अध्याय 05 साथी हाथ बढ़ाना

साथी हाथ बढ़ाना
एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।
साथी हाथ बढ़ाना।
हम मेहनतवालों ने जब भी, मिलकर कदम बढ़ाया
सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया
फ़ौलादी हैं सीने अपने, फ़ौलादी हैं बाँहें
हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें
साथी हाथ बढ़ाना।

मेहनत अपने लेख की रेखा, मेहनत से क्या डरना
कल गैरों की खातिर की, आज अपनी खातिर करना
अपना दुख भी एक है साथी, अपना सुख भी एक
मंज़िल सच की मंज़िल, अपना रस्ता नेक
साथी हाथ बढ़ाना।

एक से एक मिले तो कतरा, बन जाता है दरिया
एक से एक मिले तो ज़र्रा, बन जाता है सेहरा
एक से एक मिले तो राई, बन सकती है परबत
एक से एक मिले तो इंसाँ, बस में कर ले किस्मत
साथी हाथ बढ़ाना।

$\square$ साहिर लुधियानवी

प्रश्न-अभ्यास

गीत से

1. इस गीत की किन पंक्तियों को तुम अपने आसपास की ज़िदगी में घटते हुए देख सकते हो ?

2. ‘सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया’-साहिर ने ऐसा क्यों कहा है? लिखो।

3. गीत में सीने और बाँहों को फ़ौलादी क्यों कहा गया है?

गीत से आगे

1. अपने आसपास तुम किसे ‘साथी’ मानते हो और क्यों? इससे मिलते-जुलते कुछ और शब्द खोजकर लिखो।

2. ‘अपना दुख भी एक है साथी, अपना सुख भी एक’ कक्षा, मोहल्ले और गाँव / शहर के किस-किस तरह के साथियों के बीच तुम्हें इस वाक्य की सच्चाई महसूस होती है और कैसे?

3. इस गीत को तुम किस माहौल में गुनगुना सकते हो?

4. ‘एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना’-

(क) तुम अपने घर में इस बात का ध्यान कैसे रख सकते हो?

(ख) पापा के काम और माँ के काम क्या-क्या हैं?

(ग) क्या वे एक-दूसरे का हाथ बँटाते हैं?

5. यदि तुमने ‘नया दौर’ फ़िल्म देखी है तो बताओ कि यह गीत फ़िल्म में कहानी के किस मोड़ पर आता है? यदि तुमने फ़िल्म नहीं देखी है तो फ़िल्म देखो और बताओ।

कहावतों की दुनिया

1. $\bullet$ अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।

$\bullet$ एक और एक मिलकर ग्यारह होते हैं।

(क) ऊपर लिखी कहावतों का अर्थ गीत की किन पंक्तियों से मिलता-जुलता है?

(ख) इन दोनों कहावतों का अर्थ कहावत-कोश में देखकर समझो और उनका वाक्यों में प्रयोग करो।

2. नीचे हाथ से संबंधित कुछ मुहावरे दिए हैं। इनके अर्थ समझो और प्रत्येक मुहावरे से वाक्य बनाओ-

(क) हाथ को हाथ न सूझना

(ख) हाथ साफ़ करना

(ग) हाथ-पैर फूलना

(घ) हाथों-हाथ लेना

(ङ) हाथ लगना

भाषा की बात

1. हाथ और हस्त एक ही शब्द के दो रूप हैं। नीचे दिए शब्दों में हस्त और हाथ छिपे हैं। शब्दों को पढ़कर बताओ कि हाथों का इनमें क्या काम है-

हाथघड़ी हथौड़ा हस्तशिल्प हस्तक्षेप
निहत्था हथकंडा हस्ताक्षर हथकरघा

2. इस गीत में परबत, सीस, रस्ता, इंसाँ जैसे शब्दों के प्रयोग हुए हैं। इन शब्दों के प्रचलित रूप लिखो।

3. ‘कल गैरों की खातिर की, आज $\underline{\text{अपनी}}$ खातिर करना’-
इस वाक्य को गीतकार इस प्रकार कहना चाहता है-

(तुमने) कल गैरों की खातिर (मेहनत) की, आज (तुम) अपनी खातिर करना। इस वाक्य में ‘तुम’ कर्ता है जो गीत की पंक्ति में छंद बनाए रखने के लिए हटा दिया गया है। उपर्युक्त पंक्ति में रेखांकित शब्द ‘$\underline{\text{अपनी}}$’ का प्रयोग कर्ता ‘तुम’ के लिए हो रहा है, इसलिए यह सर्वनाम है। ऐसे सर्वनाम जो अपने आप के बारे में बताएँ निजवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। (निज का अर्थ ‘अपना’ होता है।) निजवाचक सर्वनाम के तीन प्रकार होते हैं जो नीचे दिए वाक्यों में रेखांकित हैं-

  • $\underline{\text{मैं अपने आप}}$ (या $\underline{\text{आप}}$) घर चली जाऊँगी।

  • बब्बन $\underline{\text{अपना}}$ काम खुद करता है।

  • सुधा ने $\underline{\text{अपने लिए}}$ कुछ नहीं खरीदा।

अब तुम भी निजवाचक सर्वनाम के निम्नलिखित रूपों का वाक्यों में प्रयोग करो-

अपने को अपने से अपना
अपने पर अपने लिए आपस में

कुछ करने को

  • बातचीत करते समय हमारी बातें हाथ की हरकत से प्रभावशाली होकर दूसरे तक पहुँचती हैं। हाथ की हरकत से या हाथ के इशारे से भी कुछ कहा जा सकता है। नीचे लिखे हाथ के इशारे किन अवसरों पर प्रयोग होते हैं? लिखो-
‘क्यो’ पूछते हाथ मना करते हाथ समझाते हाथ
बुलाते हाथ आरोप लगाते हाथ चेतावनी देते हाथ
जोश दिखाते हाथ


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