - 10x (घ) a = 100x^3

उत्तर:

उत्तर: (ग) a = - 10x



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