अध्याय 08 बीजीय व्यंजक एवं सर्वसमिकाएँ

8. 1 बीजीय व्यंजकों का योग एवं व्यवकलन

पिछली कक्षाओं में हम बीजीय व्यंजकों (अथवा केवल व्यंजकों) के बारे में जानकारी प्राप्त कर चुके हैं। x+3,2y5,3x2,4xy+7 इत्यादि व्यंजकों के उदाहरण हैं।

पिछली कक्षाओं में हमने यह भी सीखा है कि बीजीय व्यंजकों को कैसे जोड़ा और घटाया जाता है, उदाहरणार्थ 7x24x+5 एवं 9x10, को जोड़ने के लिए हम इस प्रकार करते हैं :

7x24x+5+9x107x2+5x5

विचार कीजिए कि हम योगफल कैसे ज्ञात करते हैं। जोड़े जाने वाले प्रत्येक व्यंजक को हम विभिन्न पंक्तियों में लिखते हैं। ऐसा करते समय हम समान पदों को एक दूसरे के ऊपर-नीचे लिखते हैं और, जैसा ऊपर दर्शाया गया है, हम उन समान पदों को जोड़ते हैं। अतः 5+(10)=510=5 इसी प्रकार, 4x+9x=(4+9)x=5x. आइए कुछ और उदाहरण हल करते हैं।

उदाहरण 1: 7xy+5yz3zx,4yz+9zx4y,3xz+5x2xy का योग ज्ञात कीजिए। हल : समान पदों को एक दूसरे के ऊपर-नीचे रखकर तीन व्यंजकों को विभिन्न पंक्तियों में लिखते हुए, हम प्राप्त करते हैं :

हल : समान पदों को एक दूसरे के ऊपर-नीचे रखकर तीन व्यंजकों को विभिन्न पंक्तियों में लिखते हुए, हम प्राप्त करते हैं :

7xy+5yz3zx+4yz+9zx4y+2xy3zx+5x (ध्यान दीजिए xz और zx एक समान हैं) 5xy+9yz+3zx+5x4y

इस प्रकार व्यंजकों का योग 5xy+9yz+3zx+5x4y है। ध्यान दीजिए दूसरे व्यंजक के पद 4y और तीसरे व्यंजक के पद 5x को योगफल में वैसे ही लिखा गया है जैसे वे हैं क्योंकि दूसरे व्यंजकों में उनका कोई समान पद नहीं है।

उदाहरण 2: 7x24xy+8y2+5x3y में से 5x24y2+6y3 को घटाइए।

हल :

7x24xy+8y2+5x3y

5x24y2+6y3

()(+)()(+) 2x24xy+12y2+5x9y+3

नोट किसी संख्या का घटाना उसके योज्य प्रतिलोम को जोड़ने के समान है। इस प्रकार -3 को घटाना, +3 को जोड़ने के समान है, इसी प्रकार 6y को घटाना, 6y को जोड़ने जैसा है। 4y2 को घटाना 4y2 को जोड़ने के समान है और इसी प्रकार अन्य दूसरी पंक्ति के प्रत्येक पद के नीचे तीसरी पंक्ति में लिखे चिह्न से यह जानने में सहायता मिलती है कि कौन सी संक्रिया की जाती हैं।

प्रश्नावली 8.1

1. निम्नलिखित का योग ज्ञात कीजिए :

(i) abbc,bcca,caab

(ii) ab+ab,bc+bc,ca+ac

(iii) 2p2q23pq+4,5+7pq3p2q2

(iv) l2+m2,m2+n2,n2+l2,2lm+2mn+2nl

2. (a) 12a9ab+5b3 में से 4a7ab+3b+12 को घटाइए।

(b) 5xy2yz2zx+10xyz में से 3xy+5yz7zx को घटाइए।

(c) 183p11q+5pq2pq2+5p2q में से 4p2q3pq+5pq28p+7q10 को घटाइए।

8.2 बीजीय व्यंजकों का गुणन

(i) बिंदुओं के निम्नलिखित प्रतिरूप को देखिए :

बिंदुओं की संख्या ज्ञात करने के लिए हमें पंक्तियों की संख्या के व्यंजक को स्तंभों की संख्या के व्यंजक से गुणा करना है।

यहाँ पंक्तियों की संख्या 2 बढ़ाई गई है, अर्थात् m+2 और स्तंभों की संख्या 3 बढ़ाई गई है, अर्थात् n+3

(ii) क्या आप ऐसी और परिस्थितियों के बारे में सोच सकते हैं जिनमें दो बीजीय व्यंजकों को गुणा करना पड़ता हो? अमीना उठकर कहती है। “हम आयत के क्षेत्रफल के बारे में सोच सकते हैं।” आयत का क्षेत्रफल l×b, हैं जिसमें l लंबाई है और b चौड़ाई है। यदि आयत की लंबाई 5 इकाई बढ़ा दी जाए, अर्थात्, (l+5) कर दी जाए और चौड़ाई 3 इकाई कम कर दी जाए अर्थात् (b3) कर दी जाए तो आयत का क्षेत्रफल (l+5)× (b3) होगा।

आयत का क्षेत्रफल ज्ञात करने के लिए - हमें l×b अथवा (l+5)×(b3) के रूप के बीजीय व्यंजकों को गुणा करना पड़ता है।

(iii) क्या आप आयतन के बारे में सोच सकते हैं? (एक आयताकार बक्से का आयतन उसकी लंबाई, चौड़ाई और ऊँचाई के गुणनफल से प्राप्त होता है।)

(iv) सरिता कहती है कि जब हम वस्तुएँ खरीदते हैं तो हमें गुणा करना पड़ता है। उदाहरणार्थ यदि प्रति दर्जन केलों का मूल्य p रुपये है और स्कूल पिकनिक के लिए z दर्जन केलों की आवश्यकता है, तो हमें (p×z) रुपयों का भुगतान करना पड़ेगा।

मान लीजिए, प्रति दर्जन केलों का मूल्य 2 रुपये कम होता और पिकनिक के लिए 4 दर्जन कम केलों की आवश्यकता होती तो, प्रति दर्जन केलों का मूल्य (p2) रुपये होता और (z4) दर्जन केलों की आवश्यकता होती। इसलिए, हमें (p2)×(z4) रुपयों का भुगतान करना पड़ता है।

प्रयास कीजिए

क्या आप ऐसी और दो परिस्थितियों के बारे में सोच सकते हैं जहाँ हमें बीजीय व्यंजकों को गुणा करना पड़ सकता है?

[नोट : चाल और समय के बारे में सोचिए।

  • साधारण ब्याज, मूलधन और साधारण ब्याज की दर इत्यादि के बारे में सोचिए।]

उपर्युक्त सभी उदाहरणों में हमने दो अथवा अधिक राशियों का गुणन किया है। यदि राशियाँ बीजीय व्यंजकों के रूप में दी हुई हैं और हमें उनका गुणनफल ज्ञात करना है तो इसका अर्थ यह हुआ कि हमें यह जानना चाहिए कि यह गुणनफल कैसे प्राप्त किया जाए। आइए, इसे क्रमानुसार करते हैं। सबसे पहले हम दो एकपदियों का गुणन करते हैं।

8.3 एकपदी को एकपदी से गुणा करना

जिस व्यंजक में केवल एक पद होता है उसे एकपदी कहते हैं।

8.3.1 दो एकपदियों को गुणा करना

हम प्रारंभ करते हैं

4×x=x+x+x+x=4x से जो पहले सीख चुके हैं। 

इसी प्रकार, 4×(3x)=3x+3x+3x+3x=12x

ध्यान दीजिए एकपदियों के तीनों गुणनफल 3xy,15xy, 15xy भी एकपदी हैं।

अब निम्नलिखित गुणनफलों पर विचार कीजिए :

(i) x×3y=x×3×y=3×x×y=3xy

(ii) 5x×3y=5×x×3×y=5×3×x×y=15xy

(iii) 5x×(3y)=5×x×(3)×y

=5×(3)×x×y=15xy

कुछ और उपयोगी उदाहरण इस प्रकार हैं :

(iv)

5x×4x2=(5×4)×(x×x2)=20×x3=20x3

नोट कीजिए : 5×4=20 अर्थात्, गुणनफल का गुणांक = प्रथम एकपदी का गुणांक × द्वितीय एकपदी का गुणांक और x×x2=x3

अर्थात्, गुणनफल का बीजीय गुणनखंड = प्रथम एकपदी का बीजीय गुणनखंड × द्वितीय एकपदी का बीजीय गुणनखंड।

(v)

5x×(4xyz)=(5×4)×(x×xyz)=20×(x×x×yz)=20x2yz

ध्यान दीजिए कि हमने दोनों एकपदियों के बीजीय भागों के विभिन्न चरों की घातों को कैसे इकट्ठा किया है। ऐसा करने के लिए हमने घातों के नियमों का उपयोग किया है।

8.3.2 तीन अथवा अधिक एकपदियों को गुणा करना

निम्नलिखित उदाहरणों पर विचार कीजिए :

(i) 2x×5y×7z=(2x×5y)×7z=10xy×7z=70xyz

(ii) 4xy×5x2y2×6x3y3=(4xy×5x2y2)×6x3y3=20x3y3×6x3y3=120x3y3×x3y3

=120(x3×x3)×(y3×y3)=120x6×y6=120x6y6

यह स्पष्ट है कि हम सर्वप्रथम पहले दो एकपदियों को गुणा करते हैं और इस प्रकार गुणनफल के रूप में प्राप्त एकपदी को तीसरे एकपदी से गुणा करते हैं। बहुसंख्य एकपदियों को गुणा करने के लिए इस विधि का विस्तार किया जा सकता है।

प्रयास कीजिए

4x×5y×7z ज्ञात कीजिए :

सर्वप्रथम 4x×5y ज्ञात कीजिए और फिर उसे 7z से गुणा कीजिए, अथवा सर्वप्रथम 5y×7z ज्ञात कीजिए और इसे 4x से गुणा कीजिए। क्या परिणाम एक जैसा है? आप क्या विचार करते हैं? क्या गुणा करते समय क्रम का महत्त्व है?

हम दूसरे तरीके से भी इस गुणनफल को ज्ञात कर सकते हैं : 4xy×5x2y2×6x3y3 =(4×5×6)×(x×x2×x3)× (y×y2×y3)=120x6y6

उदाहरण 3 : एक आयत के, जिसकी लंबाई और चौड़ाई दी हुई है, क्षेत्रफल की सारणी को पूरा कीजिए :

हल :

लंबाई चौड़ाई क्षेत्रफल
3x 5y 3x×5y=15xy
9y 4y2 ..
4ab 5bc ..
2l2m 3lm2 ..

उदाहरण 4 : निम्नलिखित सारणी में तीन आयताकार बक्सों की लंबाई, चौड़ाई और ऊँचाई दी हुई हैं। प्रत्येक का आयतन ज्ञात कीजिए :

लंबाई चौड़ाई ऊँचाई
(i) 2ax 3by 5cz
(ii) m2n n2p p2m
(iii) 2q 4q2 8q3

हल : आयतन = लंबाई × चौड़ाई × ऊँचाई

अत:

(i)  आयतन =(2ax)×(3by)×(5cz)=2×3×5×(ax)×(by)×(cz)=30abcxyz (ii)  आयतन =m2n×n2p×p2m=(m2×m)×(n×n2)×(p×p2)=m3n3p3 (iii)  आयतन =2q×4q2×8q3=2×4×8×q×q2×q3=64q6

प्रश्नावली 8.2

1. निम्नलिखित एकपदी युग्मों का गुणनफल ज्ञात कीजिए :

(i) 4,7p

(ii) 4p,7p

(iii) 4p,7pq

(iv) 4p3,3p

(v) 4p,0

2. निम्नलिखित एकपदी युग्मों के रूप में लंबाई एवं चौड़ाई रखने वाले आयतों का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए :

(p,q);(10m,5n);(20x2,5y2);(4x,3x2);(3mn,4np)

3. गुणनफलों की सारणी को पूरा कीजिए :

 प्रथम एकपदी  द्वितीय एकपदी  2x 5y 3x2 4xy 7x2y 9x2y2
2x 4x2
5y 15x2y
3x2
4xy
7x2y
9x2y2

4. ऐसे घना आकार बक्सों का आयतन ज्ञात कीजिए जिनकी लंबाई, चौड़ाई और ऊँचाई क्रमश: निम्नलिखित हैं :

(i) 5a,3a2,7a4

(ii) 2p,4q,8r

(iii) xy,2x2y,2xy2

(iv) a,2b,3c

5. निम्नलिखित का गुणनफल ज्ञात कीजिए :

(i) xy,yz,zx

(ii) a,a2,a3

(iii) 2,4y,8y2,16y3

(iv) a,2b,3c,6abc

(v) m,mn,mnp

8.4 एकपदी को बहुपद से गुणा करना

दो पदों वाला व्यंजक द्विपद कहलाता है। तीन पदों वाले व्यंजक को त्रिपद कहते हैं और इसी प्रकार अन्य। व्यापकतः एक अथवा अधिक पदों वाला व्यंजक जिसके गुणांक शून्येतर हों और जिसके चरों की घात ॠणेतर पूर्णांक हों, बहुपद कहलाता है।

8.4.1 एकपदी को द्विपद से गुणा करना

आइए, एकपदी 3x को द्विपद 5y+2 से गुणा करते हैं, अर्थात्, 3x×(5y+2) ज्ञात करते हैं। स्मरण कीजिए कि 3x और (5y+2) संख्याओं को निरूपित करते हैं। इसलिए विवरण के नियम का उपयोग करते हुए, 3x×(5y+2)=(3x×5y)+(3x×2)=15xy+6x

एकपदी और द्विपद का गुणा द्विपद होता है।

हम सामान्यतः अपने परिकलनों में वितरण के नियम का उपयोग करते हैं। उदाहरणार्थ

7×106=7×(100+6)=7×100+7×6 (यहाँ हमने वितरण नियम का उपयोग किया है।) =700+42=7427×38=7×(402)=7×407×2 (यहाँ हमने वितरण नियम का उपयोग किया है।) =28014=266

इसी प्रकार, (3x)×(5y+2)=(3x)×(5y)+(3x)×(2)=15xy6x

और 5xy×(y2+3)=(5xy×y2)+(5xy×3)=5xy3+15xy

द्विपद एवं एकपदी के गुणनफल के बारे में आपका क्या विचार है? उदाहरणार्थ (5y+2)×3x= ? हम 7×3=3×7; अथवा व्यापक रूप से a×b=b×a के रूप में क्रमविनिमेय नियम का उपयोग कर सकते हैं।

इसी प्रकार (5y+2)×3x=3x×(5y+2)=15xy+6x है।

प्रयास कीजिए

गुणनफल ज्ञात कीजिए :

(i) 2x(3x+5xy)

(ii) a2(2ab5c)

8.3.2 एकपदी को त्रिपद से गुणा करना

3p×(4p2+5p+7) लीजिए। पहले की तरह हम वितरण नियम का उपयोग कर सकते हैं।

3p×(4p2+5p+7)=(3p×4p2)+(3p×5p)+(3p×7)=12p3+15p2+21p

त्रिपद के प्रत्येक पद को एकपदी से गुणा कीजिए और गुणनफल को जोड़ दीजिए।

विचार कीजिए वितरण नियम के उपयोग से हम एक पद का एक पद के साथ गुणन करने में सक्षम हैं।

प्रयास कीजिए

(4p2+5p+7)×3p का गुणनफल ज्ञात कीजिए।

उदाहरण 5 : व्यंजकों को सरल कीजिए और निर्देशानुसार मान ज्ञात कीजिए :

(i) x(x3)+2,x=1 के लिए

(ii) 3y(2y7)3(y4)63,y=2 के लिए

हल :

(i) x(x3)+2=x23x+2 x=1 के लिए, x23x+2=(1)23(1)+2=13+2=33=0 (ii) 3y(2y7)3(y4)63=6y221y3y+1263=6y224y51y=2 के लिए, 6y224y51=6(2)224(2)51=6×4+24×251=24+4851=7251=21

उदाहरण 6 : जोडिए :

(i) 5m(3m) एवं 6m213m

(ii) 4y(3y2+5y7) एवं 2(y34y2+5)

हल :

(i) प्रथम व्यंजक 5m(3m)=(5m×3)(5m×m)=15m5m2

अब द्वितीय व्यंजक जोड़ने पर 15m5m2+6m213m=m2+2m

(ii) प्रथम व्यंजक =4y(3y2+5y7)=(4y×3y2)+(4y×5y)+(4y×(7))

=12y3+20y228y

 द्वितीय व्यंजक =2(y34y2+5)=2y3+2×(4y2)+2×5=2y38y2+10दोनों व्यंजकों को जोड़ने पर12y3+20y228y+2y38y2+1014y3+12y228y+10

उदाहरण 7: 2pq(p+q) में से 3pq(pq) को घटाइए।

हल : हम प्राप्त करते हैं 3pq(pq)=3p2q3pq2 और

2pq(p+q)=2p2q+2pq2

घटाने पर

2p2q+2pq23p2q3pq2+p2q+5pq2

प्रश्नावली 8.3

1. निम्नलिखित युग्मों में प्रत्येक के व्यंजकों का गुणन कीजिए :

(i) 4p,q+r

(ii) ab,ab

(iii) a+b,7a2b2

(iv) a29,4a

(v) pq+qr+rp,0

2. सारणी पूरा कीजिए :

प्रथम व्यंजक द्वितीय व्यंजक गुणनफल
(i) a b+c+d -
(ii) x+y5 5xy -
(iii) p 6p27p+5 -
(iv) 4p2q2 p2q2 -
(v) a+b+c abc -

3. गुणनफल ज्ञात कीजिए :

(i) (a2)×(2a22)×(4a26)

(ii) (23xy)×(910x2y2)

(iii) (103pq3)×(65p3q)

(iv) x×x2×x3×x4

4. (a) 3x(4x5)+3 को सरल कीजिए और (i) x=3 एवं (ii) x=12 के लिए इसका मान ज्ञात कीजिए।

(b) a(a2+a+1)+5 को सरल कीजिए और (i) a=0, (ii) a=1 एवं (iii) a=1 के लिए इसका मान ज्ञात कीजिए।

5. (a) p(pq),q(qr) एवं r(rp) को जोड़िए।

(b) 2x(zxy) एवं 2y(zyx) को जोड़िए।

(c) 4l(10n3m+2l) में से 3l(l4m+5n) को घटाइए।

(d) 4c(a+b+c) में से 3a(a+b+c)2b(ab+c) को घटाइए।

8.5 बहुपद को बहुपद से गुणा करना

8.5.1 द्विपद को द्विपद से गुणा करना

आइए, एक द्विपद (2a+3b) को दूसरे द्विपद (3a+4b) से गुणा करते हैं। जैसा कि हमने पहले किया है, वैसे ही गुणन के वितरण नियम का अनुसरण करते हुए हम इसे भी क्रम से करते हैं;

ध्यान दीजिए एक द्विपद् का प्रत्येक पद दूसरे द्विपद के प्रत्येक पद् से गुणा होता है।

(3a+4b)×(2a+3b)=3a×(2a+3b)+4b×(2a+3b)=(3a×2a)+(3a×3b)+(4b×2a)+(4b×3b)=6a2+9ab+8ba+12b2=6a2+17ab+12b2( क्योंकि ba=ab है। )

जब हम एक द्विपद का एक द्विपद के साथ गुणन करते हैं, तो हम आशा करते हैं कि 2×2=4 पद उपस्थित होने चाहिए परंतु इनमें से दो पद समान हैं जिनको एक साथ इकट्ठा कर दिया है और इस प्रकार हमें 3 पद प्राप्त होते हैं।

बहुपद को बहुपद से गुणा करते समय हमें समान पदों को ढूँढ़ लेना चाहिए और उन्हें मिला लेना चाहिए।

उदाहरण 8 : गुणा कीजिए :

(i) (x4) एवं (2x+3) को

(ii) (xy) एवं (3x+5y) को

हल :

(i) (x4)×(2x+3)=x×(2x+3)4×(2x+3) (समान पदों को जोड़ने पर)

=(x×2x)+(x×3)(4×2x)(4×3)=2x2+3x8x12

=2x25x12 (समान पदों को जोड़ने पर) 

(ii) (xy)×(3x+5y)=x×(3x+5y)y×(3x+5y)=(x×3x)+(x×5y)(y×3x)(y×5y)=3x2+5xy3yx5y2=3x2+2xy5y2

उदाहरण 9 : गुणा कीजिए :

(i) (a+7) और (b5) को

(ii) (a2+2b2) और (5a3b) को

हल :

(a+7)×(b5)=a×(b5)+7×(b5)=ab5a+7b35

नोट कीजिए कि इस गुणन में कोई भी समान पद नहीं हैं।

(ii) (a2+2 b2)×(5a3b)=a2(5a3b)+2b2×(5a3b)=5a33a2b+10ab26b3

8.5.2 द्विपद को त्रिपद से गुणा करना

इस गुणन में हमें त्रिपद के प्रत्येक पद को द्विपद के प्रत्येक पद से गुणा करना पड़ेगा। इस प्रकार हमें 3×2=6 पद प्राप्त होंगे, यदि एक पद को एक पद से गुणा करने पर समान पद बनते हैं, तो प्राप्त पदों की संख्या घटकर पाँच या उससे भी कम हो सकती है।

(a+7)द्विपद ×(a2+3a+5)त्रिपद =a×(a2+3a+5)+7×(a2+3a+5) वितरण नियम के उपयोग से =a3+3a2+5a+7a2+21a+35=a3+(3a2+7a2)+(5a+21a)+35=a3+10a2+26a+35( अंतिम परिणाम में केवल 4 पद ही क्यों हैं?)

उदाहरण 10 : सरल कीजिए : (a+b)(2a3b+c)(2a3b)c

हल : हम प्राप्त करते हैं :

(a+b)(2a3b+c)=a(2a3b+c)+b(2a3b+c)=2a23ab+ac+2ab3b2+bc=2a2ab3b2+bc+ac

(ध्यान दीजिए 3ab एवं 2ab समान पद हैं।)

और (2a3b)c=2ac3bc है। 

इसलिए,

(a+b)(2a3b+c)(2a3b)c=2a2ab3b2+bc+ac(2ac3bc)

=2a2ab3b2+bc+ac2ac+3bc=2a2ab3b2+(bc+3bc)+(ac2ac)=2a23b2ab+4bcac

प्रश्नावली 8.4

1. द्विपदों को गुणा कीजिए :

(i) (2x+5) और (4x3)

(ii) (y8) और (3y4)

(iii) (2.5l0.5m) और (2.5l+0.5m)

(iv) (a+3b) और (x+5)

(v) (2pq+3q2) और (3pq2q2)

(vi) (34a2+3b2) और 4(a223b2)

2. गुणनफल ज्ञात कीजिए :

(i) (52x)(3+x)

(ii) (x+7y)(7xy)

(iii) (a2+b)(a+b2)

(iv) (p2q2)(2p+q)

3. सरल कीजिए :

(i) (x25)(x+5)+25

(ii) (a2+5)(b3+3)+5

(iii) (t+s2)(t2s)

(iv) (a+b)(cd)+(ab)(c+d)+2(ac+bd)

(v) (x+y)(2x+y)+(x+2y)(xy)

(vi) (x+y)(x2xy+y2)

(vii) (1.5x4y)(1.5x+4y+3)4.5x+12y

(viii) (a+b+c)(a+bc)

हमने क्या चर्चा की?

1. चरों एवं अचरों की सहायता से व्यंजक बनते हैं।

2. व्यंजक बनाने के लिए पदों को जोड़ा जाता है। स्वयं पदों का निर्माण गुणनखंडों के गुणनफल के रूप में होता है।

3. व्यंजक जिनमें एक, दो तथा तीन पद होते हैं क्रमशः एकपदी, द्विपदी और त्रिपदी कहलाते हैं। सामान्यत: एक अथवा अधिक पदों वाला व्यंजक जिसमें पदों के गुणांक शून्येतर पूर्णांक हैं और चरों की घात ॠणेतर है, बहुपद कहलाता है।

4. समान चरों से समान पद बनते हैं, और इन चरों की घात भी समान होती है। समान पदों के गुणांक समान होने आवश्यक नहीं है।

5. बहुपदों को जोड़ने (अथवा घटाने) के लिए सबसे पहले समान पदों को ढूँढ़िए और उन्हें जोड़ (अथवा घटा) दीजिए, उसके पश्चात् असमान पदों को उपयोग में लीजिए।

6. बहुत सी परिस्थितियों में हमें बीजीय व्यंजकों को गुणा करने की आवश्यकता होती है। उदाहरणार्थ आयत का क्षेत्रफल ज्ञात करने के लिए, जिसकी भुजाएँ बीजीय व्यंजकों के रूप में दी हुई हैं।

7. एकपदी को एकपदी से गुणा करने पर हमेशा एकपदी प्राप्त होता है।

8. बहुपद को एकपदी से गुणा करने के लिए बहुपद का प्रत्येक पद एकपदी से गुणा किया जाता है।

9. बहुपद का द्विपद (अथवा त्रिपद) से गुणन करने के लिए हम एक पद को एक-एक पद से गुणा करते हैं, अर्थात् बहुपद का प्रत्येक पद द्विपद (अथवा त्रिपद) के प्रत्येक पद से गुणा किया जाता है। ध्यान दीजिए इस प्रकार के गुणन में, हमें गुणनफल में समान पद प्राप्त हो सकते हैं और उन्हें मिलाना पड़ सकता है।