अध्याय 02 पूर्ण संख्याएँ

2.1 भूमिका

जैसा कि हम जानते हैं, जब हम गिनना प्रारंभ करते हैं तब हम 1,2,3,4, का प्रयोग करते हैं। जब हम गिनती प्रारंभ करते हैं, ये हमारे सम्मुख प्राकृतिक रूप से आती हैं। इसीलिए, गणितज्ञ इन गणन (गिनती गिनने वाली) संख्याओं (Counting Numbers) को प्राकृत संख्याएँ (Natural Numbers) कहते हैं।

पूर्ववर्ती और परवर्ती

दी हुई एक प्राकृत संख्या में अगर 1 जोड़ दें, तो आप अगली प्राकृत संख्या प्राप्त कर सकते हैं। अर्थात् आप उसका परवर्ती (successor) प्राप्त कर लेते हैं।

16 का परवर्ती 16+1=17,19 का परवर्ती 19+1=20 है और इस प्रकार आगे भी चलता रहेगा।

संख्या 16 संख्या 17 से ठीक पहले आती है। हम कहते हैं कि 17 का पूर्ववर्ती (predecessor) 171=16 है, 20 का पूर्ववर्ती 201=19 है, इत्यादि।

प्रयास कीजिए

1. 19; 1997; 12000; 49; 100000; 2440701; 100199 और 208090 के पूर्ववर्ती और परवर्ती लिखिए।
2. क्या कोई ऐसी प्राकृत संख्या है जिसका कोई पूर्ववर्ती नहीं है?
3. क्या कोई ऐसी प्राकृत संख्या है जिसका कोई परवर्ती नहीं है? क्या कोई अंतिम प्राकृत संख्या है?

संख्या 3 का एक पूर्ववर्ती है और एक परवर्ती है। 2 के बारे में आप क्या सोचते हैं? इसका परवर्ती 3 है और पूर्ववर्ती 1 है। क्या 1 के परवर्ती और पूर्ववर्ती दोनों हैं?

हम अपने स्कूल के बच्चों की संख्या को गिन सकते हैं, हम किसी शहर में रहने वाले व्यक्तियों की संख्या को भी गिन सकते हैं; हम भारत में रहने वाले व्यक्तियों की संख्या को गिन सकते हैं। संपूर्ण विश्व के व्यक्तियों की संख्या को भी गिना जा सकता है। हो सकता है कि हम आकाश (आसमान) में स्थित तारों या अपने सिर के बालों की संख्या को गिन न पाएँ, परंतु यदि हम इन्हें गिन पाएँ, तो इनके लिए भी कोई संख्या अवश्य होगी।

फिर हम ऐसी संख्या में 1 जोड़ कर उससे बड़ी संख्या प्राप्त कर लेते हैं। ऐसी स्थिति में हम दो व्यक्तियों के सिरों के कुल बालों की संख्या तक को लिख सकते हैं।

अब यह शायद स्पष्ट है कि सबसे बड़ी कोई प्राकृत संख्या नहीं है। उपरोक्त प्रश्नों के अतिरिक्त, हमारे सम्मुख अनेक अन्य प्रश्न आते हैं जब हम प्राकृत संख्याओं के साथ कार्य करते हैं। आप ऐसे कुछ प्रश्नों के बारे में सोच सकते हैं और अपने मित्रों के साथ उनकी चर्चा कर सकते हैं। आप इन प्रश्नों में से अनेक के उत्तरों को संभवतः ज्ञात नहीं कर पाएँगे!

2.2 पूर्ण संख्याएँ

हम देख चुके हैं कि प्राकृत संख्या 1 का कोई पूर्ववर्ती नहीं होता है। प्राकृत संख्याओं के संग्रह (Collection) में हम 0 (शून्य) को 1 के पूर्ववर्ती के रूप में सम्मिलित करते हैं।

प्राकृत संख्याएँ शून्य के साथ मिलकर पूर्ण संख्याओं (Whole numbers) का संग्रह बनाती हैं।

प्रयास कीजिए

1. क्या सभी प्राकृत संख्याएँ पूर्ण संख्याएँ भी हैं?
2. क्या सभी पूर्ण संख्याएँ प्राकृत संख्याएँ भी हैं?
3. सबसे छोटी पूर्ण संख्या कौन-सी है?
4. सबसे बड़ी पूर्ण संख्या कौन-सी है?

अपनी पिछली कक्षाओं में, आप पूर्ण संख्याओं पर सभी मूलभूत संक्रियाएँ, जैसे-जोड़, व्यवकलन, गुणा और भाग (विभाजन) करना सीख चुके हैं। आप यह भी जानते हैं कि इसका प्रश्नों को हल करने में किस प्रकार अनुप्रयोग किया जाता है। आइए, इन संक्रियाओं को एक संख्या रेखा पर करें। परंतु ऐसा करने से पहले, आइए ज्ञात करें कि संख्या रेखा क्या होती है।

2.3 संख्या रेखा

एक रेखा खींचिए। इस पर एक बिंदु अंकित कीजिए। इस बिंदु को 0 नाम दीजिए। 0 के दाईं ओर एक अन्य बिंदु अंकित कीजिए। इसे 1 नाम दीजिए।

0 और 1 से नामांकित इन बिंदुओं के बीच की दूरी एक मात्रक दूरी (unit distance) कहलाती है। इसी रेखा पर 1 के दाईं ओर 1 मात्रक दूरी पर एक बिंदु अंकित कीजिए और 2 से नामांकित कीजिए। इसी विधि का प्रयोग करते हुए, संख्या रेखा पर एक-एक मात्रक दूरी पर बिंदुओं को 3,4,5, से नामांकित करते रहिए। आप दाईं ओर किसी भी पूर्ण संख्या तक जा सकते हैं।

नीचे दी हुई रेखा पूर्ण संख्याओं के लिए संख्या रेखा है :

बिंदु 2 और 4 के बीच की दूरी क्या है? निश्चित रूप से यह दूरी 2 मात्रक है। क्या आप बिंदु 2 और 6 तथा 2 और 7 के बीच की दूरियों को बता सकते हैं?

संख्या रेखा पर आप देखेंगे कि संख्या 7 संख्या 4 के दाईं ओर स्थित है और संख्या 7 संख्या 4 से बड़ी है, अर्थात् 7>4 है। संख्या 8 संख्या 6 के दाईं ओर स्थित है और 8>6 है। इन प्रेक्षणों के आधार पर, हम कह सकते हैं कि दो पूर्ण संख्याओं में से वह संख्या बड़ी होती है, जो संख्या रेखा पर अन्य संख्या के दाईं ओर स्थित होती है। हम यह भी कह सकते हैं कि बाईं ओर की पूर्ण संख्या छोटी होती है। उदाहरणार्थ, 4<9 है; 4,9 के बाईं ओर स्थित है। इसी प्रकार, 12>5;12,5 के दाईं ओर स्थित है।

आप 10 और 20 के बारे में क्या कह सकते हैं?

30,12 और 18 की संख्या रेखा पर स्थितियाँ देखिए। कौन-सी संख्या सबसे बाईं ओर स्थित है? क्या आप 1005 और 9756 में से बता सकते हैं कि कौन-सी संख्या दूसरी संख्या के दाईं ओर स्थित है? संख्या रेखा पर 12 के परवर्ती और 7 के पूर्ववर्ती को दर्शाइए।

संख्या रेखा पर योग

पूर्ण संख्याओं के योग को संख्या रेखा पर दर्शाया जा सकता है। आइए 3 और 4 के योग को देखें।

तीर के सिरे पर बिंदु 3 है। 3 से प्रारंभ कीजिए। चूँकि हमें इस संख्या में 4 जोड़ना है, इसलिए हम दाईं ओर चार कदम 3 से 4,4 से 5,5 से 6 और 6 से 7 चलते हैं, जैसा कि ऊपर दिखाया गया है। चौथे कदम के अंतिम तीर के सिरे पर बिंदु 7 है। इस प्रकार, 3 और 4 का योग 7 है। अर्थात् 3+4=7 है।

प्रयास कीजिए

संख्या रेखा का प्रयोग करके 4+5;2+6;3+5 और 1+6 ज्ञात कीजिए।

व्यवकलन (घटाना) : दो पूर्ण संख्याओं के व्यवकलन को भी संख्या रेखा पर दर्शाया जा सकता है। आइए 75 ज्ञात करें।

तीर के सिरे पर बिंदु 7 है। 7 से प्रारंभ कीजिए। चूँकि 5 को घटाया जाना है, इसलिए हम बाईं ओर 1 मात्रक वाले पाँच कदम चलते हैं। हम बिंदु 2 पर पहुँचते हैं। हमें 75=2 प्राप्त होता है।

प्रयास कीजिए

संख्या रेखा का प्रयोग करके 83;62 और 96 ज्ञात कीजिए।

गुणन ( गुणा ) : अब हम संख्या रेखा पर पूर्ण संख्याओं के गुणन को देखते हैं।

आइए 4×3 ज्ञात करें

0 से प्रारंभ कीजिए और दाईं ओर एक बार में 3 मात्रकों के बराबर के कदम चलिए। ऐसे चार कदम चलिए। आप कहाँ पहुँचते हैं? आप 12 पर पहुँच जाएँगे। इसलिए हम कहते हैं कि 4×3=12 है।

प्रयास कीजिए

संख्या रेखा का प्रयोग करके, 2×6;3×3 और 4×2 को ज्ञात कीजिए।

प्रश्नावली 2.1

1. 10999 के बाद अगली तीन प्राकृत संख्याएँ लिखिए।

2. 10001 से ठीक पहले आने वाली तीन पूर्ण संख्याएँ लिखिए।

3. सबसे छोटी पूर्ण संख्या कौन सी है?

4. 32 और 53 के बीच में कितनी पूर्ण संख्याएँ हैं?

5. निम्न के परवर्ती लिखिए :

(a) 2440701
(b) 100199
(c) 1099999
(d) 2345670

6. निम्न के पूर्ववर्ती लिखिए :

(a) 94
(b) 10000
(c) 208090
(d) 7654321

7. संख्याओं के निम्नलिखित युग्मों में से प्रत्येक के लिए, संख्या रेखा पर कौन सी पूर्ण संख्या अन्य संख्या के बाईं ओर स्थित है। इनके बीच में उपयुक्त चिह्न (>,<) का प्रयोग करते हुए इन्हें लिखिए :

(a) 530,503
(b) 370,307
(c) 98765,56789
(d) 9830415,10023001

8. निम्नलिखित कथनों में से कौन-से कथन सत्य हैं और कौन-से कथन असत्य हैं :

(a) शून्य सबसे छोटी प्राकृत संख्या है।
(b) 400 , संख्या 399 का पूर्ववर्ती है।
(c) शून्य सबसे छोटी पूर्ण संख्या है।
(d) 600 , संख्या 599 का परवर्ती है।
(e) सभी प्राकृत संख्याएँ पूर्ण संख्याएँ हैं।
(f) सभी पूर्ण संख्याएँ प्राकृत संख्याएँ हैं।
(g) दो अंकों की पूर्ण संख्या का पूर्ववर्ती एक अंक की संख्या कभी नहीं हो सकती है।
(h) 1 सबसे छोटी पूर्ण संख्या है।
(i) प्राकृत संख्या 1 का कोई पूर्ववर्ती नहीं होता।
(j) पूर्ण संख्या 1 का कोई पूर्ववर्ती नहीं होता।
(k) पूर्ण संख्या 13 , संख्याओं 11 और 12 के बीच में स्थित है।
(l) पूर्ण संख्या 0 का कोई पूर्ववर्ती नहीं होता।
(m) दो अंकों की संख्या का परवर्ती सदैव दो अंकों की एक संख्या होती है।

हमने क्या चर्चा की?

1. संख्याएँ 1,2,3, जिनका प्रयोग हम गिनने के लिए करते हैं, प्राकृत संख्याएँ कहलाती हैं।

2. यदि आप किसी प्राकृत संख्या में 1 जोड़ते हैं तो आपको इसका परवर्ती मिलता है। यदि किसी प्राकृत संख्या में से 1 घटाते हैं, तो आपको इसका पूर्ववर्ती प्राप्त होता है।

3. प्रत्येक प्राकृत संख्या का एक परवर्ती होता है। 1 को छोड़कर प्रत्येक प्राकृत संख्या का एक पूर्ववर्ती होता है।

4. यदि प्राकृत संख्याओं के संग्रह में हम संख्या 0 जोड़ते हैं, तो हमें पूर्ण संख्याओं का संग्रह प्राप्त होता है। इस प्रकार संख्याएँ 0,1,2,3, पूर्ण संख्याओं का संग्रह बनाती हैं।

5. प्रत्येक पूर्ण संख्या का एक परवर्ती होता है। 0 को छोड़कर प्रत्येक पूर्ण संख्या का एक पूर्ववर्ती होता है।

6. सभी प्राकृत संख्याएँ, पूर्ण संख्याएँ भी हैं। लेकिन सभी पूर्ण संख्याएँ प्राकृत संख्याएँ नहीं हैं।

7. हम एक रेखा लेते हैं। इस पर एक बिंदु अंकित करते हैं जिसे 0 से नामांकित करते हैं। फिर हम 0 के दाईं ओर समान अंतराल (दूरी) पर बिंदु अंकित करते जाते हैं। इन्हें क्रमशः 1 , 2,3, से नामांकित करते हैं। इस प्रकार हमें एक संख्या रेखा प्राप्त होती है जिस पर पूर्ण संख्याओं को दर्शाया जाता है। हम इस संख्या रेखा पर आसानी से संख्याओं का जोड़, व्यवकलन, गुणा और भाग जैसी संक्रियाएँ कर सकते हैं।

8. संख्या रेखा पर दाईं ओर चलने पर संगत योग प्राप्त होता है जबकि बाईं ओर चलने पर संगत व्यवकलन प्राप्त होता है। शून्य (0) से प्रारंभ करके समान दूरी के कदम से गुणा प्राप्त होता है।