अध्याय 09 एक माँ की बेबसी (कविता)
इस कविता को पढ़ते समय, आँखों के सामने कई चित्र बनते हैं। बचपन का चित्र, बचपन के खास समय-खेल और साथियों का चित्र, उन साथियों में एक खास साथी रतन का और एक माँ का चित्रा इसे पढ़ो और महसूस करो।
कविता धीरे-धीरे पढ़ने की चीज़ है। उसे मन में उतरने में काफ़ी समय लगता है। कभी-कभी तो बरसों बाद हम बचपन की पढ़ी कविता पढ़ते हैं तो लगता है-पहली बार पढ़ा है इसे। कविता पढ़ने के बाद मन के किसी कोने में घर बना लेती हैं। किसी मौके पर वह उभर आती है।
कविता, कहानी, सबके साथ यह होता है। इसीलिए हमें इससे चिंतित होने की ज़रूरत नहीं कि कविता एक बार में पूरी तरह समझ में आ रही है या नहीं। अगर उससे सिर्फ़ एक चित्र ही उभरता है तो भी कविता कामयाब है।
न जाने किस अदृश्य पड़ोस से
निकल कर आता था वह
खेलने हमारे साथ-
रतन, जो बोल नहीं सकता था
खेलता था हमारे साथ
एक टूटे खिलौने की तरह
देखने में हम बच्चों की ही तरह
था वह भी एक बच्चा।
लेकिन हम बच्चों के लिए अजूबा था
क्योंकि हमसे भिन्न था।
थोड़ा घबराते भी थे हम उससे
क्योंकि समझ नहीं पाते थे
उसकी घबराहटों को,
न इशारों में कही उसकी बातों को,
न उसकी भयभीत आँखों में
हर समय दिखती
उसके अंदर की छटपटाहटों को।
जितनी देर वह रहता
पास बैठी उसकी माँ
निहारती रहती उसका खेलना।
अब जैसे-जैसे
कुछ बेहतर समझने लगा हूँ
उनकी भाषा जो बोल नहीं पाते हैं
याद आती
रतन से अधिक उसकी माँ की आँखों में
झलकती उसकी बेबसी।
$\quad$ कुँवर नारायण
कविता से
1. यह बच्चा कवि के पड़ोस में रहता था, फिर भी कविता ‘अदृश्य पड़ोस’ से शुरू होती है। इसके कई अर्थ हो सकते हैं, जैसे-
(क) कवि को मालूम नहों था कि यह बच्चा ठीक-ठीक किस घर में रहता था।
(ख) पड़ोस में रहने वाले बाकी बच्चे एक-दूसरे से बातें करते थे, पर यह बच्चा बोल नहीं पाता था, इसलिए पड़ोसी होने के बावजूद वह दूसरे बच्चों के लिए अनजाना था। इन दो में से कौन-सा अर्थ तुम्हें ज़्यादा सही लगता है? क्या कोई और अर्थ भी हो सकता है?
2. ‘अंदर की छटपटाहट’ उसकी आँखों में किस रूप में प्रकट होती थी?
(क) चमक के रूप में
(ख) डर के रूप में
(ग) जल्दी घर लौटने की इच्छा के रूप में
तरह-तरह की भावनाएँ
1. नीचे लिखी भावनाएँ कब या कहाँ महसूस होती हैं?
(क) छटपटाहट
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अधीरता - कहीं जाने की जल्दी हो और जाना संभव न हो जैसे-स्कूल की छुट्टी में अभी काफ़ी देर हो, पर घर पर ऐसा कोई मेहमान आने वाला हो जिसे तुम बहुत पसंद करते हो
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इच्छा - किसी चीज़ को पाने की इच्छा हो पर वह तुरंत न मिल सकती हो जैसे भूख लगी हो, पर खाना तैयार न हो
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संदेश - हम कोई संदेश देना चाह रहे हों पर दूसरे समझ न पा रहे हों जैसे शिक्षक से कहना हो कि घंटी बज गई है, अब पढ़ाना बंद करें, पर उन्हें घंटी सुनाई न दी हो
इनमें से कौन-सा अर्थ या संदर्भ इस बच्चे पर लागू होता है?
(ख) घबराहट
हमें जब किसी बात की आशंका हो तो घबराहट महसूस होती है। जैसे-
(क) अँधेरा होने वाला हो और हम घर से काफ़ी दूर हों या अकेले हों
(ख) समय कम हो और हमें कोई काम पूरा कर लेना हो- जैसे परीक्षा में देखा जाता है
(ग) यह डर हो कि दूसरे के मन में क्या चल रहा है
जैसे-पापा को मालूम चल गया हो कि काँच का गिलास तुमसे टूटा है
2. जो बच्चा बोल नहीं सकता, वह किस-किस बात की आशंका से ‘घबराहट’ महसूस कर सकता है ?
3. “थोड़ा घबराते भी थे हम उससे, क्योंकि समझ नहीं पाते थे उसकी घबराहटों को"
- रतन क्या सोचकर घबराता होगा?
- अपने दोस्तों से पूछकर पता करो, कौन क्या सोचकर और किस काम को करने में घबराता है। कारण भी पता करो।
भाषा के रंग
1. कवि ने इस बच्चे को ‘टूटे खिलौने’ की तरह बताया है। जब कोई खिलौना टूट जाता है तो वह उस तरह से काम नहीं कर पाता जिस तरह से पहले करता था। संदर्भ के अनुसार खाली स्थान भरो।
2. ‘बेबस’ शब्द ‘बे’ और ‘वश’ को जोड़कर बना है। यहाँ बे का अर्थ ‘बिना’ है। नीचे दिए शब्दों में यही ‘बे’ छिपा है। इस सूची में तुम और कितने शब्द जोड़ सकती हो? बेजान बेचैन बेसहारा बेहिसाब
देखने के तरीके
1. इस कविता में देखने से संबंधित कई शब्द आए हैं। ऐसे छह शब्द छाँटकर लिखो।
2. “माँ की आँखों में झलकती उसकी बेबसी”
आँखें बहुत कुछ कहती हैं। वे तरह-तरह के भाव लिए हुए होती हैं। नीचे ऐसी कुछ आँखों का वर्णन है। इनमें से कौन-सी नज़रें तुम पहचानते हो-
• सहमी नज़रें $\qquad$ $\qquad$ $\qquad$ $\qquad$ • क्रोध भरी आँखें
• शरारती आँखें $\qquad$ $\qquad$ $\qquad$ $\qquad$ • प्यार भरी नज़रें
• उनींदी आँखें $\qquad$ $\qquad$ $\qquad$ $\qquad$ • डरावनी आँखें
3. नीचे आँखों से जुड़े कुछ मुहावरे दिए गए हैं। तुम इनका प्रयोग किन संदर्भों में करोगे?
• आँख दिखाना $\qquad$ $\qquad$ • नज़र चुराना $\qquad$ $\qquad$ • आँख का तारा
• नज़रें फेर लेना $\qquad$ $\qquad$ • आँख पर पर्दा पड़ना
माँ
“याद आती रतन से अधिक
उसकी माँ की आँखों में झलकती उसकी बेबसी”
1. रतन की माँ की आँखों में किस तरह की बेबसी झलकती होगी?
2. अपनी माँ के बारे में सोचते हुए नीचे लिखे वाक्यों को पूरे करो-
(क) मेरी माँ बहुत खुश होती हैं जब …………………………….
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(ख) माँ मुझे इसलिए डाँटती हैं, क्योंकि ……………………….
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(ग) मेरी माँ चाहती हैं कि मैं ……………………………………….
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(घ) माँ उस समय बहुत बेबस हो जाती हैं जब ………………
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(ड.) मैं चाहती/ता हूँ कि मेरी माँ ………………………………….
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