अध्याय 05 थोड़ी धरती पाऊँ
बहुत दिनों से सोच रहा था,
थोड़ी धरती पाऊँ
उस धरती में बागबगीचा,
जो हो सके लगाऊँ।
खिलें फूल-फल, चिड़ियाँ बोलें,
प्यारी खुशबू डोले
ताज़ी हवा जलाशय में
अपना हर अंग भिगो ले।
लेकिन एक इंच धरती भी
कहीं नहीं मिल पाई
एक पेड़ भी नहीं, कहे जो
मुझको अपना भाई।
हो सकता है पास, तुम्हारे
अपनी कुछ धरती हो
फूल-फलों से लदे बगीचे
और अपनी धरती हो।
हो सकता है छोटी-सी
क्यारी हो, महक रही हो
छोटी-सी खेती हो
जो फसलों में दहक रही हो।
हो सकता है कहीं शांत
चौपाए घूम रहे हों
हो सकता है कहीं सहन में
पक्षी झूम रहे हों।
तो विनती है यही,
कभी मत उस दुनिया को खोना
पेड़ों को मत कटने देना,
मत चिड़ियों को रोना।
एक-एक पत्ती पर हम सब
के सपने सोते हैं
शाखें कटने पर वे भोले,
शिशुओं सा रोते हैं।
पेड़ों के संग बढ़ना सीखो,
पेड़ों के संग खिलना
पेड़ों के संग-संग इतराना,
पेड़ों के संग हिलना।
बच्चे और पेड़ दुनिया को
हरा-भरा रखते हैं
नहीं समझते जो, दुष्कर्मों
का वे फल चखते हैं।
आज सभ्यता वहशी बन,
पेड़ों को काट रही है
ज़हर फेफडों में भरकर
हम सब को बाँट रही है।
- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
अभ्यास
शब्दार्थ
जलाशय - तालाब, झील आदि वहशी - असभ्य दुष्कर्म - बुरा काम सहन - आँगन दहकना - आग की लपटें उठना शिशु - बालक अंग - भाग, हिस्सा, शरीर के हाथ-पाँव आदि विनती - प्रार्थना
1. कविता संबंधी प्रश्न
(क) कवि बाग-बगीचा क्यों लगाना चाहता है?
(ख) कविता में कवि की क्या विनती है?
(ग) कवि क्यों कह रहा है कि
‘आज सभ्यता वहशी बन,
पेड़ों को काट रही है।
इस पर अपने विचार लिखो।
(घ) कविता की इस पंक्ति पर ध्यान दो-
“बच्चे और पेड़ दुनिया को हरा-भरा रखते हैं।”
अब तुम यह बताओ कि पेड़ों और बच्चों में क्या कुछ समानता है? उसे अपने ढंग से लिखो।
2. कैसी लगी कविता
कविता पढ़ो और जवाब दो-
(क) कविता की कौन-सी पंक्तियाँ सबसे अच्छी लगीं?
(ख) वे पंक्तियाँ क्यों अच्छी लगीं?
3. बातचीत
नीचे एक लकड़हारे और एक बच्ची की बातचीत दी गई है। इसे अपनी समझ से पूरा करो।
बच्ची - ओ भैया! आप इस पेड़ को क्यों काट रहे हो? लकड़हारा - यह तो मेरा काम है। बच्ची - पर यह तो गलत है। लकड़हारा - यह कैसे गलत है? इसी से तो मेरे परिवार का भरण-पोषण होता है।
बच्ची$……………………………………………………………………………….$
लकड़हारा$……………………………………………………………………………$
$…………………………………………………………………………………..$
$…………………………………………………………………………………..$
$…………………………………………………………………………………..$
$…………………………………………………………………………………..$
4. बाग-बगीचा
(क) तुम पेड़ों को बचाने के लिए क्या कुछ कर सकते हो? बताओ।
(ख) कविता में कवि ने बगीचे के बारे में बहुत कुछ बताया है। बताओ, नीचे लिखी चीज़ों में से कौन-सी चीज़ें बगीचे में होंगी?
कार | फूल |
क्यारियाँ | चिड़ियाँ |
सड़क | फल |
खेत | तालाब |
कारखाने | पेड़ |
कुर्सी | कागज़ |
पत्ता | टहनी |
5. यह भी करो
(क) तुम्हारे घर के पास कौन-कौन से पेड़-पौधे, पशु-पक्षी आमतौर पर नज़र आते हैं? उनकी सूची बनाओ।
(ख) अपने आस-पास पता करके ऐसे किसी व्यक्ति से बात करो जिसने कोई पेड़ या पौधा लगाया है। उससे पूछकर निम्नलिखित जानकारी प्राप्त करो-
-
पेड़/ पौधे का नाम
-
कब लगाया था?
-
देखभाल की या नहीं?
क्या वह पेड़/ पौधा अब भी मौजूद है?
6. खोजबीन
हमारे देश में पुराने समय से ही पेड़-पौधों को लगाने और उन्हें कटने से बचाने की परंपरा रही है। कई बार लोगों ने मिलकर पेड़ों को बचाने के लिए आंदोलन भी किया। ऐसे ही किसी आंदोलन के बारे में जानकारी इकट्ठी करके कॉपी में लिखो। इसके लिए तुम्हें पुस्तकालय, समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं, शिक्षिका या माता-पिता और इंटरनेट से भी सहायता मिल सकती है।
7. इन शब्दों के समान अर्थ वाले कुछ शब्दों को लिखो
धरती | $…………………………………………………………………………………..$ |
चिडिया | $…………………………………………………………………………………..$ |
हवा | $…………………………………………………………………………………..$ |
पेड़ | $…………………………………………………………………………………..$ |
दुनिया | $…………………………………………………………………………………..$ |
8. जंगल, पेड़-पौधों और प्रकृति से संबंधित कुछ कविताओं के बारे में जानकारी प्राप्त करो।
“जंगल” शीर्षक से दी गई कविता को पढ़ो और अपने दोस्तों को सुनाओ।
जंगल
बादलों का प्यार जंगल
आदमी का यार जंगल
फूल-फल देता सभी कुछ
कर रहा उपकार जंगल
मूक है, सहता इसी से
दुश्मनों के वार जंगल
जब कभी टेसू खिले तो
दहकता अंगार जंगल
कारखानों के धुएँ से
पड़ गया बीमार जंगल
इस तरह कटता रहा तो
जाएगा बन थार जंगल
आदमी की पाशविकता
भोगने को तैयार जंगल।
- लक्ष्मीनारायण पयोधि