अध्याय 03 दो चर वाले रैखिक समीकरण युग्म

3.1 भूमिका

आपने इस प्रकार की स्थिति का सामना अवश्य किया होगा, जैसी नीचे दी गई है:

अखिला अपने गाँव के एक मेले में गई। वह एक चरखी (Giant wheel) की सवारी करना चाहती थी और हूपला (Hoopla) [एक खेल जिसमें आप एक स्टाल में रखी किसी वस्तु पर एक वलय (ring) को फेंकते हैं और यदि वह वस्तु को पूर्णरूप से घेर ले, तो आपको वह वस्तु मिल जाती है] खेलना चाहती थी। जितनी बार उसने हूपला खेल खेला उससे आधी बार उसने चरखी की सवारी की। यदि प्रत्येक बार की सवारी के लिए उसे ₹3 तथा हूपला खेलने के लिए ₹ 4 खर्च करने पड़े, तो आप कैसे ज्ञात करेंगे कि उसने कितनी बार चरखी की सवारी की और कितनी बार हूपला खेला, जबकि उसने इसके लिए कुल ₹20 खर्च किए?

हो सकता है कि आप इसे ज्ञात करने के लिए अलग-अलग स्थितियाँ लेकर चलें। यदि उसने एक बार सवारी की, क्या यह संभव है? क्या यह भी संभव है कि उसने दो बार सवारी की? इत्यादि। अथवा आप कक्षा IX के ज्ञान का उपयोग करते हुए, इन स्थितियों को दो चरों वाले रैखिक समीकरणों द्वारा निरूपित कर सकते हैं।

आइए इस प्रक्रिया को समझें।

अखिला द्वारा सवारी करने की संख्या को x तथा उसके द्वारा हूपला खेल खेलने की संख्या को y से निरूपित कीजिए। अब दी हुई स्थिति को दो समीकरणों द्वारा व्यक्त किया जा सकता है :

(1)y=12x

(2)3x+4y=20

क्या हम इस समीकरण युग्म का हल ज्ञात कर सकते हैं? इन्हें ज्ञात करने की कई विधियाँ हैं, जिनका हम इस अध्याय में अध्ययन करेंगे।

इसलिए, हमने कई स्थितियाँ देखी हैं जिन्हें एक रैखिक समीकरण युग्म द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है। हमने उनके बीजगणितीय और ज्यामितीय निरूपण देखे। अगले कुछ अनुच्छेदों में हम चर्चा करेंगे कि कैसे इन निरूपणों को एक रैखिक समीकरण युग्म के हल ज्ञात करने में उपयोग किया जा सकता है।

3.2 रैखिक समीकरण युग्म का ग्राफीय विधि से हल

एक रैखिक समीकरण युग्म, जिसका कोई हल नहीं होता, रैखिक समीकरणों का असंगत (inconsistent) युग्म कहलाता है। एक रैखिक समीकरण युग्म, जिसका हल होता है, रैखिक समीकरणों का संगत (consistent) युग्म कहलाता है। तुल्य रैखिक समीकरणों के एक युग्म के अपरिमित रूप से अनेक हल होते हैं। इस युग्म को दो चरों के रैखिक समीकरणों का आश्रित (dependent) युग्म कहते हैं। ध्यान दीजिए कि रैखिक समीकरणों का आश्रित युग्म सदैव संगत होता है।

अब हम दो चरों में एक रैखिक समीकरण युग्म द्वारा निरूपित रेखाओं के व्यवहार को तथा हल के अस्तित्व होने को निम्न प्रकार से एक सारांश के रूप में व्यक्त कर सकते हैं:

(i) रेखाएँ एक बिंदु पर प्रतिच्छेद कर सकती हैं। इस स्थिति में, समीकरण युग्म का अद्वितीय हल होता है (अविरोधी समीकरण युग्म)।

(ii) रेखाएँ समांतर हो सकती हैं। इस स्थिति में, समीकरणों का कोई हल नहीं होता है (असंगत समीकरण युग्म)।

(iii) रेखाएँ संपाती हो सकती हैं। इस स्थिति में, समीकरणों के अपरिमित रूप से अनेक हल होते हैं [आश्रित (संगत) समीकरण युग्म]।

आइए अब हम निम्नलिखित रैखिक समीकरण युग्मों पर विचार करें।

(i) x2y=0 और 3x+4y20=0 (रेखाएँ प्रतिच्छेद करती हैं)

(ii) 2x+3y9=0 और 4x+6y18=0 (रेखाएँ संपाती हैं)

(iii) x+2y4=0 और 2x+4y12=0 (रेखाएँ समांतर हैं)

अब आइए सभी तीनों उदाहरणों में, a1a2,b1b2 और c1c2 के मान लिखें और उनकी तुलना करें। यहाँ a1,b1,c1 और a2,b2,c2 व्यापक रूप में दिए गए समीकरणों के गुणांक को व्यक्त करते हैं।

सारणी 3.1

सं. रेखा युग्म a1a2 b1b2 c1c2 अनुपातों की
तुलना
ग्राफीय
निरूपण
बीजगणितीय
निरूपण
1 x2y=0
3x+4y20=0
13 24 020 a1a2b1b2 प्रतिच्छेद
करती हुई रेखाएँ
केवल एक
हल (अद्वितीय)
2 2x+3y9=0
4x+6y18=0
24 36 918 a1a2=b1b2=c1c2 संपाती
रेखाएँ
अपरिमित रूप
से अनेक हल
3 x+2y4=0
2x+4y12=0
12 24 412 a1a2=b1b2c1c2 समांतर रेखाएँ कोई हल नहीं

सारणी 3.1 से आप देख सकते हैं कि

a1x+b1y+c1=0

और

a2x+b2y+c2=0 से निरूपित रेखाएँ:

(i) प्रतिच्छेद करती हैं, तो a1a2b1b2 है।

(ii) संपाती हैं, तो a1a2=b1b2=c1c2 है।

(iii) समांतर हैं, तो a1a2=b1b2c1c2 है।

वास्तव में, इसका विलोम भी किसी भी रेखा युग्म के लिए सत्य है। आप कुछ और उदाहरण लेकर इसकी जाँच कर सकते हैं।

आइए अब इसको स्पष्ट करने के लिए कुछ उदाहरण लें।

उदाहरण 1 : ग्राफ द्वारा जाँच कीजिए कि समीकरण युग्म

और

(1)x+3y=6

(2)2x3y=12

संगत है। यदि ऐसा है, तो उन्हें ग्राफ द्वारा हल कीजिए।

हल : आइए समीकरणों (1) और (2) के ग्राफ खींचें। इसके लिए, हम प्रत्येक समीकरण के दो हल ज्ञात करते हैं, जो सारणी 3.2 में दिए हैं:

सारणी 3.2

x 0 6
y=6x3 2 0
x 0 3
y=2x123 -4 -2

एक ग्राफ पेपर पर बिंदुओं A(0,2),B(6,0),P(0,4) और Q(3,2) को आलेखित कीजिए, और बिंदुओं को मिलाकर रेखा AB और PQ आकृति 3.1 के अनुसार बनाइए।

हम देखते हैं कि रेखाओं AB और PQ में एक उभयनिष्ठ बिंदु B(6,0) है। इसलिए, रैखिक समीकरण युग्म का एक हल x=6,y=0 है, अर्थात् समीकरण युग्म संगत है।

आकृति 3.1

उदहारण 2 : ग्राफ द्वारा ज्ञात कीजिए कि निम्न समीकरण युग्म का हल नहीं है, अद्वितीय हल है अथवा अपरिमित रूप से अनेक हल हैं:

(1)5x8y+1=0

(2)3x245y+35=0

हल : समीकरण (2) को 53 से गुणा करने पर, हम पाते हैं :

5x8y+1=0

परंतु यह वही है जो समीकरण (1) है। अतः, समीकरणों (1) और (2) से निरूपित रेखाएँ संपाती हैं। इसलिए, समीकरणों (1) और (2) के अपरिमित रूप से अनेक हल हैं।

ग्राफ पर कुछ बिंदु अंकित कीजिए और स्वयं जाँच कर लीजिए।

उदाहरण 3 : चंपा एक ‘सेल’ में कुछ पैंट और स्कर्ट खरीदने गई। जब उसकी सहेलियों ने पूछा कि प्रत्येक के कितने नग खरीदे, तो उसने उत्तर दिया, “स्कर्ट की संख्या खरीदी गई पैंटों की संख्या की दो गुनी से दो कम है। स्कर्ट की संख्या खरीदी गई पैंटों की संख्या की चार गुनी से भी चार कम है।” सहेलियों की यह जानने के लिए सहायता कीजिए कि चंपा ने कितनी पैंट और स्कर्ट खरीदीं।

हल : आइए हम पैंटों की संख्या को x तथा स्कर्ट की संख्या को y से निरूपित करें। तब, इनसे बनी समीकरण हैं:

(1)y=2x2

(2) और y=4x4

अब आइए समीकरणों (1) और (2) के ग्राफ खींचने के लिए, प्रत्येक समीकरण के दो हल ज्ञात करें। ये सारणी 3.3 में दिए हैं :

सारणी 3.3

x 2 0
y=2x2 2 -2
x 0 1
y=4x4 -4 0

आकृति 3.2

बिंदुओं को आलेखित कीजिए और समीकरणों को निरूपित करने के लिए उनसे जाने वाली रेखाएँ खींचिए, जैसा आकृति 3.2 में दिखाया गया है।

ये दोनों रेखाएँ बिंदु (1,0) पर प्रतिच्छेद करती हैं। इसलिए x=1,y=0 रैखिक समीकरण युग्म का अभीष्ट हल है, अर्थात् उसके द्वारा खरीदी गई पैंटों की संख्या 1 है और उसने कोई स्कर्ट नहीं खरीदी है।

जाँच : (1) और (2) में x=1 और y=0 रखने पर हम पाते हैं कि दोनों समीकरण संतुष्ट हो जाती हैं।

प्रश्नावली 3.1

1. निम्न समस्याओं में रैखिक समीकरणों के युग्म बनाइए और उनके ग्राफीय विधि से हल ज्ञात कीजिए।

(i) कक्षा X के 10 विद्यार्थियों ने एक गणित की पहेली प्रतियोगिता में भाग लिया। यदि लड़कियों की संख्या लड़कों की संख्या से 4 अधिक हो, तो प्रतियोगिता में भाग लिए लड़कों और लड़कियों की संख्या ज्ञात कीजिए।

(ii) 5 पेंसिल तथा 7 कलमों का कुल मूल्य ₹ 50 है, जबकि 7 पेंसिल तथा 5 कलमों का कुल मूल्य ₹ 46 है। एक पेंसिल का मूल्य तथा एक कलम का मूल्य ज्ञात कीजिए।

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2. अनुपातों a1a2,b1b2 और c1c2 की तुलना कर ज्ञात कीजिए कि निम्न समीकरण युग्म द्वारा निरूपित रेखाएँ एक बिंदु पर प्रतिच्छेद करती हैं, समांतर हैं अथवा संपाती हैं :

(i) 5x4y+8=0 7x+6y9=0

(ii) 9x+3y+12=0 18x+6y+24=0

(iii) 6x3y+10=0 2xy+9=0

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3. अनुपातों a1a2,b1b2 और c1c2 की तुलना कर ज्ञात कीजिए कि निम्न रैखिक समीकरणों के युग्म संगत हैं या असंगत:

(i) 3x+2y=5;2x3y=7

(ii) 2x3y=8;4x6y=9

(iii) 32x+53y=7;9x10y=14

(iv) 5x3y=11;10x+6y=22

(v) 43x+2y=8;2x+3y=12

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4. निम्न रैखिक समीकरणों के युग्मों में से कौन से युग्म संगत/असंगत हैं, यदि संगत हैं तो ग्राफीय विधि से हल ज्ञात कीजिए।

(i) x+y=5,2x+2y=10

(ii) xy=8,3x3y=16

(iii) 2x+y6=0,4x2y4=0

(iv) 2x2y2=0,4x4y5=0

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5. एक आयताकार बाग, जिसकी लंबाई, चौड़ाई से 4 m अधिक है, का अर्धपरिमाप 36 m है। बाग की विमाएँ ज्ञात कीजिए।

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6. एक रैखिक समीकरण 2x+3y8=0 दी गई है। दो चरों में एक ऐसी और रैखिक समीकरण लिखिए ताकि प्राप्त युग्म का ज्यामितीय निरूपण जैसा कि

(i) प्रतिच्छेद करती रेखाएँ हों।

(ii) समांतर रेखाएँ हों।

(iii) संपाती रेखाएँ हों।

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7. समीकरणों xy+1=0 और 3x+2y12=0 का ग्राफ खींचिए। x-अक्ष और इन रेखाओं से बने त्रिभुज के शीर्षों के निर्देशांक ज्ञात कीजिए और त्रिभुजाकार पटल को छायांकित कीजिए।

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3.3 एक रैखिक समीकरण युग्म को हल करने की बीजगणितीय विधि

पिछले अनुच्छेद में, हमने एक रैखिक समीकरण युग्म को हल करने के लिए ग्राफीय विधि की चर्चा की। ग्राफीय विधि उस स्थिति में सुविधाजनक नहीं होती है, जब रैखिक समीकरणों के हलों को निरूपित करने वाले बिंदुओं के निर्देशांक पूर्णांक न हों, जैसे (3,27), (1.75,3.3),(413,119) आदि। इस प्रकार के बिंदुओं को पढ़ने में आवश्यक रूप से त्रुटि होने की संभावना रहती है। क्या हल ज्ञात करने की कोई अन्य विधि भी है? इसकी कई बीजगणितीय ( बीजीय) विधियाँ हैं, जिनकी हम अब चर्चा करेंगे।

3.3.1 प्रतिस्थापन विधि :

हम प्रतिस्थापन विधि को कुछ उदाहरण लेकर समझाएँगे।

उदाहरण 4 : प्रतिस्थापना विधि द्वारा निम्न रैखिक समीकरण युग्म को हल कीजिए :

(1)7x15y=2

(2)x+2y=3

हल :

चरण 1 : हम किसी एक समीकरण को लेते हैं और किसी एक चर को दूसरे के पदों में लिखते हैं। आइए समीकरण (2)

x+2y=3

और इसे इस प्रकार लिखें

(3)x=32y

चरण 2:x का यह मान समीकरण (1) में प्रतिस्थापित कीजिए। हम पाते हैं:

7(32y)15y=2 अर्थात्, 2114y15y=2 अर्थात् ,29y=19 इसलिए ,y=1929

चरण 3 : y का यह मान समीकरण (3) में प्रतिस्थापित करने पर, हम पाते हैं:

x=32(1929)=4929

अत: हल है: x=4929,y=1929

सत्यापन : x=4929 और y=1929 को प्रतिस्थापित करने पर, आप जाँच कर सकते हैं कि दोनों समीकरण (1) और (2) संतुष्ट हो जाते हैं।

प्रतिस्थापन विधि को और अधिक स्पष्ट रूप से समझने के लिए, आइए इस पर चरणबद्ध रूप से विचार करें।

चरण 1 : एक चर का मान, माना y को दूसरे चर, माना x के पदों में किसी भी समीकरण से ज्ञात कीजिए, जो सुविधाजनक हो।

चरण 2: y के इस मान को दूसरे समीकरण में प्रतिस्थापित कीजिए और इसको एक चर x के समीकरण के रूप में बदलिए, जिसको हल किया जा सकता है। कभी-कभी, जैसा कि निम्न उदाहरणों 9 तथा 10 में है, आप बिना किसी चर के कथन प्राप्त कर सकते हैं। यदि यह कथन सत्य है, तो आप यह निर्णय कर सकते हैं कि रैखिक समीकरण युग्म के अपरिमित रूप से अनेक हल हैं। यदि चरण 2 में प्राप्त कथन असत्य है, तो रैखिक समीकरण युग्म विरोधी है।

चरण 3 : चरण 2 से प्राप्त x (अथवा y ) का मान उस समीकरण, जिसे चरण 1 में प्रयोग किया है, में प्रतिस्थापित करके दूसरे चर का मान प्राप्त कीजिए।

टिप्पणी: हमने एक चर का मान दूसरे चर के पद में व्यक्त करके, रैखिक समीकरण युग्म को हल करने के लिए प्रतिस्थापित किया है। इसलिए इस विधि को प्रतिस्थापन विधि कहते हैं।

उदाहरण 5 : निम्नलिखित प्रश्न को प्रतिस्थापन विधि से हल कीजिए। आफ़ताब अपनी पुत्री से कहता है, ‘सात वर्ष पूर्व मैं तुमसे सात गुनी आयु का था। अब से 3 वर्ष बाद मैं तुमसे केवल तीन गुनी आयु का रह जाऊँगा।’ (क्या यह मनोरंजक है?) इस स्थिति को बीजगणितीय एवं ग्राफीय रूपों में व्यक्त कीजिए।

हल : माना आफ़ताब और उसकी पुत्री की आयु (वर्षों में) क्रमशः s और t हैं। तब, उस स्थिति को निरूपित करने के लिए, रैखिक समीकरण युग्म है:

(1)s7=7(t7) अर्थात्, s7t+42=0

तथा

(2)s+3=3(t+3),अर्थात्, s3t=6

समीकरण (2) का प्रयोग करने पर, हम पाते हैं: s=3t+6

समीकरण (1) में s का मान रखने पर, हम पाते हैं:

(3t+6)7t+42=0

अर्थात् 4t=48, जिससे t=12 प्राप्त होता है।

t के इस मान को समीकरण (2) में रखने पर, हमें प्राप्त होता है:

s=3(12)+6=42

अतः, आफ़ताब और उसकी पुत्री क्रमशः 42 वर्ष और 12 वर्ष के हैं।

इस उत्तर की पुष्टि के लिए, यह जाँच कर लीजिए कि यह दी हुई समस्या के प्रतिबंधों को संतुष्ट करता है या नहीं।

उदाहरण 6 : एक दुकान में, 2 पेंसिल और 3 रबड़ों का मूल्य ₹ 9 है और 4 पेंसिल और 6 रबड़ों का मूल्य ₹ 18 है। प्रत्येक पेंसिल और प्रत्येक रबड़ का मूल्य ज्ञात कीजिए।

हल : रैखिक समीकरण युग्म जो बने थे वे हैं:

(1)2x+3y=9

(2)4x+6y=18

हम पहले समीकरण 2x+3y=9 से, x का मान y के पदों में व्यक्त करते हैं और पाते हैं :

(3)x=93y2

अब हम x के इस मान को समीकरण (2) में प्रतिस्थापित करके प्राप्त करते हैं:

4(93y)2+6y=18 अर्थात्, 186y+6y=18 अर्थात्, 18=18

यह कथन y के सभी मानों के लिए सत्य है। यद्यपि, इससे y का कोई मान हल के रूप में नहीं प्राप्त होता है। इसलिए हम x का कोई निश्चित मान नहीं पाते हैं। यह स्थिति इसलिए पैदा हुई है कि दोनों दिए गए समीकरण एक ही हैं। अतः समीकरणों (1) और (2) के अपरिमित रूप से अनेक हल हैं। हम एक पेंसिल तथा एक रबड़ का अद्वितीय मूल्य नहीं प्राप्त कर सकते हैं, क्योंकि दी हुई स्थिति में बहुत से सार्व (सर्वनिष्ठ) हल हैं।

उदाहरण 7 : दो रेल पटरियाँ, समीकरणों x+2y4=0 और 2x+4y12=0 द्वारा निरूपित की गई है। क्या रेल पटरियाँ एक दूसरे को काटेंगी?

हल : इसमें बनाए गए रैखिक समीकरण थे:

(1)x+2y4=0

(2)2x+4y12=0

समीकरण (1) से x को y के पदों में व्यक्त करके, हम पाते हैं:

x=42y

अब, x के इस मान को समीकरण (2) में प्रतिस्थापित करके हम पाते हैं:

2(42y)+4y12=0

 अर्थात्, 812=0 अर्थात्, 4=0

जो कि एक असत्य कथन है।

अतः, दिए गए समीकरणों का कोई सार्व हल नहीं है। इसलिए, दोनों पटरियाँ एक दूसरे को नहीं काटेंगी।

प्रश्नावली 3.2

1. निम्न रैखिक समीकरण युग्म को प्रतिस्थापन विधि से हल कीजिए:

(i) x+y=14xy=4

(ii) st=3s3+t2=6

(iii) 3xy=39x3y=9

(iv) 0.2x+0.3y=1.30.4x+0.5y=2.3

(v) 2x+3y=03x8y=0

(vi) 3x25y3x3+y2=136

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2. 2x+3y=11 और 2x4y=24 को हल कीजिए और इससे ’ m ’ का वह मान ज्ञात कीजिए जिसके लिए y=mx+3 हो

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3. निम्न समस्याओं में रैखिक समीकरण युग्म बनाइए और उनके हल प्रतिस्थापन विधि द्वारा ज्ञात कीजिए:

(i) दो संख्याओं का अंतर 26 है और एक संख्या दूसरी संख्या की तीन गुनी है। उन्हें ज्ञात कीजिए।

(ii) दो संपूरक कोणों में बड़ा कोण छोटे कोण से 18 डिग्री अधिक है। उन्हें ज्ञात कीजिए।

(iii) एक क्रिकेट टीम के कोच ने 7 बल्ले तथा 6 गेदें ₹ 3800 में खरीदीं। बाद में, उसने 3 बल्ले तथा 5 गेंदें ₹ 1750 में खरीदी। प्रत्येक बल्ले और प्रत्येक गेंद का मूल्य ज्ञात कीजिए।

(iv) एक नगर में टैक्सी के भाड़े में एक नियत भाड़े के अतिरिक्त चली गई दूरी पर भाड़ा सम्मिलित किया जाता है। 10 km दूरी के लिए भाड़ा ₹ 105 है तथा 15 km के लिए भाड़ा ₹ 155 है। नियत भाड़ा तथा प्रति km भाड़ा क्या है? एक व्यक्ति को 25 km यात्रा करने के लिए कितना भाड़ा देना होगा?

(v) यदि किसी भिन्न के अंश और हर दोनों में 2 जोड़ दिया जाए, तो वह 911 हो जाती है। यदि अंश और हर दोनों में 3 जोड़ दिया जाए, तो वह 56 हो जाती है। वह भिन्न ज्ञात कीजिए।

(vi) पाँच वर्ष बाद जैकब की आयु उसके पुत्र की आयु से तीन गुनी हो जाएगी। पाँच वर्ष पूर्व जैकब की आयु उसके पुत्र की आयु की सात गुनी थी। उनकी वर्तमान आयु क्या हैं?

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3.3.2 विलोपन विधि

अब आइए एक और विधि पर विचार करें जिसे एक चर को विलुप्त करने की विधि कहा जाता है। यह कभी-कभी प्रतिस्थापन विधि से अधिक सुविधाजनक रहती है। आइए अब देखें कि यह विधि कैसे की जाती है।

उदाहरण 8 : दो व्यक्तियों की आय का अनुपात 9:7 है और उनके खर्चों का अनुपात 4:3 है। यदि प्रत्येक व्यक्ति प्रति महीने में 2000 रु बचा लेता है, तो उनकी मासिक आय ज्ञात कीजिए।

हल : आइए दोनों व्यक्तियों की मासिक आय को क्रमशः 9x रु तथा 7x रु से निरूपित करें और उनके खर्चों को क्रमशः 4y रु और 3y रु से निरूपित करें। तब, उस स्थिति में बने समीकरण हैं:

(1)9x4y=2000

और

(2)7x3y=2000

चरण 1:y के गुणकों को समान करने के लिए समीकरण (1) को 3 से तथा समीकरण (2) को 4 से गुणा कीजिए। तब हम निम्नलिखित समीकरण प्राप्त करते हैं:

(3)27x12y=6000

(4)28x12y=8000

चरण 2:y को विलुप्त करने के लिए समीकरण (3) को समीकरण (4) में से घटाइए, क्योंकि y के गुणांक समान हैं, इसलिए हम पाते हैं:

(28x27x)(12y12y)=80006000

 अर्थात्, x=2000

चरण 3 : x का मान (1) में प्रतिस्थापित करने पर, हम पाते हैं:

9(2000)4y=2000अर्थात्,y=4000

अतः समीकरणों के युग्म का हल x=2000,y=4000 है। इसलिए, व्यक्तियों की मासिक आय क्रमशः ₹ 18000 तथा ₹ 14000 हैं।

सत्यापन : 18000:14000=9:7 है। साथ ही, उनके खर्चों का अनुपात 180002000:140002000=16000:12000=4:3 है। 

टिप्पणी :

1. उपर्युक्त उदाहरण को हल करने में, उपयोग की गई विधि को विलोपन विधि (elimination method) कहते हैं, क्योंकि हम सर्वप्रथम एक चर को विलुप्त करके, एक चर में एक रैखिक समीकरण प्राप्त करते हैं।

उपर्युक्त उदाहरण में, हमने y को विलुप्त किया है। हम x को भी विलुप्त कर सकते थे। इस प्रकार भी समीकरणों को हल करने का प्रयत्न कीजिए।

2. आप इसको हल करने के लिए प्रतिस्थापन विधि या ग्राफीय विधि का प्रयोग भी कर सकते थे। इन विधियों से भी हल कीजिए और देखिए कौन-सी विधि सबसे उपयुक्त है।

आइए अब हम विलोपन विधि के प्रयोग के विभिन्न चरण बताएँ:

चरण 1 : सर्वप्रथम दोनों समीकरणों को उपयुक्त शून्येतर अचरों से, किसी एक चर (x अथवा y) के गुणांकों को संख्यात्मक रूप में समान करने के लिए, गुणा कीजिए।

चरण 2 : पुनः एक समीकरण को दूसरे में जोड़ें या उसमें से घटाएँ जिससे कि एक चर विलुप्त हो जाए। यदि आप एक चर में समीकरण पाते हैं, तो चरण 3 में जाइए।

यदि चरण 2 में, हमें चर रहित एक सत्य कथन प्राप्त हो, तो मूल समीकरण युग्म के अपरिमित रूप से अनेक हल हैं।

यदि चरण 2 में, हमें एक चर रहित असत्य कथन मिले, तो मूल समीकरण युग्म का कोई हल नहीं है, अर्थात् यह असंगत है।

चरण 3 : इस प्रकार एक चर (x या y ) में प्राप्त समीकरण को, उस चर का मान ज्ञात करने के लिए, हल कीजिए।

चरण 4:x (या y ) के इस मान को मूल समीकरणों में से किसी एक में, दूसरे चर का मान ज्ञात करने के लिए, प्रतिस्थापित कीजिए।

अब इसे समझाने के लिए, हम कुछ और उदाहरण हल करते हैं :

उदाहरण 9 : विलोपन विधि का प्रयोग करके, निम्न रैखिक समीकरण युग्म के सभी संभव हल ज्ञात कीजिए:

(1)2x+3y=8

(2)4x+6y=7

हल :

चरण 1 : समीकरण (1) को 2 से तथा समीकरण (2) को 1 से, x के गुणांकों को समान करने के लिए, गुणा करिए। तब हम निम्न समीकरण पाते हैं:

(3)4x+6y=16

(4)4x+6y=7

चरण 2 : समीकरण (4) को समीकरण (3) में से घटाने पर,

(4x4x)+(6y6y)=167

अर्थात् 0=9, जो एक असत्य कथन है।

अतः, समीकरणों के युग्म का कोई हल नहीं है।

उदाहरण 10 : दो अंकों की एक संख्या एवं उसके अंकों को उलटने पर बनी संख्या का योग 66 है। यदि संख्या के अंकों का अंतर 2 हो, तो संख्या ज्ञात कीजिए। ऐसी संख्याएँ कितनी हैं?

हल : माना प्रथम संख्या की दहाई तथा इकाई के अंक क्रमशः x और y हैं। इसलिए, प्रथम संख्या को प्रसारित रूप में 10x+y लिख सकते हैं [उदाहरण के लिए, 56=10(5)+6]

जब अंक उलट जाते हैं, तो x इकाई का अंक बन जाता है तथा y दहाई का अंक। यह संख्या प्रसारित रूप में 10y+x है [उदाहरण के लिए, जब 56 को उलट दिया जाता है, तो हम पाते हैं: 65=10(6)+5]

दिए हुए प्रतिबंधों के अनुसार,

(10x+y)+(10y+x)=66

 अर्थात्, 11(x+y)=66

(1) अर्थात्, x+y=6

हमें यह भी दिया गया है कि अंकों का अंतर 2 है। इसलिए,

या तो

(2)xy=2

या

(3)yx=2

यदि xy=2 है, तो (1) और (2) को विलोपन विधि से हल करने पर, x=4 और y=2 प्राप्त होता है।

इस स्थिति में, हमें संख्या 42 प्राप्त होती है।

यदि yx=2 है, तो (1) और (3) को विलोपन विधि से हल करने पर, हमें x=2 और y=4 प्राप्त होता है।

इस स्थिति में, हमें संख्या 24 प्राप्त होती है।

इस प्रकार ऐसी दो संख्याएँ 42 और 24 हैं।

सत्यापन : यहाँ 42+24=66 और 42=2 है तथा 24+42=66 और 42=2 है।

प्रश्नावली 3.3

1. निम्न समीकरणों के युग्म को विलोपन विधि तथा प्रतिस्थापना विधि से हल कीजिए। कौन-सी विधि अधिक उपयुक्त है?

(i) x+y=5 और 2x3y=4

(ii) 3x+4y=10 और 2x2y=2

(iii) 3x5y4=0 और 9x=2y+7

(iv) x2+2y3=1 और xy3=3

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2. निम्न समस्याओं में रैखिक समीकरणों के युग्म बनाइए और उनके हल (यदि उनका अस्तित्व हो) विलोपन विधि से ज्ञात कीजिए :

(i) यदि हम अंश में 1 जोड़ दें तथा हर में से 1 घटा दें, तो भिन्न 1 में बदल जाती है। यदि हर में 1 जोड़ दें, तो यह 12 हो जाती है। वह भिन्न क्या है?

(ii) पाँच वर्ष पूर्व नूरी की आयु सोनू की आयु की तीन गुनी थी। दस वर्ष पश्चात्, नूरी की आयु सोनू की आयु की दो गुनी हो जाएगी। नूरी और सोनू की आयु कितनी है।

(iii) दो अंकों की संख्या के अंकों का योग 9 है। इस संख्या का नौ गुना, संख्या के अंकों को पलटने से बनी संख्या का दो गुना है। वह संख्या ज्ञात कीजिए।

(iv) मीना ₹ 2000 निकालने के लिए एक बैंक गई। उसने खजाँची से ₹ 50 तथा ₹ 100 के नोट देने के लिए कहा। मीना ने कुल 25 नोट प्राप्त किए। ज्ञात कीजिए कि उसने ₹ 50 और ₹ 100 के कितने-कितने नोट प्राप्त किए।

(v) किराए पर पुस्तकें देने वाले किसी पुस्तकालय का प्रथम तीन दिनों का एक नियत किराया है तथा उसके बाद प्रत्येक अतिरिक्त दिन का अलग किराया है। सरिता ने सात दिनों तक एक पुस्तक रखने के लिए ₹ 27 अदा किए, जबकि सूसी ने एक पुस्तक पाँच दिनों तक रखने के ₹ 21 अदा किए। नियत किराया तथा प्रत्येक अतिरिक्त दिन का किराया ज्ञात कीजिए।

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3.4 सारांश

इस अध्याय में, आपने निम्न तथ्यों का अध्ययन किया है :

1. एक रैखिक समीकरण युग्म को ग्राफीय रूप में निरूपित किया जा सकता है और हल किया जा सकता है

(i) ग्राफीय विधि द्वारा

(ii) बीजगणितीय विधि द्वारा

2. ग्राफीय विधि:

दो चरों में एक रैखिक समीकरण युग्म का ग्राफ दो रेखाएँ निरूपित करता है।

(i) यदि रेखाएँ एक बिंदु पर प्रतिच्छेद करती हैं तो, वह बिंदु दोनों समीकरण का अद्वितीय हल होता है। इस स्थिति में, समीकरण युग्म संगत होता है।

(ii) यदि रेखाएँ संपाती हैं, तो उसके अपरिमित रूप से अनेक हल होते हैं-रेखा पर स्थित प्रत्येक बिंदु हल होता है। इस स्थिति में, समीकरण युग्म आश्रित (संगत) होता है।

(iii) यदि रेखाएँ समांतर हैं, तो समीकरण युग्म का कोई हल नहीं होता है। इस स्थिति में, समीकरण युग्म असंगत होता है।

3. बीजगणितीय विधि : हमने एक रैखिक समीकरण युग्म के हल ज्ञात करने के लिए निम्न विधियों की चर्चा की है:

(i) प्रतिस्थापन विधि

(ii) विलोपन विधि

(iii) वज्र-गुणन विधि

4. यदि दिए गए रैखिक समीकरण a1x+b1y+c1=0 और a2x+b2y+c2=0 एक रैखिक समीकरण युग्म को प्रदर्शित करते हैं, तो निम्न स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं:

(i) a1a2b1b1 : इस स्थिति में, रैखिक समीकरण युग्म संगत होता है।

(ii) a1a2=b1b2c1c2 : इस स्थिति में, रैखिक समीकरण युग्म असंगत होता है।

(iii) a1a2=b1b2=c1c2 : इस स्थिति में, रैखिक समीकरण युग्म आश्रित (संगत) होता है।

5. अनेक स्थितियाँ हैं जिन्हें गणितीय रूप में ऐसी दो समीकरणों से प्रदर्शित किया जा सकता है, जो प्रारंभ में रैखिक नहीं हों। परंतु हम उन्हें परिवर्तित कर एक रैखिक समीकरण युग्म में बदल सकते हैं।