अध्याय 01 परिमेय संख्याएँ

1.1 भूमिका

गणित में हमें प्राय: साधारण समीकरण दिखाई देते हैं। उदाहरणार्थ समीकरण

$$ \begin{equation*} x+2=13 \tag{1} \end{equation*} $$

को $x=11$ के लिए हल किया जाता है क्योंकि $x$ का यह मान इस समीकरण को संतुष्ट करता है। हल 11 , एक प्राकृत संख्या है। दूसरी तरफ समीकरण

$$ \begin{equation*} x+5=5 \tag{2} \end{equation*} $$

का हल शून्य है जो एक पूर्ण संख्या है। यदि हम केवल प्राकृत संख्याओं तक सीमित रहें तो समीकरण (2) को हल नहीं किया जा सकता। समीकरण (2) जैसे समीकरणों को हल करने के लिए हमने प्राकृत संख्याओं के समूह में शून्य को शामिल किया और इस नए समूह को पूर्ण संख्याओं का नाम दिया। यद्यपि

$$ \begin{equation*} x+18=5 \tag{3} \end{equation*} $$

जैसे समीकरणों को हल करने के लिए पूर्ण संख्याएँ भी पर्याप्त नहीं हैं। क्या आप जानते हैं ‘क्यों’? हमें संख्या -13 की आवश्यकता है जो कि पूर्ण संख्या नहीं है। इसने हमें पूर्णांकों ( धनात्मक एवं ॠणात्मक) के बारे में सोचने के लिए प्रेरित किया। ध्यान दीजिए धनात्मक पूर्णांक प्राकृत संख्याओं के अनुरूप हैं। आप सोच सकते हैं कि सभी साधारण समीकरणों को हल करने के लिए हमारे पास उपलब्ध पूर्णांकों की सूची में पर्याप्त संख्याएँ हैं। निम्नलिखित समीकरणों के बारे में विचार करते हैं :

$$ \begin{equation*} 2 x=3 \tag{4} \end{equation*} $$

$$ \begin{equation*} 5 x+7=0 \tag{5} \end{equation*} $$

इनका हल हम पूर्णांकों में ज्ञात नहीं कर सकते (इसकी जाँच कीजिए)।

समीकरण (4) को हल करने के लिए संख्या

$\frac{3}{2}$ और समीकरण (5) को हल करने के लिए संख्या $\frac{-7}{5}$ की आवश्यकता है। इससे हम परिमेय संख्याओं के समूह की तरफ अग्रसर होते हैं।हम पहले ही परिमेय संख्याओं पर मूल संक्रियाएँ पढ़ चुके हैं। अभी तक हमने जितनी भी विभिन्न प्रकार की संख्याएँ पढ़ी हैं उनकी संक्रियाओं के कुछ गुणधर्म खोजने का अब हम प्रयत्न करते हैं।

1.2 परिमेय संख्याओं के गुणधर्म

1.2.1 संवृत

(i) पूर्ण संख्याएँ

आइए, एक बार पुनः संक्षेप में पूर्णसंख्याओं के लिए सभी संक्रियाओं पर संवृत गुणधर्म की चर्चा करते हैं।

$V$ संक्रिया संख्याएँ टिप्पणी
योग $0+5=5$, एक पूर्णसंख्या है।
$4+7=\ldots$ क्या यह एक पूर्ण
संख्या है? व्यापक रूप से किन्हीं
दो पूर्ण संख्याओं $a$ तथा $b$ के
लिए $a+b$ एक पूर्ण संख्या है।
पूर्ण संख्याएँ योग के अंतर्गत
संवृत हैं।
व्यवकलन $5-7=-2$, जो कि एक पूर्ण
संख्या नहीं है।
पूर्ण संख्याएँ व्यवकलन के
अंतर्गत संवृत नहीं हैं।
गुणन $0 \times 3=0$, एक पूर्ण संख्या है।
$3 \times 7=\ldots$ क्या यह एक पूर्ण
संख्या है? व्यापक रूप से यदि $a$ तथा $b$
कोई भी दो पूर्ण संख्याएँ हैं तो उनका
गुणनफल $a b$ एक पूर्ण संख्या है।
पूर्ण संख्याएँ गुणन के अंतर्गत
संवृत हैं।
भाग $5 \div 8=\frac{5}{8}$, यह एक पूर्ण संख्या
नहीं है।
पूर्ण संख्याएँ भाग के अंतर्गत
संवृत नहीं हैं।

प्राकृत संख्याओं के लिए सभी चार संक्रियाओं के अंतर्गत संवृत गुण की जाँच कीजिए।

(ii) पूर्णांक

आइए, अब हम उन संक्रियाओं का स्मरण करते हैं जिनके अंतर्गत पूर्णांक संवृत हैं।

संक्रिया संख्याएँ टिप्पणी
योग $-6+5=-1$, एक पूर्णांक है
क्या $-7+(-5)$ एक पूर्णांक है ?
क्या $8+5$ एक पूर्णांक है ?

व्यापक रूप से किन्हीं दो पूर्णांकों
$a$ तथा $b$ के लिए $a+b$ एक पूर्णांक है।
पूर्णांक योग के अंतर्गत संवृत हैं
व्यवकलन $7-5=2$, एक पूर्णांक है।
क्या $5-7$ एक पूर्णांक है ?
$-6-8=-14$, एक पूर्णांक है।
$-6-(-8)=2$, एक पूर्णांक है
क्या $8-(-6)$ एक पूर्णांक है ?
व्यापक रूप से किन्हीं दो पूर्णांकों
$a$ तथा $b$ के लिए $a-b$ भी एक
पूर्णांक है। जाँच कीजिए कि क्या
$b-a$ भी एक पूर्णांक है।
पूर्णांक व्यवकलन के
अंतर्गत संवृत हैं।
गुणन $5 \times 8=40$, एक पूर्णांक है।
क्या $-5 \times 8$ एक पूर्णांक है?
$-5 \times(-8)=40$, एक पूर्णांक है।
व्यापक रूप से किन्हीं दो पूर्णांकों
$a$ तथा $b$ के लिए $a \times b$ भी एक
पूर्णांक है।
पूर्णांक गुणन के अंतर्गत
संवृत हैं।
भाग $5 \div 8=\frac{5}{8}$, यह एक पूर्णांक
नहीं हैं।
पूर्णांक भाग के अंतर्गत
संवृत नहीं हैं।

आपने देखा कि पूर्ण संख्याएँ योग और गुणन के अंतर्गत संवृत हैं परंतु भाग और व्यवकलन के अंतर्गत संवृत नहीं हैं। तथापि पूर्णांक योग, व्यवकलन एवं गुणन के अंतर्गत संवृत हैं लेकिन भाग के अंतर्गत संवृत नहीं हैं।

(iii) परिमेय संख्याएँ

स्मरण कीजिए कि ऐसी संख्या परिमेय संख्या कहलाती है जिसे $\frac{p}{q}$ के रूप में लिखा जा सकता हो, जहाँ $p$ और $q$ पूर्णांक हैं तथा $q \neq 0$ है। उदाहरणार्थ $-\frac{2}{3}, \frac{6}{7}, \frac{9}{-5}$ परिमेय संख्याएँ हैं। क्योंकि संख्याएँ $0,-2,4, \frac{p}{q}$, के रूप में लिखी जा सकती हैं इसलिए ये भी परिमेय संख्याएँ हैं। (इसकी जाँच कीजिए।)

(a) आप जानते हैं कि परिमेय संख्याओं को कैसे जोड़ा जाता है। आइए कुछ युग्मों का योग ज्ञात करते हैं

$\frac{3}{8}+\frac{(-5)}{7}=\frac{21+(-40)}{56}=\frac{-19}{56} $ $\qquad$ (एक परिमेय संख्या)

$\frac{-3}{8}+\frac{(-4)}{5}=\frac{-15+(-32)}{40}=\ldots \text { (क्या यह एक परिमेय संख्या है?) } $

$\frac{4}{7}+\frac{6}{11}=\ldots$ $\qquad$ (क्या यह एक परिमेय संख्या है?)

हम देखते हैं कि दो परिमेय संख्याओं का योग भी एक परिमेय संख्या है। कुछ और परिमेय संख्याओं के युग्मों के लिए इसकी जाँच कीजिए। इस प्रकार हम कहते हैं कि परिमेय संख्याएँ योग के अंतर्गत संवृत हैं। अर्थात् किन्हीं दो परिमेय संख्याओं $a$ तथा $b$ के लिए $a+b$ भी एक परिमेय संख्या है।

(b) क्या दो परिमेय संख्याओं का अंतर भी एक परिमेय संख्या होगा?

हम प्राप्त करते हैं, $\frac{-5}{7}-\frac{2}{3}=\frac{-5 \times 3-2 \times 7}{21}=\frac{-29}{21}$ (एक परिमेय संख्या है?)

$\frac{5}{8}-\frac{4}{5}=\frac{25-32}{40}=\ldots \text { (क्या यह एक परिमेय संख्या है?) }$

$\frac{3}{7}-\left(\frac{-8}{5}\right)=\ldots \quad \text { (क्या यह एक परिमेय संख्या है?) }$

परिमेय संख्याओं के कुछ और युग्मों के लिए इसकी जाँच कीजिए। इस प्रकार हम पाते हैं कि परिमेय संख्याएँ व्यवकलन के अंतर्गत संवृत हैं। अर्थात् किन्हीं दो परिमेय संख्याओं $a$ तथा $b$ के लिए $a-b$ भी एक परिमेय संख्या है।

(c) आइए, अब हम दो परिमेय संख्याओं के गुणनफल की चर्चा करते हैं।

$\frac{-2}{3} \times \frac{4}{5} =\frac{-8}{15} ; \frac{3}{7} \times \frac{2}{5}=\frac{6}{35} $ $\qquad$ (दोनों गुणनफल परिमेय संख्याएँ हैं)

$-\frac{4}{5} \times \frac{-6}{11} =\ldots \text { (क्या यह एक परिमेय संख्या है?) }$

परिमेय संख्याओं के कुछ और युग्म लीजिए और जाँच कीजिए कि उनका गुणनफल भी एक परिमेय संख्या है। अतः हम कह सकते हैं कि परिमेय संख्याएँ गुणन के अंतर्गत संवृत हैं। अर्थात् किन्हीं दो परिमेय संख्याओं $a$ तथा $b$ के लिए $a \times b$ भी एक परिमेय संख्या है।

(d) हम नोट करते हैं कि $\frac{-5}{3} \div \frac{2}{5}=\frac{-25}{6}$ $\qquad$ (एक परिमेय संख्या है)

$\frac{2}{7} \div \frac{5}{3}=\ldots \text { (क्या यह एक परिमेय संख्या है?) }$

$\frac{-3}{8} \div \frac{-2}{9}=\ldots \text { (क्या यह एक परिमेय संख्या है?) }$

क्या आप कह सकते हैं कि परिमेय संख्याएँ भाग के अंतर्गत संवृत हैं? हम जानते हैं कि किसी भी परिमेय संख्या $a$ के लिए $a \div 0$ परिभाषित नहीं है। अतः परिमेय संख्याएँ भाग के अंतर्गत संवृत नहीं हैं। तथापि, यदि हम शून्य को शामिल नहीं करें तो दूसरी सभी परिमेय संख्याओं का समूह, भाग के अंतर्गत संवृत है।

प्रयास कीजिए

निम्नलिखित सारणी में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :

संख्याएँ अंतर्गत संवृत हैं
योग के व्यवकलन के गुणन के भाग के
परिमेय संख्याएँ हाँ हाँ $\ldots$ नहीं
पूर्णांक $\ldots$ हाँ $\ldots$ नहीं
पूर्ण संख्याएँ $\ldots$ $\ldots$ हाँ $\ldots$
प्राकृत संख्याएँ $\ldots$ नहीं $\ldots$ $\ldots$

1.2.2 क्रमविनिमेयता

(i) पूर्ण संख्याएँ

निम्नलिखित सारणी के रिक्त स्थानों को भरते हुए विभिन्न संक्रियाओं के अंतर्गत पूर्ण संख्याओं की क्रमविनिमेयता का स्मरण कीजिए :

संक्रिया संख्याएँ टिप्पणी
योग $0+7=7+0=7$
$2+3=\ldots+\ldots=\ldots$
किन्हीं दो पूर्ण संख्याओं
$a$ तथा $b$ के लिए
$a+b=b+a$
योग क्रमविनिमेय है।
व्यवकलन ( घटाना) ……… व्यवकलन क्रमविनिमेय नहीं है।
गुणन ……… गुणन क्रमविनिमेय है।
भाग …….. भाग क्रमविनिमेय नहीं है

जाँच कीजिए कि क्या प्राकृत संख्याओं के लिए भी ये संक्रियाएँ क्रम विनिमेय हैं।

(ii) पूर्णांक

निम्नलिखित सारणी के रिक्त स्थानों को भरिए और पूर्णांकों के लिए विभिन्न संक्रियाओं की क्रम विनिमेयता जाँचिए :

संक्रिया संख्याएँ टिप्पणी
योग $\ldots \ldots \ldots$ योग क्रमविनिमेय है।
व्यवकलन क्या $5-(-3)=-3-5 ?$ व्यवकलन क्रमविनिमेय नहीं है।
गुणन $\ldots \ldots . . . . . . . .$. गुणन क्रमविनिमेय है।
भाग $\ldots . . . .$. भाग क्रमविनिमेय नहीं है।

(iii) परिमेय संख्याएँ

(a) योग

आप जानते हैं कि दो परिमेय संख्याओं को कैसे जोड़ा जाता है। आइए, हम यहाँ कुछ युग्मों को जोड़ते हैं।

$\frac{-2}{3}+\frac{5}{7}=\frac{1}{21} \text { और } \frac{5}{7}+\left(\frac{-2}{3}\right)=\frac{1}{21}$

इसलिए, $\quad \frac{-2}{3}+\frac{5}{7}=\frac{5}{7}+\left(\frac{-2}{3}\right)$

इसके अतिरिक्त $\frac{-6}{5}+\left(\frac{-8}{3}\right)=\ldots$ और $\frac{-8}{3}+\left(\frac{-6}{5}\right)=\ldots$

क्या

$\frac{-6}{5}+\left(\frac{-8}{3}\right)=\left(\frac{-8}{3}\right)+\left(\frac{-6}{5}\right) ?$

क्या

$\frac{-3}{8}+\frac{1}{7}=\frac{1}{7}+\left(\frac{-3}{8}\right) ?$

आप पाते हैं कि दो परिमेय संख्याओं को किसी भी क्रम में जोड़ा जा सकता है। हम कहते हैं कि परिमेय संख्याओं के लिए योग क्रम विनिमेय है। अर्थात् किन्हों दो परिमेय संख्याओं $a$ तथा $b$ के लिए $a+b=b+a$ ।

(b) व्यवकलन

क्या

$\frac{2}{3}-\frac{5}{4}=\frac{5}{4}-\frac{2}{3} \text { है ? }$

क्या

$\frac{1}{2}-\frac{3}{5}=\frac{3}{5}-\frac{1}{2} \text { है ? }$

आप पाएँगे कि परिमेय संख्याओं के लिए व्यवकलन क्रम विनिमेय नहीं है।

ध्यान दीजिए कि पूर्णांकों के लिए व्यवकलन क्रम विनिमेय नहीं है तथा पूर्णांक परिमेय संख्याएँ भी हैं। अतः व्यवकलन परिमेय संख्याओं के लिए भी क्रम विनिमेय नहीं होता है।

(c) गुणन

हम पाते हैं, $\frac{-7}{3} \times \frac{6}{5}=\frac{-42}{15}=\frac{6}{5} \times\left(\frac{-7}{3}\right)$

क्या

$\frac{-8}{9} \times\left(\frac{-4}{7}\right)=\frac{-4}{7} \times\left(\frac{-8}{9}\right) \text { है} ?$

ऐसे कुछ और गुणनफलों के लिए भी जाँच कीजिए।

आप पाएँगे कि परिमेय संख्याओं के लिए गुणन क्रम विनिमेय है। व्यापक रूप से किन्हीं दो परिमेय संख्याओं $a$ तथा $b$ के लिए $a \times b=b \times a$ होता है।

(d) भाग

क्या $\quad \quad\frac{-5}{4} \div \frac{3}{7}=\frac{3}{7} \div\left(\frac{-5}{4}\right)$ है ?

आप पाएँगे कि दोनों पक्षों के व्यंजक समान नहीं हैं।

इसलिए परिमेय संख्याओं के लिए भाग क्रम विनिमेय नहीं है।

प्रयास कीजिए

निम्नलिखित सारणी को पूरा कीजिए :

संख्याएँ क्रमविनिमेय
योग के लिए व्यवकलन के लिए गुणन के लिए भाग के लिए
परिमेय संख्याएँ हाँ $\ldots$ $\ldots$ $\ldots$
पूर्णांक $\ldots$ नहीं $\ldots$ $\ldots$
पूर्ण संख्याएँ $\ldots$ $\ldots$ हाँ $\ldots$
प्राकृत संख्याएँ $\ldots$ $\ldots$ $\ldots$ नहीं

1.2.3 साहचर्यता ( सहचारिता )

(i) पूर्ण संख्याएँ

निम्नलिखित सारणी के माध्यम से पूर्ण संख्याओं के लिए चार संक्रियाओं की साहचर्यता को स्मरण कीजिए।

संक्रिया संख्याएँ टिप्पणी
योग ……… योग साहचर्य है।
व्यवकलन ……… व्यवकलन साहचर्य नहीं है।
गुणन क्या $7 \times(2 \times 5)=(7 \times 2) \times 5$ ?
क्या $4 \times(6 \times 0)=(4 \times 6) \times 0$ ?
किन्हीं तीन पूर्ण संख्याओं
$a, b$ तथा $c$ के लिए
$a \times(b \times c)=(a \times b) \times c$
गुणन साहचर्य है।
भाग ……… भाग साहचर्य नहीं है।

इस सारणी को भरिए और अंतिम स्तंभ में दी गई टिप्पणियों को सत्यापित कीजिए। प्राकृत संख्याओं के लिए विभिन्न संक्रियाओं की साहचर्यता की स्वयं जाँच कीजिए।

(ii) पूर्णांक

पूर्णांकों के लिए चार संक्रियाओं की साहचर्यता निम्नलिखित सारणी से देखी जा सकती है :

संक्रिया संख्याएँ टिप्पणी
योग क्या $(-2)+[3+(-4)]$
$=[(-2)+3)]+(-4)$ है ?
क्या $(-6)+[(-4)+(-5)]$
$=[(-6)+(-4)]+(-5)$ है? किन्हीं
तीन पूर्ण संख्याओं $a, b$ तथा $c$
के लिए $a+(b+c)=(a+b)+c$
योग साहचर्य है।
व्यवकलन क्या $5-(7-3)=(5-7)-3$ है? व्यवकलन साहचर्य नहीं है।
गुणन क्या $5 \times[(-7) \times(-8)$
$=[5 \times(-7)] \times(-8)$ है ?
क्या $(-4) \times[(-8) \times(-5)]$
$=[(-4) \times(-8)] \times(-5)$ है ? किन्हीं
तीन पूर्ण संख्याओं $a, b$ तथा $c$
के लिए $a \times(b \times c)=(a \times b) \times c$
गुणन साहचर्य है।
भाग क्या $[(-10) \div 2] \div(-5)$
$=(-10) \div[2 \div(-5)]$ है ?
भाग साहचर्य नहीं है।

(iii) परिमेय संख्याएँ

(a) योग

हम पाते हैं : $\frac{-2}{3}+\left[\frac{3}{5}+\left(\frac{-5}{6}\right)\right]=\frac{-2}{3}+\left(\frac{-7}{30}\right)=\frac{-27}{30}=\frac{-9}{10}$

$\left[\frac{-2}{3}+\frac{3}{5}\right]+\left(\frac{-5}{6}\right)=\frac{-1}{15}+\left(\frac{-5}{6}\right)=\frac{-27}{30}=\frac{-9}{10}$

इसलिए, $\quad \frac{-2}{3}+\left[\frac{3}{5}+\left(\frac{-5}{6}\right)\right]=\left[\frac{-2}{3}+\frac{3}{5}\right]+\left(\frac{-5}{6}\right)$

ज्ञात कीजिए $\frac{-1}{2}+\left[\frac{3}{7}+\left(\frac{-4}{3}\right)\right]$ और $\left[\frac{-1}{2}+\frac{3}{7}\right]+\left(\frac{-4}{3}\right)$

क्या ये दोनों योग समान हैं?

कुछ और परिमेय संख्याएँ लीजिए, उपर्युक्त उदाहरणों की तरह उन्हें जोड़िए और देखिए कि क्या दोनों योग समान हैं। हम पाते हैं कि परिमेय संख्याओं के लिए योग साहचर्य है, अर्थात् किन्हीं तीन परिमेय संख्याओं $a, b$ तथा $c$ के लिए $a+(b+c)=(a+b)+c$ ।

(b) व्यवकलन

आप पहले से जानते हैं कि व्यवकलन पूर्णांकों के लिए सहचारी नहीं है। परिमेय संख्याओं के बारे में आप क्या कह सकते हैं?

क्या $\frac{-2}{3}-\left[\frac{-4}{5}-\frac{1}{2}\right]=\left[\frac{2}{3}-\left(\frac{-4}{5}\right)\right]-\frac{1}{2}$ है ?

स्वयं जाँच कीजिए।

परिमेय संख्याओं के लिए व्यवकलन साहचर्य नहीं है। (c) गुणन

आइए, हम गुणन के लिए साहचर्यता की जाँच करते हैं।

$ \frac{-7}{3} \times\left(\frac{5}{4} \times \frac{2}{9}\right)=\frac{-7}{3} \times \frac{10}{36}=\frac{-70}{108}=\frac{-35}{54} $

$ \left(\frac{-7}{3} \times \frac{5}{4}\right) \times \frac{2}{9}=\ldots $

हम पाते हैं कि $\frac{-7}{3} \times\left(\frac{5}{4} \times \frac{2}{9}\right)=\left(\frac{-7}{3} \times \frac{5}{4}\right) \times \frac{2}{9}$

क्या

$ \frac{2}{3} \times\left(\frac{-6}{7} \times \frac{4}{5}\right)=\left(\frac{2}{3} \times \frac{-6}{7}\right) \times \frac{4}{5} \text { है ? } $

कुछ और परिमेय संख्याएँ लीजिए और स्वयं जाँच कीजिए। हम पाते हैं कि परिमेय संख्याओं के लिए गुणन साहचर्य है। अर्थात् किन्हीं तीन परिमेय संख्याओं $a, b$ तथा $c$ के लिए $a \times(b \times c)=(a \times b) \times c$ ।

(d) भाग

याद कीजिए कि पूर्णांकों के लिए विभाजन सहचारी नहीं है। परिमेय संख्याओं के बारे में आप क्या कह सकते हैं? आइए, देखते हैं कि यदि

$ \frac{1}{2} \div\left[\frac{-1}{3} \div \frac{2}{5}\right]=\left[\frac{1}{2} \div\left(\frac{-1}{3}\right)\right] \div \frac{2}{5} \text { है? हम पाते हैं, } $

बायाँ पक्ष (L.H.S) $=\frac{1}{2} \div\left(\frac{-1}{3} \div \frac{2}{5}\right)$

$=\frac{1}{2} \div\left(\frac{-1}{3} \times \frac{5}{2}\right) \quad\left(\frac{2}{5} \text { का व्युत्क्रम } \frac{5}{2} \text { है }\right) $

$=\frac{1}{2} \div\left(-\frac{5}{6}\right)$

$=\ldots$

पुन: दायाँ पक्ष (R.H.S) $=\left[\frac{1}{2} \div\left(\frac{-1}{3}\right)\right] \div \frac{2}{5}$

$ =\left(\frac{1}{2} \times \frac{-3}{1}\right) \div \frac{2}{5} $

$ =\frac{-3}{2} \div \frac{2}{5}=\ldots$

क्या L.H.S. $=$ R.H.S. है ? स्वयं जाँच कीजिए। आप पाएँगे कि परिमेय संख्याओं के लिए भाग साहचर्य नहीं है।

प्रयास कीजिए

निम्नलिखित सारणी को पूरा कीजिए :

संख्याएँ साहचर्य
योग के लिए व्यवकलन के लिए गुणन के लिए भाग के लिए
परिमेय संख्याएँ $\ldots$ $\ldots$ $\ldots$ नहीं
पूर्णांक $\ldots$ $\ldots$ हाँ ..
पूर्ण संख्याएँ हाँ $\ldots$ $\ldots$ $\ldots$
प्राकृत संख्याएँ $\ldots$ नहीं $\ldots$ $\ldots$

उदाहरण 1 : ज्ञात कीजिए $\frac{3}{7}+\left(\frac{-6}{11}\right)+\left(\frac{-8}{21}\right)+\left(\frac{5}{22}\right)$

हल :

$\frac{3}{7}+(\frac{-6}{11})+(\frac{-8}{21})+(\frac{5}{22}$

$=\frac{198}{462}+(\frac{-252}{462})+(\frac{-176}{462})+(\frac{105}{462}$

(नोट कीजिए कि $7,11,21$ तथा 22 का ल.स.प. 462 है।)

$ =\frac{198-252-176+105}{462}=\frac{-125}{462} $

हम इसे निम्नलिखित प्रकार से भी हल कर सकते हैं :

$\frac{3}{7}+(\frac{-6}{11}) +(\frac{-8}{21})+\frac{5}{22}$

$=[\frac{3}{7}+(\frac{-8}{21})]+[\frac{-6}{11}+\frac{5}{22}] \quad \text { (क्रम विनिमेयता और साहचर्यता के उपयोग से) } $

$=[\frac{9+(-8)}{21}]+[\frac{-12+5}{22}]$

(7 और 21 का ल.स.प. 21 है। 11 और 22 का ल.स.प. 22 है।)

$ =\frac{1}{21}+\left(\frac{-7}{22}\right)=\frac{22-147}{462}=\frac{-125}{462} $

क्या आप सोचते हैं कि क्रमविनिमेयता और साहचर्यता के गुणधर्मों की सहायता से परिकलन आसान हो गया है?

उदाहरण 2 : ज्ञात कीजिए $\frac{-4}{5} \times \frac{3}{7} \times \frac{15}{16} \times\left(\frac{-14}{9}\right)$

हल : हमें प्राप्त है,

$\frac{-4}{5} \times \frac{3}{7} \times \frac{15}{16} \times\left(\frac{-14}{9}\right) $

$=\left(-\frac{4 \times 3}{5 \times 7}\right) \times\left(\frac{15 \times(-14)}{16 \times 9}\right) $

$=\frac{-12}{35} \times\left(\frac{-35}{24}\right)=\frac{-12 \times(-35)}{35 \times 24}=\frac{1}{2}$

हम इसे निम्नलिखित प्रकार से भी हल कर सकते हैं :

$\frac{-4}{5} \times \frac{3}{7} \times \frac{15}{16} \times\left(\frac{-14}{9}\right) $

$=\left(\frac{-4}{5} \times \frac{15}{16}\right) \times\left[\frac{3}{7} \times\left(\frac{-14}{9}\right) \right] \text { (क्रमविनिमेयता और साहचर्यता के उपयोग से) } $

$=\frac{-3}{4} \times\left(\frac{-2}{3}\right)=\frac{1}{2}$

1.2 .4 शून्य $(0)$ की भूमिका

निम्नलिखित पर विचार कीजिए :

$2+0=0+2=2 $ $\quad \text { (शून्य को पूर्ण संख्या में जोड़ना) } $

$-5+0=\ldots+\ldots=-5 $ $\quad \text { (शून्य को पूर्णांक में जोड़ना) } $

$\frac{-2}{7}+\ldots=0+\left(\frac{-2}{7}\right)=\frac{-2}{7}$ $\quad$ (शून्य को परिमेय संख्या में जोड़ना)

आप पहले भी इस प्रकार के योग ज्ञात कर चुके हैं।

ऐसे कुछ और योग ज्ञात कीजिए। आप क्या देखते हैं? आप पाएँगे कि जब किसी पूर्ण संख्या में शून्य जोड़ा जाता है तो योग फिर से वही पूर्ण संख्या होती है। यह तथ्य पूर्णांकों और परिमेय संख्याओं के लिए भी सत्य है।

व्यापक रूप से

$$ \begin{array}{lr} a+0=0+a=a, & \text { (जहाँ } a \text { एक पूर्ण संख्या है ) } \\ b+0=0+b=b, & \text { (जहाँ } b \text { एक पूर्णांक है } \\ c+0=0+c=c, & \text { (जहाँ } c \text { एक परिमेय संख्या है) } \end{array} $$

परिमेय संख्याओं के योग के लिए शून्य एक तत्समक कहलाता है। यह पूर्णांकों और पूर्ण संख्याओं के लिए भी योज्य तत्समक है।

1.2.5 1 की भूमिका

हम प्राप्त करते हैं कि

$$ \begin{aligned} 5 \times 1=5 & =1 \times 5 \quad \text { (पूर्ण संख्या के साथ } 1 \text { का गुणन) } \\ \frac{-2}{7} \times 1 & =\ldots \times \ldots=\frac{-2}{7} \\ \frac{3}{8} \times \ldots & =1 \times \frac{3}{8}=\frac{3}{8} \end{aligned} $$

आप क्या पाते हैं?

आप पाएँगे कि जब आप किसी भी परिमेय संख्या के साथ 1 से गुणा करते हैं तो आप उसी परिमेय संख्या को गुणनफल के रूप में पाते हैं। कुछ और परिमेय संख्याओं के लिए इसकी जाँच कीजिए। आप पाएँगे कि किसी भी परिमेय संख्या $a$ के लिए, $a \times 1=1 \times a=a$ है। हम कहते हैं कि 1 परिमेय संख्याओं के लिए गुणनात्मक तत्समक है। क्या 1 पूर्णांकों और पूर्ण संख्याओं के लिए भी गुणनात्मक तत्समक हैं?

सोचिए, चर्चा कीजिए और लिखिए

यदि कोई गुणधर्म परिमेय संख्याओं के लिए सत्य है तो क्या वह गुणधर्म, पूर्णांकों, पूर्ण संख्याओं के लिए भी सत्य होगा? कौन-से गुणधर्म इनके लिए सत्य होंगे और कौन-से सत्य नहीं होंगे?

1.2.6 परिमेय संख्याओं के लिए गुणन की योग पर वितरकता

इस तथ्य को समझने के लिए परिमेय संख्याएँ $\frac{-3}{4}, \frac{2}{3}$ और $\frac{-5}{6}$ को लीजिए :

$$ \begin{aligned} \frac{-3}{4} \times\left\{\frac{2}{3}+\left(\frac{-5}{6}\right)\right\} & =\frac{-3}{4} \times\left\{\frac{(4)+(-5)}{6}\right\} \\ & =\frac{-3}{4} \times\left(\frac{-1}{6}\right)=\frac{3}{24}=\frac{1}{8} \end{aligned} $$

इसके अतिरिक्त

$$ \frac{-3}{4} \times \frac{2}{3}=\frac{-3 \times 2}{4 \times 3}=\frac{-6}{12}=\frac{-1}{2} $$

और

$$ \frac{-3}{4} \times\left(\frac{-5}{6}\right)=\frac{5}{8} $$

इसलिए,

$$ \left(\frac{-3}{4} \times \frac{2}{3}\right)+\left(\frac{-3}{4} \times \frac{-5}{6}\right)=\frac{-1}{2}+\frac{5}{8}=\frac{1}{8} $$

योग एवं व्यवकलन पर गुणन की वितरकता

सभी परिमेय संख्याओं $a, b$ और $c$ के लिए

$a(b+c)=a b+a c$

$a(b-c)=a b-a c$

अत :

$$ \frac{-3}{4} \times\{\frac{2}{3}+(\frac{-5}{6})\}=(\frac{-3}{4} \times \frac{2}{3})+(\frac{-3}{4} \times(\frac{-5}{6})) $$

प्रयास कीजिए

वितरकता के उपयोग से निम्नलिखित का मान ज्ञात कीजिए :

(i) $\left\{\frac{7}{5} \times\left(\frac{-3}{12}\right)\right\}+\left\{\frac{7}{5} \times \frac{5}{12}\right\}$ (ii) $\left\{\frac{9}{16} \times \frac{4}{12}\right\}+\left\{\frac{9}{16} \times \frac{-3}{9}\right\}$

उदाहरण 3 : ज्ञात कीजिए $\frac{2}{5} \times\left(\frac{-3}{7}\right)-\frac{1}{14}-\frac{3}{7} \times \frac{3}{5}$

हल : $\frac{2}{5} \times\left(\frac{-3}{7}\right)-\frac{1}{14}-\frac{3}{7} \times \frac{3}{5}=\frac{2}{5} \times\left(\frac{-3}{7}\right)-\frac{3}{7} \times \frac{3}{5}-\frac{1}{14}$ $\qquad$ (क्रमविनिमेयता से )

$=\frac{2}{5} \times\left(\frac{-3}{7}\right)+\left(\frac{-3}{7}\right) \times \frac{3}{5}-\frac{1}{14}$ $=\frac{-3}{7}\left(\frac{2}{5}+\frac{3}{5}\right)-\frac{1}{14} \quad \text { (वितरकता से) } $

$=\frac{-3}{7} \times 1-\frac{1}{14}=\frac{-6-1}{14}=\frac{-1}{2}$

प्रश्नावली 1.1

1. निम्नलिखित प्रत्येक में गुणन के अंतर्गत उपयोग किए गए गुणधर्म (गुण) का नाम लिखिए:

(i) $\frac{-4}{5} \times 1=1 \times\left(\frac{-4}{5}\right)=-\frac{4}{5}$

(ii) $-\frac{13}{17} \times\left(\frac{-2}{7}\right)=\frac{-2}{7} \times\left(\frac{-13}{17}\right)$

(iii) $\frac{-19}{29} \times \frac{29}{-19}=1$

2. बताइए कौन से गुणधर्म (गुण) की सहायता से आप $\frac{1}{3} \times\left(6 \times \frac{4}{3}\right)$ को $\left(\frac{1}{3} \times 6\right) \times \frac{4}{3}$ के रूप में अभिकलन करते हैं।

हमने क्या चर्चा की?

1. परिमेय संख्याएँ योग व्यवकलन और गुणन की संक्रियाओं के अंतर्गत संवृत हैं।

2. परिमेय संख्याओं के लिए योग और गुणन की संक्रियाएँ

(i) क्रमविनिमेय हैं।

(ii) साहचर्य हैं।

3. परिमेय संख्याओं के लिए परिमेय संख्या शून्य योज्य तत्समक है।

4. परिमेय संख्याओं के लिए परिमेय संख्या 1 गुणनात्मक तत्समक है।

5. परिमेय संख्याओं की वितरकता : परिमेय संख्याएँ $a, b$ और $c$ के लिए
$a(b+c)=a b+a c$ और $a(b-c)=a b-a c$ है।

6. दी हुई दो परिमेय संख्याओं के मध्य अपरिमित परिमेय संख्याएँ होती हैं। दो परिमेय संख्याओं के मध्य परिमेय संख्याएँ ज्ञात करने में माध्य की अवधारणा सहायक है।



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