अध्याय 11 बीजगणित

11.1 भूमिका

अभी तक हमारा अध्ययन संख्याओं और आकारों के साथ रहा है। अब तक हम संख्याओं, संख्याओं पर संक्रियाओं और उनके गुणों के बारे में पढ़ चुके हैं। हमने संख्याओं को दैनिक जीवन की विभिन्न समस्याओं को हल करने में उपयोग किया है। गणित की वह शाखा जिसमें हमने संख्याओं का अध्ययन किया, अंकगणित (arithmetic) कहलाती है। हम दो और तीन विमाओं (dimensions) वाली आकृतियाँ तथा उनके गुणों के बारे में भी पढ़ चुके हैं। गणित की वह शाखा जिसमें हम इन आकृतियों अथवा आकारों (shapes) का अध्ययन करते हैं, ज्यामिति ( geometry) कहलाती है। अब हम गणित की एक अन्य शाखा का अध्ययन प्रारंभ करने जा रहे हैं, जो बीजगणित ( algebra ) कहलाती है।

इस नयी शाखा, जिसका अध्ययन हम प्रारंभ करने जा रहे हैं, की मुख्य विशेषता यह है कि इसमें अक्षरों का प्रयोग किया जाता है। अक्षरों के प्रयोग से, हम नियमों और सूत्रों (formulas) को व्यापक रूप में लिख पाने में समर्थ हो जाएँगे। अक्षरों के इस प्रयोग से, हम केवल एक विशेष संख्या की ही बात न करके, किसी भी संख्या की बात कर सकते हैं। दूसरी बात यह है कि अक्षर अज्ञात राशियों के स्थान पर भी प्रयोग किए जा सकते हैं। इन अज्ञात राशियों (unknowns) को निर्धारित करने की विधियों को सीखकर हम पहेलियाँ (puzzles) और दैनिक जीवन से संबंधित अनेक समस्याओं को हल करने के अनेक प्रभावशाली साधन विकसित कर सकते हैं। तीसरी बात यह है कि ये अक्षर संख्याओं के स्थान पर प्रयोग किए जाते हैं, इसलिए इन पर संख्याओं की तरह संक्रियाएँ भी की जा सकती हैं। इससे हम बीजीय व्यंजकों (algebraic expressions) और उनके गुणों के अध्ययन की ओर अग्रसर होते हैं।

आप बीजगणित को रोचक और उपयोगी पाएँगे। यह समस्याओं के हल करने में अति उपयोगी रहता है। आइए, अपने अध्ययन को सरल उदाहरणों द्वारा प्रारंभ करें।

11.2 माचिस की तीलियों से बने प्रतिरूप

अमीना और सरिता माचिस की तीलियों से प्रतिरूप (Pattern) बना रही हैं। उन्होंने अंग्रेज़ी वर्णमाला के अक्षरों के सरल प्रतिरूप बनाने का निर्णय किया। अमीना दो तीलियाँ लेकर अक्षर L बनाती है, जैसा कि आकृति 11.1 (a) में दिखाया गया है। फिर सरिता भी दो तीलियाँ लेती है और उनसे एक अन्य L बनाकर अमीना द्वारा बनाए गए L के आगे रख देती है, जैसा कि आकृति 11.1 (b) में दिखाया गया है।

फिर अमीना एक और L बनाकर आगे रख देती है और यह सिलसिला आगे जारी रहता है जैसा कि 11.1 (c) में बिंदुओं से दर्शाया गया है।


तभी उनका मित्र अप्पू आ जाता है। वह इस प्रतिरूप को देखता है। अप्पू सदैव प्रश्न पूछता रहता है। वह इन लड़कियों से पूछता है, “सात L बनाने के लिए कितनी तीलियों की आवश्यकता पड़ेगी?” अमीना और सरिता सुचारु रूप से कार्य करती हैं। वे 1 L,2 L,3 L इत्यादि से प्रतिरूप बनाती रहती हैं और एक सारणी बनाती हैं :

सारणी-1


अप्पू को सारणी- 1 से अपना उत्तर प्राप्त हो जाता है। 7 L बनाने के लिए 14 तीलियों की आवश्यकता होगी।

सारणी में लिखते समय, अमीना यह अनुभव करती है कि आवश्यक तीलियों की संख्या बनाए गए L की संख्या की दोगुनी है। अर्थात्

आवश्यक तीलियों की संख्या =2×L की संख्या

आइए, सुविधा के लिए, L की संख्या के लिए अक्षर n लिखें।

यदि एक L बनाया जाता है, तो n=1 है; यदि 2 L बनाए जाते हैं तो n=2 है; इत्यादि। इस प्रकार, n कोई भी प्राकृत संख्या 1,2,3,4,5, हो सकती है। फिर हम लिखते हैं : आवश्यक तीलियों की संख्या =2×n है।

2×n लिखने के स्थान पर, हम इसे 2n लिखते हैं। ध्यान दीजिए 2n वही है जो 2×n है।


अमीना अपने मित्रों से कहती है कि उसका यह नियम कितनी भी संख्या में L बनाने के लिए आवश्यक तीलियों की संख्या बता सकता है।

इस प्रकार, n=1 के लिए, आवश्यक तीलियों की संख्या =2×1=2;

n=2 के लिए, आवश्यक तीलियों की संख्या =2×2=4;

n=3 के लिए, आवश्यक तीलियों की संख्या =2×3=6 इत्यादि।

ये संख्याएँ सारणी-1 में दी हुई संख्याओं जैसी ही हैं।

सरिता कहती है, “यह नियम बहुत प्रभावशाली है! इस नियम का प्रयोग करके मैं 100 L बनाने में आवश्यक तीलियों की संख्या भी बता सकती हूँ। एक बार नियम ज्ञात हो जाए, तो मुझे प्रतिरूप खींचने या सारणी बनाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।”

क्या आप सरिता से सहमत हैं?

11.3 एक चर की अवधारणा

उपरोक्त उदाहरण में, हमने L का एक प्रतिरूप बनाने में आवश्यक तीलियों की संख्या ज्ञात करने के लिए, एक नियम ज्ञात किया था। नियम यह था :

आवश्यक तीलियों की संख्या =2n

यहाँ n, L के प्रतिरूपों की संख्या है और n के मान 1,2,3,4, हो सकते हैं। आइए, सारणी-1 को पुन: देखें। सारणी में n का मान बदलता (बढ़ता) जाता है। इसके परिणामस्वरूप, आवश्यक तीलियों की संख्या भी बदलती (बढ़ती) जाती है।

n चर (Variable) का एक उदाहरण है। इसका मान स्थिर (fixed) नहीं है; यह कोई भी मान 1,2,3,4, ले सकता है। हमने आवश्यक तीलियों की संख्या के लिए, चर n का प्रयोग करके, नियम लिखा।

शब्द ‘चर’ का अर्थ है वह वस्तु जो विचरण (vary) करती है, अर्थात् बदलती है। चर का मान स्थिर नहीं है। यह विभिन्न मान ले (ग्रहण कर) सकता है।

हम चरों के बारे में और अधिक सीखने के लिए, माचिस की तीलियों से बनाए गए प्रतिरूपों में से एक अन्य उदाहरण को देखेंगे।

11.4 माचिस की तीलियों के और प्रतिरूप

अमीना और सरिता तीलियों के इन प्रतिरूपों में रुचि लेने लगी हैं। अब वे अक्षर C का एक प्रतिरूप बनाने का प्रयत्न करती हैं। एक C बनाने के लिए, वे तीन तीलियों का प्रयोग करती हैं, जैसा कि आकृति 11.2(a) में दर्शाया गया है।


सारणी-2, C का एक प्रतिरूप बनाने के लिए आवश्यक तीलियों की संख्या प्रदान करती है :

सारणी- 2


क्या आप उपरोक्त सारणी में, छोड़ी गई रिक्त प्रविष्टियों को पूरा कर सकते हैं? सरिता ने यह नियम दिया :

आवश्यक तीलियों की संख्या =3n

उसने C की संख्या के लिए अक्षर n का प्रयोग किया है; n एक चर है जो मान 1,2,3, 4, इत्यादि ले सकता है।

क्या आप सरिता से सहमत हैं?

याद रखिए कि 3n वही है जो 3×n है।

इसके आगे अब अमीना और सरिता F का एक प्रतिरूप बनाना चाहती हैं। वे चार तीलियों का प्रयोग करके एक F बनाती हैं, जैसा कि आकृति 11.3(a) में दर्शाया गया है।


क्या आप F के प्रतिरूप बनाने के लिए अब कोई नियम लिख सकते हैं?

तीलियों से बनाए जाने वाले वर्णमाला के अन्य अक्षरों और आकारों के बारे में सोचिए। उदाहरणार्थ, U(),V(), त्रिभुज ( ), वर्ग () इत्यादि। इनमें से कोई पाँच अक्षर या

आकार चुनिए और इनके तीलियों के प्रतिरूप बनाने के लिए आवश्यक तीलियों की संख्या के लिए नियम लिखिए।

11.5 चरों के और उदाहरण

हमने एक चर को दर्शाने के लिए अक्षर n का प्रयोग किया है। राजू पूछता है, “ m क्यों नहीं?" n में कोई विशेष बात नहीं है, किसी भी अक्षर का प्रयोग किया जा सकता है।

एक चर को दर्शाने के लिए, किसी भी अक्षर m,l,p,x,y,z इत्यादि का प्रयोग किया जा सकता है। याद रखिए, एक चर वह संख्या है जिसका मान स्थिर नहीं होता। उदाहरणार्थ, संख्या 5 या संख्या 100 या कोई अन्य दी हुई संख्या एक चर नहीं है। इनके मान स्थिर ( निश्चित) हैं। इसी प्रकार, त्रिभुज के कोणों की संख्या का मान स्थिर है, जो 3 है। यह एक चर नहीं है। एक चतुर्भुज के कोणों की संख्या ( 4 ) स्थिर है। यह भी एक चर नहीं है। परंतु उपरोक्त उदाहरणों, जो हमने देखे हैं, में n एक चर है। यह विभिन्न मान 1,2,3,4, ले (ग्रहण कर ) सकता है।

आइए, अब एक अधिक परिचित स्थिति में चरों पर विचार करें।

स्कूल के बुक स्टोर से विद्यार्थी अभ्यास-पुस्तिकाएँ खरीदने गए। एक अभ्यास-पुस्तिका का मूल्य 5 रु है। मुन्नू 5 , अप्पू 7 , सारा 4 अभ्यास-पुस्तिकाएँ खरीदना चाहती हैं। एक विद्यार्थी को बुक स्टोर से अभ्यास-पुस्तिका खरीदने के लिए कितनी धनराशि की आवश्यकता पड़ेगी?

यह इस पर निर्भर रहेगा कि वह विद्यार्थी कितनी अभ्यास-पुस्तिकाएँ खरीदना चाहता है। विद्यार्थी मिलकर एक सारणी बनाते हैं :

सारणी-3


m अभ्यास-पुस्तिकाओं की उस संख्या के लिए प्रयोग किया गया है जो एक विद्यार्थी खरीदना चाहता है। यहाँ m एक चर है, जो कोई भी मान 1,2,3,4, ले सकता है। m अभ्यास-पुस्तिकाओं का कुल मूल्य निम्न नियम द्वारा दिया जाता है :

कुल मूल्य (रुपयों में) =5× वांछित अभ्यास-पुस्तिकाओं की संख्या

=5 m

यदि मुन्नू 5 अभ्यास-पुस्तिकाएँ खरीदना चाहता है, तो m=5 लेकर हम कहते हैं कि मुन्नू को ₹ 5×5 अर्थात् ₹ 25 अपने साथ ले जाने चाहिए, ताकि वह बुक स्टोर से खरीदारी कर सके।

आइए एक और उदाहरण लें। किसी स्कूल में गणतंत्र दिवस मनाने के अवसर पर, बच्चे मुख्य अतिथि के सम्मुख सामूहिक ड्रिल (Drill) का प्रदर्शन करने जा रहे हैं। वे इस प्रकार खड़े किए जाते हैं कि एक पंक्ति में 10 बच्चे रहें (आकृति 11.4)। इस ड्रिल में कितने बच्चे भाग ले सकते हैं?

आकृति 11.4

बच्चों की संख्या पंक्तियों की संख्या पर निर्भर करेगी। यदि 1 पंक्ति है, तो बच्चों की संख्या 10 होगी। यदि 2 पंक्तियाँ हों, तो बच्चों की संख्या 2×10, अर्थात् 20 होगी। यदि r पंक्तियाँ हों, तो बच्चों की संख्या 10r होगी। यहाँ r एक चर है जो पंक्तियों की संख्या प्रदर्शित करता है और यह मान 1,2,3,4, ले सकता है।

अभी तक हमने जितने उदाहरण देखे हैं उनमें एक चर को एक संख्या से गुणा किया गया है। परंतु विभिन्न स्थितियाँ ऐसी भी हो सकती हैं, जहाँ संख्याओं को चरों में जोड़ा जाता है या चरों में से घटाया जाता है, जैसा कि नीचे देखा जा सकता है।

सरिता का कहना कि उसके कंचों के संग्रह में अमीना के कंचों के संग्रह से 10 अधिक कंचे हैं। यदि अमीना के पास 20 कंचे हैं, तो सरिता के पास 30 कंचे होंगे। यदि अमीना के पास 30 कंचे हैं, तो सरिता के पास 40 कंचे होंगे। हमें यह ज्ञात नहीं है कि अमीना के पास कितने कंचे हैं। उसके पास कंचों की संख्या कुछ भी हो सकती है। परंतु हम जानते हैं कि सरिता के कंचों की संख्या = अमीना के कंचों की संख्या +10 है।

हम अमीना के कंचों की संख्या को x से दर्शाएँगे। यहाँ x एक चर है, जो मान 1,2,3, 4,,10,,20,,30, ले सकता है। x का प्रयोग करते हुए, हम लिख सकते हैं कि सरिता के कंचे =x+10 हैं। व्यंजक (x+10) को, x धन (Plus) 10 पढ़ा जाता है। इसका अर्थ है कि x का मान 20 है, तो (x+10) का मान 30 होगा। यदि x का मान 30 है, तो (x+10) का मान 40 होगा इत्यादि।

व्यंजक (x+10) को और अधिक सरल नहीं किया जा सकता है। x+10 को 10x से भ्रमित न हों। ये भिन्न-भिन्न हैं। 10x में, x को 10 से गुणा किया गया है। (x+10) में, 10 को x में जोड़ा गया है। हम इसकी जाँच x के कुछ मान लेकर कर सकते हैं। उदाहरणार्थ,

यदि x=2, तो 10x=10×2=20 है और x+10=2+10=12 है। यदि x=10, तो 10x=10×10=100 है और x+10=10+10=20 है।

राजू और बालू दो भाई हैं। बालू राजू से 3 वर्ष छोटा है। अगर राजू 15 वर्ष का है, तो बालू 9 वर्ष का है। हमें राजू की वर्तमान आयु ज्ञात नहीं है। इसका मान कुछ भी हो सकता है। मान लीजिए, x राजू की वर्षों में आयु व्यक्त करता है। x एक चर है। यदि राजू की आयु वर्षों में x है, तो बालू की आयु वर्षों में (x3) है। व्यंजक (x3) को x ॠण (minus) 3 पढ़ा जाता है। जैसा कि आप आशा करेंगे, जब x का मान 12 है, तो (x3) का मान 9 है और जब x का मान 15 है, तो (x3) का मान 12 है।

प्रश्नावली 11.1

1. तीलियों से प्रतिरूप बनाने के लिए आवश्यक तीलियों की संख्या के लिए नियम ज्ञात कीजिए। नियम लिखने के लिए एक चर का प्रयोग कीजिए :

(a) अक्षर T का | के रूप में तीलियों से प्रतिरूप
(b) अक्षर Z का / के रूप में तीलियों से प्रतिरूप
(c) अक्षर U का के रूप में तीलियों से प्रतिरूप
(d) अक्षर V का V के रूप में तीलियों से प्रतिरूप
(e) अक्षर E का | के रूप में तीलियों से प्रतिरूप
(f) अक्षर S का || के रूप में तीलियों से प्रतिरूप
(g) अक्षर A का || के रूप में तीलियों से प्रतिरूप

2. हम अक्षर L,C और F के प्रतिरूपों के लिए नियमों को पहले से जानते हैं। ऊपर प्रश्न 1 में दिए कुछ अक्षरों से वही नियम प्राप्त होता है जो L द्वारा प्राप्त हुआ था। ये अक्षर कौन-कौन से हैं? ऐसा क्यों होता है?

3. किसी परेड में कैडेट (Cadets) मार्च (March) कर रहे हैं। एक पंक्ति में 5 कैडेट हैं। यदि पंक्तियों की संख्या ज्ञात हो, तो कैडेटों की संख्या प्राप्त करने के लिए क्या नियम है? (पंक्तियों की संख्या के लिए n का प्रयोग कीजिए)।

4. एक पेटी में 50 आम हैं। आप पेटियों की संख्या के पदों में आमों की कुल संख्या को किस प्रकार लिखेंगे? (पेटियों की संख्या के लिए b का प्रयोग कीजिए)।

5. शिक्षक प्रत्येक विद्यार्थी को 5 पेंसिल देता है। विद्यार्थियों की संख्या ज्ञात होने पर, क्या आप कुल वांछित पेंसिलों की संख्या बता सकते हैं? (विद्यार्थियों की संख्या के लिए s का प्रयोग कीजिए)।

6. एक चिड़िया 1 मिनट में 1 किलोमीटर उड़ती है। क्या आप चिड़िया द्वारा तय की गई दूरी को (मिनटों में) उसके उड़ने के समय के पदों में व्यक्त कर सकते हैं? (मिनटों में उड़ने के समय के लिए t का प्रयोग कीजिए)।

7. राधा बिंदुओं (Dots) से एक रंगोली बना रही है (खड़िया के पाउडर की सहायता से बिंदुओं को जोड़कर रेखाओं का एक सुंदर प्रतिरूप बनाना, जैसे आकृति 11.5 में है)। उसके पास एक पंक्ति में 8 बिंदु हैं। r पंक्तियों की रंगोली में कितने बिंदु होंगे? यदि 8 पंक्तियाँ हों, तो कितने बिंदु होंगे? यदि 10 पंक्तियाँ हों, तो कितने बिंदु होंगे?

आकृति 11.5

8. लीला राधा की छोटी बहन है। लीला राधा से 4 वर्ष छोटी है। क्या आप लीला की आयु राधा की आयु के पदों में लिख सकते हैं? राधा की आयु x वर्ष है।

9. माँ ने लड्ड्ड बनाए हैं। उन्होंने कुछ लड्डू मेहमानों और परिवार के सदस्यों को दिए। फिर भी 5 लड्डू शेष रह गए हैं। यदि माँ ने l लड्ड्डू दे दिए हों, तो उसने कुल कितने लड्डू बनाए थे?

10. संतरों को बड़ी पेटियों में से छोटी पेटियों में रखा जाना है। जब एक बड़ी पेटी को खाली किया जाता है, तो उसके संतरों से दो छोटी पेटियाँ भर जाती हैं और फिर भी 10 संतरे शेष रह जाते हैं। यदि एक छोटी पेटी में संतरों की संख्या को x लिया जाए, तो बड़ी पेटी में संतरों की संख्या क्या है?

11. (a) तीलियों से बने हुए वर्गों के नीचे दिए प्रतिरूपों को देखिए (आकृति 11.6)। ये वर्ग अलग-अलग नहीं हैं। दो संलग्न वर्गों में एक तीली उभयनिष्ठ है। इस प्रतिरूप को देखिए और वह नियम ज्ञात कीजिए जो वर्गों की संख्या के पदों में आवश्यक तीलियों की संख्या देता है। (संकेत : यदि आप अंतिम ऊर्ध्वाधर तीली को हटा दें, तो आपको C का प्रतिरूप प्राप्त हो जाएगा)।


(b) आकृति 11.7 तीलियों से बना त्रिभुजों का एक प्रतिरूप दर्शा रही है। उपरोक्त प्रश्न 11 (a) की तरह, वह व्यापक नियम ज्ञात कीजिए जो त्रिभुजों की संख्या के पदों में आवश्यक तीलियों की संख्या देता है।

हमने क्या चर्चा की?

1. हमने तीलियों का प्रयोग करके अक्षरों और अन्य आकार बनाने के प्रतिरूप देखे। हमने किसी आकार को कई बार बनाने के लिए आवश्यक तीलियों की संख्या के लिए व्यापक नियम लिखना सीखा। वह आकार जिसे बनाया जा रहा है, जितनी बार बनाया जाता है वह संख्या बदलती रहती है। इसके मान 1,2,3, हो सकते हैं। यह एक चर है, जिसे किसी अक्षर जैसे n से व्यक्त किया जाता है।

2. एक चर विभिन्न मान लेता (ग्रहण करता) है। इसका मान स्थिर (निश्चित) नहीं होता। एक वर्ग की लंबाई का कुछ भी मान हो सकता है। यह एक चर है। परंतु किसी त्रिभुज के कोणों की संख्या तीन निश्चित है। यह एक चर नहीं है।

3. हम एक चर को दर्शाने के लिए कोई भी अक्षर n, l,m,p,x,y,z इत्यादि का प्रयोग कर सकते हैं।

4. व्यावहारिक स्थितियों में, हम चरों की सहायता से विभिन्न संबंधों को व्यक्त कर सकते हैं।

5. चर संख्याएँ ही हैं, यद्यपि इनके मान स्थिर या निश्चित नहीं हैं। हम संख्याओं की तरह इन पर योग, व्यवकलन, गुणन और विभाजन की संक्रियाएँ कर सकते हैं। विभिन्न संक्रियाओं का प्रयोग करके, हम चर वाले व्यंजक जैसे x3,x+3,2n,5m,p3,2y+3,3l5 इत्यादि बना सकते हैं।