अध्याय 07 राशियों की तुलना
7.1 अनुपात एवं प्रतिशत का स्मरण
हम जानते हैं कि अनुपात का अर्थ है दो मात्राओं की तुलना करना। एक टोकरी में दो प्रकार के फल हैं, मान लीजिए इनमें 20 सेब और 5 संतरे हैं। तो, संतरों की संख्या का सेबों की संख्या से अनुपात
संतरों की संख्या सेबों की संख्या का

संतरों की तुलना में सेबों की संख्या
25 फलों में 5 संतरे हैं।
इसलिए संतरों का प्रतिशत
है। (हर को 100 बनाया गया है)
अथवा
ऐकिक विधि से :
25 फलों में संतरों की संख्या 5 है, इसलिए, 100 फलों में संतरों की संख्या
क्योंकि
में केवल सेब और संतरे हैं,
इसलिए, सेबों का प्रतिशत + संतरों का प्रतिशत
अथवा सेबों का प्रतिशत
अथवा सेबों का प्रतिशत
अत: टोकरी में
उदाहरण 1 : किसी विद्यालय में कक्षा VII के लिए पिकनिक की योजना बनाई जा रही है। विद्यार्थियों की कुल संख्या का
क्या आप बता सकते हैं :
1. कक्षा में लड़कियों की संख्या का लड़कों की संख्या से अनुपात?
2. यदि दो अध्यापक भी कक्षा के साथ पिकनिक पर जा रहे हैं तो प्रति व्यक्ति खर्च?
3. यदि उनका पहला स्टॉप विद्यालय से
हल :
1. लड़कियों की संख्या का लड़कों की संख्या से अनुपात ज्ञात करने के लिए, आशिमा और जॉन ने निम्नलिखित विधियाँ प्रयोग कीं। उन्हें लड़कों की संख्या और कुल विद्यार्थियों की संख्या जानने की आवश्यकता थी।
आशिमा ने निम्नलिखित विधि का उपयोग किया :
मान लीजिए कुल विद्यार्थियों की संख्या
है, जिसमें लड़कियाँ हैं। इसलिए
का या
अर्थात्
विद्यार्थियों की कुल संख्या
जॉन ने ऐकिक विधि का उपयोग किया :
100 विद्यार्थियों में से 60 लड़कियाँ हैं।
इसलिए
विद्यार्थियों में एक लड़की है। इसलिए कितने विद्यार्थियों में 18 लड़कियाँ होंगी?
विद्यार्थियों की संख्या
इसलिए, लड़कों की संख्या
2. प्रति व्यक्ति खर्च ज्ञात करने के लिए :
यातायात खर्च
कुल खर्च
कुल व्यक्ति
आशिमा और जॉन ने प्रति व्यक्ति खर्च ज्ञात करने के लिए ऐकिक विधि का उपयोग किया।
32 व्यक्तियों के लिए खर्च किए जाने वाली राशि ₹ 5600 होगी।
इसलिए 1 व्यक्ति के लिए खर्च की जाने वाली राशि
3. प्रथम स्टॉप की दूरी
दूरी का प्रतिशत ज्ञात करने के लिए :
आशिमा ने यह विधि उपयोग की :
(वह अनुपात को
से गुणा कर रही है और प्रतिशत में बदल रही है)
जॉन ने ऐकिक विधि उपयोग की :
में से दूरी तय की जा चुकी है।
में से दूरी तय की गई है।
में से दूरी तय की गई है। अर्थात्
दूरी तय की गई है।
दोनों का उत्तर एक जैसा पाया गया और उनका उत्तर इस प्रकार है :
रुकने वाले स्थान की विद्यालय से दूरी कुल तय की जाने वाली दूरी का
प्रयास कीजिए
एक प्राथमिक विद्यालय में अभिभावकों से पूछा गया कि वे अपने बच्चों के गृहकार्य में सहायता करने के लिए प्रतिदिन कितने घंटे व्यतीत करते हैं। 90 अभिभावकों ने
घंटे से घंटे तक सहायता की। जितने समय के लिए अभिभावकों ने अपने बच्चों की सहायता करना बताया उसके अनुसार अभिभावकों का वितरण संलग्न आकृति में दिखाया गया है जो इस प्रकार है : ने प्रतिदिन घंटे से अधिक सहायता की, ने घंटे से घंटे तक सहायता की, ने बिल्कुल सहायता नहीं की। इसके आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (i) कितने अभिभावकों का सर्वे किया गया?
(ii) कितने अभिभावकों ने कहा कि उन्होंने सहायता नहीं की?
(iii) कितने अभिभावकों ने कहा कि उन्होंने
घंटे से अधिक सहायता की? ![]()
प्रश्नावली 7.1
1. निम्नलिखित का अनुपात ज्ञात कीजिए :
(a) एक साइकिल की
2. निम्नलिखित अनुपातों को प्रतिशत में परिवर्तित कीजिए :
(a)
(b)
3. 25 विद्यार्थियों में से
4. एक फुटबॉल टीम ने कुल जितने मैच खेले उनमें से 10 में जीत हासिल की। यदि उनकी जीत का प्रतिशत 40 था तो उस टीम ने कुल कितने मैच खेले?
5. यदि चमेली के पास अपने धन का
6. यदि किसी शहर में
7.2 बट्टा ज्ञात करना
किसी वस्तु के अंकित मूल्य में दी जाने वाली छूट को बट्टा कहते हैं। यह सामान्यतः ग्राहकों को खरीदारी के लिए आकर्षित करने के लिए अथवा सामान की बिक्री में वृद्धि करने के लिए दिया जाता है। आप अंकित मूल्य में से विक्रय मूल्य को घटाकर बट्टा ज्ञात कर सकते हैं। इसलिए, बट्टा = अंकित मूल्य - विक्रय मूल्य

उदाहरण 2 : ₹ 840 अंकित मूल्य वाली एक वस्तु ₹ 714 में बेची जाती है। बट्टा और बट्टा प्रतिशत कितना है?
हल : बट्टा
क्योंकि बट्टा अंकित मूल्य पर है इसलिए हमें अंकित मूल्य को आधार मानना पड़ेगा।
₹ 840 अंकित मूल्य पर ₹ 126 बट्टा है,
तो ₹ 100 अंकित मूल्य पर कितना बट्टा होगा?
बट्टा
यदि बट्टा प्रतिशत दिया हुआ है तो आप बट्टा भी ज्ञात कर सकते हैं।
उदाहरण 3: एक फ्रॉक का सूची मूल्य ₹ 220 है। सेल में
ऐकिक विधि से ₹ 1 पर ₹
₹ 220 पर बट्टा
विक्रय मूल्य

जब अंकित मूल्य ₹ 100 है तो विक्रय मूल्य
जब अंकित मूल्य ₹ 1 है तो विक्रय मूल्य
यद्यपि बट्टा ज्ञात किए बिना भी मैं सीधे विक्रय मूल्य ज्ञात कर सकती हूँ।
अतः जब अंकित मूल्य ₹ 220 है तो विक्रय मूल्य
प्रयास कीजिए
1. एक दुकान
बट्टा देती है। निम्नलिखित में से प्रत्येक का विक्रय मूल्य क्या होगा? (a) ₹ 120 अंकित मूल्य वाली एक पोशाक।
(b) ₹ 750 अंकित मूल्य वाले एक जोड़ी जूते।
(c) ₹ 250 अंकित मूल्य वाला एक थैला।
2. ₹ 15000 अंकित मूल्य वाली एक मेज ₹ 14,400 में उपलब्ध है। बट्टा और बट्टा प्रतिशत ज्ञात कीजिए।
3. एक अलमारी
बट्टे पर ₹ 5225 में बेची जाती है। अलमारी का अंकित मूल्य ज्ञात कीजिए।
7.2.1 प्रतिशत में आकलन
एक दुकान पर आपका बिल ₹ 577.80 है और दुकानदार
(i) बिल को ₹ 577.80 की निकटतम दहाई में पूर्णांकित कीजिए अर्थात् ₹ 580।
(ii) इसका
(iii) इसका आधा लीजिए, अर्थात्,
(iv) (ii) और (iii) की राशियों को जोड़िए। जोड़ने पर ₹ 87 प्राप्त होते हैं।
इसलिए आप अपने बिल की राशि को ₹ 87 अथवा ₹ 85 कम कर सकते हैं। इस प्रकार बिल की राशि का सन्निकट मान ₹ 495 होगा।
1. इसी बिल राशि का
2. ₹ 375 का
7.3 बिक्री कर / Value Added Tax ( वैट ) / माल और सेवा कर (Goods and Services Tax)
अध्यापक ने कक्षा में एक बिल दिखाया जिसमें निम्नलिखित शीर्षक लिखे हुए थे :
बिल संख्या | दिनांक | |||||
---|---|---|---|---|---|---|
मेनू | ||||||
क्र. सं. | वस्तु | मात्रा | दर | राशि | ||
बिल राशि + बिक्री कर (5%) |
||||||
कुल योग |
किसी वस्तु की बिक्री पर बिक्री कर Sales Tax या ST सरकार द्वारा वसूला जाता है। यह दुकानदार द्वारा ग्राहक से लिया जाता है और सरकार को दिया जाता है। इसलिए यह हमेशा वस्तु के विक्रय मूल्य पर लगता है और बिल की राशि में जोड़ दिया जाता है। एक अन्य प्रकार का कर है जो वस्तु के मूल्य में (Value Added Tax) वैल्यू एडेड कर (VAT) के नाम से जुड़ता है।
1 जुलाई 2017 से, भारत सरकार ने जी.एस.टी. (GST) लागू किया है, जो माल और सेवा कर का संक्षिप्त रूप है। यह कर माल की आपूर्ति या सेवा या दोनों पर लगाया जाता है।
उदाहरण 4 : (बिक्री कर ज्ञात करना) किसी दुकान पर एक जोड़ी रोलर स्केट्स (पहियों पर घूमने वाला जूता) का मूल्य ₹ 450 था। वसूले गए बिक्री कर की दर
हल : ₹ 100 पर भुगतान किया गया कर ₹ 5 था।
बिल की देय राशि
उदाहरण 5 : वैट ( Value Added Tax (VAT) ) वहीदा ने एक कूलर
हल : मूल्य में वैट भी शामिल है।
अत:
अब यदि वैट सहित मूल्य ₹ 110 है तो वास्तविक मूल्य ₹ 100 है।
अत: जब कर सहित मूल्य ₹ 3300 है तो वास्तविक मूल्य
उदाहरण 6 : सलीम ने एक वस्तु ₹ 784 में खरीदी जिसमें
हल : मान लीजिए कि वस्तु का प्रारंभिक मूल्य ₹ 100 है। जी.एस.टी.
सोचिए, चर्चा कीजिए और लिखिए
1. किसी संख्या को दुगुना करने पर उस संख्या में
वृद्धि होती है। यदि हम उस संख्या को आधा कर दें तो कितना प्रतिशत ह्रास होगा? 2. ₹ 2400 की तुलना में ₹ 2000 कितना प्रतिशत कम है? क्या यह प्रतिशत उतना ही है, जितना ₹ 2000 की तुलना में ₹ 2400 अधिक है?
प्रश्नावली 7.2
1. सेल के दौरान एक दुकान सभी वस्तुओं के अंकित मूल्य पर
2. एक टेलीविज़न का मूल्य ₹ 13,000 है। इस पर
3. अरुण एक जोड़ी स्केट्स (पहियेदार जूते) किसी सेल से खरीदकर लाया जिस पर दिए गए बट्टे की दर
4. मैंने एक हेयर ड्रायर
5. कोई वस्तु
7.4 चक्रवृद्धि ब्याज
शायद आपको इस प्रकार के कथन मिले होंगे ‘बैंक में FD (सावधि जमा) पर एक वर्ष का ब्याज
बैंक अथवा डाकघर जैसी संस्थाओं के पास जमा किए गए धन पर इन संस्थाओं द्वारा भुगतान किया गया अतिरिक्त धन ब्याज कहलाता है। जब व्यक्ति धन उधार लेते हैं तो उनके द्वारा भी ब्याज का भुगतान किया जाता है। हम साधारण ब्याज का परिकलन करना पहले से ही जानते हैं।
उदाहरण 7: ₹ 10,000 की राशि
हल : ₹ 100 पर 1 वर्ष के लिए देय ब्याज ₹ 15 है।
इसलिए 10,000 का 1 वर्ष का ब्याज
2 वर्ष के अंत में भुगतान की जाने वाली राशि
प्रयास कीजिए
वार्षिक दर से ₹ 15000 का 2 वर्ष के अंत में ब्याज और भुगतान की जाने वाली कुल राशि ज्ञात कीजिए।
मेरे पिताजी ने कुछ धन 3 वर्ष के लिए डाकघर में जमा करा रखा है। प्रत्येक वर्ष धन की वृद्धि पिछले वर्ष की तुलना में अधिक होती है।
हमारे पास बैंक में कुछ धन है। प्रतिवर्ष कुछ ब्याज इस धन में जुड़ जाता है जिसे पासबुक में दर्शाया जाता है। जुड़ने वाला यह ब्याज हर वर्ष एक समान नहीं है, प्रत्येक वर्ष इसमें वृद्धि होती है।
सामान्यतः लिया जाने वाला अथवा भुगतान किए जाने वाला ब्याज कभी साधारण नहीं होता है। ब्याज का परिकलन पिछले वर्ष की राशि पर किया जाता है। इसे ब्याज का संयोजन अथवा चक्रवृद्धि ब्याज (C.I.) कहा जाता है।
आइए, हम एक उदाहरण पर चर्चा करते हैं और प्रत्येक वर्ष का अलग-अलग ब्याज ज्ञात करते हैं। प्रत्येक वर्ष हमारी जमा राशि अथवा मूलधन परिवर्तित होता है।
चक्रवृद्धि ब्याज का परिकलन
असलम ने अध्यापक से पूछा कि क्या इसका अर्थ यह है कि उन्हें प्रत्येक वर्ष का ब्याज अलग-अलग ज्ञात करना चाहिए। अध्यापक ने कहा ‘हाँ’ और उसे निम्नलिखित चरणों का उपयोग करने के लिए सुझाव दिया :
1. एक वर्ष का साधारण ब्याज ज्ञात कीजिए मान लीजिए प्रथम वर्ष का मूलधन
2. तत्पश्चात् भुगतान की जाने वाली अथवा प्राप्त की जाने वाली राशि ज्ञात कीजिए। यह दूसरे वर्ष के लिए मूलधन बन जाता है।
3. इस राशि पर दूसरे वर्ष का ब्याज ज्ञात कीजिए।
4. दूसरे वर्ष के अंत में भुगतान की जाने वाली अथवा प्राप्त की जाने वाली राशि ज्ञात कीजिए।
दूसरे वर्ष के अंत में राशि
कुल देय ब्याज
रीता ने पूछा कि क्या ब्याज की राशि साधारण ब्याज के लिए भिन्न होगी। अध्यापक ने उसे 2 वर्ष का साधारण ब्याज निकालने के लिए और स्वयं अंतर महसूस करने के लिए सुझाव दिया।
रीता ने कहा कि चक्रवृद्धि ब्याज के कारण हिना को ₹ 128 का अधिक भुगतान करना पड़ेगा।
आइए, अब हम साधारण ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज में अंतर देखते हैं। ₹ 100 से शुरू करते हैं।
चार्ट को पूरा करने का प्रयास कीजिए :

इसका अर्थ यह हुआ कि आप उस समय तक जमा ब्याज पर ब्याज देते
ध्यान दीजिए कि 3 वर्ष में,
साधारण ब्याज से प्राप्त ब्याज
चक्रवृद्धि ब्याज से प्राप्त ब्याज
यह भी ध्यान दीजिए कि साधारण ब्याज के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष मूलधन समान रहता है जबकि चक्रवृद्धि ब्याज के अंतर्गत यह प्रत्येक वर्ष के बाद बदलता जाता है।
7.5 चक्रवृद्धि ब्याज के लिए सूत्र का निगमन करना
जुबेदा ने अपने अध्यापक से पूछा, ‘क्या चक्रवृद्धि ब्याज ज्ञात करने की कोई सरल विधि है?’ अध्यापक ने कहा, ‘चक्रवृद्धि ब्याज ज्ञात करने की एक संक्षिप्त विधि है। आइए, इसे ज्ञात करने का प्रयास करते हैं।’
मान लीजिए
अथवा
इसलिए,
इसी प्रकार आगे बढ़ते हुए
अथवा हम कह सकते हैं कि
जुबेदा ने कहा लेकिन इसका उपयोग करते हुए हम केवल
चक्रवृद्धि ब्याज = कुल राशि - मूलधन
अर्थात्
उदाहरण 8 : ₹ 12,600 का 2 वर्ष के लिए
हल : हमें प्राप्त है,
यहाँ मूलधन
वर्षों की संख्या
चक्रवृद्धि ब्याज
प्रयास कीजिए
1. ₹ 8000 का 2 वर्ष के लिए
वार्षिक दर से चक्रवृद्धि ब्याज ज्ञात कीजिए यदि ब्याज वार्षिक संयोजित होता है।
7.6 चक्रवृद्धि ब्याज के सूत्र के अनुप्रयोग
कुछ ऐसी स्थितियाँ हैं जहाँ पर हम चक्रवृद्धि ब्याज के कुल राशि ज्ञात करने के सूत्र का उपयोग कर सकते हैं। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं :
(i) जनसंख्या में वृद्धि (अथवा ह्रास)
(ii) यदि बैक्टीरिया वृद्धि की दर ज्ञात है तो उनकी कुल वृद्धि ज्ञात करना।
(iii) किसी वस्तु का मान ज्ञात करना यदि मध्यवर्ती वर्षों में इसके मूल्य में वृद्धि अथवा कमी होती है।
उदाहरण 9: वर्ष 1997 के अंत में किसी शहर की जनसंख्या 20,000 थी। इसमें
हल : प्रत्येक वर्ष जनसंख्या में

1998 के शुरू में जनसंख्या
इसे दूसरे वर्ष के लिए मूलधन मान लीजिए।
इसे तीसरे वर्ष के लिए मूलधन समझ लीजिए।
वर्ष 2000 के अंत में जनसंख्या
अथवा सूत्र की सहायता से वर्ष 2000 के अंत में जनसंख्या
इसलिए, लगभग जनसंख्या
अरुणा ने पूछा, यदि जनसंख्या में कमी होती है तो क्या करना है। तब अध्यापक ने निम्नलिखित उदाहरण की चर्चा की।
उदाहरण 10 : एक T.V. ₹ 21,000 में खरीदा गया। एक वर्ष पश्चात् T.V. के मूल्य में
हल :
एक वर्ष के अंत में T.V. का मूल्य = ₹
विकल्पतः, हम इसे निम्नलिखित विधि से सीधे प्राप्त कर सकते हैं
प्रयास कीजिए
1. ₹ 10,500 मूल्य की एक मशीन का
की दर से अवमूल्यन होता है। एक वर्ष पश्चात् इसका मूल्य ज्ञात कीजिए। 2. एक शहर की वर्तमान जनसंख्या 12 लाख है यदि वृद्धि की दर
है तो 2 वर्ष पश्चात् शहर की जनसंख्या ज्ञात कीजिए।
प्रश्नावली 7.3
1.
(i) वर्ष 2001 में जनसंख्या
(ii) वर्ष 2005 में कितनी जनसंख्या होगी?
2. एक प्रयोगशाला में, किसी निश्चित प्रयोग में बैक्टीरिया की संख्या
3. एक स्कूटर ₹ 42,000 में खरीदा गया।
हमने क्या चर्चा की?
1. अंकित मूल्य पर दी गई छूट बट्टा कहलाती है।
बट्टा
2. यदि बट्टा प्रतिशत दिया हुआ है तो बट्टे का परिकलन किया जा सकता है। बट्टा
3. किसी वस्तु को खरीदने के बाद उस पर किए गए अतिरिक्त खर्चे क्रय मूल्य में शामिल कर लिए जाते हैं और
ये खर्चे ऊपरी खर्चे कहलाते हैं। क्रय मूल्य
4. किसी वस्तु को बेचने पर सरकार द्वारा बिक्री कर लिया जाता है और इसे बिल की राशि में जोड़ दिया जाता
है। बिक्री कर
5. जी.एस.टी. माल और सेवा कर का संक्षिप्त रूप है। यह कर माल की आपूर्ति या सेवा या दोनों पर लगाया जाता है।
6. पिछले वर्ष की कुल राशि