अध्याय 09 एक खिलाड़ी की कुछ यादें (संस्मरण)

60 साल की बात करने से पहले मैं कुछ साल और पीछे जाना चाहता हूँ। लाहौर को याद करना चाहता हूँ, जब मैं बैडमिंटन चैंपियन था। स्कूल ग्राउंड में एक दिन ध्यानचंद को हॉकी खेलते देखा। उसके बाद मैं हॉकी का ही हो गया। यह बताता है कि बड़े खिलाड़ी को देखना आप पर कितना असर डालता है।

1948 ओलंपिक से पहले हालात बहुत खराब थे। हमें भी लाहौर से भागना पड़ा था। किसी तरह बंबई (मुम्बई) में कैंप लगा। सब कुछ बिखरा हुआ था। हमारी टीम में कोई घर ऐसा नहीं था जहाँ कोई ट्रैजडी न हुई हो। दिमाग खेल से ज़्यादा भारत-पाकिस्तान के अलगाव और ट्रैजडी पर था।

बहुत खराब थे। हमें भी लाहौर से भागना पड़ा था। किसी तरह बंबई (मुम्बई) में कैंप लगा। सब कुछ बिखरा हुआ था। हमारी टीम में कोई घर ऐसा नहीं था जहाँ कोई ट्रैजडी न हुई हो। दिमाग खेल से ज़्यादा भारत-पाकिस्तान के अलगाव और ट्रैजडी पर था।

हम लंदन पहुँचे। वहाँ भी विश्व युद्ध के बाद के हालात थे। शहर सँभल नहीं पाया था। बिल्डिग में गोलियों के निशान दिखाई

देते थे। ओलंपिक ड्रॉ निकला। भारत और पाकिस्तान अलग-अलग हॉफ में थे। सबको यही लग रहा था कि इन्हीं दोनों मुल्कों का फाइनल होगा। सेमीफाइनल में एक दिन हमें हॉलैंड और पाकिस्तान को इंग्लैड से खेलना था। वेंबली स्टेडियम था जहाँ आमतौर पर फुटबॉल होता था। बारिश के बीच हम बड़ी मुश्किल से हॉलैंड को 2-1 से हरा पाए। इंग्लैंड ने

पाकिस्तान को हरा दिया। अब इंग्लैंड से फाइनल था। क्वीन मौजूद थीं। हमने इंग्लैंड को $4-0$ से हराया। हमारी टीम में कोई ऐसा नहीं था जिसकी आँख में आँसू न हों। उसी मुल्क में आकर हम जीते थे, जिसने हम पर राज किया। उसी के घर में हराया था। पहली बार विश्व स्तर पर कहीं जन-गण-मन बजा। हमें गर्व है कि यह इंग्लैंड में हुआ। इससे बड़ा लम्हा नहीं हो सकता। सारे दुख-दर्द भूल गए थे। आज़ाद भारत ने पहली बार दुनिया को दिखाया था कि वह क्या कर सकता है। मुझे अफ़सोस है कि उसके बाद हॉकी का स्तर गिरा है। गिरावट सिर्फ़ हॉकी में ही नहीं, कई खेलों में है। कुल मिलाकर

टीम गेम की हालत

खराब हुई है।

व्यक्तिगत खेलों में ज़रूर सफलताएँ मिली हैं। विश्वनाथन आनंद हैं, सानिया मिर्जा हैं। लेकिन उन्हें ऊपर लाने में कोई सिस्टम काम नहीं आया। यह उनकी अपनी मेहनत और परिवार के सपोर्ट का नतीजा है। मैं यही कहना चाहता हूँ कि सिस्टम गड़बड़ है। इसे ठीक करना पड़ेगा। बेसिक सुविधाएँ देनी ही पड़ेगीं। जैसे, आपको हॉकी खेलने के लिए सिंथेटिक टर्फ ज़रूर चाहिए। लेकिन हमारे मुल्क में कितने हैं।

अंग्रेज़ों के समय में एक बात अच्छी थी कि हर स्कूल में खेल बहुत ज़रूरी था। तब खेलना उतना ही ज़रूरी था, जितना पढ़ना । लेकिन यह बदला। खेल खास जगह नहीं पा सका। कुछ बदलाव है। लेकिन इतना काफी नहीं है। हर स्कूल में मैदान ज़रूरी हैं। आबादी के साथ खेल की जगह खत्म होती जा रही है। हमारे समय में कोचिंग ज़रूर आज जैसी नहीं थी। सीनियर खिलाड़ी एक तरह से कोच होते थे। लेकिन ज़रूरत से ज़्यादा कोचिंग और तकनीक के इस्तेमाल का क्या वाकई हमें फ़ायदा हुआ है? मेरा

मतलब यह है कि खिलाड़ियों में जज़्बा ज़रूरी है। शूटिंग में भारत ने तरक्की की है। क्रिकेट में कुछ सफलताएँ मिली हैं। लेकिन 60 साल में हम हॉकी सहित उन खेलों में पिछड़े हैं जिनमें सबसे आगे थे। जिनमें आगे आए हैं, वहाँ सबसे आगे

नहीं हैं।

(देश के बेहतरीन हॉकी खिलाड़ियों में एक श्री केशवदत्त 1948 और 1952 की स्वर्ण विजेता ओलंपिक टीम का हिस्सा थे। इस समय वह कोलकाता में रहते हैं।)

अभ्यास

शब्दार्थ
असर - प्रभाव
हालात - स्थिति
ट्रैजडी - दुखांत घटना
लम्हा - क्षण, पल
सिस्टम - व्यवस्था
कोचिंग - प्रशिक्षण, शिक्षण देना
जज़्बा - भाव, जोश
शूटिंग - निशानेबाज़ी

1 पाठ से

(क) लेखक बैडमिंटन चैंपियन था। उसे हॉकी खेलने की प्रेरणा किससे और कैसे मिली?

(ख) इंग्लैंड से मैच जीतने के बाद सबकी आँखों में आँसू क्यों थे?

(ग) ‘खिलाड़ियों में जज़्बा ज़रूरी है।’ लेखक ने किस जज़्बे की बात की है? यह जज़्वा क्यों ज़रूरी है?

2 याद करना

" 60 साल की बात करने से पहले मैं कुछ साल और पीछे जाना चाहता हूँ। लाहौर को याद करना चाहता हूँ।"

ऊपर के वाक्यों को पढ़ो और बताओ कि-

(क) लेखक 60 साल की बात करने के लिए क्या करना चाहता है?

(ख) तुम्हें अगर अपने तीन साल के हिंदी सीखने की बात को कहने को कहा जाए तो उसके लिए क्या-क्या करोगे?

(ग) क्या पिछली किसी बात को याद करने के लिए बार-बार रटना ज़रूरी होता है या सोच-समझ के साथ उस पर चर्चा, विचार और उसका आवश्यकतानुसार व्यवहार करना ज़रूरी होता है? तुम्हें जो भी उचित लगे उसे कारण सहित बताओ।

3 बिखरा हुआ

(क) पता करो कि कोई सामान, विचार और ध्यान क्यों बिखरता है?

(ख) उनके बिखरने से क्या-क्या होता है?

(ग) लेखक का दिमाग खेल से ज़्यादा भारत-पाकिस्तान के अलगाव और ट्रैजडी होने के कारण कैसी

मुश्किलों में उलझा होगा?

4 फ़िल्म और गीत

फ़िल्मों में दृश्यों के साथ गीत गाए जाते हैं। फिल्म के अतिरिक्त ऐसे बहुत से अवसर होते हैं जहाँ उसी के अनुकूल गीत भी गाए-बजाए जाते हैं। इस पाठ में भी ‘पहली बार विश्व स्तर पर कहीं जन-गण-मन बजा’ का उल्लेख हुआ है। तुम फ़िल्मों के कुछ मशहूर गीतों के बोलों की सूची बनाओ जो फ़िल्मों में दृश्यों के साथ तो गाए ही गए हों, जिन्हें विशेष अवसरों पर भी गाया बजाया जाता हो।

5 खेल-कूद

नीचे कुछ खेलों के नाम दिए गए हैं। इन्हें खेलने के लिए किन-किन चीज़ों की ज़रूरत होती है, उसकी सूची बनाओ।

(क) हॉकी $\quad$………….. $\quad$………….. $\quad$………….. $\quad$…………..

(ख) क्रिकेट $\quad$………….. $\quad$………….. $\quad$………….. $\quad$…………..

(ग) लॉन टेनिस $\quad$………….. $\quad$………….. $\quad$………….. $\quad$…………..

(घ) तैराकी $\quad$………….. $\quad$………….. $\quad$………….. $\quad$…………..

(ङ) तीरंदाज़ी $\quad$………….. $\quad$………….. $\quad$………….. $\quad$…………..

(च) कब्डी $\quad$………….. $\quad$………….. $\quad$………….. $\quad$…………..

6 पता लगाओ

(क) क्रिकेट, फुटबॉल और हॉकी के मैदान में क्या अंतर होता है?

(ख) क्रिकेट, फुटबॉल और हॉकी में कितने-कितने खिलाड़ी होते हैं।

(ग) हॉकी से जुड़े शब्दों की सूची बनाओ।

7 तुम्हारी बात

(क) तुम्हें कौन-सा खेल पसंद है? अपने किसी स्थानीय खेल के नियम, खिलाड़ियों की संख्या और सामान के बारे में बताओ।

(ख) अपने जीवन की किसी ऐसी घटना के बारे में बताओ-

  • जब तुम्हारी आँखों में आँसू आए हों।
  • जब तुम अपना दुख-दर्द भूल गए हो।

8 खेल और सिनेमा

(क) खेलों पर बनी कुछ फ़िल्मों के बारे में पता लगाओ। उनमें से कुछ फ़िल्मों के नामों और उनमें दर्शाए गए खेलों के नामों को साथ मिलाकर एक सूची बनाओ। कक्षा में उन फ़िल्मों के बारे में बातचीत भी करो।

9 जगह-जगह के खेल

कुछ खेल कुछ खास जगहों में ही खेले जा सकते हैं और कुछ खेल प्रचलन के कारण कुछ खास लोगों द्वारा ही खास स्थानों पर खेले जाते हैं। बताओ कि-

(क) कौन-से खेल अंदर खेले जाते हैं?

(ख) कौन-से खेल बाहर खेले जाते हैं?

(ग) कौन-से खेल अकेले खेले जाते हैं?



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