अध्याय 04 आधारभूत ज्यामितीय अवधारणाएँ

4.1 भूमिका

ज्यामिति का एक लंबा और शानदार (बहुमूल्य) इतिहास है। शब्द ‘ज्यामिति’ (Geometry) यूनानी शब्द जिओमीट्रोन (Geometron) का अंग्रेजी तुल्य है। जिया (Geo) का अर्थ है ‘भूमि’ और ‘मीट्रोन (Metron) का अर्थ है ‘मापना’। इतिहासकारों के अनुसार, प्राचीन समय में ज्यामितीय अवधारणाएँ संभवतः कला, वास्तु-कला या शिल्प-कला (Architecture) और भूमि मापन की आवश्यकताओं के कारण विकसित हुईं।


इनमें वे अवसर भी सम्मिलित हैं जब खेतिहर की भूमि की परिसीमाओं (boundaries) को बिना किसी शिकायत की संभावना रखते हुए, अंकित किया जाता था। वैभवपूर्ण राजभवनों, मंदिरों, झीलों, बाँधों और नगरों के निर्माणों, कला और वास्तुकला (या शिल्प) ने इन अवधारणाओं को और उजागर किया। आजकल भी कला, मापन, वास्तुकला, इंजीनियरिंग (engineering), कपड़ों के डिज़ाइन इत्यादि के सभी रूपों में ज्यामितीय अवधारणाओं का प्रभाव देखा जा सकता है। आप विभिन्न प्रकार की वस्तुओं, जैसे-बक्स (पेटी), मेज़, पुस्तक, अपने स्कूल में लंच ले जाने के लिए खाने के डिब्बे, गेंद जिससे आप खेलते हैं, आदि को देखते हैं और उनका प्रयोग भी करते हैं। इन सभी वस्तुओं के भिन्न-भिन्न आकार (shapes) होते हैं। जो रूलर (ruler) आप प्रयोग करते हैं और पेंसिल जिससे आप लिखते हैं वे सीधी (straight) हैं। एक चूड़ी, एक रुपये का सिक्का या एक गेंद के चित्र गोल (round) प्रतीत होते हैं।

यहाँ आप कुछ रोचक तथ्यों के बारे में पढ़ेंगे, जो आपके चारों ओर उपस्थित आकारों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने में आपकी सहायता करेंगे।

4.2 बिंदु

कागज़ पर एक पेंसिल के नुकीले सिरे से एक चिह्न (dot) अंकित कीजिए। सिरा जितना नुकीला होगा, चिह्न उतना ही सूक्ष्म (छोटा) होगा। लगभग एक बिना दिखाई देने वाला सूक्ष्म चिहन आपको एक बिंदु की अवधारणा का आभास कराएगा। बिंदु (point) एक स्थिति (या अवस्थिति) (location) निर्धारित करता है।

बिंदु के लिए कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं :

यदि आप किसी कागज़ पर, मान लीजिए, तीन बिंदु अंकित करें, तो आपको इनमें भेद बताने की आवश्यकता पड़ेगी। इसके लिए, इन्हें अंग्रेज़ी के बड़े अक्षर $\mathrm{A}, \mathrm{B}, \mathrm{C}$ इत्यादि से व्यक्त किया जाता है।

  • $\mathrm{B}$

इन बिंदुओं को बिंदु $\mathrm{A}$, बिंदु $\mathrm{B}$ और बिंदु $\mathrm{C}$ पढ़ा जाता है।

  • $\mathrm{A}$

  • $\mathrm{C}$

बिंदु निःसंदेह बहुत छोटे होने चाहिए।

प्रयास कीजिए

1. अपनी पेंसिल के नुकीले सिरे से, एक कागज़ पर चार बिंदु अंकित कीजिए तथा उन्हें नाम $\mathrm{A}, \mathrm{C}, \mathrm{P}$ और $\mathrm{H}$ दीजिए। इन बिंदुओं को विभिन्न प्रकारों से नाम दीजिए। नाम देने का एक प्रकार संलग्न आकृति के अनुसार हो सकता है।

$\quad \cdot \mathrm{A}$ $\quad \cdot \mathrm{C}$

$ \quad \mathrm{P} \cdot \quad \cdot \mathrm{H}$

2. आसमान में एक तारा हमें एक बिंदु की अवधारणा का आभास कराता है। अपने दैनिक जीवन से इसी प्रकार की पाँच स्थितियाँ चुनकर दीजिए।

4.3 रेखाखंड

एक कागज़ को मोड़िए और फिर उसे खोल लीजिए। क्या आपको कोई मोड़ का निशान दिखाई देता है? इससे एक रेखाखंड (line segment) की अवधारणा का आभास होता है। इसके दो अंत बिंदु (end points) $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ हैं। एक पतला धागा (या डोरी) लीजिए।

इसके दोनों सिरों को कसकर B पकड़िए ताकि धागे में कोई ढील न रहे। यह एक रेखाखंड निरूपित करता है। हाथों से पकड़े हुए सिरे इस रेखाखंड के अंत बिंदु हैं। रेखाखंड के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं :


अपने आस-पास से रेखाखंडों के कुछ और उदाहरण देने का प्रयत्न कीजिए।

एक कागज़ पर दो बिंदु $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ अंकित कीजिए। इन दोनों बिंदुओं को सभी संभव रास्तों से जोड़ने का प्रयत्न कीजिए (आकृति 4.1)।

$\mathrm{A}$ से $\mathrm{B}$ तक का सबसे छोटा रास्ता क्या है?


$\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ को जोड़ने वाला यह सबसे छोटा रास्ता (इसमें बिंदु $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ भी सम्मिलित हैं), जो संलग्न आकृति 4.1 में दर्शाया गया है, एक रेखाखंड है। इसे $\overline{\mathrm{AB}}$ या $\overline{\mathrm{BA}}$ से व्यक्त किया जाता है। बिंदु $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ इस रेखाखंड के अंत बिंदु हैं।

प्रयास कीजिए

1. संलग्न आकृति में दिए रेखाखंडों के नाम दीजिए (आकृति 4.2)। क्या $\mathrm{A}$ प्रत्येक रेखाखंड का एक अंत बिंदु है?

4.4 एक रेखा

कल्पना कीजिए कि $\mathrm{A}$ से $\mathrm{B}$ तक के रेखाखंड (अर्थात् $\overline{\mathrm{AB}}$ ) को $\mathrm{A}$ से आगे एक दिशा में और $\mathrm{B}$ से आगे दूसरी दिशा में बिना किसी अंत के विस्तृत किया गया है (आकृति को देखिए)। आपको रेखा (line) का एक उदाहरण प्राप्त हो जाएगा।

क्या आप सोचते हैं कि आप कागज़ पर पूरी रेखा खींच सकते हैं? नहीं। (क्यों?)

दो बिंदुओं $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ से होकर जाने वाली रेखा को $\overrightarrow{\mathrm{AB}}$ से निरूपित करते हैं। यह दोनों दिशाओं में अनिश्चित रूप से विस्तृत होती है। इस पर असंख्य बिंदु स्थित होते हैं। (इनके बारे में सोचिए)

रेखा को निश्चित करने के लिए, दो बिंदु पर्याप्त हैं। हम कहते हैं कि दो बिंदु एक रेखा निर्धारित (determine) करते हैं।

संलग्न आकृति (आकृति 4.3) रेखा $\overleftrightarrow{\mathrm{PQ}}$ की है। कभी-कभी एक रेखा को $l$ जैसे अक्षर से भी व्यक्त किया जाता है।

आकृति 4.3

4.5 प्रतिच्छेदी रेखाएँ

संलग्न आकृति 4.4 को देखिए। इसमें दो रेखाएँ $l_{1}$ और $l_{2}$ दर्शाई गई हैं। ये दोनों रेखाएँ बिंदु $\mathrm{P}$ से होकर जाती हैं। हम कहते हैं कि रेखाएँ $l_{1}$ और $l_{2}$ बिंदु $\mathrm{P}$ पर प्रतिच्छेद (intersect) करती हैं। यदि दो रेखाओं में एक उभयनिष्ठ बिंदु हो, तो वे प्रतिच्छेदी रेखाएँ ( intersecting lines ) कहलाती हैं।

आकृति 4.4

प्रतिच्छेदी रेखाओं के कुछ उदाहरण निम्न हैं :

आकृति 4.5

इन्हें कीजिए

एक कागज़ लीजिए। इसे दो बार मोड़िए (और मोड़ के निशान बनाइए) ताकि दो प्रतिच्छेदी रेखाएँ प्राप्त हो जाएँ और चर्चा कीजिए :

(a) क्या दो रेखाएँ एक से अधिक बिंदुओं पर प्रतिच्छेद कर सकती हैं?
(b) क्या दो से अधिक रेखाएँ एक ही बिंदु पर प्रतिच्छेद कर सकती हैं?

4.6 समांतर रेखाएँ

आइए, आकृति 4.6 में दर्शाई गई मेज़ को देखें। इसका ऊपरी सिरा $A B C D$ सपाट (Flat) है। क्या आप कुछ रेखाखंड और बिंदु देख पा रहे हैं? क्या यहाँ प्रतिच्छेदी रेखाएँ हैं?

आकृति 4.6

हाँ, $\overrightarrow{\mathrm{AB}}$ और $\overrightarrow{\mathrm{BC}}$ बिंदु $\mathrm{B}$ पर प्रतिच्छेद करती हैं। कौन-सी रेखाएँ $\mathrm{A}$ पर प्रतिच्छेद करती हैं? कौन-सी रेखाएँ $\mathrm{C}$ पर प्रतिच्छेद करती हैं और कौन-सी रेखाएँ $\mathrm{D}$ पर प्रतिच्छेद करती हैं?

क्या रेखाएँ $\mathrm{AD}$ और $\mathrm{CD}$ परस्पर प्रतिच्छेद करती हैं?
क्या रेखाएँ $\mathrm{AD}$ और $\mathrm{BC}$ परस्पर प्रतिच्छेद करती हैं?

आपने देखा कि मेज़ के ऊपरी पृष्ठ पर कुछ रेखाएँ हैं जो परस्पर प्रतिच्छेद नहीं करतीं (उन्हें कितना भी बढ़ाया जाए)। $\overrightarrow{\mathrm{AD}}$ और $\overleftrightarrow{\mathrm{BC}}$ ऐसी रेखाओं का एक युग्म बनाती हैं। मेज़ के ऊपरी सिरे पर क्या आप रेखाओं का कोई ऐसा ही अन्य युग्म (जो कहीं नहीं मिलती) बता सकते हैं?

ऐसी रेखाएँ (जैसी मेज़ में ऊपरी सिरे पर हैं) जो प्रतिच्छेद नहीं करतीं समांतर रेखाएँ ( parallel lines) कहलाती हैं।

सोचिए, चर्चा कीजिए और लिखिए :

आप समांतर रेखाओं को और कहाँ देखते हैं? इनके 10 उदाहरण ज्ञात करने का प्रयत्न कीजिए।

यदि दो रेखाएँ $\mathrm{AB}$ और $\mathrm{CD}$ समांतर हों, तो हम इन्हें सांकेतिक रूप में $\overrightarrow{\mathrm{AB}} || \overrightarrow{\mathrm{CD}}$ लिखते हैं।

यदि दो रेखाएँ $l_{1}$ और $l_{2}$ समांतर हैं, तो हम $l_{1} || l_{2}$ लिखते हैं। क्या आप नीचे दी आकृति में समांतर रेखाएँ बता सकते हैं?

4.7 किरण

किरण (ray) के लिए कुछ निम्नलिखित मॉडल हैं :

किरण रेखा का एक भाग होता है। यह एक बिंदु से प्रारंभ होती है (जिसे प्रारंभिक बिंदु (initial point) कहते हैं) और एक दिशा में बिना किसी अंत के विस्तृत होती है।

यहाँ दाईं ओर किरण की दी हुई आकृति (आकृति 4.7) को देखिए। इस किरण पर दो बिंदु दर्शाए गए हैं। ये हैं :

(a) $\mathrm{A}$, जो प्रारंभिक बिंदु है।
(b) $\mathrm{P}$, जो किरण पर एक अन्य बिंदु है।

हम इसे $\overrightarrow{\mathrm{AP}}$ से व्यक्त करते हैं।

आकृति 4.7

सोचिए, चर्चा कीजिए और लिखिए :

यदि $\overrightarrow{\mathrm{PQ}}$ एक किरण है, तो

(a) इसका प्रारंभिक बिंदु क्या है?
(b) बिंदु $\mathrm{Q}$ किरण पर कहाँ स्थित होता है?
(c) क्या हम कह सकते हैं कि $\mathrm{Q}$ इस किरण का प्रारंभिक बिंदु है?

प्रयास कीजिए

1. सामने दी आकृति (आकृति 4.8) में दर्शाई गई किरणों के नाम लिखिए।
2. क्या $\mathrm{T}$ इन सभी किरणों का प्रारंभिक बिंदु है?

संलग्न आकृति 4.9 में, एक किरण $\mathrm{OA}$ दी है। यह $\mathrm{O}$ से प्रारंभ होती है और $\mathrm{A}$ से होकर जाती है। यह किरण बिंदु $\mathrm{B}$ से होकर भी जाती है।

क्या आप इसे $\overrightarrow{\mathrm{OB}}$ भी कह सकते हैं? क्यों?

यहाँ $\overrightarrow{\mathrm{OA}}$ और $\overrightarrow{\mathrm{OB}}$ एक ही किरण को दर्शाते हैं।

क्या हम किरण $\overrightarrow{\mathrm{OA}}$ को किरण $\overrightarrow{\mathrm{AO}}$ लिख सकते हैं? क्यों या क्यों नहीं?

पाँच किरणें खींचिए और उनके उचित नाम लिखिए।

इन किरणों के सिरे पर लगे तीर क्या दर्शाते हैं?

प्रश्नावली 4.1

1. संलग्न आकृति का प्रयोग करके, निम्न के नाम लिखिए :

(a) पाँच बिंदु
(b) एक रेखा
(c) चार किरणें
(d) पाँच रेखाखंड


2. संलग्न आकृति में दी हुई रेखा के सभी संभव प्रकारों के नाम लिखिए। आप इन चार बिंदुओं में से किसी भी बिंदु का प्रयोग कर सकते हैं।


3. संलग्न आकृति को देखकर नाम लिखिए :

(a) रेखाएँ जिसमें बिंदु $\mathrm{E}$ सम्मिलित हैं
(b) $\mathrm{A}$ से होकर जाने वाली रेखा
(c) वह रेखा जिस पर $\mathrm{O}$ स्थित है
(d) प्रतिच्छेदी रेखाओं के दो युग्म


4. निम्नलिखित से होकर कितनी रेखाएँ खींची जा सकती हैं?

(a) एक बिंदु
(b) दो बिंदु

5. निम्नलिखित स्थितियों में से प्रत्येक के लिए एक रफ (Rough) आकृति बनाइए और उचित रूप से उसे नामांकित कीजिए :

(a) बिंदु $\mathrm{P}$ रेखाखंड $\overline{\mathrm{AB}}$ पर स्थित है।
(b) रेखाएँ $\mathrm{XY}$ और $\mathrm{PQ}$ बिंदु $\mathrm{M}$ पर प्रतिच्छेद करती हैं।
(c) रेखा $l$ पर $\mathrm{E}$ और $\mathrm{F}$ स्थित हैं, परंतु $\mathrm{D}$ स्थित नहीं है।
(d) $\overrightarrow{\mathrm{OP}}$ और $\overrightarrow{\mathrm{OQ}}$ बिंदु $\mathrm{O}$ पर मिलती हैं।

6. रेखा $\overrightarrow{\mathrm{MN}}$ की संलग्न आकृति को देखिए। इस आकृति के संदर्भ में बताइए कि निम्नलिखित कथन सत्य हैं या असत्य :

(a) $\mathrm{Q}, \mathrm{M}, \mathrm{O}, \mathrm{N}$ और $\mathrm{P}$ रेखा $\overrightarrow{\mathrm{MN}}$ पर स्थित बिंदु हैं।
(b) $\mathrm{M}, \mathrm{O}$ और $\mathrm{N}$ रेखाखंड $\overrightarrow{\mathrm{MN}}$ पर स्थित बिंदु हैं।
(c) $\mathrm{M}$ और $\mathrm{N}$ रेखाखंड $\overrightarrow{\mathrm{MN}}$ के अंत बिंदु हैं।
(d) $\mathrm{O}$ और $\mathrm{N}$ रेखाखंड $\overrightarrow{\mathrm{OP}}$ के अंत बिंदु हैं।
(e) $\mathrm{M}$ रेखाखंड $\overline{\mathrm{QO}}$ के दोनों अंत बिंदुओं में से एक बिंदु है।

(f) $\mathrm{M}$ किरण $\overrightarrow{\mathrm{OP}}$ पर एक बिंदु है।
(g) किरण $\overrightarrow{\mathrm{OP}}$ किरण $\overrightarrow{\mathrm{QP}}$ से भिन्न है।
(h) किरण $\overrightarrow{\mathrm{OP}}$ वही है जो किरण $\overrightarrow{\mathrm{OM}}$ है।
(i) किरण $\overrightarrow{\mathrm{OM}}$ किरण $\overrightarrow{\mathrm{OP}}$ के विपरीत (Opposite) नहीं है।
(j) $\mathrm{O}$ किरण $\overrightarrow{\mathrm{OP}}$ का प्रारंभिक बिंदु नहीं है।
(k) $\mathrm{N}$ किरण $\overrightarrow{\mathrm{NP}}$ और $\overrightarrow{\mathrm{NM}}$ का प्रारंभिक बिंदु है।

4.8 वक्र

क्या आपने कभी कागज़ पर पेंसिल से टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएँ खींची हैं। ऐसा करने पर जो आकृतियाँ प्राप्त होती हैं वे वक्र (curves) कहलाते हैं।
$\quad$ इनमें से कुछ आकृतियों (drawing) को आप कागज़ पर बिना पेंसिल उठाए और रूलर का प्रयोग किए बना सकते हैं। ये सभी आकृतियाँ वक्र हैं (आकृति 4.10)।

आम भाषा में ‘वक्र’ का अर्थ होता है ‘सीधा नहीं।। गणित में वक्र सीधी भी हो सकती है, जैसा कि ऊपर [(आकृति 4.10 (iv)] में दर्शाया गया है।

ध्यान दीजिए कि आकृति 4.10 में वक्र (iii) और (vii) स्वयं अपने को काट रही हैं, जबकि (i), (ii), (v) और (vi) में वक्र स्वयं को नहीं काटते हैं। यदि कोई वक्र स्वयं को न काटे, तो वह सरल वक्र (Simple Curves) कहलाती हैं।

आकृति 4.10

पाँच, सरल वक्र बनाइए और पाँच वक्र बनाइए जो सरल न हों। अब इन्हें देखें (आकृति 4.11)

संलग्न आकृति (आकृति 4.11) में दी हुई दोनों वक्रों में क्या अंतर है? पहली, अर्थात् आकृति 4.11 (i) वक्र एक खुली (Open Curve) है, और दूसरी, (अर्थात् आकृति 4.11 (ii) वक्र एक बंद वक्र (Closed Curve) है। क्या आप आकृति (i) 4.10 (i), (ii), (v) और (vi) में, बंद वक्र और खुली वक्र बता सकते हैं?

एक आकृति में स्थितियाँ

एक टेनिस कोर्ट (Tennis Court) में कोर्ट रेखा उसे तीन भागों में बाँटती है। ये भाग हैं : रेखा के एक ओर, रेखा पर और रेखा के दूसरी ओर। आप एक ओर से दूसरी ओर बिना रेखा को पार किए नहीं जा सकते हैं।

आपके घर की परिसीमा (Boundary) घर को सड़क से अलग करती है। आप परिसर के ‘अंदर’, बाड़े की ‘परिसीमा’ और परिसर के ‘बाहर’ की बात करते हैं।

इसी प्रकार, एक बंद वक्र से संबंधित तीन भाग होते हैं, जो एक-दूसरे से पृथक (अलग-अलग) होते हैं।

(i) वक्र का अभ्यंतर (interior) (अंदर का भाग)
(ii) वक्र की परिसीमा (boundary) (वक्र पर)
(iii) वक्र का बहिर्भाग (exterior) (बाहर का भाग)

आकृति 4.12

सम्मुख आकृति 4.12 में, $\mathrm{A}$ वक्र के अभ्यंतर में है, $\mathrm{C}$ उसके बहिर्भाग में है और $\mathrm{B}$ स्वयं वक्र की परिसीमा पर स्थित है।

वक्र के अभ्यंतर और उसकी परिसीमा को मिलाकर उस वक्र का क्षेत्र (region) कहा जाता है। जो आपने बंद वक्र खींचा है, उसमें तीन क्षेत्रों को दर्शाया गया है।

4.9 बहुभुज

नीचे दी हुई आकृतियों 4.13 (i), (ii), (iii), (iv) और (v) को देखिए :

आप इनके बारे में क्या कह सकते हैं? क्या ये बंद आकृतियाँ (वक्र) हैं? यह एक दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं? आकृति 4.13 (i), (ii), (iii) और (iv) में कुछ विशेषता हैं। यह केवल रेखाखंडों से ही बनी हैं। ऐसी आकृतियाँ बहुभुज ( polygons) कहलाती हैं।

अतः, एक आकृति बहुभुज होती है, जब वह एक सरल बंद आकृति हो और केवल रेखाखंडों से ही बनी हो। दस अलग-अलग आकृतियों वाले बहुभुज बनाइए।

इन्हें कीजिए

निम्न की सहायता से एक बहुभुज बनाने का प्रयत्न कीजिए।

1. माचिस की पाँच तीलियाँ
2. माचिस की चार तीलियाँ
3. माचिस की तीन तीलियाँ
4. माचिस की दो तीलियाँ

उपरोक्त में से किस स्थिति में यह संभव नहीं हुआ? क्यों?

भुजाएँ, शीर्ष और विकर्ण

संलग्न आकृति 4.14 को देखिए। इसको बहुभुज कहने के लिए कुछ कारण दीजिए। एक बहुभुज को बनाने वाले रेखाखंड उसकी भुजाएँ ( sides) कहलाती हैं।

बहुभुज $A B C D E$ की भुजाओं के नाम क्या हैं?

(ध्यान दीजिए कि कोनों (corners) को किस क्रम में लेकर बहुभुज का नाम लिखा गया है।)

इसकी भुजाएँ $\overline{\mathrm{AB}}, \overline{\mathrm{BC}}, \overline{\mathrm{CD}}, \overline{\mathrm{DE}}$ और $\overline{\mathrm{EA}}$ हैं। दो भुजाएँ जहाँ मिलती हैं उस बिंदु को बहुभुज का शीर्ष (vertex) कहते हैं।

आकृति 4.14

भुजाएँ $\overline{\mathrm{AE}}$ और $\overline{\mathrm{ED}}$ बिंदु $\mathrm{E}$ पर मिलती हैं, इसलिए $\mathrm{E}$ बहुभुज $\mathrm{ABCDE}$ का एक शीर्ष है। $\mathrm{B}$ और $\mathrm{C}$ इसके अन्य दो शीर्ष हैं। क्या आप इन बिंदुओं पर मिलने वाली भुजाओं के नाम लिख सकते हैं?

क्या आप उपरोक्त बहुभुज $\mathrm{ABCDE}$ के अन्य शीर्षों के नाम लिख सकते हैं?

कोई भी दो भुजाएँ जिनमें एक उभयनिष्ठ अंत बिंदु (common end point) हो बहुभुज की आसन्न भुजाएँ ( adjacent sides) कहलाती हैं।

क्या $\mathrm{AB}$ और $\mathrm{BC}$ आसन्न भुजाएँ हैं? $\mathrm{AE}$ और $\mathrm{DC}$ के बारे में आप क्या कह सकते हैं? बहुभुज की एक ही भुजा के अंत बिंदु आसन्न शीर्ष ( adjacent vertices) कहलाते हैं। शीर्ष E और $\mathrm{D}$ आसन्न शीर्ष हैं, जबकि शीर्ष $\mathrm{A}$ और $\mathrm{D}$ आसन्न शीर्ष नहीं हैं। क्या आप बता सकते हैं कि क्यों?

उन शीर्षों को लीजिए जो आसन्न नहीं हैं। ऐसे शीर्षों को मिलाने से बने रेखाखंड बहुभुज के विकर्ण (diagonals) कहलाते हैं।

संलग्न आकृति में, रेखाखंड $\overline{\mathrm{AC}}, \overline{\mathrm{AD}}, \overline{\mathrm{BD}}, \overline{\mathrm{BE}}$ और $\overline{\mathrm{CE}}$ बहुभुज के विकर्ण हैं।

क्या रेखाखंड $\overline{\mathrm{BC}}$ एक विकर्ण हैं? क्यों या क्यों नहीं?

आकृति 4.15

क्या आप आसन्न शीर्षों को जोड़कर विकर्ण प्राप्त कर सकते हैं।

आकृति $\mathrm{ABCDE}$ (आकृति 4.15) के सभी भुजाओं, आसन्न भुजाओं और आसन्न शीर्षों के नाम लिखिए।

एक बहुभुज $A B C D E F G H$ बनाइए और उसकी सभी भुजाओं, आसन्न भुजाओं तथा शीर्षों सहित विकर्णों के नाम लिखिए।

प्रश्नावली 4.2

1. नीचे दी हुई वक्रों को (i) खुली या (ii) बंद वक्रों के रूप में वर्गीकृत कीजिए :

2. निम्न को स्पष्ट करने के लिए रफ आकृतियाँ बनाइए :

(a) खुला वक्र
(b) बंद वक्र

3. कोई भी बहुभुज खींचिए और उसके अभ्यंतर को छायांकित (shade) कीजिए।

2. संलग्न आकृति को देखकर निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

(a) क्या यह एक वक्र है?
(b) क्या यह बंद है?

5. रफ आकृतियाँ बनाकर, यदि संभव हो तो निम्न को स्पष्ट कीजिए :

(a) एक बंद वक्र जो बहुभुज नहीं है।
(b) केवल रेखाखंडों से बनी हुई खुली वक्र
(c) दो भुजाओं वाला एक बहुभुज

4.10 कोण

जब कोने (corner) बनते हैं, तो कोण (angles) भी बनते हैं।

यहाँ एक आकृति 4.16 दी है, जहाँ एक बक्स (Box) का ऊपरी सिरा कब्जा लगे एक दरवाज़े की तरह है। बक्स के किनारे (edge) $\mathrm{AD}$ और दरवाज़े के किनारे AP की दो किरणों

आकृति 4.16

$\overrightarrow{\mathrm{AD}}$ और $\overrightarrow{\mathrm{AP}}$ के रूप में कल्पना की जा सकती है। इन दोनों किरणों में एक उभयनिष्ठ अंत बिंदु (या प्रारंभिक बिंदु) $\mathrm{A}$ है, यह कहा जाता है कि ये दो किरणें एक कोण बना रही हैं।

उभयनिष्ठ प्रारंभिक बिंदु वाली दो किरणों से एक कोण बनता है।

कोण को बनाने वाली दोनों किरण उसकी भुजाएँ (Arms या sides) कहलाती हैं। उभयनिष्ठ प्रारंभिक बिंदु कोण का शीर्ष (vertex) कहलाता है।

संलग्न आकृति में, किरण $\overrightarrow{\mathrm{OP}}$ और $\overrightarrow{\mathrm{OQ}}$ से बने एक कोण को दर्शाया गया है। कोण को दर्शाने के लिए शीर्ष पर एक छोटे वक्र का प्रयोग किया गया है। $\mathrm{O}$ इस कोण का शीर्ष है। इस कोण की भुजाएँ क्या हैं? क्या आकृति 4.17 ये किरणें $\overrightarrow{\mathrm{OP}}$ और $\overrightarrow{\mathrm{OQ}}$ नहीं हैं?

आकृति 4.17

इस कोण को हम किस प्रकार नामांकित कर सकते हैं? इसे हम केवल यह कह सकते हैं कि यह $\mathrm{O}$ पर एक कोण है और अधिक विशिष्टता के लिए, हम कोण की दोनों भुजाओं पर एक-एक बिंदु लेकर और उसके शीर्ष को लेकर कोण का नाम लिख सकते हैं। इस प्रकार, इस कोण को कोण $\mathrm{POQ}$ नाम देना एक अच्छा तरीका है। हम इसे $\angle \mathrm{POQ}$ से व्यक्त करते हैं।

सोचिए, चर्चा कीजिए और लिखिए :

संलग्न आकृति 4.18 को देखिए। इस कोण का क्या नाम है? क्या हम इसे $\angle \mathrm{P}$ कह सकते हैं? परंतु किस कोण को $\angle \mathrm{P}$ कहेंगे? $\angle \mathrm{P}$ से हमारा क्या तात्पर्य है?

क्या एक कोण को केवल उसके शीर्ष द्वारा नामांकित करना यहाँ सहायक होगा? क्यों नहीं?

$\angle \mathrm{P}$ का अर्थ यहाँ $\angle \mathrm{APB}$ या $\angle \mathrm{CPB}$ या $\angle \mathrm{APC}$ हो सकता है। इसलिए यहाँ और अधिक सूचना की आवश्यकता है।

ध्यान दीजिए कि कोण को लिखते समय उसके शीर्ष के अक्षर को सदैव बीच में लिखा जाता है।

आकृति 4.18

इन्हें कीजिए

कोई कोण, मान लीजिए, $\angle A B C$ लीजिए।

$\overrightarrow{\mathrm{BA}}$ को परिसीमा लेकर उस भाग को छायांकित कीजिए जिस ओर $\overrightarrow{\mathrm{BC}}$ स्थित है।

अब $\overrightarrow{\mathrm{BC}}$ को परिसीमा लेकर उस भाग को दूसरे रंग से छायांकित कीजिए जिस ओर $\overrightarrow{\mathrm{BA}}$ स्थित है।

दोनों प्रकार के छायांकित भागों में उभयनिष्ठ भाग $\angle A B C$ का अभ्यंतर है (आकृति 4.19)।

(ध्यान दें कि अभ्यंतर एक सीमित क्षेत्र नहीं है। यह अनिश्चित रूप से विस्तृत है, क्योंकि कोणों की दोनों भुजाएँ अनिश्चित रूप से अपनी-अपनी एक ओर विस्तृत हैं।)

आकृति 4.19

संलग्न आकृति 4.20 में, $\mathrm{X}$ कोण के अभ्यंतर में स्थित है। $\mathrm{Z}$ कोण के अभ्यंतर में स्थित नहीं है। यह कोण के बहिर्भाग में स्थित है। बिंदु $\mathrm{S}$ स्वयं $\angle \mathrm{PQR}$ पर स्थित है। अतः कोण से संबंधित भी तीन क्षेत्र होते हैं।

प्रश्नावली 4.3

1. नीचे दी आकृति में, कोणों के नाम लिखिए :


2. संलग्न आकृति में, वे बिंदु लिखिए जो

(a) $\angle \mathrm{DOE}$ के अभ्यंतर में स्थित हैं।
(b) $\angle E O F$ के बहिर्भाग में स्थित हैं।
(c) $\angle E O F$ पर स्थित हैं।

3. दो कोणों की रफ आकृतियाँ खींचिए जिससे

(a) उनमें एक बिंदु उभयनिष्ठ हो।
(b) उनमें दो बिंदु उभयनिष्ठ हों।
(c) उनमें तीन बिंदु उभयनिष्ठ हों।
(d) उनमें चार बिंदु उभयनिष्ठ हों।
(e) उनमें एक किरण उभयनिष्ठ हो।

हमने क्या चर्चा की?

1. बिंदु एक स्थिति निर्धारित करता है। इसे सामान्यतः अंग्रेज़ी के बड़े अक्षर से व्यक्त किया जाता है।

2. दो बिंदुओं को जोड़ने वाला सबसे छोटा रास्ता एक रेखाखंड दर्शाता है। बिंदु $A$ और $B$ को मिलाने वाले रेखाखंड को $\overline{\mathrm{AB}}$ से दर्शाते हैं। $\overline{\mathrm{AB}}$ और $\overline{\mathrm{BA}}$ दोनों एक ही रेखाखंड को दर्शाते हैं।

3. जब एक रेखाखंड जैसे $\overline{\mathrm{AB}}$ को दोनों तरफ़ बिना किसी अंत के विस्तृत किया जाता है तो हमें एक रेखा प्राप्त होती है। इसे $\overleftrightarrow{\mathrm{AB}}$ से व्यक्त किया जाता है। इसे कभी-कभी $l$ जैसे अक्षर से भी व्यक्त किया जाता है।

4. दो विभिन्न रेखाएँ जब एक दूसरे को किसी एक बिंदु पर मिलती या काटती हैं तो वे प्रतिच्छेदी रेखाएँ कहलाती हैं।

5. दो रेखाएँ जब एक दूसरे को प्रतिच्छेद नहीं करती अर्थात् नहीं काटती हैं, तो वे समांतर रेखाएँ कहलाती हैं।

6. किरण रेखा का एक भाग होता है जो एक बिंदु से प्रारंभ होकर एक दिशा में बिना किसी अंत के विस्तृत होता है।

7. कागज़ से बिना पेंसिल उठाए कोई भी आकृति (सीधी या टेढ़ी) को एक वक्र कह सकते हैं। इस संदर्भ में एक रेखा भी एक वक्र है।

8. यदि कोई वक्र स्वयं को न काटे तो वह सरल वक्र (Simple Curve) कहलाती है।

9. एक वक्र जिसके सिरे मिले हुए हों, बंद वक्र कहलाती है; अन्यथा उसे खुली वक्र कहते हैं।

10. रेखाखंडों से बनी बंद आकृति एक बहुभुज कहलाती है। यहाँ-

(i) बहुभुज को बनाने वाले रेखाखंड उसकी भुजाएँ कहलाती हैं।
(ii) कोई भी दो भुजाएँ जिनमें एक उभयनिष्ठ अंत बिंदु हो, बहुभुज की आसन्न भुजाएँ कहलाती हैं।
(iii) दो भुजाएँ जहाँ मिलती हैं उस बिंदु को बहुभुज का शीर्ष (vertex) कहते हैं।
(iv) बहुभुज की एक ही भुजा के अंत बिंदु आसन्न शीर्ष (adjacent verticè) कहलाते हैं।
(v) ऐसे शीर्ष जो आसन्न नहीं हैं को मिलाने से बना रेखाखंड बहुभुज का विकर्ण (diagonal) कहलाता है।

11. उभयनिष्ठ प्रारंभिक बिंदु वाली दो किरणों से एक कोण बनता है।

दो किरणें $\overline{\mathrm{OA}}$ और $\overline{\mathrm{OB}}$ कोण $\angle \mathrm{AOB}$ बनाती हैं (इसे $\angle \mathrm{BOA}$ भी लिख सकते हैं)। कोण से संबंधित तीन क्षेत्र हैं :

कोण पर, कोण के अभ्यंतर और कोण के बहिर्भाग।



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