कुछ p-ब्लॉक तत्व

प्रश्न:

BCl3 की तुलना में TlCl3 के साथ अधिक स्थिरता को कैसे समझा सकते हैं?

उत्तर:

  1. पहले स्थिरता की अवधारणा को समझाएं। स्थिरता एक ईमानदार तरीका है जिसके अनुसार एक मोलेक्यूल अपने पर्यावरण में होने वाले बदलाव, जैसे कि तापमान, दाब और अन्य बाहरी कारकों में कितनी अच्छी तरह से प्रतिरोध कर सकती है।

  2. अगले, व्याख्या करें कि BCl3 TlCl3 की तुलना में अधिक स्थिर है। BCl3 का एक त्रिकोणीय ज्यामिति मोलेक्यूल प्रकृति है, जो इससे अधिक सममित और इसलिए TlCl3 के चतुर्भुज ज्यामिति से अधिक स्थिर है। इसके अलावा, BCl3 का अधिक बंधान विछेदन ऊर्जा है, जिसका अर्थ है कि यह अधिक स्थिर है और अन्य पदार्थों के साथ प्रतिक्रिया करने की संभावना कम है।

  3. अंत में, व्याख्या करें कि ज्यामिति में और बंधान विछेदन ऊर्जा में हुए अंतर से BCl3 के लिए अधिक स्थिरता क्यों होती है। BCl3 की त्रिकोणीय ज्यामिति का अर्थ है कि यह अधिक सममित और अपने पर्यावरण में परिवर्तनों के लिए कम संभावित है, जबकि BCl3 की अधिक बंधान विछेदन ऊर्जा का अर्थ है कि यह अन्य पदार्थों के साथ प्रतिक्रिया करने के प्रति अधिक प्रतिरोधी है। ये दो फाक्टर इकट्ठे BCl3 के लिए तुलनात्मक स्थिरता में बढ़ावा करते हैं, जबकि TlCl3 के साथ।

प्रश्न:

BF3 कैसे एक लिविस एसिड के रूप में व्यवहार करता है, यह समझाएं।

उत्तर:

स्टेप 1: एक लिविस एसिड एक इलेक्ट्रॉन-जोड़ स्वीकारक होता है।

स्टेप 2: BF3 के पास एक खाली ऑर्बिटल होती है जो एक लिविस बेस से एक जोड़ इलेक्ट्रॉन स्वीकार कर सकती है।

स्टेप 3: इससे BF3 को एक इलेक्ट्रॉन-जोड़ स्वीकारक और इस प्रकार एक लिविस एसिड के रूप में कार्य करता है।

प्रश्न:

जब बोरिक एसिड को गर्म किया जाता है, तो क्या होता है, यह समझाएं।

उत्तर:

  1. बोरिक एसिड एक सफेद, बदबूहरहित पाउडर है जिसमें बोरॉन, ऑक्सीजन और हाइड्रोजन होते हैं। गर्म करने पर, बोरिक एसिड किसी रासायनिक प्रतिक्रिया में शामिल होता है जिसमें बोरॉन परमाणुओं का आईयनीकरण होता है और बोरेट आयों का निर्माण होता है। इस प्रक्रिया को थर्मल विभाजन के रूप में जाना जाता है।

  2. जब बोरिक एसिड को गर्म किया जाता है, तो बोरॉन, ऑक्सीजन और हाइड्रोजन अणुओं को एक साथ बांधने वाले बंध तुट जाते हैं, हेट के रूप में ऊर्जा के रूप में छोड़कर। यह ऊर्जा तब आसपास के मोलेक्यूलों द्वारा अवशोषित की जाती है, जिससे वे तेजी से और तेजी से विचलित होते हैं।

  3. बोरिक एसिड के तापमान बढ़ने पर, मोलेक्यूलें तेजी से और तेजी से विचलित होते हैं, अंत में वे एक बिंदु तक पहुंचते हैं जहां अणुओं के बीच की बंध तोड़ दिए जाते हैं। इस बिंदु पर, बोरॉन अणुओं का आईयनीकरण हो जाता है और बोरेट आयों का निर्माण होता है।

  4. बोरेट आयों तब बोरिक एसिड में मौजूद अन्य मोलेक्यूलों के साथ प्रतिक्रिया करते हैं, जिनमें बोरिक ऐनहाइड्राइड, बोरिक ऑक्साइड और बोरेट्स शामिल हैं। ये यौगिक आदि मूल बोरिक एसिड से अधिक स्थिर हैं और अधिक नये रासायनिक प्रतिक्रियाओं का सामर्थ्य नहीं रखते हैं।

प्रश्न:

इलेक्ट्रॉन अभावी यौगिक क्या होते हैं? क्या BCl3 और SiCl4 इलेक्ट्रॉन अभावी प्रजातियां हैं? स्पष्ट करें।

उत्तर:

  1. इलेक्ट्रॉन अभावी यौगिक मोलेक्यूल या आयन होते हैं जिनके पास स्थिर प्रजातियों के लिए प्रत्याशित से कम इलेक्ट्रॉन होते हैं।

कार्बन का हाइब्रीडीकरण की स्थिति क्या होती है (a) CO3−2​ (b) डायमंड (c) ग्रेफाइट में?

उत्तर:

a) CO3−2​: CO3−2 में कार्बन sp हाइब्रीडीकृत होता है।

b) डायमंड: डायमंड में कार्बन sp3 हाइब्रीडीकृत होता है।

c) ग्रेफाइट: ग्रेफाइट में कार्बन sp2 हाइब्रीडीकृत होता है।

प्रश्न:

डायमंड और ग्रेफाइट की गुणों के बीच संरचना के आधार पर अंतर की व्याख्या करें।

उत्तर:

चरण 1: डायमंड और ग्रेफाइट की संरचना की व्याख्या करें। डायमंड कार्बन की एक रूप है जिसमें प्रत्येक कार्बन अणु चार अन्य कार्बन अणुओं से टेट्राहेड्रल व्यवस्था में बंधी होती है। इससे मजबूत कोवेलेंट बाँध पैदा होता है, जिससे डायमंड की ताक़त और सख्ती होती है। ग्रेफाइट, दूसरी तरफ, कार्बन अणुओं की परतों से बना होता है जो हेक्सागोनल ग्रिड में एक साथ जुड़े होते हैं। ग्रेफाइट में कार्बन अणुओं की परतें होती हैं, प्रत्येक अणु तीन अन्य अणुओं से बंधता है।

चरण 2: डायमंड और ग्रेफाइट के गुणों के अंतर की स्ट्रक्चर के आधार पर व्याख्या करें। डायमंड टेट्राहेड्रल व्यवस्था के साथ कठोर और मजबूत होता है क्योंकि इसके कार्बन अणुओं के बीच मजबूत कोवेलेंट बाँध होते हैं। वहीं, ग्रेफाइट काफी मुलायम होता है क्योंकि इसकी हेक्सागोनल ग्रिड संरचना और कार्बन अणुओं के बीच कमजोर बाँध होते हैं। डायमंड एक बहुत अच्छा विधुत इंस्युलेटर है, जबकि ग्रेफाइट संचार करने योग्य एक अच्छा चुंबकीय है। इसके अलावा, डायमंड एक बहुत घन मद है, जबकि ग्रेफाइट तुलनात्मक रूप से हल्का है।

प्रश्न:

उत्तर:

  1. परमाणु सारणी में थैलियम तत्व 13 समूह में स्थित है, जिससे यह एक पी-ब्लॉक तत्व है।

  2. थैलियम में वे गुण भी प्रदर्शित करता है जो समूह I के धातुओं और एल्यूमिनियम के समान होते हैं। उदाहरण के लिए, थैलियम एक नरम धातु है जिसे चाकू से काटा जा सकता है और यह एक कम पिघलने वाला बिंदु है, जिसमें एल्यूमिनियम के समान है।

  3. थैलियम गुण दिखाता है जो समूह I के धातुओं के समान होते हैं, जैसे उच्च अवधारणा और यह प्रभावित होने पर धातुओं के साथ प्रयास रचक नाना बनाने की क्षमता।

  4. अतिरिक्त रूप से, थैलियम हैलोजन के संयोजन भी बनाता है, जो समूह I के धातुओं की एक विशेषता है।

  5. और, थैलियम में +1 ऑक्सीकरण अवस्थाओं की प्रवृत्ति होती है, जो समूह I के धातुओं की एक अन्य विशेषता है।

  6. अंत में, थैलियम आंध्रों के संयोजन भी बनाता है, जो एल्यूमिनियम की एक विशेषता है।

कदम 4: सीओ2 इन गैसों में सबसे अधिक प्रचुर है, और इसकी अत्यधिक सामग्री में हीट को वायुमंडल में और धातुमान कार्बन छोड़ने में योगदान करने के लिए जिम्मेदार है।

प्रश्न:

कार्बन से सिलिकॉन तक आयनीकरण उद्घाटन में क्या आश्चर्यजनक कमी क्यों होती है?

उत्तर:

कदम 1: आयननिक उष्मा वह ऊर्जा होती है जिसकी आवश्यकता ईकारण के निष्पक्ष परमाणु से एक इलेक्ट्रॉन को हटाने के लिए होती है।

कदम 2: कार्बन और सिलिकॉन दोनों परियोडिक सारणी के एक ही समूह सदस्य हैं, समूह 14।

कदम 3: हम समूह के नीचे जाते हैं, तो तत्वों का परमाणु तत्वकार कम होता है और इलेक्ट्रॉन परमाणु के निश्चलता से दूर अस्थित हो जाते हैं। इससे एक इलेक्ट्रॉन हटाना आसान हो जाता है, इसलिए आयनन अभिवाहक होती है।

प्रश्न:

(a) निष्क्रिय बांध प्रभाव (b) बहुपनता और (c) बेलनगारी के द्वारा आप क्या समझते हैं?

उत्तर:

(a) निष्क्रिय बांध प्रभाव उन तत्वों की परिष्कृत सारणी में होने की प्रवृत्ति है जो बांध द्वारा किसी अपेक्षित ज्यामिति के लिए उम्मीद की जाती है। उदाहरण के लिए, समूह 4A में तत्वों (सी, सिलिकॉन, जर्मेनियम, टिन, और लीड) को उम्मीदित ज्यामिति के +2 संकेतात्मक अवस्था की बजाय +4 संकेतात्मक अवस्था में योजना बनाने की प्रवृत्ति होती है। यह इसलिए है क्योंकि इन तत्वों में बाहरी तत्व अपेक्षायुक्त बहुत अधिक आकर्षित होते हैं, जिससे उन्हें हटाना कठिन हो जाता है।

(b) बहुपनता एक तत्व की योग्यता है जो विभिन्न भौतिक रूपों में मौजूद होने की क्षमता है। उदाहरण के लिए, कार्बन के ग्राफाइट, हीरे और फुलरियन्स के रूप में विद्यमान हो सकता है।

(c) बेलनगारी एक तत्व की योग्यता है जिसमें वह अपने आप से बंधों का निर्माण करने की क्षमता होती है। कार्बन इस गुण को दिखाने के लिए सबसे आम तत्व है, जो अणुओं की लंबी श्रृंखलाएं या मैक्रोमोलेक्यूल के रूप में जाने जाती हैं।

प्रश्न:

बोरैक्स का एक जलयुक्त हल क्या है: एक मध्यवर्ती B एम्फिटेरिक C आधारी डी अम्ल प्रधान

उत्तर:

एक. मध्यवर्ती

प्रश्न:

समूह 14 के तत्वों का पदार्थीकरण अवस्था क्या है: A) +4 केवल B) +2 और +4 केवल C) +1 और +3 केवल D) केवल +2

उत्तर:

ए) +4 केवल: समूह 14 के तत्व कार्बन (C), सिलिकॉन (Si), जर्मेनियम (Ge), टिन (Sn) और लेड (Pb) शामिल हैं। इन सभी तत्वों का एक विधुतीकरण अवस्था +4 हो सकता है।

प्रश्न:

क्या होता है जब, (a) बोरैक्स को मजबूती से गर्म किया जाता है, (b) बोरिक अम्ल को पानी में जोड़ा जाता है, (c) एल्युमीनियम को हल्के नैट्रिक ओएच के साथ केमिकल का इलाज किया जाता है, (d) भारी फ्लारिन गैस के साथ बीएफ3​​ प्रतिक्रिया की जाती है?

उत्तर:

(a) जब बोरैक्स को मजबूती से गर्म किया जाता है, तो यह सोडियम मेटाबोरेट, पानी और ऑक्सीजन में विघटित हो जाता है।

(b) जब बोरिक अम्ल को पानी में जोड़ा जाता है, तो यह बोरेट आयनों का एक हल बनाने के लिए विघटित होता है।

(c) जब वस्त्रित प्रतिशत नाओड्राइड के साथ एल्युमिनियम का इलाज किया जाता है, तो इससे धातु की सतह पर एल्युमिनियम हाइड्रॉक्साइड की एक परत बनती है।

(d) जब फ्लोराइड के साथ BF3​​ प्रतिक्रिया की जाती है, तो यह अमोनिया की बाइफ्लोराइड नमक का एक सफेद ठोस बनाता है।

प्रश्न:

Can you explain the process of photosynthesis?

Answer:

Photosynthesis is the process by which green plants, algae, and some bacteria convert sunlight, water, and carbon dioxide into glucose (a sugar) and oxygen. It is the primary way that living organisms on Earth obtain energy.

The process of photosynthesis can be divided into two stages: the light-dependent reactions and the light-independent reactions (also known as the Calvin cycle).

  1. Light-dependent reactions: These reactions occur within the thylakoid membranes of the chloroplasts. In this stage, light energy is absorbed by chlorophyll and other pigments, which excites the electrons. The excited electrons then flow through a series of electron transport chains, generating ATP (adenosine triphosphate) and NADPH (nicotinamide adenine dinucleotide phosphate). Water molecules are also split, releasing oxygen as a byproduct.

  2. Light-independent reactions (Calvin cycle): These reactions take place in the stroma of the chloroplasts. The ATP and NADPH generated during the light-dependent reactions are used to convert carbon dioxide into glucose. This process is known as carbon fixation. The glucose produced can be used by the plant for energy or converted into other organic molecules.

Overall, photosynthesis is a vital process for the existence of life on Earth as it produces oxygen, removes carbon dioxide from the atmosphere, and provides a source of food and energy for organisms.

Translate the following statement into hi: “Hydrogen bonding is a type of intermolecular force that occurs between molecules containing a hydrogen atom bonded to a highly electronegative atom such as nitrogen, oxygen, or fluorine.”

जब BCl3​ को पानी के साथ प्रतिक्रिया में लाया जाएगा, तो यहां पानी एक लूइस बेस होता है, जिसे BCl3​ के साथ रचना हुई है, और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल और हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होंगे।

  1. CCl4​, on the other hand, is a nonpolar compound and does not have any lone pairs of electrons that can react with water. Hence, it does not undergo any reaction with water.

  2. CCl4​ जल के साथ प्रतिक्रिया नहीं करेगा। इसलिए CCl4​ एक अ-ध्रुवीय अणु है और पानी एक ध्रुवीय अणु है, इसलिए वे एक हाइड्रोजन बॉन्ड नहीं बनाएंगे और इसलिए प्रतिक्रिया नहीं होंगे।

प्रश्न:

दिबोरेन और बोरिक एसिड के संरचनाओं का विवरण दें।

उत्तर:

  1. दिबोरेन एक रासायनिक यौगिक है जिसमें दो बोरान एटम और छः हाइड्रोजन एटम होते हैं, जिसका आणविक सूत्र B2H6 होता है। यह एक रंगहीन, आग्नेय गैस है जिसमें मजबूत सुगंध होती है।

  2. बोरिक एसिड एक अवाणिक यौगिक है जिसमें बोरान, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन होते हैं, जिसका आणविक सूत्र H3BO3 होता है। यह एक सफेद, बेलानिस्त्रत ठोस पदार्थ है जो पानी में घुलनशील होता है।

  3. दिबोरेन की संरचना दो बोरान एटमों के द्वारा तीन हाइड्रोजन एटमों से जुड़े होते हैं, जो एक त्रिकोणीय तटीय आकृति बनाते हैं।

  4. बोरिक एसिड की संरचना एक बोरान एटम के तीन ऑक्सीजन एटमों और तीन हाइड्रोजन एटमों से जुड़े होते हैं, जो एक चतुर्भुजीय आकार बनाते हैं।

प्रश्न:

संतुलित समीकरण लिखें: (i) BF3​+LiH→ (ii) B2​H6​+H2​O→ (iii) NaH+B2​H6​→ (iv) H3​BO3​→△ (v) Al+NaOH→ (vi) B2​H6​+NH3​→

उत्तर:

(i) BF3 + LiH → LiBF3 + H2 (ii) B2H6 + H2O → B2H8 + H2 (iii) NaH + B2H6 → NaBH4 + H2 (iv) H3BO3 → B2H6 + H2O (v) Al + NaOH → NaAlO2 + H2O (vi) B2H6 + NH3 → NH4BH3 + H2

प्रश्न:

CO और CO2​ के औद्योगिक तैयारी के लिए औधोगिक तरीके और प्रयोगशाला तैयारी के लिए एक तरीका बताइए।

उत्तर:

CO का औद्योगिक तैयारी:

  1. कार्बन को ऑक्सीजन की मौजूदगी में गर्म करें ताकि कार्बन मोनोक्साइड बना सके: C + O2 → CO2
  2. कार्बन मोनोक्साइड को कार्बन मोनोक्साइड से अलग करें: CO2 + H2 → CO + H2O

CO की प्रयोगशाला तैयारी:

  1. ऑक्सीजन की मौजूदगी में टेस्ट ट्यूब में कार्बन को गर्म करें: C + O2 → CO2
  2. कार्बन डाईऑक्साइड और कार्बन मोनोक्साइड का मिश्रण एक गर्म कपड़े वाले तांबे की नली से बहने दें: CO2 + H2 → CO + H2O

प्रश्न:

बोरिक एसिड पॉलीमेरी होता है क्योंकि: A इसकी एम्लास्ती नतीजा B हाइड्रोजन बॉन्ड की मौजूदगी C इसकी मोनोआसिडी नतीजा D इसकी ज्यामिति

उत्तर:

A. बोरिक एसिड पॉलीमेरी होता है क्योंकि इसकी एम्लास्ती नतीजा होती है। B. हाइड्रोजन बॉन्ड की मौजूदगी पॉलीमेरी ढांचा बनाने में मदद करती है। C. इसकी मोनोआसिडी नतीजा भी पॉलीमेरी ढांचा बनाने में सहायता करती है। D. इसकी ज्यामिति भी पॉलीमेरी ढांचा बनाने में सहायता करती है।

प्रश्न:

थर्मोडायनामिक रूप से कार्बन का सबसे स्थिर रूप है: A हीरा B ग्रेफाइट Cफुलरीनुस D कोयला

उत्तर:

A) हीरा। हीरा कार्बन का सबसे थर्मोडायनामिक रूप है क्योंकि इसमें मजबूत सहसंयोजी बन्ध होती है। इसमें ग्रेफाइट, फुलरीन और कोयले की तुलना में अधिक तापक्रमिक गतिविधि होती है।



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