अध्याय 04 चाँद से थोड़ी-सी गप्पें

(दस-ग्यारह साल की एक लड़की)

गोल हैं खूब मगर
आप तिरछे नज़र आते हैं ज़ारा।
आप पहने हुए हैं कुल आकाश
तारों-जड़ा;
सिर्फ मुँह खोले हुए हैं अपना
गोरा-चिट्टा
गोल-मटोल,

अपनी पोशाक को फैलाए हुए चारों सिम्त।
आप कुछ तिरछे नज़र आते हैं जाने कैसे
$-$खूब हैं गोकि!
वाह जी, वाह!
हमको बुद्धू ही निरा समझा है!
हम समझते ही नहीं जैसे कि
आपको बीमारी है:
आप घटते हैं तो घटते ही चले जाते हैं,
और बढ़ते हैं तो बस यानी कि
बढ़ते ही चले जाते हैं-
दम नहीं लेते हैं जब तक बि ल कु ल ही
गोल न हो जाएँ,
बिलकुल गोल।
यह मरज़ आपका अच्छा ही नहीं होने में……
आता है।

$\square $ शमशेर बहादुर सिंह

प्रश्न-अभ्यास

कविता से

1. ‘आप पहने हुए हैं कुल आकाश’ के माध्यम से लड़की कहना चाहती है कि-

(क) चाँद तारों से जड़ी हुई चादर ओढ़कर बैठा है।

(ख) चाँद की पोशाक चारों दिशाओं में फैली हुई है।
तुम किसे सही मानते हो?

2. कवि ने चाँद से गप्पें किस दिन लगाई होंगी? इस कविता में आई बातों की मदद से अनुमान लगाओ और उसका कारण भी बताओ।

दिन कारण
पूर्णिमा $……………………………………….$
अष्टमी से पूर्णिमा के बीच $……………………………………….$
प्रथमा से अष्टमी के बीच $……………………………………….$

3. नयी कविता में तुक या छंद के बदले बिंब का प्रयोग अधिक होता है। बिंब वह तसवीर होती है जो शब्दों को पढ़ते समय हमारे मन में उभरती है। कई बार कुछ कवि शब्दों की ध्वनि की मदद से ऐसी तसवीर बनाते हैं और कुछ कवि अक्षरों या शब्दों को इस तरह छापने पर बल देते हैं कि उनसे कई चित्र हमारे मन में बनें। इस कविता के अंतिम हिस्से में चाँद को एकदम गोल बताने के लिए कवि ने बि ल कु ल शब्द के अक्षरों को अलग-अलग करके लिखा है। तुम इस कविता के और किन शब्दों को चित्र की आकृति देना चाहोगे? ऐसे शब्दों को अपने ढंग से लिखकर दिखाओ।

अनुमान और कल्पना

1. कुछ लोग बड़ी जल्दी चिढ़ जाते हैं। यदि चाँद का स्वभाव भी आसानी से चिढ़ जाने का हो तो वह किन बातों से सबसे ज़्यादा चिढ़ेगा? चिढ़कर वह उन बातों का क्या जवाब देगा? अपनी कल्पना से चाँद की ओर से दिए गए जवाब लिखो।

2. यदि कोई सूरज से गप्पें लगाए तो वह क्या लिखेगा? अपनी कल्पना से गद्य या पद्य में लिखो। इसी तरह की कुछ और गप्पें निम्नलिखित में से किसी एक या दो से करके लिखो-

पेड़ $\hspace{1.5cm}$ बिजली का खंभा $\hspace{1.5cm}$ सड़क $\hspace{1.5cm}$ पेट्रोल पंप

भाषा की बात

1. चाँद संज्ञा है। चाँदनी रात में चाँदनी विशेषण है।
नीचे दिए गए विशेषणों को ध्यान से देखो और बताओ कि-

(क) कौन-सा प्रत्यय जुड़ने पर विशेषण बन रहे हैं।

(ख) इन विशेषणों के लिए एक-एक उपयुक्त संज्ञा भी लिखो-

गुलाबी पगड़ी मखमली घास कीमती गहने
ठंडी रात जंगली फूल कश्मीरी भाषा

2. $\bullet$ गोल-मटोल $\hspace{1.5cm}$ $\bullet$ गोरा-चिट्टा

कविता में आए शब्दों के इन जोड़ों में अंतर यह है कि चिट्टा का अर्थ सफ़ेद है और गोरा से मिलता-जुलता है, जबकि मटोल अपने-आप में कोई शब्द नहीं है। यह शब्द ‘मोटा’ से बना है। ऐसे चार-चार शब्द युग्म सोचकर लिखो और उनका वाक्यों में प्रयोग करो।

3. ‘बिलकुल गोल’- कविता में इसके दो अर्थ हैं-

(क) गोल आकार का

(ख) गायब होना!

ऐसे तीन और शब्द सोचकर, उनसे ऐसे वाक्य बनाओ जिनके दो-दो अर्थ निकलते हों।

4. ताकि, जबकि, चूँकि, हालाँकि-कविता की जिन पंक्तियों में ये शब्द आए हैं, उन्हें ध्यान से पढ़ो। ये शब्द दो वाक्यों को जोड़ने का काम करते हैं। इन शब्दों का प्रयोग करते हुए दो-दो वाक्य बनाओ।

5. गप्प, गप-शप, गप्पबाज़ी-क्या इन शब्दों के अर्थों में अंतर है? तुम्हें क्या लगता है? लिखो।

कुछ करने को

  • पृथ्वी के चारों ओर परिभ्रमण करते हुए चंद्रमा भी पृथ्वी के साथ-साथ सूर्य का परिभ्रमण करता है। इन्हों दोनों परिभ्रमणों से वर्ष और मास की गणनाएँ होती हैं। सामान्यतः तीस दिनों के महीने होते हैं जिन्हें चंद्रमा की वार्षिक गति को बारह महीनों में विभाजित करके निर्धारित किया जाता है। तीस दिनों में पंद्रह-पंद्रह दिनों के दो पक्ष होते हैं। जिन पंद्रह दिनों में चंद्रमा बढ़ते-बढ़ते पूर्णिमा तक पहुँचता है, उसे शुक्लपक्ष और जिन पंद्रह दिनों में चंद्रमा घटते-घटते अमावस्या तक जाता है, उसे कृष्णपक्ष कहते है। इसी तरह एक वर्ष के बारह महीनों में छह-छह माह के दो अयन होते हैं। जिन छह महीनों में मौसम का तापमान बढ़ता है, उसे उत्तरायण और जिन छह महीनों में मौसम का तापमान घटता है, उसे दक्षिणायन कहते हैं। संवत् के बारह महीनों के नाम इस प्रकार हैं-चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फाल्गुन।

  • अंग्रेज़ी कैलेंडर की वार्षिक गणना सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के परिभ्रमण की अवधि के अनुसार तीन सौ पैंसठ दिनों की होती है। इसके महीनों की गणना पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा के परिभ्रमण पर आधारित नहीं है। इसमें वर्ष के तीन सौ पैंसठ दिनों को ही बारह महीनों में विभाजित किया गया है। इस कैलेंडर के सभी महीने तीस-तीस दिन के नहीं होते। अप्रैल, नवंबर, जून, सितंबर-इनके हैं दिन तीस। फरवरी है अट्ठाइस दिन की, बाकी सब इकत्तीस।

  • नीचे दो प्रकार के कैलेंडर दिए गए हैं। इन्हें देखो और प्रश्नों के उत्तर दो।

मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष-मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष संवत् २०६३
६ नवंबर से ४ दिसंबर सन् २००६

रवि सोम मंगल बुध गुरु शुक्र शनि
कृ.प्रतिपदा कृ.द्वितीया कृ.तृतीया कृ.चतुर्थी कृ.पंचमी कृ.षष्ठी
कृ.सप्तमी कृ.अष्टमी कृ.नवमी कृ.दशमी कृ.एकादशी कृ.द्वादशी कृ.त्रयोदश
१० ११ १२ १३
कृ.चतुर्दशी अमावस्या शु.प्रतिपदा शु.द्वितीया शु.तृतीया शु.चतुर्थी शु.पंचमी
१૪ १५
शु.षष्ठी शु.सप्तमी शु.अष्टमी शु.नवमी शु.दशमी शु.एकादशी शु.द्वादशी
१० ११ १२
शु.त्रयोदशी शु.चतुर्दशी पूर्णिमा
१३ १૪ १५

नवंबर-दिसंबर ई.सन् 2006
6 नवंबर से 4 दिसंबर सन् 2006

रवि सोम मंगल बुध गुरु शुक्र शनि
6 7 8 9 10 11
12 13 14 15 16 17 18
19 20 21 22 23 24 25
26 27 28 29 30 1 2
3 4

(क) ऊपर दिए गए कैलेंडरों में से किस कैलेंडर में चंद्रमा के अनुसार महीने के दिन दिए गए हैं?

(ख) दिए गए दोनों कैलेंडरों के अंतर स्पष्ट करो।

(ग) कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष का क्या अर्थ होता है?



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