अध्याय 04 साझेदारी फर्म का विघटन
आपने साझेदार के प्रवेश, सेवानिवृत्ति तथा मृत्यु के पश्चात साझेदारी फर्म के पुनर्गठन के संदर्भ में अध्ययन किया है। ऐसी स्थिति में वर्तमान साझेदारी का विघटन होता है, किंतु फर्म उसी नाम से अपने क्रियाकलापों को जारी रखती है। दूसरे शब्दों में यह साझेदारी का विघटन है न कि फर्म का। साझेदारी अधिनियम 1932 की धारा 39 के अनुसार सभी साझेदारों के मध्य साझेदारी के विघटन को फर्म का विघटन कहते हैं। इससे आशय है कि अधिनियम समस्त साझेदारों के मध्य और कुछ साझेदारों के मध्य संबंध विच्छेद में भेद करता है, तथा समस्त साझेदारों के बीच संबंधों के समापन को साझेदारी फर्म का विघटन कहा जाता है। इस तरह फर्म का अस्तित्व समाप्त हो जाता है तथा विघटन के पश्चात फर्म पुस्तकों को बंद करने की गतिविधियों के अतिरिक्त कोई और कार्य नहीं किया जाता फर्म के विघटन के पश्चात समस्त परिसंपत्तियों को बेचा तथा सभी दायित्वों का भुगतान कर दिया जाता है।
4.1 साझेदारी का विघटन
जैसा पहले भी वर्णित किया गया है कि साझेदारी के विघटन से साझेदारों के मध्य संबंध पुनर्गठित हो जाते हैं। परंतु फर्म अपने व्यवसाय को पहले की भाँति करती है। साझेदारी का विघटन निम्न प्रकार से हो सकता है:
(1) साझेदारों के मध्य लाभ विभाजन अनुपात में परिवर्तन;
(2) नए साझेदार का प्रवेश;
(3) साझेदार का अवकाश ग्रहण करना;
(4) साझेदार की मृत्यु;
(5) साझेदार का दिवालिया होना;
(6) निर्दिष्ट कार्य का समापन, यदि साझेदारी इसी के लिए गठित की गई हो; तथा
(7) साझेदारी की अवधि का समापन यदि साझेदारी एक निर्धारित समय अवधि के लिए की गई थी।
4.2 फर्म का विघटन
साझेदारी फर्म का विघटन न्यायालय के आदेश से या न्यायालय के दखल के बिना या इस खंड में बाद में वर्णित अन्य तरीकों से हो सकता है। उल्लेखनीय है कि फर्म का विघटन होने पर साझेदारी का विघटन अवश्य हो जाएगा। हालांकि साझेदारी का विघटन फर्म के विघटन को नहीं दर्शाता है। फर्म का विघटन निम्न में से किसी भी प्रकार हो सकता है:
1. समझौते द्वारा विघटन : फर्म का विघटन निम्न परिस्थितियों में हो सकता है:
(अ) सभी साझेदारों की सहमति द्वारा;
(ब) साझेदारों के मध्य अनुबंध के अनुसार।
2. अनिवार्य विघटन : फर्म का अनिवार्य विघटन निम्न परिस्थितियों में होता है:
(अ) जब कोई एक साझेदार या सभी साझेदार दिवालिया हो जाएँ, या किसी अनुबंध को करने में अक्षम हो जाएँ;
(ब) जब फर्म का व्यवसाय गैर-कानूनी हो जाए; अथवा
(स) जब कोई ऐसी स्थिति पैदा हो जाए कि साझेदारी फर्म का व्यवसाय गैर-कानूनी हो जाए, उदाहरणार्थ जब एक साझेदार ऐसे देश का नागरिक हो जिसका भारत के साथ युद्ध घोषित हो जाए।
3. अनिश्चितता की स्थिति में : साझेदारों के बीच अनुबंध की स्थिति में फर्म का विघटन :
(अ) यदि एक निर्धारित अवधि के लिए गठित है तो उस अवधि के समापन पर;
(ब) यदि एक या अधिक उपक्रम के लिए गठित है तो उसके पूरा होने पर;
(स) साझेदार की मृत्यु पर; अथवा
(द) साझेदार के दिवालिया घोषित होने पर होता है।
4. सूचना द्वारा विघटन : स्वैच्छिक साझेदारी की स्थिति में यदि एक साझेदार अन्य साझेदारों को लिखित सूचना देकर साझेदारी फर्म के विघटन की इच्छा व्यक्त करता है।
5. न्यायालय द्वारा विघटन : एक साझेदार की याचिका पर, निम्न स्थितियों में न्यायालय फर्म के विघटन का आदेश दे सकता है:
(अ) जब कोई साझेदार मानसिक संतुलन खो दे;
(ब) जब कोई साझेदार स्थायी रूप से साझेदार के कर्त्तव्यों का पालन करने में अक्षम हो;
(स) जब कोई साझेदार कुप्रबंध का दोषी हो जिससे कि फर्म के व्यापार पर विपरीत प्रभाव पड़ने की आशंका हो;
(द) जब कोई साझेदार जानबूझ कर बार-बार साझेदारी अनुबंध का उल्लंघन करता है;
(इ) जब कोई साझेदार फर्म में अपना संपूर्ण हित किसी तीसरे पक्ष को हस्तांतरित कर दे;
(फ) जब फर्म को व्यवसाय चलाने से हानि के अतिरिक्त कुछ न हो; अथवा
(ज) जब न्यायालय फर्म के विघटन को ठीक व न्यायसंगत समझे।
साझेदारी का विघटन और साझेदारी फर्म के विघटन में अंतर

स्वंय जाँचिए 1
निम्न कथनों में कारण सहित सत्य या असत्य का उल्लेख करे :
1. साझेदारी का विघटन, फर्म के विघटन से भिन्न है।
2. साझेदार की मृत्यु पर साझेदारी का विघटन हो जाता है।
3. सभी साझेदारों की सहमति से फर्म का विघटन हो जाता है।
4. साझेदार के अवकाश ग्रहण करने पर फर्म का निश्चित विघटन हो जाता है।
5. फर्म के विघटन पर साझेदारी का विघटन निश्चित होता है।
6. फर्म का अनिवार्य समापन हो जाता है जब सभी साझेदार या एक के अतिरिक्त सभी साझेदार दिवालिया हो जाएँ।
7. एक साझेदार के विक्षिप्त होने की स्थिति में न्यायालय फर्म के समापन का आदेश दे सकता है।
8. न्यायालय के हस्तक्षेप के बिना साझेदारी का विघटन संभव नहीं है।
4.3 खातों का निपटारा
फर्म का विघटन होने पर, फर्म अपना व्यवसाय बंद कर देती है और खातों का निर्धारण कर दिया जाता है। इसके लिए फर्म अपनी परिसंपत्तियों का निपटारा, अपने विरुद्ध सभी दायित्वों का भुगतान कर देती है। इस संदर्भ में यह उल्लेखनीय है कि साझेदारों के मध्य समझौते के आधार पर साझेदारी अधिनियम 1932 की धारा 48 के अनुसार निम्न नियम लागू होंगे:
(अ) हानियों का व्यवहार
हानि, पूँजी में कमी सहित देय होंगे:
(i) प्रथम लाभ में से;
(ii) इसके पश्चात साझेदारों की पूँजी में से; तथा
(iii) अंतत: यदि आवश्यक हो तो साझेदारों द्वारा अपने लाभ-विभाजन अनुपात में व्यक्तिगत रूप में।
(ब) परिसंपत्तियों का उपयोग
फर्म की परिसंपत्तियाँ, साझेदारों द्वारा पूँजी में कमी को पूरा करने के लिए किए गए अंशदान सहित निम्न प्रकार तथा क्रम से प्रयुक्त होगा:
(i) फर्म के ऋण का अन्य पक्षों को भुगतान;
(ii) साझेदारों द्वारा फर्म को दिए गए अग्रिम जो कि पूँजी से भिन्न है (उदाहरणार्थ साझेदार से ऋण) को प्रत्येक साझेदार को आनुपातिक भुगतान करेगा;
(iii) पूँजी खाते में जो साझेदारों को देय हैं, प्रत्येक साझेदार का आनुपातिक भुगतान होगा; तथा
(iv) शेष राशि यदि कोई है, सभी साझेदारों में उनके लाभ विभाजन अनुपात में विभाजित होगी।
इस तरह परिसंपत्तियों से वसूल राशि, साझेदारों से अंशदान के साथ यदि आवश्यक हो तो, इसका उपयोग सर्वप्रथम फर्म के बाह्य दायित्वों के भुगतान जैसे लेनदार, ऋण, बैंक अधिविकर्ष, देय-विपत्र आदि के लिए किया जाएगा। (यह ध्यान रहे कि सुरक्षित ऋण का भुगतान असुरक्षित ऋण से पहले होगा) शेष राशि का उपयोग साझेदारों द्वारा फर्म को दिए गए ऋण तथा अग्रिम के भुगतान के लिए होगा (यदि शेष राशि अपर्याप्त हो तो ऋण का भुगतान अनुपातिक रूप से होगा)और बची हुई राशि का उपयोग पूँजी खातों के शेष के निपटान के लिए किया जाएगा। यदि अतिरिक्त राशि बचती है तो इसे लाभ विभाजन अनुपात में साझेदारों के मध्य बाँटा जाएगा।
व्यक्तिगत ॠण तथा फर्म के ऋणः जब साझेदारों के व्यक्तिगत ऋण तथा फर्म के ऋण साथ-साथ होते हैं वहाँ अधिनियम की धारा 49 के निम्न नियम लागू होंगे:
(अ) फर्म की परिसंपत्तियों का प्रयोग सर्वप्रथम फर्म के ऋणों के भुगतान के लिए किया जाएगा तथा अधिक्य राशि, यदि कोई हो तो, साझेदारों में उनके दावों के अनुसार विभाजित होगी जिसका उपयोग अनेक निजी दायित्वों के भुगतान के लिए किया जाएगा।
(ब) साझेदार की निजी परिसंपत्तियों का उपयोग सर्वप्रथम उसके निजी ऋणों के भुगतान के लिए किया जाएगा तथा शेष राशि यदि कोई है तो उसका उपयोग फर्म के ऋणों के भुगतान के लिए उस स्थिति में होगा यदि फर्म के दायित्व फर्म की परिसंपत्तियों से अधिक है।
यह ध्यान रहे कि साझेदारों की निजी परिसंपत्तियों में उसकी पत्नी और बच्चों की निजी परिसंपत्तियों को शामिल नहीं किया जाएगा। अतः यदि फर्म की परिसंपत्तियाँ फर्म के दायित्वों का भुगतान करने के लिए पर्याप्त नहीं है तो साझेदारों को अपनी निवल निजी परिसंपत्तियों (निजी परिसंपत्तियों में से निजी दायित्वों को घटाकर) में अभिदान किया जाएगा।
किसी साझेदार की उसके पूँजी खाते में कमी होने पर योगदान में असर्मथता
साझेदारों के मध्य लेखों के निर्धारण के संबंध में यह एक ध्यान देने योग्य तथ्य है - जब एक साझेदार उसके पूँजी खातों में कमी के प्रति योगदान देने में असमर्थ होता है (खाता नाम शेष दर्शाता है) तो ऐसी स्थिति में वह दिवालिया कहलाता है और वह राशि जो उससे प्राप्त नहीं हुई है एक फर्म के लिए पूँजीगत हानि मानी जाती है। किसी समझौते के अभाव में, इस पूँजीगत हानि को शेष साझेदारों द्वारा जो कि गारनर बनाम मरे के सिद्धांत की तरह सहन किया जाएगा, जो कि यह दर्शाता है कि फर्म के विघटन की तिथि पर यह पूँजीगत हानि शोध्य साझेदारों द्वारा उनके पूँजी के अनुपातिक सहन करनी होगी। हालाँकि दिवालिया साझेदार के संबंध में साझेदारी फर्म के विघटन पर लेखा व्यवहार, इस स्थिति में नहीं लिया जाएगा।
4.4 लेखांकन व्यवहार
जब फर्म का विघटन होता है तो फर्म की पुस्तकें बंद कर दी जाती है और परिसंपत्तियों की वसूली तथा दायित्वो के भुगतान के पश्चात होने वाली हानि या लाभ की गणना की जाती है, जिसके लिए वसूली खाता तैयार किया जाता है। इस खाते के माध्यम द्वारा परिसंपत्तियों से वसूली तथा दायित्वों के भुगतान के पश्चात निवल प्रभाव (लाभ या हानि) का निर्धारण करके साझेदारों के पूँजी खाते में उनके लाभ विभाजन अनुपात में हस्तांतरित किया जाता है इस कारणवश, सभी परिसंपत्तियाँ (हस्तस्थ रोकड़, बैंक शेष तथा काल्पनिक परिसंपत्तियों के अतिरिक्त यदि कोई हो) तथा सभी बाह्य दायित्वों को इस खाते में हस्तांतरित किया जाता है। यह खाता परिसंपत्तियों की बिक्री, दायित्वों का भुगतान तथा वसूली व्ययों का अभिलेखन करता है। इस खाते के शेष को वसूली पर लाभ या हानि कहा जाता है जो कि साझेदारों के पूँजी खाते में इनकी लाभ विभाजन अनुपात में हस्तांतरित किया जाता है (देखें चित्र 5.1 )।
वसूली खाता

चित्र 5.1: वसूली खाते का प्रारूप
स्वयं जाँचिए 2
सही उत्तर को चिह्नित (
) कीजिए 1. फर्म के विघटन पर बैंक अधिविकर्ष को हस्तांतरित करेंगे:
(अ) रोकड़ खाते में
(ब) बैंक खाते में
(स) वसूली खाते में
(द) साझेदार के पूँजी खातों में 2. फर्म के विघटन पर, साझेदार के ऋण खाते को हस्तांतरित करेंगे:
(अ) वसूली खाते में
(ब) साझेदार के पूँजी खाते में
(स) साझेदार के चालू खाते में
(द) इनमें से कोई नहीं 3. लेनदार और देय विपत्र जैसे दायित्वों को वसूली खाते में हस्तांतरित करने के पश्चात, भुगतान के संबंध में सूचना के अभाव में, ऐसे दायित्वों का :
(अ) भुगतान नहों होगा
(ब) पूर्ण भुगतान होगा
(स) आंशिक भुगतान होगा
(द) इनमें से कोई नहीं 4. जब साझेदार की तरफ से फर्म द्वारा वसूली व्यय का भुगतान किया जाता है। यह व्यय नाम होंगे:
(अ) वसूली खाते में
(ब) साझेदार के पूँजी खाते में
(स) साझेदार के ऋण खाते में
(द) इनमें से कोई नहीं 5. जब गैर-अभिलेखित परिसंपत्ति साझेदार द्वारा ली जाती है तो उसे दर्शाएँगे:
(अ) वसूली खाते के नाम पक्ष में
(ब) बैंक खाते के नाम पक्ष में
(स) वसूली खाते के जमा पक्ष में
(द) बैंक खाते के जमा पक्ष में 6. जब गैर-अभिलेखित दायित्वों का भुगतान किया जाता है तो दर्शाएँगे:
(अ) वसूली खाते के नाम पक्ष में
(ब) बैंक खाते के नाम पक्ष में
(स) वसूली खाते के जमा पक्ष में
(द) बैंक खाते के जमा पक्ष में 7. संचित लाभ और संचय का हस्तांतरण किया जाएगा:
(अ) वसूली खाते में
(ब) साझेदारों के पूँजी खाते में
(स) बैंक खाते में
(द) इनमें से कोई नहीं 8. फर्म के विघटन पर, साझेदारों के पूँजी खाते बंद किए जाते हैं:
(अ) वसूली खाते में
(ब) आहरण खाते में
(स) बैंक खाते में
(द) ॠण खाते में
उदाहरण 1
सुप्रिया और मोनिका साझेदार हैं, उनका लाभ विभाजन अनुपात
31 मार्च, 2020 को सुप्रिया और मोनिका का तुलन पत्र

31 मार्च, 2020 को फर्म का विघटन हुआ। निम्न सूचनाओं से फर्म की पुस्तकों को बंद करें:
(i) देनदारों से 5 प्रतिशत छूट पर वसूली हुई।
(ii) स्टॉक से वसूली 7,000 रु. पर की गई।
(iii) स्थायी परिसंपत्तियों से वसूली 42,000 रु. प्राप्त हुए।
(iv) वसूली व्यय 1,500 रु.।
(v) लेनदारों को पूर्ण भुगतान किया गया।
आवश्यक रोजनामचा प्रविष्टियाँ दें।
वसूली खाता

4.4.1 रोज़नामचा प्रविष्टियाँ
1. परिसंपत्तियों के हस्तांतरण पर
रोकड़, बैंक और अवास्तविक परिसंपत्तियों के अतिरिक्त सभी परिसंपत्तियों के खाते पुस्तक मूल्य पर वसूली खाते के नाम पक्ष में हस्तांतरित किए जाते हैं। ध्यान देने योग्य है कि विविध देनदारों को सकल मूल्य पर हस्तांतरित किया जाता है और डूबत व संदिग्ध ऋणों के लिए प्रावधान को दायित्वों के साथ वसूली खाते के जमा पक्ष में हस्तांतरित किया जाता है। यही प्रक्रिया स्थायी परिसंपत्तियों पर लागू होगी यदि ह्यस के लिए प्रावधान खाता बनाया गया हो।
वसूली खाता
परिसंपत्तियाँ (व्यक्तिगत तौर पर) खाते से
2. दायित्वों के हस्तांतरण पर
प्रावधान सहित सभी बाह्य दायित्वों, जिन्हें वसूली खाते के जमा पक्ष में हस्तांतरित करके बंद किया जाता है।
3. परिसंपत्तियों की बिक्री पर
4. साझेदार द्वारा लो गई परिसंपत्तियों के लिए
5. दायित्वों के भुगतान करने पर
वसूली खाता
बैंक खाते से
6. साझेदार द्वारा दायित्वों का भुगतान करने का उत्तरदायित्व लेने पर
वसूली खाता
साझेदार के पूँजी खाते से
7. परिसंपतियों के हस्तांतरण द्वारा लेनदारों का भुगतान जब लेनदार पूर्ण रूप से अपने खाते का भुगतान प्राप्त करने के लिए परिसंपत्ति को स्वीकार करता है तो कोई रोज़नामचा प्रविष्टि नहीं की जाती है, परंतु यदि लेनदार आंशिक रूप में परिसंपत्ति को स्वीकार करता है तब केवल रोकड़ भुगतान की प्रविष्टि की जाएगी। उदाहरणार्थ एक लेनदार जिसे 10,000 रुपये देय है, 8,000 रुपये के कार्यालय उपकरण तथा 2,000 रुपये रोकड़ का भुगतान स्वीकार कर लेता है तो केवल रोकड़ भुगतान के लिए निम्न प्रविष्टि की जाएगी।
वसूली खाता
बैंक खाते से
हालाँकि जब लेनदार ने परिसंपत्ति स्वीकार कर ली है, जिसका मूल्य देय राशि से अधिक है तो वह अंतर की राशि का फर्म को भुगतान करेगा। इसकी प्रविष्टि इस प्रकार होगी:
बैंक खाता
वसूली खाते से
8. वसूली व्यय के भुगतान पर
(अ) जब परिसंपत्तियों की वसूली और दायित्वों के भुगतान की प्रक्रिया में कुछ व्ययों का भुगतान फर्म द्वारा किया जाता है:
वसूली खाता
बैंक खाते से
(ब) जब फर्म की ओर से वसूली व्ययों का भुगतान एक साझेदार के द्वारा किया गया है:
वसूली खाता
साझेदार के पूँजी खाते से
(स) जब एक साझेदार किसी स्वीकृत पारितोषिक पर विघटन कार्य से संबंधित व्ययों को वहन करने के लिए सहमत होता है:
(i) जब फर्म द्वारा वसूली व्यय दिया जाता है
साझेदार का पूँजी खाता
बैंक खाते से
(ii) यदि साझेदार वसूली व्यय का स्वंय भुगतान करता है तब कोई प्रविष्टि आवश्यक नहीं है।
नोट: सूचना के अभाव में यह माना जाता है कि व्ययों का निपटान उसी साझेदार ने किया जिसने व्ययों को वहन करने की ज़िम्मेदारी ली है।
9. साझेदार को पारितोषिक देने पर
वसूली खाता
साझेदार के पूँजी खाते से
10. किसी भी ख्याति सहित गैर अभिलेखित परिसंपत्तियों को वसूली पर बैंक खाता नाम वसूली खाते से
11. गैर-अभिलेखित दायित्वों के भुगतान पर
वसूली खाता
बैंक खाते से
साझेदार को फर्म द्वारा ऋण का निपटारा
बैंक खाता
साझेदार के ॠण से
12. वसूली पर लाभ हानि का हस्तांतरण करने पर:
(अ) वसूली पर लाभ होने पर
वसूली खाता
साझेदार के पूँजी खाते से (व्यक्तिगत आधार पर)
(ब) वसूली पर हानि होने पर
साझेदार का पूँजी खाता (व्यक्तिगत आधार पर)
वसूली खाते से
(स) साझेदार को फर्म द्वारा ऋण का निपटान
बैंक खाता
साझेदार के ॠण खाते से
13. संचित लाभों का हस्तांतरण करने पर जो कि संचय कोष या सामान्य संचय के रूप में है: संचय निधि/सामान्य संचय खाता
14. आभासी परिसंपत्तियों को साझेदारों के पूँजी खाते में उनके लाभ विभाजन अनुपात में हस्तांतरित करने पर:
साझेदार का पूँजी खाता (व्यक्तिगत आधार पर)
आभासी परिसंपत्ति खाते से
15. साझेदारों से लिए गए ॠणों के भुगतान पर:
साझेदार का ऋण खाता
बैंक खाते से
16. साझेदारों के खातों के भुगतान पर:
यदि साझेदार का पूँजी खाता नाम शेष दर्शाता है तथा वह आवश्यक रोकड़ लाता है तो ऐसी स्थिति में प्रविष्टि इस प्रकार होगी:
बैंक खाता
साझेदार के पूँजी खाते से
जब साझेदार का खाता जमा शेष दर्शाए और राशि का भुगतान कर दिया जाए तब निम्न प्रविष्टि अभिलेखित की जाएगी
साझेदार का पूँजी खाता (व्यक्तिगत आधार पर)
बैंक खाते से
यह ध्यान रहे कि वह कुल राशि जो साझेदारों को अंततः देय है बैंक में उपलब्ध रकम और रोकड़ खाते के बराबर होनी चाहिए। अतः विघटन क्रिया पूर्ण होने पर फर्म के सभी खाते स्वतः बंद हो जाते हैं।
उदाहरण 2
सीता, रीटा और मीता साझेदार हैं। उनका लाभ व हानि विभाजन अनुपात
31 मार्च, 2019 को तुलन पत्र

वे फर्म के विघटन का फ़ैसला करते हैं। निम्न राशि वसूल हुई : संयंत्र व यंत्र 4,250 रुपये, स्टॉक 3,500 रुपये, देनदार 1,850 रुपये तथा फ़र्नीचर 750 रुपये।
सीता सभी वसूली व्यय करने के लिए सहमत हुई। इस कार्य के लिए सीता को 60 रुपये का भुगतान किया गया।
वसूली व्यय की वास्तविक राशि 450 रुपये है जिसे फर्म द्वारा दिया गया है। लेनदारों को 2 प्रतिशत कम भुगतान हुआ। 250 रुपये की परिसंपत्ति का लेखा पुस्तकों में नहीं है, जो कि रीटा द्वारा 200 रुपये में ली गई।
फर्म की पुस्तकों को बंद करते हुए आवश्यक खाते तैयार करें।
हल
सीता, रीटा व मीता की पुस्तकें
वसूली खाता

बैंक खाता

उदाहरण 3
विभा, शोभा और अनुभा की साझेदारी फर्म के विघटन पर रोजनामचा प्रविष्टियाँ दें :
(i) विघटन व्यय 6,500 रु.
(ii) अनुभा ने 7,800 के विघटन व्ययों का भुगतान किया
(iii) विभा की नियुक्ति विघटन प्रक्रिया को सुचारू रूप से करने के लिए 12,000 का भुगतान तय हुआ।
(iv) शोभा की नियुक्ति विघटन कार्यों को पूरा करने के लिए की गई जिसके लिए उसे 15,000 रु. का भुगतान तय हुआ। शोभा ने समस्त विघटन व्ययों को वहन करने की स्वीकृति भी दी। उसके द्वारा 11,800 रु. के वास्तविक व्ययों का भुगतान किया गया।
(v) अनुभा को विघटन प्रक्रिया की देखरेख के लिए 12,000 का भुगतान तय किया गया। अनुभा ने विघटन व्ययों के निपटान की ज़िम्मेदारी ली। 9,500 रु. के वास्तविक व्ययों का भुगतान फर्म द्वारा किया गया।
(vi) अनुभा ने विघटन कार्यों के निपटान के लिए 8,500 रु. का परितोषक स्वीकार किया और 6,000 रु. तक के व्ययों के वहन की ज़िम्मेदारी ली। उसके द्वारा भुगतान किये गए वास्तविक व्यय की राशि 7,600 रु. है।
(vii) विभा की नियुक्ति 14,000 रु. के भुगतान पर विघटन कार्यों के निपटान के लिए गई। उसने इस परितोषक भुगतान के लिए 13,000 रु. के विनियोग स्वीकार किये। इन विनियोगों को वसूली खाते में हस्तांतरित कर दिया गया है।
विभा, शोभा और अनुभा की पुस्तकें
रोज़नामचा

उदाहरण 4
नयना और आरूशी बराबर के साझेदार हैं। 31 मार्च, 2020 को उनका तुलन पत्र नीचे दिया गया है:
31 मार्च, 2020 को नयना और आरूशी का तुलन पत्र

इस तिथि को फर्म का विघटन हुआ:
1. नयना ने
2. गैर-अभिलेखित विनियोग को 34,000 रुपये में बेचा गया।
3. देनदारों से 31,500 रुपये (ब्याज सहित) वसूली हुई और 1,200 रुपये पिछले वर्ष अपलिखित डूबत ॠण से प्राप्त हुए।
4. मरम्मत के बकाया बिल का 2,000 रुपये भुगतान किया गया।
फर्म की पुस्तकों को बंद करने के लिए आवश्यक रोज़नामचा प्रविष्टियों का अभिलेखन करें तथा बही खाते तैयार करें।
हल
नयना और आरूशी की पुस्तकें
रोज़नामचा


वसूली खाता

साझेदारों के चालू खाते

साझेदारों के पूँजी खाते

बैंक खाता

स्वयं जाँचिए 3
सही शब्द भरिए :
1. सभी परिसंपत्तियाँ (हस्तस्थ/बैंकस्थ और आभासी परिसंपत्तियों के अतिरिक्त) खाते (वसूली खाते/पूँजी) के ……………….. (नाम/जमा) पक्ष की ओर हस्तांतरित की जाती हैं।
2. सभी (अंतः/बाह्य) दायित्व ………. (बैंक/वसूली खाते) के ………. (नाम/जमा) पक्ष की ओर हस्तांतरित किए जाते हैं।
3. संचित हानियों को ………. (चालू/पूँजी खाते) में (समान अनुपात/लाभ विभाजन अनुपात) में हस्तांतरित किया जाता है।
4. यदि एक दायित्व किसी साझेदार के द्वारा लिया गया है, उस साझेदार के पूँजी खाते को ………. (नाम/जमा) किया जाएगा।
5. यदि एक साझेदार किसी परिसंपत्ति को लेता है तो उस साझेदार के पूँजी खाते को ………. (नाम/जमा) किया जाएगा।
6. जब एक ………. (साझेदार/लेनदार) उसके भुगतान के रूप में किसी स्थायी परिसंपत्ति को स्वीकार करता है तो इस स्थिति में किसी प्रविष्टी की आवश्यकता नहीं होती।
7. जब एक लेनदार किसी परिसंपत्ति को स्वीकार करता है जिसका मूल्य उसको देय भुगतान से अधिक है, वह आधिक्य राशि का ………. (भुगतान करेगा/भुगतान नहीं करेगा), जिसे ………. (रोकड़/लेनदार) खाते के नाम पक्ष में दर्शाया जाएगा।
8. जब एक फर्म किसी साझेदार को वसूली के संबंध में वास्तविक राशि के स्थान पर एक निश्चित राशि का भुगतान करना स्वीकार करती है तो यह निश्चित राशि को ………. (वसूली/पूँजी) खाते में नाम किया जाएगा तथा ………. (पूँजी/बैंक) खाते में जमा किया जाएगा।
9. किसी साझेदार के ऋण को वसूली खाते में ………. (अभिलेखित/गैर-अभिलेखित) किया जाएगा।
10. साझेदार के चालू खाते को साझेदार के ………. (ऋण/पूँजी) खाते में हस्तांतरित किया जाएगा।
उदाहरण 5
31 मार्च, 2020 को अश्वनी और भारत का तुलन पत्र नीचे दिया गया है।
31 मार्च, 2020 को अश्वनी और भारत का तुलन पत्र

इस तिथि को फर्म का विघटन हुआ तथा निम्न व्यवहारों के लिए सहमती हुई:
(i) अश्वनी ने अपनी पत्नी का ऋण चुकाने का फ़ैसला लिया और स्टॉक का 8,000 रुपये में अधिग्रहण किया।
(ii) भारत ने आधे विनियोग को
वसूली खाता, साझेदारों के पूँजी खाते व बैंक खाता तैयार कीजिए।
अश्वनी व भारत की पुस्तकें
वसूली खाता

साझेदारों के पूँजी खाते

बैंक खाता

स्वयं कीजिए
साझेदारी फर्म के विघटन पर निम्न की रोज़नामचा प्रविष्टि दीजिए।
1. परिसंपत्ति खातों को बंद करने पर।
2. दायित्व खातों को बंद करने पर।
3. परिसंपत्तियों के विक्रय पर।
4. लेनदारों के खातों का भुगतान परिसंपत्तियों के हस्तांतरण द्वारा।
5. वसूली व्यय के लिए यदि वास्तविक व्यय का भुगतान साझेदार द्वारा फर्म की तरफ से किया जाता है।
6. यदि साझेदार फर्म के दायित्वों का भुगतान करता है।
7. साझेदार के ॠण के भुगतान पर।
8. पूँजी खातों के भुगतान पर।
उदाहरण 5
सोनिया, रोहित और उदित साझेदार हैं। उनका लाभ अनुपात
31 मार्च, 2020 को सोनिया, रोहित और उदित का तुलन पत्र

उक्त तिथि को फर्म का विघटन हुआ। निम्न सूचनाओं से फर्म की पुस्तकों को बंद करें:
1. भवन से वसूली
2. बैंक ॠण का निपटारा
3. रोहित ने 10,000 रुपये वसूली व्यय का भुगतान किया व विघटन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए उसे 12,000 रुपये पारितोषिक दिया गया।
आवश्यक बही खाते तैयार करें।
हल
सोनिया, रोहित और उदित की पुस्तकें
वसूली खाता

साझेदारों के पूँजी खाते

बैंक खाता

टिप्पणी: रोहित द्वारा वास्तविक वसूली व्यय की फर्म की पुस्तकों में कोई भी प्रविष्टि नहीं की जाएगी क्योंकि उसको इसके लिए 12,000 रुपये का पारितोषिक उसके खातों में दिया गया है।
उदाहरण 6
रोमेश और भवन साझेदार हैं, उनका लाभ विभाजन अनुपात
31 मार्च, 2017 को रोमेश और भवन का तुलन पत्र

उन्होंने फर्म के विघटन का निर्णय लिया। निम्न सूचनाएँ उपलब्ध हैं :
1. देनदारों से वसूली
2. यह पाया गया कि 10,000 रुपये के विनियोग का पुस्तक में अभिलेखन नहीं था, जिसको एक लेनदार ने इसी मूल्य पर स्वीकार कर लिया तथा अन्य लेनदारों को
3. रोमेश ने कुछ विनियोगों को 8,100 रुपये में लिया (पुस्तक मूल्य से
4. भवन ने बैंक ॠण का भुगतान
5. एक अभिलेखन नहीं हुए दायित्व को 5,000 रुपये का भुगतान किया।
फर्म की पुस्तकों को बंद करते हुए आवश्यक बही खाते तैयार करें।
हल
रोमेश और भवन की पुस्तकें
वसूली खाता

साझेदारों के पूँजी खाते

बैंक खाता

टिप्पणी : नियम के अनुसार लेनदार द्वारा गैर अभिलेखित विनियोग को भुगतान के रूप में स्वीकार करने के लिए कोई भी प्रविष्टि नहीं की जाएगी।
उदाहरण 7
सोनू और आशू लाभ का
31 मार्च, 2020 को सोनू और आशू का तुलन पत्र

सोनू ने संयंत्र व यंत्र 60,000 रुपये के सहमती मूल्य पर लिया। स्टॉक और फ़र्नीचर के क्रमशः 42,000 रुपये व 13,900 रुपये में बेचा गया। देनदारों को आशू ने 69,000 रुपये में लिया। लेनदारों का 900 रुपये की छूट पर भुगतान किया गया। वसूली व्यय 1,600 रुपये हुए।
वसूली खाता, बैंक खाता व साझेदारों के पूँजी खाते तैयार करें।
हल
सोनू और आशु की पुस्तकें
वसूली खाता

साझेदारों के पूँजी खाते

बैंक खाता

उदाहरण 8
अंजू, मंजू और संजू लाभ व हानि विभाजन
31 मार्च, 2020 को अंजू, मंजू, और संजू का तुलन पत्र

अतिरिक्त सूचनाएँ
1. अंजू ने फ़र्नीचर को 10,000 रुपये में और
2. मंजू ने स्टॉक को पुस्तक मूल्य पर और भवन को पुस्तक मूल्य से 10 प्रतिशत कम पर लिया।
3. संजू ने शेष देनदारों को पुस्तक मूल्य के 80 प्रतिशत पर लिया और ऋण का भुगतान करने का उत्तरदायित्व लिया।
4. फर्म के विघटन की व्यय राशि 2,200 रुपये है।
वसूली खाता, बैंक खाता, साझेदारों के पूँजी खाते तैयार करें।
हल
अंजू, मंजू और संजू की पुस्तकें
वसूली खाता

साझेदारों के पूँजी खाते

वैकल्पिक रूप से मंजू का ऋण सर्वप्रथम बैंक खाते से दिया जाएगा तद्पश्चात
बैंक खाता

उदाहरण 9
सुमित, अमित और विनित साझेदार हैं। लाभ का विभाजन
31 मार्च, 2020 को सुमित, अमित और विनित का तुलन पत्र

इस तिथि को फर्म का विघटन हुआ। अमित अपनी पत्नी के ॠण के भुगतान के लिए सहमत हुआ। एक लेनदार जिसकी राशि 2,600 रुपये है उसने राशि का दावा नहीं किया। अन्य परिसंपत्तियों से निम्न वसूली की गई:
1. मशीनरी का विक्रय 70,000 रुपये में किया।
2. विनियोग जिसका पुस्तक मूल्य
3. स्टॉक को 11,000 रुपये में विक्रय कर दिया तथा देनदारों से 3,000 रुपये नहीं प्राप्त हुए।
4. वसूली व्यय 1,500 रुपये है।
फर्म की पुस्तकों को बंद करने के लिए बही खाते तैयार करें।
हल
अमित, सुमित और विनित की पुस्तकें
वसूली खाता

साझेदारों के पूँजी खाते

बैंक खाता

टिप्पणी : नियम के अनुसार विनियोगों को लेनदारों द्वारा लेने पर कोई भी प्रविष्टि नहीं की जाएगी।
उदाहरण 10
मीना और टीना फर्म में साझेदार हैं, उनका लाभ विभाजन अनुपात
31 मार्च, 2017 को मीना और टीना का तुलन पत्र

परिसंपत्तियों और दायित्वो का निपटारा इस प्रकार हुआ :
(अ) मशीनरी को लेनदारों के खातों के पूर्ण भुगतान के लिए दिया गया और स्टॉक को देय विपत्र के पूर्ण भुगतान के लिए दिया गया।
(ब) विनियोग को टीना ने पुस्तक मूल्य पर ले लिया। विविध देनदारों को मीना ने पुस्तक मूल्य 50,000 रुपये से
(स) वसूली व्यय की राशि 2,000 रुपये है।
फर्म की पुस्तकों को बंद करने के लिए आवश्यक बही खाते तैयार करें।
हल
मीना और टीना की पुस्तकें
वसूली खाता

साझेदारों के पूँजी खाते
नाम

बैंक खाता

इस अध्याय में प्रयुक्त शब्द
1. साझेदारी का विघटन
2. इच्छा से साझेदारी
3. सूचना द्वारा विघटन
4. वसूली खाता
5. साझेदारी फर्म का विघटन
6. अनिवार्य विघटन
7. वसूली व्यय
सारांश
1. साझेदारी फर्म का विघटन : फर्म के विघटन से आशय साझेदारों के मध्य व्यापार समापन और आर्थिक संबंधों का विच्छेद है। फर्म के विघटन की दशा में फर्म अपना व्यवसाय बंद कर देती है तथा समस्त परिसंपत्तियों की वसूली की जाती है और देयताओं का पूर्णतः भुगतान कर दिया जाता है। लेनदारों को सर्वप्रथम भुगतान परिसंपत्तियों की वसूली राशि से किया जाता है; तत्पश्चात यदि किसी प्रकार का भुगतान बाकी रहता है तो वह साझेदारों की निवेशित पूँजी, जो लाभ विभाजन अनुपात में निवेश की गई है, में से किया जाता है। साझेदारों के अंतिम भुगतान के बाद, फर्म की पुस्तकें बंद कर दी जाती हैं।
2. साझेदारी का विघटन : साझेदारी, साझेदार के प्रवेश, सेवानिवृत्ति तथा मृत्यु आदि के समय समाप्त हो जाती है। इससे फर्म का विघटन अनिवार्य नहीं है।
3. वसूली खाता : विक्रय, परिसंपत्तियों की वसूली और लेनदारों को भुगतान से संबंधित लेनदेनों के लिए वसूली खाता तैयार किया जाता है। इस प्रक्रिया से उत्पन्न लाभ अथवा हानि को साझेदारों के बीच लाभ-हानि विभाजन, अनुपात में बाँट दिया जाता है। साझेदारों के खातों का समायोजन कर दिया जाता है और रोकड़/बैंक खाता बंद कर दिया जाता है।
अभ्यास के लिए प्रश्न
लधु उत्तर प्रश्न
1. साझेदारी का विघटन और साझेदारी फर्म के विघटन के मध्य अंतर को स्पष्ट कीजिए।
2. लेखा व्यवहार कीजिए :
(i) गैर-अभिलेखित परिसंपत्तियाँ
(ii) गैर-अभिलेखित दायित्व
3. विघटन के समय आप साझेदार के ऋण का किस प्रकार व्यवहार करेंगे यदि यह;
(i) तुलन पत्र के परिसंपत्ति पक्ष की ओर दर्शायी गई है
(ii) तुलन पत्र के दयित्व पक्ष की ओर दर्शायी गई है।
4. फर्म के ऋण और साझेदारों के व्यक्तिगत ऋणों के मध्य अंतर समझाएँ
5. विघटन पर खातों के भुगतान का क्रम लिखें।
6. वसूली खाता पुनर्मूल्यांकन खाते से किस प्रकार भिन्न है।
निबंधात्मक प्रश्न
1. साझेदारी फर्म के विघटन की प्रक्रिया समझाएँ?
2. वसूली खाता किसे कहते हैं?
3. वसूली खाते का प्रारूप बनाइए।
4. लेनदारों को कमी का भुगतान किस प्रकार से करेंगे?
आंकिक प्रश्न
1. वसूली व्यय से संबंधित निम्न व्यवहारों का रोज़नामचा बनाइए:
(अ) वसूली व्यय की राशि 2,500 रुपये।
(ब) वसूली व्यय की राशि 3,000 रुपये का भुगतान अशोक द्वारा जो कि एक साझेदार है।
(स) वसूली व्यय 2,300 रुपये तरुण द्वारा व्यक्तिगत तौर पर किए गए।
(द) साझेदार अमित को परिसंपत्तियों की वसूली के लिए 4,000 रुपये में नियुक्त किया गया। वास्तविक वसूली व्यय की राशि 3,000 रुपये है।
2. निम्न स्थिति में आवश्यक रोज़नामचा प्रविष्टि दें;
(अ) 85,000 रुपये के लेनदारों ने 40,000 रुपये रोकड़ और 43,000 रुपये के विनियोग का अपने दावे का पूर्ण भुगतान स्वीकार किया।
(ब) लेनदार 16,000 रुपये के हैं। वे 18,000 रुपये मूल्य की मशीनरी को अपने दावे का भुगतान स्वीकार करते हैं।
(स) लेनदार 90,000 रुपये के हैं। वे
3. एक पुराने कंप्यूटर को पिछले वर्ष के लेखा पुस्तकों में अपलिखित किया गया। एक साझेदार नितिन द्वारा उसी को 3,000 रुपये में लिया गया। यह मानते हुए कि फर्म का विघटन हो चुका है, उपरोक्त के संबंध में रोज़नामचा प्रविष्टियाँ कीजिए।
4. फर्म के विघटन पर निम्न व्यवहारों की क्या रोज़नामचा प्रविष्टियाँ अभिलेखित की जाएँगी:
(अ) गैर-अभिलेखित दायित्व का भुगतान 3,200 रुपये।
(ब) साझेदार रोहित द्वारा 7,500 रुपये के स्टॉक को लेना।
(स) वसूली पर लाभ की राशि 18,000 को साझेदार आशीष और तरुण को
(द) गैर-अभिलेखित परिसंपत्ति से 5,500 रुपये की वसूली।
5. निम्न व्यवहारों की रोज़नामचा प्रविष्टियाँ दीजिए:
-
विभिन्न परिसंपत्तियों और दायित्वों की वसूली का अभिलेखन।
-
फर्म के पास
रुपये का स्टॉक है। साझेदार अज़ीज़़ द्वारा स्टॉक को छूट पर ले लिया गया। -
शेष स्टॉक का विक्रय लागत मूल्य पर
लाभ पर हुआ। -
भूमि और भवन (पुस्तक मूल्य
रुपये) का विक्रय रुपये में एक दलाल के द्वारा किया गया जिसने सौदे पर कमीशन लिया। -
संयंत्र और मशीनरी (पुस्तक मूल्य 60,000 रुपये) एक लेनदार को पुस्तक मूल्य से
कम के स्वीकृत मूल्यांकन पर दिया गया। -
विनियोग जिसका मूल्य 4,000 रुपये था से
वसूली हुई।
6. निम्न परिस्थितियों में आप रश्मि और बिंदु के वसूली व्ययों का किस प्रकार लेखा व्यवहार करेंगे:
-
वसूली व्यय की राशि
रुपये। -
वसूली व्यय की राशि 30,000 रुपये का भुगतान साझेदार रश्मि ने किया।
-
विघटन प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए रश्मि ने वसूली व्यय का वहन किया जिसके लिए पारितोषिक 70,000 रुपये दिया गया। रश्मि द्वारा वास्तविक व्यय
रुपये किया गया।
7.
परिसंपत्तियों से वसूली की रोज़नामचा प्रविष्टि का अभिलेखन करें।
8. पारस और प्रिया की पुस्तकों में निम्न गैर-अभिलेखित परिसंपत्तियों और दायित्वों की आवश्यक रोज़नामचा प्रविष्टि का अभिलेखन करें:
-
एक पुराने फ़र्नीचर को फर्म में पूर्ण रूप से अपलिखित किया गया। यह फ़र्नीचर 3,000 रुपये में बेचा गया।
-
आशीष जो कि एक पुराना ग्राहक है जिसका खाता 1,000 रुपये से पिछले वर्ष के डूबत ऋण के तौर पर अपलिखित किया गया, ने
का भुगतान किया। -
पारस फर्म की ख्याति को लेता है (जिसका लेखा पुस्तकों में नहीं है) जिसे 3,000 रुपये पर मूल्यांकित किया गया।
-
एक पुरानी टंकण मशीन (टाइपराइटर) जो कि पूर्ण रूप से लेखा पुस्तकों में अपलिखित किया गया। इसका अनुमानित वसूली मूल्य 400 रुपये था। इसको प्रिया के द्वारा अनुमानित मूल्य से
छूट पर लिया गया। -
100 शेयर, 10 रुपये प्रत्येक को स्टार लिमिटेड ने 2,000 रुपये की कीमत पर अधिगृहित किया था, जिसको लेखा पुस्तकों में पूर्ण रूप से अपलिखित किया गया। इन अंशों का मूल्यांकन 6 रुपये प्रत्येक किया तथा साझेदारों के मध्य उनके लाभ विभाजन अनुपात में बाँटा गया।
9. सभी साझेदारों ने फर्म के विघटन की इच्छा व्यक्त की। यासिन एक साझेदार
10. समस्त दायित्वों को वसूली खाते में हस्तांतरित करने तथा विभिन्न परिसंपत्तियों (रोकड़ के अतिरिक्त) तीसरे पक्ष को किसी फर्म के विघटन पर निम्न लेनदेनों के संबंध में क्या रोज़नामचा प्रविष्टियाँ की जाएँगी।
-
आरती ने 80,000 रुपये के मूल्य का स्टॉक 68,000 रुपये में लिया।
-
40,000 रुपये की गैर-अभिलेखित मोटर साइकिल जो कि करीम द्वारा ली गई।
-
फर्म ने कर्मचारियों को 40,000 रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया।
-
विभिन्न दायित्व को जो कि 36,000 रुपये के थे, को
छूट पर भुगतान किया गया। -
वसूली पर हानि 42,000 रुपये को आरती और करीम के मध्य
के अनुपात में विभाजन किया जाऐगा।
11. रोज़ और लिली का लाभ विभाजन अनुपात

रोज़ और लिली इस तिथि को फर्म के विघटन का निर्णय करते हैं। परिसंपत्तियों (प्राप्य विपत्र को छोड़कर) से वसूली
वसूली खाता, साझेदारों के पूँजी खाते, ऋण खाता और रोकड़ खाता तैयार करें।
(उत्तर : वसूली से लाभ 15,000 रु., रोकड़ खाते का योग
12. शिल्पा, मीना और नंदा ने 31 मार्च, 2020 को फर्म के विघटन का निर्णय लिया। इनका लाभ विभाजन अनुपात
31 मार्च, 2020 को शिल्पा, मीना और नंदा का तुलन पत्र

शिल्पा ने 41,660 रुपये मूल्य का स्टॉक 35,000 रुपये में ले लिया और बैंक ॠण का भुगतान करने को सहमत हुई। शेष स्टॉक का विक्रय 14,000 रुपये में किया गया और 10,000 रुपये के देनदारों से 8,000 रुपये वसूली हुई। भूमि का विक्रय
(उत्तरः वसूली से लाभ 20,940 रुपये, रोकड़ खाते का योग
13. सुरजीत और राही का लाभ व हानि विभाजन अनुपात
31 मार्च, 2020 को सुरजीत और राही का तुलन पत्र

31 मार्च, 2017 को फर्म का विघटन निम्न शर्तों पर हुआ :
1. सुरजीत ने विनियोगों को 8,000 रुपये में लिया और वह श्रीमती सुरजीत के ऋण का भुगतान करेगा।
2. अन्य परिसंपत्तियों से वसूली निम्न हैं :
3. वसूली व्यय की राशि 1,600 रुपये है।
4. लेनदारों ने पूर्ण भुगतान के 37,000 रुपये स्वीकार किए।
5. आप वसूली खाता, साझेदारों के पूँजी खाते और बैंक खाता तैयार करें।
(उत्तर: वसूली पर हानि 6,600 रु., रोकड़ खाते का योग 64,500 रु.; सुरजीत 12,540 रु., राही
14. रीटा, गीता और आशीष फर्म में साझेदार हैं, उनका लाभ / हानि विभाजन अनुपात
31 मार्च, 2017 को रीता, गीता और आशीष का तुलन पत्र

ऊपर दी गई तिथि को फर्म का विघटन हो गया।
1. रीटा को परिसंपत्तियों की वसूली के लिए नियुक्त किया गया। रीटा को परिसंपत्तियों की वसूली के लिए
2. परिसंपत्तियों से वसूली निम्न है :
3. विनियोग से पुस्तक मूल्य के
4. वसूली व्यय की राशि 4,100 रुपये है।
5. फर्म ने बकाया वेतन 7,200 रुपये का भुगतान किया जिसका प्रावधान पहले नहीं किया गया था।
6. एक विपत्र बैंक से छूट के संबंध में आकस्मिक दायित्व है जिसका भुगतान 9,800 रुपये किया गया। वसूली खाता, साझेदारों के पूँजी खाते, रोकड़ खाता तैयार करें।
(उत्तर : वसूली पर हानि
15. अनूप और सुमित फर्म में बराबर के साझेदार हैं। वे 31 मार्च, 2017 को फर्म के समापन का निर्णय लेते हैं, जब तुलन पत्र निम्न है:
31 मार्च, 2017 को अनूप और सुमित का तुलन पत्र


परिसंपत्तियों से वसूली निम्न है:
लेनदारों को 25,500 रुपये का भुगतान पूर्ण निपटारे के लिए किया गया। वसूली व्ययों की राशि 2,500 रुपये है। फर्म की पुस्तकों को बंद करने के लिए वसूली खाता, बैंक खाता तथा साझेदारों के पूँजी खाते तैयार करें। (उत्तर : वसूली पर लाभ 6,500 रु.; बैंक खाता
16. आशू और हरीश साझेदार हैं। वे अपना लाभ और हानि
31 मार्च, 2017 को आशु और हरीश का तुलन पत्र

आशू ने भवन को 95,000 रुपये में और हरीश ने मशीनरी और फ़र्नीचर को 80,000 रुपये के मूल्य पर लिया। आशू लेनदारों का भुगतान करने के लिए सहमत हुआ और हरीश ने बैंक अधिविकर्ष का भुगतान किया। स्टॉक और विनियोग को दोनों साझेदारों ने लाभ विभाजन अनुपात में ले लिया। देनदारों से 46,000 रुपये वसूली हुई। वसूली व्ययों की राशि 3,000 रुपये हैं। आवश्यक बही खाता तैयार करें।
(उत्तरः वसूली पर लाभ 6,000 रु., रोकड़/बैंक 59,600 रुपये; आशू 56,600 रु., हरीश 5,600 रु.)
17. संजय, तरुण और विनित लाभ
31 मार्च, 2016 को तुलन पत्र

इस तिथि को फर्म का विघटन हो गया। संजय को परिसंपत्तियों से वसूली के लिए नियुक्त किया गया। संजय को परिसंपत्तियों से वसूली पर (रोकड़ के अतिरिक्त)
संयंत्र 72,000 रुपये, देनदार 54,000 रुपये फ़र्नीचर 18,000 रुपये, स्टॉक पुस्तक मूल्य का
वसूली खाता, पूँजी खाते, रोकड़ खाता तैयार करें।
(उत्तर : वसूली पर हानि 61,300 रु., रोकड़ खाते का योग
18. 31 मार्च, 2017 को गुप्ता और शर्मा का तुलन पत्र निम्न है :
31 मार्च, 2017 को गुप्ता और शर्मा का तुलन पत्र

31 मार्च, 2017 को फर्म का विघटन हो गया और परिसंपत्तियों से वसूली व दायित्वों का भुगतान निम्न है:
(अ) परिसंपत्तियों से वसूली:
(ब) गुप्ता द्वारा विनियोग 36,000 रुपये के स्वीकृत मूल्य पर लिए गए और वह श्रीमती गुप्ता के ऋण का भुगतान करने के लिए सहमत है।
(स) विविध लेनदारों को
(द) वसूली व्यय 120 रुपये किए गए।
विघटन पर रोज़़ामचा प्रविष्टि करें और वसूली खाता, बैंक खाता और साझेदारों के पूँजी खाते तैयार करें।
(उत्तर : वसूली पर हानि 36,560 रु., बैंक खाते का योग
19. अशोक, बाबू और चेतन साझेदार हैं। लाभ/हानि का विभाजन अनुपात क्रमशः
31 मार्च, 2017 को अशोक, बाबू और चेतन का तुलन पत्र

बाबू ने मशीनरी को 45,000 रुपये में ले लिया। अशोक ने विनियोग 40,000 में लिया तथा पूर्णस्वामित्व परिसंपत्ति को चेतन ने 55,000 रुपये में लिया। शेष परिसंपत्तियों से वसूली इस प्रकार है : विविध देनदार 56,500 रुपये
और स्टॉक 36,500 रुपये। विविध लेनदारों का भुगतान
वसूली खाता, साझेदारों के पूँजी खाते व बैंक खाता तैयार करें।
(उत्तर : वसूली पर लाभ 2,400 रु., रोकड़ खाते का योग
20. तनु और मनु का तुलन पत्र निम्न है जो कि अपना लाभ व हानि
31 मार्च, 2020 को तनु और मनु का तुलन पत्र

इस तिथि को फर्म का विघटन हो गया और निम्न समझौता हुआ :
तनु ने विविध देनदार लिए और बैंक ऋण का भुगतान करने के लिए सहमत हुई। विविध लेनदारों ने स्टॉक स्वीकार किया और फर्म को 10,000 रुपये का भुगतान किया। मनु ने मशीनरी को 40,000 रुपये में लिया और देय विपत्र का
(उत्तर : वसूली से हानि 37,600 रु., रोकड़ खाते का योग