अध्याय 04 ओस (कविता)
हरी घास पर बिखेर दी हैं
ये किसने मोती की लड़ियाँ?
कौन रात में गूँथ गया है
ये उज्च्वल हीरों की कड़ियाँ?
जुगनू से जगमग जगमग ये
कौन चमकते हैं यों चमचम?
नभ के नन्हें तारों से ये
कौन दमकते हैं यों दमदम?
लुटा गया है कौन जौहरी
अपने घर का भरा खज़ाना?
पत्तों पर, फूलों पर, पग पग
बिखरे हुए रतन हैं नाना।
बड़े सबेरे मना रहा है
कौन खुशी में यह दीवाली?
वन उपवन में जला दी है
किसने दीपावली निराली?
जी होता, इन ओस कणों को
अंजलि में भर घर ले आऊँ?
इनकी शोभा निरख निरख कर
इन पर कविता एक बनाऊँ।
- सोहनलाल द्विवेदी
अभ्यास
शब्दार्थ | |||
---|---|---|---|
गूँथना | - पिरोना | रतन | - रत्न |
उज्ज्वल | - चमकता हुआ, उजला | नाना | - अनेक |
जुगनू | - एक कीडा़ (रात में उड़ने | निराली | - सुंदर, मनोहर |
पर इसकी दुम से रोशनी | अंजलि | - दोनों हथेलियों को | |
निकलती है) | मिलाने से बनने वाली | ||
नभ | - आकाश, आसमान | मुद्रा | |
जौहरी | - रत्नों की जाँच-परख करने | जी | - मन |
वाला | शोभा | - सौंदर्य | |
खज़ाना | - रुपया, सोना-चाँदी रखने | निरख-निरख | - देख-देखकर |
का स्थान, कोश, धनागार | बहुमूल्य | - कीमती, मूल्यवान |
1. कविता से
(क) कविता में रतन किसे कहा गया है और वे कहाँ-कहाँ बिखरे हुए हैं?
(ख) ओस कणों को देखकर कवि का मन क्या करना चाहता है?
2 कविता से आगे
(क) पता करो कि सुबह के समय खुले स्थानों पर ओस की बूँदें कैसे
बन जाती हैं? इसे अपने शिक्षक को बताओ।
(ख) क्या ओस, कोहरा और वर्षा में कोई संबंध है? इसके बनने और होने के कारणों का पता लगाओ और उसे अपने ढंग से लिखकर शिक्षक को दिखाओ।
(ग) सूरज निकलने के कुछ समय बाद ओस कहाँ चली जाती है? इसका उत्तर तुम अपने मित्रों, बड़ों, पुस्तकों और इंटरनेट की सहायता से प्राप्त करो और शिक्षक को बताओ।
3 तुम्हारी कल्पना
“इनकी शोभा निरख-निरख कर,
इन पर कविता एक बनाऊँ।”
कवि ओस की सुंदरता पर एक कविता बनाना चाहता है। यदि तुम कवि के स्थान पर होते, तो कौन-सी कविता बनाते? अपने मनपसंद विषय पर कोई कविता बनाओ।
4 मौसम की बात
(क) तुम्हारे विचार से यह किस मौसम की कविता हो सकती है?
(ख) तुम्हारे प्रदेश में कौन-कौन से मौसम आते हैं? उसकी सूची बनाओ।
(ग) तुम्हें कौन सा मौसम सबसे अधिक पसंद है और क्यों?
5 अंजलि में
“जी होता इन ओस कणों को
अंजलि में भर घर ले आऊँ”
कवि ओस को अपनी अंजलि में भरना चाहता है। तुम नीचे दी गई चीज़ों में से किन चीज़ों को अपनी अंजलि में भर सकते हो? सही $(\checkmark)$ का चिह्न लगाओ-
रेत ओस धुआँ हवा पानी तेल लड्डू गेंद
6 उलट-फेर
“हरी घास पर बिखेर दी हैं
ये किसने मोती की लड़ियाँ?"
ऊपर की पंक्तियों को उलट-फेर कर इस तरह भी लिखा जा सकता है-
“हरी घास पर ये मोती की लड़ियाँ किसने बिखेर दी हैं?”
इसी तरह नीचे लिखी पंक्तियों में उलट-फेर कर तुम भी उसे अपने ढंग से लिखो।
(क) “कौन रात में गूँथ गया है
ये उज्ज्वल हीरों की कड़ियाँ?”
(ख) “नभ के नन्हें तारों में ये
कौन दमकते हैं यों दमदम?”
7 शब्दों की पहेली
“ये उज्च्वल हीरों की कड़ियाँ”
ऊपर की पंक्ति में उज्च्वल शब्द में ‘ज’ वर्ण दो बार आया है परुतु यह आधा (ज) है। तुम भी इसी तरह के कुछ और शब्द खोज़ो। ध्यान रहे, उस शब्द में कोई एक वर्ण (अक्षर) दो बार आया हो, मगर आधा-आधा। इस काम में तुम शब्दकोश की सहायता ले सकते हो। देखें, कौन सबसे अधिक शब्द खोज़ पाता है।
8 कौन ऐसा
नीचे लिखी चीज़ों जैसी कुछ और चीज़ों के नाम सोचकर लिखो-
(क) जुगनू जैसे चमकीले …………………………….
(ख) तारों जैसे झिलमिल …………………………….
(ग) हीरों जैसे दमकते …………………………….
(घ) फूलों जैसे सुंदर …………………………….
9 बूझो मतलब
“जी होता, इन ओस कणों को
अंजलि में भर घर ले आऊँ”
‘घर’ शब्द का प्रयोग हम कई तरह से कर सकते हैं। जैसे-
(क) वह घर गया। …………………………….
(ख) यह बात मेरे मन में घर कर गई। …………………………….
(ग) यह तो घर-घर की बात है। …………………………….
(घ) आओ, घर-घर खेलें। …………………………….
‘बस’ शब्द का प्रयोग कई तरह से
किया जा सकता है। तुम ‘बस’ शब्द का प्रयोग करते हुए अपने मन से कुछ वाक्य बनाओ।
(संकेत-बस, बस-बस, बस इतना सा)
10. रूप बदलकर
चमक-चमकना-चमकाना-चमकवाना
‘चमक’ शब्द के कुछ रूप ऊपर लिखे हैं। इसी प्रकार
नीचे लिखे शब्दों का रूप बदलकर सही जगह पर भरो-
दमक, सरक, बिखर, बन
(क) ज़रा सा रगड़ते ही हीरे ने
शुरू कर दिया।
(ख) तुम यह कमीज़ किस दर्ज़ी से
चाहते हो?
(ग) साँप ने धीरे-धीरे ……………………………. शुरू कर दिया।
(घ) लकी को मूर्ख ……………………………. तो बहुत आसान है।
(ङ) तुमने अब खिलौने ……………………………. बंद कर दिए?