अमीनों का अभ्यास 13
प्रश्न:
निम्नलिखित को इकट्ठे कीजिए: (i) pKb मूल्यों की कमतरता के क्रम में: C2H5NH2,C6H5NHCH3,(C2H5)2NH और C6H5NH2 (ii) प्रारंभिक शक्ति के क्रम में: C6H5NH2,C6H5N(CH3)2,(C2H5)2NH और CH3NH2 (iii) प्रारंभिक शक्ति के क्रम में: (a) एनिलीन, पी-नाइट्रोएनिलीन और पी-टोलिडाइन
उत्तर:
(i) C6H5NH2, C6H5NHCH3, (C2H5)2NH, C2H5NH2
(ii) CH3NH2, C6H5NH2, (C2H5)2NH, C6H5N(CH3)2
(iii) एनिलीन, पी-टोलिडाइन, पी-नाइट्रोएनिलीन
प्रश्न:
निम्नलिखित पर छोटे नोट लिखें: कार्बिलामीन प्रतिक्रिया
उत्तर:
कार्बिलामीन प्रतिक्रिया, जिसे Hofmann’s आईसोसाइएनाइड प्रतिक्रिया भी कहा जाता है, एक जैविक प्रतिक्रिया है जिसमें एक आमिन और एल्डिहाइड या कीटोन से आइसोसाइएनाइड उत्पन्न होता है। यह अमीन और आइसोसाइएनाइड के संश्लेषण के लिए एक उपयोगी संश्लेषण उपकरण है। प्रतिक्रिया में, एक अल्डिहाइड या कीटोन को एक अमिन के साथ सोडियम हाइड्रोक्साइड जैसे एक मजबूत बेस के मौजूद होने पर मिलाया जाता है, जिससे एक अंतरिम कार्बिलामीन बनता है। यह अंतरिम फिर एक बेस-प्रेरित संक्षालन प्रतिक्रिया के माध्यम से आइसोसाइएनाइड बनाने के लिए गुजरता है। यह प्रतिक्रिया 1881 में पहली बार इसकी रिपोर्ट करने वाले जर्मन रासायनिकीज्ञ आगस्ट विल्हेम वोन होफमैन के नाम पर रखी गई है।
प्रश्न:
निम्नलिखित यौगिकों के IUPAC नाम लिखें और उन्हें प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक एमिन में वर्गीकृत करें। (ii) CH3(CH2)2NH2 (iii) CH3NHCH(CH3)2 (iv) (CH3)3CNH2 (v) C6H5NHCH3 (iv) (CH3CH2)2NCH3 (vii) m−BrC6H4NH2.
उत्तर:
(ii) CH3(CH2)2NH2 - 2-अमीनोप्रोपेन - प्राथमिक एमिन
(iii) CH3NHCH(CH3)2 - 2-अमीनो-2-मिथाइलप्रोपेन - द्वितीयक एमिन
(iv) (CH3)3CNH2 - ट्राइमेथिलमेथानामिन - तृतीयक एमिन
(v) C6H5NHCH3 - एनिलिनोमिथान - प्राथमिक एमिन
(vi) (CH3CH2)2NCH3 - एन-मिथाइलइथानामिन - द्वितीयक एमिन
(vii) m−BrC6H4NH2 - 4-ब्रोमोएनिलीन - प्राथमिक एमिन
प्रश्न:
निम्नलिखित के अभिक्रियाओं का विवरण करें: (i) सुगंधित और (ii) अलीफैक्टिक प्राथमिक एमिन का नाइट्रस अम्ल के साथ।
उत्तर:
(i) सुगंधित प्राथमिक एमिन + नाइट्रस अम्ल → सुगंधित डायेजोनियम खाद्य
(ii) अलीफैक्टिक प्राथमिक एमिन + नाइट्रस अम्ल → अलीफैक्टिक हाइड्राजीन
प्रश्न:
निम्नलिखित का सारांश करें: (i) ऐनिलाइन की pKb मेथिलएमिन से अधिक होती है। (ii) एथिलएमिन पानी में तरल होता है जबकि ऐनिलिन नहीं।
(i) Ethanoic acid into methanamine: Ethanoic acid can be converted into methanamine through the following steps:
- Ethanoic acid reacts with thionyl chloride (SOCl2) to form acyl chloride (ethyl chloride).
- Acyl chloride then reacts with gaseous ammonia (NH3) to form methanamine.
(ii) Hexanenitrile into 1-aminopentane: Hexanenitrile can be converted into 1-aminopentane through the following steps:
- Hexanenitrile reacts with lithium aluminum hydride (LiAlH4) in dry ether to form the corresponding primary amine, 1-aminopentane.
(iii) Methanol to ethanoic acid: Methanol can be converted into ethanoic acid through the following steps:
- Methanol is first oxidized to formaldehyde (HCHO) using an oxidizing agent such as potassium dichromate (K2Cr2O7) and sulfuric acid (H2SO4).
- Formaldehyde is further oxidized to ethanoic acid using a stronger oxidizing agent such as silver oxide (Ag2O) or potassium permanganate (KMnO4).
(iv) Ethanamine into methanamine: Ethanamine can be converted into methanamine through the following steps:
- Ethanamine is first converted into ethyl isocyanate by reacting it with phosgene (COCl2).
- Ethyl isocyanate is further hydrolyzed with water to form methanamine.
(i) ऐसा होता है क्योंकि अमायन्स में न्यूट्रल एल्कोहलों से कम एसिडिकता होती है। यह इसलिए होता है क्योंकि अमान्यन्स में बाह्य एल्कायदीक विंग नहीं होता है जो एसिडिक चरम दानक होता है।
(ii) प्राथमिक अमान्यन्स में तिसरीय अमान्यन्स से अधिक वियोलिंग पॉइंट होती है क्योंकि प्राथमिक अमायन्स में हाइड्रोजन-वाले एक्सॉनकारन्डीवोन्यन को दर उबेलने की क्षमता होती है। इसके परिणामस्वरूप, यह आदर्श गैस विभवर होते हैं जो कि किसी भी समय गैस की स्थिरता बढ़ाते हैं।
(iii) अलीफाई अमान्यन्स, गुरूतार्य अमान्यन्स से अधिक मज़बूत आधार होते हैं क्योंकि उनमें अलीफाई ग्रुह अपने प्रोटॉन को आधारीय गैर-कोवलेंट जोड़ के साथ संपर्कित कर सकता है। साथ ही एरोमाटिक अमायन्स में एक्सम पी-इतर इलेक्ट्रोन केवलंशिद्रियों के साथ कार्य करते हैं, जो उन्हें कम आधारीयता देते हैं।
(i) अमीन अगरकारी तुलनामध्ये इथं जेथं मोजतील वसादीकपणापेक्षा कमी विनाशकरी आहेत कारण अमीनमधील नाइट्रोजन एटॉम ऑल्कोहॉलमधील ठोकळ्यांतर आहे. असा अर्थ आहे की अमीनमधील नाइट्रोजन एटॉम ऑल्कोहॉलमधील ऑक्सिजन एटॉमपेक्षा अधिक इलेक्ट्रोनेगॅटिव आहे. हे म्हणजे अमीनमधील नाइट्रोजन एटॉम ऑल्कोहॉलमधील इलेक्ट्रॉने अधिक तिरक्त करतो, आणि त्यामुळे अमीनमधील ऑक्सिजनपेक्षा प्रोटॉन दान करण्याची कमी असते, आणि परंतु विनाशकरी झालेली असते.
(ii) प्राथमिक अमीनमध्ये थांबव्हिंग पॉईंट्स तरतीय अमीनपेक्षा वरील आहे कारण प्राथमिक अमीनमध्ये अन्य कणांसह हायड्रोजन बॉंड्स तयार करू शकतात, पण तरतीय अमीन त्यामुळे तयार करू शकता नाही. हे हायड्रोजन बॉंड्स कणांप्रमाणाची मधील भौतिक छटांवड्या वाढवतात, जे उच्चतम थांबव्हिंग पॉईंटवर बदल करतात.
(iii) अलिफॅटिक अमिन अणांयांसह अमुक्त मोठ्या इलेक्ट्रॉनची जोडी असते, पण अरोमॅटिक अमिनांनी कायत विसंबर संघटन असते. ही किटकनशीर जोडी अलिफॅटिक अमिनची प्रायोगिकं अधिक प्रोटॉन गृहण करण्यासाठी लांबूच देते, कारण ते अधिक दागडबा आसणारी आहेत.