अध्याय 01 मन के भोले-भाले बादल

झब्बर-झब्बर बालों वाले

गुब्बारे से गालों वाले

लगे दौड़ने आसमान में

झूम-झूम कर काले बादल।

कुछ जोकर-से तोंद फुलाए

कुछ हाथी-से सूँड़ उठाए

कुछ ऊँटों-से कूबड़ वाले

कुछ परियों-से पंख लगाए

आपस में टकराते रह-रह

शेरों से मतवाले बादल।

कुछ तो लगते हैं तूफ़ानी

कुछ रह-रह करते शैतानी

कुछ अपने थैलों से चुपके

झर-झर-झर बरसाते पानी

नहीं किसी की सुनते कुछ भी

ढोलक-ढोल बजाते बादल।

रह-रहकर छत पर आ जाते

फिर चुपके ऊपर उड़ जाते

कभी-कभी ज़िद्दी बन करके

बाढ़ नदी-नालों में लाते

फिर भी लगते बहुत भले हैं

मन के भोले-भाले बादल।

कल्पनाथ सिंह

तुम्हारी समझ से

कभी कभी ज़िद्दी बन करके

बाढ़ नदी-नालों में लाते

(क) बादल नदी-नालों में बाढ़ कैसे लाते होंगे?

नहीं किसी की सुनते कुछ भी

ढोलक-ढोल बजाते बादल

(ख) बादल ढोल कैसे बजाते होंगे?

कुछ तो लगते हैं तूफ़ानी

कुछ रह-रह करते शैतानी

(ग) बादल कैसी शैतानियाँ करते होंगे?

कैसा-कौन

कैसा कौन
सूरज-सी चमकीली थाली
चंदा -सा ……………… ………………
हाथी-सा ……………… ………………
जोकर-सा ……………… ………………
परियों-सा ……………… ………………
गुब्बारे-सा ……………… ………………
ढोलक-सा ……………… ………………

कविता से आगे

(क) तूफ़ान क्या होता है? बादलों को तूफ़ानी क्यों कहा गया है?

(ख) साल के किन-किन महीनों में ज्यादा बादल छाते हैं?

(ग) कविता में ‘काले’ बादलों की बात की गई है। क्या बादल सचमुच काले होते हैं?

(घ) कक्षा में बातचीत करो और बताओ कि बादल किन-किन रंगों के होते हैं।

कैसे-कैसे बादल

(क) तरह-तरह के बादलों के चित्र बनाओ।

(ख) कविता में बादलों को ‘भोला’ कहा गया है। इसके अलावा बादलों के लिए और कौन-कौन से शब्दों का इस्तेमाल किया गया है? नीचे लिखे अधूरे शब्दों को पूरा करो।

म…………..

ज़ि…………..

शै………….

त…………..

बारिश की आवाज़ें

कुछ अपने थैलों से चुपके

झर-झर-झर बरसाते पानी

पानी के बरसने की आवाज़ है झर-झर-झर!

पानी बरसने की कुछ और आवाज़ें लिखो।

………………………… $\qquad$ …………………………….

………………………… $\qquad$ …………………………….

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कैसे-कैसे पेड़

बादलों की तरह पेड़ भी अलग-अलग आकार के होते हैं। कोई बरगद-सा फैला हुआ और कोई नारियल के पेड़ जैसा ऊँचा और सीधा।

अपने आसपास अलग-अलग तरह के पेड़ देखो। तुम्हें उनमें कौन-कौन से आकार दिखाई देते हैं? सब मिलकर पेड़ों पर एक कविता भी तैयार करो।



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