अध्याय 14 बाघ आया उस रात (कविता)

आस-पास

कभी किसी नई और अच्छी बात को समझने के लिए एकाध कठिन शब्द भी जान लेने में मज़ा आता है। पर्यावरण एक ऐसा ही शब्द है। हमारे बिल्कुल आस-पास और खूब दूर-दूर जो कुछ भी है, उसका बहुत-सा भाग, बहुत-सी चीज़ें, उसकी बहुत-सी बातें इसी एक शब्द में समा जाएँगी। मिट्टी, पानी, हवा, नदी, ताल-तलैया, समुद्र, पहाड़, पेड़-पौधे, जंगल, जंगल में रहने वाले पशु-पक्षी, जंगल से बाहर गाँव में शहरों में रहने वाले हम-यह सब कुछ पर्यावरण जैसे छोटे-से शब्द में आ जाता है।

हम इस बहुत ही बड़े चारों तरफ़ फैले पर्यावरण का एक बिल्कुल छोटा-सा भाग भर हैं। पर छोटा-सा हिस्सा होते हुए भी हमने इस पर्यावरण को बिगाड़ना शुरू कर दिया है। हमारा पर्यावरण बिगड़ेगा तो हम सब पर भी इसका असर अच्छा नहीं होगा। इसीलिए पर्यावरण की बातों को हमें अपने विद्यालयों में, अपने घर में भी धीरे-धीरे समझना चाहिए।

यह भाग हमारे पर्यावरण को समझने की एक शुरूआत है। इसमें दिए गए पाठ हमारे लिए एक दरवाज़ा खोलते हैं-इस दरवाज़े से बाहर निकलकर हम और कई नई बातें, जानकारियाँ खुद भी सीख सकेंगे।

बाघ आया उस रात कविता में हमारे परिवार की तरह बाघ के परिवार की बात आई है। पर इधर हमारे जंगलों का यह राजा गायब हो चला है। बाघों का और वनों में रहने वाले दूसरे जीवों का शिकार मना है। फिर भी चोरी-छिपे इन बाघों को मारा जा रहा है। इनको बचाने के लिए क्या कोशिश हो रही है, इस बारे में भी हमें सोचना चाहिए। एशियाई शेर के लिए मीठी गोलियाँ पाठ हमें बताता है कि शेर भी कभी बीमार पड़ सकता है और तब उसकी देखभाल उसी तरह करनी पड़ती है, जिस तरह बीमार पड़ने पर हम अपनी देखभाल करते हैं।

किसी भी पक्षी को मारने से ज़्यादा बहादुरी तो उसे बचाने में है। बिशन की दिलेरी पाठ इस बात का उदाहरण है।

पानी रे पानी में जलचक्र की किताबी बात को आगे बढ़ाकर अकाल और बाढ़ की परिस्थिति को समझाया गया है। इससे हमें हर जगह फैल रहे जल-संकट को समझने और उसे सुलझाने का भी रास्ता मिलता है।

छोटी-सी हमारी नदी कविता नदी और उससे जुड़े हमारे जीवन की एक सुंदर झलक दिखाती है। लेकिन आज तो हमारे शहरों का, कारखानों का गंदा पानी छोटी-बड़ी सब नदियों में मिल रहा है और उन्हें बर्बाद कर रहा है। इस कविता के कवि रवींद्रनाथ ठाकुर के पुश्तैनी घर और उनके बचपन की झलक हमें जोड़ासांको वाला घर नामक पाठ में मिलती है।

चुनौती हिमालय की पाठ हमें बर्फ़ से ढके ऐसे ऊँचे पहाड़ पर चढ़ाता चला जाता है, जहाँ आठ कदम चलना भी बहुत कठिन हो जाता है। लेकिन यहाँ भी जीवन तो चलता ही है। पेड़ों से हमारा जीवन कई स्तरों पर जुड़ा है। इस गहरे रिश्ते की बात हम क्या उगाते हैं कविता में उठाई गई है।

इन पाठों में हमें हाथी, शेर, तीतर, नदी, बर्फ़, पेड़ और न जाने क्या-क्या मिलेगा। लेकिन पर्यावरण का यह दरवाज़ा एक बार खुल जाए तो हम इन बातों से भी आगे बढ़कर गायब हो चुके डायनासौरों तक को खोज सकेंगे। इतने बड़े, लंबे, चौड़े जानवर यदि धरती से गायब हो सकते हैं तो हमें थोड़ा ठहरकर यह भी सोचना पड़ेगा कि पर्यावरण की बेकद्री करने पर क्या हम सब भी बच पाएँगे?

“वो इधर से निकला
उधर चला गया ऽऽ "
वो आँखें फैलाकर
बतला रहा था-
“हाँ बाबा, बाघ आया उस रात,
आप रात को बाहर न निकलो!
जाने कब बाघ फिर से आ जाए!”
“हाँ, वो ही ी ी! वो ही जो
उस झरने के पास रहता है
वहाँ अपन दिन के वक्त
गए थे न एक रोज़?
बाघ उधर ही तो रहता है
बाबा, उसके दो बच्चे हैं
बाघ या तो सोता है
या बच्चों से खेलता है …”
दूसरा बालक बोला-
“बाघ कहीं काम नहीं करता
न किसी दफ़्तर में
न कॉलेज में ऽऽ
छोटू बोला-
“स्कूल में भी नहीं …”
पाँच-साला बेटू ने
हमें फिर से आगाह किया
“अब रात को बाहर होकर बाथरूम न जाना!”

$\quad$ नागार्जुन


बात-बात में

“वो इधर से निकला, उधर चला गया”

(क) यह बात कौन किसे बता रहा होगा?
(ख) तुम्हें यह उत्तर कविता की किन पंक्तियों से पता चला?

ख़बर तेंदुए की

(क) कक्षा 2 की रिमझिम में अखबार में छपा एक समाचार दिया गया है। साथ में उस समाचार के आधार पर लिखी एक कहानी भी दी गई है। उसे एक बार फिर से पढ़ो।
(ख) अब ‘बाघ आया उस रात’ कविता के आधार पर एक ‘समाचार’ लिखो।
(ग) तेंदुए और बाघ में क्या अंतर है? पता करो। इस काम के लिए तुम बड़ों से बातचीत भी कर सकते हो।

उस रात

इस कविता में एक ऐसी रात की बात की गई है जिस रात को कुछ अनोखी घटना घटी थी।

(क) उस रात को कौन-सी अनूठी बात हुई थी?
(ख) तुम्हारे विचार से क्या सचमुच यह बात अनूठी है? क्यों?
(ग) उस रात को और क्या-क्या हुआ होगा? अपने साथियों से बातचीत करके लिखो।

बाघ के काम

“बाघ कहीं काम नहीं करता, न किसी दफ़्तर में, न कॉलेज में”

बाघ दिन भर क्या-क्या करता होगा? कहाँ-कहाँ जाता होगा? अपने साथियों के साथ मिलकर जानकारी एकत्रित करो। फिर चर्चा करके उस पर एक चित्रात्मक पुस्तक तैयार करो। इसे तुम अपने पुस्तकालय में भी रख सकते हो।

आँखें फैलाकर

वो इधर से निकला उधर चला गया
वो आँखें फैलाकर बतला रहा था।

नीचे आँख से जुड़े कुछ और मुहावरे दिए गए हैं, वाक्यों में इनका इस्तेमाल करो।

आँख लगना $\qquad$ $\qquad$ आँख दिखाना

आँख मूँदना $\qquad$ $\qquad$ आँख बचाना

आँखें भर आना $\qquad$ $\quad$ सिर-आँखों पर बैठाना

शब्दों की दुनिया

(क) पाँच साला बेटू ने हमें फिर से आगाह किया। ‘आगाह किया’ का मतलब क्या हो सकता है?

  • सचेत किया $\quad$ $\large \Box$
  • मनोरंजन किया $\large \Box$
  • बताया $\quad$ $\quad$ $\large \Box$
  • समझाया $\quad$ $\quad$ $\large \Box$

(ख) कविता में इनमें से कौन-सा भाव झलकता है?

(ग) किन-किन पंक्तियों/शब्दों से ये भाव व्यक्त हो रहे हैं?

  • आश्चर्य
  • डर
  • अविश्वास

(घ) जब हम कविता के ज़ारिए कोई बात कहते हैं तो आम तौर पर शब्दों के क्रम को बदल देते हैं।

  • जैसे कविता का शीर्षक “बाघ आया उस रात” गद्य में “उस रात बाघ आया” होगा। ऐसा क्यों किया जाता होगा?
  • इस किताब की दूसरी कविताएँ भी पढ़ो और शब्दों के क्रम में आए बदलाव पर गौर करो। ऐसे ही कुछ वाक्यों की सूची भी बनाओ।
  • क्या शब्दों के क्रम में बदलाव अखबार की खबरों में भी आता है? नीचे बने कोलाज को देखो और बताओ।



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