अध्याय 04 आधारभूत ज्यामितीय अवधारणाएँ
4.1 भूमिका
ज्यामिति का एक लंबा और शानदार (बहुमूल्य) इतिहास है। शब्द ‘ज्यामिति’ (Geometry) यूनानी शब्द जिओमीट्रोन (Geometron) का अंग्रेजी तुल्य है। जिया (Geo) का अर्थ है ‘भूमि’ और ‘मीट्रोन (Metron) का अर्थ है ‘मापना’। इतिहासकारों के अनुसार, प्राचीन समय में ज्यामितीय अवधारणाएँ संभवतः कला, वास्तु-कला या शिल्प-कला (Architecture) और भूमि मापन की आवश्यकताओं के कारण विकसित हुईं।

इनमें वे अवसर भी सम्मिलित हैं जब खेतिहर की भूमि की परिसीमाओं (boundaries) को बिना किसी शिकायत की संभावना रखते हुए, अंकित किया जाता था। वैभवपूर्ण राजभवनों, मंदिरों, झीलों, बाँधों और नगरों के निर्माणों, कला और वास्तुकला (या शिल्प) ने इन अवधारणाओं को और उजागर किया। आजकल भी कला, मापन, वास्तुकला, इंजीनियरिंग (engineering), कपड़ों के डिज़ाइन इत्यादि के सभी रूपों में ज्यामितीय अवधारणाओं का प्रभाव देखा जा सकता है। आप विभिन्न प्रकार की वस्तुओं, जैसे-बक्स (पेटी), मेज़, पुस्तक, अपने स्कूल में लंच ले जाने के लिए खाने के डिब्बे, गेंद जिससे आप खेलते हैं, आदि को देखते हैं और उनका प्रयोग भी करते हैं। इन सभी वस्तुओं के भिन्न-भिन्न आकार (shapes) होते हैं। जो रूलर (ruler) आप प्रयोग करते हैं और पेंसिल जिससे आप लिखते हैं वे सीधी (straight) हैं। एक चूड़ी, एक रुपये का सिक्का या एक गेंद के चित्र गोल (round) प्रतीत होते हैं।
यहाँ आप कुछ रोचक तथ्यों के बारे में पढ़ेंगे, जो आपके चारों ओर उपस्थित आकारों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने में आपकी सहायता करेंगे।
4.2 बिंदु
कागज़ पर एक पेंसिल के नुकीले सिरे से एक चिह्न (dot) अंकित कीजिए। सिरा जितना नुकीला होगा, चिह्न उतना ही सूक्ष्म (छोटा) होगा। लगभग एक बिना दिखाई देने वाला सूक्ष्म चिहन आपको एक बिंदु की अवधारणा का आभास कराएगा। बिंदु (point) एक स्थिति (या अवस्थिति) (location) निर्धारित करता है।
बिंदु के लिए कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं :

यदि आप किसी कागज़ पर, मान लीजिए, तीन बिंदु अंकित करें, तो आपको इनमें भेद बताने की आवश्यकता पड़ेगी। इसके लिए, इन्हें अंग्रेज़ी के बड़े अक्षर
इन बिंदुओं को बिंदु
बिंदु निःसंदेह बहुत छोटे होने चाहिए।
प्रयास कीजिए
1. अपनी पेंसिल के नुकीले सिरे से, एक कागज़ पर चार बिंदु अंकित कीजिए तथा उन्हें नाम
और दीजिए। इन बिंदुओं को विभिन्न प्रकारों से नाम दीजिए। नाम देने का एक प्रकार संलग्न आकृति के अनुसार हो सकता है।
2. आसमान में एक तारा हमें एक बिंदु की अवधारणा का आभास कराता है। अपने दैनिक जीवन से इसी प्रकार की पाँच स्थितियाँ चुनकर दीजिए।
4.3 रेखाखंड
एक कागज़ को मोड़िए और फिर उसे खोल लीजिए। क्या आपको कोई मोड़ का निशान दिखाई देता है? इससे एक रेखाखंड (line segment) की अवधारणा का आभास होता है। इसके दो अंत बिंदु (end points)

इसके दोनों सिरों को कसकर B पकड़िए ताकि धागे में कोई ढील न रहे। यह एक रेखाखंड निरूपित करता है। हाथों से पकड़े हुए सिरे इस रेखाखंड के अंत बिंदु हैं। रेखाखंड के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं :

अपने आस-पास से रेखाखंडों के कुछ और उदाहरण देने का प्रयत्न कीजिए।
एक कागज़ पर दो बिंदु

प्रयास कीजिए
1. संलग्न आकृति में दिए रेखाखंडों के नाम दीजिए (आकृति 4.2)। क्या
प्रत्येक रेखाखंड का एक अंत बिंदु है? ![]()
4.4 एक रेखा
कल्पना कीजिए कि
क्या आप सोचते हैं कि आप कागज़ पर पूरी रेखा खींच सकते हैं? नहीं। (क्यों?)

दो बिंदुओं
रेखा को निश्चित करने के लिए, दो बिंदु पर्याप्त हैं। हम कहते हैं कि दो बिंदु एक रेखा निर्धारित (determine) करते हैं।
संलग्न आकृति (आकृति 4.3) रेखा

आकृति 4.3
4.5 प्रतिच्छेदी रेखाएँ
संलग्न आकृति 4.4 को देखिए। इसमें दो रेखाएँ

आकृति 4.4
प्रतिच्छेदी रेखाओं के कुछ उदाहरण निम्न हैं :

आकृति 4.5
इन्हें कीजिए
एक कागज़ लीजिए। इसे दो बार मोड़िए (और मोड़ के निशान बनाइए) ताकि दो प्रतिच्छेदी रेखाएँ प्राप्त हो जाएँ और चर्चा कीजिए :
(a) क्या दो रेखाएँ एक से अधिक बिंदुओं पर प्रतिच्छेद कर सकती हैं?
(b) क्या दो से अधिक रेखाएँ एक ही बिंदु पर प्रतिच्छेद कर सकती हैं?
4.6 समांतर रेखाएँ
आइए, आकृति 4.6 में दर्शाई गई मेज़ को देखें। इसका ऊपरी सिरा

आकृति 4.6
हाँ,
क्या रेखाएँ
क्या रेखाएँ
आपने देखा कि मेज़ के ऊपरी पृष्ठ पर कुछ रेखाएँ हैं जो परस्पर प्रतिच्छेद नहीं करतीं (उन्हें कितना भी बढ़ाया जाए)।
ऐसी रेखाएँ (जैसी मेज़ में ऊपरी सिरे पर हैं) जो प्रतिच्छेद नहीं करतीं समांतर रेखाएँ ( parallel lines) कहलाती हैं।
सोचिए, चर्चा कीजिए और लिखिए :
आप समांतर रेखाओं को और कहाँ देखते हैं? इनके 10 उदाहरण ज्ञात करने का प्रयत्न कीजिए।
यदि दो रेखाएँ
यदि दो रेखाएँ

4.7 किरण
किरण (ray) के लिए कुछ निम्नलिखित मॉडल हैं :

किरण रेखा का एक भाग होता है। यह एक बिंदु से प्रारंभ होती है (जिसे प्रारंभिक बिंदु (initial point) कहते हैं) और एक दिशा में बिना किसी अंत के विस्तृत होती है।
यहाँ दाईं ओर किरण की दी हुई आकृति (आकृति 4.7) को देखिए। इस किरण पर दो बिंदु दर्शाए गए हैं। ये हैं :
(a)
(b)
हम इसे

आकृति 4.7
सोचिए, चर्चा कीजिए और लिखिए :
यदि
(a) इसका प्रारंभिक बिंदु क्या है?
(b) बिंदु
(c) क्या हम कह सकते हैं कि
प्रयास कीजिए
1. सामने दी आकृति (आकृति 4.8) में दर्शाई गई किरणों के नाम लिखिए।
2. क्याइन सभी किरणों का प्रारंभिक बिंदु है? ![]()
संलग्न आकृति 4.9 में, एक किरण
क्या आप इसे
यहाँ

क्या हम किरण
पाँच किरणें खींचिए और उनके उचित नाम लिखिए।
इन किरणों के सिरे पर लगे तीर क्या दर्शाते हैं?
प्रश्नावली 4.1
1. संलग्न आकृति का प्रयोग करके, निम्न के नाम लिखिए :
(a) पाँच बिंदु
(b) एक रेखा
(c) चार किरणें
(d) पाँच रेखाखंड

2. संलग्न आकृति में दी हुई रेखा के सभी संभव प्रकारों के नाम लिखिए। आप इन चार बिंदुओं में से किसी भी बिंदु का प्रयोग कर सकते हैं।

3. संलग्न आकृति को देखकर नाम लिखिए :
(a) रेखाएँ जिसमें बिंदु
(b)
(c) वह रेखा जिस पर
(d) प्रतिच्छेदी रेखाओं के दो युग्म

4. निम्नलिखित से होकर कितनी रेखाएँ खींची जा सकती हैं?
(a) एक बिंदु
(b) दो बिंदु
5. निम्नलिखित स्थितियों में से प्रत्येक के लिए एक रफ (Rough) आकृति बनाइए और उचित रूप से उसे नामांकित कीजिए :
(a) बिंदु
(b) रेखाएँ
(c) रेखा
(d)
6. रेखा
(a)
(b)
(c)
(d)
(e)

(f)
(g) किरण
(h) किरण
(i) किरण
(j)
(k)
4.8 वक्र
क्या आपने कभी कागज़ पर पेंसिल से टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएँ खींची हैं। ऐसा करने पर जो आकृतियाँ प्राप्त होती हैं वे वक्र (curves) कहलाते हैं।
आम भाषा में ‘वक्र’ का अर्थ होता है ‘सीधा नहीं।। गणित में वक्र सीधी भी हो सकती है, जैसा कि ऊपर [(आकृति 4.10 (iv)] में दर्शाया गया है।
ध्यान दीजिए कि आकृति 4.10 में वक्र (iii) और (vii) स्वयं अपने को काट रही हैं, जबकि (i), (ii), (v) और (vi) में वक्र स्वयं को नहीं काटते हैं। यदि कोई वक्र स्वयं को न काटे, तो वह सरल वक्र (Simple Curves) कहलाती हैं।

आकृति 4.10
पाँच, सरल वक्र बनाइए और पाँच वक्र बनाइए जो सरल न हों। अब इन्हें देखें (आकृति 4.11)
संलग्न आकृति (आकृति 4.11) में दी हुई दोनों वक्रों में क्या अंतर है? पहली, अर्थात् आकृति 4.11 (i) वक्र एक खुली (Open Curve) है, और दूसरी, (अर्थात् आकृति 4.11 (ii) वक्र एक बंद वक्र (Closed Curve) है। क्या आप आकृति (i) 4.10 (i), (ii), (v) और (vi) में, बंद वक्र और खुली वक्र बता सकते हैं?

एक आकृति में स्थितियाँ
एक टेनिस कोर्ट (Tennis Court) में कोर्ट रेखा उसे तीन भागों में बाँटती है। ये भाग हैं : रेखा के एक ओर, रेखा पर और रेखा के दूसरी ओर। आप एक ओर से दूसरी ओर बिना रेखा को पार किए नहीं जा सकते हैं।
आपके घर की परिसीमा (Boundary) घर को सड़क से अलग करती है। आप परिसर के ‘अंदर’, बाड़े की ‘परिसीमा’ और परिसर के ‘बाहर’ की बात करते हैं।
इसी प्रकार, एक बंद वक्र से संबंधित तीन भाग होते हैं, जो एक-दूसरे से पृथक (अलग-अलग) होते हैं।
(i) वक्र का अभ्यंतर (interior) (अंदर का भाग)
(ii) वक्र की परिसीमा (boundary) (वक्र पर)
(iii) वक्र का बहिर्भाग (exterior) (बाहर का भाग)

आकृति 4.12
सम्मुख आकृति 4.12 में,
वक्र के अभ्यंतर और उसकी परिसीमा को मिलाकर उस वक्र का क्षेत्र (region) कहा जाता है। जो आपने बंद वक्र खींचा है, उसमें तीन क्षेत्रों को दर्शाया गया है।
4.9 बहुभुज
नीचे दी हुई आकृतियों 4.13 (i), (ii), (iii), (iv) और (v) को देखिए :

आप इनके बारे में क्या कह सकते हैं? क्या ये बंद आकृतियाँ (वक्र) हैं? यह एक दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं? आकृति 4.13 (i), (ii), (iii) और (iv) में कुछ विशेषता हैं। यह केवल रेखाखंडों से ही बनी हैं। ऐसी आकृतियाँ बहुभुज ( polygons) कहलाती हैं।
अतः, एक आकृति बहुभुज होती है, जब वह एक सरल बंद आकृति हो और केवल रेखाखंडों से ही बनी हो। दस अलग-अलग आकृतियों वाले बहुभुज बनाइए।
इन्हें कीजिए
निम्न की सहायता से एक बहुभुज बनाने का प्रयत्न कीजिए।
1. माचिस की पाँच तीलियाँ
2. माचिस की चार तीलियाँ
3. माचिस की तीन तीलियाँ
4. माचिस की दो तीलियाँ
उपरोक्त में से किस स्थिति में यह संभव नहीं हुआ? क्यों?
भुजाएँ, शीर्ष और विकर्ण
संलग्न आकृति 4.14 को देखिए। इसको बहुभुज कहने के लिए कुछ कारण दीजिए। एक बहुभुज को बनाने वाले रेखाखंड उसकी भुजाएँ ( sides) कहलाती हैं।
बहुभुज
(ध्यान दीजिए कि कोनों (corners) को किस क्रम में लेकर बहुभुज का नाम लिखा गया है।)
इसकी भुजाएँ

आकृति 4.14
भुजाएँ
क्या आप उपरोक्त बहुभुज
कोई भी दो भुजाएँ जिनमें एक उभयनिष्ठ अंत बिंदु (common end point) हो बहुभुज की आसन्न भुजाएँ ( adjacent sides) कहलाती हैं।
क्या
उन शीर्षों को लीजिए जो आसन्न नहीं हैं। ऐसे शीर्षों को मिलाने से बने रेखाखंड बहुभुज के विकर्ण (diagonals) कहलाते हैं।
संलग्न आकृति में, रेखाखंड
क्या रेखाखंड

आकृति 4.15
क्या आप आसन्न शीर्षों को जोड़कर विकर्ण प्राप्त कर सकते हैं।
आकृति
एक बहुभुज
प्रश्नावली 4.2
1. नीचे दी हुई वक्रों को (i) खुली या (ii) बंद वक्रों के रूप में वर्गीकृत कीजिए :

2. निम्न को स्पष्ट करने के लिए रफ आकृतियाँ बनाइए :
(a) खुला वक्र
(b) बंद वक्र
3. कोई भी बहुभुज खींचिए और उसके अभ्यंतर को छायांकित (shade) कीजिए।
2. संलग्न आकृति को देखकर निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(a) क्या यह एक वक्र है?
(b) क्या यह बंद है?
5. रफ आकृतियाँ बनाकर, यदि संभव हो तो निम्न को स्पष्ट कीजिए :

(a) एक बंद वक्र जो बहुभुज नहीं है।
(b) केवल रेखाखंडों से बनी हुई खुली वक्र
(c) दो भुजाओं वाला एक बहुभुज
4.10 कोण
जब कोने (corner) बनते हैं, तो कोण (angles) भी बनते हैं।
यहाँ एक आकृति 4.16 दी है, जहाँ एक बक्स (Box) का ऊपरी सिरा कब्जा लगे एक दरवाज़े की तरह है। बक्स के किनारे (edge)

आकृति 4.16
उभयनिष्ठ प्रारंभिक बिंदु वाली दो किरणों से एक कोण बनता है।
कोण को बनाने वाली दोनों किरण उसकी भुजाएँ (Arms या sides) कहलाती हैं। उभयनिष्ठ प्रारंभिक बिंदु कोण का शीर्ष (vertex) कहलाता है।
संलग्न आकृति में, किरण

आकृति 4.17
इस कोण को हम किस प्रकार नामांकित कर सकते हैं? इसे हम केवल यह कह सकते हैं कि यह
सोचिए, चर्चा कीजिए और लिखिए :
संलग्न आकृति 4.18 को देखिए। इस कोण का क्या नाम है? क्या हम इसे
क्या एक कोण को केवल उसके शीर्ष द्वारा नामांकित करना यहाँ सहायक होगा? क्यों नहीं?
ध्यान दीजिए कि कोण को लिखते समय उसके शीर्ष के अक्षर को सदैव बीच में लिखा जाता है।

आकृति 4.18
इन्हें कीजिए
कोई कोण, मान लीजिए,


अब

दोनों प्रकार के छायांकित भागों में उभयनिष्ठ भाग
(ध्यान दें कि अभ्यंतर एक सीमित क्षेत्र नहीं है। यह अनिश्चित रूप से विस्तृत है, क्योंकि कोणों की दोनों भुजाएँ अनिश्चित रूप से अपनी-अपनी एक ओर विस्तृत हैं।)

आकृति 4.19
संलग्न आकृति 4.20 में,

प्रश्नावली 4.3
1. नीचे दी आकृति में, कोणों के नाम लिखिए :

2. संलग्न आकृति में, वे बिंदु लिखिए जो
(a)
(b)
(c)
3. दो कोणों की रफ आकृतियाँ खींचिए जिससे
(a) उनमें एक बिंदु उभयनिष्ठ हो।
(b) उनमें दो बिंदु उभयनिष्ठ हों।
(c) उनमें तीन बिंदु उभयनिष्ठ हों।
(d) उनमें चार बिंदु उभयनिष्ठ हों।
(e) उनमें एक किरण उभयनिष्ठ हो।

हमने क्या चर्चा की?
1. बिंदु एक स्थिति निर्धारित करता है। इसे सामान्यतः अंग्रेज़ी के बड़े अक्षर से व्यक्त किया जाता है।
2. दो बिंदुओं को जोड़ने वाला सबसे छोटा रास्ता एक रेखाखंड दर्शाता है। बिंदु
3. जब एक रेखाखंड जैसे
4. दो विभिन्न रेखाएँ जब एक दूसरे को किसी एक बिंदु पर मिलती या काटती हैं तो वे प्रतिच्छेदी रेखाएँ कहलाती हैं।
5. दो रेखाएँ जब एक दूसरे को प्रतिच्छेद नहीं करती अर्थात् नहीं काटती हैं, तो वे समांतर रेखाएँ कहलाती हैं।
6. किरण रेखा का एक भाग होता है जो एक बिंदु से प्रारंभ होकर एक दिशा में बिना किसी अंत के विस्तृत होता है।
7. कागज़ से बिना पेंसिल उठाए कोई भी आकृति (सीधी या टेढ़ी) को एक वक्र कह सकते हैं। इस संदर्भ में एक रेखा भी एक वक्र है।
8. यदि कोई वक्र स्वयं को न काटे तो वह सरल वक्र (Simple Curve) कहलाती है।
9. एक वक्र जिसके सिरे मिले हुए हों, बंद वक्र कहलाती है; अन्यथा उसे खुली वक्र कहते हैं।
10. रेखाखंडों से बनी बंद आकृति एक बहुभुज कहलाती है। यहाँ-
(i) बहुभुज को बनाने वाले रेखाखंड उसकी भुजाएँ कहलाती हैं।
(ii) कोई भी दो भुजाएँ जिनमें एक उभयनिष्ठ अंत बिंदु हो, बहुभुज की आसन्न भुजाएँ कहलाती हैं।
(iii) दो भुजाएँ जहाँ मिलती हैं उस बिंदु को बहुभुज का शीर्ष (vertex) कहते हैं।
(iv) बहुभुज की एक ही भुजा के अंत बिंदु आसन्न शीर्ष (adjacent verticè) कहलाते हैं।
(v) ऐसे शीर्ष जो आसन्न नहीं हैं को मिलाने से बना रेखाखंड बहुभुज का विकर्ण (diagonal) कहलाता है।
11. उभयनिष्ठ प्रारंभिक बिंदु वाली दो किरणों से एक कोण बनता है।
दो किरणें
कोण पर, कोण के अभ्यंतर और कोण के बहिर्भाग।