अध्याय 10 वृत्त
10.1 भूमिका
आपने कक्षा IX में पढ़ा है कि वृत्त एक तल के उन बिंदुओं का समूह होता है जो एक नियत बिंदु (केंद्र) से अचर दूरी (त्रिज्या) पर होते हैं। आपने वृत्त से संबंधित अवधारणाओं जैसे जीवा, वृत्तखंड, त्रिज्यखंड, चाप आदि के बारे में भी पढ़ा है। आइए अब एक तल में स्थित एक वृत्त तथा एक रेखा की विभिन्न स्थितियों पर विचार करें।
आइए, हम एक वृत्त तथा एक रेखा

आकृति 10.1
आकृति 10.1 (i) में, रेखा
आपने कुएँ के ऊपर स्थिर की हुई एक घिरनी को देखा होगा जिसका उपयोग कुएँ से पानी निकालने के लिए किया जाता है। आकृति 10.2 को देखिए। यहाँ घिरनी के दोनों ओर की रस्सी को यदि किरण की तरह समझें तो वह घिरनी द्वारा निरूपित वृत्त पर स्पर्श रेखा की तरह होगी।

आकृति 10.2
ऊपर दी गई स्थितियों के अतिरिक्त क्या वृत्त के सापेक्ष रेखा की कोई अन्य स्थिति हो सकती है? आप देख सकते हैं कि इन स्थितियों के अतिरिक्त रेखा की वृत्त के सापेक्ष कोई अन्य स्थिति नहीं हो सकती है। इस अध्याय में हम वृत्त की स्पर्श रेखा के अस्तित्व के बारे में पढ़ंगे तथा उनके कुछ गुणों का भी अध्ययन करेंगे।
10.2 वृत्त की स्पर्श रेखा
पिछले परिच्छेद में आपने देखा है कि किसी वृत्त की स्पर्श रेखा वह रेखा है जो वृत्त को केवल एक बिंदु पर प्रतिच्छेद करती है।
वृत्त के किसी बिंदु पर स्पर्श रेखा के अस्तित्व को समझने के लिए आइए हम निम्न क्रियाकलाप करें।
क्रियाकलाप 1 : एक वृत्ताकार तार लीजिए तथा वृत्ताकार तार के एक बिंदु
विभिन्न स्थितियों में तार, वृत्ताकार तार को बिंदु

आकृति 10.3 (i)
उपर्युक्त क्रियाकलाप करते हुए आपने अवश्य प्रेक्षण किया होगा कि जैसे-जैसे स्थिति
किसी वृत्त की स्पर्श रेखा छेदक रेखा की एक विशिष्ट दशा है जब संगत जीवा के दोनों सिरे संपाती हो जाएँ।
क्रियाकलाप 2 : एक कागज पर एक वृत्त और वृत्त की छेदक रेखा

आकृति 10.3(ii)
इस क्रियाकलाप से यह निष्कर्ष भी निकलता है कि स्पर्श रेखा छेदक रेखा की एक विशेष स्थिति है जब उसकी संगत जीवा के दोनों सिरे संपाती हो जाएँ।
स्पर्श रेखा और वृत्त के उभयनिष्ठ बिंदु को स्पर्श बिंदु [आकृति 10.1 (iii) में बिंदु A] कहते हैं तथा स्पर्श रेखा को वृत्त के उभयनिष्ठ बिंदु पर स्पर्श करना कहते हैं।
अब आप अपने चारों ओर देखिए। क्या आपने एक साइकिल अथवा एक बैलगाड़ी को चलते देखा है? इनके पहियों की ओर देखिए। एक पहिए की सभी तीलियाँ इसकी त्रिज्याओं के अनुरूप हैं। अब पहिए की स्थिति का धरती पर गति करने के सापेक्ष व्याख्या कीजिए। क्या आपको कहीं स्पर्श रेखा दिखती है? (देखिए आकृति 10.4)। वास्तव में पहिया एक रेखा के अनुदिश गति करता है जो पहिये को निरूपित करने वाले वृत्त पर स्पर्श रेखा है। यह भी देखिए कि सभी स्थितियों में आकृति 10.4 धरती के स्पर्श बिंदु से जाने वाली त्रिज्या स्पर्श रेखा पर लंब दृष्टिगोचर होती है (देखिए आकृति 10.4)। अब हम स्पर्श रेखा के इस गुण को सिद्ध करेंगे।

आकृति 10.4
प्रमेय 10.1 : वृत्त के किसी बिंदु पर स्पर्श रेखा स्पर्श बिंदु से जाने वाली त्रिज्या पर लंब होती है।
उपपत्ति : हमें केंद्र
बिंदु
क्योंकि यह बिंदु

आकृति 10.5
टिप्पणी :
1. उपर्युक्त प्रमेय से हम यह भी निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि वृत्त के किसी बिंदु पर एक और केवल एक स्पर्श रेखा होती है।
2. स्पर्श बिंदु से त्रिज्या को समाहित करने वाली रेखा को वृत्त के उस बिंदु पर ‘अभिलंब’ भी कहते हैं।
प्रश्नावली 10.1
1. एक वृत्त की कितनी स्पर्श रेखाएँ हो सकती हैं?
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#missing2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
(i) किसी वृत्त की स्पर्श रेखा उसे __________ बिंदुओं पर प्रतिच्छेद करती है।
(ii) वृत्त को दो बिंदुओं पर प्रतिच्छेद करने वाली रेखा को __________ कहते हैं।
(iii) एक वृत्त की _________ समांतर स्पर्श रेखाएँ हो सकती हैं।
(iv) वृत्त तथा उसकी स्पर्श रेखा के उभयनिष्ठ बिंदु को __________ कहते हैं।
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#missing3. 5 सेमी त्रिज्या वाले एक वृत्त के बिंदु
(A) 12 सेमी
(B) 13 सेमी
(C) 8.5 सेमी
(D)
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#missing4. एक वृत्त खींचिए और एक दी गई रेखा के समांतर दो ऐसी रेखाएँ खींचिए कि उनमें से एक स्पर्श रेखा हो तथा दूसरी छेदक रेखा हो।
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#missing10.3 एक बिंदु से एक वृत्त पर स्पर्श रेखाओं की संख्या
किसी बिंदु से वृत्त पर खींची गई स्पर्श रेखाओं की संख्या के बारे में जानने के लिए निम्न क्रियाकलाप करें:
क्रियाकलाप 3 : एक कागज़ पर एक वृत्त खींचिए। एक बिंदु
पुनः, वृत्त पर एक बिंदु
अंत में वृत्त के बाहर एक बिंदु

आकृति 10.6
संक्षेप में हम इन यथार्थों को निम्न स्थितियों में प्रकट कर सकते हैं।
स्थिति 1 : वृत्त के अंदर स्थित किसी बिंदु से जाने वाली वृत्त पर कोई स्पर्श रेखा नहीं है।
स्थिति 2 : वृत्त पर स्थित किसी बिंदु से वृत्त पर एक और केवल एक स्पर्श रेखा है।
स्थिति 3 : वृत्त के बाहर स्थित किसी बिंदु से जाने वाली वृत्त पर दो और केवल दो स्पर्श रेखाएँ हैं।
आकृति 10.6 (iii) में स्पर्श रेखाओं
वाह्य बिंदु
ध्यान दीजिए कि आकृति 10.6 (iii) में
प्रमेय 10.2 : वाह्य बिंदु से वृत्त पर खींची गई स्पर्श रेखाओं की लंबाइयाँ बराबर होती है।
उपपत्ति : हमें केंद्र

आकृति 10.7
इसके लिए हम
OQ
OP
अत:
इससे प्राप्त होता है
टिप्पणी :
1. प्रमेय को पाइथागोरस प्रमेय का प्रयोग करके भी निम्न प्रकार से सिद्ध किया जा सकता है:
जिससे प्राप्त होता है कि
2. यह भी ध्यान दीजिए कि
आइए, अब कुछ उदाहरण लें।
उदाहरण 1 : सिद्ध कीजिए कि दो सकेंद्रीय वृत्तों में बड़े वृत्त की जीवा जो छोटे वृत्त को स्पर्श करती है, स्पर्श बिंदु पर समद्विभाजित होती है।
हल : हमें केंद्र

आकृति 10.8
आइए
अब
अर्थात्
उदाहरण 2 : केंद्र
हल : हमें केंद्र

आकृति 10.9
माना
अब प्रमेय 10.2 से
इसलिए
प्रमेय 10.1 से
अत:
इससे प्राप्त होता है।
उदाहरण 3:
हल : OT को मिलाएँ। माना यह

आकृति 10.10
साथ ही
अब
अत:
इसलिए समकोण त्रिभुज TRP और समकोण त्रिभुज PRO, AA समरूपता द्वारा समरूप हैं।
इससे प्राप्त होता है।
टिप्पणी: TP को पाइथागोरस प्रमेय द्वारा निम्न प्रकार से भी प्राप्त कर सकते हैं:
माना
(1) को (2) में से घटाकर, हम पाते हैं
इसलिए
प्रश्नावली 10.2
प्रश्न सं.
1. एक बिंदु
(A)
(B)
(C)
(D)
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#missing2. आकृति 10.11 में, यदि

आकृति 10.11
(A)
(B)
(C)
(D)
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#missing3. यदि एक बिंदु
(A)
(B)
(C)
(D)
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#missing4. सिद्ध कीजिए कि किसी वृत्त के किसी व्यास के सिरों पर खींची गई स्पर्श रेखाएँ समांतर होती हैं।
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#missing5. सिद्ध कीजिए कि स्पर्श बिंदु से स्पर्श रेखा पर खींचा गया लंब वृत्त के केंद्र से होकर जाता है।
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#missing6. एक बिंदु
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#missing7. दो संकेंद्रीय वृत्तों की त्रिज्याएँ
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#missing8. एक वृत्त के परिगत एक चतुर्भुज

आकृति 10.12
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#missing9. आकृति 10.13 में

आकृति 10.13
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#missing10. सिद्ध कीजिए कि किसी बाह्य बिंदु से किसी वृत्त पर खींची गई स्पर्श रेखाओं के बीच का कोण स्पर्श बिंदुओं को मिलाने वाले रेखाखंड द्वारा केंद्र पर अंतरित कोण का संपूरक होता है।
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#missing11. सिद्ध कीजिए कि किसी वृत्त के परिगत समांतर चतुर्भुज समचतुर्भुज होता है।
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#missing12.

आवृति 10.14
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#missing13. सिद्ध कीजिए कि वृत्त के परिगत बनी चतुर्भुज की आमने-सामने की भुजाएँ केंद्र पर संपूरक कोण अंतरित करती हैं।
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#missing10.4 सारांश
इस अध्याय में, आपने निम्न तथ्यों का अध्ययन किया है:
1. वृत्त की स्पर्श रेखा का अर्थ।
2. वृत्त की स्पर्श रेखा स्पर्श बिंदु से जाने वाली त्रिज्या पर लंब होती है।
3. बाह्य बिंदु से किसी वृत्त पर खींची गई दोनों स्पर्श रेखाओं की लंबाइयाँ समान होती हैं।