अध्याय 01 पूर्णांक

1.1 पूर्णांकों के योग एवं व्यवकलन के गुण

हमने कक्षा 6 में पूर्ण संख्याओं और पूर्णांकों के विषय में पढ़ा है। साथ ही, पूर्णांकों को जोड़ने और घटाने के नियमों का भी अध्ययन किया है।

1.1.1 योग के अंतर्गत संवृत

हम सीख चुके हैं कि दो पूर्ण संख्याओं का योग पुनः एक पूर्ण संख्या ही होती है। उदाहरणत: 17+24=41 है, जो कि पुनः एक पूर्ण संख्या है । हम जानते हैं कि यह गुण पूर्ण संख्याओं के योग का संवृत गुण कहलाता है ।

आइए देखें कि क्या यह गुण पूर्णांकों के लिए भी सत्य है अथवा नहीं। पूर्णांकों के कुछ युग्म नीचे दिए जा रहे हैं। नीचे दी हुई सारणी को देखिए और इसे पूरा कीजिए :

कथन प्रेक्षण
(i) 17+23=40 परिणाम एक पूर्णांक है
(ii) (10)+3= _________________
(iii) (75)+18= _________________
(iv) 19+(25)=6 परिणाम एक पूर्णांक है ।
(v) 27+(27)= _______________
(vi) (20)+0= _______________
(vii) (35)+(10)= _______________

आप क्या देखते हैं ? क्या दो पूर्णांकों का योग हमेशा एक पूर्णांक प्राप्त करता है ?
क्या आपको पूर्णांकों का कोई ऐसा युग्म मिला जिसका योग पूर्णांक नहीं है ?

क्योंक पूर्णांक का योग एक पूर्णांक होता है, इसलिए हम कहते हैं कि पूर्णांक योग के अंतर्गत संवृत (closed) होते हैं ?

व्यापक रूप में, किन्हीं दो पूर्णांकों a तथा b के लिए a+b एक पूर्णांक होता है ।

1.1 .2 व्यवकलन के अंतर्गत संवृत

जब हम एक पूर्णांक को दूसरे पूर्णांक में से घटाते हैं, तो क्या होता है ? क्या हम कह सकते हैं कि उनका अंतर भी एक पूर्णांक होता है ?

निम्नलिखित सारणी को देखिए और इसे पूरा कीजिए:

कथन प्रेक्षण
(i) 79=2 परिणाम एक पूर्णांक है ।
(ii) 17(21)= ______________
(iii) (8)(14)=6 परिणाम एक पूर्णांक है ।
(iv) (21)(10)= ______________
(v) 32(17)= ______________
(vi) (18)(18)= ______________
(vii) (29)0= ______________

आप क्या देखते हैं? क्या पूर्णांकों का कोई ऐसा युग्म है जिसका अंतर पूर्णांक नहीं है ? क्या हम कह सकते हैं कि पूर्णांक व्यवकलन के अंतर्गत संवृत हैं ? हाँ, हम कह सकते हैं कि पूर्णांक व्यवकलन के अंतर्गत संवृत होते हैं।

अतः, यदि a और b दो पूर्णांक हैं, तो ab भी एक पूर्णांक होता है। क्या पूर्ण संख्याएँ भी इस गुण को संतुष्ट करती हैं?

1.1.3 क्रमविनिमेय गुण

हम जानते हैं कि 3+5=5+3=8 है, अर्थात् दो पूर्ण संख्याओं को किसी भी क्रम में जोड़ा जा सकता है। दूसरे शब्दों में, पूर्ण संख्याओं के लिए योग क्रमविनिमेय होता है।

क्या इसी कथन को हम पूर्णांकों के लिए भी कह सकते हैं ?

हम पाते हैं कि 5+(6)=1 और (6)+5=1 है।

इसलिए 5+(6)=(6)+5 है।

क्या निम्नलिखित समान हैं ?

(i) (8)+(9) और (9)+(8)

(ii) (23)+32 और 32+(23)

(iii) (45)+0 और 0+(45)

पाँच अन्य पूर्णांकों के युग्मों के लिए ऐसा प्रयास कीजिए। क्या आपको पूर्णांकों का कोई ऐसा युग्म मिलता है जिसके लिए पूर्णांकों का क्रम बदल देने से उनका योग भी बदल जाता है। निःसन्देह नहीं। योग पूर्णांकों के लिए क्रमविनिमेय होता है ।

व्यापक रूप में, किन्हीं दो पूर्णांकों a और b, के लिए हम कह सकते हैं कि

a+b=b+a

हम जानते हैं कि व्यवकलन पूर्ण संख्याओं के लिए क्रमविनिमेय नहीं है। क्या यह पूर्णांकों के लिए क्रमविनिमेय है ?

पूर्णांक 5 एवं (3) लीजिए। क्या 5-(-3) एवं (-3) -5 समान हैं ? नहीं, क्योंकि

5(3)=5+3=8 है एवं (3)5=35=8 है। 

पूर्णांकों के कम से कम पाँच विभिन्न युग्म लीजिए और इस कथन की जाँच कीजिए। हम यह निष्कर्ष निकालते हैं कि व्यवकलन पूर्णांकों के लिए क्रमविनिमेय नहीं है।

1.1.4 साहचर्य गुण

निम्नलिखित उदाहरणों को देखिए :

पूर्णांकों 3,2 एवं 5 को लीजिए ।

(5)+[(3)+(2)] और [(5)+(3)]+(2) पर ध्यान दीजिए।

प्रथम योग में (3) और (2) को मिलाकर एक समूह बनाया गया है और दूसरे योग में (5) एवं (-3) को मिलाकर एक समूह बनाया गया है। हम इसकी जाँच करेंगे कि क्या हमको विभिन्न परिणाम प्राप्त होते हैं।


(5)+[(3)+(2)]


[(5)+(3)]+(2)

इन दोनों ही स्थितियों में हमें 10 प्राप्त होता है ।

अर्थात्,

(5)+[(3)+(2)]=[(5)+(2)]+(3)

इसी प्रकार, 3,1 और -7 को लीजिए।

(3)+[1+(7)]=3+ ______________ = ______________

[(3)+1]+(7)=2+ ______________ = ______________

 क्या (3)+[1+(7)] एवं [(3)+1]+(7) समान हैं ? 

इस प्रकार के पाँच और उदाहरण लीजिए। आप ऐसा कोई उदाहरण नहीं पाएँगे जिसके लिए इस तरह के योग विभिन्न हैं। यह दर्शाता है कि पूर्णांकों के लिए योग सहचारी (associative) होता है। व्यापक रूप में, पूर्णांकों a,b और c के लिए हम कह सकते हैं कि

a+(b+c)=(a+b)+c

1.1.5 योज्य तत्समक

जब हम किसी पूर्ण संख्या में शून्य को जोड़ते हैं, तो हमें वही पूर्ण संख्या प्राप्त होती है। पूर्ण संख्याओं के लिए शून्य एक योज्य तत्समक (additive identity) है। क्या यह पूर्णांकों के लिए भी एक योज्य तत्समक है ?

निम्नलिखित को देखिए और रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

(i) (8)+0=8

(ii) 0+(8)=8

(iii) (23)+0= _______

(iv) 0+(37)=37

(v) 0+(59)= _______

(vi) 0+ _______ =43

(vii) 61+ _______ =61

(viii) _______ +0= _______

उपर्युक्त उदाहरण दर्शाते हैं कि शून्य, पूर्णांकों के लिए भी एक योज्य तत्समक है। आप किन्हीं पाँच अन्य पूर्णांकों में शून्य जोड़कर इसे सत्यापित कर सकते हैं।

व्यापक रूप में, किसी भी पूर्णांक a के लिए,

a+0=a=0+a

प्रयास कीजिए

1. एक ऐसा पूर्णांक युग्म लिखिए जिसके योग से हमें निम्नलिखित प्राप्त होता है :

(a) एक ॠणात्मक पूर्णांक

(b) शून्य

(c) दोनों पूर्णांकों से छोटा एक पूर्णांक

(d) दोनों पूर्णांकों में से केवल किसी एक से छोटा पूर्णांक

(e) दोनों पूर्णांकों से बड़ा एक पूर्णांक

2. एक ऐसा पूर्णांक युग्म लिखिए जिसके अंतर से हमें निम्नलिखित प्राप्त होता है :

(a) एक ॠणात्मक पूर्णांक

(b) शून्य

(c) दोनों पूर्णांकों से छोटा एक पूर्णांक

(d) दोनों पूर्णांकों में से केवल किसी

(e) दोनों पूर्णांकों से बड़ा एक पूर्णांक एक से बड़ा पूर्णांक

उदाहरण 1 ऐसे पूर्णांक युग्म लिखिए जिनका

(a) योग -3 है

(b) अंतर -5 है

(c) अंतर 2 है

(d) योग 0 है

हल

(a) 1,2,(1)+(2)=3 या 5,2,(5)+2=3

(b) 9,4,(9)(4)=5 या 2,3,(2)3=5

(c) 7,9,(7)(9)=2 या 1,1,1(1)=2

(d) 10,10,(10)+10=0 या 5,5,5+(5)=0

क्या आप इन उदाहरणों में और अधिक युग्म लिख सकते हैं ?

प्रश्नावली 1.1

1. ऐसा पूर्णांक युग्म लिखिए जिसका

(a) योग -7 है

(b) अंतर -10 है

(c) योग 0 है

2. (a) एक ऐसा ॠणात्मक पूर्णांक युग्म लिखिए जिसका अंतर 8 है।

(b) एक ॠणात्मक पूर्णांक और एक धनात्मक पूर्णांक लिखिए जिनका योग -5 है ।

(c) एक ॠणात्मक पूर्णांक और एक धनात्मक पूर्णांक लिखिए जिनका अंतर -3 है।

3. किसी प्रश्नोत्तरी के तीन उत्तरोतर चक्करों (rounds) में टीम A द्वारा प्राप्त किए गए अंक -40 , 10,0 थे और टीम B द्वारा प्राप्त किए गए अंक 10,0,40 थे। किस टीम ने अधिक अंक प्राप्त किए ? क्या हम कह सकते हैं कि पूर्णांकों को किसी भी क्रम में जोड़ा जा सकता है ?

4. निम्नलिखित कथनों को सत्य बनाने के लिए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

(i) (5)+(8)=(8)+ (…………)

(ii) 53+………… =53

(iii) 17+

(iv) [13+(12)]+ (…………) =13+[(12)+(7)]

(v) (4)+[15+(3)]=[4+15]+ …………


1.2 पूर्णांकों का गुणन

हम पूर्णांकों का योग एवं व्यवकलन कर सकते हैं। आईए अब सीखें कि पूर्णांकों को कैसे गुणा किया जाता है।

1.2.1 एक धनात्मक और एक ॠणात्मक पूर्णांक का गुणन

हम जानते हैं कि पूर्ण संख्याओं का गुणन बार-बार योग है।

उदाहरणत: 5+5+5=3×5=15

क्या आप पूर्णांकों के योग को भी इसी प्रकार निरूपित कर सकते हैं ?

निम्नलिखित संख्या रेखा से हम पाते हैं कि (5)+(5)+(5)=15 है।


प्रयास कीजिए

संख्या रेखा का उपयोग करते हुए, ज्ञात कीजिए:

4×(8),

8×(2),

3×(7),

10×(1)

परंतु इसे हम निम्नलिखित रूप में भी लिख सकते हैं:

(5)+(5)+(5)=3×(5)

इसलिए,

3×(5)=15

इसी प्रकार, (4)+(4)+(4)+(4)+(4)=5×(4)=20


और (3)+(3)+(3)+(3)= ___________ = ___________

साथ ही, (7)+(7)+(7)= ___________ = ___________

आइए देखें कि संख्या रेखा का उपयोग किए बिना एक धनात्मक पूर्णांक एवं एक ॠणात्मक पूर्णांक का गुणनफल कैसे ज्ञात किया जाए।

आइए एक अन्य प्रकार से 3×(5) ज्ञात करें। सर्वप्रथम 3×5 ज्ञात कीजिए और प्राप्त गुणनफल से पहले ॠण () रखिए। आप 15 प्राप्त करते हैं। अर्थात् 15 प्राप्त करने के लिए हम (3×5) प्राप्त करते हैं।

इसी प्रकार, 5×(4)=(5×4)=20 है। 

इसी प्रकार, निम्नलिखित को ज्ञात कीजिए :

4×(8)= _______ = _______ , 3×(7)= _______ = _______

6×(5)= _______ = _______ , 2×(9)= _______ = _______

इस विधि का उपयोग करते हुए, हम पाते हैं कि

10×(43)= _________ (10×43)=430

प्रयास कीजिए

ज्ञात कीजिए:

(i) 6×(19)

(ii) 12×(32)

(iii) 7×(22)

अभी तक हमने पूर्णांकों को (धनात्मक पूर्णांक) × (ॠणात्मक पूर्णांक) के रूप में गुणा किया है ।

आइए अब इनको (ॠणात्मक पूर्णांक) × (धनात्मक पूर्णांक) के रूप में गुणा करें।

सर्वप्रथम हम 3×5 ज्ञात करते हैं।

यह ज्ञात करने के लिए निम्नलिखित पैटर्न को देखिए:

हम पाते हैं :

3×5=15

2×5=10=155

1×5=5=105

0×5=0=55

1×5=05=5

2×5=55=10

3×5=105=15

हम पहले ही प्राप्त कर चुके हैं कि 3×(5)=15

अतः, हम पाते हैं कि (3)×5=15=3×(5)

इस प्रकार के पैटर्नों का उपयोग करते हुए, हम (5)×4=20=5×(4) भी प्राप्त करते हैं।

पैटन्नों का उपयोग करते हुए, (4)×8,(3)×7,(6)×5 और (2)×9 ज्ञात कीजिए और जाँच

कीजिए कि क्या

(4)×8=4×(8),(3)×7=3×(7),(6)×5=6×(5)

और

(2)×9=2×(9) है? 

इसका उपयोग करते हुए, हम (33)×5=33×(5)=165 प्राप्त करते हैं।

इस प्रकार, हम पाते हैं कि एक धनात्मक पूर्णांक और एक ॠणात्मक पूर्णांक को गुणा करते समय हम उनको पूर्ण संख्याओं के रूप में गुणा करते हैं और गुणनफल से पहले ॠण चिह्न () रख देते हैं। इस प्रकार हमें एक ॠणात्मक पूर्णांक प्राप्त होता है ।

प्रयास कीजिए

1. ज्ञात कीजिए:

(a) 15×(16)

(b) 21×(32)

(c) (42)×12

(d) 55×15

2. जाँच कीजिए कि क्या

(a) 25×(21)=(25)×21 है।

(b) (23)×20=23×(20) है।

इस प्रकार के पाँच और उदाहरण लिखिए।

व्यापक रूप में, किन्हीं दो धनात्मक पूर्णांकों के लिए, हम कह सकते हैं कि:

a×(b)=(a)×b=(a×b)

1.2.2 दो ॠणात्मक पूर्णांकों का गुणन

क्या आप गुणनफल (3)×(2) ज्ञात कर सकते हैं ?

निम्नलिखित को देखिए :

3×4=12

3×3=9=12(3)

3×2=6=9(3)

3×1=3=6(3)

3×0=0=3(3)

3×(1)=0(3)=0+3=3

3×(2)=3(3)=3+3=6

क्या आपको कोई पैटर्न दिखाई देता है ? ध्यान दीजिए कि गुणनफल कैसे परिवर्तित हुए हैं। इन प्रेक्षणों के आधार पर, निम्नलिखित को पूरा कीजिए :

3×3= _______ ,3×4= _______

अब इन गुणनफलों को देखिए और रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

4×4=16

4×3=12=16+4

4×2= _______ =12+4

4×1= _______

4×0= _______

4×(1)= _______

4×(2)= _______

4×(3)= _______

इन पैटर्नों से हम देखते हैं कि

(3)×(1)=3=3×1

(3)×(2)=6=3×2

(3)×(3)=9=3×3

और (4)×(1)=4=4×1

इसलिए, (4)×(2)=4×2= ______

(4)×(3)= ______ = ______

प्रय्यास कीजिए

(i) (5)×4, से शुरू करते हुए, (5)×(6) ज्ञात कीजिए ।

(ii) (6)×3 से शुरू करते हुए, (6)×(7) ज्ञात कीजिए ।


अतः इन गुणनफलों को देखते हुए हम कह सकते हैं कि दो ॠणात्मक पूर्णांकों का गुणनफल एक धनात्मक पूर्णांक होता है। हम दो ॠणात्मक पूर्णांकों को पूर्ण संख्याओं के रूप में गुणा करते हैं और गुणनफल से पहले धनात्मक चिह्न (+) रख देते हैं।

इस प्रकार, हम पाते हैं कि (10)×(12)=+120=120 है।

इसी प्रकार,(15)×(6)=+90=90 है। 

व्यापक रूप में, किन्हीं दो धनात्मक पूर्णांकों a एवं b के लिए,

(a)×(b)=a×b

प्रयास कीजिए

ज्ञात कीजिए: (31)×(100),(25)×(72),(83)×(28)

खेल 1

(i) एक ऐसा बोर्ड लीजिए जिस पर -104 से 104 तक के पूर्णांक अंकित हों, जैसा कि आकृति में दर्शाया गया है ।

(ii) एक थैले में दो नीले पासे और दो लाल पासे लीजिए। नीले पासों पर अंकित बिंदुओं की संख्या धनात्मक पूर्णांकों को दर्शाती हैं और लाल पासों पर अंकित बिंदुओं की संख्या ॠणात्मक पूर्णांकों को दर्शाती हैं ।

104 103 102 101 100 99 98 97 96 95 94
83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93
82 81 80 79 78 77 76 75 74 73 72
61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71
60 59 58 57 56 55 54 53 52 51 50
39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49
38 37 36 35 34 33 32 31 30 29 28
17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27
16 15 14 13 12 11 10 9 8 7 6
-5 -4 -3 -2 -1 0 1 2 3 4 5
-6 -7 -8 -9 -10 -11 -12 -13 -14 -15 -16
-27 -26 -25 -24 -23 -22 -21 -20 -19 -18 -17
-28 -29 -30 -31 -32 -33 -34 -35 -36 -37 -38
-49 -48 -47 -46 -45 -44 -43 -42 -41 -40 -39
-50 -51 -52 -53 -54 -55 -56 -57 -58 -59 -60
-71 -70 -69 -68 -67 -66 -65 -64 -63 -62 -61
-72 -73 -74 -75 -76 -77 -78 -79 -80 -81 -82
-93 -92 -91 -90 -89 -88 -87 -86 -85 -84 -832
-94 -95 -96 -97 -98 -99 -100 -101 -102 -103 -104

(iii) प्रत्येक खिलाड़ी अपने काउंटर को शून्य पर रखेगा।

(iv) प्रत्येक खिलाड़ी थैले में से एक साथ दो पासे निकालेगा और उनको फेंकेगा।

(v) पासों को फेंकने के बाद खिलाड़ी को प्रत्येक बार प्राप्त पासों पर अंकित संख्याओं को गुणा करना है।

(vi) यदि गुणनफल एक धनात्मक पूर्णांक है, तो खिलाड़ी अपने काउंटर को 104 की ओर खिसकाएगा और यदि गुणनफल एक ॠणात्मक पूर्णांक है, तो वह अपने काउंटर को 104 की ओर खिसकाएगा।

(vii) जो खिलाड़ी पहले 104 या 104 पर पहुँचता है, विजेता कहलाएगा।

1.3 पूर्णांकों के गुणन के गुण

1.3.1 गुणन के अंतर्गत संवृत


1. निम्नलिखित सारणी को देखिए और इसे पूरा कीजिए:

कथन निष्कर्ष
(20)×(5)=100 गुणनफल एक पूर्णांक है
(15)×17=255 गुणनफल एक पूर्णांक है
(30)×12=
(15)×(23)=
(14)×(13)=
12×(30)=

आप क्या देखते हैं ? क्या आप एक ऐसा पूर्णांक युग्म ज्ञात कर सकते हैं जिसका गुणनफल एक पूर्णांक नहीं है ? नहीं, इससे हमें यह ज्ञात होता है कि दो पूर्णांकों का गुणनफल पुनः एक पूर्णांक ही होता है। अतः हम कह सकते हैं कि पूर्णांक गुणन के अंतर्गत संवृत होते हैं।

व्यापक रूप में,

सभी पूर्णांकों a तथा b के लिए a×b एक पूर्णांक होता है ।

पाँच और पूर्णांक युग्मों के गुणनफल ज्ञात कीजिए और उपर्युक्त कथन को सत्यापित कीजिए।

1.3.2 गुणन की क्रमविनिमेयता

हम जानते हैं कि पूर्ण संख्याओं के लिए गुणन क्रमविनिमेय होता है । क्या हम कह सकते हैं कि पूर्णांकों के लिए भी गुणन क्रमविनिमेय है ?

निम्नलिखित सारणी को देखिए और इसे पूरा कीजिए:

कथन 1 कथन 2 निष्कर्ष
3×(4)=12 (4)×3=12 3×(4)=(4)×3
(30)×12= ______ 12×(30)= ______
(15)×(10)=150 (10)×(15)=150
(35)×(12)= ______ (12)×(35)=
(17)×0= ______
___________ = _______ (1)×(15)=

आप क्या देखते हैं ? उपर्युक्त उदाहरण संकेत करते हैं कि पूर्णांकों के लिए गुणन क्रमविनिमेय है । इस प्रकार के पाँच और उदाहरण लिखिए एवं सत्यापन कीजिए।

व्यापक रूप में, किन्हीं दो पूर्णांकों a तथा b के लिए,

a×b=b×a

1.3.3 शून्य से गुणन

हम जानते है कि जब किसी पूर्ण संख्या को शून्य से गुणा किया जाता है, तो गुणनफल के रूप में शून्य प्राप्त होता है। ॠणात्मक पूर्णांकों एवं शून्य के निम्नलिखित गुणनफलों को देखिए। पहले किए गए पैटर्नों के आधार पर हम इन्हें प्राप्त करते हैं।

(3)×0=0

0×(4)=0

5×0= ______

0×(6)= ______

यह सारणी दर्शाती है कि एक ॠणात्मक पूर्णांक और शून्य का गुणनफल शून्य होता है।व्यापक रूप में, किसी भी पूर्णांक a के लिए,

a×0=0×a=0

1.3.4 गुणनात्मक तत्समक

हम जानते है कि पूर्ण संख्याओं के लिए 1 गुणनात्मक तत्समक (multiplicative identity) है ।

जाँच कीजिए कि 1 पूर्णांकों के लिए भी गुणनात्मक तत्समक है। 1 के साथ पूर्णांकों के निम्नलिखित गुणनफलों को देखिए :

(3)×1=3 1×5=5

(4)×1 = ______ 1×8= ______

1×(5) = ______ 3×1= ______

1×(6) = ______ 7×1= ______

यह दर्शाता है कि 1 पूर्णांकों के लिए भी गुणनात्मक तत्समक है। व्यापक रूप में, किसी भी पूर्णांक a के लिए, हम पाते हैं कि

a×1=1×a=a

यदि किसी भी पूर्णांक को -1 से गुणा किया जाए, तो क्या होता है ? निम्नलिखित को पूरा कीजिए:

(3)×(1)=3

3×(1)=3

(6)×(1)= __________

(1)×13= __________

(1)×(25)= __________

18×(1)= __________

आप क्या देखते हैं ?

क्या हम कह सकते हैं कि -1 पूर्णांकों के लिए गुणनात्मक तत्समक है ? नहीं।

पूर्णांकों के लिए शून्य योज्य तत्समक है, जबकि 1
गुणनात्मक तत्समक है। जब किसी पूर्णांक a को (1)
से गुणा किया जाता है, तो हमें उस पूर्णांक का योज्य
प्रतिलोम प्राप्त होता है, अर्थात्

a×(1)=(1)×a=a होता है। 


1.3.5 गुणन साहचर्य गुण

3,2 और 5 को लीजिए।

[(3)×(2)]×5 और (3)×[(2)×5] पर विचार कीजिए ।

प्रथम स्थिति में, (3) एवं (2) को मिलाकर एक समूह बनाया गया है और

दूसरी स्थिति में, (2) एवं 5 को मिलाकर एक समूह बनाया गया है।

हम पाते हैं कि [(3)×(2)]×5=6×5=30

और (3)×[(2)×5]=(3)×(10)=30

इस प्रकार, दोनों ही स्थितियों में हम एक ही उत्तर प्राप्त करते हैं।

अतः, [(3)×(2)]×5=(3)×[(2)×5]

निम्नलिखित पर विचार कीजिए और गुणनफलों को पूरा कीजिए:

[7×(6)]×4= ____________ ×4= ____________

7×[(6)×4]=7× ____________ = ____________

क्या [7×(6)]×4=7×[(6)×(4)] है? 

क्या पूर्णांकों के विभिन्न प्रकार के समूहों से गुणनफल प्रभावित होता है ? व्यापक रूप में, किन्हीं तीन पूर्णांकों a,b तथा c के लिए,

(a×b)×c=a×(b×c)

a,b और c मे से प्रत्येक के लिए पाँच मान लीजिए और इस गुण का सत्यापन कीजिए। अतः पूर्ण संख्याओं की तरह तीन पूर्णांकों का गुणनफल उनके समूह बनाने पर निर्भर नहीं करता है और यह पूर्णांकों के लिए गुणन का साहचर्य गुण कहलाता है ।

1.3.6 वितरण गुण

हम जानते हैं कि

16×(10+2)=(16×10)+(16×2) [योग पर गुणन का वितरण नियम]

आइए जाँच करते हैं क्या यह पूर्णांकों के लिए भी सत्य है ? निम्नलिखित को देखिए:

(a) (2)×(3+5)=2×8=16

और [(2)×3]+[(2)×5]=(6)+(10)=16

अत :, (2)×(3+5)=[(2)×3]+[(2)×5]

(b) (4)×[(2)+7]=(4)×5=20

और [(4)×(2)]+[(4)×7]=8+(28)=20

अत :,(4)×[(2)+7]=[(4)×(2)]+[(4)×7]

(c) (8)×[(2)+(1)]=(8)×(3)=24

और [(8)×(2)]+[(8)×(1)]=16+8=24

इसलिए, (8)×[(2)+(1)]=[(8)×(2)]+[(8)×(1)]

क्या हम कह सकते हैं कि पूर्णांकों के लिए भी योग पर गुणन का वितरण नियम सत्य है ? हाँ

व्यापक रूप में, किन्हीं तीन पूर्णांकों a,b और c के लिए,

a×(b+c)=a×b+a×c

a,b और c में से प्रत्येक के लिए कम से कम पाँच विभिन्न मान लीजिए और उपर्युक्त वितरण गुण को सत्यापित कीजिए।

प्रयास कीजिए

(i) क्या 10×[(6+(2)]=10×6+10×(2) ?

(ii) क्या (15)×[(7)+(1)]=(15)×(7)+(15)×(1) ?

अब निम्नलिखित पर विचार कीजिए :

क्या हम कह सकते हैं कि 4×(38)=4×34×8 है?

आइए इसकी जाँच करें :

4×(38)=4×(5)=20

4×34×8=1232=20

इसलिए, 4×(38)=4×34×8 है। 

निम्नलिखित पर विचार कीजिए :

(5)×[(4)(6)]=(5)×2=10

[(5)×(4)][(5)×(6)]=2030=10

अत :,(5)×[(4)(6)]=[(5)×(4)][(5)×(6)]

(9)×[10(3)] और [(9)×10][(9)×(3)]

के लिए इस कथन की जाँच कीजिए।

आप पाएँगे कि ये भी समान हैं।

व्यापक रूप में किन्हीं भी तीन पूर्णांकों a,b और c के लिए,

a×(bc)=a×ba×c

a,b और c में से प्रत्येक के लिए कम से कम पाँच मान लीजिए और इस गुण को सत्यापित कीजिए।

प्रयास कीजिए

(i) क्या 10×(6(2)]=10×610×(2) है?

(ii) क्या (15)×[(7)(1)]=(15)×(7)(15)×(1) है?

प्रश्नावली 1.2

1. निम्नलिखित गुणनफलों को ज्ञात कीजिए :

(a) 3×(1)

(b) (1)×225

(c) (21)×(30)

(d) (316)×(1)

(e) (15)×0×(18)

(f) (12)×(11)×(10)

(g) 9×(3)×(6)

(h) (18)×(5)×(4)

(i) (1)×(2)×(3)×4

(j) (3)×(6)×(2)×(1)

2. निम्नलिखित को सत्यापित कीजिए :

(a) 18×[7+(3)]=[18×7]+[18×(3)]

(b) (21)×[(4)+(6)]=[(21)×(4)]+[(21)×(6)]

3. (i) किसी भी पूर्णांक a के लिए, (1)×a किसके समान है ?

(ii) वह पूर्णांक ज्ञात कीजिए, जिसका (1) के साथ गुणनफल है :

(a) -22

(b) 37

(c) 0

4. (1)×5 से आरंभ करके विभिन्न गुणनफलों द्वारा कोई पैटर्न दर्शाते हुए (1)×(1)=1 को निरूपित कीजिए।

1.4 पूर्णांकों का विभाजन

हम जानते हैं कि विभाजन, गुणा की विपरीत संक्रिया है। आइए पूर्ण संख्याओं के लिए एक उदाहरण देखें:

क्योंकि 3×5=15 है, इसलिए 15÷5=3 और 15÷3=5 है।

इसी प्रकार, 4×3=12 से 12÷4=3 एवं 12÷3=4 प्राप्त होता है।

इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि पूर्ण संख्याओं के प्रत्येक गुणन कथन के लिए दो विभाजन या भाग, कथन हैं।

क्या आप पूर्णांकों के लिए गुणन कथन एवं संगत भाग कथनों को लिख सकते हैं ?

  • निम्नलिखित सारणी को देखिए और इसे पूरा कीजिए।
गुणन कथन संगत भाग कथन
2×(6)=(12) (12)÷(6)=2 ,(12)÷2=(6)
(4)×5=(20) (20)÷(5)=(4) ,(20)÷(4)=5
(8)×(9)=72 72÷ ______ = ______ 72÷ ______ = ______
(3)×(7)= ______ ______÷(3)= ______ , ______________
(8)×4= ______ ______________ , ______________
5×(9)= ______ ______________ , ______________
(10)×(5)= ______________ ,______________

उपर्युक्त से हम देखते हैं कि

(12)÷2=(6)

(20)÷(5)=(4)

(32)÷4=8

(45)÷5=9

प्रयास कीजिए

ज्ञात कीजिए :

(a) (100)÷5

(b) (81)÷9

(c) (75)÷5

(d) (32)÷2


हम देखते हैं कि जब हम एक ॠणात्मक पूर्णांक को धनात्मक पूर्णांक से भाग देते हैं, तो हम उन्हें पूर्ण संख्याओं के रूप में भाग देते हैं और उसके पश्चात् भागफल से पहले ॠण चिह्न () रख देते हैं।

हम यह भी देखते हैं कि

72÷(8)=9 और 50÷(10)=5

72÷(9)=850÷(5)=10

इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि जब हम एक धनात्मक पूर्णांक को एक ॠणात्मक पूर्णांक से भाग देते हैं, तो सर्वप्रथम हम उन्हें पूर्ण संख्याओं के रूप में भाग देते हैं और उसके पश्चात् भागफल के सामने ॠण चिह्न () रख देते हैं।

क्या हम कह सकते हैं कि (48)÷8=48÷(8) ? आइए जाँच करते हैं। हम जानते हैं कि
(48)÷8=6 और 48÷(8)=6 । इसलिए (48)÷8=48÷(8)

निम्नलिखित के लिए इसकी जाँच कीजिए

(i) 90÷(45) और (90)÷45

(ii) (136)÷4 और 136÷(4)


व्यापक रूप में, किन्हीं दो धनात्मक पूर्णांकों a तथा b के लिए,

a÷(b)=(a)÷b, जहाँ b0

प्रयास कीजिए

ज्ञात कीजिए : (a) 125÷(25) (b) 80÷(5) (c) 64÷(16)

अंत में, हम देखते हैं कि

(12)÷(6)=2;(20)÷(4)=5;(32)÷(8)=4;(45)÷(9)=5

इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि जब हम एक ॠणात्मक पूर्णांक को एक ॠणात्मक पूर्णांक से भाग देते हैं, तो सर्वप्रथम हम उन्हें पूर्ण संख्याओं के रूप में भाग देते हैं और उसके पश्चात् भागफल से पहले धनात्मक चिन्न (+) रख देते हैं।

व्यापक रूप में, किन्हीं दो ॠणात्मक पूर्णांकों a तथा b के लिए,

(a)÷(b)=a÷b, जहाँ b0 है। 

प्रयास कीजिए

ज्ञात कीजिए : (a) (36)÷(4) (b) (201)÷(3) (c) (325)÷(13)


1.5 पूर्णांकों के भाग के गुण

निम्नलिखित सारणी को देखिए और इसे पूरा कीजिए:

कथन निष्कर्ष कथन निष्कर्ष
(8)÷(4)=2 परिणाम एक पूर्णांक है (8)÷3=83 ___________
(4)÷(8)=48 परिणाम एक पूर्णांक नहीं है 3÷(8)=38 ___________

आप क्या देखते हैं ? हम देखते हैं कि पूर्णांक भाग के अंतर्गत संवृत नहीं हैं। अपनी ओर से पाँच और उदाहरण लेते हुए, इस कथन की सत्यता के लिए उचित कारण बताइए।

हम जानते हैं कि पूर्ण संख्याओं के लिए भाग क्रमविनिमेय नहीं है। आइए पूर्णांकों के लिए भी इसकी जाँच करें।

आप सारणी से देख सकते हैं कि (8)÷(4)(4)÷(8) है।

क्या (9)÷3 और 3÷(9) एक समान हैं ?

क्या (30)÷(6) और (6)÷(30) एक समान हैं ?

क्या हम कह सकते हैं कि पूर्णांकों के लिए भाग क्रमविनिमेय है ?

नहीं। आप पाँच और पूर्णांक युग्म लेकर इसे सत्यापित कर सकते हैं।

पूर्ण संख्याओं की तरह, किसी भी पूर्णांक को शून्य से भाग करना अर्थहीन है और शून्येतर पूर्णांक से शून्य को भाग देने पर शून्य प्राप्त होता है, अर्थात् किसी भी पूर्णांक a के लिए a÷0 परिभाषित नहीं है। परंतु 0÷a=0,a0 के लिए है।

जब हम किसी पूर्ण संख्या को 1 से भाग देते हैं, तो हमें वही पूर्ण संख्या प्राप्त होती है। आइए इसकी जाँच करते हैं कि क्या यह ॠणात्मक पूर्णांकों के लिए भी सत्य है ।

निम्नलिखित को देखिए :

(8)÷1=(8)

(11)÷1=11

(13)÷1=13

(25)÷1= ________

(37)÷1= ________

(48)÷1= ________

यह दर्शाता है कि ॠणात्मक पूर्णांक को 1 से भाग देने पर वही ॠणात्मक पूर्णांक प्राप्त होता है। अतः किसी भी पूर्णाक को 1 से भाग देने पर वही पूर्णांक प्राप्त होता है। व्यापक रूप में, किसी भी पूर्णांक a के लिए

a÷1=a

किसी पूर्णांक को (1) से भाग देने पर क्या होता है ? निम्नलिखित सारणी को पूरा कीजिए :

(8)÷(1)=8

11÷(1)=11

13÷(1)= __________

(25)÷(1)= __________

(37)÷(1)= __________

48÷(1)= __________

आप क्या देखते हैं ?

हम कह सकते हैं कि किसी भी पूर्णांक को (1) से भाग देने पर वही पूर्णांक प्राप्त नहीं होता है।

क्या हम कह सकते हैं कि [(16)÷4]÷(2) एवं (16)÷[4÷(2)] समान हैं ?

हम जानते हैं कि [(16)÷4]÷(2)=(4)÷(2)=2

और (16)÷[4÷(2)]=(16)÷(2)=8

अतः, [(16)÷4]÷(2)(16)÷[4÷(2)]

क्या आप कह सकते हैं कि पूर्णांकों के लिए भाग साहचर्य है नहीं! अपनी ओर से पाँच अन्य उदाहरण लेकर इसे सत्यापित कीजिए।

उदाहरण 2 किसी टेस्ट में प्रत्येक सही उत्तर के लिए (+5) अंक दिए जाते हैं ओर प्रत्येक गलत उत्तर के लिए (2) अंक दिए जाते हैं। (i) राधिका ने सभी प्रश्नों के उत्तर दिए और 30 अंक प्राप्त किए, जबकि उसके 10 उत्तर सही पाए गए । (ii) जय ने भी सभी प्रश्नों के उत्तर दिए और उसने (-12) अंक प्राप्त किए, जबकि उसके चार उत्तर सही पा गए। उनमें से प्रत्येक ने कितने प्रश्नों के उत्तर गलत दिए ?

प्रयास कीजिए

क्या किसी भी पूर्णांक a के लिए

(i) 1÷a=1 है ?

(ii) a÷(1)=a है ?

a के विभिन्न मानों के लिए इनकी जाँच कीजिए।

हल

(i) एक सही उत्तर के लिए दिए गए अंक =5

अतः, 10 सही उत्तरों के लिए दिए गए अंक =5×10=50

राधिका के द्वारा प्राप्त किए गए अंक =30

गलत उत्तरों के लिए प्राप्तांक =3050=20

एक गलत उत्तर के लिए दिए गए अंक =(2)

इसलिए, गलत उत्तरों की संख्या =(20)÷(2)=10

(ii) चार सही उत्तरों के लिए दिए गए अंक =5×4=20

जय द्वारा प्राप्त किए गए अंक =12

गलत उत्तरों के लिए प्राप्तांक =1220=32

इसलिए, गलत उत्तरों की संख्या =(32)÷(2)=16

उदाहरण 3 कोई दुकानदार एक पेन बेचने पर ₹ 1 का लाभ अर्जित करती है और अपने पुराने स्टॉक की पेंसिलों को बेचते हुए 40 पैसे प्रति पेंसिल की हानि उठाती है।

(i) किसी विशिष्ट महीने में उसने ₹ 5 की हानि उठाई।

इस अवधि में उसने 45 पेन बेचे। बताइए इस अवधि में उसने कितनी पेंसिलें बेचीं ।

(ii) अगले महीने में उसे न तो लाभ हुआ और न ही हानि हुई। यदि इस महीने में उसने 70 पेन बेचे, तो उसने कितनी पेंसिलें बेचीं ?

हल

(i) एक पेन को बेचने पर अर्जित लाभ = ₹ 1

45 पेनों को बेचने पर अर्जित लाभ = ₹ 45

जिसे हम + ₹ 45 से निर्दिष्ट करते हैं।

दी हुई कुल हानि = ₹ 5 जिसे - ₹ 5 से निर्दिष्ट करते हैं।

अर्जित लाभ + उठाई गई हानि = कुल हानि

इसलिए उठाई गई हानि = कुल हानि - अर्जित लाभ

Math input error पैसे

एक पेंसिल को बेचने से उठाई गई हानि =40 पैसे जिसे हम -40 पैसे के रूप में लिखते हैं।

इसलिए बेची गई पेंसिलों की संख्या =(5000)÷(40)=125

(ii) अगले महीने में न तो लाभ हुआ और न ही हानि हुई।

इसलिए अर्जित लाभ + उठाई गई हानि =0

अर्थात् अर्जित लाभ = उठाई गई हानि

अब, 70 पेनों की बेचने से अर्जित लाभ = ₹ 70

इसलिए पेंसिलों को बेचने से उठाई गई हानि = ₹ 70 , जिसे हम - ₹ 70 अर्थात् - 7000 पैसे से दर्शाते हैं।

बेची गई पेंसिलों की कुल संख्या =(7000)÷(40)=175 पेंसिलें

प्रश्नावली 1.3

1. निम्नलिखित में से प्रत्येक का मान ज्ञात कीजिए :

(a) (30)÷10

(b) 50÷(5)

(c) (36)÷(9)

(d) (49)÷(49)

(e) 13÷[(2)+1]

(f) 0÷(12)

(g) (31)÷[(30)+(1)]

(h) [(36)÷12]÷3 (i) [(6)+5)]÷[(2)+1]

2. a,b और c के निम्नलिखित मानों में से प्रत्येक के लिए, a÷(b+c)(a÷b)+(a÷c) को सत्यापित कीजिए

(a) a=12,b=4,c=2

(b) a=(10),b=1,c=1

3. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :

(a) 369÷ ________ =369

(b) (75)÷ ________ =1

(c) (206)÷ ________ =1

(d) 87÷ ________ =87

(e) ________ ÷1=87

(f) ________ ÷48=1

(g) 20÷ ________ =2

(h) ________ ÷(4)=3

4. पाँच ऐसे पूर्णांक युग्म (a,b) लिखिए, ताकि a÷b=3 हो । ऐसा एक युग्म (6,2) है, क्योंकि 6÷(2)=(3) है।

5. दोपहर 12 बजे तापमान शून्य से 10C ऊपर था। यदि यह आधी रात तक 2C प्रति घंटे की दर से कम होता है, तो किस समय तापमान शून्य से 8C नीचे होगा ? आधी रात को तापमान क्या होगा ?

6. एक कक्षा टेस्ट में प्रत्येक सही उत्तर के लिए (+3) अंक दिए जाते हैं और प्रत्येक गलत उत्तर के लिए (2) अंक दिए जाते हैं और किसी प्रश्न को हल करने का प्रयत्न नहीं करने पर कोई अंक नहीं दिया जाता है। (i) राधिका ने 20 अंक प्राप्त किए। यदि उसके 12 उत्तर सही पाए जाते हैं, तो उसने कितने प्रश्नों का उत्तर गलत दिया है ? (ii) मोहिनी टेस्ट में (5) अंक प्राप्त करती है, जबकि उसके 7 उत्तर सही पाए जाते हैं । उसने कितने प्रश्नों का उत्तर गलत दिया है?

7. एक उत्थापक किसी खान कूपक में 6 m प्रति मिनट की दर से नीचे जाता है। यदि नीचे जाना भूमि तल से 10 m ऊपर से शुरू होता है, तो 350 m पहुँचने में कितना समय लगेगा ?

हमने क्या चर्चा की ?

1. अब हमने योग एवं व्यवकलन द्वारा संतुष्ट होने वाले गुणों का अध्ययन किया है।

(a) पूर्णांक योग एवं व्यवकलन दोनों के लिए संवृत्त है। अर्थात्, a+b और ab दोनों पुन: पूर्णांक होते हैं, जहाँ a और b कोई भी पूर्णांक हैं।

(b) पूर्णांकों के लिए योग क्रमविनिमेय है, अर्थात् सभी पूर्णांकों a तथा b के लिए, a+b=b+a

(c) पूर्णांकों के लिए योग साहचर्य है, अर्थात् सभी पूर्णांकों a,b तथा c के लिए (a+b)+ c=a+(b+c) होता है।

(d) योग के अंतर्गत पूर्णांक शून्य तत्समक है, अर्थात किसी भी पूर्णांक a के लिए, a+0 =0+a=a होता है।

2. हमने यह भी अध्ययन किया है कि पूर्णांकों को कैसे गुणा किया जा सकता है और हमने पाया कि एक धनात्मक एवं एक ॠणात्मक पूर्णांक का गुणनफल एक ॠणात्मक पूर्णांक है, जबकि दो ॠणात्मक पूर्णांकों का गुणनफल एक धनात्मक पूर्णांक है।
उदाहरणतः, 2×7=14 और 3×(8)=24 है।

3. ॠणात्मक पूर्णांकों की संख्या सम होने पर उनका गुणनफल धनात्मक होता है जबकि यह संख्या विषम होने पर उनका गुणनफल ॠणात्मक होता है।

4. पूर्णांक गुणन के अंतर्गत कुछ गुणों को दर्शाते हैं।

(a) गुणन के अंतर्गत पूर्णांक संवृत होते हैं, अर्थात् किन्हीं दो पूर्णांकों a तथा b के लिए a×b एक पूर्णांक होता है ।

(b) पूर्णांकों के लिए गुणन क्रमविनिमेय होता है, अर्थात् किन्हीं दो पूर्णांको a तथा b के लिए a×b=b×a होता है।

(c) गुणन के अंतर्गत पूर्णांक 1 , तत्समक है, अर्थात् किसी भी पूर्णांक a के लिए 1×a=a×1=a होता है।

(d) पूर्णाकों के लिए गुणन साहचर्य होता है, अर्थात् किन्हीं तीन पूर्णांकों a,b, तथा c के लिए, (a×b)×c=a×(b×c) होता है।

5. योग एवं गुणन के अंतर्गत पूर्णांक एक गुण को दर्शाते हैं, जिसे वितरण गुण कहा जाता है, अर्थात् किन्हीं तीन पूर्णांकों a,b तथा c के लिए, a×(b+c)=a×b+a×c होता है।

6. योग एवं गुणन के अंतर्गत क्रमविनिमेयता, सहचारिता और वितरणता के गुण हमारे परिकलन को आसान बनाते हैं।

7. हमने यह भी सीखा है कि पूर्णांकों को कैसे भाग दिया जाता है। हमने पाया कि

(a) जब एक धनात्मक पूर्णांक को एक ॠणात्मक पूर्णांक से भाग दिया जाता है या जब एक ॠणात्मक पूर्णांक को एक धनात्मक पूर्णांक से भाग दिया जाता है, तो प्राप्त भागफल एक ॠणात्मक होता है।

(b) एक ॠणात्मक पूर्णांक को दूसरे ॠणात्मक पूर्णांक से भाग देने पर प्राप्त भागफल एक धनात्मक होता है।

8. किसी भी पूर्णांक a के लिए, हम पाते हैं कि

(a) a÷0 परिभाषित नहीं है ।

(b) a÷1=a है।